शनिवार, 7 अप्रैल 2012

माओवादियों ने ठुकराई रिहाई की पेशकश


माओवादियों ने ठुकराई रिहाई की पेशकश

(फिरोज खान)

नई दिल्ली (साई)। ओडिशा में माओवादियों ने २७ कैदियों की रिहाई की सरकार की पेशकश ठुकरा दी है और अपनी मांगे मनवाने के लिए दो अलग-अलग समय सीमा दी हैं। बीजू जनता दल के विधायक झिना हिकाका को बंधक बनाने वाली माओवादियों की आंध्र-ओडिशा डिवीज$नों ने अपनी समय-सीमा एक दिन बढ़ा दी है। उनकी समय-सीमा आज खत्म हो रही थी।
इससे पहले माओवादियों ने झिना हिकाका को छुड़ाने के लिए बातचीत के सरकार के निमंत्रण का कोई जवाब नहीं दिया था। इटली के नागरिक को बंधक बनाने वाले एक अन्य माओवादी गुट ने अब मंगलवार तक की  समय-सीमा तय की है। इन माओवादियों ने सीपीआई माओवादी की सांगठनिक समिति के सचिव की पत्नी सहित चार कैदियों की रिहाई की सरकार की पेशकश भी ठुकरा दी है। उन्होंने सरकार से इस सूची में सात और कैदियों के नाम शामिल करने को कहा है। राज्य के गृहसचिव यू एन बेहरा ने कहा है कि इस संदेश की प्रमाणिकता की जांच की जा रही है।
उधर, माओवाद प्रभावित जिलों में जिलाधीशों की मदद के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फैलो योजना के तहत चुने गये उम्मीदवारों का पहला दल आज से हैदराबाद में प्रशिक्षण लेगा। नौ सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद १५६ पोस्ट ग्रेजुएट देशभर में माओवाद से प्रभावित ७८ जिलों में तैनात किए जा रहे हैं। इस योजना का प्रस्ताव ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने पिछले वर्ष सितम्बर में किया था। वे ही नौ सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे।
सुरक्षा बलों ने असम में भी कार्यवाही तेज कर दी है। असम के कोकराझार जिले के फकीराग्राम से कल सुरक्षा बलों ने यूनाइटेड लिब्ररेशन फ्रंट ऑफ असम-अल्फा के दो उग्रवादियों को गिरतार किया है। पुलिस और सेना ने एक सुराग के आधार पर साझा कार्रवाई करते हुए ये गिरतारियां की। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए उग्रवादियों की शिनाख्त धुबरी जिले के मतियातोली के बीजू रॉय और मिथुल रे के रूप में की गई है।
सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के कब्जे से एक मैगजीन सहित गोली-बारूद और एक मोबाईल हैंडसेट बरामद किया है। ये उग्रवादी आज अल्फा के स्थापना दिवस के मौके पर कोकराझार जिले में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के मिशन पर थे। इस बीच, अल्फा के स्थापना दिवस को देखते हुए राज्य भर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

हार का मंथन किया युवराज ने


हार का मंथन किया युवराज ने

(दीपांकर श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के नेताओं के साथ राज्य में पार्टी की हार के कारणों पर चर्चा की। उन्होंने नेताओं से बुनियादी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ नियमित संपर्क बनाने को कहा। उन्होंने संकेत दिया कि राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कड़े कदम उठाये जाएंगे।
कांग्रेस, पंजाब में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों का भी विश्लेषण कर रही है। रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक उच्च स्तरीय समिति ने कल पंजाब के पार्टी नेताओं से मुलाकात कर पार्टी में नयी जान डालने के उपायों पर चर्चा की।

‘रोहाणी’ एक गरीब राजनेता


रोहाणीएक गरीब राजनेता 

(रवीन्द्र जैन)

