शनिवार, 31 दिसंबर 2011

नए साल में सिवनी को मिलन कभी न भूलने वाला तोहफा!


नए साल में सिवनी को मिलन कभी न भूलने वाला तोहफा!

एनएचएआई का पीडी नरसिंहपुर कार्यालय बंद

अगले साल बरसात के बाद ही बन पाएगा फोरलेन!

सागर या छिंदवाड़ा से संचालित होगा सिवनी का काम

सीसीएफ सिवनी दबाए बैठे हैं एनएचएआई के नए प्रस्ताव



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। नए साल के आगाज के साथ ही उपेक्षा का दंश झेल रहे सिवनी जिले को जनप्रतिनिधियों ने एक नायाब तोहफा दिया है। पहले एनएचएआई के सिवनी परियोजना निदेशक के कार्यालय को बंद करने के उपरांत अब नरसिंहपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के कार्यालय को अब बंद कर दिया गया है। एक जनवरी के उपरांत सिवनी को लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर स्थित सागर के परियोजना निदेशक कार्यालय के अधीन कर दिया गया है। इतनी दूर से सिवनी के काम की देखरेख अब और दुष्कर ही साबित होगी।

अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल की महात्वाकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भज परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण फोरलेन गलियारे में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में फंसे वन एवं पर्यावरण के पेंच को सुलझने में अभी कम से कम तीन माह का समय और लग सकता हैै। बजट के उपरांत अप्रेल माह के प्रथम सप्ताह में लखनादौन से नागपुर के हिस्से पर केंद्र सरकार की नजरें इनायत हो सकती हैं। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ स्वयं आकर इसका काम शुरू करा सकते हैं। एनएचएआई का नरसिंहपुर परियोजना निदेशक (पीडी) का कार्यालय शनिवार 31 दिसंबर से अस्तित्व में नहीं रहेगा।

भूतल परिवहन मंत्रालय के भरोसमंद सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले के साथ षणयंत्र का ताना बाना बुना जा रहा है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। पहले सिवनी स्थित परियोजना निदेशक का कार्यलय बंद किया गया और अब आज से नरसिंहपुर पीडी कार्यालय पर अलीगढ़ का ताला लटकाया जा रहा है। नए साल से सिवनी का काम यहां से लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर सागर के पीडी आफिस से संचालित होगा। सिवनी को सागर पीडी में मर्ज किया गया है। यह व्यवहारिक न होने के कारण अब विभागीय अधिकारी से छिंदवाड़ा पीडी के अधीन करने के लिए प्रस्ताव बुलवाने की तैयारी में लग गए हैं। छिंदवाड़ा पीडी के पद पर श्री आर्या पदस्थ हैं। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले दिनों में सिवनी का काम छिंदवाड़ा स्थित परियोजना निदेशक के हस्ते संचालित होगा।

सूत्रों ने कहा कि सिवनी के काम के लिए कोई योग्य ठेकेदार (कोई भी काम करने का इच्छुक नहीं है) नहीं मिल पाने से ढाई करोड़ की निविदा दूसरी बार तीन दिन बाद खोली जाएगी। सूत्रों ने आगे बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर परियोजना निदेशक नरसिंहपुर द्वारा वन विभाग मध्य प्रदेश को नया प्रस्ताव भेजा है। इस नए प्रस्ताव में एनएचएआई ने 75 एकड़ वन भूमि के बजाए महज 35 एकड़ वन भूमि की ही मांग की है। प्रस्ताव के बाद यह वन भूमि पांच एकड़ के लगभग और बढ़ने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि चालीस एकड़ तक की अनुमति प्रदेश सरकार के हाथ में है, अतः शिवराज सिंह चौहन इसकी अनुमति दे सकते हैं।

सूत्रों ने यह भी कहा कि षणयंत्र के ताने बाने की पुष्टि इससे भी होती है कि बालाघाट जबलपुर के रेल्वे अमान परिवर्तन के लिए सिवनी जिले के वन विभाग द्वारा 20 हेक्टेयर वन भूमि बिना किसी ना नुकुर के रेल्वे को प्रदान कर दी है, पर जब मामला फोरलेन सड़क का आता है तो वन विभाग अपना फच्चर फंसाने में नहीं चूकता है। एनएचएआई के सूत्रों का कहना है कि एनएचएआई के पीडी नरसिंहपुर कार्यालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में नया प्रस्ताव बनाकर कभी का मुख्य वन संरक्षक सिवनी को प्रेषित किया जा चुका है। विडम्बना ही कही जाएगी कि सीसीएफ सिवनी इस मामले में कुंडली मारे ही बैठे हैं।

