रविवार, 9 मार्च 2014

कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र खत्म: जगदंबिका पाल


(ब्यूरो कार्यालय)
सिद्धार्थनगर (साई)। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद जगदंपिका पाल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म गया है।
पाल ने बताया कि राजनेता पहचानसम्मान और संवाद के लिए कार्य करता हैजिसकी अब कांग्रेस पार्टी में कमी आ गई है। उन्होंने बताया कि उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री न बनाए जाने का उतना मलाल नहीं हैलेकिन पार्टी के मीडिया कमेटी के पैनल से हटाए जाने से वो आहत हैं।
जगदंबिका पाल ने बताया कि पार्टी में चापलूसों और विरोधियों को बढ़ावा देने की उनकी शिकायत और पार्टी नेतृत्व द्वारा अनसुना किए जाने के बाद उन्हें पार्टी छोड़ने का फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस और लोकसभा की सदस्यता से कल ही त्यागपत्र देकर आए पाल ने कहा कि नया राजनैतिक ठौर तलाशने के लिए वह आज से डुमरियागंज संसदीय सीट के मतदाताओं के बीच आकर रायशुमारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रायशुमारी की शुरुआत बांसी विधानसभा सीट से करेंगेजबकि इसके बाद अगले दो दिनों में वो कपिलवस्तु. शोहरतगढइटावा और डुमरियागंज विधानसभा इलाकों में मतदाताओं के बीच जाएंगे।

आयोग का नजला टूट सकता है आप पर



(मोदस्सिर कादरी)
नई दिल्ली (साई)। बुधवार को भाजपा मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर चुनाव आयोग आम आदमी पार्टी (आप) की निंदा कर सकता है।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी इस घटना पर अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजने वाले हैं। भाजपा ने आयोग से आप‘ की मान्यता रद्द करने की मांग की है। दिल्ली चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मान्यता रद्द करने की भाजपा की मांग शायद मानी नहीं जाए क्योंकि यह उसकी पहली गलती है। चुनाव आयोग उसकी निंदा कर सकती है।
आप‘ ने प्रदर्शन पर जिला चुनाव अधिकारी की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस का कल जवाब दिया था और कहा था कि यह कोई पूर्वनियोजित प्रदर्शन नहीं थाबल्कि गुजरात में आप‘ प्रमुख अरविन्द केजरीवाल की हिरासत की ‘‘तात्कालिक प्रतिक्रिया‘‘ थी। आप‘ ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन कोई ‘‘नियोजित घटना‘‘ नहीं था।
आप‘ ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन गुजरात की घटना की एक तात्कालिक प्रतिक्रिया था और यह किसी भी तरह पार्टी के उम्मीदवार के चुनाव प्रचार का कोई हिस्सा नहीं था। पार्टी ने कहा था कि वह आदर्श आचार संहिता का सम्मान करती है और इसे लागू करने में चुनाव आयोग का सहयोग करेगी।

लोकसभा चुनावों के लिए आज फैसला करेंगे राज ठाकरे


(अतुल खरे)
मुंबई (साई)। भाजपा के शीर्ष नेताओं और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे की मुलाकात के बाद राज के अगले कदम को लेकर जारी अटकलों के बीच मनसे आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा कल (रविवार को) करेगी। कल मनसे का 8वां स्थापना दिवस है।
पार्टी उपाध्यक्ष वागीश सारस्वत ने कहा, ‘‘हम एक राजनीतिक पार्टी हैं और हमारे लिए सभी चुनाव अहम हैं। मनसे कोई मित्र मंडल‘ नहीं है।‘‘ भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरीनेता प्रतिपक्ष विनोद तावड़े और भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने पिछले कुछ दिनों में राज से मुलाकात की है।
भाजपा नेताओं ने राज से अनुरोध किया है कि वह लोकसभा चुनाव न लड़ें और इसके बदले में भाजपा इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मनसे की मदद करेगी । भाजपा नेताओं की यह भी मांग है कि मनसे के 12 विधायक 20 मार्च को होने वाले विधान परिषद चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करें।
सारस्वत ने कहा कि भाजपा नेताओं ने राज से मुलाकात का अपना मकसद मीडिया को बता दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘राज साहेब कल बताएंगे कि उन्होंने भाजपा के प्रस्तावों पर क्या फैसला किया है।‘‘ सारस्वत ने कहा कि राज ठाकरे ने चुनावों में अपनायी जाने वाली रणनीति के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर अपने वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों से चर्चा की है। उन्होंने कहा, ‘‘वह कल अपने फैसले का ऐलान करेंगे ।‘‘ 

