मंगलवार, 3 मार्च 2009

खबरें ३ march

आलेख 3 मार्च 2009 .........................
स्वास्थ्य सुविधाओं परमहामहिम चिंतित पर सरकारें मौन

- पांच माह में दो बार अपील कर चुकी हैं राष्ट्रपति

- चिकित्सकों पर जोर नहीं सरकार का!

- आजादी के छ: दशकों बाद भी नीम हकीमों के भरोसे बैठा है आम हिन्दुस्तानी

(लिमटी खरे)

देश की पहली महिला महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की बारंबार की जाने वाली यह चिंता बेमानी नहीं है कि देश में चिकित्सकों की भारी कमी है। हाल ही में पश्चिमी दिल्ली मेंं भारतीय चिकित्सा परिषद की प्लैटिनम जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी यह पीड़ा सामने उभरकर सामने आई। इससे पहले अक्टूबर में भी महामहिम ने असम के तेजपुर में आयुZविज्ञान संस्थान की आधारशिला रखते हुए इसी मसले पर अपनी चिंता जाहिर की थी। बकौल महामहिम देश के 271 मेडिकल कालेज से प्रतिवर्ष 31 हजार चिकित्सक उपाधि ग्रहण करते हैं। महामहिम ने आयुZविज्ञान संस्थानों से ग्रामीण समुदायों को समुचित चिकित्सा मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ाने का आव्हान भी किया है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि इसके बावजूद भारत में आज भी छह लाख डाक्टरों व 10 लाख नसो± कÊ कमी है। राष्ट्रपति ने कहा कि वैसे तो ग्यारहवÈ पंचवषÊय योजना में डाक्टरों के अभाव वाले राज्यों में 60 मेडिकल कालेज व 225 नरिZ्सग कालेज खोलने का लक्ष्य है, लेकिन केवल संख्या बढ़ा देने से ही काम नहÈ चलेगा।सरकारी आंकड़े चाहे जो कहें पर ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। मजरे, टोले, गांव या छोटे शहरों में रहने वाला आम भारतीय आज भी झोला छाप डॉक्टरों के भरोसे पर ही है। इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं सरकारें। कितने आश्चर्य की बात है कि आजादी के साठ साल बीत जाने के बाद भी सरकारों द्वारा चिकित्सकों को ग्रामों की ओर भेजने के मार्ग प्रशस्त नहीं किए जा सके हैं।अपने अपने मतदाताओं को लुभाने के लिए सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), उप स्वास्थ्य केंद्र या सिटी डिस्पेंसरी तो स्वीकृत करा लेते हैं किन्तु इन अस्पतालों में कितना अमला वास्तव में कार्यरत है, इस बारे में देखने सुनने की फरसत किसी को भी नहीं है। सत्ता के मद में चूर ये जनप्रतिनिधि चुनावो की घोषणा के साथ ही एक बार फिर सक्रिय हो मतदाताओं को लुभावने वादों से पाट देते हैं।नेशनल रूलर हेल्थ मिशन के प्रतिवेदन पर अगर नज़र डाली जाए तो देश की साठ फीसदी से अधिक पीएचसी में सर्जन नहीं हैं, इतना ही नहीं पचास फीसदी जगह महिला चिकित्सक गायब हैं, तो 55 फीसदी जगह बाल रोग विशेषज्ञ। क्या ये भयावह आंकड़े सरकार की तंत्रा तोड़ने के लिए नाकाफी नहीं हैं।दिया तले अंधेरा की कहावत देश की सबसे बड़ी पंचायत में साफ हो जाती है। यूं तो सभी दल आरक्षण का झुनझुना बजाकर वोट बैंक तगड़ा करने की फिराक में रहते हैं किन्तु सांसदों के इलाज के लिए तैनात चिकित्सा कर्मियों में महज 22 फीसदी चिकित्सक ही कोटे के हैं। हाल ही में सूचना के अधिकार में निकाली गई जानकारी से यह कड़वा सच सामने आया है। सांसदों के लिए तैनात 49 चिकित्सकों मेंसे नौ अनुसूचित जाति, एक एक अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं।कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के लिए क्या यह विचारणीय प्रश्न नहीं है कि महज पांच माहों में देश की महामहिम चिकित्सकों को गांव की ओर रूख करने और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की बात कह रहीं हैं। कांग्रेस की इस अनदेखी को उसकी निर्लज्जता से अधिक और कुछ नहीं कहा जा सकता है। देश के महामहिम की अपील को ही संप्रग सरकार ने एक कान से सुनकर दूसरे कान से बाहर निकाल दिया हो, तो फिर देश के आखिरी छोर के आदमी का तो भगवान ही मालिक है।बहरहाल प्रश्न यह उठता है कि आखिर चिकित्सा जैसे पवित्र पेशे के माध्यम से जनसेवा को उतारू युवा गांव की ओर रूख क्यों नहीं करना चाहते? संभवत: विलासिता के आदी हो चुके युवाअों को गांव की धूल मिट्टी और अभाव का जीवन रास नहीं आता होगा इसी के चलते वे गांव नहीं जाना चाहते। इसके साथ ही साथ शहरों में सरकारी चिकित्सकों के आवासों पर लगने वाली मरीजों की भीड़ भी उन्हें आकिर्षत करती होगी। हर जिला मुख्यालय का नामी सरकारी डॉक्टर किसी न किसी अध्यनरत चिकित्सक का `पायोनियर` भी होता होगा।वैसे इस मामले में सरकार को दोष देना इसलिए उचित होगा क्योंकि सरकार द्वारा चिकित्सकों को गांव भेजने के लिए उपजाउ माहौल भी तैयार नहीं किया गया है। अस्सी के दशक में सुनील दत्त अभिनीत ``दर्द का रिश्ता`` चलचित्र का जिकर यहां लाजिमी होगा। उस चलचित्र में विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे चिकित्सक का किरदार निभा रहे सुनील दत्त ने अपनी ही बेटी के इलाज के दौरान हुई तकलीफों से प्रेरणा लेकर हिन्दुस्तान में गांवों में जाकर सेवा करने का संकल्प लिया था।वह निश्चित रूप से चलचित्र था, पर उससे प्रेरणा लेकर न जाने कितने नौजवानों ने गांवों की ओर रूख किया था। कहने का तात्पर्य महज इतना है कि सरकार को चाहिए कि फूहड़ और समाज को बरबादी के रास्ते पर ले जाने वाले चलचित्रों के स्थान र प्रेरणास्पद चलचित्रों के निर्माण को प्रोत्साहन देने की आज महती जरूरत है।कहने को तो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर आज तक न जाने कितने नेताओं ने कहा है कि भारत का दिल गांव में बसता है। पर गांव की सुध लेने वाला आखिर है कौन? इस सबके आभाव में अप्रशिक्षित चिकित्सा कमीZ आज भारत के दिल के स्वास्थ्य के साथ सरेआम खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं।महामहिम ने अपनी पीड़ा कुछ इस शब्दों में भी बयां कर सरकारोंं को चेताने का काम किया है कि उनके पिता भी जनसेवा के लिए चिकित्सक बनना चाहतीं थीं, किन्तु जलगांव में आयुZविज्ञान कालेज के न होने से उनके पिता का सपना अधूरा ही रह गया।देश में गिरती स्वास्थ्य सुविधाअों के बारे में महामहिम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की बार बार की जा रही चिंता स्वागतयोग्य है। हो सकता है महामहिम की इस चिंता से केंद्र और राज्य सरकारें चेतें, और युवा चिकित्सकों के मानस पटल पर गांव के प्रति प्रेम जागृत कर सकें। अन्यथा गांव और छोटे शहरों में जीने वालों के स्वास्थ्य के साथ झोला छाप चिकित्सकों का खिलवाड़ बदस्तूर जारी रहेगा१


