सोमवार, 23 जनवरी 2012

रिमोट कंट्रोल से चल रहे हैं कांतिलाल भूरिया


रिमोट कंट्रोल से चल रहे हैं कांतिलाल भूरिया

डीसीसी के नाम हाईकमान देते हैं पीसीसी चीफ को



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के हाथ में किसी भी जिले की कांग्रेस कमेटी के गठन का अधिकार नहीं है! जी हां, दूरभाष पर चर्चा के दौरान श्री भूरिया ने कहा कि जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के नामों के प्रस्ताव क्षेत्रीय क्षत्रपों द्वारा सीधे हाई कमान को भेज दिए हैं। हाईकमान से बरास्ता प्रभारी महासचिव उनके पास नाम आने पर वे इसकी अधिकृत घोषणा कर देंगे।
एमपीसीसी के निजाम श्री भूरिया के दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने दूरभाष पर चर्चा के दौरान उक्ताशय की बात कही। श्री भूरिया से जब पूछा गया कि उन्होंने अब तक टीकमगढ़, छतरपुर और छिंदवाड़ा की जिला इकाईयों की घोषणा क्यों नहीं की है? के जवाब में उन्होंने कहा कि सत्यव्रत चतुर्वेदी और कमल नाथ ने अपने अपने प्रभाव वाले जिलों के नामों के प्रस्ताव हाई कमान को भेज दिए हैं।
श्री भूरिया ने कहा कि जैसे ही मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी महासचिव हरि प्रसाद के पास से नामों की सूची अनुमोदन के उपरांत उनके पास आ जाएगी, वे नामों की घोषणा कर देंगे। चर्चा के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति लाल भूरिया के मन से क्षेत्रीय प्रभावशाली क्षत्रपों के अघोषित तौर पर अधीन रहने की पीड़ा भी झलक रही थी।
अब तक घोषित नामों में कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह का पड़ला काफी हद तक भारी दिख रहा है। महाराजा ज्योतिरादित्य ने भी अपनी लाज बचाई तो महाकौशल के क्षत्रप कमल नाथ ने बालाघाट और जबलपुर में अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनवा दिया। सुरेश पचौरी इस मामले में कमजोर साबित हो रहे हैं।
राजनैतिक वीथिकाओं में यह प्रश्न जमकर घुमड़ रहा है कि जब कमल नाथ ने अपने समर्थकों को बालाघाट और जबलपुर में कुर्सी पर काबिज करवा दिया तब छिंदवाड़ा जिले के मामले को लंबित क्यों रखा जा रहा है। गौरतलब है कि पूर्व पीसीसी चीफ कांतिलाल भूरिया ने इस संवाददाता से चर्चा के दौरान कहा था कि उस वक्त कमल नाथ विदेश यात्रा पर हैं, उनके आते ही उनकी इच्छानुसार छिंदवाड़ा में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। विडम्बना है कि इस बात के लंबा समय बीतने और अन्य जिलों के नामों घोषणा के बाद भी छिंदवाडा, टीकमगढ़ और छतरपुर का विवाद सुलट नहीं सका है।

नहीं खोला संयंत्र प्रबंधन ने एक भी स्कूल


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  53

नहीं खोला संयंत्र प्रबंधन ने एक भी स्कूल

ग्रामीण बच्चों के लिए प्राईमरी एजूकेशन के बजाए उच्च शिक्षा की व्यवस्था का कर रहे दिखावा



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में स्थापित किए जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में संयंत्र प्रबंधन द्वारा सरेआम नियम कायदों की अनदेखी की जा रही है, और शासन प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है।
आरोपित है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा छल कपट से कोसों दूर रहने वाले आदिवासियों की जमीनों को खरीदकर उन्हें पलायन पर मजबूर किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर स्थानीय क्षेत्र के विकास का सपना दिखाकर न केवल आदिवासियों को छला जा रहा है वरन् जनसेवकों की परोक्ष मदद से क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर तुषारापात किया जा रहा है।
बताया जाता है कि संयंत्र प्रबंधन ने पूर्व में क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने का वायदा किया था। गांव में जहां प्राथमिक शिक्षा को नौनिहाल तरस रहे हैं वहीं दूसरी ओर संयंत्र प्रबंधन द्वारा शिक्षा के विस्तार के नाम पर महज रस्म अदायगी ही की जा रही है। संयंत्र प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के नाम पर कोरी रस्म अदायगी ही की जा रही है।
देखा जाए तो संयंत्र प्रबंधन को घंसौर तहसील के ग्राम बरेला, गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकन्डरी स्कूल खुलवाए जाने थे। इससे उलट संयंत्र प्रबंधन द्वारा महाविद्यालय स्तर पर आईटीआई की कुछ सीटें खुलवा दी हैं। यक्ष प्रश्न यह है कि गरीब गुरबे आदिवासियों के बच्चों को प्राथमिक स्तर से हायर सेकन्डरी स्तर की शिक्षा आखिर कहां से मुहैया हो सकेगी, जिसका दावा संयंत्र प्रबंधन द्वारा किया गया था।
बावजूद इसके यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के।डी।देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

अंग्रेजी का मोह खा गया हरीश खरे को


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 75

अंग्रेजी का मोह खा गया हरीश खरे को

हिन्दी की उपेक्षा भरी पड़ी पीएम के मीडिया एडवाईजर को



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। राजनैतिक और मीडिया की वीथिकाओं में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार हरीश खरे की बिदाई के कारण खोजे जा रहे हैं। घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार में घिरे और अघोषित तौर पर भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक बन चुके वजीरे आजम को दो मर्तबा चुनिंदा संपादकों की टोली और समाचार चेनल्स से रूबरू करवाने वाले हरीश खरे की बिदाई के कारणों को लेकर कयास लगने आरंभ हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूलतः अंग्रेजी मीडिया के प्रेमी हरीश खरे पर हिन्दी और क्षेत्रीय मीडिया की उपेक्षा के संगीन आरोप लगे थे। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का आवास) सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की राजमाता के संज्ञान में यह बात लाई गई थी कि हरीश खरे क्षेत्रीय भाषाई और हिन्दी के पत्रकारों को तरजीह नहीं दे रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि 10 जनपथ और प्रधानमंत्री आवास के बीच सामंजस्य के अभाव की खबरें सार्वजनिक होने से मीडिया में खबरें उछलने से पीएम का वैसे भी हरीश खरे से मोह भंग हो चुका था। इसके उपरांत जब हरीश खरे पर नकेल कसने के लिए उन्हें कहा गया कि वे पुलक चटर्जी को रिपोर्ट करेंगे, तब संभवतः हरीश खरे के अंदर का पत्रकार जागा और उन्होंने इसके लिए मना कर दिया।
उधर, पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि हरीश खरे द्वारा पुलक चटर्जी को रिपोर्ट करने से इंकार कर दिया गया। हरीश खरे ने दो टूक कहा किया कि वे सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री को ही रिपोर्ट करने को तैयार हैं। फिर क्या था हरीश खरे के स्थान पर नए मीडिया सलाहकार की खोज आरंभ हो गई।
पीएम के मीडिया सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए आलोक मेहता, भारत भूषण, विनोद शर्मा, प्रणय राय के साथ ही साथ एक केंद्रीय मंत्री के प्रेस सचिव रहे पत्रकार के नामों पर विचार किया गया। कहा जा रहा है कि इन सभी ने भी पुलक चटर्जी को रिपोर्ट करने से साफ इंकार कर दिया।