भोपाल (साई)। जबलपुर में आजकल मीडिया से लेकर कांग्रेस नेताओं, सामाजिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और यहां तक की भाजपा के कई नेताओं की भी नजर विधानसभा स्पीकर ईश्वरदास रोहाणी की संपत्ति और संबंधों पर लग गई है। भाई लोग हाथ धोकर रोहाणी के पीछे पड़ गए हैं। प्रदेश का एक नवोदय समाचार पत्र समूह ने तो रोहाणी को सीधे अपने निशाने पर ले लिया है।
जबलपुर में किसी वार्ड का कार्यकर्ता भी रोहाणी का पुतला जलाए तो इस अखबार के लिए वह प्रदेश स्तरीय खबर है। लगभग तीन दशक से राजनीति में सक्रिय रोहाणी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना जो अंतिम संपत्ति के ब्यौरे का शपथपत्र दिया है उस पर विश्वास किया जाए तो रोहाणी प्रदेश के अति गरीब राजनेताओं में सुमार किये जा सकते हैं।
आइये चुनाव आयोग की वेबसाइट खोलते हैं और रोहाणी के 3 नवंबर 2008 को दिये शपथपत्र पर नजर डालते हैं। शपथपत्र में रोहाणी का कहना है कि तीस साल की राजनीति में उन्होंने इतना भी नहीं कमाया कि वे अपना घर बना सकें। घर बनाने के लिए उन्होंने अपने बेटे अशोक रोहाणी से 6 लाख 46 हजार 607 रुपए उधार लिए हैं। यह बात दूसरी है कि इसी शपथपत्र में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी कमाई में से 1.44 लाख रुपए परिजनों को ऋण दिया है। यह ऋण किस परिजन को दिया है इसका उल्लेख नहीं है।
उनकी पत्नी ने भी अपने बेटे अशोक रोहाणी को 2.41 लाख रुपए का कर्जा दे रखा है। हम रोहाणी को यूं ही गरीब राजनेता नहीं कह रहे। ऐसे समय में जबकि राजनेताओं के पास करोड़ों वैध अवैध संपत्ति है तब रोहाणी के शपथपत्र को देखकर लगता है कि उनसे ज्यादा सम्पत्ति तो मध्यप्रदेश के किसी क्लर्क की नौकरी करने वाले के पास होगी। रोहाणी ने ब्योरे में लिखा है कि उनके और उनकी पत्नी के पास मात्र 5-5 हजार रुपए नगद हैं। बैंक के सभी खातों को मिलाकर रोहाणी के पास 29 हजार 449 और पत्नी के पास मात्र 1279 रुपए हैं।
गहनों के बात की जाए तो रोहाणी के पास मात्र 27 हजार रुपए का 22 ग्राम सोना और पत्नी के पास 3 लाख 20 हजार रुपए का 226 ग्राम सोना है। रोहाणी दंपत्ति पर कोई वाहन नहीं है लेकिन वे 60 हजार रुपए की रिवाल्वर रखते हैं। रोहाणी दंपत्ति के पास कृषि अथवा गैरकृषि के नाम पर एक इंच जमीन नहीं है। अपने मकान और ऋण के बारे में उन्होंने अलग से ब्योरा दिया है जो वेबसाइट पर नहीं है।
रोहाणी मध्यप्रदेश की सम्मानित विधानसभा के अतिसम्मानित अध्यक्ष हैं और उनके शपथपत्र पर किसी प्रकार का शक नहीं किया जाना चाहिए। जो लोग उनके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं उन्हें प्रमाणित करना चाहिए कि शपथपत्र से हटकर रोहाणी के पास क्या है? यह बात दूसरी है कि अपने शपथपत्र में रोहाणी ने स्वीकार किया है कि उनके ऊपर धोखाधड़ी और जालसाजी जैसी धाराओं के तहत मुकद्दमे दर्ज किये गए हैं और दोनों मुकद्दमों में हाईकोर्ट से उन्हें स्थगन मिला हुआ है।
(लेखक सबकी खबर डॉट काम के संपादक हैं)