खबरें .............................
आपाधापी में पावरिग्रड का उद्घाटन भूली कांग्रेस!- जून तक टल गया पावर िग्रड का उद्घाटन- लाईन चार्ज करने अनुमति लेना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है पावर िग्रड को- अगले माह तक आरंभ करने का लक्ष्य किन्तु एक लाईन का काम ही पूरा- देश का सबसे बड़ा पावर िग्रड पोजेक्ट बन रहा है सिवनी में- मंत्रालय में हिचकोले खा रही है सिवनी की पावरिग्रड परियोजना

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में निर्माणाधीन देश के सबसे बड़े पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर में पहली लाईन के चार्ज किए जाने का प्रस्ताव केंद्रीय विद्युत मंत्रालय में पिछले लगभग दो साल से हिचकोले खा रहा है। पिछले साल फरवरी माह तक इस परियोजना का काम पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही थी, किन्तु कांग्रेसनीत संप्रग सरकार में बिजली मंत्री सुशील शिंदे के मंत्रालय में इसकी पहली लाईन को चार्ज किए जाने का प्रस्ताव ही दिल्ली के श्रम शक्ति भवन में पायदान चढ़ और उतर रही है।आलम यह है कि केंद्रीय उर्जा मंत्री शिंदे द्वारा पूर्व में लोकसभा में यह बयान दे दिया था कि सिवनी सीपत लाईन का काम पूरा हो गया है, किन्तु इसे चार्ज किए जाने के मसले पर मंत्रालय पूरी तरह ही मौन अिख्तयार किए हुए है। चुनाव, गठबंधन और टिकिट बंटावारे में उलझी कांग्रेस द्वारा इस महात्वाकांक्षी परियोजना को अब तक परवान नहंी चढ़ सकी है।ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदश के जिला मुख्यालय सिवनी से महज पांच किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में पावर िग्रड कार्पोरशन द्वारा ट्रांसमिशन और वितरण केंद्र की स्थापना करने का कार्य किया जा रहा है। इस केंद्र की क्षमता 765 केवीए होगी। यहां उल्लेखनीय बात यह है कि यह दश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र बनने जा रहा है।गौरतलब होगा कि पिछले साल सितम्बर माह में ही पावर िग्रड के अधिकारी काम की गति को लेकर काफी उत्साहित थे। बिजली मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अतिउत्साह में इन अधिकारियों ने अपने आला अधिकारियों को आश्वासन दे दिया था कि इस परियोजना का काम फरवरी 2007 तक पूरा किया जा सकता है।इसी के मद्देनजर आला अधिकारियों ने फरवरी 2007 में इसके उद्यघाटन का मन बना लिया था, और प्रधानमंत्री डॉ।एम।एम.सिंह, बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे, वाणिज्य और उद्योग मंत्री कमल नाथ, तत्कालीन कार्मिक मामलों के मंत्री सुरश पचौरी आदि केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही साथ महामहिम राज्यपाल बलराम जाखड़ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुलाने की कवायद भी आरंभ कर दी थी।इस गुब्बारे की हवा तब निकली जब पिछले साल फरवरी माह बीतने के बाद भी इस परियोजना की महज एक ही लाईन पूरी हो सकी। इस लाईन के परीक्षण के लिए लाईन को चार्ज करना आवश्यक हो गया था। इसके लिए पावर िग्रड कार्पोरशन द्वारा केंद्रीय बिजली मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया।केंद्रीय बिजली मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार चूंकि प्रदश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और चुनाव में उस दौरान काफी समय था, अत: कांग्रेस के आकाओं की सलाह पर अभी तक लाईन चार्ज करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। इस कार्य के लिए पावर िग्रड के पश्चिम क्षेत्र के कार्यपालक निदशक (ईडी) दत्ता एवं सिवनी पावर िग्रड प्रवारी आर.एस.गुप्ता लगातार दिल्ली के श्रम शक्ति भवन के चक्कर काटते रहे हैं।बहरहाल पावर िग्रड के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले के सेपत से सिवनी की साढे चार हजार मेगावाट लाईन का काम पूरा किया जा चुका है, जिसे चार्ज करने की अनुमति अभी भी मंत्रालय के पास लंबित पड़ी है। सूत्रों ने आगे बताया कि सिवनी से खण्डवा लाईन का काम पूर्णता की ओर है।इसके अलावा मध्य प्रदश विद्युत वितरण कंपनी के सिवनी, छिंदवाड़ा, विदिशा, बीना आदि केंद्रों को 220 मेगावाट की लाईन जल्द ही डाल दी जाएंगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि भिलाई से सारणी जाने वाली 400 मेगावाट की चालू लाईन को भी बीच में रोककर पावर िग्रड ने अपने कब्जे में लेकर यहां से ट्रांसमिशन आरंभ कर दिया है।सूत्रों ने कहा कि पावरिग्रड के उद्यघाटन को भी कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने चुनावी लाभ के लिए लंबित कर रखा है। चुनाव की घोषणा के ठीक पहले इसका उद्यघाटन करा कांग्रेस इसका लाभ महाकौशल में लेने की इच्छुक दिखाई दे रही थी, किन्तु चुनाव, बजट और अन्य समस्याओं के चलते कांग्रेस का ध्यान इस पर से हट गया और महाकौशल में अब कांग्रेस पावरिग्रड जैसी महात्वाकांक्षी परियोजना के लाभ से पूरी तरह वंचित ही रहेगी।


