शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

गड़करी से पल्ला झाड़ा भाजपा ने


गड़करी से पल्ला झाड़ा भाजपा ने

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी अब भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने जा रही है। इस मुहिम में भाजपा ने अपने अध्यक्ष नितिन गड़करी को काफी दूर ही रखा है। गड़करी की कंपनी के भ्रष्टाचार में फंसने के चलते गड़करी से काफी समय से किनारा करने की जुगत में थी भाजपा। इसके अलावा संघ भी गड़करी को ज्यादा वेटेज देने के मूड में नहीं दिख रहा था।
संसद के शीत कालीन सत्र के एक दिन पहले 21 नवंबर को भ्रष्टाचार और रिटेल में एफडीआई का जमकर विरोध करने जा रही है भाजपा। इसके लिए बनी रणनीति के अनुसार भाजपा इस मामले में सड़कों पर उतरकर जमकर हल्ला बोलने की तैयारी में है। भाजपा के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल.के.आड़वाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को इस मुहिम से प्रथक रखा गया है।
भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी को अरूणाचल प्रदेश में इटानगर में मुहिम चलाने की जवाबदारी सौंपी गई है। गड़करी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते भाजपा की जमकर किरकिरी हो रही है। उधर झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय केशव कुंज के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संघ ने भाजपा के आला नेताओं को साफ निर्देश दिए हैं कि अगला आम चुनाव भ्रष्टाचार घपले घोटाले पर ही केंद्रित होगा। इसके लिए आवश्यक यह है कि भाजपा के नेताओं की छवि साफ सुथरी बनी रहे।
गड़करी पर लगे आरोपों के बाद घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की भाजपा की मुहिम पर सीधा असर पड़ने लगा। भाजपा के आला नेताओं ने गड़करी को किनारे करने की मुहिम तेज कर दी। एक कदम आगे दो कदम पीछे की तर्ज पर गड़करी को बाहर करने की मुहिम चलने लगी। गड़करी के खिलाफ अब भाजपा के नेता तलवारें पजाने में जुट गए हैं।
उधर, गड़करी को पूर्वोत्तर के राज्यों में भेजे जाने पर भाजपा ने सफाई देना भी आरंभ कर दिया है। भाजपा का कहना है कि मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में चुनाव निकट हैं अतः गड़करी को इटानगर भेजा जा रहा है। किन्तु भाजपा में ही अंदर ही अंदर इस बात पर चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा के नेशनल प्रेजीडेंट को दिल्ली में इस मुहिम का नेतृत्व करना चाहिए पर उन्हें सजा के तौर पर इटानगर भेजा जा रहा है।
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली मुंबई, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह और मुख्तार अब्बास नकवी दिल्ली, अनंत कुमार लखनऊ, गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र, वैंकेया नायडू हैदराबाद और जेपी नड्डा रायपुर में प्रदर्शन की कमान संभालेंगे। नकवी ने कहा कि आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास का भी घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी रॉबर्ट वाड्रा से लेकर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की कंपनी को दिए कर्ज जैसे मामले भी संसद में उठाएगी।

