बुधवार, 2 जनवरी 2013

रातों रात नहीं पसारे अराजकता ने पैर!


रातों रात नहीं पसारे अराजकता ने पैर!

(लिमटी खरे)

देश में महिलाओं को पुरूषों के साथ बराबरी का दर्जा दिया जाता है। महिलओं को आगे बढ़ाने के ढकोसले होते हैं। कहीं बेटी बचाओ अभियान चलता है। नारी के सम्मान की रक्षा के लिए कसमें खाई जाती हैं। ये सब का सब महज दिखावा है। देश को 2007 में आजादी के साठ सालों बाद प्रथम नागरिक के रूप में महिला मिली। देश की सत्ता की चाभी परोक्ष तौर पर एक महिला सोनिया गांधी के हाथ है। लोकसभा अध्यक्ष श्रीमति मीरा कुमार महिला हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज महिला हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, तमिलनाडू में जयललिता भी महिला हैं। पूर्व मायावती, वसुंधरा राजे सिंधिया, उमा भारती भी महिला हैं। देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस की प्रधानमंत्री रही हैं श्रीमति इंदिरा गांधी। बावजूद इसके महिलाओं के सम्मान की रक्षा इक्कीसवीं सदी तक सुनिश्चित ना हो पाना, महिला आरक्षण विधेयक का ना आ पाना अपने आप में यह साबित करने के लिए काफी है कि देश की महिला नेत्रियां ही अपनी बिरादरी को शोषित होने देना चाहती है।

दिल्ली में 16 दिसंबर को हुए गैंगरेप के बाद पीडिता का सिंगापुर में दम तोड़ना, सरकार का मूक दर्शक बनकर रहना, युवाओं में आक्रोश आदि देखकर सभी सहम गए। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब तरह तरह के प्रश्न कौंध रहे हैं। इन प्रश्नों का आम आदमी के जेहन में उठना स्वाभाविक ही है। इस सबके लिए गुनाहगार क्या सिर्फ सरकार है? क्या समाज और हम खुद इसके लिए जवाबदेह नहीं हैं? जिसने बलात्कार किया या जो करते हैं वे भी किसी के पिता, बेटे या भाई होते हैं। हम अपनी बेटियों को तो लाज बचाने की हिदायत देते रहते हैं पर कभी हम अपने बेटों को इसकी नसीहत नहीं देते हैं। यह सब कुछ एकाएक तो निश्चित तौर पर नहीं हुआ है।
इसके लिए हम एक उदहारण आपके समक्ष रखते हैं। देश भर में डाक विभाग धीरे धीरे शिथिल हुआ और निजी कोरियर उन पर हावी हो गए। कोई भी सरकारी डाक विभाग पर ज्यादा यकीन नहीं कर पा रहा है। इसी तरह मध्य प्रदेश में अस्सी के दशक में अवैध वीडियो कोच टूरिस्ट व्हीकल्स का आगाज हुआ। यातायात पुलिस, आरटीओ आदि ने अपने निहित स्वार्थों के लिए इनसे चौथ वसूली, यात्रियों ने कंफर्टेबल यात्रा के लिए इन पर भरोसा किया, परिणाम सबके सामने है। मध्य प्रदेश में राज्य सड़क परिवहन निगम ने दम तोड़ दिया। अब प्रदेश भर में अवैध बसों का कभी ना टूटने वाला साम्राज्य स्थापित हो गया। यह सब एक दिन में तो निश्चित तौर पर नहीं हुआ।
निश्चित तौर पर घर का नाम आते ही हर किसी को सुरक्षित और सकुन भरे ठिकाने का अहसास होने लगता है। आखिर घर और बाहर में चारदीवारी का ही अंतर है। तो एक ईंट गारे की दीवार से ही सारे मायने बदल कैसे जाते हैं? कैसे घर के अंदर का शांत इंसान चारदीवारी के उस पार जाते ही हैवान बन जाता है? आखिर क्या कारण है कि वह इन सारी हैवानियत को घर के अंदर अपने माता पिता भाई बहन के सामने नहीं दिखाने का साहस कर पाता है?
उत्तर साफ है कि भारतीय परंपराओं में घर के अंदर की स्थिति या अनुशासन वाकई गजब का होता है। घर के अंदर सभी की जवाबदेही निर्धारित है। सभी अपनी अपनी जवाबदेहियों का पालन बहुत ही बारीकी और सफाई के साथ कर देते हैं। वहीं दूसरी ओर घर के बाहर कानून का शासन होता है, समाज का डर होता है। सामाजिक व्यवस्थाओं में पश्चिमी सभ्यता इस कदर हावी हो चुकी है कि अब किसी को सामाजिक मान्यताओं और बाध्यताओं से लेना देना नहीं है। रही कानून की बात तो कानून का डर समाप्त ही हो चुका है अपराधियों के मानस पटल से।
बच्चों के मामले में ही अगर देखा जाए तो वर्ष 2011 साल 33 हजार 98 मामले बच्चों के खिलाफ अपराधों के दर्ज हुए हैं। बच्चों के खिलाफ किए गए अपराधों का ग्राफ तेजी से उपर आया है जहां वर्ष 2010 और 2011 की तुलना की जाए तो 2011 में बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 24 फीसदी की बढोत्तरी दर्ज की गई है। नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो 2010 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों में 7.1 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ आंकड़ा दो लाख 28 हजार तक पहुंच गया था 2011 में। महिलाओं के अपराधों के मामले में पश्चिम बंगाल शिरोमणि रहा जहां 29 हजार 133 अपराध दर्ज हुए हैं महिलाओं के खिलाफ।
गर्भ में लिंग परीक्षण को अपराध का दर्जा दिया गया है, किन्तु फिर भी गर्भ में ही आखिर बालिकाओं को मार कैसे दिया जाता है? जाहिर है लिंग परीक्षण का काम धड़ल्ले से चल रहा है। वरना लिंग भेद या असुंतलन का कारण क्या है? आखिर क्या वजह है कि देश में एक हजार पुरूषों पर महिलाओं का आंकड़ा 940 पर ही सिमट जाता है? आखिर क्या कारण है कि जन्म से छः साल के आयु समूह में यह अनुपात घटकर 914 ही बचता है। कारण साफ है कि अवैध तरीके से लिंग परीक्षण कर या बेटी के जन्म पर ही उसे मार दिया जा रहा है।
महिलाओं पर बलात्कारों के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। बलात्कार के मामलों में बढोत्तरी दर से देश के हाकिम भले ही चिंतित ना हों पर आम आदमी तो बुरी तरह हिल चुका है। अन्य संगीन अपराधों की तुलना में बलात्कार के मामलों में आश्चर्यजनक रूप से तीन गुना से ज्यादा बढोत्तरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर गौर फरमाया जाए तो महिलाओं पर ज्यादती के मामलों में 1971 से 2011 के बीच चालीस सालों में 837 फीसदी की रिकार्ड बढोत्तरी दर्ज की गई है।
बलात्कार के मामले में तो सारे रिकार्ड ही ध्वस्त हो चुके हैं। बलात्कार के मामलों पर एनसीआरबी का रिकार्ड बतलाता है कि 2011 में देश में 24 हजार 206 बलात्कार के मामले प्रकाश में आए। इनमें से सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले सुशासन का दावा करने वाले देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश में दर्ज हुए। एमपी में 2011 में 3406 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए इस राज्य में। विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी अपनी राजनैतिक रोटियां सेंककर खामोश हो जाती है।
देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में पिछले पांच सालों में बलात्कार के 2620 मामले दर्ज किए गए। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इस अवधि में 1033, बंग्लुरू में 383, चेन्नई में 293 तो कोलकता में 200 मामले दर्ज किए गए। अब आप ही अंदाजा लगाईए कि देश की राजनैतिक राजधानी जो किसी ना किसी वजह से साल में कमोबेश 365 दिन ही हाई एलर्ट पर रहती हो वहां बलात्कार की मार सबसे ज्यादा है।
एक आम आंकलन के अनुसार देश में जंगलराज की स्थापना हो चुकी है। यह जंगलराज रातोंरात नहीं आया है। देश में कानून का भय समाप्त हो गया है। अपराध करने से लोग इसलिए नहीं डरते क्योंकि उन्हें पता है कि सामाजिक वर्जनाएं तो कभी की तार तार हो चुकी हैं, अब समाज उनका बहिष्कार कर भी देगा तो उन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। रही सही कसर निकाल दी कानून का भय समाप्त करके। लोगों को पता है कि अगर आपके पास धन है तो कानून आप अपनी जेब में रखकर चल सकते हैं। किसी भी मामले को इतना लंबा खिचवा सकते हैं कि आपकी उम्र आराम से कट सकती है।
हमें जागना ही होगा, यह समूचा सागर विषाक्त हो चुका है, इसका मंथन कर विष और अमृत को अलग अलग करना ही होगा, वरना आने वाले समय की भयावह तस्वीर की कल्पना मात्र ही हार्ट अटेक का कारण बन सकती है। हमें देश की प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को देश के आदर्श, इतिहास और संस्कार के हिसाब से समृद्ध करना ही होगा। अगर शिक्षा को लेकर प्रयोग चलते रहे तो आने वाले समय में हमारी पीढ़ी को अधकचरे इतिहास और ज्ञान के कारण उपहास का पात्र बनने से कोई नहीं रोक सकता है। क्या संस्कार विहीन युवाओं के दम पर देश के सियासी तंबुओं में बैठे लोग आदर्श और अभिनव भारत के निर्माण का सपना देख रहे हैं? (साई फीचर्स)

