रविवार, 12 फ़रवरी 2012

स्वजल परियोजना में तेजी लाने के निर्देश


स्वजल परियोजना में तेजी लाने के निर्देश

(अर्जुन कुमार)

नई दिल्ली (साई)। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने दिसम्बर, दो हजार छह से जून दो हजार चौदह तक के लिए एक हजार दो सौ इकतालीस करोड़ रुपये व्यय से संचालित स्वजल परियोजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून में परियोजना की सामान्य प्रबंध समिति और अधिशासी समिति की बैठक में उन्होंने बताया कि स्वशासन का यह उत्तराखण्ड मॉडल केंद्र सरकार पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रही है।
मुख्य सचिव ने बताया कि इस परियोजना में पेयजल योजनाओं के बनाने, निर्माण करने और संचालित करने का काम गांव समितियों द्वारा किया जा रहा है। इनका बजट भी सीधे समिति को ही जाता है। इससे गांव वालों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के परिणाम स्वरूप ग्रामीणों में निर्णय लेने, क्रय करने, क्षमता विकास, जिम्मेदारी निभाने, प्रबन्धन और वित्तीय देख-रेख जैसी जागरूकता पैदा हुई है।
साथ ही इससे गांव में स्वच्छता का वातावरण बना है। उन्होंने बताया कि इससे महिलाओं के काम का बोझ भी कम हुआ है। बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष मार्च तक सात हजार पांच सौ पांच गांवों का सर्वेक्षण कर लिया गया है और दो हजार नौ सौ उनसठ गांवों की योजना बना ली गई है।
इसके अलावा एक हजार सात सौ बावन गांवों में योजनाओं का संचालन किया जा रहा है और एक हजार पचपन गांवों में जलापूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि स्वजल द्वारा बीस हजार गांवों का सर्वेक्षण किया गया है। साथ ही स्वजल द्वारा ढाई लाख पेड़ भी लगाये गये है। उन्होंने इस कार्य में गांव वालों की ज्यादा से ज्यादा मदद लेने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग उत्पल कुमार सिंह, सचिव कृषि विनोद फोनिया, अपर सचिव वन सुशांत पटनायक, निदेशक स्वजल कपिल लाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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