मौसम की जारी है अनिश्चितता
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। देश भर में मौसम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। पूर्वोत्तर और उत्तर में जहां भारी हिमपात है वहीं मैदानी इलाकों में ठंड से राहत के बाद बुधवार को पानी ओले और मवाठों ने मौसम में ठंडक धोल दी है। त्रिकुटा के पर्वतों पर विराजी माता वेष्णों देवी के भक्तों ने भी भारी बर्फबारी के बीच अपनी चढ़ाई पूरी की।
देहरादून साई ब्यूरो अर्जुन कुमार ने बताया कि सूबे में सर्द हवाओं ने जीना मुहाल किया हुआ है। राज्य के चकराता में हिमपात से ठिठुर रहे लोगों को दिन भर छायी घटाओं ने बेहाल किया। सूर्यदेव के दर्शन न होने से लोग घरों में कैद रहे। मौसम के बिगड़े मिजाज से फिर से बर्फबारी के आसार बढ़ गए हैं।
बुधवार को चकराता क्षेत्र में आसमान में घटाओं ने डेरा डाले रखा। सूर्यदेव के दर्शन न होने से लोग ठिठुरन की चपेट में आ गए। बाजारों में सन्नाटा पसर गया। तहसील प्रशासन द्वारा अलाव न जलाने पर स्थानीय लोगों ने अपने रुपये से अलाव की व्यवस्था कर आग तापी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में ऊंचे स्थान पर स्थित लोखंडी, देववन में भारी बर्फबारी के कारण भी पूरा क्षेत्र शीत की चपेट में है।
उधर, धर्म नगरी हरिद्वार से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया संवाददाता ने बताया कि शहर में गंगा किनारे घाट पर ठिठुरता मिले मासूम से सनसनी फैल गई। धर्मनगरी में एक बार फिर ममता शर्मसार हो गयी। एक साल के शिशु को गंगा किनारे अलकनंदा घाट पर लावारिस छोड़ दिया गया। समय रहते ठंड में ठिठुर रहे मासूम पर लोगों की नजर पड़ गयी। सूचना पर नगर पुलिस ने मासूम को अपनी देखरेख में ले लिया। देर शाम तक बच्चे के मां-बाप का कोई पता नहीं चल पाया था। नगर कोतवाल पीसी मठपाल ने बताया कि बच्चे की घाट पर मिले बच्चे की उम्र करीब एक साल है। हरकी पैड़ी पर भी इस संबंध में घोषणा कराई गई। साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में लोगों से जानकारी जुटायी गयी। फिलहाल बच्चे को कोतवाली में ही रखा गया है।
जम्मू से साई ब्यूरो विनोद नेगी ने बताया कि एनएच के बंद रहने से दिनभर भड़के रहे यात्री। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से जम्मू के मुख्य बस स्टैंड में फंसे सैकड़ों यात्रियों का गुस्सा बुधवार को सातवें आसमान पर रहा। उन्होंने दिनभर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यात्री उन्हें एयरलिफ्ट कर श्रीनगर पहुंचाने की मांग कर रहे थे। लगातार तीसरे दिन भी राजमार्ग बंद रहने से बस स्टैंड में फंसे यात्रियों ने इंदिरा चौक पहुंचकर मुख्य मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। अलबत्ता, जम्मू के डिप्टी कमिश्नर संजीव वर्मा ने बस स्टैंड पहुंचकर यात्रियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। निशुल्क लंगर की व्यवस्था करवा दी गई है। कोशिश की जाएगी कि राजमार्ग नहीं खुलने की सूरत में उन्हें श्रीनगर पहुंचाने के लिए उचित प्रबंध किए जाएं। अनंतनाग के गुलाम हसन, सलीम व नसीम का कहना था कि सरकार बुरी तरफ फ्लाप हो चुकी है। हर साल बर्फ से राजमार्ग बंद होता है, बावजूद इसके कहीं भी यात्रियों की सुविधा के लिए इंतजाम नहीं है। बस स्टैंड में चार सौ के करीब यात्री फंसे हुए हैं। इसी बीच राजमार्ग बुधवार शाम को खुल गया और देर रात तक वाहनों को निकाला जाता रहा।
