बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 88
किसके कहने पर खोला भईया जी ने मुंह
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। उत्तर प्रदेश की सियासत में दल बदलकर कांग्रेस में आए केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा (भईया जी) ने प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को सीधे सीधे उमरदराज यानी बूढ़े की संज्ञा दे डाली है। सियासी हल्कों में अब यह शोध हो रहा है कि आखिर भईया जी को यह लाईन दी तो दी किसने। वैसे भी विधानसभा चुनावों में भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक की अघोषित उपाधि पा चुके डॉ.मनमोहन सिंह की डिमांड न होने से वे आराम ही फरमा रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्र में त्रणमूल कांग्रेस द्वारा बार बार कांग्रेस की कालर पकड़कर घुड़की देने से आज़िज आ चुकी कांग्रेस ने अब ममता बनर्जी से किनारा करने का मन बना ही लिया है। कांग्रेस के पास अब मुलायम सिंह की बैसाखी का सहारा दिख रहा है। उधर, मुलायम सिंह ने बेनी को कैबनेट से बाहर का रास्ता दिखाने की शर्त पर ही समर्थन देने का फैसला किया है। इन परिस्थितियों में बेनी वर्मा की बिदाई का ताना बना बुना जा रहा था।
उधर, कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष का सरकारी आवास) के सूत्रों ने बताया कि अगर बेनी को बाहर कर दिया गया तो मुलायम सिंह पर नकेल कसना मुश्किल हो जाएगा। फिर क्या था नेहरू गांधी परिवार की वर्तमान पीढ़ी के सबसे विश्वस्त ट्रबल शूटर यानी कांग्रेस के महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के पाले में यह गेंद डाल दी गई।
दिग्गी राजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय सिंह ने बेनी वर्मा को फोन पर एक घुटी पिलाई। बेनी वर्मा को इस घुटी का स्वाद इतना जमा कि उन्होंने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह को अस्सी साल का और अगले आम चुनाव में बयासी का होने की बात कह डाली।
जानकारों का कहना है कि इस तीर से राजा दिग्विजय सिंह ने अनेक निशाने साध लिए हैं। अव्वल तो प्रधानमंत्री को ढलती उम्र के साथ आईना दिखा दिया, फिर भाजपा के उमर दराज नेता एल.के.आड़वाणी को भी उनकी उमर का अहसास करवा दिया। भईया जी को राहुल गांधी की गुड बुक्स में ला दिया। ममता बनर्जी को जतला दिया कि अगर उन्होंने ज्यादा तल्खी दिखाई तो सरकार के पास अब मुलायम हैं। इधर मुलायम को जतला दिया कि बेनी वर्मा को निकाल पाना अभी संभव नहीं है।
(क्रमशः जारी)
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