‘शिव‘ की जटाओं में समाई गंगा की सफाई चाहतीं हैं ‘उमा‘
गैर राजनैतिक गंगा अभियान का आगाज किया उमा ने
गंगा सफाई पर 7 को हरिद्वार में होगा सेमीनार
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और वर्तमान निजाम शिवराज सिंह चौहान ने आज मध्य प्रदेश भवन में एक साथ समय बिताया। उमा भारती ने गंगा अभियान को लेकर एमपी भवन में बैठक ली तो वहीं दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के साथ हो रहे अन्याय को लेकर संसद सदस्यों से मंत्रणा की। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान भोपाल गैस त्रासदी मंत्री बाबू लाल गौर ने गैस को लेकर हुई गु्रप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में शिरकत की। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के एक साथ मध्य प्रदेश भवन में हाने से राजनैतिक फिजां में एक बार फिर गर्माहट महसूस होने लगी है।
एमपी भवन के सूत्रों का कहना है कि उमा भारती पिछले दो दिनों से राजधानी दिल्ली में हैं। उमा करीबी लोगों के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार उमा भारती ने अपने इस दिल्ली प्रवास में भाजपा के शीर्ष नेताओं से चर्चा भी की है। यद्यपि गंगा की सफाई का अभियान का काम उमा भारती ने अपने हाथों में लिया है, किन्तु माना जा रहा है कि उमा भारती इसकी आड़ में राजनैतिक हित साध रहीं हैं। सूत्रों ने तो यहां तक संकेत दिए हैं कि शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती के बीच मंत्रणा भी हुई है। इसमें कितनी सच्चाई है यह तो वे दोनों ही जाने किन्तु मीडिया द्वारा उमा भारती से जब यह पूछा गया कि क्या उनकी शिवराज सिंह चौहान से भेंट हुई? तो वे अपने चिरपरिचित अंदाज में भड़क उठीं।
बहरहाल उमा भारती ने बताया कि उन्होंने गंगा के संरक्षण और उसे प्रदूषण मुक्त रखने की गरज से गंगा के हितों में काम करने वाली संस्थाओं को एक सूत्र में पिरोने का काम आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश के उपर गंगा का संरक्षण और संवर्धन अत्यावश्यक है, साथ ही ऋषिकेश से कलकत्ता तक गंगा के साथ प्रदूषण सबसे अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि 07 अप्रेल को इसी तारतम्य में हरिद्वार में एक सेमीनार का आयोजन किया गया है, एवं आठ अप्रेल से गंगा अभियान को आरंभ कर दिया जाएगा।
उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने मध्य प्रदेश के मामलों को संसद में वजनदारी के साथ उठाने के लिए भाजपा के सांसदों को धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ ही पाले के मसले पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक शीघ्र बुलाने की मांग भी की है। इसी तारतम्य में शिवराज सिंह चौहान ने गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदंबरम और कृषि मंत्री शरद पवार से चर्चा भी की।
शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस नीत केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के साथ लगातार ही सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में होने वाला कोयला ही प्रदेश को नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश को मिलने वाली बिजली में भी कटौती कर दी गई है। कोल ब्लाक भी नहीं दिए जा रहे हैं। साथ ही साथ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इस बार एक भी सड़क मध्य प्रदेश के खाते में नहीं दी गई है।