उधर, कश्मीर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि राज्य में मंगलवार को न तो मौसम में सुधार हुआ और न ही बंद पड़ा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग दूसरे दिन खोला जा सका। हालांकि प्रशासन के काफी प्रयास के बाद हाइवे पर फंसे कुछ वाहनों को श्रीनगर की ओर निकाला गया, लेकिन भूस्खलन व भारी बर्फबारी में वे फिर फंस गए। उधर, बांडीपोरा जिले में हिमस्खलन हुआ, लेकिन इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जम्मू संभाग में माता वैष्णो देवी, पुंछ व राजौरी जिले के उच्चपर्वतीय इलाकों में भी हिमपात हुआ है। राहत की बात यह रही कि जम्मू में दो दिन बाद हल्की धूप खिली।
बीकम कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के बाद पंथाल व रामबन में रुके कुछ वाहनों को श्रीनगर की तरफ रवाना करने की कोशिश की गई, लेकिन शैतानी नाले के निकट हुए एक बड़े भूस्खलन व भारी बर्फबारी ने गाड़ियों पर फिर ब्रेक लगा दिया। बीकन के चीफ इंजीनियर डीके वोहरा ने कहा कि मार्ग से लगातार बर्फ हटाई जा रही है, लेकिन जबरदस्त बर्फबारी के चलते काम में बाधा आ रही है। इस बीच, आइजी ट्रैफिक हेमंत लोहिया ने बताया कि अभी भी 600 से ज्यादा छोटे-बड़े वाहन राजमार्ग पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को श्रीनगर तथा जम्मू के लिए राजमार्ग पूरी तरह से बंद रखा जाएगा, अलबत्ता डोडा के लिए वाहनों को आने-जाने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते मौसम साफ रहना चाहिए। इसके अलावा बर्फबारी में फंसे वाहनों को भी निकालने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि डोडा के लिए निकलने वाले वाहन सुबह 6 से 9 बजे तक नगरोटा पार कर लें। इसके बाद किसी भी वाहन को नहीं जाने दिया जाएगा। लोहिया ने कहा कि मौसम साजगार हुआ तो वीरवार को राजमार्ग को वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
उधर, गुलमर्ग समेत तमाम उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। जबकि श्रीनगर व इसके साथ सटे इलाकों में बारिश व हल्की बर्फबारी रुक-रुक कर होती रही। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी तथा बारिश की संभावना जताई है। मंगलवार को जम्मू का अधिकतम तापमान 19.2 तथा न्यूनतम 8.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बांडीपोरा जिले के खनड़याल गांव में सोमवार रात हुए हिमस्खलन में कई मकानों की छतें क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पहले की सावधान कर देने से लोग इस इलाके को खाली कर सुरक्षित स्थानों की तरफ कूच कर गए हैं।
जिला मुख्यालय उधमपुर से करीब 65 किलोमीटर दूर नागसैनी ब्लॉक के पोलर गांव में एक कच्चे मकान पर बर्फ का तोंदा गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में पति-पत्नी और उनका आठ माह का बच्चा शामिल है। किश्तवाड़ के डीसी मुहम्मद हुसैन मलिक ने बताया कि पोलर गांव का सुलेमान गुज्जर पुत्र हाशिम दीन मंगलवार रात को अपनी पत्नी सलीमा बेगम व आठ माह के बच्चे के साथ अपने कच्चे मकान में सोया था। बुधवार सुबह करीब पांच बजे पहाड़ से बर्फ का एक हिस्सा टूटकर उनके मकान पर जा गिरा। इससे सुलेमान उसकी पत्नी व बच्चे की मौत हो गई। बर्फ में दबकर उनके दस मवेशी भी मारे गए। हादसे की खबर मिलते ही तहसीलदार किश्तवाड़ इंद्रजीत सिंह परिहार पुलिस व डॉक्टरों की टीम लेकर मौके पर पहुंचे। मृतकों को बाहर निकालकर मौके पर ही पोस्टमार्टम कर शव उनके रिश्तेदारों के हवाले कर दिए गए। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है। सनद रहे कि सात जनवरी को भी किश्तवाड़ के वृंदावन में बर्फबारी में पैर फिसलने से खाई में गिरकर ग्रेफ कर्मचारी की मौत हो गई थी। इसके अलावा पाडर के इश्तयारी इलाके में भी एक ग्रामीण बर्फ में दबकर मारा गया था।