(क्रमशः जारी)

गलन भरी ठण्ड ने किया जीना दूभर


गलन भरी ठण्ड ने किया जीना दूभर



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। समूचे उत्तर भारत में शीतलहर जारी है। जम्मू-कश्मीर में आज शुरू होने वाली श्रीनगर-मुज्घ्फराबाद बस सेवा बारामूला जिले के उड़ी सैक्टर में भारी हिमपात के बाद चट्टानें खिसकने की आशंका की वजह से  रद्द कर दी गई है। भारतीय वायुसेना ने श्रीनगर और जम्मू में फंसे दो हजार एक सौ यात्रियों को निकाला है।  जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक तरफा यातायात शुरू किए जाने के बाद वहां फंसे तीन हजार एक सौ से ज्यादा वाहन कल जम्मू के लिए रवाना हो गए।
घने कोहरे के कारण उत्तर भारत में रेलगाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ा है। करीब तेइस रेलगाड़ियां देरी से चल रही है और चौंतीस को रद्द कर दिया गया है। पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर हिस्सों में सर्दी से कोई राहत नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी भीषण सर्दी पड़ रही है। न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे है।
बारिश बादलों के साथ एक बार फिर शीतलहर पुरजोर हो गई है। शनिवार को खिली धूप के बाद लोगों को कुछ राहत की उम्मीद बंधी थी। लेकिन रविवार को बादलों का पहरा बैठ गया। उत्ताराखंड के ऊंचे क्षेत्रों में कई स्थानों पर बर्फ गिर गई तो मैदानी इलाकों में बारिश हुई। हिमाचल में भी कुछेक स्थानों पर बर्फ गिरी। लेकिन कश्मीर घाटी में दिनभर धूप खिली रही।
रविवार को मैदानी इलाकों में तापमान नीचे की ओर रहा तो पर्वतांचल में ऊपर चढ़ा। मौसम विभाग के मुताबिक उत्ताराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक इजाफा दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तार भारत में सुबह कड़ाके की ठंड रही, लेकिन कोहरे से राहत मिली। सोमवार को भी दोपहर में बादल छाए रहने और दिन भर ठंडी हवाएं चलने की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, पूर्वी उत्तार प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में खासा कोहरा रहा। मैदानी इलाकों में आगरा देश में सबसे ज्यादा सर्द रहा। यहां न्यूनतम सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे 1.3 डिग्री सेल्सियस तक गिरा। इसी तरह कानपुर में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरकर 3.5 तक पहुंचा। हरियाणा और पंजाब में नारनौल सबसे ज्यादा ठंडा रहा।
उत्ताराखंड में रविवार को मौसम का मिजाज फिर बदल गया। कुमाऊं की दारमा, व्यास, पंचाचूली चोटियां बर्फ गिरने के साथ ही ठंड कड़ाके की हो गई। मैदानी क्षेत्रों में दिनभर बादल छाए रहे। कहीं-कहीं बारिश की फुहारें भी पड़ीं, रात में पाला गिरने से शीतल लहर चल रही है, जिससे लोग परेशान हैं। पाला गिरने से फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों पर रविवार सुबह से बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रविवार को किन्नौर, लाहुल-स्पीति, कुल्लू और धौलाधार की पहाड़ियों में रुक-रुक कर हिमपात हुआ। रविवार दोपहर तक किन्नौर के कल्पा में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकार्ड की गई। शिमला के रोहडू़ की चांशल घाटी में भी रविवार सुबह से हल्का हिमपात हुआ।
कश्मीर घाटी में रविवार को न तो कहीं बारिश हुई, न ही बर्फ गिरी। दिनभर धूप खिली रही। धूप शीतलहर से राहत नहीं दे पाई मगर छतों, गली-बाजारों में जमी बर्फ की परत को गलाने में मददगार जरूर बनी। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग दस दिनों बाद रविवार को पूरी तरह खोल दिया गया। इसके साथ ही 300 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग पर वादी से तीन हजार से ज्यादा वाहन जम्मू के लिए रवाना हुए। शाम छह बजे तक श्रीनगर की तरफ से जवाहर सुरंग को 2500 बडे़ वाहनों ने पार किया है, जिसमें 512 छोटे वाहन भी शामिल थे।
मौसम के बदलते मिजाज के लिए जिम्मेदार है भटकता हुआ पश्चिमी विक्षोभ। इसके फिर सक्रिय होने से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और देश के उत्तार पश्चिमी क्षेत्र में मौसम फिर रुख बदलेगा। नतीजतन 27 जनवरी तक कई स्थानों पर बर्फबारी और बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर पाला भी गिरेगा। उत्तर पश्चिम के मैदानी इलाकों में सुबह में कोहरा मुश्किल बढ़ाता रहेगा।
छुंट्टी के दिन घर से बाहर निकल आनंद उठाने वाले दिल्ली के लोग ठंड से बेहाल हैं। रविवार को दिन के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 12 डिग्री का अंतर रहा। दिनभर बादल छाए रहने तथा ठंडी हवा चलने से लोग ठिठुरते हुए दिखाई दिए। सुबह कुछ देर से लिए धूप निकली, मगर दोपहर बाद सूरज बादलों में छिप गया। मौसम विभाग ने सोमवार सुबह कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है।
