रविवार, 8 जुलाई 2012

स्टेट क्वालिटी मॉनीटर माह में 3 दिन करेंगे गुणवत्ता परीक्षण


स्टेट क्वालिटी मॉनीटर माह में 3 दिन करेंगे गुणवत्ता परीक्षण

भोपाल (साई)। मनरेगा में किये जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की स्वतंत्र रूप से मॉनीटरिंग करने के लिए स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स का चयन किया गया है। स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स द्वारा माह में एक बार 3 दिनांे के लिए जिलों का भ्रमण किया जाकर मनरेगा एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत आने वाले अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। मनरेगा आयुक्त एवं सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री नीरज मंडलोई ने स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स को प्रतिदिन 15 सौ रुपये के मान से भुगतान किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स को निरीक्षण के लिए राज्य शासन के नियमानुसार यात्रा व्यय एवं डी.ए. की पात्रता होगी। स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स से बेहतर परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से उनके जिलों में पहुँचने के बाद ठहरने एवं निरीक्षण स्थल तक आवागमन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ जिला पंचायत अथवा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री द्वारा की जाएगी।
मुख्य अभियन्ता मनरेगा श्री प्रभाकान्त कटारे ने बताया कि मॉनीटर्स द्वारा किये जाने वाले निरीक्षण का रोस्टर तैयार किया जा रहा है। परिषद मुख्यालय से इन्हें जिलों का आवंटन किया जाएगा जो परिवर्तनीय रहेगा। स्टेट क्वालिटी मॉनीटर्स माह में 3 दिन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का स्वतंत्रतापूर्वक परीक्षण कर जमीनी हकीकत संबंधी प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। मॉनीटर्स की रिपोर्ट के आधार पर आवश्यकता होने पर सुधार के आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

कलेक्टर द्वारा खनन पट्टों की स्वीकृति तथा नवीकरण संबंधी कार्य


कलेक्टर द्वारा खनन पट्टों की स्वीकृति तथा नवीकरण संबंधी कार्य

भोपाल (साई)। राज्य शासन ने कतिपय शर्तों के अधीन कलेक्टर द्वारा खनि रियायत संबंधी नियमों के अनुसार खनन पट्टों की स्वीकृति और नवीनीकरण के कार्य किये जाने की अधिसूचना जारी की है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा पूर्व में अधिसूचना जारी कर कलेक्टर को उनके जिले की सीमान्तर्गत चार हेक्टेयर से कम क्षेत्र पर प्राप्त होने वाले पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति/खनि-पट्टों तथा अपूर्ण आवेदन-पत्रों को निरस्त करने के अधिकार दिये जा चुके हैं। शासन ने संचालक भौमिकी तथा खनि-कर्म को निर्देशित किया है कि उनके पास जिलों से प्राप्त ऐसे जितने भी आवेदन-पत्र हैं वे संबंधित कलेक्टर को निराकरण के लिये वापस भेज दिये जाये। शासन ने इसी कड़ी में पुनः अधिसूचना प्रकाशित कर खनि-पट्टों की स्वीकृति तथा नवीनीकरण के भी अधिकार कलेक्टर को प्रदान कर दिये हैं। इससे राज्य शासन एवं संचालनालय भौमिकी तथा खनि-कर्म स्तर पर कार्य की अधिकता को कम किया गया है। अब अधिकांश आवेदकों के आवेदनों का निराकरण जिला-स्तर पर ही हो सकेगा।
खनिज साधन सचिव श्री एस.एन. मिश्रा ने बताया कि जारी अधिसूचना में तद्नुसार, खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम-1957 की अनुसूची-1 में विनिर्दिष्ट खनिजों तथा चूना पत्थर को छोड़कर समस्त खनिजों की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्तियों और खनन-पट्टों की स्वीकृति अथवा नवीनीकरण किया जायेगा। चूना पत्थर की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति तथा खनन-पट्टों के लिये स्वीकृति अथवा नवीनीकरण, जहाँ कि आवेदित क्षेत्र 50 हेक्टेयर से कम हो।
इसी प्रकार जब किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिये, जहाँ खनिज रियायत पूर्व से ही प्रदान की गई है। उस क्षेत्र को अतिव्यापित करते हुए कोई अन्य आवेदक ने आवेदन प्रस्तुत कर दिया है, तो ऐसे आवेदन का निपटारा नियमों के अनुसार किया जायेगा। यदि खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम-1957 की अनुसूची-1 में विहित किये गये खनिजों तथा अनुसूची-1 में विहित नहीं किये गये खनिजों की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति और/या खनन पट्टे में विचारण के विशिष्ट क्षेत्र में साथ-साथ आवेदन किया गया है, तो खण्ड (1) तथा (2) में यथा उल्लिखित शक्तियाँ प्रयोग में नहीं लाई जायेंगी।