--------------------

सपा, लोजपा नहीं शुमार राष्ट्रीय स्तर के मान्यता प्राप्त दलों में

- महज 7 ही हैं राष्ट्र के मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी और लोकजनशक्ति पार्टी जैसी धुरंधर पार्टियां अभी राज्यों तक ही सिमटी हुई हैं। देश के चुनाव आयोग ने सात राजनैतिक दलों को राष्ट्रीय तो लगभग 32 दलों को राज्य स्तर पर मान्यता दी गई है। इनमे मध्य प्रदेश सूबे में तेजी से उभरी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को शामिल नहीं किया गया है।गौरतलब होगा कि चुनाव आयोग द्वारा राजनैतिक दलों के पिछले प्रदर्शन के मद्देनजर उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दे रखी है। राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दलों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का शुमार किया गया है।इसी तरह राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों में लोकशक्ति जनशक्ति पार्टी, समाजवादी पार्टी, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, बीजू जनता दल, आईयूएमएल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, सििक्कम डेमोक्रेटिक फ्रंट, शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनशक्ति पार्टी, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल सेक्यूलर, जनता दल यू, तेलगू देशम, राष्ट्रीय लोकदल, अन्नाद्रमुक, आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, असम यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, असम गण परिषद, द्रविण मुन्नेत्र कषगम, इंडियन नेशनल लोकदल, नेशनल कांफ्रेस, नेशनल पेंथर्स पार्टी, एमडीएमके, इमजो नेशनल फ्रंट, तेलंगाना राष्ट्र समिति, नागालेंड प्यूपिल्स फ्रंट, पीएमके, आरएसपी, से गोवा फ्रंट आदि शामिल हैं।