रविवार को दिन का अधिकतम व न्यूनतम तापमान 18 व 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से 3 व 1 डिग्री सेल्सियस कम था। मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए सोमवार को अधिकतम व न्यूनतम तापमान 19 व 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहने की संभावना है। दिन में मौसम साफ रहने से ठंड का असर कम होने की संभावना है।
जम्मू से साई संवाददाता विनोद नेगी ने समाचार दिया है कि ठंड की मार झेल रही कश्मीर में रविवार को खिली धूप भी लोगों को सर्दी से मुक्ति नहीं दिला पाई। अलबत्ता, एक सप्ताह से ठप नजर आ रहे स्थानीय सामान्य जनजीवन ने फिर इस धूप में रफ्तार पकड़ ली और वादी के गली-बाजारों में खूब रौनक रही। गौरतलब है कि गत सप्ताह वादी में हुए हिमपात के चलते सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था। हालांकि, वीरवार से वादी में हिमपात नहीं हुआ है, लेकिन इस दौरान आसमान में लगातार धुंध रहने और शीतलहर के चलते लोग घरों में ही बैठना पसंद कर रहे थे। वादी में सूरज नियत समय पर ही निकला और इसका असर सामान्य जनजीवन पर नजर आया। धूप निकलते देख, लोग भी घरों से बाहर निकल आए। गली-बाजारों से लेकर स्थानीय बागों में भी खूब रौनक रही। सड़कों पर वाहन भी सामान्य दिनों की भांति रहा और कहीं भी गत शनिवार को लालचौक से सटे मैसूमा इलाके में पुलिस व अलगाववादी प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों का असर नजर नहीं आया।
छुट्टी का दिन होने के बजाय दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले। लोगों ने भी जमकर खरीदारी की। जहां देखो खरीदारों की भीड़ थी। लोगों ने इस दौरान जहां ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों की खरीद की, वहीं उन्होंने अपने घर के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री भी ली। कई जगहों पर लोगों की लंबी कतारें केरोसिन और रसोई गैस के सिलेंडर के लिए भी लगी हुई थी। लालचौक में लगे संडे बाजार में खरीदारी कर रही रेहाना ने कहा कि जिस तरह से ठंड हुई है, उसमें हमारे पास जो गर्म कपडे़ थे, वह नाकाफी रहे हैं। आज यहां मैं अपने बच्चों के लिए सिर्फ कपडे़ ही नहीं बल्कि गर्म दस्ताने और मोजे भी ले रही हूं। लोगों की यह भीड़ सिर्फ गली-बाजारों में ही नहीं थी बल्कि स्थानीय बाग-बगीचों में भी खूब रही। हालांकि बागों में फूल नहीं थे और न हरी घास, लेकिन वहां जमीन पर जमी बर्फ की परत पर ही लोग कुनकनी धूप के बीच अपनी तस्वीरें लेने में मशगूल थे।
देहरादून से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से दिशा ने बताया कि प्रदेष के ऊंचाई वाले इलाकों में कहीं-कहीं हिमपात और अन्य हिस्सों में बादल छाए रहने के साथ ही राज्य में ठण्ड का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगले चौबीस घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कहीं-कहीं हिमपात और मैदान इलाकों में कोहरे की संभावना है। देहरादून में आज दिन मंे बादल छाए रहे, जिससे तापमान में कमी आई है।
उधर, चमोली जिले से साई ब्यूरो ने बताया कि में सुबह से ही बादल छाए रहने तथा ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात होने से समूचा जिला एक बार फिर शीत की चपेट में आ गया है। पिछले दो दिन के दौरान मौसम खुले रहने से जहां लोगों ने राहत की सांस ली, वहीं आज लोगों को ठण्ड से मुष्किलों का सामना करना पड़ा है। साई संवाददाता ने बताया है कि खराब मौसम के कारण सबसे ज्यादा दिक्कतें चुनाव प्रचार में लगे राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और मतदान की तैयारियों में लगे कर्मचारियों को उठानी पड़ रही है।
इस बीच, रुद्रप्रयाग जिले से साई संवाददाता ने खबर दी है कि वहां के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बादल छाए रहे। उधर, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी क्षेत्रों में अत्यधिक ठण्ड होने से चुनाव प्रचार प्रभावित हो रहा है। साई संवाददाता ने बताया किजिले में अभी भी कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है और ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ का गिरना जारी है।
देहरादून साई ब्यूरो से अर्जुन कुमार ने समाचार दिया है कि पर्वतों की रानी और पर्यटन नगरी मसूरी रविवार को ठंड से ठिठुरती रही। शनिवार रात से ही आसमान में घने बादलों का डेरा था। इसके बाद बर्फीली हवाओं ने मौसम में ठंडक बढ़ा दी। इसके बाद निकटवर्ती नागटिब्बा, धनोल्टी और सुरकण्डा की ऊंची पहाड़ियों पर हिमपात हो गया। जिससे मौसम ठंडा हो गया।
