गलन भरी ठण्ड ने किया जीना दूभर
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। समूचे उत्तर भारत में शीतलहर जारी है। जम्मू-कश्मीर में आज शुरू होने वाली श्रीनगर-मुज्घ्फराबाद बस सेवा बारामूला जिले के उड़ी सैक्टर में भारी हिमपात के बाद चट्टानें खिसकने की आशंका की वजह से रद्द कर दी गई है। भारतीय वायुसेना ने श्रीनगर और जम्मू में फंसे दो हजार एक सौ यात्रियों को निकाला है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक तरफा यातायात शुरू किए जाने के बाद वहां फंसे तीन हजार एक सौ से ज्यादा वाहन कल जम्मू के लिए रवाना हो गए।
घने कोहरे के कारण उत्तर भारत में रेलगाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ा है। करीब तेइस रेलगाड़ियां देरी से चल रही है और चौंतीस को रद्द कर दिया गया है। पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर हिस्सों में सर्दी से कोई राहत नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी भीषण सर्दी पड़ रही है। न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे है।
बारिश बादलों के साथ एक बार फिर शीतलहर पुरजोर हो गई है। शनिवार को खिली धूप के बाद लोगों को कुछ राहत की उम्मीद बंधी थी। लेकिन रविवार को बादलों का पहरा बैठ गया। उत्ताराखंड के ऊंचे क्षेत्रों में कई स्थानों पर बर्फ गिर गई तो मैदानी इलाकों में बारिश हुई। हिमाचल में भी कुछेक स्थानों पर बर्फ गिरी। लेकिन कश्मीर घाटी में दिनभर धूप खिली रही।
रविवार को मैदानी इलाकों में तापमान नीचे की ओर रहा तो पर्वतांचल में ऊपर चढ़ा। मौसम विभाग के मुताबिक उत्ताराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक इजाफा दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तार भारत में सुबह कड़ाके की ठंड रही, लेकिन कोहरे से राहत मिली। सोमवार को भी दोपहर में बादल छाए रहने और दिन भर ठंडी हवाएं चलने की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, पूर्वी उत्तार प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में खासा कोहरा रहा। मैदानी इलाकों में आगरा देश में सबसे ज्यादा सर्द रहा। यहां न्यूनतम सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे 1.3 डिग्री सेल्सियस तक गिरा। इसी तरह कानपुर में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरकर 3.5 तक पहुंचा। हरियाणा और पंजाब में नारनौल सबसे ज्यादा ठंडा रहा।
उत्ताराखंड में रविवार को मौसम का मिजाज फिर बदल गया। कुमाऊं की दारमा, व्यास, पंचाचूली चोटियां बर्फ गिरने के साथ ही ठंड कड़ाके की हो गई। मैदानी क्षेत्रों में दिनभर बादल छाए रहे। कहीं-कहीं बारिश की फुहारें भी पड़ीं, रात में पाला गिरने से शीतल लहर चल रही है, जिससे लोग परेशान हैं। पाला गिरने से फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों पर रविवार सुबह से बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रविवार को किन्नौर, लाहुल-स्पीति, कुल्लू और धौलाधार की पहाड़ियों में रुक-रुक कर हिमपात हुआ। रविवार दोपहर तक किन्नौर के कल्पा में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकार्ड की गई। शिमला के रोहडू़ की चांशल घाटी में भी रविवार सुबह से हल्का हिमपात हुआ।
कश्मीर घाटी में रविवार को न तो कहीं बारिश हुई, न ही बर्फ गिरी। दिनभर धूप खिली रही। धूप शीतलहर से राहत नहीं दे पाई मगर छतों, गली-बाजारों में जमी बर्फ की परत को गलाने में मददगार जरूर बनी। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग दस दिनों बाद रविवार को पूरी तरह खोल दिया गया। इसके साथ ही 300 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग पर वादी से तीन हजार से ज्यादा वाहन जम्मू के लिए रवाना हुए। शाम छह बजे तक श्रीनगर की तरफ से जवाहर सुरंग को 2500 बडे़ वाहनों ने पार किया है, जिसमें 512 छोटे वाहन भी शामिल थे।