एनएचएआई के सूत्रों ने आगे कहा कि सिवनी से नागपुर की दिशा में वन भूमि के अडंगे के चलते अगर कम जमीन भी वन विभाग द्वारा प्रदाय की जाती है तो एनएचएआई मोहगांव से लेकर खवासा तक के 28 किलोमीटर के भाग पर टू लेन का नया प्रस्ताव तैयार करने में भी देर नहीं लगाएगी। सूत्रों ने कहा कि सिवनी जिले की जनता के साथ हुए अन्याय से केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सी.पी.जीशी भली भांति आवगत और आहत हैं। केंद्रीय मंत्री जोशी की व्यक्तिगत रूचि के चलते विभागीय अधिकारी अब सिवनी से नागपुर मार्ग में मध्य प्रदेश की सीमा तक हर एंगल से अपने आप को तैयार रखे हुए हैं। सिवनी से जबलपुर मार्ग पर बंजारी वाला मामला भी मंत्री सी.पी.जोशी की विशेष रूचि के चलते निपटने की उम्मीद जताई जा रही है।

एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा कि विवादित आठ दशमलव सात किलोमीटर को छोड़कर शेष भाग में काम कल से आरंभ किया जा सकता है, किन्तु इस सबके बीच तत्कालीन जिला कलेक्टर पिरकीपण्डला नरहरि का 18 दिसंबर 2008 को पेड़ों की कटाई न करने का आदेश रोढ़ा बना हुआ है। सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह अगर एक बार इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही साथ जिला कलेक्टर सिवनी को इस आदेश को निरस्त करने के लिए प्रभावशाली तरीके से सिवनी के निवासियों का पक्ष रखें तो इस आदेश को निरस्त कराया जा सकता है। इस आदेश के निरस्त होते ही 8.7 किलोमीटर को छोड़कर शेष भाग में सिवनी खवासा मार्ग पर ठेकेदार मेसर्स सद्भाव इंजीनियरिंग को तत्काल ही काम आरंभ करवाने के लिए कहा जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा के विधायक भी इस काम को कर सकते हैं, किन्तु भाजपा विधायकों से उम्मीद बेमानी ही मानी जा सकती है। बताया जाता है कि इसके लिए सद्भाव कंपनी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक करीबी ठेकेदार को इसका काम पेटी पर दिया जा चुका है, जिसका बेस केम्प भी नागपुर मार्ग पर स्थित है।

उक्त अधिकारी ने बताया कि बजट के आसपास इस मार्ग की सारी बाधाएं अपने ही आप हट जाएंगीं। मध्य प्रदेश के एक संसद सदस्य (महाकौशल अंचल के नहीं) के विशेष अनुरोध पर भूतल परिवहन मंत्री सी.पी.जोशी इस मामले में जल्द ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा कर सीसीएफ सिवनी से प्रस्ताव बुलवाकर इसकी अनुमति दिलाने का आग्रह करने वाले हैं। जैसे ही इस वन भूमि की अनुमति मिलेगी वैसे ही ठेकेदार को मोहगांव से खवासा तक के मार्ग के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि संभवतः दो या तीन अप्रेल को केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सी.पी.जोशी स्वयं शहरी विकास मंत्री कमल नाथ के साथ सिवनी आकर इस मार्ग के निर्माण का भूमिपूजन कर सकते हैं। सूत्रों ने यह बात साफ कर दी है कि इस पूरे मामले में सिवनी के किसी भी जनप्रतिनिधि की कोई भूमिका नहीं है।

सूत्रों की मानें तो अप्रेल में इसका काम आरंभ करवाने की घोषणा के बाद इसका काम एक बार फिर मंथर गति से ही चलाया जाएगा। अगले साल बारिश के मौसम की समाप्ति पर दीपावली के आसपास इसे पुनः तेज गति से करवाया जाएगा। वर्ष 2013 में होने वाले विधानसभा चुनावों में इसका लाभ लेने के चलते कांग्रेस और भाजपा दोनों ही के द्वारा प्रदेश और नेशनल लेबल पर यह प्रयास किया जा सकता है कि इसका काम चुनावों के एन पहले 2013 की दीपावली तक पूरा हो ताकि लोगों को इसके दर्द के एहसास के साथ ही साथ उस वक्त की चिकनी सड़क का आनंद ताजा रहे।