उधर, शिमला साई ब्यूरो स्वाति सिंह ने समाचार दिया है कि आज राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों मौसम साफ बना हुआ है और दिन की शुरूआत खिली धूप के साथ हुई है जिससे प्रदेश में चल रही शीत लहर के प्रकोप से हल्की राहत मिलने की संभावना बनी है। हालांकि मौसम विभाग अगले दो दिनों में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की बात कर रहा है। विभाग के अनुसार 25 और 26 जनवरी को प्रदेश के कई क्षे़त्रों में बारिश व बर्फबारी की संभावना है। प्रदेश के जनजातीय इलाकों में बीते रोज भी रूक रूक कर हिमपात हुआ और ठंडी हवाओं के चलने से कड़के की सर्दी पड़ रही है। पांगी में कल लगभग 3 इंच तक ताजा हिमपात हुआ है जबकि रोहतांग दर्रे पर भी बर्फ की चादर और भी मोटी हो गई है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पानी की पाईपे जमने और फटने से जल आपूर्ति बाधित हुई है वहीं कई क्षेत्रों से विद्युत और दूर संचार सेवायें ठप्प रहने के भी समाचार है जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के शिमला ब्यूरो से नितिश अर्गल ने समाचार दिया है कि हिमाचल में रविवार सुबह से चोटियों पर बर्फबारी हो रही है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से प्रदेश के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रविवार को किन्नौर, लाहुल स्पीति, कुल्लू और कांगड़ा की धौलाधार की पहाड़ियों पर रुक-रुककर हिमपात होता रहा। राजधानी शिमला में भी सुबह से ही बादल छाने से फिर हिमपात होने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो बर्फबारी व बारिश का यह दौर 26 जनवरी तक जारी रहेगा। इससे प्रदेश में एक माह से जबरदस्त ठंड से जूझ रहे लोगों की समस्याएं कम होती नजर नहीं आ रही है।
रविवार दोपहर तक किन्नौर के कल्पा में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकार्ड की जा चुकी थी। इसके साथ ही किन्नौर में किन्नर कैलाश की चोटियों सहित कुल्लू के रोहतांग, चंबा जिला के भरमौर में भी हिमपात होने की सूचना है। शिमला के दुर्गम क्षेत्र रोहड़ू की चांशल घाटी में भी रविवार सुबह से हल्का हिमपात हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी वजह आसमान पर छाए बादल हैं। रविवार को केलंग का तापमान सबसे कम माइनस 12.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि ऊना जिला का अधिकतम तापमान 19.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से प्रदेश की ऊंची चोटियों पर रविवार सुबह से ही बर्फबारी का दौर जारी है। उनका कहना है कि यह सिलसिला 26 जनवरी तक ऐसे ही चलता रहेगा।
नैनीताल साई ब्यूरो से रागिनी भार्गव ने खबर दी है कि इस सप्ताह पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव बना हुआ है। जिसके चलते ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। निदेशक डा.शर्मा ने बताया कि रविवार को विक्षोभ के मामूली प्रभाव के चलते सोमवार को भी कुछ स्थानों में बादल छाए रहेंगे। जबकि पीछे से एक और शावर चला आ रहा है। जिसके बारे में अगले दो-तीन दिनों में भविष्यवाणी की जा सकेगी।
नैनीताल भूकम्पीय दृष्टि से ही नहीं बल्कि हिमपात की दृष्टि से भी बेहद संवेदनशील है। लिहाजा यहां भवन निर्माण हिमपात की दृष्टि से भी होने जरूरी है। अब शहर में बर्फरोधी भवन नहीं बन रहे हैं। पूर्व में यह नगर बर्फबारी के लिहाज से मशहूर हुआ करता था। शीतकाल में दो से पांच फिट के बीच बर्फबारी आम हुआ करती थी। जिस कारण ब्रिटिशकाल से लेकर 80 के दशक तक हुए भवन निर्माणों में बर्फबारी का विशेष ध्यान दिया जाता था, जिसके चलते भवनों की छत ढलानदार बनाई जाती थी, परन्तु अब यह प्रचलन समाप्त हो चुका है। पिछले दिनों शिमला में हुई भारी बर्फबारी के कारण कुछ भवनों में दरार पड़ गई। जिसके चलते आशंका जताई जा रही है यदि नैनीताल में भी भारी हिमपात हुआ तो हिमपात रोधी भवनों का अभाव लेंटर वाले भवनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है। मौसम विभाग के निदेशक डा. आनंद शर्मा कहते हैं कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की दृष्टि से भवनों का निर्माण होना चाहिए। ताकि बर्फ का पूरा भार भवनों के ऊपर न पड़े। इसके अलावा मकानों के निर्माण में भीतर से लकड़ी का प्रयोग भी होना चाहिए।
जयपुर साई ब्यूरो से शैलेन्द्र ने समाचार दिया है कि राज्य के कई इलाकों में तापमान में थोडी बढोतरी के बावजूद कडाके की सर्दी का असर जारी है। सीकर में कल न्यूनतम तापमान शून्य से दशमलव 3 डिग्री सैल्सियस नीचे दर्ज किया गया। चूरू, जालौर और झुन्झुनू ज़िले में पाले से फसलों को नुकसान पहुॅचा है। प्रदेश के एकमात्र पर्वतीय स्थल माउण्ट आबू में आज सुबह न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सैल्यिसयस दर्ज किया गया। जबकि मैदानी भागों में चूरू में 0.1, पिलानी, उदयपुर और सवाईमाधोपुर में 3-3, सीकर में 4.6, जयपुर में 4.8, बूॅंदी में 5, जैसलमेर में 7 और जोधपुर में 8 डिग्री सैल्यिसयस तापमान दर्ज किया गया। राजधानी जयपुर में आज धूप नहीं निकलने के कारण मौसम में ठण्ड बनी रही। नागौर में घने कोहरे के कारण लोग आज दिनभर ठिठुरते रहे। सर्दी और कोहरे के कारण बस और रेल यातायात पर भी असर पड़ा। करौली में दिनभर सर्द हवायें चलने से दिन भर ठण्ड बनी रही। लेकिन धौलपुर में धूप खिली रहने से लोगों को सर्दी से राहत महसूस हुई।
पोर्ट ब्लेयर से साई संवाददाता साक्षी शाह का कहना है कि अगले चौबीस घंटों के लिए पूर्वानुमान है कि आसमान  में बादल छाए रहेंगे तथ निकोबार जिले में एक दो जगहों पर हल्की वर्षा होगी या बौछारंे भी पड़ सकती है। पोर्ट ब्लेयर में आज अधिकतम तापमान तीस दशमलव चार डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान बीस दशमलव छः डिग्री सेल्सियस रहा।