मौसम के बदलते मिजाज के लिए जिम्मेदार है भटकता हुआ पश्चिमी विक्षोभ। इसके फिर सक्रिय होने से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और देश के उत्तार पश्चिमी क्षेत्र में मौसम फिर रुख बदलेगा। नतीजतन 27 जनवरी तक कई स्थानों पर बर्फबारी और बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर पाला भी गिरेगा। उत्तर पश्चिम के मैदानी इलाकों में सुबह में कोहरा मुश्किल बढ़ाता रहेगा।
छुंट्टी के दिन घर से बाहर निकल आनंद उठाने वाले दिल्ली के लोग ठंड से बेहाल हैं। रविवार को दिन के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 12 डिग्री का अंतर रहा। दिनभर बादल छाए रहने तथा ठंडी हवा चलने से लोग ठिठुरते हुए दिखाई दिए। सुबह कुछ देर से लिए धूप निकली, मगर दोपहर बाद सूरज बादलों में छिप गया। मौसम विभाग ने सोमवार सुबह कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है।
रविवार को दिन का अधिकतम व न्यूनतम तापमान 18 व 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से 3 व 1 डिग्री सेल्सियस कम था। मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए सोमवार को अधिकतम व न्यूनतम तापमान 19 व 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहने की संभावना है। दिन में मौसम साफ रहने से ठंड का असर कम होने की संभावना है।
जम्मू से साई संवाददाता विनोद नेगी ने समाचार दिया है कि ठंड की मार झेल रही कश्मीर में रविवार को खिली धूप भी लोगों को सर्दी से मुक्ति नहीं दिला पाई। अलबत्ता, एक सप्ताह से ठप नजर आ रहे स्थानीय सामान्य जनजीवन ने फिर इस धूप में रफ्तार पकड़ ली और वादी के गली-बाजारों में खूब रौनक रही। गौरतलब है कि गत सप्ताह वादी में हुए हिमपात के चलते सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था। हालांकि, वीरवार से वादी में हिमपात नहीं हुआ है, लेकिन इस दौरान आसमान में लगातार धुंध रहने और शीतलहर के चलते लोग घरों में ही बैठना पसंद कर रहे थे। वादी में सूरज नियत समय पर ही निकला और इसका असर सामान्य जनजीवन पर नजर आया। धूप निकलते देख, लोग भी घरों से बाहर निकल आए। गली-बाजारों से लेकर स्थानीय बागों में भी खूब रौनक रही। सड़कों पर वाहन भी सामान्य दिनों की भांति रहा और कहीं भी गत शनिवार को लालचौक से सटे मैसूमा इलाके में पुलिस व अलगाववादी प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों का असर नजर नहीं आया।
छुट्टी का दिन होने के बजाय दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले। लोगों ने भी जमकर खरीदारी की। जहां देखो खरीदारों की भीड़ थी। लोगों ने इस दौरान जहां ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों की खरीद की, वहीं उन्होंने अपने घर के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री भी ली। कई जगहों पर लोगों की लंबी कतारें केरोसिन और रसोई गैस के सिलेंडर के लिए भी लगी हुई थी। लालचौक में लगे संडे बाजार में खरीदारी कर रही रेहाना ने कहा कि जिस तरह से ठंड हुई है, उसमें हमारे पास जो गर्म कपडे़ थे, वह नाकाफी रहे हैं। आज यहां मैं अपने बच्चों के लिए सिर्फ कपडे़ ही नहीं बल्कि गर्म दस्ताने और मोजे भी ले रही हूं। लोगों की यह भीड़ सिर्फ गली-बाजारों में ही नहीं थी बल्कि स्थानीय बाग-बगीचों में भी खूब रही। हालांकि बागों में फूल नहीं थे और न हरी घास, लेकिन वहां जमीन पर जमी बर्फ की परत पर ही लोग कुनकनी धूप के बीच अपनी तस्वीरें लेने में मशगूल थे।