केवायसी की अंतिम तिथि बढ़कर 30 हुई


केवायसी की अंतिम तिथि बढ़कर 30 हुई

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। एलपीजी के मल्टिपल कनेक्शन होल्डर्स के लिए केवाईसी(नो-योर कस्टमर) फॉर्म भरने की लास्ट डेट गुरुवार को खत्म हो गई लेकिन पर्याप्त संख्या में फॉर्म जमा न हो पाने के कारण अब यह डेडलाइन 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। पेट्रोलियम मिनिस्ट्री पहले भी समयसीमा 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 15 नवंबर कर चुकी है। मल्टिपल कनेक्शन होल्डर्स के लिए यह केवाईसी फॉर्म भरना जरूरी है।
पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में करीब ढाई करोड़ मल्टिपल गैस कनेक्शन का आकलन किया गया है। मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, गुरुवार तक करीब 60 लाख लोग केवाईसी फॉर्म भर चुके हैं। दिल्ली में 5-6 लाख मल्टिपल गैस कनेक्शन होल्डरों में से करीब 2 लाख लोगों ने ही यह फॉर्म भरा है। ये आंकड़े अभी शुरुआती हैं। अलग-अलग सेंटरों से सूचना जुटाई जा रही है तभी फाइनल डेटा आएगा।
केवाईसी फॉर्म भरने में लोगों को तमाम दिक्कतें भी आ रही हैं। कई गैस एजेंसियों के बाहर गुरुवार को भी लाइनें लगी रहीं। ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन के महासचिव चंद्र प्रकाश की मांग है कि फॉर्म भरना आसान बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में घर-घर जाकर केवाईसी फॉर्म भर सकते हैं बशर्ते सरकार उन्हें हर कनेक्शन के 100 रुपये दे। इससे गैस एजेंसियों के बाहर लंबी कतारों से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा। पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के अधिकारी ने कहा कि हमें अभी ऐसी कोई डिमांड नहीं मिली है।

क्यों बौखलाए शिवराज ? जनसंपर्क विभाग की समीक्षा बैठक का सच?

लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 12

क्यों बौखलाए शिवराज ? जनसंपर्क विभाग की समीक्षा बैठक का सच?

(राजेश भाटिया)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार की दिनोदिन गिरती छवि शिवराज सरकार के लिए मुसीबत बन चुकी है। शिवराज की बोखलाहट उनके चेहरे पर साफ़ देखी जा सकती है। पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री की छवि बनाने वाले जनसंपर्क विभाग के अधिकारीयों पर शिवराज के तीखे तेवर देखने को मिले। मुख्यमंत्री के गुस्से का मूल कारण था-मीडिया में समाचारों का सरकार के अनुकूल न छपना।
मुख्यमंत्री के तेवर देख जनसंपर्क विभाग के नए नवेले कमिशनर राकेश श्रीवास्तव ने अपने तथा अपने कथित सलाहकारों के विवेक के दम पर मुख्यमंत्री का गुस्सा शांत करने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री के प्रश्नों की झड़ी से उपस्थित जनसंपर्क विभाग का सारा अमला हतप्रभ रह गया-कुछ प्रश्नों की बानगी देखिये -
जनसंपर्क विभाग कर्ता क्या है?...मेरा जनसंपर्क अधिकारी कौन है ? ...दिल्ली में मेरी व सरकार की छवि कौन देखता है ?... ये माध्यम क्या है? लग रहा था कि मुख्यमंत्री २०-२० क्रिकेट की भांति आज सारे विभाग की बिन्दुवार गिल्लियां उड़ा देंगें।
जनसंपर्क बड़ा या माध्यम ?- मूलतः जनसंपर्क विभाग की सब्सिडरी के रूप में कार्य करने वाली संस्था मध्य प्रदेश माध्यम की कार्य प्रणाली को मुख्यमंत्री ने आड़े हाथों लिया। १९८३ में फर्म्स एवं सोसाइटी एक्ट में रजिस्टर्ड संस्था के वर्तमान अतिरिक्त प्रबंध संचालक प्रकाश गौड़ हैं एम् पी एग्रो से शुरू हुआ उनका सफर तत्कालीन जनसंपर्क मंत्री चरण दास महंत की चरण वंदना से होता हुआ यहाँ तक पंहुचा है। माध्यम मूलतरू सरकार के बेहतर कार्यकलापों की डिजाईन, ले आउट, किताब, जिंगल्स, फिल्मों के बेहतर निर्माण का कार्य करता है। किन्तु पिछले कुछ वर्षों से इस संस्था में कॉर्पाेरेट कल्चर का माहौल है, जिस पर सरकार के करोड़ों रुपैये खर्च किये गए हैं। सूत्रों से पता चला है कि माध्यम के इस कार्यालय में हाल ही में एक जिम का निर्माण कार्य भी कराया गया है। जो समझ से परे है? सरकारी विभागों से १०ः कमीशन एवं समाचार पत्रों से १५: कमीशन के रूप में यह संस्था लेती है विभागों से मुख्य सचिव के नाम के आदेश का पत्र दिखाकर विज्ञापन प्रिंटिंग का सारा कार्य दबाव में माध्यम द्वारा किया जाता है। गौरतलब है कि यह सारा कार्य माध्यम द्वारा भी आउट सौर्स ही किया जाता है, चूँकि संस्था मे सम्बंधित एक्सपर्ट मौजूद नहीं है। इस संस्था के अपर प्रबंध संचालक प्रकाश गौड़ मुख्यमंत्री के किसी भी प्रश्न का संतोषजनक उत्तर न दे सके। मुख्यमंत्री की तल्ख़ टिपण्णी ष्दलाली की दुकानष् सबकुछ बयां करती है। बैठक में लगे हाथ उन्होंने मध्यप्रदेश माध्यम को बंद करने की नसीहत भी दे डाली।
जनसंपर्क के अधिकारियों को उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के सामने आड़े हाथों लेना अधिकारियो को मुख्यमंत्री के कड़वे प्रवचन ही लगे। जनसंपर्क के मलाईदार विज्ञापन विभाग का जिम्मा संभालने वाले अतिरिक्त अपर संचालक लाजपत आहूजा खींसे निपोरते नजर आये। इस विज्ञापन शाखा को वे सन १९९३ से देख रहे है।
(इनसाईट टीवी न्यूज से साभार)

