बुधवार, 8 अगस्त 2012

मोबाईल कारोबार पर क्यों मेहरबान है प्रशासन


एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  10

मोबाईल कारोबार पर क्यों मेहरबान है प्रशासन

देश की सुरक्षा रखी मोबाईल सेवा प्रदाताओं ने ताक पर

क्यों ढील दे रहे हैं जिलों के अफसरान

आखिर कब तक चलेगा सिम का गोरखधंधा 

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई) देश के कमोबेश हर जिले में मोबाईल सिम का गोरखधंधा मचा हुआ है और जिलों का जिला एवं पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा है। प्रशासन की अनदेखी के चलते मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियां अपने उपभोक्ताओं का गला रेत रहीं हैं और उनकी रक्षा के लिए तैनात प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। बिना आईडेंटीफिकेशन आरंभ होने वाली सिम देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बनी हुई हैं।
गौरतलब है कि मोबाईल के क्षेत्र में अग्रणी सेवा प्रदाता कंपनी आदित्य बिरला के स्वामित्व वाली आईडिया हर जिलों में अपने अपने टीम लीडर्स (टीएल) को भारी भरकम टारगेज प्रदाय कर दिए जाते हैं। मासिक टारगेट पूरा करने में टीएल को पसीने आ जाते हैं। यही कारण है कि अपनी भारी भरकम सेलरी को बचाने के लिए टीएल द्वारा लोकल लेवल पर अघोषित प्रलोभन उपभोक्ताओं को दिए जाते हैं। बताया जाता है कि ये प्रलोभन जब पूरे नहीं होते हैं तो कुछ ही उपभोक्ता दुकानदार के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाता है जिसे समझा बुझाकर रफत कर दिया जाता है। इस तरह कंपनी द्वारा परोक्ष तौर पर अपने उपभोक्तओं की जेब तराशी जा रही है।
कंपनी का काम करने वो टीएल को कंपनी द्वारा हर माह हजारों की संख्या में सिम बेचने का लक्ष्य दिया जाता है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उनके द्वारा तरह तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। अति व्यापक पैमाने पर होने वाले सिम के इस गोरखधंधे से देश की सुरक्षा में भी सेंध लगने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि अगर इस गोरखधंधे की जिला स्तर पर ही बारीक जांच करवा दी जाए तो मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों के विकृत चेहरे को सामने आने से कोई नहीं रोक सकता है। समय रहते इस तरह से लाभ कमाने की प्रवृति पर अंकुश लगना बहुत आवश्यक है, वरना इसके दुष्परिणाम बेहद घातक और भयावह ही सामने आने की उम्मीद है।

(क्रमशः जारी)

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