देहरादून से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से दिशा ने बताया कि प्रदेष के ऊंचाई वाले इलाकों में कहीं-कहीं हिमपात और अन्य हिस्सों में बादल छाए रहने के साथ ही राज्य में ठण्ड का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगले चौबीस घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कहीं-कहीं हिमपात और मैदान इलाकों में कोहरे की संभावना है। देहरादून में आज दिन मंे बादल छाए रहे, जिससे तापमान में कमी आई है।
उधर, चमोली जिले से साई ब्यूरो ने बताया कि में सुबह से ही बादल छाए रहने तथा ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात होने से समूचा जिला एक बार फिर शीत की चपेट में आ गया है। पिछले दो दिन के दौरान मौसम खुले रहने से जहां लोगों ने राहत की सांस ली, वहीं आज लोगों को ठण्ड से मुष्किलों का सामना करना पड़ा है। साई संवाददाता ने बताया है कि खराब मौसम के कारण सबसे ज्यादा दिक्कतें चुनाव प्रचार में लगे राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और मतदान की तैयारियों में लगे कर्मचारियों को उठानी पड़ रही है।
इस बीच, रुद्रप्रयाग जिले से साई संवाददाता ने खबर दी है कि वहां के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बादल छाए रहे। उधर, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी क्षेत्रों में अत्यधिक ठण्ड होने से चुनाव प्रचार प्रभावित हो रहा है। साई संवाददाता ने बताया किजिले में अभी भी कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है और ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ का गिरना जारी है।
देहरादून साई ब्यूरो से अर्जुन कुमार ने समाचार दिया है कि पर्वतों की रानी और पर्यटन नगरी मसूरी रविवार को ठंड से ठिठुरती रही। शनिवार रात से ही आसमान में घने बादलों का डेरा था। इसके बाद बर्फीली हवाओं ने मौसम में ठंडक बढ़ा दी। इसके बाद निकटवर्ती नागटिब्बा, धनोल्टी और सुरकण्डा की ऊंची पहाड़ियों पर हिमपात हो गया। जिससे मौसम ठंडा हो गया।
उधर, शिमला साई ब्यूरो स्वाति सिंह ने समाचार दिया है कि आज राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों मौसम साफ बना हुआ है और दिन की शुरूआत खिली धूप के साथ हुई है जिससे प्रदेश में चल रही शीत लहर के प्रकोप से हल्की राहत मिलने की संभावना बनी है। हालांकि मौसम विभाग अगले दो दिनों में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की बात कर रहा है। विभाग के अनुसार 25 और 26 जनवरी को प्रदेश के कई क्षे़त्रों में बारिश व बर्फबारी की संभावना है। प्रदेश के जनजातीय इलाकों में बीते रोज भी रूक रूक कर हिमपात हुआ और ठंडी हवाओं के चलने से कड़के की सर्दी पड़ रही है। पांगी में कल लगभग 3 इंच तक ताजा हिमपात हुआ है जबकि रोहतांग दर्रे पर भी बर्फ की चादर और भी मोटी हो गई है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पानी की पाईपे जमने और फटने से जल आपूर्ति बाधित हुई है वहीं कई क्षेत्रों से विद्युत और दूर संचार सेवायें ठप्प रहने के भी समाचार है जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के शिमला ब्यूरो से नितिश अर्गल ने समाचार दिया है कि हिमाचल में रविवार सुबह से चोटियों पर बर्फबारी हो रही है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से प्रदेश के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रविवार को किन्नौर, लाहुल स्पीति, कुल्लू और कांगड़ा की धौलाधार की पहाड़ियों पर रुक-रुककर हिमपात होता रहा। राजधानी शिमला में भी सुबह से ही बादल छाने से फिर हिमपात होने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो बर्फबारी व बारिश का यह दौर 26 जनवरी तक जारी रहेगा। इससे प्रदेश में एक माह से जबरदस्त ठंड से जूझ रहे लोगों की समस्याएं कम होती नजर नहीं आ रही है।
