मंगलवार, 8 अप्रैल 2014

शिक्षा की दुकानों पर अंकुश

शिक्षा की दुकानों पर अंकुश

(शरद खरे)

पालकों के लिए यह राहत भरी खबर कही जा सकती है कि म.प्र.पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध संचालक सतीश मिश्रा द्वारा एक आदेश जारी कर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध विद्यालयों एवं मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा मण्डल के साथ संबद्ध या मान्यता प्राप्त विद्यालयों के परिसरों में किताब, कॉपियां, स्टेशनरी, गणवेश एवं अन्य सामग्रियों के विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अभी तक शिक्षा की दुकानें शैक्षणिक सत्र आरंभ होते ही सज जाया करती थीं।
निजि तौर पर संचालित होने वाली शालाओं द्वारा अपनी विशेष दुकानोंके माध्यम से (जो शालेय परिसर में नहीं हुआ करती हैं) विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री और गणवेश आदि लेने पर बाध्य किया जाता रहा है। आज भी सिवनी जिले में अनेक प्रतिष्ठान साल के चंद दिनों के लिए ही खुलते हैं, और विद्यार्थियों को मंहगी दरों पर इन सामग्रियों को बेचने के बाद बंद कर दिए जाते हैं। वस्तुतः ये संस्थान महज दो तीन माह में ही साल भर का मुनाफा कमा लेते हैं। अंततोगत्वा गाज तो पालकों के सिर पर ही गिरती है।
इसके साथ ही साथ शालाओं में प्रवेश के समय विद्यालयों द्वारा हर साल दस से बीस हजार रूपए की रकम ली जा रही है। यह रकम किस मद में ली जाती है, इस बारे में विस्तार से संस्थाएं बताने की जहमत नहीं उठाती हैं। इतना ही नहीं इस राशि की कोई रसीद आदि भी नहीं दी जाती है। इसके साथ ही साथ शालाओं द्वारा कंप्यूटर, खेल, कंप्यूटर लेब, पुस्तकालय आदि की मदों में भी भारी भरकम रकम ली जाती है।
पता नहीं प्रदेश सरकार और सीबीएसई के नुमाईंदे इन शालाओं का निरीक्षण किस पॅरामीटर पर करते हैं। इन शालाओं में न तो कंप्यूटर लेब ही हैं, न ही संपन्न पुस्तकालय, और न ही खेल मैदान। अगर यह सब कुछ है तो भला बच्चों को मिलने वाले प्रोजॅक्ट असाईंमेंट्स के लिए विद्यार्थियों को इंटरनेट पार्लर पर क्यों निर्भर रहना होता है। किसी स्वतंत्र एजेंसी से अगर इसकी जांच करवा ली जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है, और तो और निरीक्षण के लिए आने वाले सरकारी नुमाईंदों की कलई भी खुल सकती है।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार कम से कम आठ दुकानों पर यह सामग्री उपलब्ध होगी एवं उसकी सूची शैक्षणिक सत्र के आरंभ होने के पहले अपर कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी। अनेक शालाओं का शैक्षणिक सत्र आरंभ हो चुका है पर यह सूची शायद ही सरकारी अधिकारियों के पास पहुंची हो। सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि एसडीएम इन दुकानों और शालाओं का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। याद नहीं पड़ता कि काम के बोझ तले दबे एसडीएम या किसी अन्य अधिकारी यहां तक कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भी कभी शालाओं का औचक निरीक्षण किया गया हो। इस आदेश को अमली जामा कब पहनाया जाएगा यह बात तो प्रशासन ही जानता होगा, किन्तु इस तरह के आदेश का समाचार पढ़कर पालकों को झूठी ही सही पर कुछ हद तक तसल्ली तो हुई ही होगी।

