सोमवार, 24 दिसंबर 2012

लोकतंत्र यहां पर जिंदा है? पर हम शर्मिंदा हैं


लोकतंत्र यहां पर जिंदा है? पर हम शर्मिंदा हैं

(लिमटी खरे)

भारत गणराज्य की स्थापना जिन उद्देश्यों के मद्देनजर की गई थी, भारत गणराज्य में प्रजातंत्र को जिस रूप में परिभाषित किया गया था वह आज के समय में प्रासंगिक नहीं रह गया है। आज भारत गणराज्य की स्थिति देखकर लग रहा है, मानो प्रजातंत्र का अर्थ हिटलरशाही हो गया है। आज का युवा जिसे आजादी कैसे मिली, आजादी के उपरांत भारत ने किस तरह अपने आप को संभाला और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा पता नहीं है, उसे अचानक इस बात का भान होने लगता है कि जब वह अपने हक की बात करता है तो निर्लज्ज शासक उसे लाठियों से पीट देते हैं। दिल्ली के इंडिया गेट की जो तस्वीरें सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स से सार्वजनिक हुई हैं उनसे साफ होता है कि देश की पुलिस को ब्रितानी गोरों की पुलिस समझकर देश की बेटियां झांसी की रानीके मानिंद लोहा ले रही थीं। आज समूची दुनिया के सामने भारत सरकार और खाकी वर्दी की जो छवि प्रस्तुत हुई है उससे समूचा भारत गणराज्य कह रहा है -लोकतंत्र यहां पर जिंदा है, पर हम शर्मिंदा हैं।