काठमांडू पहुंचे इंडिगो विमान में आग, सभी यात्री सुरक्षित


(गौरव वर्मा)
काठमांडू (साई)। दिल्ली से 182 लोगों को लेकर आ रहे इंडिगो एयरलाइन के एक विमान में आज काठमांडू हवाई अड्डे पर उतरने के बाद आग लग गईलेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
हवाई पट्टी पर मौजूद इंजीनियरों द्वारा एयरबस 320 के दाएं हिस्से के ब्रेक में लगी आग दिखने पर सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को आपात दरवाजों से सुरक्षित निकाल लिया गया। अधिकारियों और एयरलाइंस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आग पर तत्काल काबू पा लिया गया।
एयरलाइन ने बताया कि उसकी उड़ान संख्या 6ई031 में 175 यात्रीएक नवजात शिशु और चालक दल के छह सदस्य सवार थे और इसने दोपहर बाद त्रिभुवन हवाई अड्डे पर सामान्य लैंडिंग की। वहां मौजूद इंजीनियरों ने दाएं ब्रेक असेम्बली से धुआं और आग की लपटें देखीं और उन्होंने सभी यात्रियों तथा चालक दल के सदस्यों को बाहर निकालने का सुझाव दिया। एयरलाइन ने बताया कि 171 यात्रियों को रैंप से बाहर निकाला गयाजबकि बाकी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को आगे की सीढ़ी से बाहर निकाला गया। सभी यात्रियों को 81 सैकेंड में निकाल लिया गया। डीजीसीए सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच के अनुसारलैंडिंग के दौरान जोर से ब्रेक लगाए जाने के कारण संभवतरू चिंगारी निकली और इसी दौरान हाइड्रोलिक रिसाव हो गया होगा।

अपने फैंस की ‘नफरत‘ से भी खुश हैं जूही चावला


(निधि गुप्ता)
मुंबई (साई)। बॉलीवुड में अपनी शोख और चुलबुली अदाओं से दर्शकों को दीवाना करने वाली जूही चावला अपनी नई फिल्म गुलाब गैंग‘ में अपने निभाए किरदार के लिए दर्शकों से मिल रही नफरत को पसंद कर रही हैं।
जूही चावला की फिल्म गुलाब गैंग‘ कल ही रिलीज हुई है। इस फिल्म में जूही चावला ने निगेटिव किरदार निभाया है। उनको गुलाब गैंग‘ के लिए काफी तारीफे मिल रही हैं। जूही चावला ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा है कि मैं नफरत को पसंद कर रही हूं। पहली बार मुझे ऐसा महसूस हुआ कि आप मुझसे नफरत भी कर सकते हैं। गुलाब गैंग‘ को शानदार रिस्पांस देने के लिए सभी लोगों को बहुत धन्यवाद।
उल्लेखनीय है कि सौमिक सेन के निर्देशन में बनी फिल्म गुलाब गैंग‘ कल रिलीज हुई। इस फिल्म में जूही चावला के अलावा माधुरी दीक्षित की भी अहम भूमिका है। कहा जा रहा है कि यह फिल्म उत्तर प्रदेश की समाज सेविका संपत पाल देवी और उनकी संस्था गुलाबी गैंग‘ पर आधारित है।

रामकृपाल ने पार्टी के सभी पद से दिया इस्तीफा


(दीपांकर श्रीवास्तव)
लखनऊ (साई)। रामकृपाल ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कहा कि पार्टी अपने विचारधारा से भटक गयी है. सामाजिक न्याय में नहीं बल्कि पारिवारिक न्याय में विश्वास रखने लगी है.
राजद में दूसरे नंबर के नेता रामकृपाल यादव पार्टी प्रमुख लालू यादव के निर्णय से बेहद नाराज ही नहीं आहत हैं. उन्होंने शनिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के समी पदों से इस्तीफा देने का ऐलान किया.
साथ ही यह भी कहा कि फिलहाल पार्टी के पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. लेकिन मेरा चुनाव लड़ना तय है. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने विचारधारा से भटक गयी है. सामाजिक न्याय में नहीं बल्कि पारिवारिक न्याय में विश्वास रखने लगी है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता की इच्छा थी कि मैं पाटलिपुत्र से चुनाव लडूं. मेरी भी यही इच्छा थी.
पाटलिपुत्र सीट से लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती को टिकट देने से राकृपाल नाराज चल रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को रामक़पाल यादव पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती के वहां से चुनाव लड़ने के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा था कि अगर लालू जी को यह स्वीकार है तो वे उन्हें सूचित करें. लेकिन लालू प्रसाद ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि रेस के बीच में घोड़े बदले नहीं जाते.
आरजेडी प्रमुख के इस बयान से रामकृपाल बेहद आहत हुए हैं. उन्होंने शनिवार को प्रेसकांफ्रेस में लगभग रुआंसे होते हुए कहा कि मेरा पार्टी प्रमुख से भावनात्मक और पारिवारिक रिश्ता रहा है. अगर बेटी घर आती है तो उसे खाली हाथ नहीं भेजा जाता है. मैंने उसे निराश नहीं किया.
वहीं उन्होंने दूसरी पार्टी में जाने के सवाल पर कहा कि फिलहाल अभी नहीं कहा जा सकता विचार कर रहा हूं. हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही जिसे बाद में साफ करते हुए कहा कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया है. इस बारे में यादव ने कहा कि यह इमोशनल ब्लैकमेल की एक कोशिश थी. यादव फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं और पटना से वह तीन बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह अब भी पार्टी में हैं और उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है.