धान के बाद गेहूं में हो रहा घालमेल

धान के बाद गेहूं में हो रहा घालमेल
ई-उपार्जन वाले गेहूं के परिवहन में गोलमाल!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। ई-उपार्जन के माध्यम से खरीदी गई धान में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं होने के बाद भी किसी भी अधिकारी का बाल भी बांका नहीं हो सका। इस दौरान भी परिवहन कर्ता ठेकेदार ने जमकर नियम कायदों का माखौल उड़ाया। अब गेहंू खरीद में भी परिवहन कर्ता ठेकेदार द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों को कचरे की टोकरी में डालकर मनमानी करलाखों के वारे न्यारे करने की जुगत लगाई जा रही है।
गौरतलब है कि धान के संग्रहणपरिवहन और रखरखाव में जमकर अनियमितताएं प्रकाश में आई थीं। उस वक्त समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया गया थाकिन्तु कहा जा रहा है कि धान से जुड़े लोगों का रैकॅट इतना मजबूत और ताकतवर है कि इस संबंध में संबंधितों द्वारा चाहकर भी कोई कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जा सका है। कहा जा रहा है कि इनकी जड़ें जाकर सियासी कीचड़ में इस कदर मजबूत तरीके से बंधी हुई हैं कि इन पर कार्यवाही करना आसान नहीं है।
81 केंद्रों में होना है खरीद
ई-उपार्जन के माध्यम से गेहूं की खरीद के लिए शासन स्तर पर 81 केंद्र चिन्हित किए गए हैं। गेहंू खरीद आरंभ हुए एक सप्ताह का समय बीत चुका है और आज तक महज 61 केंद्रों से ही गेहूं की खरीद आरंभ हो पाई है। आज तक 1729 किसानों से 150004 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है।
यह है परिवहन का खेल
आज तक खरीदे गए कुल गेहूं में से महज 29.87 प्रतिशत गेहूं का ही परिवहन हो पाया है। इस परिवहन में भी जमकर खेल खेला जा रहा है। जिला विपणन अधिकारीम.प्र.सिविल स्टेट सप्लाईज कॉर्पोरेशन एवं म.प्र.वेअर हाउस लॉजि.कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के हस्ताक्षरों से जारी परिपत्र में कुल 23 गोदामों में भण्डारण क्षमता के साथ सूची जारी की गई है। इतना ही नहींइन अधिकारियों द्वारा रबी विपणन वर्ष 2014-2015 में गेहूं भण्डारण हेतु उपलब्ध गोदामरिक्त स्थान एवं संलग्न समितियों की जानकारी भी दी गई है।
इस जानकारी में गोदाम का नाम पतागोदाम का क्रमांकभण्डारण क्षमता के साथ ही साथ गोदाम से संलग्न समिति और खरीदी केंद्र के बारे में तफ्सील से बताया गया है कि किस खरीदी केंद्र को किस समिति से संबद्ध किया गया है और किस समिति का खरीदा गया गेहूं कहां निकटतम गोदाम में रखा जाएगा।
जाना था जापान पहुंच गए चीन . . .
पुरानी फिल्म के गाने जाना था जापान पहुंच गए चीन. . .‘ की तर्ज पर गेहूं परिवहन के लिए पाबंद ठेकेदार द्वारा सरकारी दिशा निर्देशों को ठेंगे पर रखा जा रहा है। विपणन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि परिवहन कर्ता ठेकेदार द्वारा नियम कायदों को धता बताते हुए मनमानी लीड‘ तय कर गेहूं का परिवहन किया जा रहा है। उदाहरण के लिए नागनदेवरी का गेहूं धूमा जाना था पर वह सिवनी आ रहा है। इस तरह की अनेक विसंगतियां देखने को मिल रही हैं।

शराब ठेकेदारों का सिंडीकेट बना!

शराब ठेकेदारों का सिंडीकेट बना!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। सिवनी जिले में शराब ठेकेदारों के एक सिंडीकेट के निर्माण की खबरें फिजां में तैरने लगी हैं। इस सिंडीकेट के अस्तित्व में आ जाने के बाद अब शराब व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा लगभग समाप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी के प्रयासों से इस कार्य को अंजाम दिया जा सका है।
आबकारी अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अब तक अलग-अलग ठेकेदारों द्वारा प्रतिस्पर्धा के चलते देशी-विदेशी मदिरा की दरों में ऊंच-नीच देखी जाती थी। अब सिंडीकेट के बनने के बाद देशी विदेशी मदिरा की खुदरा बिक्री की दरें सब जगह एक सी हो सकती हैं।
सूत्रों ने आगे बताया कि शराब के ठेकेदारों के इस कदम से आबकारी महकमा राहत की सांसंे इसलिए ले सकता है क्योंकि अब ठेकेदारों द्वारा अन्य ठेकेदार की अवैध शराब बिकने की शिकायतें भी कम ही होंगी। एक ठेकेदार के क्षेत्र में दूसरे ठेकेदार के द्वारा शराब बेचने की शिकायतों को इनके द्वारा आपस में ही सुलझा लिया जाएगा।