न्यूज़ ३ मार्च 2009

March 3, 2009 ......................... article Silent on the governments concerned Prmahamahim health facilities - Twice in five months the President has appealed - Doctors of the Government not insist on! - Freedom of the six decades after the trust is sitting neem Hkimon common Indian (Limti Khare) The country's first woman President Pratibha Devi Singh Patil of the frequency of the worry is not that the meaningless in the country's acute shortage of doctors. Recently, the Medical Council of India in the west Delhi platinum jubilee of the program at this pain in front of their emerging I. Earlier in October, His Excellency the age at Tezpur in Assam Z Institute of Science, keeping the foundation of your concern on this issue was expressed. 271 medical colleges of the country, His Majesty says each year 31 thousand doctors are taking a degree. His Excellency the age of rural communities to Z science institutions to provide proper medical steps to increase Awhan have. He also underlined the fact that even today in India, despite its six lakh doctors and 10 lakh a ± E Nso is lacking. Well, the President said that the plan or Gyarhv E E Pancvs in the absence of doctors in 60 states with medical colleges and 225 Sg Z Nri College goal is to open, but only to increase the number of E will work Nh. No matter what government statistics say it at all on the ground reality is otherwise. Mjre, Tole, living in villages or small towns even today the average Indian doctors trust mark on the bag is. Governments are fully responsible for it. How surprising is that of freedom even after sixty years by the governments of sending doctors to the villages to pave the way could not be are. Their power to attract voters in Jnpratinidi sitting Community Health Center (Siacsi), Primary Health Center (PHC), sub-city health center or dispensary, but let's get it accepted in these hospitals so staff is working in fact, about Frsat anyone to listen to see is not. It shattered the power of the item with the announcement of Jnpratinidi Chunavo once again become active voters Lubhavne span promises to give. Scale on the report of the National Health Mission, then cast an eye if the country's more than sixty per cent of PHCs in the surgeon is not, that's not a place fifty per cent of female doctors are missing, then place 55 per cent pediatrician. It's terrible what the government data systems are inadequate to break. Given under the darkness of the biggest panchayat in the country saying is clear. Un reservation of all parties to rattle Bjakr strong vote bank, but MPs are trying to treat the medical personnel deployed in only 22 per cent quota of the doctor. Recently, the right to information in the information extracted from the bitter truth that has come before. 49 MPs to the doctors deployed nine Mense SC, one of the Scheduled Tribes and Other Backward Classes are. UPA Government for Kangresnit this consideration is not a question that just five of the country, His Excellency Mahon in the village on behalf of doctors and health facilities to improve the stand talking about are. The Congress ignored his insolence, and nothing more can be said. Of the country, His Excellency the UPA Government's appeal from an ear to hear the other out of the ear are removed, then the ends of the country's last man of God is the owner. However, the question arises as what the medical profession, through the holy Jnsewa given to the youth of the village do not want to stand, why? Probably been used to luxury Yuwaaon the village life of the lack of dust and dirt will not come to this friendly village, they do not want to go. At the same time government doctors in the cities of the houses on them to feel the rush of patients must be Akirst. All the district headquarters of a government doctor or a famous doctor of Adyanrt `` Pioneer happens will happen. As in this case, therefore, appropriate to blame the government because the government will have to send doctors to the village Upjau environment has not been prepared. In the eighties, Sunil Dutt starrer movie `` `` The relationship of pain Jikar Lajimi will be here. In that movie in a foreign country are giving their services are fulfilling the role of Doctor Sunil Dutt during his daughter's treatment was inspired by the problems with the service and in villages in India had to resolve. He certainly was a movie, but with the inspiration to the youth, so the trend was towards the villages. To say that just means that the government and society to squat on the path of destruction to take the place of home movies to encourage the production of films Prernaspd today August needed. To say, the country's first prime minister Jawaharlal Nehru to go until today so that the leaders of India resides in the heart of the village. Sud village on who is going to hell? All untrained in medical shortage Z Abav the heart of India's health today with Sream to play hawk is not coming. His Excellency the pain in some words of alerting the Srkaronn Byan and that his father also worked for Jnsewa were want to be a doctor, but in the Age Z Science College, Jalgaon not dream of being his father left incomplete. Health in the country Suvidhaaon about falling Excellency Pratibha Devi Singh Patil time being worried about is welcome. His Majesty may be of concern to the Central and State Governments Cheten, and young doctors to the village on the screen of the mind awakened to love. Otherwise, small towns and villages in the health of people living with print bag, doctors play will continue.