वाराणसी बनी भाजपा की हॉट सीट!



(सोनाली खरे)

नई दिल्ली (साई)।  बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक में शनिवार को पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गए।
वाराणसी सीट को लेकर बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के बीच तीखी बहस हो गई। बहस के दौरान सुषमा स्वराज ने भी अपनी नाराजगी को पार्टी मंच पर सार्वजनिक कर हुए टिकट और गठबंधन प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
जोशी ने मोदी के खिलाफ तेवर दिखाए और गुस्से में बैठक छोड़ चल दिए। बहस में जोषी ने राजनाथ से कहा कि पार्टी को वाराणसी सीट को लेकर स्थिति साफ कर देनी चाहिए क्योंकि मीडिया और क्षेत्र में इसको लेकर काफी बेवजह की चर्चा हो रही है। बहस में राजनाथ ने जोशी को कोई आश्वासन नहीं दिया। इसपर जोशी बैठक बीच में छोड़कर गुस्से में बाहर निकल गए।

सुषमा ने भी किया बैठक का बहिष्कार

बैठक में सुषमा स्वराज ने भी सीट बांटने को लेकर पार्टी के रूख की आलोचना करते हुए कहा कि अगर देश में मोदी लहर है तो सभी अपनी अपनी सीट से क्यों नहीं लड़ते है। पार्टी में इसपर इतना कन्फ्यूजन क्यों है। उनके बारे में भी खबर है कि वह भी बैठक बीच में छोड़कर चली गई।

बीजेपी ने बताया इसे कांग्रेस की चाल

मीडिया में बैठक में हंगामे की खबर आने पर पार्टी नेताओं ने इसे कांग्रेस की चाल बताया है। इनका कहना है कि कांग्रेस जान बूझकर ऐसी खबरें फैला रही है। अंनत कुमार ने स्वीमकारा कि नेता बीच बैठक में से उठकर चल गए थे
टिकट सूची  को जारी करने के लिए आयोजित प्रेस वार्ता में बीजेपी के महाससचिव ने बातों बातों में मान लिया कि जोशी और सुषमा बैठक में बीच में चले गए थे। केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के बीच से ही सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी के चले जाने के बारे में पूछे गए सवालों पर अनंत कुमार ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष की नेता को भोपाल जाना था और जोशी को भी किसी पूर्व निर्धारित कार्य के लिए जाना पड़ा।

छत्तीसगढ़ में जन्मी एलियन जैसी बच्ची



(अभय नायक)
केशकाल (साई)। छत्तीसगढ़ के केशकाल में एक अजीबोगरीब बच्ची का जन्म हुआ है। इस बच्ची का शरीर हरे रंग का है और उसके शरीर पर कछुए जैसी धारियां बनी हुई हैं। यह बच्ची लोगों के बीच कौतूहल का विषय बनी हुई है। स्थिति ये आ गई है कि इस बच्चीप को देखने के लिए लोगों की भीड़ अस्पताल में उमड़ रही है। कोई उसे देवी का अवतार बता रहा तो कोई एलियन का दर्जा दे रहा है।
बताया जा रहा है कि बच्ची किसी आम नवजात से बिल्कुल अलग ही शरीर लेकर पैदा हुई है। गर्भ में सात माह रही इस बच्ची का रंग हरा और उसके शरीर में कछुए की तरह धारीदार आकृति बनी हुई है। यही नहींउसका सिर भी पूर्ण रूप से विकसित नहीं है। उसके शरीर के कई हिस्से विकसित नहीं हैंवहीं कुछ हिस्से जरूरत से ज्यादा विकसित हो चुके हैं।
बच्चीत के मुंह का क्षेत्र विकसित हो चुका हैजबकि कान विकसित नहीं हो सके हैं। आंखें भी पूरी तरह से नहीं बन पाई हैजिससे यह पूरी तरह से लाल दिखाई दे रही है। डॉक्टरों का कहना है कि यह बच्चीत एक गंभीर बीमारी हार्लेक्विन से पीड़ित है। डॉक्टरों के अनुसारइस तरह की समस्या लाखों में से एक केस में देखने को मिलती है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बी.आर. भगत का कहना है कि हार्लेक्विन एक सिन्ड्रोम होता है जिसकी वजह से ऐसी शारीरिक विकृतियां होती है। उनका कहना है कि यदि बच्ची के माता-पिता तैयार हों तो उसे रायपुर के मेडिकल कॉलेज में लाकर विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन कर उसके रोग का पता लगाया जा सकता है। हालांकि उन्होंने बताया कि इस तरह के बच्चों के बचने की बहुत कम उम्मीद रहती है।