किसानों के कार्ड बदलकर होंगे एटीएम!


किसानों के कार्ड बदलकर होंगे एटीएम!

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भारतीय रिजर्व बैंक से नये बैंक लाइसेसों के लिए दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देने और इसके लिए आवेदन स्वीकार करने को कहा है। श्री चिदंबरम ने कहा कि लंबित बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पारित हो जायेगा और अगर यह इस सत्र में पारित नहीं हो पाता है तो बजट सत्र में इसे पारित कर दिया जायेगा। श्री चिदंबरम कल नई दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आर्थिक मंदी के कारण प्रभावित उद्योगों की सहायता के लिए रणनीति तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था और वृद्धि दर में सुधार होता है तो घाटे में चल रहे क्षेत्रों की स्थिति सुधरेगी। लेकिन तब तक सरकार को इन क्षेत्रों को उबारने के लिए सहायता करनी होगी।
श्री चिदंबरम ने यह भी कहा कि मार्च २०१४ तक किसान क्रेडिट कार्डों को एटीएम कार्डों में बदल दिया जायेगा जिससे कि किसान आसानी से कृषि ऋण हासिल कर सकेंगे। श्री चिदंबरम ने कहा कि सरकार जल्द ही सरकारी क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालेगी। उन्होंने बताया कि इसका लाभ भारतीय ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक और महाराष्ट्र को होगा। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में १५ हजार करोड़ रुपये की राशि डालने का प्रस्ताव किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्रमुख योजनाओं की सब्सिडी सीधे आधार कार्ड धारकों के बैंक खातों में जाएगी इनमें शिक्षा ऋण, छात्रवृत्तियां, मनरेगा का भुगतान, वरिष्ठ नागरिक पेंशन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सब्सिडी, एल पी जी की सब्सिडी, इन्दिरा आवास योजना की सब्सिडी और खाद सब्सिडी शामिल हैं। इसे सफल बनाने के लिए सभी को पूरी तरह जागरूक करना होगा।