अस्सी की उम्र में पहुंचने वाले लोगों को इस बात का भान होगा कि गुलाम भारत में किस तरह जीवन यापन किया जाता था। घर के बुजुर्ग बताते हैं कि घोड़ों और साईकल पर सवार होकर गोरे ब्रितानी आते और लगान वसूला करते थे। उस समय अगर किसी के द्वारा शिकायत की जाती कि पानी नहीं मिल पा रहा है तब ब्रितानी चिल्ला कर कहते -‘‘पानी की जवाबडारी हमारी नहीं है, पानी का इटजाम खुद करो।इसी तरह अब सुरक्षा की बात जब आ रही है तो कमोबेश उसी तर्ज पर देश की हुकूमतें परोक्ष तौर पर कह रहीं हैं कि सुरक्षा की व्यवस्था खुद करो। महिलाएं अपनी अस्मत की रक्षा खुद करें बस सरकार का काम भाषणों में महिलाओं की सुरक्षा, बेटी बचाओ, महिलाओं को बराबरी का दर्जा जैसी बातों को शामिल करना रह गया है।
कितने आश्चर्य की बात है कि देश में बलात्कार जैसे संगीन अपराध में न्याय पाने के लिए हजारों युवाओं के द्वारा विजय चौक और इंडिया गेट जाकर गगनभेदी नारे लगाए जाते हैं। पर संसद, नार्थ और साउथ ब्लाक की पत्थरों की दीवारों एवं रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के लोहे के दरवाजों से टकराकर वह लौट जाती है। दिल्ली का विजय चौक इतिहास में बड़े बड़े आंदोलनों का साक्षी रहा है, वहीं अब देश के नौनिहालों को लाठियों से इस कदर पीटा जाता है मानो कपड़े धोए जा रहे हों। हाड गलाने वाली ठण्ड में निरीह, निर्लज्ज, नपुंसक सरकार द्वारा ना केवल लाठियां भांजी जाती हैं, वरन् उन पर ठण्डे पानी की बौछार फेंकी जाती है। षणयंत्र पूर्वक उनके आंदोलन को कुचल दिया जाता है।
देश की बेटियां जिस तरह से पुलिस का मुकाबला कर रहीं हैं, उनके उस जज्बे पर समूचा देश उन्हें तहे दिल से सलाम कर रहा है। जैसे ही सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स यानी सोशल मीडिया के माध्यम से इंडिया गेट, विजय चौक के पुलिस बर्बरता के दृश्य सार्वजनिक हुए वैसे ही देश में एक तरह से सरकार और विपक्ष में बैठे जनता के नुमाईंदों के प्रति नाराजगी का संचार होना आरंभ हुआ। विपक्ष में बैठे एक दो नेताओं ने भी बस अपनी बात कहकर रस्म अदायगी कर ली। देश की बेटियों ने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की भूमिका में अपने आप को लाया तो निर्ल्लज नपुंसक पुलिस ने गोरे ब्रितानियों के अत्याचारों को भी शर्मसार कर दिया।
देश के युवा के मन में आक्रोश है। यह घुटन इस बात की है कि बलात्कार के मामले में सरकार का स्टेंड इतना लचीला और गैर जिम्मेदाराना कैसे है? युवा आश्चर्यचकित है कि एक महिला के साथ आवाज बुलंद करने में देश की पहली महामहिम महिला राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित, ममता बनर्जी, जयललिता, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मायावती, उमा भारती, पहली महिला आईपीएस किरण बेदी आदि को शर्म आ रही है। ये सभी अपने अपने मुंह में दही जमाकर बैठ गए हैं।
नौ दिन तक आंदोलन चलता है। हजारों युवाओं का हुजूम इंडिया गेट और विजय चौक पर आवाज देता है। हम इन युवाओं के हुजूम को सलाम करना चाहेंगे क्योंकि यह स्वप्रेरणा से किया गया आंदोलन था जिसमें राजनैतिक नेतृत्व कहीं से कहीं तक शामिल नहीं हो सका। समूचे देश ने सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स के माध्यम से देखा कि किस तरह से युवाओं ने अपने ही अधिकारों के लिए अपने ही देश की पुलिस से किस तरह जंग लड़ी। अनेक लोगों ने तो पुलिस को गोरे ब्रितानियों और युवाओं को देश भक्तों की संज्ञा दे डाली।
इस पूरे परिदृश्य का सबसे घृषित और निंदनीय पहलू यह था कि यह सब होने के बाद भी राससीना हिल्स पर ही महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, देश की पहली महामहिम महिला राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित, ममता बनर्जी, जयललिता, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मायावती, उमा भारती, पहली महिला आईपीएस किरण बेदी आदि चैन की नींद सोते रहे।
राजनीति शास्त्र में लोकतंत्र या प्रजातंत्र में जनता द्वारा, जनता का, जनता के लिए शासनका ही उल्लेख मिलता है। लोकतंत्र या प्रजातंत्र तब तक ही सफल या कारगर रह सकता है जब तक इसमें जनता की मुहर लगी हो। वैसे तो लोकतंत्र में काफी समय से राजनेताओं द्वारा सेंध लगाई जा रही थी, किन्तु 2004 के उपरांत सत्ता में आई कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के शासनकाल में कांग्रेस के आलंबरदारों ने सत्ता को अपने घर की निजी परचून की दुकान समझ लिया है। मनमोहन सिंह ने गठबंधन धर्म को राष्ट्र धर्म के उपर समझकर गठबंधन के सहयोगियों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को देश को लूटने का खुला लाईसेंस दे दिया।
सत्ता की चाभी परोक्ष तौर पर नौकरशाहों के हाथों में सौंप दी गई। इसका सीधा परिणाम 16 दिसंबर की रात गैंग रेप का शिकार होने के बाद केंद्रीय गृह सचिव का दिल्ली पुलिस की पीठ ठोंकना है। देश में नैतिकता अब बची ही नहीं है। सुशील कुमार शिंदे देश के गृह मंत्री की कुर्सी पर विद्यमान हैं। वे कहते हैं जनता की याददाश्त कमजोर होती है जनता सब कुछ भूल जाएगी। इसके बाद जब वे एक पत्रकार वार्ता करते हैं तब उनके बाजू में गृह सचिव आर.के.सिंह भी दिखाई देते हैं जो दिल्ली पुलिस की पीठ बलात्कार के बाद थपथपाते हैं। शिंदे भूल जाते हैं कि जिस आसनी पर वे बैठे हैं उस कुर्सी पर कभी लौह पुरूष वल्लभ भाई पटेल विराजमान थे।
महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, देश के मंत्री, सूबों के मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी, युवराज राहुल गांधी आदि आखिर कैसे समझ सकते हैं देश की जनता की पीड़ा, देश का मिजाज। अगर उन्हें यह सब कुछ समझना है तो उन्हें निकलना ही होगा जेड़ प्लस सुरक्षा घेरे के बाहर, नेता शायद भूल जाते हैं कि जेड प्लस सुरक्षा घेरा भी उन्हें जनता के पैसों से ही मिल रहा है जिससे वे अपने आप को महफूज पा रहे हैं। यही कारण है कि आए दिन देश में बलात्कार की घटनाओं से आम आदमी सिहरा हुआ है और देश के जेड़ प्लस सुरक्षा धारियों की बेटियां पूरी तरह महफूज हैं। भरे हुए दिल से बस यही कहना चाहूंगा कि -

चले गए गोरे ब्रितानी, लगा हो गया लोकतंत्र जिंदा।
ना मचेगी लूट खसोट, ना मार सकेगा भ्रष्घ्टाचार का पर परिंदा।।
चहुं ओर मच गई लूट खसोट काम कर गया सरकारी कारिंदा।।
गैरों की कोन कहे, अपने ने ही जमकर लूटा हो गए हम शर्मिंदा।।।