उत्तराखण्ड भाजपा में भूकम्प फटने की तैयारी


उत्तराखण्ड भाजपा में भूकम्प फटने की तैयारी

निशंक को किया जा रहा है टारगेट

कोश्‍यानी को फिर से उपेक्षित किए जाने की तैयारी

(चन्द्रशेखर जोशी)

देहरादून (साई)। उत्तराखण्ड  में दो असामान्य्र बातें हुई, जिसमें पहली घटना टीम अन्ना द्वारा डा0 रमेश पोखरियाल निशंक को टार्गेट किया गया और निशंक की छवि को धूमिल करने के लिए टीम अन्ना से इस तरह के बयान दिलवाए गए। टीम अन्ना द्वारा निशंक के प्रति दिए गए बयान साफ जाहिर कर रहे थे कि यह सब प्रायोजित है, टीम अन्ना को देहरादून में लाना और निशंक को टार्गेट करके बयान दिलवाया जाना प्रायोजित कार्यक्रम माना गया,  खैर निशंक को अपमानित किए जाने के क्‍या परिणाम निकलेगें य्ाह तो समय्ा ही बताएगा परन्तु दूसरी घटना भगत सिंह कोश्‍यारी के बयान का भावार्थ हमारे द्वारा बारिकी से पोस्टमार्टम करने पर निकाला गय्ाा, जिसमें कोश्य्ाारी जी द्वारा कहा गय्ाा है कि सीएम बनाने का निर्णय्ा अंततः विधाय्ाकों की औपचारिक बैठक में निर्णय्ा लिय्ाा जाएगा।
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में टीम अन्ना द्वारा भाजपा को झ्ाटका दिय्ो जाने की बात कही जा रही है। टीम अन्ना ने भाजपा सरकार के पूर्व मुख्य्ामंत्र्ाी डा0 रमेश पोखरिय्ााल निशंक के कायर््ाकाल में हुए घोटाले का जिक्र करते हुए अपील की कि भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओ को कतई वोट न करें। टीम अन्ना के सदस्य्ा अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार में  टूजी, सीडब्ल्य्ाूजी समेत कई घोटाले हुए तो उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार ने भी कुम्भ जैसे घोटाले किय्ो। इसी वजह से तत्कालीन मुख्य्ामंत्र्ाी रमेश पोखरिय्ााल निशंक को जाना पडा। घोटालों में जाने वाले वह तीसरे मुख्य्ामंत्र्ाी थे। टीम अन्ना के दूसरे सदस्य्ा कुमार विश्वास ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में आरोपी सुरेश कलमाडी के स्टेट एडिशन उत्तराखण्ड में भी हैं। य्ाहां भी घोटाले हुए हैं और कुम्भ इसका उदाहरण है। घोटाले से जुडे लोगों को जनता को वोट नही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि य्ादि भाजपा सशक्त लोकाय्ाुक्त चाहती तो गुजरात तथा दूसरे राज्य्ाों में लोकाय्ाुक्त क्य्ाों नहीं लाती।
ज्ञात हो कि पिछले चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाय्ाा था। इस बार वही मुद्दा कांग्रेस ने पकडा है। निशाने पर है निशंक का कायर््ाकाल। पूछा जा है कि कांग्रेस और भाजपा कायर््ाकाल के मामलों पर केस क्य्ाों दर्ज नहीं हुए। निशंक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को कांग्रेस प्रमुख रूप से प्रचारित कर रही है। जबकि खंडूरी लोकाय्ाुक्त से जुडा कानून लाने का श्रेय्ा ले रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे निशंक पर भाजपा ने कोई कार्रवाई नहीं की।
वहीं दूसरी ओर भगत सिंह कोश्य्ाारी से मीडिय्ाा द्वारा सवाल पूछा गय्ाा था कि मुख्य्ामंत्र्ाी चुनने का अधिकार निर्वाचित विधाय्ाकों को नहीं होना चाहिए? इस पर भगत सिंह कोश्य्ाारी का जवाब था कि दोनों बातें हैं, य्ादि अभी से ही नेता घोषित करते हैं तो दिशा तय्ा रहेगी। चुनाव के बाद राष्ट्रीय्ा नेतृत्व किसी व्य्ाक्ति विशेष को नेता बनाना चाहे तो अंततः विधाय्ाकों की बैठक में ही औपचारिक निर्णय्ा लिय्ाा जाएगा। यानि भगतदा ने स्वीकार किया है कि तेल देखों और तेल की धार देखों, मतलब विधायकों को जीत कर तो आने दो, देखें भाजपा हाईकमान निर्णय किस तरह थोपता है। 2007 की गलती इस बार नहीं दोहरायी जाने वाली।
गौरतलब है कि भाजपा हाईकमान द्वारा बीसी खण्डूडी को मुख्य्ामंत्र्ाी घोषित किय्ाा जाना व विधानसभा चुनावों के दौरान खण्डूडी है जरूरी, का उदघोष भाजपा हाईकमान के गले की फांस साबित होगा। इस बार विधानसभा चुनावों में टिकट दिलावाने में भगत सिंह कोश्य्ाारी और त्र्ािवेन्द्र सिंह रावत खेवनहार बने थे। अब 4 मार्च को जीत कर आने वाले विधाय्ाक हाईकमान का निर्णय्ा सिर झ्ाुका कर मान लेगे, असम्भव लगता है। य्ाकीनन 2007 के विधानसभा चुनावों के बाद की स्थिति भाजपा में दोहराय्ाी जाएगी, जिसमें त्र्ािवेन्द्र सिंह रावत ने जनरल की कार पर घुंसा मारकर हाईकमान का निर्णय्ा न स्वीकारने की चेतावनी दी थी, और 2009 में जनरल का विकेट गिरा कर ही माने थे, 4 मार्च के बाद बीजेपी बडी पार्टी बनकर उभरी और उसे बहुमत मिला तो कोश्य्ाारी, त्र्ािवेन्द्र, निशंक-  आसानी से खण्डूडी है जरूरी - का नारा स्वीकार करने वाले नहीं होगें, चाहे स्वय्ां भाजपा का हाईकमान आकर देहरादून में बैठ जाय्ो, और ऐसे में तब हमारा एक आलेख लोकतांत्र्ािक भाजपा का होगा गठन, सत्य्ा साबित हो सकता है।
वहीं दूसरी ओर राजनीतिक प्रेक्षकों का है कि भाजपा ने भुवन चंद्र खंडूडी है जरूरी जैसा नारा तो पेश कर दिय्ाा लेकिन ठाकुर, ब्राह्मण जैसे जातिगत समीकरणों व कुमाऊं-गढवाल के क्षेत्र्ावाद के चलते य्ाह दांव कुमाऊं में उल्टा साबित होने का खतरा मंडराने लगा है। अभी तक भाजपा हो य्ाा कांग्रेस बिना मुख्य्ामंत्र्ाी घोषित किय्ो चुनाव लडने की रणनीति ही अपनाय्ाी जाती रही है परन्तु 2012 के चुनाव में भाजपा बीसी खंडूडी को अपने प्रस्तावित मुख्य्ामंत्र्ाी के रूप में प्रचारित कर रही है।
भाजपा द्वारा बीसी खण्डूडी को मुख्य्ामंत्र्ाी के रूप में घोषित करने पर कुमाऊं में इसका उल्टा प्रभाव भी आने का डर पैदा हो गय्ाा है, जिसके राजनीतिक दुरगामी दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं। भाजपा के रणनीतिकारों द्वारा इस तथ्य्ा को महसूस किय्ाा गय्ाा है।
कुछ भी हो, 4 मार्च के बाद चुनाव परिणाम के बाद भाजपा उत्तराखण्ड में सत्ता में आय्ो य्ाा नहीं, भूकम्प फटने की तैय्ाारी होने लगी है। यह भूकम्प उसी स्थिति में षांत रह सकता है अगर कोटद्वार के चुनाव परिणाम विपरीत आ जाये अन्यथा नियति तो काफी कुछ लिख चुकी है...बस समय का इंतजार है, आपको भी और हमें भी....।

हरियाणा में अक्षय उर्जा का सदुपयोग


हरियाणा में अक्षय उर्जा का सदुपयोग

(मधुकर वर्मा)

गुड़गांव (साई)। अक्षय ऊर्जा का सद्पयोग करने वाला हरियाणा देश का ऐसा पहला एंव एकमात्र राज्य है जंहा सरकारी कार्याकालों मे पांच करोड़ रूप्ये की लागत से सीएलएफ और टी पांच ट्यबें लगाई गई। इसमे दो सौ छत्तीस लाख यूनिट बिजली की तथा बिजली के बिलों मे नौ करोड़ चवालीस लाख रूप्ये प्रतिवर्ष की बचत हुई है।
अक्षय ऊर्जा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा देश का पहला एकमात्र ऐसा राज्य है कि जहंा सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम राज्य के सरकारी तथा सरकारी उपक्रमों के भवनों मे सीएफएल के प्रयोग कृषि क्षेत्र मे चार स्टार मोटर पम्म सैट तथा आई एस आई मार्क , फुट रिफलैक्स बॉल्व का प्रयोग को अनिवार्य बनाया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि अक्षय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रत्येक जिले मे एक गांव का चयन किया गया है जंहा पर शत प्रतिशत घरों मे सीएफएल और टी पांच ट्यूबे लाइटे लगाई गई है।
गत पद्रह जनवरी तक ऐसै बीस गांवों को सीएफएल गांव बनाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पंचकूला मे आठ करोड़ बानवे लाख रूप्ये की लागत से अक्षय ऊर्जा भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि कृषि क्षेत्र मे नलकूप पर ऊर्जा सरंक्षणों को बढावा देने के लिए आइ एस आई।मार्क अथवा चार स्टार पम्प सैट्स का उपयोग करने वाले किसानों को चार सौ रूप्ये प्रति होर्स पॉवर की दर से पांच हजार रूप्ये तक का अनुदान दिया गया है।