शिमला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो स्वाति सिंह ने खबर दी है कि राज्य के अनेक इलाकों में आज हल्के बादल छाए रहे और बीच- बीच में धूप खिली रही मगर लोगों को कड़ाके की ठंड से कोई निजात नहीं मिली है। दूसरी ओर जनजातीय लाहौल स्पिति व किन्नौर जिलों सहित चंबा के पांगी और भरमौर में आज लगातार चौथे दिन भी रूक-रूक कर बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। मौसम खराब रहने पर लाहौल घाटी व चंबा-किलाड़ के लिए आज निर्धारित हैलिकॉप्टर उड़ानें भी नहीं करवाई जा सकीं। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के लाहौल स्पिति संवाददाता ने बताया कि हैलिकॉप्टर उड़ानें न होने से लाहौल घाटी में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कई मरीज बेसब्री से उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं। स्पिति में सडक मार्ग बंद होने से मरीजों को काजा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहंुचान मुश्किल है जिसके चलते स्पिति पंचायत की प्रधान चंपा डोलमा ने यहां जल्द हैलिकॉप्टर उड़ान करवाने की मांग की है। लगातार हो रही बर्फबारी से म्याड़ घाटी में संचार, पानी व बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। तिंगरिट पंचायत की प्रधान सावित्री देवी ने घाटी में बिजली आपूर्ति जल्द बहाल करने की गुहार लगाई है। किन्नौर जिले की उपरी चोटियों पर भी हिमपात जारी रहने से लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। जिले के अधिकांश सम्पर्क मार्गों को अभी भी यातायात अवरूद्ध बना हुआ है। शिमला जिले के दुर्गम डोडराक्वार इलाके में लगातार हो रही बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पिछले एक महीने से ठप्प है। रोहडू कांग्रेस मंडल के प्रधान महेन्द्र वासू ने क्षेत्र में बिजली आपूर्ति जल्द बहाल करने की सरकार से मांग की है। इधर राजधानी शिमला व इसके आस पास के इलाकों में हल्के बादल छाए रहे और सर्द हवा का सिलसिला जारी रहा। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों में राज्य के अनेक इलाकों में वर्षा व हिमपात का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है।
शिमला साई ब्यूरो से आशय अर्गल ने बताया कि प्रदेश में बुधवार को भी ऊंचे क्षेत्रों में रुक-रुक कर बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। इसकारण तापमान में काफी गिरावट आई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेशभर में 19 फरवरी तक मौसम के तेवर बदलते रहेंगे। इस दौरान प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में जहां बर्फबारी का दौर जारी रहेगा तो मध्यम ऊंचाई वाले और मैदानी इलाकों बारिश का सिलसिला रहेगा। बुधवार को जहां प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हुई वहीं कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों व मैदानी इलाकों में बारिश रिकार्ड की गई। बुधवार को कल्पा में 16.6, सलोनी में 10.0, केलंग में 3.0 व मनाली में 1.0 ताजा हिमपात दर्ज किया गया वहीं खैरी में 24, तीसा में 13, जोगेंद्रनगर 3, नूरपुर में 1, सुंदरनगर में 0.2, भुंतर में 1.1, धर्मशाला में 8.4, पालमपुर में 3.8, मनाली 7.6 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। बुधवार को प्रदेश में जला जिला नाहन के पांवटा साहिब में अधिकतम तापमान 20.0 रिकार्ड किया गया वहीं केलंग का न्यूनतम तापमान माइनस 10.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