वहीं, सूत्रों ने आगे बताया कि इस कार्य को अंजाम देने में डीईओ कार्यालय के एक अधिकारी की महती भूमिका है। बताया जा रहा है कि वे इसके लिए लगभग एक साल से प्रयासरत थे। वहीं, ठेकेदारों के बीच यह चर्चा भी चल पड़ी है कि पता नहीं कब तक उक्त अधिकारी की पदस्थापना सिवनी में रहती है, और यह सिंडीकेट कब तक चल पाता है। इस सिंडीकेट का कार्यालय भी शहर के पॉश इलाके बारापत्थर में स्थापित किए जाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। यहां हाल ही में बोरिंग भी करवाई जा चुकी है।

बूंद बूंद पानी को तरसे विवेकानंद वार्ड के निवासी

बूंद बूंद पानी को तरसे विवेकानंद वार्ड के निवासी

अध्यक्ष के वार्ड का बचा खुचा पानी पाते हैं वार्ड वासी!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। भगवान भास्कर की तपन दिनों दिन बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर शहर के विवेकानंद वार्ड के निवासी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। नगर पालिका परिषद से बार-बार शिकायत करने के बाद भी इस ओर किसी तरह का ध्यान न दिया जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।
नगर पालिका के भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि फिल्टर प्लांट वाली पानी की टंकी से इस वार्ड में पानी का प्रदाय किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि दरअसल इस पानी की टंकी से, पहले नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के वार्ड में पानी प्रदाय किया जाता है। इसके उपरांत ही बचे खुचे पानी से विवेकानंद वार्ड सहित एक अन्य वार्ड की सप्लाई की जाती है।
सूत्रों ने बताया कि जब राजेश त्रिवेदी पालिका अध्यक्ष नहीं थे उस समय भी उनके दबाव में यही परंपरा चली आ रही थी। बाद में शिकायतें होने पर तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी मकबूल खान द्वारा यह आदेश दिया गया था कि एक दिन विवेकानंद वार्ड को पहले पानी दिया जाए और दूसरे दिन राजेश त्रिवेदी के निवास स्थान वाले वार्ड को।
सूत्रों की मानें तो जबसे राजेश त्रिवेदी ने नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है उसके बाद से विवेकानंद वार्ड में पानी की सप्लाई एकदम कम ही कर दी गई है। वार्ड के निवासी साल भर में गर्मी को छोड़कर तो जैसे-तैसे निर्वहन कर लेते हैं पर गर्मी के मौसम में वार्ड के निवासियों को पानी की दिक्कत से उपजी भयावहता का सामना करना पड़ता है।

एक नागरिक ने बताया कि जब उनके द्वारा इसकी शिकायत नगर पालिका अध्यक्ष से की गई तो पालिका अध्यक्ष द्वारा सप्लाई के समय पानी की मोटर लगने का रोना रोया गया। जब उक्त शिकायतकर्ता द्वारा उनसे कहा गया कि मोटर न लगे यह किसकी जवाबदेही है? इस पर वे मौन हो गए। बाद में उनके साथ पालिका के कारिंदों द्वारा उक्त शिकायतकर्ता को ही मोटर लगाकर पानी भरने का मशविरा दे दिया गया।

चुनाव सिर पर घोषणा पत्र का पता नहीं!

