गुरुवार, 24 नवंबर 2011

लोकसुनवाई के बाद हुई मण्डल की वेब साईट अपडेट


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 24

लोकसुनवाई के बाद हुई मण्डल की वेब साईट अपडेट

पावर प्लांट 660 का और कार्यकारी सारांश 600 मेगावाट का!

नियम विरूद्ध काम करना फितरत है आवंथा ग्रुप की



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले आवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड के बीच की सांठ गांठ अब उजागर होने लगी है। प्रशासन, शासन और गौतम थापर के हृदय प्रदेश की संस्कारधानी के पास स्थापित होने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में पर्यावरण की जनसुनवाई में लगातार दूसरी बार गफलत सामने आई। मौके पर मोजूद अधिकारियों ने अपनी गल्ति मानकर जनसुनवाई संपादित करवा दी, पर इस संबंध में विभाग के आला अधिकारी क्या कार्यवाही करेंगे, इस बारे में सभी ने मौन ही साध रखा है।

गौरतलब है कि इसके पहले 2009 में 22 अगस्त को हुई लोक सुनवाई का विवरण भी मण्डल की वेब साईट पर 17 अगस्त तक नहीं डाला गया था। उस वक्त जब शोर शराबा हुआ तब जाकर मण्डल ने अपनी वेब साईट अपडेट की और इसका कार्यकारी सारांश वेब साईट पर डाला। इस लोकसुनवाई की मुनादी भी क्षेत्र में नहीं पीटने और स्थानीय स्तर पर समाचार पत्रों के माध्यम से ग्रामीणों को इसकी जानकारी न देने के संगीन आरोप लगाए गए थे।

इस कार्यवाही में मण्डल की ओर से जबलपुर में पदस्थ रहे क्षेत्रीय अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह और जिला प्रशासन सिवनी की ओर से अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमति अलका श्रीवास्तव मौके पर उपस्थित थीं। इस लोक सुनवाई में वैसे तो दर्जनों आपत्तियां प्रकाश में लाई गईं थीं किन्तु बाद में जब कार्यवाही का विवरण प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने अपनी वेब साईट पर डाला तो वह अपाठ्य प्रति ही थी। यह प्रति इतनी धुंधली थी कि कोई भी इसे पढ़ नहीं सकता है।

22 नवंबर को हाल ही में हुई लोक सुनवाई में भी कमोबेश यही माजरा देखने को मिला। इस लोक सुनवाई के बारे में सिवनी जिले के स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से ग्रामीणों को सूचना नहीं दी गई। प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की वेब साईट भी इस बारे में जन सुनवाई के दिन मंगलवार 22 नवंबर को मौन ही थी। मौके पर उपस्थित मण्डल के कारिंदों से जब इसकी शिकायत की गई तो उन्होंने सफेद झूठ बोलते हुए कह डाला कि मण्डल की वेब साईट पर पूरी बातें डाली गई हैं।

मौके पर जब लेपटाप के माध्यम से इंटरनेट पर मण्डल की वेब साईट खोलकर दिखाई गई और लोक सुनवाई तक की डेट उस पर देखने को नहीं मिली तो झूठ पकड़े जाने से मण्डल के कारिंदों के हाथ पांव फूल गए। बाद में लोक सुनवाई की औपचारिकता किसी तरह पूरी की गई।

अगले दिन बुधवार को सुबह जब मण्डल की वेब साईट खोली गई तो चमत्कार ही हो गया। जनसुनवाई होने के बाद उसकी तिथि मण्डल ने अपनी वेब साईट पर डाल दी। इतना ही नहीं अंग्रेजी और हिन्दी में कार्यकारी सारांश भी डाला गया। जल्दबाजी में गौतम थापर की कंपनी का बचाव करते वक्त मध्य प्रदेश सरकार के कारिंदे यह भूल गए कि उन्होंने कार्यकारी सारांश पिछली बार का अथार्त 22 अगस्त 2009 की लोकसुनवाई का ही डाल दिया है।

इस बात का खुलासा तब हुआ जब झाबुआ पावर के कोल आधारित पावर प्लांट के बारे में राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में 660 मेगावाट के पावर प्लांट की जनसुनवाई की बात कहकर विज्ञापन प्रकाशित किया गया था, किन्तु इसमें पड़ा कार्यवाही सारांश महज 600 मेगावाट का ही है।

