मंगलवार, 17 जुलाई 2012

अर्जुन ने द्रोणाचार्य को दिया वनवास!


अर्जुन ने द्रोणाचार्य को दिया वनवास!

दिग्विजय सिंह से छिना उत्तर प्रदेश का प्रभार

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह का शनी अभी भारी होता दिख रहा है। मध्य प्रदेश से निकलकर केंद्रीय राजनीति में अपना डंका बजाने वाले दिग्गी राजा की हालत अब पतली होने लगी है। बड़बोलेपन के चलते दिग्विजय सिंह को उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव पद से हटा दिया गया है। दिग्गी राजा के स्थान पर एमपी के प्रभारी महासचिव बी.के.हरिप्रसाद को यूपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2003 में एमपी के विधानसभा चुनाव के दौरान दो बार लगातार मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह द्वारा यह कसम उठाई गई थी कि अगर वे तीसरी बार प्रदेश में कांग्रेस का परचम नहीं लहरा पाए तो वे दस सालों तक सक्रिय राजनीति से दूर रहेंगे। इसके बाद दिग्गी राजा का शनि कुछ भारी हुआ और एमपी में कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हो गया।
इसके उपरांत राजा दिग्विजय सिंह ने केंद्र की ओर रूख किया। राजा को एआईसीसी का महासचिव बना दिया गया। राजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि दिग्गी राजा ने धीरे धीरे कांग्रेस की नजर में भविष्य के वज़ीरे आज़म राहुल गांधी को साधना आरंभ किया। मुख्यमंत्री रहते हुए अपने संपर्क सूत्रों का उपयोग कर राजा ने अपने आप को राहुल गांधी को अर्जुन और खुद को उनका गुरू द्रोणाचार्य निरूपित करवा दिया।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के पहले राजा दिग्विजय सिंह सिंह और कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की जुगलबंदी कांग्रेस के अनेक नेताओं को बुरी तरह खल रही थी। कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश सूबा इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसी सूबे में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और उनके पुत्र महासचिव राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है। राजा की तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस अपना अस्तित्व यूपी में नहीं बचा पाई। उल्लेखनीय होगा कि राजा उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव थे।
कुछ समय से राजा दिग्विजय सिंह की अनर्गल बयानबाजी से कांग्रेस के आला नेता खासे नाराज बताए जा रहे थे। कई बार तो दिग्गी राजा की बयानबाजी से सोनिया और राहुल तक असहज दिखाई दिए। हाल ही में उनकी बयानबाजी से आज़िज आकर कांग्रेस ने उनके बोलने पर ही पाबंदी लगा दी थी।
आज कांग्रेस के महासचिव, राहुल गांधी के अघोषित राजनैतिक गुरू, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राघोगढ़ राजपरिवार के सदस्य राजा दिग्विजय सिंह को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रभार से मुक्त कर उनके स्थान पर एमपी के प्रभारी महासचिव बी.के.हरिप्रसाद को यूपी का प्रभार दे दिया है।
24, अकबर रोड़ यानी एआईसीसी मुख्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस अब राजा की रूखसती के ठोस कारण के लिए जोड़तोड़ की जा रही है। पिछले दिनों राजा अपनी पत्नि आशा सिंह का इलाज करवाने विदेश गए थे। संभवतः इसे ही आधार बनाकर एआईसीसी अपनी और राजा की खाल बचाएगी!

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