शिकायत और सुझाव में उलझी सरकार


शिकायत और सुझाव में उलझी सरकार

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों पर विचार के लिए विशेष कार्यदल का गठन किया है। इस कार्यदल में १३ सदस्य होंगे, जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय गृहसचिव करेंगे। गृहमंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह कार्यदल महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में पुलिस और दिल्ली सरकार की कार्रवाई की लगातार निगरानी करेगा और इस मुद्दे पर संसद में बहस के दौरान सांसदों के सुझावों पर भी विचार करेगा।
गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वे न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा समिति को बलात्कार कानूनों की समीक्षा के लिए अपने सुझाव दें। महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार के मामलों में फैसला शीघ्र करने और सजा बढ़ाने के मौजूदा प्रावधानों में संशोधन के लिए सुझाव के वास्ते इस समिति का गठन किया गया है।
उधर, दूसरी ओर दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति उषा मेहरा आयोग ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शिकायत और सुझाव आमंत्रित किये हैं। गृहमंत्रालय के बयान में कहा गया है कि न्यायमूर्ति मेहरा की अध्यक्षता में यह आयोग नई दिल्ली में विज्ञान भवन स्थित कार्यालय से काम करेगा। यह आयोग महिलाओं विशेष रूप से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने के उपायों के बारे में सुझाव देगा। २६ दिसम्बर को गठित यह आयोग तीन महीने के अंदर रिपोर्ट देगा जिसे संसद में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।
23 साल की कमसिन के साथ गेंग रेप और उसकी मौत के 16 दिन बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दिल्ली पुलिस ने उस बस मालिक पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है, जिसकी बस में १५ दिन पहले २३ वर्षीय छात्रा के साथ बस के कर्मचारियों ने कथित सामूहिक दुष्कर्म किया था। उत्तरी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त ने कहा कि बस मालिक पर भारतीय दंड संहिता की धारा-चार सौ बीस और एक सौ ८१ के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये धाराएं धोखाधड़ी और सरकारी अधिकारी के समक्ष शपथ-पत्र में झूठा बयान देने से संबंधित हैं। जांच के दौरान विसंगति सामने आने पर यह मामला दर्ज किया गया है। बस मालिक पर आरोप है कि उसने बस का परमिट और रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र लेने के लिए राज्य परिवहन विभाग को गलत जानकारी दी थी।

सिंचाई घोटाले की जांच करेगा विशेष दल


सिंचाई घोटाले की जांच करेगा विशेष दल

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। महाराष्ट्र सरकार ने सिंचाई घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन करने की घोषणा की है। जांच दल का मुख्यालय औरंगाबाद में होगा। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया है कि यह आयोग छह महीने के अंदर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा।
सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने कल मुंबई में राज्य के सिंचाई विभाग में हुए कथित घोटालों में जांच कर रहे विशेष जांच दल के सदस्यों की तथा आयोग की कार्यकक्षा की घोषणा की। इस दल की अगुवाई प्रसिद्ध जल विशेषज्ञ माधव राव चिलते कर रहे हैं।
इस दल में पूर्व सिंचाई सचिव वीएम रानाडे, पूर्व कृषि आयुक्त कृष्णलाल हेकर और वित्त विभाग के पूर्व अधिकारी एकेडी जाघव भी शामिल हैं। कथित घोटालों के आरोपों के बाद विद्यमान सिंचाई मंत्री सुनील दडकड़े ने विशेष जांच दल गठित करने की घोषणा हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान की थी।