जानकारों के अनुसार इस तरह की तकनीकि गड़बड़ियों के बाद भी अगर लोक सुनवाई को कानूनी तौर पर सही माना जाकर आगे की कार्यवाही की जाती है तो लोक सुनवाई की औपचारिकता पर ही प्रश्न चिन्ह लगने लगेंगे। गौतम थापर के स्वामित्व वाली कंपनी के सहयोगी प्रतिष्ठान द्वारा सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में 2900 करोड़ रूपए की लागत से कोल आधारित पावर प्लांट की स्थापना की जा रही है, जो लंबे समय से चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि घंसौर तहसील को भारत सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है। बावजूद इसके यहां बाहरी नियोक्ताओं द्वारा आकर निहित स्वार्थों के चलते आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार सहित इतना सब कुछ होने पर भी भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर का मौन उनके आदिवासी प्रेम के दिखावे को रेखांकित करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है।

(क्रमशः जारी)

मंहगाई है मनमोहन की परेशानी का सबब!


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 34

मंहगाई है मनमोहन की परेशानी का सबब!

गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म से उपर रखने की कीमत चुकवाएंगे मनसे

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश के गैर नेहरू गांधी परिवार (महात्मा गांधी नहीं) से इतर वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह पर जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का नजला टूटने वाला है। कांग्रेस के अंदर अब घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के साथ ही साथ मंहगाई का मुद्दा तेजी से उभर रहा है। मिनी आम चुनावों में इन मुद्दों पर कराए गए सर्वेक्षण में कांग्रेस बेहद पिछड़ी नजर आई है जिससे कांग्रेस के रणनीतिकारों की पेशानी पर पसीने की बूंछे छलछला आई हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी इस समय उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की चिंता में घुले जा रहे हैं। इन राज्यों में कराए गए सर्वेक्षण में कांग्रेस की स्थिति बेहद पतली ही नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव भले ही स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाएं पर सबसे अधिक चिंता की बात तो मंहगाई उभर कर सामने आ रही है। मंहगाई का सीधा सरोकार आम आदमी की रसोई से है।

उन्होंने कहा कि भले ही सोनिया गांधी के दबाव में मनमोहन सिंह ने घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार की छूट देकर मंहगाई के ग्राफ को उपर उठाया हो पर गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म से उपर रखने की कीमत मनमोहन सिंह को हर हाल में चुकाना ही होगा। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह को बली का बकरा बना ही दिया जाएगा। अब सोनिया और राहुल के करीबी इस जुगत में लगे हैं कि मनमोहन सिंह के स्थान पर किसके हवाले देश को किया जाए, ताकि अगले आम चुनावों में राहुल के वजीरे आजम बनने के मार्ग प्रशस्त हो सकें।

(क्रमशः जारी)

अवैध रूप से लगे हैं आईडिया के टावर!


एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  29

अवैध रूप से लगे हैं आईडिया के टावर!

छत्तीसगढ़ जैसा कदम देश भर में उठ जाए तो हो जाएग गजब का आईडिया

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। आदित्य बिरला और कुमार मंगलम बिरला के स्वामित्व वाली निजी क्षेत्र की मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनी आईडिया के टावर देश भर में अवैध तौर पर ही काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में स्थानीय निकाय की तर्ज पर अगर कार्यवाही को अंजाम दिया गया तो आने वाले समय में आईडिया के उपभोक्ता नेटवर्क के लिए तरस सकते हैं।

ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों सूरजपुर की नगर पालिका परिषद ने नगर में संचालित आईडिया कंपनी के पांच टावरों को सील कर दिया है। सील किये गए टावरों में 2 अवैध रूप से संचालित व 3 टावर बिना नियमितीकरण के चल रहे थे। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के निर्देश पर टावरों के संदर्भ में मिले मार्गदर्शन के तहत नगर पालिका परिषद ने उक्त कार्रवाई की। टावरों को सील करने की कार्रवाई के संबंध में सी.एम.ओ. व लोक निर्माण विभाग के सभापति ने बताया कि अवैध व बिना अनुमति के चल रहे टावरों पर दूसरी बंडी कार्रवाई की गई है।

बताया जाता है कि यहां इसके पूर्व एयरटेल के 02 अवैध टावरों को सील किया गया था। इसके उपरांत आईडिया कंपनी के राष्ट्रीय राजमार्ग, भैयाथान रोड, महगवां, केतका रोड, शंकर लॉज परिसर में स्थित टावरों को न.पा. दस्ते के द्वारा सील किया गया है। इस संबंध में बताया जाता है कि अकेले आईडिया कंपनी के उपर शासन के नियमानुसार 15 से 50 गुना समझौता शुल्क के तहत रूपये 60 लाख से उपर बकाया है।

