बुधवार, 22 अगस्त 2012

और अब, सीएजी का सर्विस रिकॉर्ड गायब!


और अब, सीएजी का सर्विस रिकॉर्ड गायब!

(अमित कौशल)

नई दिल्ली (साई)। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला, 2जी और राष्ट्रमंडल घोटाले पर कैग रिपोर्ट से यूपीए सरकार के लिए मुसीबत पैदा करनेवाले देश के नियंत्रक एवं मुख्य महालेखाकार विनोद राय का सर्विस का रिकॉर्ड (सेवा पुस्तिका रिकॉर्ड आदि) कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय, नयी दिल्ली से गायब है।
केरल कैडर के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी विनोद राय का यूपीएससी एप्लीकेशन डोसियर कार्मिक मंत्रलय के संबंधित अनुभाग में कहीं नही मिल रहा है। राय की जन्मतिथि, आइएएस में चयन होने का प्रमाण-पत्र, नियुक्ति-पत्र, आइएएस केरल कैडर में चयन होने का प्रमाण-पत्र आदि रिकॉर्ड कार्मिक मंत्रालय में उपलब्ध नहीं हैं। कई चौंकानेवाले तथ्य 7 जनवरी, 2008 को देश के महालेखाकार का यह पद विनोद राय को कैसे और किन फाइलों पर आदेश के तहत मिला है, यह उच्च स्तरीय जांच का विषय है।
यह चौंकाने वाली जानकारी सूचना के अधिकार कानून के माध्यम से मिली है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग नयी दिल्ली के मुख्य जन सूचना अधिकारी नरेंद्र गौतम ने अपने पत्र संख्या 13011/20/2012-एआइएसआइ, दिनांक 6 अगस्त के माध्यम से सूचित किया है कि विनोद राय आइएएस (केएल 1972) का यूपीएससी एप्लीकेशन डोसियर संबंधित अनुभाग में नहीं मिल रहा है। 2005 से गायब है रिकॉर्ड कार्मिक मंत्रलय नयी दिल्ली के अधिकृत सूत्रों ने दावा किया है कि राय का सर्विस रिकॉर्ड वर्ष 2005 से गायब है।
राय की आइएएस सेवा से सेवानिवृत्ति होने की तिथि भी मंत्रालय में नहीं है। इसके लिए कार्मिक मंत्रालय ने केरल सरकार से जानकारी मांगने की सलाह दी है। कैसे कैग बने, नहीं मालूम विनोद राय को देश का सीएजी किस आधार पर नियुक्त किया गया, इसका भी कोई रिकॉर्ड कार्मिक मंत्रलय के पास उपलब्ध नही है। मंत्रालय ने यह जानकारी देने के लिए सीएजी के मुख्य जनसूचना अधिकारी नयी दिल्ली को आवेदन स्थानांतरित किया है। सीएजी नियुक्त होने से पहले वे वित्त मंत्रालय में सचिव पद पर सेवारत थे।
देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय संयुक्त राष्ट्र के बाह्य लेखा परीक्षकों की समिति के अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए हैं। विनोद राय विवादों और चर्चा में तब आये, जब 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस एवं उसके आवंटन पर उन्होंने रिपोर्ट जारी की थी। भाजपा में जाने की चर्चा राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि विनोद राय सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर विपक्ष को मदद करने के काम में लगे हैं। यह भी चर्चा है कि अगले लोकसभा चुनावों में विनोद राय भाजपा के टिकट से लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।

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