रेल मानचित्र पर उभरा पुष्कर


रेल मानचित्र पर उभरा पुष्कर

(मीनाक्षी)

जयपुर (साई)। प्रसिद्ध धार्मिक नगरी पुष्कर आज देश के रेल मानचित्र पर आ जायेगी। अजमेर से पुष्कर के बीच रेलवे लाइन पर आज पहली रेलगाडी चलेगी। केन्द्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने आज 11 बजे हरी झंडी दिखाकर पुष्कर से अजमेर के लिए ट्रेन को रवाना किया।
करीब 27 किमी. लम्बे इस रेलमार्ग के निर्माण पर 106 करोड रूपये ख़र्च हुए है। रेल प्रशासन ने अजमेर-पुष्कर के बीच का साधारण श्रेणी का किराया 5 रूपये तय किया है। फिलहाल इस मार्ग पर ट्रेन अधिकतम 90 कि.मी. प्रति घण्टे तक चल सकेगी।  

अण्डमान ब्लेयर ने सौंपा चिदम्बरम को ज्ञापन


अण्डमान ब्लेयर ने सौंपा चिदम्बरम को ज्ञापन

(पीयूष शाह)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। केेन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने कार निकोबार का दौरा किया। उनके साथ उपराज्यपाल लेफटीनेंट जनरल भूपेंद्र सिंह और प्रशासन के वरिष्ठ  अधिकारी भी थे। कार निकोबार अवाई अडडे पर आदिवासी परिषद के अध्यक्ष अबरडीन ब्लेयर और स्थानिय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने गृहमंत्री की अगवानी की।
गृहमंत्री सबसे पहले बिग लपाती गांव गए जहाँ उन्होने सुनामी स्मारक पर अद्धासुमन अर्पित किए उसके बाद गृहमंत्री ने स्मॉल लपाती गांव में कोकोनट मिशन के बागान का निरीक्षण किया। कृषि विभाग के निकोबार जिला प्रभारी संयुक्त निदेशक डॉ. घनश्याम पान्डेय ने श्री चिदम्बरम को नारियल मिशन में अपनाई गई प्रणाली के बारे में बताया।
बाद मंे गृहमंत्री ने तमालू गांव में सुनामी पीडितों के स्थाई आवास परिसर का अवलोकन किया। इसके बाद परका गांव में श्री चिदम्बरम ने आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों और प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मौके पर अबरडीन ब्लेयर ने गृहमंत्री को एक ज्ञापन सौपा।
इसमें कार निकोबार में महा विद्यालय खोलने, समुद्र के किनारे दीवार बनाने और सप्ताह में एक बार कार निकोबार से मुख्य भूमि के लिए विमान सेवा शुरू किए जाने की मांग प्रमुख है। अपने संबोधन में गृहमंत्री ने सभी मांगों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्हांेने कोकोनट मिशन की सफलता पर खुशी जाहिर की।
केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में सुनामी पैकेज को पूरी तरह लागू किए जाने पर खुशी जाहिर की है। कल पोर्ट ब्लेयर में उन्होंने मीडिया को बताया कि जिन किसानों की जमीन सुनामी के दौरान खारे में डूब गई थी उन्हें मुआवजा देने के लिए सरकार पैकेज मंजूर कर चुकी है।
गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि खारे पानी में डूबी जमीन के बदले किसानों को जमीन नहीं दी जा सकती, क्योंकि द्वीपसमूह में नब्बे प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र के अंतर्गत है। उन्होंने कहा कि नौ लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा प्रदान करने का पैकेज सरकार स्वीकृत कर चुकी है और इसे प्रभावित किसान अब प्राप्त कर सकते हैं। श्री चिदम्बरम ने बताया कि सुनामी पैकेज के तहत द्वीपसमूह में नौ हजार से अधिक स्थाई आवास, पचासी स्कूल, चौंतीस अस्पताल, चालीस आंगनवाड़ी और पचास से अधिक जेट्टीयों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।

पीएमटी को विवादों से दूर रखने की पहल


पीएमटी को विवादों से दूर रखने की पहल

(नितीश अर्गल)

शिमला (साई)। प्रदेश विश्वविद्यालय पी.एम.टी. प्रवेश परीक्षाओं को विवादों से दूर रखने के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। इसके तहत छात्रों को परीक्षा केन्द्र में कुछ भी ले जाने की अनुमति नहीं होगा और परीक्षा के लिये पैन, पैन्सिल से लेकर स्टेशनरी तक सभी सामान प्रशासन द्वारा मुहैया करवाया जायेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.डी.एन. वाजपेयी ने बताया कि छात्रों द्वारा एक ही प्रकार के पैन का इस्तेमाल किये जाने से किसी भी विद्यार्थी को मूल्याकंन में फायदा पहुंचाने की आशंका खत्म हो जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर आगामी कुछ दिनों में विशेष बैठकंे होंगी जिनमें कुछ और नये बदलाव किये जा सकते हैं।