उधर चांपा से साई ब्यूरो ने बताया कि बर्फबारी का तांडव झेल रहे जिला की हालत पतली हो चुकी है। बुधवार को थोड़ी देर के लिए मौसम साफ होते ही कई दिन से बर्फ व बारिश के थपेड़े झेलते आ रहे मकान व डंगे गिरने शुरू हो गए हैं। चंबा में करीब आधा दर्जन मार्गाे पर हुए भूस्खलन से आवाजाही बुरी तरह प्रभावित रही। लोगों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल जाना पड़ा। उधर, चंबा उपमंडल के टिप्परा गांव में एक मकान के जमींदोज होने का भी समाचार है। उक्त मकान के गिरने से पीड़ित यूसुफ पुत्र नूर मोहम्मद निवासी टिप्परा को लाखों रुपये की क्षति हुई है। एसडीएम चंबा रोहित राठौर ने पीड़ित परिवार को जल्द राहत राशि प्रदान करने का फैसला किया है। टिप्परा में कुछ दिन से बारिश व बर्फबारी का प्रकोप जारी था। इसके बाद लगातार पानी लगने से उक्त मकान क्षतिग्रस्त हो चला था जो बुधवार को गिर गया। प्रशासन ने मकान के संबंध में पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके अलावा चंबा-पठानकोट मुख्य मार्ग पर परेल घार के समीप हुए भूस्खलन के बाद मार्ग काफी देर तक बंद रहा। इस दौरान बाहरी इलाकों से चंबा की तरफ आ रहे राहगीरों को सामान उठाकर करीब छह किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। हालांकि मार्ग बाधित होने की खबर मिलते ही लोक निर्माण विभाग ने कर्मचारियों को मौके पर भेज दिया था। लेकिन इसके बावजूद काफी देर तक वाहनों को कतार में खड़ा रहना पड़ा। चंबा-साहो मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन से दिनभर आवाजाही प्रभावित रही। मार्ग में भूस्खलन के बाद पड़ी मिट्टी को हटाने में कर्मचारी जुटे रहे। साहो में शिवरात्रि का उपमंडलस्तरीय कार्यक्रम आयोजित होना है जिसे देखते हुए मंदिर कमेटी साहो समेत अन्य ग्रामीणों ने उक्त मार्ग को समय रहते दुरुस्त करने का आह्वान किया है। ताकि शिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो। इसके अलावा चंबा शहर में चंबा-चामुंडा मार्ग पर हुए भूस्खलन के बाद इस मार्ग पर भी दोपहर तक आवाजाही प्रभावित रही। प्रशासन की मदद से मार्ग को खोलने का प्रबंध किया गया।
उधर, एसडीएम रोहित राठौर का कहना है कि बारिश प्रभावित मार्गाे को दुरुस्त करने का अभियान छेड़ा जा चुका है। बारिश से कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्हें मुआवजा देने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को खराब मौसम में एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। बारिश थमते ही पूरे उपमंडल में बारिश व बर्फबारी से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा।
जनजातीय क्षेत्र पांगी में लोगों की उम्मीद एक बार फिर खराब मौसम ने तोड़ दी है। बुधवार को मौसम साफ होने के बाद पांगी के लिए हेलीकाप्टर की उड़ान की संभावना थी। इसे देखते हुए प्रशासन ने भी तैयारी कर ली थी। अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस समेत वे तमाम यात्री जिन्हें प्रशासनिक तौर पर पांगी भेजने की सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं, सभी बुधवार तड़के ही हेलीपैड पहुंच गए थे। लेकिन ऐन मौके पर उड़ान रद होने से उन्हें मायूस लौटना पड़ा। चंबा से पांगी के लिए अभी तक दो ही बार उड़ान संभव हो पाई है। कुछ दिन से लगातार खराब मौसम से हवाई यात्रा पर असर पड़ रहा है। इससे पूर्व पांगी के लिए विशेष उड़ान का प्रबंध करने से संबंधित एक पत्र पहले ही जिला प्रशासन जनजातीय विकास निगम को भेज चुका है। लेकिन यह सब तभी संभव है जब चंबा में मौसम साफ हो। चंबा-पांगी की हवाई यात्रा में खलल पड़ने से कई यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। घाटी जाने के लिए तैयार यात्री लंबे समय से चंबा में फंसे हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने यात्रियों की हरसंभव मदद का ऐलान किया है। लेकिन घाटी से बाहर फंसे लोग जल्द घरों तक पहुंचना चाहते हैं। इसके अलावा पांगी कल्याण संघ भी जिला प्रशासन से घाटी के बाहर फंसे लोगों की मदद के लिए गुहार लगा चुका है। उधर, प्रशासन ने मौसम साफ होते ही उड़ान का प्रबंध करने की बात कही है।
