शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

अमन कायम हो रहा है असम में


अमन कायम हो रहा है असम में

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। हिंसा की आग में झुलस रहे असम से राज्य सभा में प्रतिनिधित्व करने वाले गैर नेहरू गांधी परिवार वाले कांग्रेस के वज़ीरे आज़म डॉ.मनमोहन सिंह ने अब तक अपने ही सूबे की सुध नहीं ली है। वहीं खबरें हैं कि असम में हिंसाग्रस्त जिलों में शांति बनी हुई है। कोकराझार में संवाददाताओं से बातचीत में राज्य के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने बताया कि कोकराझार, चिरांग और धुबरी जिलों में स्थिति में सुधार हो रहा है। उन्होंने सभी से शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील की। सीएम ने मीडिया के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि असम को जलता दिखाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस बीच असम में हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या ४४ हो गई है। दस लोग अब भी लापता हैं। मुख्यमंत्री ने हिंसा में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को छह लाख रूपये देने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के असम ब्यूरो ने बताया है कि जिला प्रशासन ने कोकराझार में आज सुबह आठ बजे से दोपहर १२ बजे तक कर्फ्यू में ढील दी है।
अधिकारिक खबरों में बताया गया है कि सेना फ्लैगमार्च कर रही है और अर्धसैन्य बलों तथा असम पुलिस की गश्त तेज कर दी गई है। केन्द्रीय अर्धसैन्य बलों की ३२ टुकड़ियां तैनात की गई है। हिंसा और आगजनी में शामिल डेढ़ सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लगभग तीन लाख लोग ढाई सौ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। इनके लिए स्वास्थ्य और अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने समाज के सभी वर्गों की एक शांति समिति बनाई है।
इस बीच, पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन ंिसह कल कोकराझार जिले का दौरा करेंगे। वे स्थिति पर काबू पाने के लिए उठाए गये कदमों की समीक्षा करेंगे। डाक्टर सिंह के, राहत तथा पुनर्वास उपायों का जायजा लेने की भी आशा हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को हालात का जायजा लेने असम जाएंगे।
बताया जाता है कि असम में फैली हिंसा की आग में अब तक कुल 44 लोगों की जान जा चुकी है। बोडो और अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच राज्य के चार जिलों में खूनी संघर्ष हो रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने गुरुवार को दावा किया कि हालात अब सुधार की ओर हैं। उन्होंने मीडिया पर नाराजगी जाहिर की कि उनके राज्य को हिंसा की आग में जलता दिखाया जा रहा है।
केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने कहा है कि हालात में सुधार हो रहा है। गुरुवार को हिंसक घटनाओं की खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार उन सभी से सख्ती से निपटेगी जो हिंसा भड़काने की साजिश कर रहे है।
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित कोकराझार जिले में बेमियादी कर्फ्यू और देखते ही गोली मारने के आदेश अब भी लागू हैं। चिरांग और धुबरी जिलों में रात का कर्फ्यू जारी है। तकरीबन दो लाख लोग 150 रिलीफ कैंपों में शरण लिए हुए हैं जबकि 11 लोग लापता बताए गए हैं।
सुबह कोकराझार पहुंचे मुख्यमंत्री गोगोई ने कहा कि अब तक मरने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 44 हो चुकी है। चिराग और धुबरी जिले से गुरुवार को तीन और लोगों के मरने की खबरें आई हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा की वजह से दो लाख लोग बेघर हो गए हैं।
इसके साथ ही साथ दो दिनों से ठप पड़ी रेल सेवाएं गुरुवार से शुरू हो गईं। गुवाहाटी से नई दिल्ली, कोलकाता और बेंगलुरू जाने वाली तीन स्पेशल ट्रेनें रास्ते में जगह-जगह फंसे मुसाफिरों को लाने के लिए रवाना कर दी गईं।
हिंसा प्रभावित बोडोलैंड प्रांतीय स्वायत्तशासी जिलों (बीटीएडी) और पड़ोसी अल्पसंख्यक बहुल धुबरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, यहां बड़ी तादाद में 100 सुरक्षाकर्मियों वाली 13 टुकड़ियांे (1300 सैन्यकर्मियों) की तैनाती की गई है जबकि कोकराझार, चिरांग और धुबरी में अर्द्धज्ञ्सैनिक बलों की 63 कंपनियां और बीएसएफ की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं।
जनता दल यूनाईटेड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जदयू भी इस मामले में संजीदा होती दिख रही है। भाजपा द्वारा असम में बढती जातीय हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधे जाने के एक दिन बाद राजग के प्रमुख घटक जनता दल यू ने आज कहा कि हर मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
जदयू नेता शरद यादव ने संवाददाताओं से कहा कि राजनीतिक दलों को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि वहां स्थिति में सुधार हो इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए। हर चीज पर राजनीति करने से क्या फायदा होगा। उन्होंने हिंसा पर सख्ती से कार्रवाई करने और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए तत्काल उपाय किये जाने पर जोर दिया।
जदयू नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने मौके पर स्थिति का आंकलन करने के लिए पार्टी महासचिव जावेद रजा के नेतृत्व में पार्टी का एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल असम भेजने का निर्णय किया है। यादव ने कहा कि वहां की स्थिति विकट है। पूरे क्षेत्र में जनसांख्यिकी में बदलाव आ रहा है। स्थिति से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने की जरुरत है।
वहीं दूसरी ओर, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के असम ब्यूरो ने बताया कि गुवाहाटी में इस महीने की नौ तारीख को एक लड़की के साथ दुर्व्यवहार में शामिल एक अन्य अभियुक्त को कामरूप जिले के कमालपुर में गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार किये गए लोगों की संख्या पन्द्रह हो गई हैं।
इस कांड के मुख्य अभियुक्त अमरज्योति कालिता को कल कामरूप में एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। असम सरकार की आईटी एजेंसी एम्ट्रोन के कर्मचारी कालिता को इस कांड के बाद नौकरी से निकाल दिया गया है।

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