सरकार ही बढ़ा रही मंहगाई


सरकार ही बढ़ा रही मंहगाई

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। देश में मंहगाई का ग्राफ आसमान को भी चिढ़ा रहा है, पर सरकार द्वारा मंहगाई पर अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा है। मंहगाई पर रोक नहीं लग पाने से आम आदमी की कमर बुरी तरह टूट चुकी है। वहीं जानकारों का भी यही मानना है कि मंहगाई बढ़ाने के लिए सरकार ही पूरी तरह से दोषी है।
जानकारों का मानना है खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के लिए सरकार द्वारा की जा रही स्टॉकिंग जिम्मेदार है। सरकारी एजेसियां तय सीमा से ज्यादा अनाज स्टोर कर रही हैं, जिसका सीधा असर बाजार पर पड़ रहा है। जानकारों का मानना है कि प्रस्तावित श्फू़ड सिक्युरिटी ऐक्टश् के लिए सरकार पहले से ही तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि अगर यह ऐक्ट बनता है, तो सरकार इसी स्टॉक से आवंटन करेगी। लेकिन इस बीच सरकार ने सब्सिडी देने के बजाए लोगों को कैश देने की योजना पर भी विचार करना शुरू किया है। अगर कैश बैक सिस्टम लागू किया जाता है तो इस बफर स्टॉक का क्या किया जाएगा, यह बात साफ नहीं है।
उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी पर नजर डालें तो अक्टूबर महीने में पिछले साल के मुकाबले गेहूं की कीमत में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस वक्त सरकार से 4 करोड़ 20 लाख टन गेहूं स्टोर किया है, जो कि बफर स्टॉक के नियमों के मुकाबले 3 गुणा ज्यादा है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक सरकार न तो सही वक्त पर गेहूं का स्टॉक रिलीज कर रही है और न ही इसे एक्सपोर्ट कर रही है। इस वजह से बाजार में गेहूं की कमी हो गई है और कीमतें बढ़ गई हैं।
जानकारों का कहना है कि सरकार की कुछ नीतियां गलत हैं, तो कुछ को सही से लागू ही नहीं किया जा रहा। यही वजह है कि महंगाई खुद सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। ऐसे में महंगाई को कम करने के लिए जरूरी है कि एक्स्ट्रा स्टोरेज को मार्केट में रिलीज़ किया जाए।
चीनी की कीमत भी साल दर साल करीब 19ः की रफ्तार से बढ़ रही हैं। जुलाई में इंपोर्ट पर लगाई गई 10 पर्सेंट की ड्यूटी भी इसके लिए जिम्मेदार है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस वक्त सरकारी एजेंसियों के पास स्टॉक बहुत ज्यादा है और इसे कम करने की जरूरत है।

राहुल के तले दबी कांग्रेस


राहुल के तले दबी कांग्रेस

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस पार्टी ने 2014 में पुनः सत्ता की मलाई खाने के लिए अब सारी की सारी कमान राहुल गांधी के हाथों में सौंपने का निर्णय अंततः ले ही लिया। राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी में बड़ी भूमिका देने के मद्देनजर २०१४ के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस समन्वय समिति का प्रमुख बनाया गया है। वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल, जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, मधुसूदन मिस्त्री और जयराम रमेश इस समिति के सदस्य होंगे।
पार्टी महासचिव और मीडिया के प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने तीन उप समूह बनाने की भी घोषणा की । इनमें से एक चुनाव पूर्व गठबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में होगा, जिसके प्रमुख श्री ए. के. एंटनी होंगे। श्री एंटनी को सरकारी कार्यक्रमों और चुनाव घोषणा पत्र से संबंधित उप समूह का भी प्रमुख बनाया गया है। श्री दिग्विजय सिंह संचार और प्रचार उप समूह के प्रमुख होंगे।
कांग्रेस के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अभी राहुल को वह केंद्रीय भूमिका दी जानी है, जिसके बाद पूरी तरह पार्टी का नेतृत्व उनके हाथों में होगा। कार्यकारी अध्यक्ष, पार्टी उपाध्यक्ष से लेकर मुख्य महासचिव तक, वह कुछ भी हो सकती है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानाना है कि अगर 2014 में राहुल खुद को साबित कर देते हैं और पार्टी को तीसरी बार चुनाव जीता देते हैं तो उनका प्रधानमंत्री बनना तय है। मगर उसके पहले राहुल को कड़ी मेहनत के साथ लोगों से मिलना-जुलना और उन्हें सुनना होगा। राजीव गांधी बहुत अच्छे श्रोता थे। अपने सहयोगियों के अलावा कार्यकर्ताओं और आम लोगों की बातें वे घंटों सुन सकते थे। राहुल को यह कला विकसित करना होगी। पार्टी में सब उनके साथ हैं मगर उन्हें अपनी टीम बनाने के साथ बाकी लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि सोनिया का तरह वह सबको साथ लेकर चल रहे हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार चुनाव समन्वय समिति में राहुल गांधी के अलावा अहमद पटेल, जनार्दन द्विवेदी, मधुसूदन मिस्त्री, जयराम रमेश को शामिल किया गया है। इसके लिए बनी सब कमेटी जिसका काम चुनाव पूर्व सहयोगी तलाशने के लिए प्रमुख है में ए के एंटनी, वीरप्पा मोइली, मुकुल वासनिक, सुरेश पचौरी, जितेंद्र सिंह, मोहन प्रकाश को रखा गया है।
कांग्रेस ने भले ही पिछले घोषणा पत्रों में किए गए वायदे आधे अधूरे हों पर अब घोषणा पत्र की उप समिति भी बना दी गई है। इसमें ए के एंटनी, पी चिंदबरम, सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, सलमान खुर्शीद, संदीप दीक्षित, अजीत जोगी, रेणुका चौघरी, पीएल पूनिया, मोहन गोपाल। इसी तरह प्रचार की सब कमेटी में दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, मनीष तिवारी, दीपेंद्र हुडा, राजीव शुक्ला एवं भक्तचरण दास को शामिल किया गया है।