नए साल में कोहरा नहीं छोड़ेगा पीछा


नए साल में कोहरा नहीं छोड़ेगा पीछा



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। घने कोहरे के कारण दिल्ली वासियों को अभी राहत मिलने की उम्मीद न के बराबर ही है। नए साल में भी कोहरे का कहर यातायात की रफ्तार थामे रहेगा। कोहरे के चलते विमान, रेल और सड़क परिवहन में बाधा पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली पहुंचने वाले विमान रेल और सड़कों पर चलने वाले वाहनों को परेशानी का सामना अभी और करना पड़ेगा।
दिल्ली में नव वर्ष की शुरुआत से एक दिन पहले शनिवार की सुबह कोहरे से भरी रही। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिन साफ रहने और शाम को बादल छाने का अनुमान व्यक्त किया है। हवाईअड्डा अधिकारियों के मुताबिक कोहरे के कारण शुक्रवार को कम से कम 22 उड़ानें रद्द की गईं जबकि 305 उड़ानों में देरी हुई।
सुबह तड़के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डे पर दृश्यता 50 मीटर दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में सुबह 8.30 बजे दृश्यता 250 मीटर दर्ज की गई। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया, ‘दिन साफ रहेगा और शाम के समय हल्के बादल छाएंगे।न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया।

समुद्री तूफान में 33 काल कलवित


समुद्री तूफान में 33 काल कलवित

(धीरेंद्र श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। तमिलनाडु और पुद्दुचेरी में भीषण समुद्री तूफान थाने से ३३ लोगों की मौत हो गई है। कल तमिलानाडु और पुद्दुचेरी के तटीय इलाकों में आये इस तूफान से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कड्डलूर जिले में इस तूफान का सबसे अधिक असर पड़ा जहां २१ लोगों की मौत हो गई।
पुद्दुचेरी में सात लोग मारे गए और चेन्नई में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। वर्षा से जुड़ी घटनाओं में विल्लुपुरम और तिरूवल्लूर में दो-दो व्यक्ति मारे गए हैं। तेज बारिश और तूफानी हवाओं से सैंकड़ों पेड़ उखड़ गए और बिजली के खम्भे गिर गए, जिससे तमिलनाडु और पुद्दुचेरी के कई इलाकों में बिजली की गुल रही । तमिलनाडु की मुख्यंमत्री जे. जयललिता ने राज्य में तत्काल राहत कार्य के लिए एक अरब पचास करोड़ रुपये जारी किए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पेड़ों के गिरने के कारण सड़क मार्ग अवरूद्ध हो जाने से पुद्दुचेरी का तमिलनाडु के पड़ोसी जिलों से सम्पर्क टूट गया। तूफान से रेल और हवाई यातायात भी बाधित हुआ है। खराब मौसम के कारण चेन्नई से पश्चिम एशिया और मलेशिया सहित अन्य स्थानों को जाने वाली कई अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने रद्द कर दी गई। दक्षिण रेलवे ने आंशिक रूप से कुछ गाड़िया रद्द कर दी और चेन्नई तथा दक्षिणी जिलों के बीच अधिकतर  रेलगाड़ियो के समय में परिवर्तन किया गया है।

सिंह की शिकायत खारिज


सिंह की शिकायत खारिज

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। रक्षा मंत्रालय ने सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह की उस कानूनी शिकायत को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि उनकी जन्म तिथि दस मई १९५१ मानी जाए। रक्षा मंत्रालय ने जनरल वी के सिंह को बता दिया है कि उन्ह्रें अगले साल ३१ मई को ही सेवानिवृत्त होना होगा।
सरकार ने २१ जुलाई को जारी एक आदेश में कहा था कि वह जनरल सिंह की जन्मतिथि १० मई १९५० मानेगी जिसके कारण उनके कार्यकाल में दस महीने की कमी होनी थी। इसके बाद जनरल सिंह ने रक्षा मंत्री ए के एंटनी के पास कानूनी शिकायत दायर की थी। सूत्रों ने बताया कि जनरल सिंह की जन्मतिथि पर मंत्रालय के फैसले की जानकारी उन्हें कल दे दी गई।