- लिमटी खरे

पत्रकारों का अवैध कब्ज़ा,14 करोड़ से अधिक की चपत लगी है सरकार को


पत्रकारों का अवैध कब्ज़ा,14 करोड़ से अधिक की चपत लगी है सरकार को

(ऋत्युत मिश्र)

भोपाल (साई)। मीडिया को भले ही चौथा स्तम्भ माना जाता है लेकिन भोपाल की हाल जानें तो यही चौथा स्तम्भ भ्रष्टाचार की मूर्ती बना हुआ है। कईं मीडिया वाले लोग नियम विरूद्ध सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं ये सभी पत्रकार ,पत्रकार न होकर किसी न किसी बड़े नेता के चहेते हैं । भोपाल में अवैध कब्जाधारी और करोड़ो रूपये के सरकारी बकायादार पत्रकारों की संख्या  210 है जिससे की सरकार को चूना लगता साफ़ नजर आता है । यह मकान केवल एक से तीन साल के लिए आवंटित होते हैं पर कुछ नेताओं के जिगरी पत्रकार तो पिछले 37 सालों से अनाधिकृत रह रहे हैं।  इन पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर 14 करोड़ रूपये से अधिक की किराया राशि सरकार को नहीं दी। हाल ही में जनसंपर्क विभाग से रिटायर्ड अधिकारी एसपी दीक्षित द्वारा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के साथ लगे दस्तावेज यह जानकारी बयान कर रहे हैं।
एसपी दीक्षित ने सूचना के अधिकार से हासिल जानकारी के बाद भोपाल के सबसे पाश इलाकों चार इमली, शिवाजी नगर, 45 बंगला, 74 बंगला में आंवटित इन मकानों की विस्तृत जानकारी लेकर कोर्ट में याचिका दायर की। 15 सितंबर 2011 को संपदा संचालनालय ने बताया कि राजधानी के सबसे पाश इलाकों में कुल 210 मीडिया कर्मियों और कार्यालयों को सरकारी आवास आवंटित हैं,इसमें पर 11 हाईकोर्ट स्टे,176 अनाधिकृत कब्जा है, 23 से मकान खाली कराए गए हैं। सूची में पत्रकारों के नाम, संस्थान, पता और उन पर 30 नवंबर 2010 तक की बकाया किराया राशि 14 करोड़ रूपये बताई गई है।
0 मुंह छुपाती फिर रही शिव की सरकार
श्री दीक्षित ने याचिका में बताया है कि लेखा परीक्षक ने भी वर्ष 2011 में प्रेस पूल के तहत आवंटित मकानों पर अनाधिकृत कब्जा बताया था एवं इसपर आपत्ति भी ली थी  । आडिट में पत्रकारों पर बकाया राशि 14 करोड़ रूपये जल्द वसूलने के निर्देश भी दिए थे। याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार मीडिया के जरिए हित साधने और विवादों से बचने के लिए इन अवैध कब्जों पर कोई कार्रवाई नहीं करती। जबकि 2006 में सुप्रीम कोर्ट मप्र समेत सभी राज्यों को पत्रकारों से तत्काल सरकारी आवास खाली कराने के निर्देश जारी कर चुकी है।
0 मरणोपरांत अब इनके परिजन रहते हैं मकान में
दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि जिन 20 आवासों के आदेश मे अवधि का जिक्र नहीं है उनमे से तीन के आवंटी ललित श्रीवास्तव,राज भारद्वाज और ज्ञान प्रकाश बाली का सालों पहले निधन हो चुका है। न तो उनके परिजनों ने मकान खाली किए और न सरकार ने खाली कराने की गंभीर पहल ही की। बिना अवधि वाले अन्य 17 आवंटियों मे से पांच रिटायर हो चुके हैं और केवल सरकारी मकान पर कब्जा जमाए रखने के लिए जबरिया पत्रकार बने हुए हैं। सभी पर लाखों रूपये की रिकवरी है।
0 जनसंपर्क ने झाड़ा पल्ला
अवैध कब्जे वाले शासकीय आवासों को खाली कराने के लिए शासन स्तर पर विचार चल रहा है। आवंटन का कार्य भी शासन स्तर पर ही होता है। यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। दृ अजय शर्मा,संचालक संपदा संचालनालय