चुनाव सिर पर घोषणा पत्र का पता नहीं!
(अखिलेश दुबे)
नई दिल्ली (साई)। लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और कांग्रेस भाजपा सहित सभी प्रत्याशियों के राष्ट्रीयप्रादेशिक या स्थानीय घोषणा पत्रों का अता पता नहीं है। कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी हो चुका है और भाजपा ने आज घोषणा पत्र जारी किया है। अब सवाल यह है कि दो दिन में यह घोषणा पत्र बालाघाट और मण्डला लोकसभा क्षेत्र में किस तरह पहुंच पाएगा?
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में घोषणा पत्र की अपनी अलग अहमियत होती है। घोषणा पत्र से राजनैतिक दल का नजरिया स्पष्ट हो जाता है। इस बार प्रमुख राजनैतिक दलों के साथ ही साथ अन्य दलों ने भी घोषणा पत्र के मामले में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
नेताओं की मांग घटी
वहींराजधानी दिल्ली की सियासी फिजां में चल रही चर्चाओं के अनुसार सभी सियासी दलों के उम्मीदवारों ने बड़े नेताओं से पर्याप्त दूरी बनाकर रखी है। कांग्रेस की ओर से बालाघाट एवं मण्डला संसदीय क्षेत्र में राहुल गांधीकमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह तो भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहानसमाजवादी पार्टी द्वारा मुलायम सिंह यादव को प्रचार हेतु बुलवाया गया था। आम आदमी पार्टी की ओर से स्टार प्रचारक का अभाव ही रहा।
सिवनी रहा उपेक्षित
वहीं सिवनी लोकसभा के विलोपन के बाद इसे उपेक्षा का संभावित दंश झेलने को मिल रहा है। सिवनी में शिवराज सिंह चौहानमुलायम सिंह यादव के अलावा अब दिग्विजय सिंह ही प्रचार हेतु आने वाले हैं। सिवनी से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो ने बताया कि सिवनी जिले में लोकसभा चुनाव की सुनबुन ही सुनाई नहीं दे रही है। सियासी दलों के प्रचार वाहनों से कई गुना ज्यादा प्रचार स्वीप प्लान का हो रहा है।

मोदी की 3डी रैली तक के लिए स्थगित


मोदी की 3डी रैली तक के लिए स्थगित

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की 3डी रैलियों को तकनीकी कारणों से स्थगित कर दिया गया है, जिनमें वह 3डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन तकनीक के जरिए एक साथ 100 से ज्यादा स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित करने वाले थे।
गुजरात के भाजपा पदाधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया, 3डी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके आयोजित की जाने वाली मोदी की चुनावी रैलियों को तकनीकी कारणों से स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रैलियां 11 अप्रैल तक के लिए स्थगित की गई हैं।