हृदय रोग जाँच शिविर का आयोजन


हृदय रोग जाँच शिविर का आयोजन

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। राजपूत क्षत्रिय सभ एवं जिला चिकित्सालय सिवनी के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 05 फरवरी को जिला चिकित्सालय में ही हृदय रोग जाँच शिविर का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर स्पंदन हॉर्ट इंस्ट्ीट्यूट नागपुर के द्वारा अपनी विशेष सेवायें उपलब्ध करायीं जायेंगी।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए राजपूत क्षत्रिय सभ के अध्यक्ष अरविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि इस शिविर में स्पंदन हॉर्ट इंस्टीट्यूट नागपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ के अलावा सिवनी के डॉ. सौरभ् जठार एवं डॉ. विमलेश चौधरी भ्ी अपनी सेवायें देंगे। शिविर को सफलतापूर्वक आयोजित करने हेतु इसका पूरा प्रभर डॉ. अभ्जिीत सिंह चौहान को सौंपा गया है।
शिविर में आईसी.यू., एंजोग्राफी, एन्जोप्लास्टी, बाल्व सर्जरी, वायपास सर्जरी, पैथोलॉजी तथा सिटी स्केन जैसी सेवायें उपलब्ध रहेंगी। शिविर में मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप चलने के दौरान श्वासं फूलना, धूम्रपान या तंबाकू के सेवन के आदि हो चुके अथवा मोटापे या परिवार में अनुवांशिक हृदय रोग के पीड़ितों का विशेष परीक्षण किया जाऐगा। जबकि परीक्षण के दौरान ईसीजी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप की जाँच किये जाने के साथ हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह भ्ी पंजीकृत रोगियों को दी जावेगी।
शिविर का लाभ उठाने हेतु संबंधितों को 100 रूपये की राशि पंजीकरण हेतु देनी होगी और यह पंजीकरण काली चौक सिवनी स्थित डॉ. अभिजीत सिंह चौहान के क्लीनिक में किया जावेगा। इस हेतु उनके मोबाइल 9993055109 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य अधिक जानकारी के लिए 09822202348, 09028015557 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
राजपूत क्षत्रिय सभा के सचिव राजबहादुर सिंह चौहान एवं कोषाध्यक्ष अशोक सिंह चौहान ने बताया है कि उक्त शिविर मप्र राज्य बीमारी सहायता निधि, मप्र विद्युत राज्य निगम, बीएसएनएल, भारतीय खाद्य निगम, सीजीएचएस, ईसीएचएस से मान्यता प्राप्त तो है ही इस शिविर में संबंधित ऐसे रोगी जो बीपीएल कार्डधारक हैं उन्हें पंजीकरण शुल्क से मुक्त रखे जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित है।

तो क्या ये अफीम तस्करों के साम्राज्य पर मल्टीनेशनल का डाका है!


तो क्या ये अफीम तस्करों के साम्राज्य पर मल्टीनेशनल का डाका है!

सालाना कई हजार करोड़ का काला/सफेद धन पैदा करती है अफीम की खेती!

अब लग गई है, इस पर भी नजर!

(सुरेंद्र सेठी)

नीमच (साई)। समूची दुनिया में कमाई देने वाले कारोबार पर कब्जा जमाने की होड़ मची है। लगता है, अपून के मालवा-मेवाड़ के लोग भी इसी कारोबारी साजिश का शिकार हो रहे है। अफीम से मार्फिन निकालने का काम निजी हाथों में सौंपे जाने का केन्द्र सरकार का निर्णय तो ये ही संकेत देता नजर आ रहा है। ये फैसला एनडीए सरकार के वक्त हुआ था और इस पर अमल अब यूपीए सरकार में होता नजर आ रहा है।
नियम, शर्तंे पहले ही तय हो गई थी और दो कंपनियों को इस कारोबार करने के लायक भी मान लिया गया था। अब केन्द्रीय केबिनेट की मोहर लग जाने के बाद दोनों चुनी गई कंपनियां अपना काम काज संचालन की दिशा में आगे बढ़ा सकेगी। नई तकनीक से ये कंपनिया सीधे पापी केप्सुल( डोडा) से मार्फिन निकालेगी। अफीम का उत्पादन लेने के झंझट से ही मुक्ति! ना अफीम होगी और न होगी उसकी तस्करी।
साफ जाहिर है, ये धंधा ही मानों हुआ खत्म। पर, हकीकत ये नहीं है। वास्तविकता कुछ ओर है। धंधा खत्म नहीं हुआ। वे खत्म होंगे जो अफीम से मादक पदार्थ बना रहे थे। जब अफीम से ही तैयार मार्फिन की डिमांड है तो वो ही तो उन कंपनियों के कारखानों में बनेगा जो सीधे पापी केप्सुल से निकाला जायेगा! डोडा चूरी की खरीदी का झंझट भी खत्म होगा। अभी ये भी नहीं बताया गया है कि नई तकनीक से मार्फिन निकाले जाने पर पोस्ता दाना का क्या होगा। वो निकलेगा या नड्ढ हो जायेगा।
कुल मिलाकर साफ दिख रहा है , मालवा मेवाड़ का अकुत धन संपदा देने वाला अफीम उद्योग अन्तर्राड्ढ­ीय कारोबारी ताकतो की साजिश का शिकार हो रहा है। ये भी कांच की तरह साफ नजर आ रहा है , इस भारी भरकम उद्योग को कुचलने मंे कांग्रेस और भाजपा दोनों उन अन्तर्राड्ढ­ीय ताकतों की साजिश का शिकार होने में बराबर की दोषी है।
जाहिर है, मालवा मेवाड़ के किसान की इस आर्थिक ताकत को कुचलने के पिछे उनके भी कोइ बड़े हित सधे होंगे। आश्चर्य है, इतना बड़ा फैसला हो जाने के उपरांत भी मालवा मेवाड़ का अफीम उत्पादक किसान चुप्पी साधे बैठा है। लगता है,वो किसान भी अफीम के खेतों मंे काम करते करते उसकी महक का शिकार होकर गाफिल हो गया है।
0 बदलते समीकरण
अफीम के पौधों से निकलने वाले मादक द्रव्यों के प्रसंस्करण का काम निजी हाथों में सौंपे जाने के फैसले से मालवा मेवाड़ के अफीम उत्पादक इस इलाके में दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के समीकरण भी बदलते नजर आ रहे है! चूंकि फैसला (कांग्रेस)यूपीए सरकार के वक्त हुआ है तो अब सांसद मिनाक्षी मेडम सहित कांग्रेस के दुसरे नेताओं की मजबूरी हो गई है कि वे अब इस फैसले का स्वागत कर लोगों को ये बताये कि इससे तस्करी पर अंकुश लग जायेगा। इधर भाजपा के नेताओं का सुर कांग्रेसी नेताओं के उलट है। वे इस प्रस्ताव का जोर शोर से विरोध करते हुवे यूपीए सरकार को कौसने में जुट गये है। विचित्र बदलाव दोनों दलों की राजनीति में सामने आया है।
आरंभिक प्रस्ताव एनडीए सरकार के वक्त हुआ था। वो भाजपा तो खुलकर किसानों के हित में खड़ी नजर आ रही है और कांग्रेस की भूमिका खलनायक की नजर आने लगी है। इतना बड़ा फैसला अफीम की खेती को लेकर कांग्रेस की सरकार ने कर लिया और हमारी जागरूक और ताकतवर मानी जाने वाली सांसद मिनाक्षी मेडम इस पर संसद में एक शब्द भी नहीं बोल पाई। मिनाक्षी मेडम के लोक सभा सदस्य रहते हुवे इस फैसले का खामियाजा अतंतरू कांग्रेस को ही भोगना पड़ेगा।

अण्णा ने दिया भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का मौका: अक्षय


अण्णा ने दिया भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का मौका: अक्षय