0 टॉप टेन बकायादार
नाम बकाया राशि
1. ओमप्रकाश मेहता 1.24 करोड़
2. सिद्धार्थ खरे 1.10 करोड़
3. शिव अनुराग पटेरिया 26.82 लाख
4. राजेंद्र शर्मा 21.17 लाख
5. बीके बोद्रीया 20.44 लाख
6. अनिल अरविंद शर्मा 19.58 लाख
7.उमेश त्रिवेदी 18.94 लाख
8. प्रजामित्र आफिस 17.46 लाख
9. संजय कुमार, प्रजामित्र 17.13 लाख
10. राजीव मोहन गुप्त 16.95 लाख
(15 सितंबर 2011 को सूचना के अधिकार में 30 नवंबर 2010 तक की बकाया राशि के अनुसार)
अनधिकृत कब्जा
नाम राशि (रूपये में)
1-भरत अग्रवाल, 269729
2-आर एस अग्निहोत्री 152979
3-अजय पांडे 65403
4-सतीश एलिया 110354
5-भगवान उपाध्याय 114541
6-दिनेश दीनू, 15400
7-सोमदत्त शास्त्री 623534
8-पुरूषोत्तम सोढानी 197866
9-नासिर हुसैन 249988
10-हरिमोहन मोदी 257618
11-रमेश ठाकुर 410807
12-मनोज शर्मा 264573
13-ब्रजेश राजपूत 199246
14-अनिल दूबे 99960
15-रंजन श्रीवास्तव 49798
16-अंजलि कुमार झा 308291
17-अजय त्रिपाठी 30829
18-राकेश अग्निहोत्री 76448
19-सिकंदर अहमद 82203
20-सुनील शर्मा 41619
21-संजीव श्रीवास्तव 36425
22-ठाकुर विक्रम सिंह 157367
23-मनीष शर्मा 109692
24-विश्व संवाद केन्द्र
25-अनिल सौमित्र 184426
26-विजयदत्त श्रीधर 1271416
27-रत्नाकर त्रिपाठी 645292
28-शरद द्विवेदी 534949
29-ऋ षी पांडे 186065
30-कैलाश श्रीवास्तव 27982
31-राजेन्द्र शर्मा 2117680
32-कैलाश गौड
33-मणिकांत सोनी 386307
34-मधुकर द्विवेदी 749082
35-हंसराज शर्मा 756468
36-अनिल अरविंद शर्मा 1958246
37-प्रशांत जैन 475132
38-पुष्पराज पुरोहित 750658
39-ह्वदयेश दीक्षित 86170
40-नईदुनिया आफिस 1235070
41-के डी शर्मा 13572
42-राघवेन्द्र सिंह 660244
43-लोकमत आफिस 495760
44-निर्मल बैस
45-राजकुमार अवस्थी 678870
46-भूपेन्द्र निगम 677391
47-ए एच कुरैशी 778805
48-दिनेश गुप्ता 695386
49-दीपक तिवारी 487849
50-सुधीर पांडे 66634
51-अलीम बज्मी 684607
52-रमेश तिवारी 737154
53-विष्णु कौशिक 727212
54-अंवतिका आफि स 690802
55-कैलाश सारंग 4807
56-राजेश बादल 1113634
57-प्रजामित्र आफिस 1746951
58-राजेश चतुर्वेदी 491552
59- ओपी दृ कुन्द्रा
60-एस पी त्रिपाठी 1216212
61-ओमप्रकाश मेहता 12433207
62-रमेश शर्मा 1070725
63-र्स्ट्रेटसमैन आफि स 1052603
64-के एस शाईनी 648007
65-आत्मदीप 436330
66-सुनील शैन 930249
67-अभिलाष खांडेकर 1130902
68-अमृत संदेश आफिस 1153182
69-सुधीर के सिंह 904851
70-यू एन आई आफिस 787349
71-उमेश त्रिवेदी 1894660
72-बी के बोर्दिया 2044080
73-मैनेशर प्रेस ट्रस्ट 515402
74-संशय कुकार प्रजामित्र 1713504
75-महेश पांडे 1246238
76-एल एस हरदेनिया 1306029
77-गोविंदलाल वोरा अमृतसंदेश 1658570
78-राजेन्द्र शर्मा जीन्यूश 487173
79-रामभुवन कुशवाहा 1255642
80-सुश्री मुक्ता पाठक 411785
81-महेन्द्र गगन
82-कैलाश पंत
83-राजकुमार केसवानी 1158013
84-संजीव मजुपुरिया 1157655
85-विजय तिवारी
86-फ्री प्रेस आफिस 436330
87-सुरेश शर्मा 730634
88-राजेश दुबे 751068
89-स्वदेश आफिस 1212549
90-शिवअनुराग पटेरिया 2682659
91-अरूण पटेल 1206253
92-महेन्द्र सेठिया 1227726
93-हम समवेत कार्यालय 387540
94-संजय रायजादा 5620
95-लालसिंह यादव 489544
96-श्याम अवस्थी 608809
97-पुष्पेन्द्र सोलंकी 448918
98- गोविन्द तोेमर 508805
