प्रणव का स्थान
लिया अहमद ने!
पटेल बने कांग्रेस के नए संकटमोचक
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी को कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता था।
उनके महामहिम राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित और चुने जाने के साथ ही यह चर्चा आरंभ
हो गई थी, कि आखिर
उनके स्थान पर कांग्रेस को संकट से उबारने में कौन महती भूमिका निभाएगा? पिछले एक माह के
प्रदर्शन के आधार पर कहा जाने लगा है कि प्रणव मुखर्जी के वारिस के बतौर अब
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल ने काम करना
आरंभ कर दिया है।
अहमद पटेल के
सितारे इन दिनों खासे बुलंदी पर हैं। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (बतौर सांसद
श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) में जिस तरह एक समय विसेंट जार्ज की
तूती बोला करती थी,
वह केंद्र अब पूरी तरह अहमद पटेल मय होता दिख रहा है।
10, जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पिछले एक महीने में प्रणव मुखर्जी की अनुपस्थिति और
व्यस्तताओं के चलते उनकी सारी जवाबदारी अहमद पटेल ने बखूबी निभाई है। वे अहमद पटेल
ही थे जिन्होंने कांग्रेस को रायसीना हिल्स की जंग में जीत के मार्ग प्रशस्त
करवाए।
सूत्रों ने बताया
कि संकट के दौरान सियासी नेताओं से बातचीत कर माहौल को कांग्रेस के पक्ष में अहमद
पटेल ने ही मोड़ा है। मामला चाहे ममता बनर्जी को मनाने का हो, या मुलायम सिंह
यादव को यू टर्न दिलवाने का अथवा सीताराम येचुरी से चर्चा कर उन्हें मनाने का, हर मामले को बखूबी
अंजाम दिया है अहमद पटेल ने। ममता बनर्जी को कांग्रेस के पक्ष में लाने का श्रेय
भी उन्हें ही जाता है।
इतना ही नहीं
दिल्ली की निजाम श्रीमति शीला दीक्षित और हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह
हुड्डा के बीच पानी के विवाद को खत्म कराकर बीच का रास्ता निकालने वाले भी कोई और
नहीं अहमद पटेल ही थे। अहमद पटेल को अब कांग्रेस में शक्ति पुंज के रूप में देखा
जा रहा है।
अहमद पटेल के
ताकतवर होते ही यह संभावनाएं भी बलवती हो रही हैं कि टीम अहमद भी जल्द ही फुल
फार्म में आ सकती है। इसके चलते पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस
कमेटी के अध्यक्ष रह चुके सुरेश पचौरी के ताकतवर होकर उभरने के संकेत भी मिलने लगे
हैं।