news Pavarigrd the inauguration of the Congress in Apadhapi forgotten! - June was averted by the opening of the Power Igrd - Permission to cross the line to charge the rice pudding has been proved to Igrd Power - To start next month but the goal of a complete line of work - The country's largest power Igrd Pojekt being in Sivani - Ministry of Hickole eat Sivani Pavarigrd project is (Limti Khare) New Delhi. Sivani district of Madhya Pradesh the country's largest construction Distrybusn Power Center in the first line of the charge proposed to be the central Ministry of Power, about the last two years, is eating Hickole. Last year, the month of February to finish the project was expected to be expressed, but Kangresnit the UPA Government in the Ministry of Power Minister Sushil Shinde in the first line charge proposed to be Delhi's labor force and building up off the footboard is. Alam is that the former Union Energy Minister Shinde in the Lok Sabha in a statement that gave Sivani Seept line of work has been completed, but to charge it fully on the issue of the Ministry is under Aikhtyar silent. Elections, and ticket Bntaware coalition in Congress complicated by Mahatwakankshi this project could have up until now Prwan Nhni. Middle of a show that ज्ञातव्य Sivani district headquarters just five kilometers from the north by Carporsn Igrd power transmission and distribution centers to set up work is being done. The center will be the capacity of 765 KVA. Remarkable thing is that here it denary largest distribution center is going to be. However, that last year in the month of September Igrd Power officials about the pace of work was very much looking forward to. Power Ministry sources said the high posted Atiutsah in his top officials had given the assurance that the project can be completed by February 2007 is. This view of the top officials in February 2007 Udygatn feel like it was made, and the Prime Minister Do.am.aml Singh, Power Minister Sushil Kumar Shinde, Minister of Commerce and Industry Kamal Nath, the then Minister of Personnel Affairs Surs Pachouri ministers, etc. as well as His Excellency the Governor, Chief Minister Shivraj Singh Chauhan and Balram Jakd to call the exercise had started. The balloon left the air when the month of February last year after the end of the project could be completed just one line. Line for testing the line was required to charge. Power for this Igrd by Carporsn proposal was sent to the Union Power Ministry. The Union Ministry of Power, according to sources, since the high posted in the show is the Government of the Bharatiya Janata Party in the elections and during that time was enough, so on the advice of the masters of the Congress to charge the line still has not been permitted. The work area to the west of the executive power Igrd Nidsk (Idi) Prwari R. S. Dutta Gupta and Sivani Igrd power of the labor force continuously Delhi are wandering around the building. Power of Igrd However, sources said the current high posted in Bilaspur district of Chhattisgarh in Sept Sivani four thousand MW line of Sade's work has been completed, which still allowed to charge to the Ministry is pending. Sivani from sources that further work Kndwa line is a reference to the fullest. In addition, the Central Power Distribution Company Sivani show, Chhindwara, Vidisha, Bina and 220 MW of line centers soon will be put. The sources also informed that the Bhilai 400 MW from the current table line also stopped in the middle Igrd its power to take possession of the transmission has started. Pavarigrd sources said the UPA Government Kangresnit Udygatn the electoral advantage to be kept pending. The announcement of the election before it Udygatn to get Congress to take advantage of this Mahakaushl was willing to appear, but the election, budget and other problems due to the attention of Congress and out of Congress in Mahakaushl Pavarigrd Mahatwakankshi like the benefit of the project will be completely deprived. -------------------- SP, LJP not compute recognized parties in the national level - 7 is the nation's only recognized political party (Limti Khare) New Delhi. Lokjnskti Samajwadi Party and the party just like the States parties to Dhurndhar Simti are. The country's seven political parties, the Election Commission about the 32 national teams at the state level has been recognized. Madhya Pradesh, which rapidly emerged in Gondwana Sube Republic Party have not been included. However, by the Election Commission that political parties of the past performance of the state and national recognition they have given. Recognized at the national level parties in the Indian National Congress, Bharatiya Janata Party, the Nationalist Congress Party, Rashtriya Janata Dal, Bahujan Samaj Party, Communist Party and the Indian Makrswadi ranks of the Communist Party has been. Similarly, state-level parties in Lokskti recognized manpower Party, the Samajwadi Party, Jharkhand Mukti Morcha, Biju Janata Dal, Aiyuemel, Telngana Nations Committee, Siikkm Democratic Front, the Shiromani Akali Dal, Indian manpower Party, Shiv Sena, Trinamool Congress, the Janata Dal Secular, Janata Dal U, Telgu Desam, Rashtriya Lok Dal, the AIADMK, India forward Al Block, Assam United Democratic Front, Assam Gana Parishad, Dravin Munnetra Ksgm, INLD, National Kanfres, Penthrs National Party, MDMK, Imjo National Front, the nation Telngana Committee , Front Nagalend Pupils, PMK, RSP, etc. Goa Front.