मौसम के बिगडे़ मिजाज से संकट में फंसे जनजातीय इलाकों के लोग अब देवताओं को मनाने में जुट गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रकृति के इस तांडव से उन्हें देवता ही बचा सकते हैं। बर्फबारी की आफत को टालने के लिए समूचे उपमंडल के मंदिरों में जगह-जगह पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है। देवताओं के आगे नत्मस्तक लोग भीषण बर्फबारी से निजात की गुहार लगा रहे हैं। उपमंडल प्रशासन भी यह तय कर चुका है कि जब तक मौसम साफ नहीं हो जाएगा तब तक कोई भी काम पूरा नहीं हो सकता है। फिलहाल, मौसम के इस रुख के बीच बुधवार को भी जनजातीय क्षेत्र भरमौर में मौसम का मिजाज हल्का नहीं हुआ है। रुक-रुक कर हिमपात का दौर जारी रहा। बिजली, पेयजल व सड़क संपर्क बुधवार को बहाल नहीं हो पाए। आफत में फंसे लोगों के लिए प्रशासनिक तौर पर हरसंभव मदद का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मौसम के बिगड़ैल रुख के आगे यह प्रयास फीके नजर आ रहे हैं। जनजातीय क्षेत्र में अब तक आम लोगों समेत प्रशासन को भी लाखों रुपये की क्षति हो चुकी है। इसका अनुमान मौसम में सुधार आने के बाद ही किया जा सकेगा। बर्फबारी के तांडव के बीच जनजातीय क्षेत्र के लोगों को सबसे बड़ी राहत की खबर सरकारी स्कूलों में छुट्टियां होना ही है। जनजातीय क्षेत्र में बुधवार को सुबह थोड़ी देर के लिए मौसम साफ होने के बाद दोबारा बर्फबारी शुरू हो गई। क्षेत्र के लोग अब किसी भी कीमत पर इस आफत से निजात पाना चाहते हैं। हालांकि बर्फबारी के बीच सबसे अच्छी खबर अब तक यही है कि भरमौर समेत पूरे जनजातीय क्षेत्र में बर्फबारी से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। उधर, प्रशासन ने चेतावनी को दोहराते हुए लोगों से घरों में ही रहने का आह्वान किया है। जिला प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी कीमत पर घरों से बाहर न निकलें।
चंबा में दिन के समय तापमान पांच से आठ डिग्री पर ठहरा हुआ है। कुदरत के इस कहर का सामना कर रहे लोगों की हालत पतली हो चुकी है। लगातार बारिश से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जगह-जगह सड़कें बंद हैं व आवाजाही लगभग ठप हो चुकी है। नए साल की शुरूआत के बाद से अब तक करीब डेढ माह के अंतराल में चंबा में सबसे ज्यादा बारिश व बर्फबारी दर्ज की गई है। भरमौर में पिछले 48 घंटे से बर्फ गिर रही है। यहां के ज्यादातर इलाकों में बिजली, पानी, सड़क व संचार सुविधाएं चरमरा गई है। चंबा-भरमौर-होली मार्ग पर कई जगह गाड़ियां फंसी हुई हैं। हालांकि लोक निर्माण विभाग मार्ग को बहाल करने में जुटा हुआ है लेकिन बर्फबारी न थमने से विभागीय कर्मचारियों को कामयाबी नहीं मिल पा रही है। करीब डेढ माह के दौरान भरमौर व होली में मुश्किल से एक सप्ताह तक ही आवाजाही संभव हो पाई है। इसके बाद सभी मार्ग पूरी तरह से ठप पड़े हैं। जल्द ही क्षेत्र में हालात न सुधरे तो लोगों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है। उधर, पांगी घाटी में अब तक करीब तीन फुट ताजा हिमपात हो चुका है। यहां 48 घंटे से लगातार बर्फबारी हो रही है। प्रशासन ने किसी भी हालत