फिर कपकपाया शीत लहर ने


फिर कपकपाया शीत लहर ने

(पीयूष भार्गव)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली सहित उत्तर भारत में जारी शीत लहर से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। जम्मू-कश्मीर में तापमान जमाव बिन्दु से नीचे चले जाने से समूची घाटी ठंड की चपेट में है। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में रात के तापमान में और कमी आने का अनुमान है। कोहरे से रेल, सड़क और हवाई यातायात प्रभावित है। राजधानी दिल्ली में भी शीत लहर के साथ घना कोहरा छाया रहा। मौसम कार्यालय ने बताया है कि कोहरे की स्थिति जारी रहने की संभावना है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के जम्मू ब्यूरो से विनोद नेगी ने भारतीय वायूसेना के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारतीय वायुसेना ने जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में फंसे दो सौ तीन लोगों को कल लेह कस्बे से जम्मू पहुंचाया। जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में फंसे हुए यात्रियों को हवाई जहाज के रास्ते उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कल भारतीय हवाई फौज के जहाजों को सेवा में लगाया गया।
सूत्रों ने आगे बताया कि भारतीय हवाई जहाज की एक विशेष उड़ान आईएल ७६ को कल इस काम में लगाया गया, जिसने २०३ फंसे हुए यात्रियों को पहले कारगिल से लेह पहुंचाया और फिर उनको जम्मू में सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाया गया। हालांकि खराब मौसम और भारी धुंध के कारण जम्मू में फंसे हुए यात्रियों को लेह नहीं पहुंचाया जा सका।
वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में भी लगातार हिमपात होने की खबर है। हिमाचल समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में धौलाधार पर्वतमाला में कांगड़ा और किन्नोर जिले के ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात हो रहा है।
देश भर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार कमोबेश हर जगह ठण्ड के कहर की खबर है। देश के हृदय प्रदेश में साई न्यूज ब्यूरो से नन्द किशोर ने समाचार दिया है कि राज्य में कुछ स्थानों पर पानी भी गिरा है जिससे तापमान में कमी दर्ज की गई है।
वहीं दूसरी ओर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में समूचे क्षेत्र में घना कोहरा छाया हुआ है और दृश्यता कम होने के कारण यातायात में व्यवधान आया है। राजस्थान में कई स्थानों पर तापमान में भारी गिरावट आई है। चुरू में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया और शून्य दशमलव सात डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश भीषण ठंड की चपेट में है, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रिकॉर्ड किया गया है। राज्य में हाल की ठंड से एक सौ लोग मारे जा चुके हैं। हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि सार्वजनिक स्थानों पर निर्धनों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है।
यूपी साई ब्यूरो से दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि शीतलहर से प्रभावित क्षेत्रों में सरकार गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल बांटने का काम तेज कर दिया है। बैरकों के बाहर अलाव भी जलाए गए हैं। पश्चिमी उत्तरप्रदेश के अधिक प्रभावित जिलों में रैन बसेरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। आगरा कल प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य दशमलव नौ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने अगले २४ घंटों में प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना व्यक्त की है।

विधायक के आपत्तिजनक वीडियो से सनसनी!


विधायक के आपत्तिजनक वीडियो से सनसनी!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। वीडियो के संकलन वाली एक वेब साईट पर हैदराबाद के विधायक अकबरूद्दीन औवेसी के विवादास्पद और धार्मिक उन्माद को भड़काने वाले वीडियो ने सनसनी फैला दी है। सांप्रदायिक सोहाद्र बना रहे इसलिए समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया दो बार के विधायक औवेसी के इस वीडियो को तत्काल उस वेब साईट से हटाने की अपील सरकार से करती है।
हैदराबाद के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अपने भड़काउ भाषण से हिंदुओं पर निशाना साधते हुए मुसलमानों से सत्ता अपने हाथों में लेने को कहा है। आंध्र प्रदेश भाजपा शाखा ने राज्य सरकार से आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एमआईएम) के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पार्टी का कहना है कि ओवैसी ने अपने भड़काउ भाषण से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
ओवैसी का बयान सोशल नेटवर्किग साइट पर चर्चा का विषय बना हुआ है। एक सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर यह बयान शेयर किया गया बयान जिसमें ओवैसी ने कहा- अगर सरकार पुलिस को हटा दे तो 25 करोड़ मुस्लिम बाकि 100 करोड़ हिन्दुओं को 15 मिनट में मार डाले।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऐसे मोदी बहुत आये और बहुत चले गए। लोग बोल रहे हैं कि मोदी गुजरात जीत गया, अब प्रधान मंत्री बन जायेगा। देखेंगे कैसे प्रधानमंत्री बनेगा और लोग मुसलमानों को डरा रहे हैं अरे मोदी है, मोदी है, काहे का मोदी? किधर का मोदी? आजा बाबा एक बार हैदराबाद आजा, बता देंगे। तस्लीमा नसरीन आई, कहां है, किसी को नहीं मालूम। एक हज़ार क्या, 1 लाख क्या, 1 करोड़ नामर्द (हिन्दू) मिलकर भी कोशिश करे ले तो 1 को भी पैदा नहीं कर सकते। और यह लोग (हिन्दू), हमसे मुकाबला नहीं कर सकते। जब मुसलमान भारी पड़ा (हिन्दू पर) तो यह नामर्दों की फौज (भारतीय पुलिस) आ जाती है।
ओवैसी ने अपने भाषण में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मुंबई अटैक में फांसी पर चढ़ाए गए अजमल कसाब से कर दी। मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, उस बच्चे अजमल कसाब को फांसी पर लटका दिया गया, ठीक किया। उसने दो सौ बेकसूर लोगों की जान ली थी। लेकिन, गुजरात में दो हजार मुसलमानों की हत्या के गुनहगार नरेंद्र मोदी को फांसी क्यों नहीं दी? अपने भाषण में ओवैसी ने आगे कहापाकिस्तानी है तो हिंदुस्तानी को मारने पर फांसी। हिंदुस्तानी है तो हिंदुस्तानी को मारने पर देश की गद्दी. . . अगर देश में इंसाफ है तो कसाब की तरह मोदी को भी ऐसी सजा दी जाए।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के हैदराबाद ब्यूरो से रितू सक्सेना ने बताया कि ओवैसी अपनी पार्टी की ओर से चंद्रायनगुट्टा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। आंध्र प्रदेश भाजपा शाखा के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अदिलाबाद और निजामाबाद जिलों में जनसभा के दौरान ओवैसी ने हिंदुओं के खिलाफ भड़काउ और अपमानजनक टिप्पणी की।
ओवैसी के भाषण की कड़ी निंदा करते हुए रेड्डी ने राज्य सरकार से सवाल किया कि सरकार ओवैसी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है जबकि उन्होंने खुले तौर पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक और गंदी भाषा का इस्तेमाल किया है। इससे उनकी धार्मिक संवेदना को ठेस पहुंची है। ओवैसी के खिलाफ जल्द कार्रवाई की मांग करते हुए रेड्डी ने कहा कि पार्टी का मानना है कि इस तरह के भाषण भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर एक खतरा है और यह लोगों को बांटता है।
आंध्र प्रदेश भाजपा शाखा के प्रमुख ने बताया कि पार्टी इस संबंध में निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखेगी जिसमें विभिन्न धर्माे के लोगों के बीच शत्रुता बढ़ाने के कथित प्रयासों के कारण एमआईएम की मान्यता रद्द करने की मांग की जाएगी। उन्होंने बताया कि ओवैसी के आपत्तिजनक भाषण से संबंधित एक सीडी राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को भेजी जाएगी जिसमें उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।

