गुरुवार, 16 अगस्त 2012

कुलीन परिवार की महिलाओं को फंसाया जा रहा सेक्स रेकिट में


कुलीन परिवार की महिलाओं को फंसाया जा रहा सेक्स रेकिट में

(रश्मि कुलश्रेष्ठ)

मेरठ (साई)। इन दिनों उत्तर प्रदेश में कुलीन और सभ्रांत परिवारों की महिलाओं को देह व्यापार में उतारने के अनेक मामले चर्चाओं में हैं। इनमें संपन्न घरों की महिलाएं ही प्रमुख रूप से इस रेकिट की शिकार हो रही हैं। अपने शिकंजे में लेने के बाद कुछ तत्व इन महिलाओं का दैहिक शोषण आरंभ कर देते हैं।
बताया जाता है कि मेरठ की पॉश कालोनी में रहने वाले बड़े घरों की महिलाओं और लड़कियों पर इस गिरोह की नजर रहती है। इस घिनौने काले कारोबार का शिकार बन चुकी सविता (काल्पनिक नाम) का कहना है कि इस कारोबार को चलाने वाले लोगों ने कुछ महिलाओं को भी एजेंट के रूप में अपने साथ रखा हुआ है। इन महिला एजेंटों की नजर रईस परिवार की उन महिलाओं पर होती है, जो मौज मस्ती के लिए किटी पार्टी, क्लब और अन्य संस्थाओं में जाती है। पहले महिला एजेंट रईस परिवारों की ऐसी महिलाओं का विश्वास जीतती है। फिर धीरे-धीरे उन्हें मुनाफे का लालच देकर शारीरिक शोषण का शिकार बनाती हैं। इन्हें इन लोगों ने डिब्बा कारोबार का नाम दिया है।
उक्त भुक्तभोगी महिला के अनुसार पॉश इलाकों की रईस महिलाएं लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन किसी न किसी होटल, रेस्टोरेंट, फॉर्म हाउस आदि में किटी पार्टी के नाम पर इकट्ठे होकर मौज-मस्ती करती हैं। इसी में शामिल महिला एजेंट उन्हें एमसीएक्स और शेयर बाजारों के 2 नंबर में संचालित डिब्बा कारोबार में थोड़ा सा पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देती हैं।
एमसीएक्स के अवैध कारोबार को ही डिब्बा कारोबार कहते हैं। एमसीएक्स यानी मल्टि कमॉडिटी एक्सचेंज 2 तरीके से संचालित किया जाता है। एक तो इसको सरकार से लाइसेंस शुदा लोग संचालित करते हैं, जिसमें इन कारोबारियों को सारा कारोबार नंबर 1 में करना होता है। इसी तरह शेयर बाजार में किए जाने कारोबार के लिए सेबी के नियमों का पालन करते हुए लाइसेंस शुदा शेयर ब्रोकर काम करते हैं। लेकिन बाजार में अवैध तरीके से भी यह धंधा संचालित किया जाता है।

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