बारिश ठंड ने मचाया देश में कोहराम
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। नए साल में मौसम ने जिस तरह से पल्टी मारी है उससे देश भर में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कहीं बारिश तो कहीं मवाठे, तो कहीं ओलों का कहर देखने को मिल रहा है। दिल्ली में कोहरा घना ही है। रात में तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। देश भर में अनेक स्थानों पर बारिश ओले के चलते तापमान में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई है।
देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली और एनसीआर में हुई बारिश से सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई. शाम को सड़कों पर गाड़ियां रेंगती हुई चल रही थी लेकिन बारिश की इन बूंदों ने नए साल के जश्न को और भी हसीन बना दिया था। बारिश की वजह से मौसम में आए बदलाव का असर पटना में दिखा जहां पूरे दिन धीरे-धीरे बारिश होती रही. बारिश ने कुछ हद तक जन-जीवन को प्रभावित भी किया। मौसम में हुए बदलाव से लखनऊ भी अछूता नहीं रहा, लगातार हुई बारिश की वजह से कम ही लोग घर से बाहर निकले। पूरे दिन रुक रुक हो रही बारिश के कारण लखनऊ में ठंड बनी रही। अमृतसर में लगातर चल रहे शीतलहर की वजह से पारा 2.9 डिग्री पर पहुंच गया। जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड का मुकाबला करते नजर आए. वहीं कोहरे की वजह से ट्रैफिक पर भी असर हुआ।
आखिरकार मौसम ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। देश के पहाड़ी इलाके जहां बर्फ की चादरों से घिरे हैं, वहीं मैदानी इलाकों में रुक-रुककर हो रही बारिश ने सिहरन बढ़ा दी है। कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में अगले एक-दो दिनों में फिर से बर्फबारी की संभावना है।
माना जा रहा है कि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में ठिठुरन और बढ़ेगी। हालांकि नए साल के साथ ही कोहरे ने भी अपना असर दिखाते हुए पूरे उत्तर भारत को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश का दौर कुछ दिन और चलेगा। वहीं कोहरा भी आने वाले 48 घंटों में बढ़ेगा।
पिछले साल के अंत में ठंड का उतार-चढ़ाव जारी रहा। साल 2012 के पहले दिन से ही उत्तर भारत के कई शहरों में जारी बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया। पिछले दो दिनों से ठंड-बारिश व कोहरा लोगों के लिए आफत बन गया है। देश के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी व लगातार तापमान शून्य से नीचे बने रहने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
श्रीनगर में पारा न्यूनतम के नए शिखर पर पहुंच रहा है। कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्ताखंड में इस सप्ताह बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। कश्मीर में बर्फबारी के मद्देनजर राज्य में हिमपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। बहरहाल हाल में मैदानी इलकों में लोग बारिश व कोरे से परेशान हैं। पंजाब व हरियाणा के कई शहरों में कोहरे की मार लोगों को सहनी पड़ी। मध्य प्रदेश में बारिश के साथ ओले पड़ने से लोगों समेत किसानों की मुश्किलें बढ़ी हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में इस बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है।
शिमला से साई ब्यूरो ने बताया कि पिछले कई दिनों से चल रही खुश्क ठण्ड के बाद अब मौसम के मिजा़ज में बदलाव के फलस्वरूप प्रदेश में हल्की वर्षा का क्रम जारी है। आज दोपहर बाद प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की वर्षा से तापमान में गिरावट आई है। शिमला में भी आज हल्की वर्षा के साथ-साथ ओलावृष्टि हुई। प्रदेश के लोेग इस माह में अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं जिससे फसलों को भी लाभ पहुंचेगा।
उधर, छत्तीगढ़ के मौसम के हालात बयां करते हुए रायपुर से साई ब्यूरो से ‘शिवी कुमारी‘ ने बताया कि प्रदेश में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश आज भी जारी रही। हालांकि राजधानी रायपुर में बारिश थम सी गई है, लेकिन दिनभर बदली छाए रहे। वहीं राज्य के बस्तर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की खबर है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात के असर से प्रदेश में यह स्थिति बनी है। हालांकि यह चक्रवात अब कमजोर पड़ गया है, लेकिन इसका असर आगामी एक-दो दिनों तक बना रहेगा। सबसे अधिक बारिश कोटा, मुंगेली और कबीरधाम में छह सेंटीमीटर दर्ज की गई। बदली के कारण रायपुर सहित सभी संभागों का तापमान सामान्य से अधिक हो गया है। सबसे कम तापमान चौदह डिग्री सेल्सियस अंबिकापुर में दर्ज किया गया। अगले चौबीस घण्टों के दौरान प्रदेश में मौसम सामान्यतः शुष्क रहेगा। उधर, बारिश की वजह से प्रदेश के अनेक हिस्सों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रभावित हुई है। कई उपार्जन केन्द्रों में रखा धान भीग गया है जिसके कारण भारी नुकसान की आशंका है।
