ये है दिल्ली मेरी जान
(लिमटी खरे)
दस जनपथ में मध्य प्रदेश की भागीदारी समाप्त!
कांग्रेस के सत्ता के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ में अब मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं का दबदबा लगभग पूरी तरह ही समाप्त हो गया है। कल तक इस बंग्ले की नाक के बाल माने जाने वाले कुंवर अजुZन सिंह और सुरेश पचौरी भी अब हाशिए पर ही आ गए हैं। अपनी कारगुजारियों और पे्रशर टेिक्टस के चलते कुंवर अजुZन सिंह को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है तो दूसरी और मध्य प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा में अपेक्षाकृत कम प्रभावी प्रदर्शन ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के प्रवेश के मार्ग में शूल बो दिए हैं। रही बात अन्य क्षत्रपों की तो दििग्वजय सिंह राहुल गांधी के अघोषित गुरू का काम संभाले हैं, तो अहमद पटेल की हट के चलते कमल नाथ भी सोनिया गांधी के करीब नहीं जा पा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया से कुछ उम्मीद की जा रही थी, किन्तु उन्हें युवा होने के नाते राहुल गांधी के कोटे में ही रखा गया है। इस तरह आज के परिदृश्य में सोनिया गांधी की कोटरी में मध्य प्रदेश की भागीदारी नहीं बचती दिख रही है।
मंत्री जी जुआ जीते, केसीनों ने उन्हें बनाया
कितने आश्चर्य की बात है कि भारत गणराज्य के एक मंत्री ने जुंआ खेला और जीता भी। जी हां गोवा के पर्यटन मंत्री फ्रांसिस्को पचेको ने गोवा में एक जुंआघर में जाकर जमकर जुंआ खेला। रात भर चला दांव पेंच का सिलसिला थमा तो मंत्री जी लगभग एक करोड़ 53 लाख रूपए का दांव जीत चुके थे। अब बारी थी माल चुकाने की। केसीनो ने मंत्री जी से कुछ समय की मोहलत मांगी और जैसे तैसे कर 28 लाख चुका दिए। शेष रकम के लिए उसने अंगूठा दिखा दिया। मंत्री जी भी कम नहीं थे। उन्होंने केसीनो मालिक के खिलाफ रपट ही लिखवा दी। तू डाल डाल मैं पात पात की तर्ज पर केसीनो मालिक ने मंत्री जी और उसके साथी पर धमकी देने का आरोप लगा दिया। मंत्री जी के मित्र गिरफ्तार हो गए। इसमें आश्चर्य यह कि क्या पर्यटन मंत्री को केसीनो वालों ने नहीं पहचाना! और अगर मंत्री के साथ धोखाधड़ी तो बाहर से आने वाले पर्यटकों का क्या हाल होता होगा?
गोरी भाउ की कार्यप्रणाली चर्चाओं में
मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन की कार्यप्रणाली इन दिनों राजधानी दिल्ली में चर्चा का विषय बनी हुई है। कभी वे आचार संहिता के दौरान घड़ी बांटकर चर्चा में आते हैं, तो कभी होली मिलन समारोह में बिना अनुमति डीजे बजाने या नोट लहराने को लेकर। कुछ दिनों पहले उन्होंने किसानों का ऋण माफ नहीं कर सकने जैसा बयान दे डाला। इस बार मामला कुछ अलग ही है। राजधानी भोपाल में सूबे के निजाम शिवराज सिंह चौहान के साथ हुई सहकारी बैंकों के अध्यक्षों की एक बैठक के उपरांत सतना जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और गौरी भाउ आपस में उलझ गए। दोनों और से अश्लील शब्दावली के तीर चलने लगे। बताते हैं कि चोर, बेईमान, लफंगे, पोंगापण्डित जैसे शब्दों के बाणों का भी जबर्दस्त इस्तेमाल हुआ। 11 अशोक रोड़ स्थित भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में इस पंगे के चर्चाएं लोग नमक मिर्च लगाकर कर रहे हैं।
एनआईए में मध्य प्रदेश काडर के आईपीएस
नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) में मध्य प्रदेश काडर के भारतीय पुलिस सेवा की पदस्थापना की गई है। माना जा रहा है कि दर्जन भर से ज्यादा आईपीएस इसके लिए लाबिंग कर रहे थे, किन्तु सफलता मिली पुलिस मुख्यालय में पदस्थ महानिरीक्षक कानून व्यवस्था संजीव कुमार िंसंह को। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री दििग्वजय सिंह के विशेष कृपापात्र उक्त अधिकारी को पूर्व में एनआईए में उप पुलिस महानिरीक्षक का पद दिया जा रहा था जिसके लिए उन्होने अपनी असहमति जता दी थी। बाद में आकाओं की जोड़ तोड़ के उपरांत संजीव कुमार सिंह को विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं।
कमल नाथ की तर्ज पर सुषमा!
विदिशा से जबर्दस्त विजय हासिल करने के बाद अब सुषमा स्वराज इस संसदीय क्षेत्र को छोड़ना कतई नहीं चाह रहीं हैं। यही कारण है कि उन्होंने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ की ही तर्ज पर काम करना आरंभ कर दिया है। वे अब विदिशा के दौरे समय निकाल कर रहीं हैं। इतना ही नही उन्होंने अपने दिल्ली स्थित आवास में विदिशा को लेकर एक अलग सेल भी बना दिया है, ताकि उनके संसदीय क्षेत्र का कोई भी मतदाता दिल्ली आकर खाली हाथ वापस न जाए। गौरतलब होगा कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के बारे में उनके संसदीय क्षेत्र में किंवदंती है कि उपर भोलेनाथ नीचे कमल नाथ। अथाZत कोई भी कमल नाथ के दरबार से खाली हाथ कभी भी वापस नहीं आता हैं। कमल नाथ संसदीय क्षेत्र के मसले में कोताही बर्दाश्त नहीं करते हैं। यह अलहदा बात है कि 1997 में सुंदर लाल पटवा ने उन्हें छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से ही करारी शिकस्त दी थी। अब देखना यह है कि कमल नाथ के पदचिन्हों पर चलकर सुषमा स्वराज कितनी सफलता पातीं हैं।
फिजूलखर्च शिवराज सरकार!