70 साल का मौलवी 15 साल की युवती संग फरार




(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। भोपाल में 70 साल के एक मौलवी अपनी 15 साल की स्टूडेंट से प्यार कर बैठे और दोनों घर से फरार हो गए। मौलवी कुछ महीने पहले तक युवती को धार्मिक शिक्षा देते थे। पुलिस ने लड़की के नाबालिग होने के कारण मौलवी के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया है।
भोपाल के बजारिया इलाके में रहने वाले मौलवी का नाम हफीज है। जबकि युवती पुराने भोपाल के काजी कैंप इलाके की है। युवती दसवीं की छात्रा है। वह भोपाल में अपने दादी के साथ रहती है। पुलिस के मुताबिक मौलवी और युवती की मुलाकात सालभर पहले हुई थी। मौलवी साहब युवती को उसके घर पर धार्मिक शिक्षा देने जाते थे। इसी दौरान 70 साल के मौलवी और 15 साल की युवती का प्यार परवान चढ़ा। छह महीने पहले घरवालों को शक हुआ, तो उन्होंने मौलवी को घर पर आना बंद करवा दिया।
इसके बाद भी मौलवी और युवती संपर्क में थे। पुलिस के मुताबिक चार मार्च को मौलवी युवती को अपने घर पर लेकर आया। पड़ोसियों ने जब ऐतराज किया, तो दोनों फरार हो गए। युवती के घर न लौटने पर दादी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने अपने पोती के अपहरण की आशंका जताई है।
पुलिस ने मौलवी के घर की तलाशी ली, तो दोनों लापता मिले। पुलिस ने युवती के नाबालिग होने के कारण मौलवी के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक युवती को उसके मोबाइल नंबर के जरिए तलाशने की कोशिश की जा रही है।

स्याही कांड: आप ने लिया यू टर्न



(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)।  आम आदमी पार्टी को लगातार विरोध का सामना करना पड़ा है। पार्टी नेता योगेंद्र यादव पर कालिख पोती गई है।
जंतर-मंतर पर शनिवार को योगेंद्र के चेहरे पर काली स्याही पोत दी गई है। दिल्ली पुलिस के अनुसार स्याही कांड वाला शख्स आम आदमी पार्टी का ही कार्यकर्ता है। इस शख्स का नाम सागर भंडारी बताया जा रहा है। इस बीच आप नेता शाजिया इल्मी ने कहा, ‘कोई भी आप टोपी पहन कर ऐसा कर सकता है। पार्टी को बदनाम करने का ये तरीका बहुत पुराना हो चुका है।

अब याद आया कौन था हमलावर
योगेंद्र का कहना है कि मुझे सुनने में आया है कि उसने (हमलावर) राज्य चुनाव के एक महीने पहले आप ज्वाइन किया था। लेकिनआज के पहले तक कोई नहीं जानता था कि वह कहां है।

पहले किया था पहचानने से इनकार
इससे पहले योगेंद्र यादव ने हमलावर को पहचानने से साफ इनकार किया था। इसके अलावा केस दर्ज कराने से भी इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि योगेंद्र पर स्याही फेंकने वाले शख्स ने कालिख पोतने से पहले भारत माता की जय‘ का नारा लगाया था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पोती कालिख
दिल्ली के जंतर-मंतर पर आप नेता योगेंद्र यादव महिला दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में मौजूद थे। वह यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे कि इतन में पीछे से एक शख्स ने उनके मुंह पर कालिख पोत दी। वह जैसे ही वहां से भागना चाहा कि आप समर्थकों ने उसे तत्काल पकड़ कर उसकी जमकर पिटाई कर दी। युवक को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का व्यापक अभियान आज