इतना ही नहीं इन टावरों पर दिगर कम्पनियों के भी बी.टी.एस. लगे होने के मामले में भी नगरपालिका कंपनी के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज कराने की मंशा में है। उल्लेखनीय है कि नगरपालिका के द्वारा आईडिया कंपनी को पूर्व में 10-15 बार पत्र जारी कर नियमतिकरण तथा अवैध टावरों की अनुज्ञा प्राप्त करने के लिए पत्र लिखा था परन्तु आईडिया की ओर से कोई पहल न होने पर परिषद ने निर्णय लेते हुए 48 घंटे का अंतिम नोटिस टावरों में चस्पा एवं कंपनी के अधिकारियों को प्रेषित कर टावर सील की कार्रवाई की।

(क्रमशः जारी)

राजेंद्र प्रसाद का जन्म दिन चित्रांश दिवस मनाने की अपील


राजेंद्र प्रसाद का जन्म दिन चित्रांश दिवस मनाने की अपील

देश रत्न के बर्थ डे पर 3 दिसंबर को मनाएं अंतर्राष्ट्रीय चित्रांश दिवस





(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। ग्लोबल कायस्थ परिवार ने देश के पहले महामहिम राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद का जन्म दिन अंतर्राष्ट्रीय चित्रांश दिवस के तौर पर मनाने की अपील की है। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने सादगी की प्रतिमूर्ति बनकर मूल्यों को कायम रख कायस्थ वंशजों का मान बढ़ाया है।

ग्लोबल कायस्थ फेमली के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने उक्ताशय की अपील करते हुए कहा है कि भगवान चित्रगुप्त के वंशजों की एकता के लिए सभी चित्रांश बंधु राजेंद्र बाबू के जन्म दिवस पर 3 दिसंबर को स्थानीय स्तर पर सामाजिक संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें याद करें। उन्होंने अपील की है कि इस दिन स्थानीय स्तर पर रक्त दान शिविर जैसे प्रोग्राम का आयोजन सराहनीय हो सकता है।

ग्लोबल कायस्थ फेमली की टीम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, नेशनल कन्वीनर आलोक श्रीवास्तव, महासचिव राम श्रीवास्तव, टेक्नीकल कन्वीनर और मीडिया प्रमोटर सचिन श्रीवास्तव और विनीत खरे, एडवाईजरी दल की प्रमुख डॉ.अनुपमा श्रीवास्तव और शुभ्रा खरे, सचिव और कन्वीन शरद माथुर, आशुतोष सिन्हा, ब्लाग मोडिरेटर मोना श्रीवास्तव ने उक्ताशय की अभिनव अपील की है।

मध्यप्रदेश मण्डप राज्य के विकास की झलक: विजयवर्गीय


मध्यप्रदेश मण्डप राज्य के विकास की झलक: विजयवर्गीय

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में मध्य प्रदेश दिवस

गणगौर व बैगा नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति

नई दिल्ली, (ब्यूरो कार्यालय)। मध्यप्रदेश देश का हृदय पदेश है। जैसे हृदय शरीर के स्वास्थ्य का सूचकांक है वैसे ही मध्यप्रदेश देश की प्रगति में महती भूमिका अदा कर रहा ह। उक्त आशय के विचार मध्यप्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आज यहां प्रगति मैदान में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में मध्यप्रदेश दिवस समारोह में कही।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश मण्डप प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई प्रदेश की प्रगति की झलक दिखाता है। मध्य प्रदेश दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के महासचिव व मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद और राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष अखण्ड प्रताप सिंह ने की। प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में मध्य प्रदेश के हाथों के जादू और पैरों की थिरकन से राज्य की सांस्कृतिक विरासत आज अत्यंत मनमोहक रूप में आज जीवन्त हो उठी।

14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले की इस बार थीम ‘‘भारतीय हस्तशिल्प - हाथों का जादू’’ रखी गई हैै। मध्यप्रदेश ने यहां अपने हस्तकौशल की सदियों पुरानी समृद्ध धरोहर का बेहद आकर्षक प्रदर्शन किया है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में आज मध्य प्रदेश दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर लाल चौक थियेटर पर निमाड़ अंचल में प्रचलित गीति काव्य गणगौर और बैगा जनजाति में प्रचलित बैगा परधोनी नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति ने जहां राज्य की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन हुए वहीं मध्य प्रदेश के मण्डप में हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों की वैविध्यपूर्ण श्रंृखला सदियों पुरानी हस्तकौशल की समृद्ध धरोहर की झांकी प्रस्तुत कर रही है।