99-जी न्यूज आफिस 349229
100-प्रेस ट्रस्ट आफिस-वीरेंद्रसिंह 760647
101-मुजीब फारूखी 508779
102-उमेश दीक्षित 214280
103-विजय दास 761473
104-रामगोपाल शर्मा 20553
105-प्रकाश हतवलने 607964
106-राजेश दुबे 439208
107-अवंतिका ब्यौहार 522818
108-राजेन्द्र धनौतिया 364832
109-प्रवीण वाजपेयी 419329
110-दिनेश निगम 414417
111-मिलिन्द कुलकर्णी 407479
112-संतोष साहू 456883
113-राजेश चेलावत 457350
114-लालमणि पांडे 520979
115-प्यारे मियां 540162
116-राज भारद्वाज 22932
117-ओमप्रकाश गौड 505720
118-ए अली 2145
119-सुरेश खरे 607454
120-संजीव गुप्ता 736390
121-ओमी खंडेलवाल 533076
122-विजया पाठक 529369
123-केशव शर्मा 518747
124-विनोद श्रीवास्तव 247608
125-के के अग्निहोेत्री 533076
126-एस पी जे बारी 733519
127-राधावल्लभ शारदा 752244
128-मलय श्रीवास्तव 632478
129-राममोहन चौकसे 675894
130-राम अधीर 748795
131-प्रकाश भटनागर
132-ए के मिश्र
133-अरविन्द शीले 689839
134-राकेश दीक्षित 619181
135-अमृत मंथन आफिस 498450
136-राहुल सिंह
137-गणेश साकल्ले 1003218
138-दिनेश जोशी 685136
139-पंकज पाठक 679005.
140-राजेश पांडे 643340
141-चन्द्रहास शुक्ल 666968
142-प्रभु मिश्र
143-महेन्द्र सिंह 177405
144-रेनू पाठक 644675
145-किशनलाल जाटव 747165
146-सविता वाजपेयी
147-राजेश सिरौठिया
148-के बी लहरी 704296
149-सरमन नगेले 300217
150-कमलश प्रधान 452902
151-आशुतोष शुक्ला
152-राजेश साबू 735453
153-सलभ भदोरिया 753695
154-आर डी तिवारी 1057960
155-मूंगाराम त्रिपाठी 742386
156-राजीव मोहन गुप्त 1695783
157-अवधेश बजाज 414645
158-ललित श्रीवास्तव 780185
159-राजेन्द्र तिवारी 486760
160-मदनमोहन गुप्त 580536
161-एन डी शर्मा 270575
162-अतुल पुरोहित 288400
163-संजीव जैन 263571
164-मृगेन्द्र सिंह 182970
165-दिनेश निगम त्यागी 278182
166-पलाश सुरजन 272092
167-बिजेश लूणावत 263777
168-सनत जैन 619608
169-वीरेन्द्र सिन्हा 760647
170-गिरजा शंकर 1060685
171-आर सी अग्रवाल 1337869
172-हिंदुस्तान टाइम्स आफिस 671571
173-अरूण दीक्षित 1621115
174-एच एस खान 797066
175-सुरेन्द्र तिवारी
176-चौथा संसार आफिस 1624534
हाईकोर्ट स्टे
1-एम एस चौहान 1110473
2-नीरज मिश्र 1058613
3-एन पी त्रिपाठी 443921
4-दिनेश खरे 272635
5-जी पी बाली 1038777
6-के डी सिंह 710550
7-बंसीलाल गांधी 205936
8-एस एस अस्थाना 466573
9-नागेन्द्र त्रिपाठी 679613
10-सुरेन्द्र संघवी 1666581
11-एम वाए चौधरी 734639
खाली कराए ( संपदा संचालनालय का दावा)
1-सिद्धार्थ कानूनगो
2-कुमार शक्ति शेखर 248279
3-अनुराग उपाध्याय 216548
4-सुश्री आंकाक्षा 63773
5-प्राईमटाइम न्यूज 544533
6-महेन्द्र शर्मा 487473
7-मजरउल्लाह 7086
8-गुरूबचन सिंह 748202
9-मनोहर चौरे 73823
10-सिद्धार्थ खरे 11061549
11-मोहम्मद यूनुस 74892
12-सुधीर सक्सेना 1174115
13-पी के पांडे 7728
14-देवेन्द्र शर्मा 713430
15-नवीन दुनिया आफिस 1297612
16-अशफाक नकवी 81045
17-स्वराज त्रिवेदी 1174082
18-नितिन राय 92867
19-घ् के भंडारी 596787
20-विशंभर शुक्ला 593765
21-गिरीश पुरोहित 324369
22-विशंभर शर्मा 590907
23-राजेश दुबे 639768
(15 सितंबर 2011 को सूचना के अधिकार में 30 नवंबर 2010 तक की बकाया राशि के अनुसार)
(साभार न्यूज़मेकरइंडिया)