------------------------------


The price of oil to reduce the Government missed chance! (Bureau of Office) New Delhi. With the announcement of the Lok Sabha elections has become clear that the general public and a reduction in the prices of petroleum electoral gift to receive E Nh. In fact, oil companies cut prices to compensate for the additional loss of government bonds by the finance minister Pranab Mukj E due to the refusal of the government before the elections, a populist work missed. By the way, if the code of ethics applicable to a truly happy, it's the oil companies. Their heads with a sword and cut the value is removed. According to sources from the Congress in the price of diesel by two rupees per liter reduction of heart was made of top-level government Thaa But Nh E received approval from it. Especially E Mukj on behalf of the proposal received support E Nh. According to sources, a cost reduction and increases the pressure on the economy and its chances of getting a special political advantage was less. Pranab knew that better than the oil companies to cut prices to compensate for the loss of more bonds to be issued. The current situation in the Finance Ministry was in favor of E Nh. Udhara officials of oil companies have welcomed the announcement of the election. A senior officer said prices of crude Ail trend is once again fast. Some people it reach 60.65 dollars per barrel are Kyas. This or any other product in the retail diesel price and lowering the worse the situation becomes. Diesel oil companies currently pay 44 per liter and LPG at a loss of 74.5 rupees per cylinder is happening, while they barely three money on petrol per liter is the profit. In addition, crude prices also have increased in recent times. Technicians that crude prices have increased to 60.65 dollars in a few days could reach. That's why oil companies are happy. ------------------ Oscar has also resigned Frnadis (Bureau of Office) New Delhi. Union Labor Minister and senior Congress leader Oscar Frnadis on Monday resigned as Minister. Lok Sabha elections, the party in time to meet Caryae Oscar this step. Last week, the party time to Jairam Ramesh, the Minister had resigned from office. ----------------------- E Fj bridle Ksne voting exercise (Bureau of Office) New Delhi. Lok Sabha elections, the Election Commission has to tighten the waist of the mantra E Fj vote at any cost and stop asking if E is a valid voter, it must see that he came to the polling center. That's why the first time, 12, of 901 such villages have been made for the new vote centers where voters are less than 300. Such a voting center, where the voters are made two or three are. Election and voting under the Tairkk thinking about making the last Lok Sabha elections than the voting centers, out of 8 lakh 28 thousand 804 numbers have been. Lok Sabha elections in the last 6 million 402 thousand polling centers was 87. The first time, according to the mapping and sensitive areas have been made so that the voting centers where terrorist or other incident of Naxalite Haa people fear too far from home will not be put to a vote. Not only lost the vote center voting centers but have been extended to the appointment of agents of political parties has been brought into play too. When a. A vote on the Center are taking part in the election of the recognized parties over - will be the election agent W Dhandli will be very difficult. Fj E to prevent the voting photo ID with a photo voters' list now has been extended. - The booth will be only one voter During the forthcoming Lok Sabha elections in Gujarat forest area falling in a voting booth, where it will be just one of the voters will use their voting rights. Chief Election Commissioner Uktasy information given. He said that a voting center in Chhattisgarh will be only two voters, Arunachal Pradesh, while the three voting booths will be on only three voters. - A quarter past four million voters will However, the revision of voters lists in the country after the total number of 71 million voters have been 40 million. In the last Lok Sabha elections, the number of 67 million voters was 10 million. Thus, in this election more than four million voters will be 30 million. ------------------



---------------------------------------------------

Laloo in the horoscope of Rahul and PM Yoga E Nh
(Bureau of Office)
New Delhi. Of power in the chess master sorcerer said Chandraswami ring back to Prime Minister Manmohan Singh to be the sum of Nh È. Rahul Gandhi's horoscope that the E Nh deserve to be PM. South of the planet, a woman's right to the Lok Sabha elections and their importance will grow. Asked about Lalu Prasad said on Chandraswami far away from Lalu Prasad in the E expected Nh see.
A ritual in connection with the Chandraswami reached Patna on Monday at a press conference said that the UPA and the NDA in the Lok Sabha elections, will reduce the power of both. The supremacy of regional parties increase. Manmohan Singh will not use nor red - Shn Advani is going to achieve anything.
The name of someone not taking Chandraswami said that a woman's stature in the South as surely increase. Now it can be said that E Nh who will be the next Prime Minister. Referring to the recession Chandraswami said that this game is Sat. Saturn in Leo in July 2007 and April 2010 have entered will be. The slowdown will continue until then. Every thirty years after it happens.

--------------------

Diu for students Bisre forgotten initiative
(Bureau of Office)
New Delhi. The people of Delhi Biswvidyal a chance to complete her studies have given any reasons why the study had to leave. Standing Council of ऐकडेमिक Studnt Kmiti more than 300 such Studnts to complete the Grajuasn Prmisn said. Important thing is that 20 to 25 years ago, these studies leave many unfulfilled Studnts included. Diu usually in different periods to complete Grajuasn Korsejh is 5 to 6 years. The period after the completion of the case comes to Kmiti standings.
These Studnts to meet its Grajuasn Kmiti standings with Guhar was installed. Kmiti members that such Dropaut Diu Onrdinans according to the Studnts allowed to complete my studies can be, but the rules Studnts Nh E is about awareness. Studnts the paper before them again Iclyr for Thea E will need to Nh. Thaa read it in the Studnt Coliz Coliz in Aplai will have to do the same. Similarly, if the non-collegiate or Corespondens, it's Studnt Aplai have to go there.