अधिक सक्षम हुई भारतीय नौ सेना


अधिक सक्षम हुई भारतीय नौ सेना

(स्वाति तिवारी)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय नौसेना में पहली बार परमाणु हमला करने में सक्षम पनडुब्बी शामिल की गई हैं। इससे नौ सेना की मारक क्षमता में वृद्धि हुई है। रूस ने दस साल की लीज पर यह पनडुब्बी नेरपा भारत को सौंपी है। इसकी कीमत नौ अरब बीस करोड़ अमरीकी डॉलर है। इस बारे में प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह की इस महीने हुई रूस यात्रा के दौरान समझौता हुआ था।
यह पनडुब्बी कई महीनों तक पानी में रह सकती है। इसका नाम आई एन एस चक्र होगा। भारतीय नौ सेना का एक दल जनवरी के अंत तक आकुला-द्वितीय श्रेणी की इस पनडुब्बी को स्वदेश लाएगा। नेरपा के नौ सेना बेड़े में शामिल होने से भारत विश्व में परमाणु पनडुब्बी के संचालन वाला छठा देश हो जाएगा।

डीएमआरसी को अलविदा कहेंगे मेट्रो मेन


डीएमआरसी को अलविदा कहेंगे मेट्रो मेन

(मिराज अहमद)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली मैट्रो रेल कारपोरेशन-डीएमआरसी के प्रमुख ई श्रीधरन आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वे डीएमआरसी के नए प्रमुख मंगू सिंह को कार्यभार सौंपेंगे। ७९ वर्षीय श्रीधरन १९९५ में डीएमआरसी में आए थे। अपने १६ साल के सफल कार्यकाल में उन्होंने राजधानी को बहुत कम समय में आधुनिक परिवहन प्रणाली दी।

क्या अब महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष से त्यागपत्र मांगेंगे प्रभात झा?: इमरान


क्या अब महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष से त्यागपत्र मांगेंगे प्रभात झा?: इमरान



(वेद बघेल)

सिवनी (साई)। दोगुनी से ज्यादा कीमतों पर टेंकर खरीदकर उन्हें बंटवाने वाली मध्य प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा मिशन उच्चतर माध्यममिक शाला में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में जो कुछ भी किया वह भाजपा की नीति रीति को उजागर करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है। इसके छाया चित्र और वीडियो फुटेज देखकर क्या नैतिकता के आधार पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा अब श्रीमति नीता पटैरिया से मध्य प्रदेश महिला मोर्चा और विधायक पद से त्यागपत्र ले पाएंगे?
उक्ताशय की बात नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इमरान पटेल द्वारा यहां जारी एक पत्र विज्ञप्ति में कही गई है। इमरान पटेल ने आगे कहा कि बमुश्किल पचास हजार रूपए की लागत वाले टेंकर को श्रीमति नीता पटेरिया ने सवा लाख रूपए में खरीदे हैं इसमें जमकर कमीशन बाजी हुई है। उन्होंने कहा कि श्रीमति पटेरिया के संसदीय कार्यकाल में उन्हें मेडम परसेंटेजकी अघोषित उपाधि भी मिल चुकी है।
इमरान पटेल ने कहा कि रविवार को मिशन शाल में हुए प्रोग्राम के आडियो वीडियो फुटेज और छायाचित्रांें में साफ हो गया है कि प्रभारी मंत्री नाना भाउ माहोड़ ने भी इस कमीशन बाजी के टेंकर से अपने आप को दूर ही रखा। श्री माहोड़ ने न तो अपने भाषण में ही टेंकर का उल्लेख किया और ना ही उन्होंने टेंकर्स को भी बांटा।
हद तो तब हो गई जब पूजन पाठ के उपरांत नाना माहोड द्वारा थाली में डाले एक दो सौ रूपए पंडित के बजाए श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा सरेआम उठाकर जेब में रख लिए गए वह भी चोरों के मानिंद। श्री पटेल ने आरोप लगाया कि अगर श्रीमति नीता पटैरिया के बतौर सांसद के कार्यकाल की जांच करवा ली जाए तो प्रतिदिन उन्होंने सैकड़ों किलोमीटर का जनसंपर्क करने के एवज में वाहन का भत्ता प्राप्त किया है।
इतना ही नहीं श्रीमति पटेरिया ने बतौर सांसद और विधायक अब तक सिवनी जिले में अनगिनत रामायण मण्डल और क्रिकेट क्लब को सामग्री खरीदने के लिए जो पैसा दिया है, उसकी जांच करा ली जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो सकता है। इतना सब होने के बाद भी जिला और नगर भाजपा का मौन साफ दर्शाता है कि जिला भाजपाध्यक्ष सुजीत जैन और नगर भाजपाध्यक्ष प्रेम तिवारी दोनों ही मिलकर मध्य प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष के द्वारा निकाली जाने वाली भ्रष्टाचार की थाप पर मुजरा कर रहे हैं।
इमरान पटेल ने कहा है कि मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष द्वारा बार बार यह कहा जा रहा है कि भाजपा ईमानदारी और सुशासन की पोषक है। उन्होंने भाजपाध्यक्ष से प्रश्न पूछते हुए कहा है कि क्या भाजपा इस तरह का सशासन और ईमानदारी लाना चाह रही है? क्या भाजपाध्यक्ष नैतिकता के आधार पर श्रीमति नीता पटेरिया से त्यागपत्र मांगने का साहस जुटा पाएंगे।