देखिए क्या अंतर है भाजपा और कांग्रेस के घोषणा पत्र में


देखिए क्या अंतर है भाजपा और कांग्रेस के घोषणा पत्र में
(सोनाली खरे)
नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के बाद बीजेपी ने भी लंबे इंतजार के बाद अपना मैनिफेस्टो जारी कर दिया है। कांग्रेस की तरह बीजेपी ने भी अपने इस घोषणापत्र में वोटरों को लुभाने के लिए कई बड़े और महत्वकांक्षी वादे किए हैं। यद्यपि पहले चरण के चुनाव में शायद ही कार्यकर्ताओं तक यह घोषणा पत्र पहुंच पाए फिर भी देखिए कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी ने क्या दिया है अपने घोषणापत्र में...
स्वास्थ्य के मामले में
कांग्रेस
देश के सभी नागरिकों को सेहत का अधिकार। इसके तहत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ सभी के हेल्थ बीमा की फसिलटी उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम किया जाएगा।
बीजेपी
हर राज्य में एम्स की स्थापना। राष्ट्रीय स्वास्थ्य गांरटी मिशन। आयुर्वेद और योग को प्रमोट करने के लिए निवेश किया जाएगा। नैशनल ई-हेल्थ अथॉरिटी बनेगी। इमर्जेंसी मेडिकल सर्विस 108 का दायरा बढ़ाया जाएगा। शहरों और कस्बों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रोग्राम लाएंगे।
घर के मामले में
कांग्रेस
देश के सभी आश्रयहीन या आवासहीन लोगों को आवास की सुविधाए मुहैया कराई जाएगी। इसमें मौजूदा इंदिरा आवास योजना और राजीव आवास योजनाओं का विस्तार किया जाएगा। बीस साल तक एक ही मकान में किराएदार रहने पर मालिकाना हक देने की भी बात कही है। 20 साल तक कब्जे वाली जमीनों पर मालिकाना हक दिया जाएगा। शहरों में झुग्गियों की जगह 2017 तक पक्के मकान।
बीजेपी
लो कॉस्ट हाउसिंग प्रोग्राम के जरिए 2022 तक हर परिवार को पक्का मकान उपलब्ध कराने का वादा किया गया है। 100 नए शहर बनाए जाएंगे
शिक्षा-रोजगार
कांग्रेस
स्वास्थ्य सेवा और रोजगार को कानूनी अधिकार के दायरे में लाना मेनिफेस्टो के मुख्य बिंदु हैं। देश के 10 करोड़ युवाओं के लिए अगले पांच सालों में स्किल डिवेलपमेंट के मौके देकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा। 2020 तक हेल्थ सेक्टर में 60 लाख नई नौकरियां। देश में मिडलहायर एजुकेशन पर जोर दिया जाएगा और इन क्षेत्रों में जीईआर को बढ़ाया जाएगा। स्टूडेंट्स के हितों को संरक्षण के लिए नैशनल स्टूडेंट कमिशन का गठन होगा।
बीजेपी
छात्रों को एजुकेशनल स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं। शिक्षा पर जीडीपी का 6 पर्सेंट खर्च करेंगे। नैशनल ई-लाइब्रेरी बनाई जाएगी। यूजीसी को हायर एजुकेशन कमिशन के रूप में पुनर्गठित किया जाएगा। छात्रों के लिए नैशनल मल्टी स्किल मिशन।
गरीबों के लिए
कांग्रेस
देश में बीपीएल से ऊपर मौजूद 80 करोड़ आबादी को अगले पांच सालों में मिडल क्लास में लाने की कोशिश। देश के कमजोर और जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए बुजुर्गोंविधवाओं और विकलांग जनों को पेंशन दी जाएगी।
बीजेपी
देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों को दूसरे जिलों के बराबर लाने की कोशिश होगी। ग्रामीण गरीबों को कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों में शिक्षा और उद्यमिता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। छुआछूत को हर स्तर पर खत्म किया जाएगा और सिर पर मैला ढोने की प्रथा खत्म की जाएगी।
आर्थिक मामलों में
कांग्रेस