राहुल के तले दबी कांग्रेस


राहुल के तले दबी कांग्रेस

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस पार्टी ने 2014 में पुनः सत्ता की मलाई खाने के लिए अब सारी की सारी कमान राहुल गांधी के हाथों में सौंपने का निर्णय अंततः ले ही लिया। राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी में बड़ी भूमिका देने के मद्देनजर २०१४ के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस समन्वय समिति का प्रमुख बनाया गया है। वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल, जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, मधुसूदन मिस्त्री और जयराम रमेश इस समिति के सदस्य होंगे।
पार्टी महासचिव और मीडिया के प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने तीन उप समूह बनाने की भी घोषणा की । इनमें से एक चुनाव पूर्व गठबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में होगा, जिसके प्रमुख श्री ए. के. एंटनी होंगे। श्री एंटनी को सरकारी कार्यक्रमों और चुनाव घोषणा पत्र से संबंधित उप समूह का भी प्रमुख बनाया गया है। श्री दिग्विजय सिंह संचार और प्रचार उप समूह के प्रमुख होंगे।
कांग्रेस के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अभी राहुल को वह केंद्रीय भूमिका दी जानी है, जिसके बाद पूरी तरह पार्टी का नेतृत्व उनके हाथों में होगा। कार्यकारी अध्यक्ष, पार्टी उपाध्यक्ष से लेकर मुख्य महासचिव तक, वह कुछ भी हो सकती है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानाना है कि अगर 2014 में राहुल खुद को साबित कर देते हैं और पार्टी को तीसरी बार चुनाव जीता देते हैं तो उनका प्रधानमंत्री बनना तय है। मगर उसके पहले राहुल को कड़ी मेहनत के साथ लोगों से मिलना-जुलना और उन्हें सुनना होगा। राजीव गांधी बहुत अच्छे श्रोता थे। अपने सहयोगियों के अलावा कार्यकर्ताओं और आम लोगों की बातें वे घंटों सुन सकते थे। राहुल को यह कला विकसित करना होगी। पार्टी में सब उनके साथ हैं मगर उन्हें अपनी टीम बनाने के साथ बाकी लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि सोनिया का तरह वह सबको साथ लेकर चल रहे हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार चुनाव समन्वय समिति में राहुल गांधी के अलावा अहमद पटेल, जनार्दन द्विवेदी, मधुसूदन मिस्त्री, जयराम रमेश को शामिल किया गया है। इसके लिए बनी सब कमेटी जिसका काम चुनाव पूर्व सहयोगी तलाशने के लिए प्रमुख है में ए के एंटनी, वीरप्पा मोइली, मुकुल वासनिक, सुरेश पचौरी, जितेंद्र सिंह, मोहन प्रकाश को रखा गया है।
कांग्रेस ने भले ही पिछले घोषणा पत्रों में किए गए वायदे आधे अधूरे हों पर अब घोषणा पत्र की उप समिति भी बना दी गई है। इसमें ए के एंटनी, पी चिंदबरम, सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, सलमान खुर्शीद, संदीप दीक्षित, अजीत जोगी, रेणुका चौघरी, पीएल पूनिया, मोहन गोपाल। इसी तरह प्रचार की सब कमेटी में दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, मनीष तिवारी, दीपेंद्र हुडा, राजीव शुक्ला एवं भक्तचरण दास को शामिल किया गया है।

