बुधवार, 21 दिसंबर 2011

विपक्ष के हंगामे से सत्र प्रभावित


विपक्ष के हंगामे से सत्र प्रभावित

(सतीश नेगी)

धर्मशाला (साई)। धर्मशाला में हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्षी दल कांग्रेस के हंगामे से सदन की कार्यवाही में कई बार बाधा पड़ी। जैसे ही प्रश्नकाल आरम्भ होने को था, विपक्ष की नेता विद्या स्टोक्स अपनी जगह पर खड़ी हो गई और उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कल दो स्थगन प्रस्ताव दिए हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस ने रेणुका उपचुनाव में नोट के बदले वोट व शराब पकड़े जाने की घटना और असम राईफल्स भर्ती घोटाले में देहरा क्षेत्र की भाजपा नेत्री अनिता संदल के संलिप्त होने के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया।
विधानसभा अध्यक्ष तुलसीराम ने कांग्रेस द्वारा किए जा रहे हो हल्ले के बीच प्रश्नकाल जारी रखा और बाद में कुछ संसदीय कार्य भी निपटाए गए। इस दौरान कांग्रेस विधायक नारों के माध्यम से स्थगन प्रस्ताव को मंजूर करने की मांग करते रह। कांग्रेस का कहना था कि इन दोनों मामलों की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
हालांकि शोरगुल के बीच विधानसभा की कार्यवाही भोजनावकाश तक ही चली और इसके बाद कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। स्टोक्स इस बीच विपक्ष की नेता विद्या स्टोक्स ने सत्तापक्ष पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। धर्मशाला में विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्ष रेणुका उपचुनाव में नोट के बदले वोट व शराब और असम राईफल्स में फर्जी भर्तीवाड़े जैसे मुद्दों पर नियम 67 के तहत स्थगत प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा करना चाहती है मगर इसे स्वीकार न करना नियमों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश से जुड़े मुद््दों पर चर्चा करना चाहती है और इन पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। स्टोकस ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नियम 67 के तहत इन मुद्दों पर चर्चा की अनुमति न देने पर विपक्ष सहमत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने रेणुका उपुचनाव में धन-बल व सरकारी तंत्र का दुरूपयोग किया जिससे भाजपा चुनाव जीतने के बावजूद भी नैतिक रूप से हार चुकी है।
वहीं दूसरी ओर एक भाजपा नेत्री द्वारा असम राईफल्स फर्जी भर्तीवाड़े में शामिल होकर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के हितों से खिलवाड़ किया है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। विपक्ष की नेता ने कहा कि सदन की बैठक से पहले कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी जिसमें पार्टी की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सदन में विपक्ष के हंगामे को बेबुनियाद व अनुचित बताया है। विधानसभा परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी सत्र की अवधि कम होने की बात करती है वहीं दूसरी ओर हंगामा कर विपक्ष सदन का समय बर्बाद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास न तो नीति और न ही नेता। धूमल ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करना या न करना, विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार है व इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती और अध्यक्ष की व्यवस्था के बाद हो हल्ला करना अशोभनीय व निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि असम राईफल्स भर्ती घोटाले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर इसकी निष्पक्ष रूप से जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि रेणुका उपचुनाव के दौरान पकड़ी शराब के मामले में भी जांच चल रही है और सच्चाई जल्दी ही सामने आ जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि रेणुका में भाजपा की जीत से कांग्रेस बौखला गई है और दुष्प्रचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनहित से जुड़े किसी भी मुद््दे पर सदन में चर्चा कराने को तैयार है और विपक्ष को इसमें सहयोग देना चाहिए। 
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका परिषद सिवनी में २४ पार्षद हैं इनमें भाजपा के १२ और कांग्रेस के १२ पार्षद हैं। अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी का है यह परिषद भाजपा के बहुमत वाली परिषद है किंतु उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस पार्षद उपाध्यक्ष पद के लिये चुन लिये गये थे अब भाजपा के पार्षद चाहते हैं कि नगर पालिका अध्यक्ष के साथ-साथ उपाध्यक्ष भी भाजपा का हो और इसी रणनीति को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का बिगुल भाजपा पार्षदो द्वारा बजा दिया गया है।

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