सरकार की उपलब्धि को नजर अंदाज करता जनसंपर्क


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 35

सरकार की उपलब्धि को नजर अंदाज करता जनसंपर्क

भोपाल (साई)। देश के हृदय प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार अपनी कामयाबियों पर भले ही इठला रही हो, पर शिव के गण (वरिष्ठ सरकारी कर्मचारी) किसी और के इशारों पर ही काम कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान लाख जतन कर प्रदेश में भाजपा और खुद को लोकप्रिय बनाने का प्रयास कर रहे हों पर आला अधिकारी उनके इन प्रयासों में पलीता ही लगाते नजर आ रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में मध्य प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करने वाले मध्य प्रदेश के जनसंपर्क संचालनालय द्वारा अमरिका में मिलने वाले मध्य प्रदेश के सम्मान की खबर से परहेज ही किया गया। इसके बाद स्वाधीनता दिवस के आयोजन में महामहिम लाट साहब द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के सम्मान की खबरों में फिरंगियों से लड़कर देश को स्वाधीनता दिलावाने वालों को भूलकर जनसंपर्क विभाग द्वारा अपने लोगों और अफसरान के नाम से खबर जारी कर साबित कर दिया कि अफसरान को शिवराज सिंह चौहान की छवि की परवाह कतई नहीं है। प्रदेश के आला अधिकारियों की कारगुजारियों के चलते होने वाली स्थिति से प्रदेश में शिवराज सिंह चौळान की छवि प्रभावित हुए बिना नहीं है।
मध्य प्रदेश भाजपा के एक धड़े के बीच चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो मध्य प्रदेश में आयतित होकर आए देश के एक क्षेत्र विशेष के लोगों द्वारा शिवराज सिंह चौहान की छवि पर कालिख लगाने का जतन किया जा रहा है। आला अधिकारियों की पदस्थापना भी उक्त क्षेत्र विशेष के लोगों के इशारों पर ही हो रही हैं। कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि अपनी जमावट कर उक्त क्षेत्र विशेष के लोगों द्वारा तख्ता पलट का तानाबाना भी बुना जा रहा है।
मितव्यययिता अपनाना है, प्रदेश को आगे बढ़ाना हैस्लोगन के साथ वर्ष 2012 की 120 रूपए (कर अतिरिक्त) की मंहगी सरकारी दैनंदिनी (डायरी) में अनेक विसंगतियां हैं। प्रदेश सचिवालय वल्लभ भवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इन डायरियों को जनसंपर्क विभाग के माध्यम से प्रदेश और दिल्ली के मीडिया में भी निशुल्क बांटा जाता है। इन विसंगतियों पर मीडिया की नजर जाए और शिवराज सिंह चौहान की छवि प्रभावित हो इस तरह के प्रयास भी किए गए हैं।
इस दैनंदिनी को देखने पर साफ हो जाता है कि मध्य प्रदेश सरकार को राष्ट्रगान से ज्यादा राष्ट्रगीत प्यारा है। इसमें दूसरे सफे पर ही राष्ट्रगीत वन्दे मातरमप्रकाशित किया गया है। इस गीत का अनुवाद ना जाने कितने बार किया जा चुका है। उसी अनुवाद को एक बार फिर जनसंपर्क के नौरत्नों में से एक डॉ.सुरेश तिवारी द्वारा किया गया बताया गया है। इस पूरी डायरी में राष्ट्रगान जन गण मनका कहीं उल्न्लेख नहीं मिल रहा है।
इतना ही नहीं इस डायरी में सांसदों के आरंभ वाले पेज 34 पर संसद, विधानसभा सदस्यों के आरंभ वाले पेज नंबर 39 में पार्श्व में विधानसभा की तस्वीर, मंत्रालय में पदस्थ आईएएस के आरंभ वाले पेज 75 पर वल्लभ भवन, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायालय, लोकायुक्त आदि अनेक भागों का वर्गीकरण अलग अलग पेज में किया गया है, पर किसी के पार्श्व में संबंधित फोटो नहीं है। बहरहाल, इस डायरी में राष्ट्रगान के ना होने की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
(भोपाल रिपोर्टर डॉट ब्लाग स्पाट डॉट काम से साभार)