राहुल के तले दबी कांग्रेस


राहुल के तले दबी कांग्रेस

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस पार्टी ने 2014 में पुनः सत्ता की मलाई खाने के लिए अब सारी की सारी कमान राहुल गांधी के हाथों में सौंपने का निर्णय अंततः ले ही लिया। राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी में बड़ी भूमिका देने के मद्देनजर २०१४ के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस समन्वय समिति का प्रमुख बनाया गया है। वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल, जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, मधुसूदन मिस्त्री और जयराम रमेश इस समिति के सदस्य होंगे।
पार्टी महासचिव और मीडिया के प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने तीन उप समूह बनाने की भी घोषणा की । इनमें से एक चुनाव पूर्व गठबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में होगा, जिसके प्रमुख श्री ए. के. एंटनी होंगे। श्री एंटनी को सरकारी कार्यक्रमों और चुनाव घोषणा पत्र से संबंधित उप समूह का भी प्रमुख बनाया गया है। श्री दिग्विजय सिंह संचार और प्रचार उप समूह के प्रमुख होंगे।
कांग्रेस के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अभी राहुल को वह केंद्रीय भूमिका दी जानी है, जिसके बाद पूरी तरह पार्टी का नेतृत्व उनके हाथों में होगा। कार्यकारी अध्यक्ष, पार्टी उपाध्यक्ष से लेकर मुख्य महासचिव तक, वह कुछ भी हो सकती है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानाना है कि अगर 2014 में राहुल खुद को साबित कर देते हैं और पार्टी को तीसरी बार चुनाव जीता देते हैं तो उनका प्रधानमंत्री बनना तय है। मगर उसके पहले राहुल को कड़ी मेहनत के साथ लोगों से मिलना-जुलना और उन्हें सुनना होगा। राजीव गांधी बहुत अच्छे श्रोता थे। अपने सहयोगियों के अलावा कार्यकर्ताओं और आम लोगों की बातें वे घंटों सुन सकते थे। राहुल को यह कला विकसित करना होगी। पार्टी में सब उनके साथ हैं मगर उन्हें अपनी टीम बनाने के साथ बाकी लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि सोनिया का तरह वह सबको साथ लेकर चल रहे हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार चुनाव समन्वय समिति में राहुल गांधी के अलावा अहमद पटेल, जनार्दन द्विवेदी, मधुसूदन मिस्त्री, जयराम रमेश को शामिल किया गया है। इसके लिए बनी सब कमेटी जिसका काम चुनाव पूर्व सहयोगी तलाशने के लिए प्रमुख है में ए के एंटनी, वीरप्पा मोइली, मुकुल वासनिक, सुरेश पचौरी, जितेंद्र सिंह, मोहन प्रकाश को रखा गया है।
कांग्रेस ने भले ही पिछले घोषणा पत्रों में किए गए वायदे आधे अधूरे हों पर अब घोषणा पत्र की उप समिति भी बना दी गई है। इसमें ए के एंटनी, पी चिंदबरम, सुशील कुमार शिंदे, आनंद शर्मा, सलमान खुर्शीद, संदीप दीक्षित, अजीत जोगी, रेणुका चौघरी, पीएल पूनिया, मोहन गोपाल। इसी तरह प्रचार की सब कमेटी में दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, मनीष तिवारी, दीपेंद्र हुडा, राजीव शुक्ला एवं भक्तचरण दास को शामिल किया गया है।