मध्यप्रदेश को डेढ़ लाख किलोलीटर से अधिक केरोसीन का आवंटन


मध्यप्रदेश को डेढ़ लाख किलोलीटर से अधिक केरोसीन का आवंटन

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश को जुलाई से सितम्बर माह तक के लिए एक लाख 56 हजार 492 किलोलीटर केरोसीन का आवंटन प्राप्त हुआ है। राज्य शासन ने जिलेवार प्रतिमाह के मान से केरोसीन का आवंटन किया है। शासन ने समस्त कलेक्टरों को निर्धारित समयावधि में केरोसीन के उठाव के निर्देश दिये हैं। माह जुलाई के केरोसीन का उठाव 31 जुलाई तक, माह अगस्त के केरोसीन का उठाव एक अगस्त से 27 अगस्त तथा माह सितम्बर के केरोसीन का उठाव 28 अगस्त से 22 सितम्बर तक पूर्ण करने को कहा गया है।

एक दशक में उद्यानिकी क्षेत्र में 104 प्रतिशत वृद्धि


एक दशक में उद्यानिकी क्षेत्र में 104 प्रतिशत वृद्धि

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में उद्यानिकी क्षेत्र का बीते एक दशक के दौरान तेजी से विस्तार हुआ है। वर्ष 2001-02 में प्रदेश में 403 हजार हेक्टेयर में उद्यानिकी की फसलें ली जाती थीं। यह क्षेत्र वर्ष 2010-11 में बढ़कर 823 हजार हेक्टेयर हो गया। यह वृद्धि 104 प्रतिशत है।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-12) में उद्यानिकी के लिए 321 करोड़ रुपये का व्यय स्वीकृत था। इसके विरुद्ध, वर्ष 2007-08 में 60 करोड़ 10 लाख 60 हजार, वर्ष 2008-09 में 95 करोड़ 52 लाख 35 हजार, वर्ष 2009-10 में 98 करोड़ 41 लाख 62 हजार रुपये खर्च हुए। अंतिम वर्ष 2011-12 में 150 करोड़ रुपये 14 लाख 54 हजार रुपये के स्वीकृत व्यय के विरुद्ध 163 करोड़ 20 लाख 7 हजार रुपये का व्यय अनुमानित है।
उद्यानिकी फसलों में सबसे ज्यादा 44.4 प्रतिशत क्षेत्र में मसाला फसलें ली जाती हैं। इसके बाद, सबसे ज्यादा 34.5 प्रतिशत क्षेत्र में सब्जियाँ तथा 16 प्रतिशत क्षेत्र में फलों का उत्पादन होता है।
दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) की तुलना में ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान उद्यानिकी के क्षेत्र बहुत विकास हुआ है। दसवीं योजना के प्रथम दो वर्ष में फलों के उत्पादन में 30 प्रतिशत वार्षिक गिरावट आयी थी। ग्यारहवीं योजना के प्रथम चार वर्ष में 190 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई।
वर्ष 2007 से 2010 तक विभिन्न उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में बहुत इज़ाफा हुआ है। इस दौरान मसाला उत्पादन में 19.05 प्रतिशत, साग-सब्जी में 143 प्रतिशत तथा फलों के उत्पादन में 189.97 प्रतिशत वृद्धि हुई।
वर्ष 2011-12 में 13211.70 हेक्टेयर में संकर सब्जी की खेती तथा सब्जी क्षेत्र विस्तार की नयी योजना शुरू की गई। इस वर्ष 2296.17 हेक्टेयर में सब्जी क्षेत्र विस्तार किया गया। इसी तरह 3174.08 हेक्टेयर में मसाला क्षेत्र विस्तार किया गया।