थरूर विवाद और ट्वीट


थरूर विवाद और ट्वीट

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। अपनी अनर्गल बयानबाजी और सोशल नेटवर्किंग वेब साईट ट्वीटर को सरकारी नोटशीट समझने वाले शशि थरूर एक बार अपनी कुर्सी गंवाने के बाद भी नहीं चेते हैं। हाल ही में उन्होंने एक बार फिर ट्वीट कर माहौल को गर्मा दिया है। इस बार उन्होंने बलात्कार पीडिता की पहचान छिपाने पर ही प्रश्न लगा दिए हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर ने गैंगरेप पीड़ित लड़की की पहचान छिपाने की जरूरत पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे थरूर का निजी विचार बताया तो बीजेपी ने इसे असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की सरकार की कोशिश करार दिया। कानूनन किसी रेप पीड़ित की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। ऐसा करने पर सजा का प्रावधान है।
थरूर ने ट्वीट करके आश्चर्य जताया कि दिल्ली में गैंगरेप की शिकार लड़की की पहचान छिपाने से किसका हित सध रहा है। उसकी पहचान उजागर करके उसे सम्मान क्यों नहीं दिया जाना चाहिए? अगर लड़की के परिजनों को आपत्ति न हो तो रिवाइज्ड एंटी रेप कानून का नामकरण उसके ऊपर किया जाना चाहिए। वह सिर्फ सिंबल नहीं, एक इंसान भी थी।
थरूर के बयान के बाद ट्विटर पर यह मुद्दा गरम हो गया। तमाम लोगों ने इसका विरोध किया तो समर्थन करने वाले भी कम नहीं थे। एक्टिविस्ट किरन बेदी ने भी थरूर का समर्थन करते हुए कहा कि इस तरह लड़कर जीतने की उस लड़की की इच्छा को अमर बनाया जा सकेगा। अमेरिका में भी कई बार ऐसा हो चुका है।
बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह समय रेप के खिलाफ कड़े कानून बनाने का है। नामकरण या पीड़िता की पहचान को सीक्रेट रखना मुख्य मुद्दा नहीं है। हम सबको सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए। इस बीच, मुंबई में विले पार्ले से कांग्रेस विधायक कृष्ण हेगड़े ने सीएम से मांग की है कि शहर में निर्माणाधीन मिलन फ्लाईओवर का नाम गैंगरेप पीड़िता के नाम पर रखा जाना चाहिए।
ज्ञातव्य है कि मीडिया को भी आदर्श आचार संहिता के तहत बलात्कार पीडिता का फोटो, उसकी पहचान, नाम आदि उजागर ना करने के निर्देश हैं। जब मीडिया इसके पालन के प्रतिबद्ध नजर आता है तो सरकार के एक नुमाईंदे का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान आश्चर्य ही पैदा कर रहा है।

लखनादौन नगर पंचायत का अध्यक्ष कौन?


लखनादौन नगर पंचायत का अध्यक्ष कौन?

(ए.के.दुबे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के समूचे देश में जबसे पंचायती राज आया है और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है तबसे पार्षद पति, सरपंच पति, अध्यक्ष पति आदि नाम भी सियासी फिजां में तैर चुके हैं। हर जगह जहां भी महिलाएं चुनी जाती हैं वहां उनके पति ही परोक्ष तौर पर कुर्सी पर काबिज दिखते हैं। मध्य प्रदेश में लखन कुंवर की नगरी लखनादौन की नगर पंचायत का अध्यक्ष कौन है इस बारे में चर्चाएं जोरों पर होने लगी हैं।
सिवनी जिले में चर्चा है कि लखनादौन नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने सोची समझी रणनीति के तहत अध्यक्ष पद थाली में परोसकर श्रीमति सुधा राय को दे दिया था। इस बारे में मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव बी।के।हरिप्रसाद और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगे थे। आरोप तो यहां तक हैं कि एक अदने से नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भूरिया और हरिप्रसाद तक ने रिश्वत ली है।
इन बातों में सच्चाई कितनी है यह बात तो भूरिया, हरिप्रसाद या देने वाले ही जानें, किन्तु लोगों की शंकाएं और चर्चाओं को निराधार कतई नहीं माना जा सकता है। दरअसल, सुधा राय के शराब व्यवसाई पुत्र दिनेश राय ने 2008 में लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष रहते हुए सिवनी विधानसभा का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सबसे रोचक बात यह थी कि भाजपा की श्रीमति नीता पटेरिया तो विजयी हुईं, दिनेश राय की जमानत बची किन्तु कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। प्रसन्न मालू सिवनी विधानसभा में कांग्रेस के इकलौते ऐसे प्रत्याशी रहे हैं जो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।
माना जाता है कि दिनेश राय के चलते ही प्रसन्न मालू की जमानत नहीं बच पाई थी। यहां एक बात और उल्लेखनीय है कि पूर्व में जब सिवनी लोकसभा के विलोपन के षणयंत्र का ताना बाना बुना जा रहा था तब दिनेश राय ने कसम उठाई थी कि अगर सिवनी लोकसभा का विलोपन किया गया तो वे कांग्रेस के कद्दावर नेता हरवंश सिंह ठाकुर के खिलाफ केवलारी से ताल ठोंकेंगे। केवलारी विधानसभा में हैहय कलचुरी समाज का बोलबाला है अतः दिनेश राय की बात पर सभी ने यकीन किया था।
कहा जाता है कि बाद में हरवंश सिंह और दिनेश राय के बीच अंडर टेबिल हुए समझौते के तहत दिनेश राय ने सिवनी विधानसभा से ताल ठोंक दी और दूसरे नंबर पर आ गए। उस वक्त भी एक बात जनता के बीच उठ रही थी कि आखिर क्या वजह है कि शराब व्यवसाई दिनेश राय लखनादौन नगर पंचायत का एक साल का कार्यकाल छोड़कर सिवनी विधानसभा से लड़ रहे हैं जबकि उन्होंने हरवंश सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की कसम ली थी। चर्चा है कि इसके बाद लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस ने दिनेश राय का एहसान चुकाया कि दिनेश राय ने हरवंश सिंह की मुखालफत नहीं की थी।
अब लखनादौन की वादियों में इस बारे में चर्चा आरंभ हो गई है कि क्या नगर पंचायत लखनादौन की अध्यक्ष श्रीमति सुधा राय टोकन अध्यक्ष हैं? इसका कारण यह है कि शराब व्यवसाई दिनेश राय द्वारा लखनादौन नगर पंचायत के कामों का प्रचार प्रसार अपने मीडिया के कथित तौर पर उपकृत मित्रों के माध्यम से इस तरह करवा रहे हैं कि जिसमें हर जगह उनकी ही फोटो अखबारों और सोशल मीडिया में दिखाई दे रही है। वस्तुतः नगर पंचायत लखनादौन के कामों में अध्यक्ष की फोटो होना चाहिए जो कि नदारत ही है। लखनादौन में इस तरह की चर्चा आम हो गई है कि लोग तो चुनाव के बाद श्रीमति सुधा राय का चेहरा ही भूल चुके हैं। अब तो लोग यह भी कहते मिल रहे हैं कि नगर पंचायत लखनादौन एक बार फिर पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय के हवाले ही कर दी गई है। लखनादौन का कांग्रेस संगठन भी मुंह पर ताला लगाए सब कुछ देख रहा है मानो इस मामले में उसकी मौन सहमति हो।
अब तो लोग मजाक में इस बात को कहने लगे हैं कि जिस तरह कांग्रेस में सोनिया गांधी मदामऔर पर्दे के पीछे ही रहती हैं उसी तरह लखनादौन नगर पंचायत में मनमोहन सिंह की भूमिका में आ चुके हैं शराब व्यवसाई दिनेश राय। दिनेश राय के चापलूस मौका परस्त अनुयायी भी उनके महिमा मण्डन में कोई कसर नहीं रख रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर सड़क निर्माण की गुणवत्ता चेक करते हुए दिखाए जाने वाले शराब व्यवसाई दिनेश राय से उनके चापलूस और उपकृत अनुयाई उनसे यह नहीं पूछ पाते हैं कि आखिर क्या कारण है कि तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमति अलका श्रीवास्तव द्वारा इसी सडक के निर्माण के लिए वर्ष 2009 में दिए गए लिखित आश्वासन पर दिनेश राय ने कार्यवाही क्यों नहीं की?