पेंच नेशनल पार्क में बाघों की संख्या के आंकड़े झूठे हैं


पेंच नेशनल पार्क में बाघों की संख्या के आंकड़े झूठे हैं

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। देश के दो राष्ट्रीय उद्यान सारिस्का और पन्ना के बाद पेंच नेशनल पार्क के बाघ भी धीरे-धीरे समाप्ति की कगार पर हैं। पेंच पार्क प्रशासन भले ही पेंच लैण्ड स्केप में औसतन 53 से 78 बाघों की उपस्थिति का दावा कर रहा हो परंतु सच्चाई यह है कि संपूर्ण पेंच लैण्ड स्केप क्षेत्र में बमुश्किल 15 से ज्यादा बाघ नहीं बचे हैं। आज भी पेंच पार्क के बाघों का शिकार योजनाबद्ध ढंग से किया जा रहा है। यह दावा जनमंच के सदस्य संजय तिवारी ने अपनी विज्ञप्ति के माध्यम से किया है। पन्ना स्थित राष्ट्रीय उद्यान के मामले में भी बाघों के समाप्त होने की चेतावनी लगातार दी जाती रही लेकिन वन विभाग के अधिकारी उस समय तक आंखे मूंदे रहे हैं जब तक पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में एक भी बाघ नहीं बचा। कमोबेश यही स्थिति पेंच नेशनल पार्क में आने वाले दो-तीन वर्षों में निर्मित होने वाली है।
पेंच नेशनल पार्क के अधिकारियों का पार्क के वन्यप्राणियों को लेकर प्रबंधन भले ही बहुत कमजोर रहा हो लेकिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की संख्या के फर्जी आंकड़ों के प्रस्तुतिकरण में पार्क प्रशासन का कोई जवाब नहीं है। पार्क में पदस्थ होने वाले भारतीय वन सेवा के कुछ अधिकारी बड़ी कुशलता के साथ पार्क में मौजूद बाघों की वास्तविक संख्या से कहीं ज्यादा संख्या के आंकड़ों को बैलेंस शीट की तरह व्यवस्थित रखकर केन्द्रीय और राज्य शासन के अलावा वर्ल्ड वाईल्ड लाईफ फंड (डब्ल्यू. डब्ल्यू. एफ.) जैसी संस्थाओं से सालाना करोड़ों रूपये का बजट प्राप्त कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। पेंच पार्क में पिछले लगभग तीन वर्षों से पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर ओ.पी. तिवारी के कार्यकाल में ही पेंच नेशनल पार्क को करीब 13 करोड़ से ज्यादा रूपये सिर्फ प्रोजेक्ट टाईगर योजना के अंतर्गत प्राप्त हो चुके हैं जिसमें भारी भ्रष्टाचार की आशंका है।