जहां एक ओर मध्य प्रदेश सरकार आर्थिक बदहाली का रोना रो रही है, वहीं दूसरी ओर सूबे के निजाम और उनके सहयोगी हवाई यात्रा पर करोड़ों रूपए फूंक रही है। जी हां यह सच्चाई है जनाब। 2006 से इस साल फरवरी तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 770 घंटे हवा में रहकर दो करोड़ 63 लाख रूपए खर्च किए। जगदीश देवड़ा 3 घंटे, नारायण सिंह कुशवाह 16, हिम्मत कोठारी 11, रामपाल सिंह और जगन्नाथ सिंह 8 - 8, विजय शाह 06, मोती कश्यप और रंजना बघेल ने 5 - 5, तो पारस जैन और अखंड प्रताप सिंह ने 4, 4 घंटे हवा में रहकर कुल पोने तेरह करोड़ की चपत मध्य प्रदेश के खजाने को लगाई है। यह तो वही बात हुई कि जिस तरह सूखा ग्रस्त घोषित सिवनी जिले के जिला मुख्यालय में फव्वरों से पानी उगला जा रहा है, उसी तरह आर्थिक तंगी में सूबे की सरकार हवा में उड़कर गरीबों का खून पसीने का पैसा हवा में उड़ा रही है।
साडी दिल्ली दिलवालों की दिल्ली
केंद्रीय युवा मामलों के मंत्री एम.एस.गिल ने पिछले दिनों नई दिल्ली के नाम को बदलने की बात कहकर शांत पानी में कंकर मार दिया है। गिल ने गेंद को दिल्ली में तीसरी बार सत्तारूढ हुईं शीला दीक्षित की ओर उछालते हुए इस मामले में पहल करने को भी कह दिया है। उधर शीला ने मंद मंद मुस्कुराकर इस बात को ज्यादा हवा नहीं दी है। गिल ने नई दिल्ली का नाम फिर से दिल्ली करने का पुरजोर आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंंने कोलकता, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरू का भी उदहारण दिया है। गिल ने इसे कामन वेल्थ गेम के पहले बदलने की मंशा भी जताई है। अब देखना यह है कि वाकई गिल साहेब दिल्ली का नाम परिवर्तन करना चाह रहे हैं या फिर शीला विरोधियों को एक नई तलवार पकड़ा रहे हैं।
योन शोषण की शिकार मप्र की स्कूली छात्राएं
मध्य प्रदेश में शालेय स्तर पर योन शोषण के मामले वैसे तो कम ही प्रकाश में आते हैं किन्तु मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग को मिली शिकायतों पर अगर गौर किया जाए तो यहां माध्यमिक स्तर पर छात्राओं के योन शोषण के मामले बहुत ही अधिक हैं। दरअसल विभागीय स्तर पर बनाई जाने वाली जांच समितियां इस तरह के मामलों को तत्काल ही किसी न किसी दबाव के चलते ठंडे बस्ते के हवाले कर देती हैं। वैसे शिकायतों की जांच और सुनवाई के बाद मामला पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। पुलिस भी पुलिस ही ठहरी। इन परिस्थितियों में विभागीय समितियों को हाथी के बेशकीमति दांतों सेे कमतर नहीं आक रहा है महिला आयोग। दूसरा पहलू यह है कि मध्य प्रदेश में शिव का राज है, जहां महिलाओं के लिए अधिक से अधिक कल्याणकारी योजनाएं लाने की जुगत लगाई जा रही है। इसी को कहते हैं यारों दिया तले अंधेरा।
जाखड़ बने रहेंगे मध्य प्रदेश के लाट साहेब
मध्य प्रदेश में महामहिम राज्यपाल बलराम जाखड़ की कुर्सी के पाए अब शायद ही हिल सकें। पहले उन्हें महाराष्ट्र भेजे जाने का ताना बाना बुना जा रहा था। उनके स्थान पर राजस्थान के शीशराम ओला का नाम चल रहा था। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि अब कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी ने अपने राजनैतिक सचिव अहमद पटेल की सलाह पर शीशराम ओला को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने का मन बना लिया है। वैसे मंत्रीमण्डल में शामिल न हो सके बालासाहेब विखे, अजुZन सिंह, हंसराज भारद्वाज, अनिल शास्त्री आदि गर्वनर बनने वालों की लाईन में खड़े दिख्.ााई दे रहे हैं। इनमें से अजुZन सिंह शायद ही कहीं जाकर लाट साहबी करने अपनी सहमति दें।
पुच्छल तारा
कभी सत्ता की गाड़ी हांकने में महारथी माने जाने वाले कुंवर अजुZन सिंह आज बेबस नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में शिरकत करने व्हील चेयर पर पहुंचे कुंवर साहेब ने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। बस शांत भाव से सभी को देखते रहे, मानो कह रहे हों अभी मैं शांत मुद्रा में हूं! गौरतलब होगा कि कुंवर साहेब की चुप्पी जब भी टूटती है, वह राजनैतिक हल्कों में सैलाब ही लाती है। अजुZन सिंह की चुप्पी से कांग्रेस के बड़े नेता अंदर ही अंदर बुरी तरह डरे सहमे नजर आ रहे हैं।
रविवार, 21 जून 2009
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