(नेहा घई पण्डित)

मुंबई (साई)। फिल्में समाज का आइना होती हैं.. यानी सामाजिक गतिविधियों की छाप हमारी फिल्मों में भी दिखती है। बिते कई महीनों से देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बडे स्तर पर आंदोलन का दौर जारी है सारा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लडाई लड रहा है और इसी की एक झलक आने वाली फिल्म गली-गली में चोर है में देखने मिलेगी। फिल्म के नायक अक्षय खन्ना से नेहा घई पंडित की विशेष बातचीत:
0 इस फिल्म में आप भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं क्या यह अन्ना जी के आंदोलन से प्रेरित है ?
- फिल्म भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाती है लेकिन यह एक कॉमेडी है। फिल्म भले ही एक सिरियस टॉपिक को छुती है लेकिन इसे पेश करने का अंदाज कॉमेडी है। दरअसल लोग फिल्म को एंटरटेनमेंट के लिए देखने आते हैं तो अगर हसी-मजाक में कोई मैसेज भी दिया जाए तो अच्छा है। अन्ना हजारे जी ने देश भर में लोगो को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का हौसला दिया। उनके आंदोलन को मैं एक मिसाल मानता हूं। हां यह सच है कि अब फिल्म को शायद अच्छा रिस्पॉन्स मिले क्योंकि यह विषय हर व्यक्ति को छूता है।
0 फिल्म की कहानी और अपने किरदार के बारे में कुछ बताएं..
- फिल्म की कहानी एक बैंक कर्मचारी पर है जिसे मैं निभा रहा हूं.. बैंक में काम करने से ज्यादा उसे अपनी गली के नुक्कड नाटक कंपनी में चल रही रामलीला में हनुमान का किरगार निभाने में मजा आता है। एक नेता का बेटा जो उससे कम टेलेंटिट है राम का किरदार करता है, य़ह बात मेरे किरदार के बहुत परेशान करती है। ऐसी ही छोटी-छोटी बातों के लेकर बात पुलिस तक पंहुच जाती है। किस तरह हर एक स्तर पर उसे भ्रष्टाचार के निपटना पड़ता है वही है फिल्म की कहानी।
0 फिल्म में आप रामलीला में हनुमान का किरदार करते नजर आएंगे..लेकिन हमने सुना है कि आपने इससे पहले कभी रामलीला नहीं देखी थी..
- जी हां यह सच है कि मैंने कभी रामलीला नहीं देखी थी और मैंने .यह बात फिल्म के निर्देशक रूमी को भी बताई..तब उन्होने भोपाल के एक रामलीला करने वाले ग्रुप को मेरे सामने रामलीला मंचन करने को कहा..इससे मुझे बहुत फायदा हुआ।
0 असल जिंदगी में आप भी भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा मानते हैं.. क्या आप इस मुद्दे को और मजबूती से उठाने के लिए राजनीति में आने की नहीं सोच रहे ?
- नहीं बिलकुल नहीं..मैं राजनीति से दूर ही ठीक हूं..दरअसल मेरा मानना यह है कि आम आदमी में ही सबसे ज्यादा ताकत है। राजनेता तभी बनता है जब जनता उसका साथ दे..आम आदमी को बहुत ही सोच समझकर अपने नुमाइंदे चुनने चाहिए। भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जरूरी नहीं की आप राजनीति में आएं..अपनी जगह इमानदारी से अपना काम करते हुए भी आप भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।
0 सुना है आपको पायरसी को लेकर काफी गुस्सा आता है ?
- देखिए पायरेसी के लिए मैं कई कारणों को मानता हूं। देश में सिनेमा का प्रॉपर इंनफ्रास्ट्रक्चर नहीं होना भी पायरसी के बढने का कारण है। एक दशक पहले की बात ही लिजिए जब देश में सिनेमा हॉल काफी कम थे। छोटे शहर के लोग तो महीनों इंतजार करते रहते थे। इसी कारण नकली डीवीडी का व्यापार फला-फूला। लेकिन अब ऐसा नहीं है, इसिलिए मैं अपने स्तर पर हमेशां लोगों से अपील करता हूं कि हॉल में जाकर फिल्म का लुत्फ लें और पायरेसी से लड़ने में फिल्म इंड़स्ट्री की मदद करें।
0 अक्षय इतनी मारा मारी के बाद क्या फिल्म में आपको राम का किरदार मिलता है या नहीं ?
- वह तो आपको फिल्म देखकर ही पता करना होगा। मगर फिल्म के एक डॉयलॉग के जरिए आपको हिन्ट देता हूं.. इस देश में कोई राम नहीं बन सकता, देश का उद्धार अब सिर्फ हनुमान बनकर राम को दिल में बसाने से ही होगा।
(नेहा घई पंडित पेशे से पत्रकार, कापी व वेब कंटेंट एडीटर हैं)

पलाश: एक गुणकारी औषधि


हर्बल खजाना ----------------- 12

पलाश: एक गुणकारी औषधि



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। मध्यप्रदेश के लगभग सभी इलाकों में पलाश या टेसू प्रचुरता से पाया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ब्युटिया मोनोस्पर्मा है। पलाश की छाल, पुष्प, बीज और गोंद औषधिय महत्त्व के होते हैं। पलाश के गोंद में थायमिन और रिबोफ़्लेविन जैसे रसायन पाए जाते है।
पतले दस्त होने के हालात में यदि पलाश का गोंद खिलाया जाए तो अतिशीघ्र आराम मिलता है। पलाश के बीजों को नींबूरस में पीसकर दाद, खाज और खुजली से ग्रसित अंगो पर लगाया जाए तो फ़ायदा होता है। डाँग- गुजरात के आदिवासी बवासीर के रोगियों को इसके ताजे कोमल पत्तों की भाजी घी में तैयार कर, दही और मलाई के साथ सेवन करने की सलाह देते हैं।
ऐसा माना जाता है कि यदि इसके पुष्पों को पानी में उबाल लिया जाए और इस पानी से स्नान किया जाए तो सोरायसिस और अन्य चर्मरोगों में लाभ होता है। पातालकोट के भुमकाओं की मानी जाए तो संधिवात में इसके बीजों को शहद के साथ अच्छी तरह से पीसकर दर्द वाले हिस्सों पर लेपित किया जाए तो दर्द में आराम मिलता है।
शरीर में बुखार होने की वजह से जलन होने पर पलाश के पत्तों का रस लगाने से जलन का असर कम हो जाता है। मधुमेह में पलाश के फ़ूलों का चूर्ण लेने से फ़ायदा होता है। बिच्छु के काटे जाने पर आदिवासी पलाश के बीजों को गाय के दूध में घिसकर दंश वाले भाग पर लगाते है।

(साई फीचर्स)

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