पेंच नेशनल पार्क प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़े बताते हैं कि 1984 में पेंच पार्क में 16 बाघ थे जो अगले दस वर्षों में याने 1994 में 39 हो गये। इसी तरह 1995 में 39 बाघ वर्ष 2005 के आते-आते बढ़कर 56 हो गये। पेंच पार्क के बाघों की यह गिनती त्रुटिपूर्ण पगमार्क पद्धति के अनुसार की गयी थी। वर्ष 2005 के बाद 2009 तक पेंच पार्क में बाघों की गिनती नहीं की गयी। 2005-06 में वन्यप्राणी संस्थान देहरादून ने पेंच लैण्ड स्केप में बाघों की संख्या का एक नया आंकड़ा 27 से 39 के बीच बताया था जो 2010 में बढ़कर 53 से 78 के बीच हो गया। जबकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण आयोग से जुड़े डॉ. राजेश गोपाल ने दिसंबर 2008 में पेंच नेशनल पार्क में 33 बाघ (27-39 रेंज) बाघ, पार्क के आसपास के जंगलों में घुमंतु बाघों की संख्या 7-12 एवं महाराष्ट्र स्थित पेंच पार्क के क्षेत्र में 19 बाघ बताये थे जबकि 2008 में पेंच नेशनल पार्क के बाघों की गितनी ही नहीं की गयी थी। पेंच पार्क प्रशासन द्वारा बताये जाने वाले उक्त आंकड़ों में सच्चाइ्र नहीं है। बाघों के पगमार्क की पहचान करके उनकी गिनती करने की दोषपूर्ण पद्धति के स्थान पर परिष्कृत कैमरा ट्रेपिंग पद्धति से 2010 में पेंच पार्क के बाघों की गणना की गयी थी जिसमें भी हेराफेरी की गयी है।
पेंच नेशनल पार्क के क्षेत्र को सब डिवीजन, रेंज, सर्किल, बीट और वन कक्षों में विभाजित किया गया है और विभाजन की प्रति यूनिट में उपस्थित बाघों की संख्या जानकर पेंच पार्क के बाघों की कुल संख्या बतायी जाती है। जबकि पार्क प्रशासन को पार्क के प्रत्येक रेन्ज, सर्किल और बीट में मौजूद बाघों की अलग-अलग संख्या की जानकारी देना चाहिये लेकिन पार्क में पदस्थ अधिकारी ऐसा नहीं करते हैं। इसका कारण है बाघों का कई किलोमीटर तक गश्ती करना। अपनी गश्त के दौरान बाघ पार्क के अंदर कई बीटों को पार करके दूसरे सर्किल या क्षेत्र तक आना-जाना करते हैं। इस दौरान बाघों की गिनती के लिये एक अलग-अलग बीटों में लगाये गये कैमरों में एक ही बाघ की तस्वीर विभिन्न कोणों से कैद हो जाती है जिसके कारण एक ही बाघ को चार बार भी गिन लिया जाता है।
असल में बाघों की गिनती पूर्ण रूप से एक तकनीकि मामला है जिसका फायदा उठाकर बाघों की संख्या का आंकड़ा अपनी सुविधा और फंड प्राप्त करने के लिये प्रस्तुत किया जाता है। यदि सी.बी.आई. किसी निष्पक्ष व ईमानदार सेवानिवृत्त वन अधिकारी या किसी गैर सरकारी संगठन से पेंच नेशनल पार्क के बाघों की गिनती करवाये तो स्पष्ट हो जायेगा कि पेंच नेशनल पार्क में बमुश्किल 12-15 बाघ ही बचे हैं।

मायावती का सफाई अभियान तेज


मायावती का सफाई अभियान तेज

(प्रदीप शुक्ला)