कांग्रेस का लक्ष्य सरकार में आने के 100 दिन के भीतर जीडीपी को 8 फीसदी पर लाने का रहेगा।
बीजेपी
दाम स्थिर करने के लिए विशेष फंड। टैक्स सिस्टम में सुधार लाया जाएगा।
एफडीआई और जीएसटी
कांग्रेस
एफडीआई पर कोई आपत्ति नहीं। सरकार में आने के एक साल के भीतर जीएसटी बिल को पास कराएंगे। साथ ही एक साल के अंदर नई डीटीसी (प्रत्यक्ष कर संहिता) लागू कराने की योजना।
बीजेपी
जीएसटी पर राज्यों से बात करके लागू करेंगे। एफडीआई का स्वागत करेंगेलेकिन घोषणा में रीटेल में एफडीआई का जिक्र नहीं
महिलाओं के मसले पर
कांग्रेस
महिलाओं के सशक्तिकरण पर फोकस रहेगा। महिलाओं की सुरक्षासम्मान और समानता के लिए काम किया जाएगा। महिला आरक्षण बिल पास कराने के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सिटिजन चार्टर लाया जाएगा। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को सस्ती ब्याज दर पर एक लाख तक का लोन। हर पुलिस स्टेशन में 25 पर्सेंट महिला स्टाफ।
बीजेपी
संसद और विधानसभाओं में 33ः महिला आरक्षण का कानून बनाया जाएगा। बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ‘ अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा। महिलाओं के लिए समर्पित आईटीआई और मोबाइल बैंक खोले जाएंगे। हर जिले में महिला उद्यमियों के लिए एसएमई क्लस्टर खोले जाएंगे।
अल्पसंख्यकों के लिए
कांग्रेस
मॉइनॉरिटी के हितों की सुरक्षा के लिए सांप्रदायिक हिंसा बिल को प्राथिमकता के आधार पर पास कराना। अल्पसंख्यकों में स्किल डिवलेपमेंट के लिए फंड बनाया जाएगा। अल्पसंख्यकों को एजुकेशनल और सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर फोकस किया जाएगा। पिछड़े अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया जाएगा। सच्चर कमिटी की रिपोर्ट को लागू किया जाएगा।
बीजेपी
बीजेपी के घोषणापत्र में कहा गया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों की बड़ी आबादी आज भी गरीबी में जीवन गुजार रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खासकर अल्पसंख्यकों की बच्चियों को शिक्षा और नौकरी में बिना किसी भेदभाव के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। उर्दू को बढ़ावा दिया जाएगा।
भ्रष्टाचार
कांग्रेस
भ्रष्टाचार निरोधककानूनी सुधार व चुनाव प्रक्रिया से जुड़े तमाम बिलों को जल्द से जल्द पारित कराना। ब्लैक मनी वापस लाने के लिए विशेष दूत की नियुक्ति।
बीजेपी
ब्लैक मार्केटिंग रोकने केलिए स्पेशल कोर्ट। काला धन लाने के लिए टास्क फोर्स। करप्शन को रोकने के लिए ई-गवर्नेंस पर जोर।
रेलवे
कांग्रेस
10 लाख की आबादी वाले शहरों में हाई स्पीड ट्रेन। वेस्टर्न-ईस्टर्न फ्राइट कॉरिडोर पूरा किया जाएगा। जलमार्ग का विस्तार बढ़ाकर 14500 तक किया जाएगा।
बीजेपी
स्वर्णिम चतुर्भुज बुलेट ट्रेन लाई जाएगी।
कृषि
कांग्रेस
मल्टिब्रैंड रीटेल में एफडीआई ताकि किसानों को अपनी फसलों को अधिकतम मूल्य मिल सके। 1 करोड़ हेक्टेयर खेती वाले इलाके का विकास। मछलीपालन के लिए अलग मंत्रालय। किसानों के लिए कम ब्याज दर पर लोन की सुविधा।
बीजेपी
मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाएगा। किसानों के लिए कृषि रेल मार्ग बनेगा। फसल उत्पादन के लिए रियल टाइम डेटा। हर खेत को पानी के उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना शुरू की जाएगी। नदियों को आपस में जोड़ने की संभावना तलाशी जाएगी।