लखनऊ से साई ब्यूरो ने बताया कि पिछले अड़तालीस घण्टों के दौरान हुई बारिष के बाद प्रदेष भर में आज दोपहर के तापमान में गिरावट दर्ज की गयी। प्रदेष के लगभग सभी मण्डलों में आज दिनभर बादल छाये रहे और कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी होने से ठंड का असर एक बार फिर बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार कानपुर, लखनऊ और झांसी मण्डलों में रात के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गयी है, जबकि अनेक मण्डलों में मामूली उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार पिछले चौबीस घण्टों के दौरान इटावा में सबसे कम चार डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, वहीं कल शाम तक लखनऊ में साठ मिलीमीटर वर्षा हुई जो इस मौसम में पिछले पांच दषकों में हुई अब तक की सबसे ज्यादा बारिष है। आज बादल छाये रहने के बाद भी बाजारों में गहमा-गहमी नजर आयी, हालांकि कई शहरी इलाकों में जलभराव और सड़कों पर पानी जमा रहने के कारण यातायात में परेषानी आ रही है। इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले चौबीस घण्टों के दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ फिर से बारिष हो सकती है, वहीं प्रदेष में कल सुबह अधिकतर स्थानों पर कोहरा छाये रहने की संभावना है। साई ब्यूरो के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में वर्षा का क्रम रूक गया है लेकिन बर्फीली हवाएं चलने के कारण ठंड बढ़ गयी है। आज सुबह भी कुछ जिलोें में बूंदा-बांदी होने की खबर है। पूर्वी जिलोें में आज वर्षा तो नहीं हुयी लेकिन धूप भी नहीं निकली। अचानक बढ़ गयी ठंड के कारण गोरखपुर और कुशीनगर सहित कुछ पूर्वी जिलों में गोरखपुर और कुशीनगर सहित कुछ पूर्वी जिलों में कक्षा आठ तक के छोटे बच्चों के स्कूल कल तक के लिए बन्द कर दिए गये हैं।
जयपुर से साई ब्यूरो ने बताया कि प्रदेश में अनेक स्थानों पर हुई मावठ की बारिश से न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात माउंटआबू में पारा शून्य से 2 डिग्री सैल्सियस नीचे पहुंच गया। यहां सुबह खुले स्थानों और वाहनों पर बर्फ की हल्की परत देखी गई। तेज़ सर्दी से आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। वहीं मैदानी इलाकों में सबसे कम तापमान चूरू में 3 दशमलव चार डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। बीकानेर और फलौदी में चार, जोधपुर में 5 दशमलव चार, जैसलमेर और पिलानी में 6, जयपुर में 8 और कोटा में 14 डिग्री सैल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश में अनेक स्थानों पर कोहरा छाये रहने से यातायात प्रभावित हुआ है। राज्य के कुछ जिलों में हुई ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है।
देश के हृदय प्रदेश की राजधानी भोपाल से साई ब्यूरो अंशुल गुप्ता ने खबर दी है कि पिछले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग में कुछ स्थानों पर तथा सागर, होशंगाबद और ग्वालियर संभाग में कहीं-कहीं वर्षा हुई। सिवनी में सर्वाधिक सात सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। मंडला में पॉंच सेंटीमीटर, मलाजखंड में चार तथा सीधी और उमरिया में तीन-तीन सेंटीमीटर बारिश हुई। राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, इसके बावजूद ज्यादातर इलाकांे में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर बने हुए हैं। पिछले चौबीस घंटों में सबसे कम न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस धार में दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना जताई है। भोपाल के करीबी जिले सीहोर जिले में परसों हुई बारिश और ओलावृष्टि से करीब बारह ग्रामों में फसलों को नुकसान पहुंचने की खबर है। उधर, मंडला जिले में हुई बारिश से धान की खरीदी प्रभावित हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला कृषि उपज मंडी में पचहत्तर हजार से अधिक धान के बोरे बारिश में भीग गए। मौसम के बदले रूख के चलते यहां धान की खरीदी बन्द कर दी गई है। शहडोल में कृषि विभाग द्वारा मावठे की बारिश को देखते हुए किसानों को विशेष सलाह दी गई है। वहीं, शिवपुरी, देवास और टीकमगढ़ जिले में भी पिछले दो दिनों से हो रही मावठे की बरसात से ग्रामीण क्षेत्रों मेें जन-जीवन प्रभावित हुआ है।