शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

अब सशुल्क मिलेंगे वाहनों के व्हीआईपी पंजीयन नंबर


अब सशुल्क मिलेंगे वाहनों के व्हीआईपी पंजीयन नंबर

(जया श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली परिवहन विभाग ने अब कमाई का नया और नायाब जरिया ढूंढा है। अब किसी भी तरह की सिफारिश पर व्हीआईपी या फैंसी नंबर देने की योजना को स्थगित कर बाकायदा लाईन में लगकर बोली लगाने और पैसा भी चुकाने होंगे। इस तरह की योजना मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्यों ने पहले ही लागू की जा चुकी है।
ज्ञातव्य है कि इसके लिए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और परिवहन मंत्री अरविंदर सिंह लवली पहले ही इसके लिए रजामंदी दे चुके हैं। जल्द ही कैबिनेट से भी मंजूरी मिलने वाली है। गुरुवार को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इस बारे में कैबिनेट नोट तैयार करके सचिवालय में भेज दिया है। उम्मीद है कि अगली मीटिंग में इस पर मुहर लग जाएगी, उधर, फ्री में फैंसी नंबर बांटने का काम ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने गुरुवार से बंद कर दिया है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि करीब 150 ऐसे रजिस्ट्रेशन नंबर हैं, जिनकी डिमांड रहती हैं। आजकल यंगस्टर्स में 8055 नंबर की भी काफी डिमांड है। इस नंबर को जब फैंसी तरीके से नंबर प्लेट पर लिखा जाता है , तो दूर से देखने में यह बॉसलिखा दिखता है। इसी तरह 2014 को भी इस तरह से लिखा जाता है मानो रामहो।
सूत्रों के मुताबिक अभी तक जो सिस्टम चल रहा था, उसमें लोग अपने जानकार मंत्रियों, विधायकों, पार्षदों या अन्य रसूखदार लोगों के रेफरेंस से फ्री में वीआईपी और फैंसी नंबर हासिल कर लेते थे। कई छुटभैया नेता और दलाल भी इस धंधे में सक्रिय हो गए थे। ये लोग ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से तो फ्री में नंबर हासिल कर लेते थे, लेकिन बाद में मोटी रकम लेकर उन नंबरों को अन्य लोगों को बेच देते थे। सबसे ज्यादा नुकसान ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को हो रहा था। अब इन नंबरों को बिडिंग से अलॉट करने से सरकार को मिलने वाले रेवेन्यू में इजाफा होगा।

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