कस बल ढीले हो गए अहंकारी सिब्बल के!
अण्णा और बाबा से
सिब्बल का गुप्त समझौता!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। अहंकारी, घमंडी छवि वाले केंद्रीय
मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल इन दिनों खासे नरम दिखाई पड़ रहे हैं। उनके व्यवहार
के कारण कांग्रेस में ही उनका जमकर विरोध होता आया है। अब विपक्षी भी कपिल सिब्बल के
इस बदले हुए चेहरे की तारीफ करते नजर आ रहे हैं। लंबे अरसे से कपिल सिब्बल द्वारा अण्णा
हजारे और बाबा रामदेव तथा इन दोनों के द्वारा सिब्बल पर सीधा हमला करने से बचा जा रहा
है। यह बात सियासी गलियारों में शोध का विषय बन गई है।
एचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल के करीबी सूत्रों
का कहना है कि सिब्बल के रूख में इन दिनों खासी नरमी देखी जा रही है। कल तक इस अख्खड़
रवैये के चलते कांग्रेस के ही नेताओं के निशाने पर रहने वाले सिब्बल इन दिनों कांग्रेस
और विपक्ष के दुलारे बने हुए हैं। सिब्बल के सहयोगात्मक रवैए का ही परिणाम था कि विपक्ष
के सहयोग से सिब्बल संसद में कापी राईट एक्ट रख पाए। यद्यपि कार्टून विवाद में सिब्बल
को खासी परेशानी उठानी पड़ी फिर भी उनके रूख में परिवर्तन के चलते मामले जल्दी ही सुलटा
लिए गए।
सियासी गलियारों में कपिल सिब्बल के इस हृदय
परिवर्तन के बारे में जमकर शोध हो रहा है। सियासी गलियारों में हर किसी की जुबान पर
यह प्रश्न कौंध रहा है कि एक दूसरे के खिलाफ सदा जहर उगलने वाले अण्णा हजारे और कपिल
सिब्बल की तोपें एक दूसरे के खिलाफ शांत कैसे हैं? उधर, इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू
योग गुरू राम किशन यादव, उर्फ बाबा रामदेव भी कपिल सिब्बल पर सीधा हमला करने से बच ही
रहे हैं।
पिछले लगभग चार माह से समाजसेवी अण्णा हजारे,
इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू योग गुरू रामकिशन यादव उर्फ बाबा रामदेव और केंद्रीय
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल का आपस में आरोप प्रत्यारोप का दौर थमा हुआ है।
इन तीनों के समर्थक सांस रोककर पदचाप को भांपने की कोशिश में लगे हैं कि इस मौन का
आखिर कारण क्या है? क्या यह तूफान के पहले की शांति है?
उधर, कपिल सिब्बल के करीबी
किन्तु भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि बीते साल के अंत में कपिल सिब्बल ने एचआरडी
मिनिस्ट्री के एक ज्वाईंट सेकेरेटरी स्तर के अधिकारी को अण्णा हजारे को साधने पाबंद
किया था। इस साल के आरंभ में उक्त संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा अण्णा के अतिकरीबी
दो मराठी पृष्ठभूमि के लोगों के साथ अण्णा से मिलने रालेगण सिद्धि पहुंचे और अपनी सिद्ध
जड़ी से अण्णा हजारे को सिद्ध कर लिया।
आज अण्णा के मुंह से कपिल सिब्बल के लिए अगर
फूल नहीं झड़ रहे तो कांटों की बरसात भी नहीं हो रही है। टीम अण्णा भी सरकार पर तीखे
हमले नहीं बोल रही है। अण्णा के बाद अब लोग बाबा रामदेव और कपिल सिब्बल के बीच के तार
खोजने में लगे हुए हैं।