(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर निर्वाचक नामावली में पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिये रविवार 9 मार्च को मतदान केन्द्रों में विशेष शिविर लगेंगे।
राज्य के सभी 53 हजार 946 मतदान केन्द्र में बूथ लेवल ऑफिसर सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक निर्वाचक नामावली की प्रति साथ लेकर उपलब्ध रहेंगे। निर्वाचक नामावली की एक प्रति मतदान केन्द्र की दीवार पर चस्पा की जायेगीताकि मतदाता उसमें नाम की जाँच-पड़ताल कर सके। केम्प के दौरान अशिक्षित मतदाताओं की सुविधा के लिये लोगों के बीच निर्वाचक नामावली को पढ़कर सुनाया जायेगा। भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त विनोद जुत्शी रविवार को सुबह 11 बजे राजधानी के कुछ मतदान केन्द्र का भ्रमण कर शिविर का अवलोकन करेंगे।
आयोग के निर्देश पर आमजन को शिविर की जानकारी देने के लिए स्थानीय स्तर पर मुनादी करवाई गई है। शिविरों की जानकारी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को भी दी गई है। राजनैतिक दलों से अनुरोध किया गया है कि शिविर में उनका बूथ लेवल एजेंट (बी.एल.ए.) भी उपस्थित रहे। बीएलओ द्वारा इच्छुक मतदाताओं के फार्म भरवाने की सुविधा भी शिविर में रहेगी। फार्म भरवाने के बाद बीएलओ उसका भौतिक सत्यापन तथा स्थानीय जाँच आदि कर उसे ईआरओ को जमा करायेंगे। ईआरओ शेष कार्यवाही पूर्ण कर फार्म का निराकरण 11 दिन के भीतर करायेंगे। शिविर के दौरान छूटे हुए सभी पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ने की विशेष पहल की जायेगी।
शिविर के दौरान ऐपिकधारी मतदाता भी निर्वाचक नामावली में अपना नाम चेक कर और नाम न होने की स्थिति में फार्म-6 भर सकेंगे। ऐपिक पहचान-पत्र हैयदि निर्वाचक नामावली में मतदाता का नाम नहीं हैतो ऐपिक होने के बावजूद वह मताधिकार का उपयोग नहीं कर सकेगा। आयोग के निर्देश पर शिविर के दिन प्राप्त होने वाले सभी फार्म की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रवार सीईओ के वेब पोर्टल पर आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाई जायेगी। राज्यों से फार्म्स की जानकारी 11 मार्च तक प्राप्त कर उनके निराकरण अथवा निरस्त करने की कार्यवाही 20 मार्च तक पूर्ण कर ली जायेगी।

एसएमएस सुविधा
मतदाता सूची में अपना नाम होने की जानकारी मतदाता एस.एम.एस. द्वारा भी प्राप्त कर सकेंगे। मतदाताओं को मोबाइल से एस.एम.एस. भेजकर अपना मतदान केन्द्र एवं मतदाता सूची में किस सरल क्रमांक पर नाम है, उसकी जानकारी प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। कोई भी मतदाता किसी भी मोबाइल से 51969 पर एस.एम.एस. कर मतदाता सूची में अपना नाम होने तथा मतदाता केन्द्र की जानकारी प्राप्त् कर सकेगा। प्रक्रिया अनुसार मोबाइल पर एस.एम.एस. बॉक्स में जाकर एमपी टाइप कर एक स्पेस देकर ईपीआईसी टाइप करना होगा (बिना गेप के)। उसके बाद एक स्पेस देकर कार्ड पर दिया गया नंबर टाइप कर उसे 51969 पर एस.एम.एस. करना होगा। एस.एम.एस. करने पर मतदाता का नाम किस मतदान केन्द्र पर व किस सरल क्रमांक पर है, उसका रिटर्न मैसेज मोबाईल पर प्राप्त होगा। मतदाताओं से एस.एम.एस. की सुविधा का उपयोग कर अपने मतदान केन्द्र का नाम एवं मतदाता सूची में सरल क्रमांक इत्यादि की जानकारी मोबाईल पर प्राप्त करने का अनुरोध किया गया है।

सीबीएसई 5 दिन लगाएगा स्कूल!



केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
(सुरेंद्र जायस्वाल)
जबलपुर (साई)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने आने वाले नए सत्र में केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसके तहत इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को सप्ताह में केवल 5 दिन स्कूल जाना होगा। छोटे बच्चों के लिहाज से समय अधिक होने के कारण सीबीएसई ने यह निर्णय लिया है, जिसे स्वैच्छिक रखा जाएगा।
प्रायोगिक तौर पर उक्त नियम को पहले कुछ स्कूलों में लागू किया जाएगा, उसके बाद बाध्यता जारी होगी। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई स्कूल के विद्यार्थियों पर राज्य शासन के पाठ्यक्रम से कहीं अधिक पढ़ाई का बोझ होता है। राज्य शासन के अंग्रेजी और हिन्दी माध्यमों के स्कूल अब भी 5 घंटे लग रहे हैं तो वहीं सीबीएसई स्कूल 6 घंटे तक लगते हैं।
इधर सीबीएसई ने एक नया सर्कुलर भी तैयार किया है, उसमें रोजाना साढ़े 7 घंटे की कक्षाएं लगाने की योजना है। फिलहाल इसका विरोध होना शुरू हो गया है। यदि ऐसा होता है तो सीबीएसई विद्यार्थियों के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। नए प्रस्ताव में 5 दिन स्कूल की योजना अभिभावकों को काफी लुभा रही है।
वैसे भी केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थी उतने परिपक्व नहीं होते हैं कि वे रोजाना छह घंटे स्कूल की कक्षाओं में बिता सकें, ऊपर से दो घंटे का समय उनके आने-जाने का होता है तो 1 घंटे तैयार होने और नाश्ता करने में निकल जाता है। इस तरह विद्यार्थियों के स्कूल जाने से लेकर घर वापस आने तक में कुल 9 घंटे खर्च हो जाते हैं।

