बुधवार, 22 अगस्त 2012

सामने आई एक और सरस सावित्री


सामने आई एक और सरस सावित्री

(विस्फोट डॉट काम)

नई दिल्ली (साई)। आपको महिपाल मदेरणा तो याद ही होंगे। वही जो राजस्थान की एक नर्स भंवरी देवी के साथ सहवास करते हुए सीडी में नजर आये थे। दुनिया की सारी महिलाएं भले ही उस वक्त मदेरणा के नाम को लानत भेज रही हों लेकिन उस वक्त जब सीबीआई ने मदेरणा को पकड़ लिया था तब एक महिला सामने आई और उसने अपने मदेरणा को निर्दाेष बताया। यह कोई और नहीं बल्कि मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा थी। लीला ने कहा था कि उसके पति निर्दाेष हैं। आज एक बार फिर लीला मदेरणा जैसी ही सती स्त्री गोपाल कांडा के केस में भी सामने आई है। यह गोपाल कांडा की पत्नी है-सरस कांडा। सरस कांडा ने भी अपने पति को पूरी तरह से निर्दाेष बताते हुए गीतिका को गोपाल की भांजी साबित करने की कोशिश किया है।
दो सेक्स स्कैण्डलों में फंसे दो अलग अलग रसूखदारों की बीबियों के ऐसे बयान अचानक ही हमें इस देश में सती सावित्रियों की याद दिला देते हैं जिन्होंने अपने पति सत्यवान के प्राणों के लिए आहूति देने का निश्चय कर लिया था। कलयुग की इन सती सावित्रियों ने प्राणों की आहूति का तो कोई आयोजन नहीं किया लेकिन आंखों के सामने पतियो की काली करतूतों को देखने के बाद भी उनके बचाव में सती सावित्री की तरह उतर जाना चौंकाता है? क्या यह भारतीय परिवार व्यवस्था की खूबी है जहां पत्नी अपने पति की खुशी के लिए कुछ भी सहन करने के लिए तैयार हो जाती है या फिर यह भारतीय परिवार व्यवस्था की कुटिल पॉलिटिक्स है जब पति के नाम पर उस पारिवारिक सदस्य को बचाने की कवायद शुरू की जाती है जिसके आगे पीछे पूरा घर संचालित होता है?
इन पत्नियों को अपने पतियों की करतूतों का पता न हो, ऐसा नहीं होना चाहिए। गोपाल कांडा के ही केस में मॉडल नुपुर मेहता के बयान बताते हैं कि गीतिका से गोपाल कांडा की नजदीकियों से उसकी पत्नी सरस परेशान रहती थी। लेकिन वही परेशान पत्नी आज कैमरे के सामने आकर अपने पति को उस गीतिका का मामा साबित करने में जुट गई है। ऐसा नहीं हो सकता कि सरस कांडा सच बोल रही हो, लेकिन इस वक्त जब उसके रास्ते का कांटा निकल गया है तब उसकी पहली कोशिश यही होगी कि वह उस पति के ठप्पे के साथ जा खड़ी हो जिसकी पत्नी बनकर वह अपना साम्राज्य कायम रख सकती है। क्या सरस कांडा से कोई यह पूछेगा कि अगर उनका पति उनके लिए इतना ही समर्पित था तो गीतिका से उसका कोई रिश्ता बना ही क्यों? अगर गोपाल शर्मा सचमुच गीतिका का मामा ही था तो गीतिका के अनचाहे अबार्शन के तार तलाशते हुए दिल्ली पुलिस ने गोपाल कांडा के आफिस के कम्प्यूटर सर्वर क्यों तलाशे? अनुराधा चड्ढा की निशानदेही पर उन नर्सिंग होम का रिकार्ड गोपाल कांडा के आफिस से कैसे जुड़ गया जहां गीतिका के एबार्शन करवाये गये थे?