मोबाईल से भेजें धन


मोबाईल से भेजें धन

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। डाक विभाग और दूरसंचार कंपनी बी एस एन एल ने मोबाइल के जरिए धन भेजने की सेवा शुरू की है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह के लिए आसानी से धन राशि भेज सकता है। इसके तहत धन भेजने वाले को नकद राशि जमा करते समय डाकघर में एक फार्म भरना होगा और धन प्राप्त करने वाले व्यक्ति का मोबाइल नम्बर देना होगा।
डाक विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस प्रणाली के माध्यम से धन भेजने पर कुछ शुल्क भी देना पड़ेगा। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कल नई दिल्ली में एक समारोह में इस सेवा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस कदम से आम आदमी को काफी सहूलियत होगी।
कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं समझता हूं कि हिंदुस्तान के जो आम आदमी है उसको राहत पहुंचेगी क्योंकि वो अपने छोटे-मोटे पैसे जो कमाते हैं खासतार पर जो हमारी माइग्रेंट लेबर है वो अपने घर पैसे भेजते हैं, बच्चों की फीस के लिए पैसे भेजते हैं, घर खर्च के लिए पैसे भेजते हैं। तो निश्चित रूप से आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी।

सविता की मौत की जांच विशेषज्ञों से!

सविता की मौत की जांच विशेषज्ञों से!

(साई इंटरनेशलन डेस्क)

डबलिन (साई)। आयरलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि वे भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की मृत्यु की जांच के लिए एक स्वतंत्र बाहरी विशेषज्ञ नियुक्त करेंगे ताकि सच्चाई सामने आ सके। आयरलैंड में जन स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने वाले स्वास्थ्य और सुरक्षा अधिकारी ने कहा है कि सविता की मौत की परिस्थितियों की जांच कर रही समिति को सुदृढ़ बनाने के लिए एक स्वतंत्र विदेश विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाएगी। ३१ वर्षीय गर्भवती महिला की मौत को लेकर हजारों लोगों ने डबलिन में देश के गर्भपात कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
भारत ने इस मृत्यु पर चिंता प्रकट की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सयैद अकबरूद्दीन ने कहा कि डबलिन में भारतीय दूतावास मामले पर निगाह रख रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय नागरिक की मौत चिंता का विषय है। डबलिन में हमारा दूतावास इस मामले पर नजर रखे हुए है। हम समझते हैं कि आयरलैंड सरकार ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है। हम जांच के के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं और फिर हम इस संबंध में आगे कदम उठाएंगे।

प्रेमिका को सौंपा मित्रों को


प्रेमिका को सौंपा मित्रों को

(अविनाश कुमार)