पत्रकारों का अवैध कब्ज़ा,14 करोड़ से अधिक की चपत लगी है सरकार को


पत्रकारों का अवैध कब्ज़ा,14 करोड़ से अधिक की चपत लगी है सरकार को

(ऋत्युत मिश्र)

भोपाल (साई)। मीडिया को भले ही चौथा स्तम्भ माना जाता है लेकिन भोपाल की हाल जानें तो यही चौथा स्तम्भ भ्रष्टाचार की मूर्ती बना हुआ है। कईं मीडिया वाले लोग नियम विरूद्ध सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं ये सभी पत्रकार ,पत्रकार न होकर किसी न किसी बड़े नेता के चहेते हैं । भोपाल में अवैध कब्जाधारी और करोड़ो रूपये के सरकारी बकायादार पत्रकारों की संख्या  210 है जिससे की सरकार को चूना लगता साफ़ नजर आता है । यह मकान केवल एक से तीन साल के लिए आवंटित होते हैं पर कुछ नेताओं के जिगरी पत्रकार तो पिछले 37 सालों से अनाधिकृत रह रहे हैं।  इन पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर 14 करोड़ रूपये से अधिक की किराया राशि सरकार को नहीं दी। हाल ही में जनसंपर्क विभाग से रिटायर्ड अधिकारी एसपी दीक्षित द्वारा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के साथ लगे दस्तावेज यह जानकारी बयान कर रहे हैं।
एसपी दीक्षित ने सूचना के अधिकार से हासिल जानकारी के बाद भोपाल के सबसे पाश इलाकों चार इमली, शिवाजी नगर, 45 बंगला, 74 बंगला में आंवटित इन मकानों की विस्तृत जानकारी लेकर कोर्ट में याचिका दायर की। 15 सितंबर 2011 को संपदा संचालनालय ने बताया कि राजधानी के सबसे पाश इलाकों में कुल 210 मीडिया कर्मियों और कार्यालयों को सरकारी आवास आवंटित हैं,इसमें पर 11 हाईकोर्ट स्टे,176 अनाधिकृत कब्जा है, 23 से मकान खाली कराए गए हैं। सूची में पत्रकारों के नाम, संस्थान, पता और उन पर 30 नवंबर 2010 तक की बकाया किराया राशि 14 करोड़ रूपये बताई गई है।
0 मुंह छुपाती फिर रही शिव की सरकार
श्री दीक्षित ने याचिका में बताया है कि लेखा परीक्षक ने भी वर्ष 2011 में प्रेस पूल के तहत आवंटित मकानों पर अनाधिकृत कब्जा बताया था एवं इसपर आपत्ति भी ली थी  । आडिट में पत्रकारों पर बकाया राशि 14 करोड़ रूपये जल्द वसूलने के निर्देश भी दिए थे। याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार मीडिया के जरिए हित साधने और विवादों से बचने के लिए इन अवैध कब्जों पर कोई कार्रवाई नहीं करती। जबकि 2006 में सुप्रीम कोर्ट मप्र समेत सभी राज्यों को पत्रकारों से तत्काल सरकारी आवास खाली कराने के निर्देश जारी कर चुकी है।
0 मरणोपरांत अब इनके परिजन रहते हैं मकान में
दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि जिन 20 आवासों के आदेश मे अवधि का जिक्र नहीं है उनमे से तीन के आवंटी ललित श्रीवास्तव,राज भारद्वाज और ज्ञान प्रकाश बाली का सालों पहले निधन हो चुका है। न तो उनके परिजनों ने मकान खाली किए और न सरकार ने खाली कराने की गंभीर पहल ही की। बिना अवधि वाले अन्य 17 आवंटियों मे से पांच रिटायर हो चुके हैं और केवल सरकारी मकान पर कब्जा जमाए रखने के लिए जबरिया पत्रकार बने हुए हैं। सभी पर लाखों रूपये की रिकवरी है।
0 जनसंपर्क ने झाड़ा पल्ला
अवैध कब्जे वाले शासकीय आवासों को खाली कराने के लिए शासन स्तर पर विचार चल रहा है। आवंटन का कार्य भी शासन स्तर पर ही होता है। यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। दृ अजय शर्मा,संचालक संपदा संचालनालय