पांच लाख रूपए प्रतिमाह का चूना लगा रहे प्रतिभा पाटिल के रिश्तेदार!


पांच लाख रूपए प्रतिमाह का चूना लगा रहे प्रतिभा पाटिल के रिश्तेदार!

(दीपक अग्रवाल)

मुंबई (साई)। देश को लगभग पांच लाख रूपए प्रतिमाह से ज्यादा का चूना बैठे ठाले ही लग रहा है। जी हां, यह सच है। दसअसल, पूर्व महामहिम प्रतिभा ताई के रिश्तेदारों की सुरक्षा में पांच माहों से डेढ़ दर्जन से ज्यादा सुरक्षा कर्मी मुस्तैद हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल भले ही बीते साल जुलाई में पूरा हो चुका हो, लेकिन नियमों को ताक पर रखते हुए अभी भी उनके परिवार के सदस्यों को हाई सिक्युरिटी दी जा रही है। पूर्व राष्ट्रपति के परिजनों की सुरक्षा में फिलहाल 18 कॉन्स्टेबल और एक सब इंस्पेक्टर तैनात हैं। महाराष्ट्र सरकार सुरक्षा कर्मियों को हटाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से 3 बार अनुरोध कर चुकी है, लेकिन केंद्र की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
सूबे के गृह मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों की भारी कमी है, जिसकी वजह से लॉ ऐंड ऑर्डर में खामियां साफ जाहिर होती हैं। इस वजह से नेताओं को दी गई गैर-जरूरी सुरक्षा में कमी करने की जोरदार मांग की जा रही है। जून 2007 में प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति भवन में दाखिल होते ही केंद्र ने महाराष्ट्र परिवार को निर्देश दिए थे कि राष्ट्रपति के परिवार को सुरक्षा दी जाए।
केंद्र के इस निर्देश पर प्रतिभा पाटिल के पति देवी सिंह शेखावत, बेटे राजेंद्र, बेटी ज्योति, बहु मंजरी, दामाद जयेश, पोतों पृथ्वी, ध्रुवेश और पोतियों सुरभि, वेदिका को सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे। प्रतिभा पाटिल के पति देवी सिंह को जेड कैटिगरी का सिक्युरिटी कवर दिया गया था और उनके बेटा-बेटी को वाय कैटिगरी का। बाकी मेंबर्स को एक्स क्लास की सिक्युरिटी दी गई थी।
महाराष्ट्र के एक उच्च अधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उस उस समय राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देशों के मुताबिक प्रेजिडेंट के परिवार को सुरक्षा दे दी। नियमों के अनुसार जेड कैटिगरी में हर शिफ्ट के लिए 3 कॉन्स्टेबल और एस्कॉर्ट वीइकल में इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्ट के साथ 3 कॉन्स्टेबल दिए जाते हैं। वाय क्लास में हर शिफ्ट के लिए 3 कॉन्स्टेबल और एक्घ्स में हर शिफ्ट के लिए 1 कॉन्स्टेबल दिया जाता है। इस तरह से महाराष्ट्र सरकार ने रफ आइडिया लगाते हुए 18 कॉन्स्टेलब और 1 सब इंस्पेक्टर को राष्ट्रपति के परिवार की सुरक्षा में तैनात किया गया था।
वहीं साई न्यूज के दिल्ली ब्यूरो ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हवाले से बताया कि पाटिल के रिटायरमेंट के वक्त केंद्र ने तय किया था कि उन्हें जेड प्लस सिक्युरिटी दी जाएगी और और नियमों के तहत उनके परिवार की सुरक्षा हटा दी जाएगी। रिटायरमेंट पर पाटिल को जेड प्लस सिक्युरिटी तो मिल गई, लेकिन उनके परिवार की सुरक्षा नहीं हटाई गई। ऐसे में अगस्त और दिसंबर के बीच महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 3 बार इस बारे में लिखा, लेकिन केंद्र की तरफ से जवाब नहीं आया। सीनियर अधिकारी ने बताया, श्चूंकि हमने केंद्र के निर्देश पर सिक्युरिटी दी थी, इसलिए हम बिना केंद्र की इजाजत के इसे वापस नहीं ले सकते।

कमल और चिदम्बरम हो गए मन के सुपरमैन


कमल और चिदम्बरम हो गए मन के सुपरमैन

(आशीष माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। यूपीए सरकार और कांग्रेस पार्टी दोनों जगह दो नेताओं पर सबकी नजर है। जिस अंदाज में पी चिदंबरम और कमलनाथ का ग्राफ बढ़ा है, वह हैरान करने वाला है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम अघोषित रूप से सरकार में नंबर दो की भूमिका निभा रहे हैं तो संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री कमलनाथ सरकार के नंबर एक संकटमोचक बन कर उभरे हैं। सरकार के कामकाज में इन दोनों मंत्रियों की भूमिका गजब अंदाज में बढ़ी है।
बताया जा रहा है कि कानूनी और प्रशासन के मामलों में प्रधानमंत्री चिदंबरम पर वैसे ही निर्भर हुए हैं, जैसे कभी प्रणब मुखर्जी पर निर्भर थे। दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना की जांच के लिए आयोग के गठन की बात हुई तो उसका टर्म एंड कंडीशन तय करने में अंतिम फैसला चिदंबरम का रहा। जबकि कानून मंत्री अश्विनी कुमार हैं। कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बात करने का जिम्मा भी चिदंबरम को दिया गया, जबकि यह मामला गृह मंत्रालय का था। सरकार ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को इससे अलग किया। दिल्ली पुलिस का जिम्मा दिल्ली सरकार को दिए जाने के सवाल पर चिदंबरम ने दो टूक जवाब दिया कि ऐसा नहीं हो सकता है। यह सवाल भी गृह मंत्रालय से जुड़ा था।
इसी तरह दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन के दौरान शीला दीक्षित गृह मंत्री शिंदे से मिलने गईं तो वहां कमलनाथ भी पहुंचे। शीतकालीन सत्र में सरकार का संकट प्रबंध संभालने के बाद उन्हें इस मामले में भी शामिल किया गया। उनकी तरक्की का एक संकेत यह भी है कि उन्हें बतौर शहरी विकास मंत्री योजना आयोग में सदस्य के रूप में जगह मिल गई है। इससे पहले यह जगह ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश को मिली थी। लेकिन रमेश को हटा कर यह जगह कमलनाथ को दी गई है। यह उनकी बढ़ती हैसियत का प्रमाण है।