बुलंदशहर (साई)। लव मैरेज करने वाली एक दुल्हन को अपने प्रेमी की असली तस्वीर उस समय देखने को मिली, जब उसने सुहागरात के मौके पर उसे अपने सात दोस्तों के हवाले कर दिया। प्रेमी उसे घर से भगाकर ले गया था। दोनों ने गाजियाबाद के एक मंदिर में शादी की थी। इससे पहले युवती के पिता ने 18 अक्टूबर को औरंगाबाद थाने में तहरीर देकर गांव के ही एक युवक पर बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप लगाया था। पुलिस तभी से इस प्रेमी जोडे़ की तलाश कर रही थी।
पांच दिन पहले पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया जबकि उसका प्रेमी पुलिस को देखकर फरार हो गया। प्रेमिका का आरोप है कि सुहागरात पर उसके प्रेमी ने अपने सात दोस्तों के साथ उससे गैंगरेप किया। यह सिलसिला एक महीने तक चलता रहा। पुलिस के मुताबिक युवती ने बताया कि वह थाना औरंगाबाद क्षेत्र के गांव अशरफपुर की रहने वाली है। वह पिछले 4 साल से गांव के युवक मोनू से बेहद प्यार करती थी। 18 अक्टूबर की रात को प्रेमी की प्लैनिंग के तहत वह घर से ढाई लाख कीमत के सोने-चांदी के गहने लेकर भाग गई। प्रेमी ने गाजियाबाद में किराये पर कमरा ले रखा था।
20 अक्टूबर को दोनों ने एक मंदिर में जाकर शादी रचा ली। शादी के बाद जब वह अपने कमरे पर पहुंची तो उसका प्रेमी उसे छोड़कर दोस्तों के साथ शराब पीने चला गया। आरोप है कि देर रात वह अपने सात दोस्तों के साथ आया और उसे दोस्तों के हवाले कर दिया। लड़की का आरोप है कि एक महीने तक बंधक बनाकर उसके साथ सभी आठ आरोपियों ने गैंगरेप किया।
परिजनों की मदद से बुलंदशहर पुलिस ने युवती को 10 नवंबर को गाजियाबाद के बस स्टैंड चौराहा से बरामद कर लिया। एसपी सिटी श्रीकांत यादव ने बताया कि लड़की अपने बयान कई बार बदल चुकी है। शुरुआती पूछताछ में उसने पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की। दो दिन पहले लड़की ने मैजिस्ट्रेट के सामने अपने साथ हुए गैंगरेप का खुलासा किया। पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराया है। पुलिस लड़की के बयानों के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है।

प्रेमिका को सौंपा मित्रों को


प्रेमिका को सौंपा मित्रों को

(अविनाश कुमार)

बुलंदशहर (साई)। लव मैरेज करने वाली एक दुल्हन को अपने प्रेमी की असली तस्वीर उस समय देखने को मिली, जब उसने सुहागरात के मौके पर उसे अपने सात दोस्तों के हवाले कर दिया। प्रेमी उसे घर से भगाकर ले गया था। दोनों ने गाजियाबाद के एक मंदिर में शादी की थी। इससे पहले युवती के पिता ने 18 अक्टूबर को औरंगाबाद थाने में तहरीर देकर गांव के ही एक युवक पर बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप लगाया था। पुलिस तभी से इस प्रेमी जोडे़ की तलाश कर रही थी।
पांच दिन पहले पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया जबकि उसका प्रेमी पुलिस को देखकर फरार हो गया। प्रेमिका का आरोप है कि सुहागरात पर उसके प्रेमी ने अपने सात दोस्तों के साथ उससे गैंगरेप किया। यह सिलसिला एक महीने तक चलता रहा। पुलिस के मुताबिक युवती ने बताया कि वह थाना औरंगाबाद क्षेत्र के गांव अशरफपुर की रहने वाली है। वह पिछले 4 साल से गांव के युवक मोनू से बेहद प्यार करती थी। 18 अक्टूबर की रात को प्रेमी की प्लैनिंग के तहत वह घर से ढाई लाख कीमत के सोने-चांदी के गहने लेकर भाग गई। प्रेमी ने गाजियाबाद में किराये पर कमरा ले रखा था।
20 अक्टूबर को दोनों ने एक मंदिर में जाकर शादी रचा ली। शादी के बाद जब वह अपने कमरे पर पहुंची तो उसका प्रेमी उसे छोड़कर दोस्तों के साथ शराब पीने चला गया। आरोप है कि देर रात वह अपने सात दोस्तों के साथ आया और उसे दोस्तों के हवाले कर दिया। लड़की का आरोप है कि एक महीने तक बंधक बनाकर उसके साथ सभी आठ आरोपियों ने गैंगरेप किया।
परिजनों की मदद से बुलंदशहर पुलिस ने युवती को 10 नवंबर को गाजियाबाद के बस स्टैंड चौराहा से बरामद कर लिया। एसपी सिटी श्रीकांत यादव ने बताया कि लड़की अपने बयान कई बार बदल चुकी है। शुरुआती पूछताछ में उसने पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की। दो दिन पहले लड़की ने मैजिस्ट्रेट के सामने अपने साथ हुए गैंगरेप का खुलासा किया। पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराया है। पुलिस लड़की के बयानों के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है।