तीन जिलों में बनेगी 78.34 किलोमीटर लम्बाई की 17 सड़क


तीन जिलों में बनेगी 78.34 किलोमीटर लम्बाई की 17 सड़क

भोपाल (साई)। रायसेन, सीहोर और विदिशा में 17 सड़क बनवाई जायेंगी। इन सड़कों के निर्माण पर 41 करोड़ 28 लाख 47 हजार रुपये व्यय किये जायेंगे। इस राशि से 78.34 किलोमीटर लम्बाई की सड़क का निर्माण किया जायेगा।
रायसेन की छह सड़क निर्माण पर 17 करोड़ 21 लाख 88 हजार की राशि व्यय होगी। इस राशि से 30.16 किलोमीटर लम्बाई की सड़क का निर्माण होगा। सीहोर में नौ सड़क के निर्माण पर 15 करोड़ 67 लाख 12 हजार रुपये खर्च होंगे। इससे 29.88 किलोमीटर लम्बी सड़क बनेगी। विदिशा में दो सड़क के लिए 8 करोड़ 39 लाख 47 हजार रुपये की मंजूरी दी गई है। इस राशि से 18.30 किलोमीटर लम्बाई की सड़क बनवाई जायेगी।
इन सड़क निर्माण कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग की स्थायी वित्तीय समिति ने प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की है।
रायसेन जिले की छह सड़क
रायसेन जिले की छह सड़कों में लाड़ली खुकरिया से उमरावगंज मार्ग की 4.70 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 2 करोड़ 36 लाख 33 हजार रुपये, बकतरा से अरका मार्ग की 5 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 3 करोड़ 17 लाख 55 हजार, बकतरा से मालझिर मार्ग की 7.06 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 3 करोड़ 88 लाख 62 हजार, जाखड़ापुल से नानाखेड़ी भड़की सया प्रेम जाताब दिवदिया मार्ग की 8.50 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 4 करोड़ 19 लाख 68 हजार, बकतरा से दिघवाड़ मार्ग की 2.50 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 1 करोड़ 82 लाख 46 हजार रुपये और मेथागाँव-केकड़ा मार्ग की 2.40 किलोमीटर लम्बी सड़क के निर्माण पर 2 करोड़ 17 लाख 24 हजार की राशि व्यय होगी।
सीहोर जिले की नौ सड़क
सीहोर जिले की नौ सड़कों में होलीपुर-टप्पर मार्ग की 3 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 1 करोड़ 42 लाख 9 हजार रुपये, भड़कुल से जमोनिया मार्ग की 7 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 3 करोड़ 46 लाख 49 हजार, मेन रोड बारदा जोड़ से बारदा तक एवं मेन रोड पिपल्या तक पहुँच मार्ग की 2.30 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 1 करोड़ 70 लाख 35 हजार, बोरघी से बोरघा खेड़ा होते हुए नरेला जोड़ तक पहुँच मार्ग की 3 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 1 करोड़ 28 लाख 87 हजार, नानभेंट से ठीकरी मार्ग की 3.20 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 1 करोड़ 35 लाख 91 हजार, गादर-ईशरपुर मार्ग की 1.70 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 1 करोड़ 3 लाख 38 हजार, मोगरा से गुरूसाहब आंतरिक मार्ग की 1.06 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 1 करोड़ 19 लाख 68 हजार, कोसमी से गेहूँखेड़ा से गोंडी गुराड़िया मार्ग की 4 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 1 करोड़ 98 लाख 73 हजार रुपये और गोंडी गुराड़िया से जमोनिया बाज्यात पहुँच मार्ग की 4.62 किलोमीटर सड़क निर्माण पर 2 करोड़ 21 लाख 62 हजार रुपये खर्च किये जायेंगे।
विदिशा जिले की दो सड़क
विदिशा जिले की दो सड़कों में नरखेड़ा से फज्जलपुर मार्ग की 6.06 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 2 करोड़ 81 लाख 13 हजार रुपये और जावती से आनंदपुर निसोवर्री नैनवास से माहनपुरा (तिंसिया) मार्ग की 12.24 किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 5 करोड़ 58 लाख 34 हजार रुपये व्यय होंगे।