0 टॉप टेन बकायादार
नाम बकाया राशि
1. ओमप्रकाश मेहता 1.24 करोड़
2. सिद्धार्थ खरे 1.10 करोड़
3. शिव अनुराग पटेरिया 26.82 लाख
4. राजेंद्र शर्मा 21.17 लाख
5. बीके बोद्रीया 20.44 लाख
6. अनिल अरविंद शर्मा 19.58 लाख
7.उमेश त्रिवेदी 18.94 लाख
8. प्रजामित्र आफिस 17.46 लाख
9. संजय कुमार, प्रजामित्र 17.13 लाख
10. राजीव मोहन गुप्त 16.95 लाख
(15 सितंबर 2011 को सूचना के अधिकार में 30 नवंबर 2010 तक की बकाया राशि के अनुसार)
अनधिकृत कब्जा
नाम राशि (रूपये में)
1-भरत अग्रवाल, 269729
2-आर एस अग्निहोत्री 152979
3-अजय पांडे 65403
4-सतीश एलिया 110354
5-भगवान उपाध्याय 114541
6-दिनेश दीनू, 15400
7-सोमदत्त शास्त्री 623534
8-पुरूषोत्तम सोढानी 197866
9-नासिर हुसैन 249988
10-हरिमोहन मोदी 257618
11-रमेश ठाकुर 410807
12-मनोज शर्मा 264573
13-ब्रजेश राजपूत 199246
14-अनिल दूबे 99960
15-रंजन श्रीवास्तव 49798
16-अंजलि कुमार झा 308291
17-अजय त्रिपाठी 30829
18-राकेश अग्निहोत्री 76448
19-सिकंदर अहमद 82203
20-सुनील शर्मा 41619
21-संजीव श्रीवास्तव 36425
22-ठाकुर विक्रम सिंह 157367
23-मनीष शर्मा 109692
24-विश्व संवाद केन्द्र
25-अनिल सौमित्र 184426
26-विजयदत्त श्रीधर 1271416
27-रत्नाकर त्रिपाठी 645292
28-शरद द्विवेदी 534949
29-ऋ षी पांडे 186065
30-कैलाश श्रीवास्तव 27982
31-राजेन्द्र शर्मा 2117680
32-कैलाश गौड
33-मणिकांत सोनी 386307
34-मधुकर द्विवेदी 749082
35-हंसराज शर्मा 756468
36-अनिल अरविंद शर्मा 1958246
37-प्रशांत जैन 475132
38-पुष्पराज पुरोहित 750658
39-ह्वदयेश दीक्षित 86170
40-नईदुनिया आफिस 1235070
41-के डी शर्मा 13572
42-राघवेन्द्र सिंह 660244
43-लोकमत आफिस 495760
44-निर्मल बैस
45-राजकुमार अवस्थी 678870
46-भूपेन्द्र निगम 677391
47-ए एच कुरैशी 778805
48-दिनेश गुप्ता 695386
49-दीपक तिवारी 487849
50-सुधीर पांडे 66634
51-अलीम बज्मी 684607
52-रमेश तिवारी 737154
53-विष्णु कौशिक 727212
54-अंवतिका आफि स 690802
55-कैलाश सारंग 4807
56-राजेश बादल 1113634
57-प्रजामित्र आफिस 1746951
58-राजेश चतुर्वेदी 491552
59- ओपी दृ कुन्द्रा
60-एस पी त्रिपाठी 1216212
61-ओमप्रकाश मेहता 12433207
62-रमेश शर्मा 1070725
63-र्स्ट्रेटसमैन आफि स 1052603
64-के एस शाईनी 648007
65-आत्मदीप 436330
66-सुनील शैन 930249
67-अभिलाष खांडेकर 1130902
68-अमृत संदेश आफिस 1153182
69-सुधीर के सिंह 904851
70-यू एन आई आफिस 787349
71-उमेश त्रिवेदी 1894660
72-बी के बोर्दिया 2044080
73-मैनेशर प्रेस ट्रस्ट 515402
74-संशय कुकार प्रजामित्र 1713504
75-महेश पांडे 1246238
76-एल एस हरदेनिया 1306029
77-गोविंदलाल वोरा अमृतसंदेश 1658570
78-राजेन्द्र शर्मा जीन्यूश 487173
79-रामभुवन कुशवाहा 1255642
80-सुश्री मुक्ता पाठक 411785
81-महेन्द्र गगन
82-कैलाश पंत
83-राजकुमार केसवानी 1158013
84-संजीव मजुपुरिया 1157655
85-विजय तिवारी
86-फ्री प्रेस आफिस 436330
87-सुरेश शर्मा 730634
88-राजेश दुबे 751068
89-स्वदेश आफिस 1212549
90-शिवअनुराग पटेरिया 2682659
91-अरूण पटेल 1206253
92-महेन्द्र सेठिया 1227726
93-हम समवेत कार्यालय 387540
94-संजय रायजादा 5620
95-लालसिंह यादव 489544
96-श्याम अवस्थी 608809
97-पुष्पेन्द्र सोलंकी 448918
98- गोविन्द तोेमर 508805