अब ममता ने दी चुनाव आयोग को चुनौती


अब ममता ने दी चुनाव आयोग को चुनौती

(पी.के.बनर्जी)

कोलकता (साई)। अपनी जिद के लिए जाने जाने वालीं ममता बनर्जी फिर सुर्खियों में हैं। इस बार ममता ने चुनाव आयोग को ही चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा है कि वह जब तक सत्ता में हैं किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं होगा।
दरअसल चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 5 एसपी और एक डीएम का तबादला करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा कि मैं चुनाव आयोग को चुनौती देती हूं कि जब तक मैं सत्ता में हूं, वह किसी को भी हटाकर दिखाए। ममता ने कहा कि मैं किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं करूंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग राज्य सरकार से बात किए बिना अधिकारियों के तबादले का आदेश कैसे दे सकता है

आईसीसी विश्व टी20 टीम के कप्तान बने धोनी


आईसीसी विश्व टी20 टीम के कप्तान बने धोनी

(मोदस्सिर कादरी)

नई दिल्ली (साई)। आईसीसी विश्व टी20 टीम के कप्तान बने धोनीदुबई रू महेंद्र सिंह धोनी की टीम को भले ही आईसीसी टी20 विश्व चौम्पियनशिप के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन उन्हें सोमवार को आईसीसी 2014 विश्व टीम का कप्तान बनाया गया जिसमें स्टार बल्लेबाज विराट कोहली सहित चार भारतीय शामिल हैं।
सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन भी आईसीसी द्वारा घोषित टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं। कोहली को चार अर्धशतक की मदद से टूर्नामेंट में सर्वाधिक 319 रन बनाने के लिए टूर्नामेंट का सवश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 72 जबकि फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 77 रन की पारी खेली।
भारत के अलावा टीम में दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के दो-दो खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। आस्ट्रेलिया, हालैंड और चौम्पियन श्रीलंका के भी एक-एक खिलाड़ी को इस टीम में जगह मिली है।

केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश


केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश

(एडविन अमान)

नई दिल्ली (साई)। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा नेता नितिन गडकरी की ओर से दायर मानहानि के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने केजरीवाल को 21 मई को अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
केजरीवाल को अदालत में सोमवार को पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। उनकी ओर से वकील ने बताया कि वह लोकसभा चुनाव में व्यस्त है, इसलिए अदालत में पेश नहीं हो सकते। उन्हें पेशी से छूट दी जाए। इसके बाद महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने केजरीवाल को पेशी से छूट दे दी।
पूर्व में अदालत ने केजरीवाल को समन जारी करते हुए कहा था कि गवाहों व शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर यह साफ हो रहा है कि केजरीवाल के बयान से शिकायतकर्ता की छवि खराब हुई है। ऐसे में मानहानि का मामला बनता है। गौरतलब है कि केजरीवाल द्वारा सबसे भ्रष्ट नेता बताए जाने पर गडकरी ने मानहानि का मामला दायर किया है। गडकरी का कहना है कि केजरीवाल ने झूठे आरोप लगाए है। वह किसी भ्रष्ट गतिविधि में लिप्त नहीं हैं। केजरीवाल के बयान से उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है और जनता की नजर में छवि भी गिरी है।

वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के ‘टोटके


वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के टोटके
(रश्मि कुलश्रेष्ठ)
नई दिल्ली (साई)। आम चुनाव शुरू हो चुका है और इस दौरान चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है मतदान का प्रतिशत बढ़ाना। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आयोग की तरफ से कई कमद उठाए गए हैं संचार माध्यमों पर प्रचार प्रसार हो या मतदाताओं को वोटिंग के लिए जागरुक करने की सलाह आयोग इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।
आयोग के अलावा ऐसे और कई संगठन सामने आए हैं जिन्होने मतदाताओं को वोट डालने के लिए जागरुक करने के साथ तरह तरह के डिस्काउंट और छूट देने का एलान कर दिया है ताकि लोकसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो।
आईएमए की पहल
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने उत्तर प्रदेश में आईएमए सदस्य डॉक्टरों को मरीजों के लिए मतदान करने का निशान देखने के बाद परामर्श शुल्क में पचास प्रतिशत की छूट देने को कहा है।
- देश के दूसरे राज्यों के आईएमए सदस्य मतदान के दिन के बाद भी अगले सात दिन तक परामर्श शुल्क में 25 प्रतिशत की छूट देंगे।
- यह छूट आईएमए के 3.5 लाख सदस्यों द्वारा दी जाएगी।
- मतदान करने वाला अपना मतदान परिचय पत्र व उंगली में लगे स्याही का निशान दिखाकर इसका लाभ ले सकते है।
- मतदान करने पर इलाज में यह छूट निजी नर्सिंग होमहॉस्पिटलक्लीनिक सहित अन्य ऐसी जगहों पर मिलेगीजहां आईएमए सदस्य सेवारत हैं।
निजी अस्पताल भी दे रहे हैं छूट
-राजस्थान के दौसा में निजी कृष्ण हॉस्पिटल ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने की मुहिम में शामिल होते हुए मतदाताओं को चिकित्सा परामर्शजांचसोनोग्राफीऑपरेशन व डिलिवरी में 20 प्रतिशत छूट देने का ऐलान किया है।
-यह छूट हॉस्पिटल में आने वाले रोगियों को उनकी अंगुली पर लगे स्याही के निशान को देखकर दी जाएगी।