में लोगों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी है। चंबा में इससे पूर्व भी भारी बर्फबारी के दौरान चुराह इलाके में बर्फीले तूफान से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। बर्फबारी व बारिश से जिला में विकास कार्य प्रभावित हुए हैं तथा लोगों को बिजली व पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कोल्ड स्टोर समझे जाने वाले भरमौर के लोगों ने भी बर्फबारी का इतना लंबा दौर कभी नहीं देखा। भरमौर में करीब 20 साल पूर्व 24 घंटे लगातार हुई बर्फबारी से क्षेत्र में करीब चार से छह फुट तक बर्फ जम गई थी। इस बार समूचा जनजातीय क्षेत्र करीब डेढ माह से बर्फबारी का सामना करना रहा है। टुकड़ों में गिरी बर्फ का आकलन करीब दस फुट से ज्यादा हो चुका है। भरमौर में रोजाना करीब दो से अढ़ाई फुट तक बर्फ गिर रही है, जबकि होली में करीब डेढ फुट बर्फ रोजाना गिरने का अनुमान है। बर्फबारी से भरमौर की सभी पंचायतों का संपर्क आपस में कट चुका है। 1991 में हुई बर्फबारी 24 घंटे जारी रही थी लेकिन उसके बाद मौसम साफ हो गया था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। जनजातीय क्षेत्र में पिछले 20 साल से बर्फबारी व ठंड के घटते क्रम के बीच ज्यादातर लोगों ने विस्थापन छोड़ दिया था। इस बार सर्दियों में क्षेत्र के बहुत से परिवार घरों को छोड़कर कांगड़ा या अन्य निचले इलाकों में नहीं गए। इसके साथ ही 20 साल से भरमौर की युवा पीढ़ी भी लगातार बर्फबारी के दौर को झेलने की आदि नहीं रही है जिससे क्षेत्र में लोगों को इस बार ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में लोग रोजाना घरों की छत से बर्फ हटाते हैं और दूसरे दिन उससे भी ज्यादा बर्फ दोबारा जमा हो जाती है। जनजातीय क्षेत्र में मौसम का यही हाल रहा तो आने वाले कुछ दिनों में इलाके के लोगों को खाद्य संकट से भी जूझना पड़ सकता है।
उपमंडल डलहौजी में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण उपमंडल प्रशासन ने हाइ अलर्ट घोषित कर दिया है। उपायुक्त चंबा के कार्यालय से मिले आदेश के बाद उपमंडलाधिकारी (नागरिक) डलहौजी डॉ. मधु चौधरी ने उपमंडल के ऊंचाई वाले इलाकों जहां कि भारी हिमपात हो रहा है, में रहने वाले लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी है। वहीं घरों की छतों से बर्फ हटाते रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डलहौजी सहित आसपास के इलाकों के लोगों को भी हिमपात में बाहर न निकलने की सलाह दी है। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन को 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्लखन की चेतावनी मिली थी। इसके बाद सभी उपमंडलों में हाइ अलर्ट घोषित किया गया था।
पोर्ट ब्लेयर से साई ब्यूरो पीयूष शाह ने बताया कि मौसम कार्यालय अनुमान के अनुसार अगले चौबीस घंटों के दौरान मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा। आज पोर्ट ब्लेयर में अधिकतम तापमान बत्तीस दशमलव एक डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान तेइस दशमलव छह डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
जयपुर से साई ब्यूरो ने खबर दी है कि राज्य के ज्यादातर स्थानों पर रात के तापमान में एक बार फिर गिरावट हुई है। माउंट आबू और बूंदी में पारा साढ़े तीन डिग्री सैल्सियस तक लुढक गया। इसके अलावा श्रीगंगानगर में साढ़े चार, चूरू में पांच, पिलानी में साढ़े पांच और जैसलमेर में करीब साढ़े आठ डिग्री सैल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। आज सुबह ठण्डी हवाएं चलने से सर्दी का अहसास फिर से बढ़ गया।