लखनऊ (साई)। मुख्यमंत्री मायावती ने दागी और खराब छवि वाले लोगों को मंत्रिमण्डल से बाहर निकालने का अभियान तेज कर दिया है। कल उन्होंने चार मंत्रियों, वन मंत्री फतेह बहादुर सिंह, प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री सदल प्रसाद, अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज राज्य मंत्री अनीस अहमद खाँ उर्फ फूल बाबू और वक्फ राज्य मंत्री शहजिल इस्लाँ उर्फ फूल बाबू और वक्फ राज्य मंत्री शहजिल इस्लाम अंसाम अंसारी को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त कर दिया।
मुख्यमंत्री की सलाह से बर्खास्त मंत्रियों के विभाग जयवीर सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को सौंप दिये हैं। वन एवं जन्तु उद्यान तथा प्राविधिक शिक्षा विभाग जयवीर सिंह को दिया गया है ज भाग जयवीर सिंह को दिया गया है जबकि अल्पसंख्यक कल्याण बकि अल्पसंख्यक कल्याण और हज विभाग का अतिरिक्त कार्य और हज विभाग का अतिरिक्त कार्यभार नसीमुद्दीन  भार नसीमुद्दीन सिद्दीकी संभालेंगे। उधर प्रदेश सरकार में आयुर्वेद चिकित्सा राज्य मंत्री दद्दन मिश्र ने कल इस्तीफा दे दिया।
बहुजन समाज पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमण्डल से इन कि मंत्रिमण्डल से इन लोगों को मुख्यमंत्री ने इसलिए निकाला है ताकि वे अपने पद का दुरूपयोग न कर सकें। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मंत्रियों की बर्खास्तगी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसकी जांच कराये जाने की मांग की।

सबसे धनी मंदिर में चढ़ावे का रिकार्ड


सबसे धनी मंदिर में चढ़ावे का रिकार्ड 

(प्रीति श्रीवास्तव)

चेन्नई (साई)। तिरूमला की पर्वत श्रंखलाओं में विराजे भगवान व्यंकटेश का मंदिर धन के लिए सदा ही चर्चाओं में रहा है। भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर पर वर्ष 2011 में 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा का चढ़ावा आया। इस दौरान वीआईपी समेत कुल 2.2 करोड़ श्रद्धालु तिरुपति के दर्शन के लिए आए।
करीब 2,000 साल पुराने मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारियों ने कहा कि मंदिर की हुंडी में 1100 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा और राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा धन, सोना समेत अन्य निवेशों पर आय और दर्शन आदि के लिए टिकटों की बिक्री से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय हुई। इसके अलावा दर्शनार्थियों ने कई करोड़ रुपये के हीरे, सोने और चांदी के जेवरात का भी चढ़ावा आया।
राष्ट्राध्यक्षों ने किए देव दर्शन
इस साल जो अतिविशिष्ट व्यक्ति दर्शन के लिए मंदिर गए उनमें भारत, श्रीलंका और नेपाल के राष्ट्रपति भी शामिल हैं। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सात जुलाई को अपनी शादी की वर्षगांठ पर अपने पति देवीसिंह रामसिंह शेखावत और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मंदिर दर्शन के लिए गईं। पूजा के बाद उन्होंने मंदिर न्याय द्वारा तिरुमला पहाड़ियों पर 33 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए मुफ्त भोजन परिसर का उद्घाटन किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल मैच से एक दिन पहले 2 अप्रैल को भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन किए। इधर नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव 30 जनवरी को भगवान के दर्शन के लिए मंदिर आए थे।
देश के अतिविशिष्ट व्यक्तियों ने भी तिरूपति की ओर रूख किया है। बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, गवर्नरों में बी. एल जोशी (उत्तर प्रदेश), शिवराज पाटिल (पंजाब), एम. के नारायणन (वेस्ट बंगाल) आदि ने बालाजी के दर्शन के लिए पहुंचे। इनके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे। किंगफिशर के मालिक विजय माल्या, फिल्म स्टार रजनीकांत समेत कई वीवीआईपी ने भगवान बालाजी के दर्शन किए।