जिला कलेक्ट्रेट में हुआ वन्देमातरम गायन


जिला कलेक्ट्रेट में हुआ वन्देमातरम गायन

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। राज्य्ा शासन के निर्देशानुसार प्रत्य्ोक माह की पहली तारीख को वन्देमातरम गाय्ान कायर््ाक्रम के परिप्रेक्ष्य्ा में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में वन्देमातरम का सुमधुर गाय्ान किय्ाा गय्ाा। इस अवसर पर कलेक्टर अजीत कुमार एवं अपर कलेक्टर आर। बी। प्रजापति सहित कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित सभी विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। वन्देमातरम गीत गाय्ान में सामाजिक न्य्ााय्ा विभाग के कलापथक दल की स्वर व तालबद्व रूप से गीत की प्रस्तुति के साथ सभी अधिकारिय्ाों व कर्मचारिय्ाों द्वारा इसका गाय्ान किय्ाा गय्ाा।

साप्ताहिक जनसुनवाई में पहुंचे ५१ आवेदक


साप्ताहिक जनसुनवाई में पहुंचे ५१ आवेदक

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। साप्ताहिक जनसुनवाई कायर््ाक्रम के तहत कलेक्टर अजीत कुमार ने जनसुनवाई की। जनसुनवाई के दौरान आज जिले के ५१ आवेदकों ने अपने समस्य्ाा आवेदन दिय्ो। कलेक्टर अजीत कुमार ने उन्हे प्राप्त सभी प्रकार के प्रकरणों में सुनवाई कर दूरभाष पर संबंधित विभागाधिकारिय्ाों को इन प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिय्ो।
जनसुनवाई में अरी निवासी श्रीमती उपासना कश्य्ाप अपने छह वर्षीय्ा पुत्र्ा आदेश को लेकर पहुंची। श्रीमती उपासना ने बताय्ाा कि उनके पुत्र्ा आदेश की जन्म से एक किडनी है ही नहीं, और जो है उसमें भी कुछ समस्य्ाा है। बच्चें का ईलाज चल रहा है, परन्तु मंहगी दवाईय्ाों का खर्चा उठाने में श्रीमती उपासना असमर्थ है। उपासना ने कलेक्टर से अपने बच्चें का समुचित ईलाज कराने की गुहार लगाई। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेकर उपासना को मुख्य्ा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य्ा अधिकारी के पास भेजा और दूरभाष पर सीएमएचओ को पीडित बच्चें के उपचार के लिय्ो समुचित आर्थिक सहाय्ाता दिलाने के निर्देश दिय्ो।
इसी प्रकार जिले के ही एक गांव से आईं श्रीमती सेवतीबाई ने अपने आवेदन में कलेक्टर को बताय्ाा कि उसके पडोस में रहने वाले जुगराज और गणेशीबाई उनकी बाडी की जमीन को हडपने की कोशिश के साथ-साथ उनसे मारपीट भी करते है। उन्होंने इसकी एफ।आई।आर। भी दर्ज कराई है, परन्तु अबतक कोई कायर््ावाही नहीं हुई। कलेक्टर ने आवेदिका को उनके प्रकरण में शीघ्र ही कायर््ावाही करने के लिय्ो संबंधित थाना प्रभारी को निर्देशित किय्ाा।
इसी तरह एक निःशक्त आवेदक ने उसे इंदिरा आवास य्ाोजना के तहत मकान बनवाने के लिय्ो राशि दिलाने की अर्जी दी। कलेक्टर ने आवेदक को शीघ्र ही उसे मकान बनाने के लिय्ो य्ाह राशि दिलाने का आश्वासन दिय्ाा। रूबरू जनसुनवाई में दूरदराज से आय्ो आवेदकों द्वारा अपनी पट्टे की जमीन/निज सम्पत्ति पर किसी अन्य्ा द्वारा अतिक्रमण/अवैध कब्जा हटवाने, गंभीर बीमारी के इलाज हेतु सहाय्ाता राशि दिय्ो जाने, राजस्व अभिलेखों में सुधार किय्ो जाने, बीपीएल का राशन कार्ड बनवाने, अनुकम्पा निय्ाुक्ति दिलाने, नौकरी दिलाने, विकलांग पेंशन दिलाने, पति द्वारा त्य्ाक्त कर दिय्ो जाने पर भरण पोषण की राशि दिलवाने, घरेलू हिन्सा से निजात दिलाने, बीमारी का इलाज करवाने, लाडली लक्ष्मी य्ाोजना का लाभ दिलाने तथा अन्य्ा विविध प्रकार के आवेदन दिय्ो गय्ो। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारिय्ाों को भेजकर उन्हें सभी श्रेणी के प्रकरणों का संवेदनशीलतापूर्वक निदान करने को कहा।

गणतंत्र दिवस पर मनाया जाएगा भारत पर्व



गणतंत्र दिवस पर मनाया जाएगा भारत पर्व

(नरेंद्र ठाकुर)