मध्य प्रदेश की इसी परंपरा व प्रतिभा के दर्शन मण्डप के आमुख से ही होने लगते हैं। मण्डप का प्रवेश द्वार अपनी रेशमी वस्त्रकला के लिये विश्वविख्यात चंदेरी के किले के मुख्य द्वार बादल दरवाज़े की प्रतिकृति का बनाया गया है। इसके बायीं ओर खजुराहो के अद्वितीय शिल्प सौंदर्य को प्रदर्शित किया गया है जिसे प्रेम और माधुर्य की भावनाओं का पत्थर पर दुनिया में सबसे प्रभावी चित्रण माना जाता है। जबकि दायीं तरफ हाथों से वैज्ञानिक रचनाशीलता के उदाहरण प्राचीन नगरी उज्जैन में करीब तीन सौ वर्ष पहले निर्मित वेधशाला का नमूना स्थापित किया गया है।

मण्डप के ऊपरी हिस्से में चंदेरी के रेशमी वस्त्रों की बुनाई करते मध्य प्रदेश के जादुई हाथ कला सृजन की विभिन्न मुद्राओं में दर्शाये गये हैं। मण्डप में राज्य सरकार की महिला सशक्तीकरण के कार्यक्रमों, लोकसेवा के प्रदाय की गारंटी योजना आदि प्रमुख योजनाओं के साथ साथ स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के राज्य के उस संकल्प को दर्शाया गया है जिसे मध्य प्रदेा की विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है तथा राज्य के सर्वांगीण एवं समावेशी विकास के माध्यम से प्रदेश वासियों का जीवन उत्तरोत्तर समृद्ध और खुशहाल बनाने और उन्हें अपनी क्षमताओं के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ कार्य करने एवं राष्ट्र के विकास में योगदान करने का अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।

मण्डप के अंदर माण्डू के रानी रूपमती महल की प्रतिकृति में झरोखों में महेश्वर, बाघ, बाटिक, ब्लॉक प्रिंटिंग, ज़री ज़रदोज़ी आदि हस्तकलाओं के सजीव प्रदर्शन के माध्यम से दर्शकों को राज्य की हथकरघा एवं हस्तकला की विरासत का वास्तविक अहसास कराने का प्रयास किया गया है। हाथों की इस कला का पर्यटन से अटूट संबंध है। किसी स्थान की स्थापत्यकला पर्यटकों को जहां अपनी दहलीज़ पर आने का निमंत्रण देती है वहीं हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पाद ही उनके लिये वहां की यादों को संजोये रखने का माध्यम होते हैं। मध्य प्रदेश में वन्यजीव उद्यानों के साथ साथ ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के पर्यटन स्थलों की भी झांकी राज्य के नैसर्गिक एवं शिल्प सौंदर्य की श्रृंखला को परिपूर्ण करती दिखाई देती है। 

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 010


युवा ग्रामीणों का क्रोध था चरम पर

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 009


शासन प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण मण्‍डल ने जब ग्रामीणों की बात नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने कुर्सियां फेंककर किया गुस्‍से का इजहार

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 008


महिलाओं ने भी जमकर दिखाया आक्रोश

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 007


मध्‍य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंण्‍डल और झाबूआ पावर लिमिटेड की मिलीभगत को उजागर करते अधिवक्‍ता जकी अनवर खान

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 006


ममला हाथ से निकलता देख माथा पकडकर बैठ गए जीएम श्री मिश्रा

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 004


गौतम थापर की कंपनी का असफल बचाव करते दिल्‍ली से आए ललित कुमार

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 004


ये हैं संयंत्र के महा प्रबंधक श्री मिश्रा। लोक सुनवाई में इन्‍हें हिटलकर करार दिया गया।

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 003


यह है लोक सुनवाई का मंच

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 002



पहचान लीजिए यही हैं गौतम थापर जिनके मातहत कारिंदे छटवीं अनुसूचि में अनुसूचित घंसौर तहसील को झुलसाने का ताना बाना बुन रहे हैं। इनके पावर प्‍लांट के बाद दो और पावर प्‍लांट इसी तहसील में डलने वाले हैं।। इनमें से एक तो टूजी घोटाले के प्रमुख आरोपी आदिमत्‍थू राजा के रिश्‍तेदार का बताया जा रहा है।

तस्‍वीरों में गौतम थापर की तथा कथा 001


यह है अवंथा पावर का लोगो। थापर परिवार के स्‍वामित्‍व वाले इस समूह के सहयोगी प्रतिष्‍ठान द्वारा मध्‍य प्रदेश के सिवनी जिले की आदिवासी तहसील घंसौर में कोल आधारित पावर प्‍लांट डाला जा रहा है। शासन प्रशासन की मिली भगत से भोले भाले आदिवासियों को छला जा रहा है और जनता के सेवक सांसद विधायक खामोश हैं