हो सके तो दिल्ली पुलिस कुछ देर के लिए गोपाल कांडा से पूछताछ बंद करके सरस कांडा से ही पूछताछ करे और उनसे जानने की कोशिश करे कि मामा भांजी के इस रिश्ते में ऐसी कौन सी मिठास थी कि नौकरी के कान्ट्रेक्ट में कांडा रोज शाम को घर पर रिपोर्ट करने के लिए गीतिका के साथ बांड भरवाता है? सरस कांडा से यह भी पूछा जाना चाहिए कि जब जब गीतिका गोपाल के घर रिपोर्ट करने आती थी तो उस वक्त क्या वे गोपाल के साथ ही रहती थीं? अगर रहती थीं, तो इस मुलाकात में वे क्या भूमिका निभाती थीं? सरस कांडा जैसी सती सावित्रियों से यह सवाल भी पूछा जाना चाहिए कि गीतिका में अपने सुसाइड नोट में जिस अंकिता नाम की महिला का जिक्र किया है, क्या उसके बारे में भी सरस कांडा कुछ जानती हैं? अगर गोपाल कांडा गीतिका का मामा था और उसे वह खुश रखना चाहता था तो गीतिका ने अपनी मौत के लिए गोपाल को क्यों जिम्मेदार ठहराया है? क्या कोई भांजी अपने मामा के लिए यह लिख सकती है कि ष्पहले उन्होंने मेरी जिन्दगी बर्बाद की और अब मेरे परिवार की करना चाहते हैं।ष् औरत होने के नाते सरस कांडा इतना तो जानती ही होंगी कि जब कोई लड़की जिन्दगी बर्बाद करने की बात कहती है तो उसका मतलब क्या होता है?
सरस कांडा तो और भी बहुत कुछ जानती होंगी लेकिन वे अगर गोपाल कांडा का बचाव कर रही हैं तो यह पत्नी धर्म से ज्यादा पत्नी होने की पॉलिटिक्स कर रही हैं। सरस कांडा की छाती का कांटा अपने आप ही निकल गया जिसके बाद स्वाभाविक है कि वे अपने पति को लंपट कहकर उसे भी खो देंगी। जाहिर है, ऐसे वक्त में उसकी लंपटई और गुंडई को भी निरपराध बताकर एक ओर वे यह साबित करने की कोशिश कर रही हैं कि वे सती सावित्री हैं और उनके पति सत्यवान से कम नहीं। लेकिन शायद तो सरस कांडा भी इतना जानती ही होंगी कि पति बचाव की ये दलीलें उनके दिल से निकल रही हैं या फिर दिमाग से? भारत की परिवार व्यवस्था में शादी को जिस तरह से साजिश बना दिया गया है, अगर उसके मूल में जाएंगे तो पायेगे कि गोपाल गीतिका जैसे संबंधों के बीज उसी विवाह व्यवस्था में छिपे रहते हैं जिसका फायदा उठाकर आज सरस कांडा भी सती सावित्री हो जाने का ढोंग कर रही हैं।
जिस तरह से गोपाल की पत्नी और उसके भाई गोविन्द कांडा ने गोपाल का बचाव शुरू किया है उससे साफ होता है कि वे गोपाल को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। सामाजिक और राजनीतिक रूप से वे गोपाल के अपराध को उसके पराक्रम की कहानी साबित करने की कोशिश करेंगे और गीतिका और उसके परिवार को ही दोषी ठहरायेंगे। गोपाल कांडा के बचाव के लिए इतना बड़ा अमला मौजूद है कि शायद एक दिन गीतिका का परिवार अकेला पड़ जाएगा। संभवतरू जिस भय से गीतिका का परिवार गीतिका के जीते जी पुलिस के पास नहीं जा सका था, वह भय उसके मरने के बाद एक बार फिर कायम करने की कोशिश की जायेगी, ताकि गीतिका के परिवार के लोग शांत होकर बैठ जाएं और गोपाल कांडा का केस हल्का हो जाए। अगर ऐसा होता है तो एक और अपराध कथा का अंत बहुत दर्दनाक होगा।

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