सिवनी (साई)। लोकतंत्र्ा का लोक उत्सव भारत पर्व का आय्ाोजन प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी २६ जनवरी गणतंत्र्ा दिवस की संध्य्ाा को जिला मुख्य्ाालय्ा में किय्ाा जाय्ोगा।  भारत पर्व में इस वर्ष अपना मध्य्ाप्रदेश एवं देशभक्ति पर केन्द्रित आय्ाोजन के साथ ही कला, संगीत, नृत्य्ा, नाटक, कविता और चित्र्ा प्रदर्शनिय्ाों के कायर््ाक्रम शामिल किय्ो जाय्ोंगे। साथ ही मध्य्ाप्रदेश के विकास पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई जाय्ोगी। भारत पर्व के लिय्ो कलाकारों/दल का चय्ान/समग्र मानदेय्ा निर्धारण कर जिला मुख्य्ाालय्ाों पर भेजने की व्य्ावस्था म।प्र। शासन, संस्कृति विभाग अंतर्गत स्वराज संस्थान संचालनालय्ा, भोपाल द्वारा की जाय्ोगी। इस मौके पर संबंधित जिला जनसम्पर्क कायर््ाालय्ा द्वारा मध्य्ाप्रदेश की विकास य्ाात्र्ाा पर केन्द्रित आकर्षक प्रदर्शनी लगाई जाय्ोगी। भारत पर्व में मुख्य्ा अतिथि के रूप में जिला स्तर पर माननीय्ा विधानसभा अध्य्ाक्ष/उपाध्य्ाक्ष/मंत्र्ाी/राज्य्ामंत्र्ाी/जिले के प्रभारी मंत्र्ाी को आमंत्र्ाित किय्ाा जाय्ोगा। इसके अलावा कलेक्टर के निर्णय्ा अनुसार वरिष्ठ स्वतंत्र्ाता संग्राम सेनानी, समाजसेवी, लेखक, साहित्य्ाकार, कलाकार को भी आमंत्र्ाित किय्ाा जाय्ोगा। संस्कृति विभाग द्वारा इस संबंध में सभी संभागाय्ाुक्तों, जिला कलेक्टर्स एवं जिला जनसंपर्क अधिकारिय्ाों को लोकतंत्र्ा के उत्सव के रूप में मनाय्ो जाने वाले इस भारत पर्व के प्रभावी आय्ाोजन के लिय्ो आवश्य्ाक कायर््ावाही करने को कहा गय्ाा है।

नसबंदी करवाने के बाद भी हो गई गर्भवती


नसबंदी करवाने के बाद भी हो गई गर्भवती

(सुरेश)

खरगोन (साई)। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में एख अजीबो गरीब मामला देखने को मिला है। 25 वर्षीय महिला की नसबंदी ऑपरेशन उलटने की चिकित्सकीय प्रक्रिया की कामयाबी के बाद इस महिला की कोख फिर हरी हो गई और एक बेटी की मां कहलाने की उसकी साध पूरी हो गई। इस प्रक्रिया को मेडिकल विज्ञान में मोटे तौर पर डिम्बवाहिनी नलियों (फैलोपियन ट्यूब्स) का रिकैनलाइजेशन कहा जाता है, जिसे प्रसिद्ध नसंबदी विशेषज्ञ डॉ। ललितमोहन पंत ने साल भर पहले अंजाम दिया था।
डॉ. पंत ने बताया कि उन्होंने मामूली सुविधाओं वाले एक दूरस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उमा चौहान (25) के नसबंदी ऑपरेशन को इस महिला की गुजारिश पर महज ढाई घंटे में उलट दिया था। इससे उसे मां बनने की क्षमता वापस मिल गई थी। वरिष्ठ सरकारी सर्जन ने बताया कि नसबंदी ऑपरेशन उलटे जाने के कोई दो महीने बाद ही इस महिला ने गर्भधारण कर लिया।
उसने खरगोन जिले के चोली स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कल 31 दिसंबर की देर शाम एक बेटी को जन्म दिया। डॉ. पंत ने बताया कि उन्होंने यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर महेश्वर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर के दौरान 12 फरवरी 2012 को उमा का सफल ऑपरेशन किया था। लेकिन इसके थोड़ी देर बाद ही उन्हें कहा गया कि वह इस ऑपरेशन को उलटते हुए महिला की बंद की गई डिम्बवाहिनी नलियों को खोल दें।
उन्होंने बताया कि उनसे यह गुजारिश इसलिए की गई क्योंकि नसबंदी ऑपरेशन के महज आधे घंटे बाद उमा की 21 दिन की बीमार बच्ची की मौत हो गई और वह दोबारा मां बनना चाहती थी। पिछले तीन दशक के दौरान नसबंदी के तीन लाख से ज्यादा ऑपरेशन करने वाले वरिष्ठ सरकारी सर्जन ने बताया कि मैंने किसी नसबंदी ऑपरेशन को इतनी जल्दी कभी नहीं उलटा था।
दूरस्थ क्षेत्र के उस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इस महीन सर्जरी के लिए मेरे पास न तो जरूरी औजार थे और न ही दूसरे साधन-सुविधाएं। लेकिन मैंने आत्मा की आवाज पर यह ऑपरेशन करने का फैसला किया। डॉ। पंत के मुताबिक उन्होंने नसबंदी ऑपरेशन के महज ढाई घंटे बाद आम लैप्रोस्कोप और दूसरे मामूली औजारों से महिला की दोनों डिंबवाहिनी नलियों को खोल दिया। फिर इन नलियों मे दवाओं और विशेष रसायनों का घोल प्रवाहित किया गया, ताकि इनकी सूजन कम हो सके और वे पुरानी स्थिति में लौट सकें।

गंगा की डुबकी क्या धो पाएगी पाप!


गंगा की डुबकी क्या धो पाएगी पाप!

(पी डी महंत)

31 दिसम्बर की षाम डुबा सूरज क्या 1 जनवरी को फिर निकल पायेगा,
हमने-तुमने जो पाप किये हैं, गंगा में डुबकी लगााने से क्या वो धुल पायेगा,

उसकी कमीज मेरी कमीज से सफेद कैसे, यह सबको समझ में आता है,
मेरा जेहन इतना काला, सबसे कालायह कब हमको समझ में आयेगा ,

आज मोम बत्तियॉं जलातें हैं चौराहों परमौन जुलूस भी हम निकालते हैं,
दिया दिल मंे जलायें, जुलूस में नहीं ,अकेले का जुलूस निकालें तब समझ आयेगा,

तार तार किसी की आबरु, जार जार किसी का दिल हो रहा है रोज रोज,
कुर्बानी किसी की, षहीद कोई और ही हो मेरे लिऐ, इससे कुछ बदल नहीं पायेगा,

कहानी, कथानक,नाटक,मानस और भापण, किसी अवतार का है बस इंतजार,
जब जब जुल्म बढेगा,कोई तो आयेगा, ऐसा हुआ है न कभी और न ऐसा हो पायेगा,

न कोई तंत्र है न मंत्र,मेरी बुराई मुझसे ही निकलेगी, मैं ही उसे निकाल पाउॅंगा,
अंधे को कैसे दिखता है ? बाहर के उजाले से कुछ साफ नजर नहीं आयेगा,

बुराई कहॉं है? कितनी है?कब से मेरे घर में है? सब जानता हॅंू मैं ,
ष्ुारुआत करुॅं निकालने की ही से ,निकलते निकलते षायद निकल जायेगा ।