सोमवार, 13 अगस्त 2012

9 साल में पास करो एमबीबीएस वर्ना


9 साल में पास करो एमबीबीएस वर्ना

(आशीष माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की ओर से एमबीबीएस कोर्स पास करने की समयावधि नौ साल तय कर दी गई है। इससे ज्यादा समय लिए जाने पर एमसीआई स्टूडेंट्स को ग्रेजुएट का हकदार नहीं मानेगी। कुछ समय पहले ही एमसीआई ने यह अध्यादेश जारी किया है, ताकि एक तय समयावधि में यह डिग्री लिए जाने से बेहतरीन क्वालिटी के डॉक्टर बन पाएं। स्टूडेंट्स में रेगुलर पढ़ाई करने की आदत बन सके। इससे प्रोफेशन और कोर्स का स्टैंडर्ड बरकरार रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से एमबीबीएस कोर्स को पास करने की समयावधि तय नहीं थी। फर्स्ट ईयर को छोड़कर बाकी ईयर स्टूडेंट कितने भी साल में पास कर सकता था। सिर्फ फर्स्ट ईयर उसे चार अटैंप्ट या मर्सी अटैंप्ट में पास करना होता था। फर्स्ट ईयर क्लियर होने पर ही उसे सेकंड ईयर में एडमिशन मिलता था, लेकिन सेकंड से लेकर फाइनल ईयर तक पास करने के लिए निश्चित अटैंप्ट नहीं थे।
स्टूडेंट्स अपनी सुविधा के मुताबिक यह कोर्स पूरा करने के लिए मनचाहा वक्त ले सकता था। साढ़े पांच साल के कोर्स को पास करने के लिए तय समयावधि नहीं होने के कारण स्टूडेंट्स काफी वक्त लेते थे। रेगुलर स्टडी नहीं किए जाने से क्रॉनिक फैलियर के केस सामने आ रहे थे।
रेगुलेशन फॉर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन 2012 के तहत बनाए गए इस नियम के अनुसार, अटैंप्ट फिक्स कर दिए गए हैं। स्टूडेंट्स को फर्स्ट यूनिवर्सिटी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन सिर्फ चार अटैंप्ट में पास करना जरूरी होगा। छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स के क्रॉनिक फैलियर का मुद्दा उठाया। इस यूनिवर्सिटी ने एमसीआई को नियम में बदलाव लाने के लिए लिखा था। यूनिवर्सिटी के मुद्दे को आधार मानते हुए क्रॉनिक फैलियर का इस नियम के आधार पर निकाला है।

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