99-जी न्यूज आफिस 349229
100-प्रेस ट्रस्ट आफिस-वीरेंद्रसिंह 760647
101-मुजीब फारूखी 508779
102-उमेश दीक्षित 214280
103-विजय दास 761473
104-रामगोपाल शर्मा 20553
105-प्रकाश हतवलने 607964
106-राजेश दुबे 439208
107-अवंतिका ब्यौहार 522818
108-राजेन्द्र धनौतिया 364832
109-प्रवीण वाजपेयी 419329
110-दिनेश निगम 414417
111-मिलिन्द कुलकर्णी 407479
112-संतोष साहू 456883
113-राजेश चेलावत 457350
114-लालमणि पांडे 520979
115-प्यारे मियां 540162
116-राज भारद्वाज 22932
117-ओमप्रकाश गौड 505720
118-ए अली 2145
119-सुरेश खरे 607454
120-संजीव गुप्ता 736390
121-ओमी खंडेलवाल 533076
122-विजया पाठक 529369
123-केशव शर्मा 518747
124-विनोद श्रीवास्तव 247608
125-के के अग्निहोेत्री 533076
126-एस पी जे बारी 733519
127-राधावल्लभ शारदा 752244
128-मलय श्रीवास्तव 632478
129-राममोहन चौकसे 675894
130-राम अधीर 748795
131-प्रकाश भटनागर
132-ए के मिश्र
133-अरविन्द शीले 689839
134-राकेश दीक्षित 619181
135-अमृत मंथन आफिस 498450
136-राहुल सिंह
137-गणेश साकल्ले 1003218
138-दिनेश जोशी 685136
139-पंकज पाठक 679005.
140-राजेश पांडे 643340
141-चन्द्रहास शुक्ल 666968
142-प्रभु मिश्र
143-महेन्द्र सिंह 177405
144-रेनू पाठक 644675
145-किशनलाल जाटव 747165
146-सविता वाजपेयी
147-राजेश सिरौठिया
148-के बी लहरी 704296
149-सरमन नगेले 300217
150-कमलश प्रधान 452902
151-आशुतोष शुक्ला
152-राजेश साबू 735453
153-सलभ भदोरिया 753695
154-आर डी तिवारी 1057960
155-मूंगाराम त्रिपाठी 742386
156-राजीव मोहन गुप्त 1695783
157-अवधेश बजाज 414645
158-ललित श्रीवास्तव 780185
159-राजेन्द्र तिवारी 486760
160-मदनमोहन गुप्त 580536
161-एन डी शर्मा 270575
162-अतुल पुरोहित 288400
163-संजीव जैन 263571
164-मृगेन्द्र सिंह 182970
165-दिनेश निगम त्यागी 278182
166-पलाश सुरजन 272092
167-बिजेश लूणावत 263777
168-सनत जैन 619608
169-वीरेन्द्र सिन्हा 760647
170-गिरजा शंकर 1060685
171-आर सी अग्रवाल 1337869
172-हिंदुस्तान टाइम्स आफिस 671571
173-अरूण दीक्षित 1621115
174-एच एस खान 797066
175-सुरेन्द्र तिवारी
176-चौथा संसार आफिस 1624534
हाईकोर्ट स्टे
1-एम एस चौहान 1110473
2-नीरज मिश्र 1058613
3-एन पी त्रिपाठी 443921
4-दिनेश खरे 272635
5-जी पी बाली 1038777
6-के डी सिंह 710550
7-बंसीलाल गांधी 205936
8-एस एस अस्थाना 466573
9-नागेन्द्र त्रिपाठी 679613
10-सुरेन्द्र संघवी 1666581
11-एम वाए चौधरी 734639
खाली कराए ( संपदा संचालनालय का दावा)
1-सिद्धार्थ कानूनगो
2-कुमार शक्ति शेखर 248279
3-अनुराग उपाध्याय 216548
4-सुश्री आंकाक्षा 63773
5-प्राईमटाइम न्यूज 544533
6-महेन्द्र शर्मा 487473
7-मजरउल्लाह 7086
8-गुरूबचन सिंह 748202
9-मनोहर चौरे 73823
10-सिद्धार्थ खरे 11061549
11-मोहम्मद यूनुस 74892
12-सुधीर सक्सेना 1174115
13-पी के पांडे 7728
14-देवेन्द्र शर्मा 713430
15-नवीन दुनिया आफिस 1297612
16-अशफाक नकवी 81045
17-स्वराज त्रिवेदी 1174082
18-नितिन राय 92867
19-घ् के भंडारी 596787
20-विशंभर शुक्ला 593765
21-गिरीश पुरोहित 324369
22-विशंभर शर्मा 590907
23-राजेश दुबे 639768
(15 सितंबर 2011 को सूचना के अधिकार में 30 नवंबर 2010 तक की बकाया राशि के अनुसार)
(साभार न्यूज़मेकरइंडिया)