नडाल रहेंगे कोर्ट से दूर


नडाल रहेंगे कोर्ट से दूर



मेलबोर्न (साई)। विश्व प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल अब कुछ दिनों तक टेनिस कोर्ट से अपने आप को दूर रखेंगे। विश्व के दूसरे नंबर के खिलाडी और दस ग्रैंड स्लेम खिताबों के विजेता स्पेन के राफेल नडाल ने उनके कंधे की चोट के दोबारा उभरने से आस्ट्रेलियन ओपन के बाद एक महीने का ब्रेक लेने का फैसला किया है। नडाल को शुक्रवार को प्रदर्शनी टूर्नामेंट विश्व चौंपियनशिप के सेमीफाइनल में हमवतन डेविड फेरर के हाथों यहां 3-6, 2-6 से शिकस्त का सामना करना पडा।
उन्होंने कहा कि वह गत नवंबर में लंदन में हुए एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स से ही कंधे पर चोट की समस्या से जूझ रहे हैं। विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाडी नडाल ने कहा कि उन्होंने तीन दिन पहले ही विश्व चौंपियनशिप में अपने खिताब के बचाव के लिए उतरने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड फाइनल्स से पहले से ही मेरे कंधे में समस्या थी और यह एक बार फिर उभर गयी है।
उन्होने कहा कि दिसंबर मैं इसके कारण कोई अभ्यास नहीं कर सका। नडाल अगले सप्ताह दोहा में कतर ओपन में उतरेंगे। इसके बाद वह 16 से 29 जनवरी तक मेलबोर्न में होने वाले वर्ष के पहले ग्रैंड स्लेम आस्ट्रेलियन ओपन में हिस्सा लेंगे और फिर एक महीने का ब्रेक लेंगे ताकि वह कंधे की चोट से निजात पा सकें।

अब आया बर्ड फ्लू का खतरनाक वायरस


अब आया बर्ड फ्लू का खतरनाक वायरस



(अंकिता)

वाशिंगटन (साई)। बर्ड फ्लू के मामले में दुनिया के चौधरी अमेरिका की पेशानी पर भी अब पसीने की बूंदे छलकने लगीं हैं। अमेरिका में बर्ड फ्लू के मामले में हुए शोध के बाद अमेरिका हरकत में आ गया है। अमेरिका को डर है कि अगर कहीं यह शोध आतंकियों के हाथ लग गया तो वे दुनिया भर में कहर बरपा सकते हैं।
अमेरिकी सरकार के बाद अब विश्व स्वास्घ्थ्य संगठन ने भी बर्ड फ्लू के विवादास्पद शोध पर गहरी चिंता जताई है। डब्घ्ल्यूएचओ के मुताबिक इस तरह के शोध बेहद खतरनाक हैं। इन पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। अमेरिका को डर है कि शोधपत्र की जानकारियों का इस्तेमाल आतंकवादी कर सकते हैं।
शोधपत्र में बर्ड फ्लू के एक नए प्रकार पर शोध किया गया है, जिसका वायरस जानवरों के बीच पहले के मुकाबले काफी तेजी से फैलता है और इसी तरह यह इंसानों में भी फैल सकता है। अमेरिका ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया था कि वो शोध के कुछ हिस्सों को हटा लें, ताकि संवेदनशील जानकारियों का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में न होने पाए। सरकार को सलाह देने वाले एक पैनल नेशनल साइंस एडवाइजरी बोर्ड फॉर बायोसिक्योरिटी के मुताबिक कुछ कट्टरपंथी संगठन इन जानकारियों का प्रयोग गलत तरीके से कर सकते हैं।
बर्ड फ्लू पर यह शोध अमेरिका और नीदरलैंड में किए जा रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शोध में उस मॉडल के बारे में बताया गया है जो यह बताता है कि संक्रमण होने पर लोगों के शरीर में फ्लू वायरस क्या कर सकता है। बर्ड फ्लू का वायरस ए(एच5एन1) के मनुष्य में संक्रमण की संभावना काफी कम रहती है, लेकिन जब यह संक्रमण होता है तो मृत्युदर बढ़ जाती है।
जानलेवा बर्ड फ्लू का दायरा सीमित रहा है, क्योंकि यह जल्दी लोगों पर असर नहीं करता है। हालांकि इस नए शोध के बाद पता चला है कि बर्ड फ्लू का एक वायरस बड़ी तेजी से एक जानवर से दूसरे जानवर के शरीर में जा सकता है। नेशनल साइंस एडवाइजरी बोर्ड फॉर बायोसिक्योरिटी ने एक वक्तव्य में कहा है कि बर्ड फ्लू वायरस में बदलाव का मतलब है कि इस बीमारी से इंसानों के लिए खतरा बढ़ जाना।
अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एंथनी फौसी का कहना है कि सही परिचय के लोगों को बर्ड फ्लू का पूरा शोध देख पाने के लिए प्रणाली बनाई जा रही है। उनका कहना है कि प्रणाली इस शोध के पत्रिका में जनवरी में छपने से पहले तैयार हो जाएगी, लेकिन कुछ अहम जानकारियों को सिर्फ उन्हीं लोगों तक सीमित करना जरूरी है जो सीधे स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जुड़े हैं।