बालाघाट से हिना कांवरे कांग्रेस उम्मीदवार




(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस ने लोकसभा के मद्देनजर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बालाघाट सिवनी संसदीय क्षेत्र से हिना कांवरे को मैदान में उतारा है। वे पूर्व मंत्री स्व.लिखीराम कांवरे की पुत्री हैं। मण्डला सिवनी संसदीय क्षेत्र की घोषण अभी नहीं की गई है।
आज जारी सूची में भिंद एससी से भागीरथ प्रसाद, ग्वालियर से अशोक सिंह, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, सागर से गोविंद सिंह राजपूत, टीकमगढ़ एससी से कमलेश्वर वर्मा, दमोह से महेंद्र प्रताप, खजुराहो से राजा पटेरिया, रीवा से सुंदरलाल तिवारी, सीधी से इंद्रजीत पटेल, शहडोल एसटी से राजेश नंदिनी सिंह, जबलपुर से विवेक तनखा, बालाघाट से हिना कावरे को मैदान में उतार गया है।
इसी तरह छिंदवाड़ा से कमलनाथ, भोपाल से पीसी शर्मा, देवास एससी से सज्जन कुमार वर्मा, उज्जैन एससी से प्रेम चंद गुड्डू, मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन, रतलाम एसटी से कांतिलाल भूरिया, इंदौर से सत्यनारायण पटेल, खरगौन से रमेश पटेल, खंडवा (मध्यप्रदेश)रू अरुण यादव, बैतूल (मध्यप्रदेश)रू राहुल चौधरी को मैदान मे उतारा गया है।

अपरिपक्व पालिका प्रशासन ने उलझाई मॉडल रोड



अनेक अनुमतियों के बिना ही आरंभ करवा दिया सड़क का काम

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। शहर को साफ सुथरा और सुंदर बनाने का दावा नगर पालिका के युवा एवं ऊर्जावान अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी द्वारा बारंबार किए जाने के बाद भी, उनके ही नेतृत्व में नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह अपरिपक्वता का परिचय दे रहा है। नगर के अंदर बन रही 11 करोड़ 70 लाख रूपए की मॉडल रोड के वर्क ऑर्डर जारी करने के पहले, नगर पालिका प्रशासन द्वारा स्वयं ही दी जाने वाली अनुमतियों में विलंब किया गया है।
ज्ञातव्य है कि जबलपुर की ओर से नागपुर की ओर तक लगभग साढ़े चार किलोमीटर लंबी इस सड़क पर दोनों ओर सात मीटर चौड़ी सड़क बनना प्रस्तावित है। इस सड़क के मध्य में दो मीटर चौड़ा डिवाईडर भी प्रस्तावित है। इस सड़क की मोटाई में साढ़े सात एमएम का बीएम और 25 एमएम का एचडीडीसी डाला जाना है। इसका ठेका गुना की मेसर्स राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। इस कार्य को नवंबर 2013 में आरंभ किया जाकर, इस साल अक्टूबर तक पूरा किया जाना है।
नगर पालिका प्रशासन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 11 करोड़ 70 लाख रूपए के कार्य में सड़क निर्माण, डिवाईडर निर्माण, नाली निर्माण, पोल शिफ्टिंग, झाड़ कटाई आदि का कार्य शामिल है। सूत्रों की मानें तो अब तक तो न ही इस सड़क पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही हुई है, न ही पोल हटाने की और न ही पेड़ कटाई ही हो पाई है।

अनुमतियां पालिका को ही देना है!
पालिका के सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि इस सड़क के निर्माण में आने वाली बाधाओं को नगर पालिका प्रशासन के द्वारा स्वयं ही हटाया जाना है। इसके लिए वृक्ष कटाई की अनुमति, नगर पालिका परिषद को ही देना है। (जानकारों का कहना है कि शहरी सीमा के अंदर कटाई की अनुमति पालिका द्वारा ही दी जाती है)
इसके अलावा बिजली के खंबे हटवाने का कार्य भी नगर पालिका को स्वयं ही करवाना है। विडम्बना ही कही जाएगी कि इसके लिए अब तक नगर पालिका परिषद द्वारा पोल शिफ्टिंग के लिए निविदा तक जारी नहीं की गई है। अब जबकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो चुकी है, तब यह मामला 16 मई तक स्वतः ही टल गया है।
रही बात इस सड़क के निर्माण हेतु अतिक्रमण हटवाने की, तो सर्वविदित है कि नगर पालिका क्षेत्र से अतिक्रमण हटवाने की जवाबदेही नगर पालिका प्रशासन के स्वयं के ऊपर ही आहूत होती है। नगर पालिका परिषद द्वारा कुछ समय के अंतराल में ही अतिक्रमण हटाने की मुंहदेखी मुहिम अवश्य ही छेड़ी जाती है।