रविवार दोपहर तक किन्नौर के कल्पा में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकार्ड की जा चुकी थी। इसके साथ ही किन्नौर में किन्नर कैलाश की चोटियों सहित कुल्लू के रोहतांग, चंबा जिला के भरमौर में भी हिमपात होने की सूचना है। शिमला के दुर्गम क्षेत्र रोहड़ू की चांशल घाटी में भी रविवार सुबह से हल्का हिमपात हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी वजह आसमान पर छाए बादल हैं। रविवार को केलंग का तापमान सबसे कम माइनस 12.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि ऊना जिला का अधिकतम तापमान 19.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से प्रदेश की ऊंची चोटियों पर रविवार सुबह से ही बर्फबारी का दौर जारी है। उनका कहना है कि यह सिलसिला 26 जनवरी तक ऐसे ही चलता रहेगा।
नैनीताल साई ब्यूरो से रागिनी भार्गव ने खबर दी है कि इस सप्ताह पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव बना हुआ है। जिसके चलते ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। निदेशक डा.शर्मा ने बताया कि रविवार को विक्षोभ के मामूली प्रभाव के चलते सोमवार को भी कुछ स्थानों में बादल छाए रहेंगे। जबकि पीछे से एक और शावर चला आ रहा है। जिसके बारे में अगले दो-तीन दिनों में भविष्यवाणी की जा सकेगी।
नैनीताल भूकम्पीय दृष्टि से ही नहीं बल्कि हिमपात की दृष्टि से भी बेहद संवेदनशील है। लिहाजा यहां भवन निर्माण हिमपात की दृष्टि से भी होने जरूरी है। अब शहर में बर्फरोधी भवन नहीं बन रहे हैं। पूर्व में यह नगर बर्फबारी के लिहाज से मशहूर हुआ करता था। शीतकाल में दो से पांच फिट के बीच बर्फबारी आम हुआ करती थी। जिस कारण ब्रिटिशकाल से लेकर 80 के दशक तक हुए भवन निर्माणों में बर्फबारी का विशेष ध्यान दिया जाता था, जिसके चलते भवनों की छत ढलानदार बनाई जाती थी, परन्तु अब यह प्रचलन समाप्त हो चुका है। पिछले दिनों शिमला में हुई भारी बर्फबारी के कारण कुछ भवनों में दरार पड़ गई। जिसके चलते आशंका जताई जा रही है यदि नैनीताल में भी भारी हिमपात हुआ तो हिमपात रोधी भवनों का अभाव लेंटर वाले भवनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। मौसम विभाग के निदेशक डा. आनंद शर्मा कहते हैं कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की दृष्टि से भवनों का निर्माण होना चाहिए। ताकि बर्फ का पूरा भार भवनों के ऊपर न पड़े। इसके अलावा मकानों के निर्माण में भीतर से लकड़ी का प्रयोग भी होना चाहिए।
जयपुर साई ब्यूरो से शैलेन्द्र ने समाचार दिया है कि राज्य के कई इलाकों में तापमान में थोडी बढोतरी के बावजूद कडाके की सर्दी का असर जारी है। सीकर में कल न्यूनतम तापमान शून्य से दशमलव 3 डिग्री सैल्सियस नीचे दर्ज किया गया। चूरू, जालौर और झुन्झुनू ज़िले में पाले से फसलों को नुकसान पहुॅचा है। प्रदेश के एकमात्र पर्वतीय स्थल माउण्ट आबू में आज सुबह न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सैल्यिसयस दर्ज किया गया। जबकि मैदानी भागों में चूरू में 0.1, पिलानी, उदयपुर और सवाईमाधोपुर में 3-3, सीकर में 4.6, जयपुर में 4.8, बूॅंदी में 5, जैसलमेर में 7 और जोधपुर में 8 डिग्री सैल्यिसयस तापमान दर्ज किया गया। राजधानी जयपुर में आज धूप नहीं निकलने के कारण मौसम में ठण्ड बनी रही। नागौर में घने कोहरे के कारण लोग आज दिनभर ठिठुरते रहे। सर्दी और कोहरे के कारण बस और रेल यातायात पर भी असर पड़ा। करौली में दिनभर सर्द हवायें चलने से दिन भर ठण्ड बनी रही। लेकिन धौलपुर में धूप खिली रहने से लोगों को सर्दी से राहत महसूस हुई।
पोर्ट ब्लेयर से साई संवाददाता साक्षी शाह का कहना है कि अगले चौबीस घंटों के लिए पूर्वानुमान है कि आसमान में बादल छाए रहेंगे तथ निकोबार जिले में एक दो जगहों पर हल्की वर्षा होगी या बौछारंे भी पड़ सकती है। पोर्ट ब्लेयर में आज अधिकतम तापमान तीस दशमलव चार डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान बीस दशमलव छः डिग्री सेल्सियस रहा।