काम नवंबर में आरंभ, राशि का पता नहीं!
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि इस सड़क के निर्माण हेतु हुडको से नगर पालिका को ऋण प्राप्त होना था। सूत्रों के अनुसार इसकी पहली किश्त ही पालिका को प्राप्त हो पाई है। इसकी बाकी किश्तें नहीं आ पाने से यह कार्य मंथर गति से चल रहा है।

अनुभवहीन है प्रशासन
लोगों का मानना है कि नगर पालिका प्रशासन अनुभवहीनता का प्रदर्शन कर रहा है। इसका कारण यह है कि मॉडल रोड के निर्माण का वर्क ऑर्डर जारी करने के पहले, न तो जरूरी अनुमतियां ही ली या दी गई हैं और न ही अतिक्रमण ही हटाया गया है। इन परिस्थितियों में कार्य में होने वाले विलंब का भोगमान भी नगर पालिका प्रशासन को ही भोगना होगा। कहा जा रहा है कि अगर कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा नहीं हुआ तो ठेकेदार बाद में विलंब के लिए बाजार भाव बढ़ने आदि पर क्लेम मांगेगा और उस समय विलंब को जस्टिफाई करने में नगर पालिका प्रशासन को पसीना आ जाएगा।

आचार संहिता के झमेले में उलझ गया अन्नदाता किसान




(लिमटी खरे)

सोयाबीन की तबाह फसल के सदमे से किसान उबर ही नहीं सका कि उस पर फरवरी माह में बेमौसम पड़े ओलों का कहर आन पड़ा। महंगाई आसमान छू रही है। गांव-गांव में जिंसों (वस्तुओं) के भाव किसी से छिपे नहीं है। देश के प्रधानमंत्री ने पहले सौ दिन में मंहगाई पर काबू पाने की बात कही फिर तारीख पर तारीख. . ., के बाद लोकसभा चुनाव की मुनादी पिट गई पर मंहगाई ने अपना सुरसा जैसा मुंह दिखाकर सभी को चिढ़ा दिया है। आज आम आदमी हलाकान है। शहरों में रहने वाले तो किसी तरह अपनी गुजर-बसर कर ले रहे हैं पर गरीब गुरबे किसानों पर जो बीत रही है, उसका एहसास शायद ही किसी सियासतदार को हो।
आज देश के अन्नदाता किसान की देश के ही हृदय प्रदेश में कमर टूटी पड़ी है। पिछले साल सोयाबीन की फसल का नुकसान हुआ, मुआवजे के लिए किसान अब तक दर-दर भटक रहा है। इस साल जब फसल पक गई, उसी वक्त इंद्रदेव का कोप किसानों पर भारी पड़ा। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का भोगमान आखिर किसानों को ही सबसे पहले भोगना होता है। किसान की खड़ी फसल ओलों ने तबाह कर दी। सियासी दल इसके लिए एक-दूसरे पर दोषारोपण करते रहे और आचार संहिता का बिगुल बज गया। अब किसानों को फौरी राहत भला कहां से मिल पाएगी!
आज चुनावों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लग गई है। आचार संहिता में अब किसानों को शायद ही मुआवजा मिलने की बात पर चुनाव आयोग अपनी हरी झंडी दे। इसके पीछे यह वजह हो सकती है कि कहीं प्रदेशों में सत्तारूढ़ दल, मुआवजे की आड़ में मतदाताओं को लुभाने की कोशिश न लग जाए। अगर ऐसा होता है तो किसानों को मुआवजा 16 मई के बाद ही मिल पाएगा। इस मामले में भी किसानों की किस्मत शायद दगा दे गई है। सिवनी सहित प्रदेश के अनेक जिलों में आज अनेक किसान ऐसे भी होंगे जिनके घरों में चूल्हे भी न जल पा रहे होंगे। किसान खुद और अपने परिवार की क्षुदा किस तरह बुझाएगा, इस यक्ष प्रश्न का उत्तर शायद ही किसी के पास हो।
किसान, उनकी बेवाएं आज फूट-फूट कर रो रही हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी कोई प्राकृतिक आपदा में किसान तबाह हुआ है, और सरकारी स्तर पर मुआवजा बांटा गया है, उसमें रसूखदार बड़े और संपन्न किसान ही ज्यादा लाभान्वित हुए हैं। गरीब गुरबे किसानों को तो सरकारी नुमाईंदे फटकार कर भगा देते हैं। इसके पहले भी अनेक बार किसानों के मुआवजे में दबंगई की शिकायतें आम हो चुकी हैं।
इस बार कहा जा रहा है कि सोयाबीन का मुआवजा बांटा जा रहा है उसमें भी विसंगतियां हैं। जिन किसानों को बड़ी रकम के धनादेश दिए गए हैं, उसमें ओव्हर राईटिंग की शिकायतें मिल रही हैं। इस तरह की कांट-छांट से बैंक भी उनको भुगतान करने से कतरा रहा है। अब किसान आखिर जाए तो जाए कहां और रोए तो किसके पास। नीली छतरी वाला जादूगर भी प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण नाराज ही दिख रहा है, वरना क्या कारण है कि फाल्गुन के मौसम में सावन का मौसम बना हुआ है।
आज तक प्रशासनिक स्तर पर आनावारी तय नहीं हो पाई है। अब कोई बताए कि किसानों को तत्काल राहत कैसे मिल पाएगी। किसी की बेटी की शादी है, तो किसी के बच्चे की स्कूल की फीस जमा होनी है। किसी के घर मांगलिक कार्य हैं, तो किसी के घर मातम पसरा हुआ है। होली का त्यौहार सिर पर है। हालात वाकई बेहद गंभीर और संगीन नजर आ रहे हैं। इन परिस्थितियों में किसानों के घरों में खर्चे लगे ही हुए हैं। किसान अपने खर्चे कहां से और किस तरह पूरे कर पाएगा?
जाहिर है सरकारी इमदाद के अभाव में किसान अब सूदखोरों की चौखट चूमने पर मजबूर हो जाएगा। सियासतदार तो आचार संहिता है-नौ सप्ताह बाद यानि 16 मई के बाद ही कुछ हो पाएगा, कहकर अपनी जान छुड़ा लेंगे पर इससे किसानों के रिसते घावों पर मरहम नहीं लगाया जा सकेगा। यक्ष प्रश्न यही खड़ा हो रहा है कि देश का अन्नदाता किसान ही अन्न से महरूम रहेगा। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किसानों को लुभाने के लिए सियासतदार भी अब ‘टुकड़ों‘ के रूप में किसान के सामने कुछ इमदाद रखने का प्रयास अवश्य ही करेंगे।
प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को पता नहीं किसने सलाह दी कि वे शहर की सीमा से सटे ग्राम कंडीपार के एक खेत में जाकर नुकसानी का जायजा लें और फिर उड़न खटोले से फुर्र हो जाएं। सिवनी में फसलों की तबाही कंडीपार के अलावा सुदूर ग्रामीण अंचलों में भी हुई है। माना कि प्रदेश के निजाम के पास और भी कई काम रहे होंगे, पर वे हेलीकॉप्टर से आए थे। जिले के नेता अगर चाहते तो जिले में कम से कम चार-पांच स्थानों पर शिवराज सिंह चौहान का उड़न खटोला उतारने का मशविरा दे सकते थे। इस तरह वे महज आधे घंटे के अतिरिक्त समय में ही सिवनी के अनेक क्षेत्रों में जाकर तबाही का जायजा ले सकते थे, वस्तुतः ऐसा कुछ हुआ नहीं। हेलीकॉप्टर सरकारी था अतः शिवराज सिंह चौहान की जेब से अतिरिक्त कुछ नहीं जा रहा था, इसका भोगमान प्रदेश की जनता के गाढ़े पसीने से संचित राजस्व से ही भुगतना था।
लगता है कि किसानों के रिसते घावों पर मरहम लगाने के बजाए सियासतदारों द्वारा प्रदेश और केंद्र सरकार पर तोहमत लगाने का काम ज्यादा किया गया है। केंद्र सरकार चाहती तो इसके लिए पहले ही पैकेज का ऐलान कर देती और राज्य सरकार चाहती तो समय-सीमा में ही किसानों को मुआवजा बांटना आरंभ कर देती। न नौ मन तेल आया न राधा नाची। असली मरण किसान की ही रही। जो आज भी बदस्तूर ही जारी है।
अभी लोगों की स्मृति से यह बात विस्मृत नहीं हुई होगी कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ.रमन सिंह सिकरवार द्वारा सूदखोरों के खिलाफ जमकर अभियान चलाया गया था। इस अभियान में अनेक सूदखोरों के पास से न जाने कितने एटीएम और लोगों की हस्ताक्षरित चैक बुक भी मिली थी। आज भी वह क्रम बदस्तूर जारी हो तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। उस वक्त पकड़े गए सभी सूदखोर, अवैध रूप से सूद का धंधा कर रहे थे। ऐसा नहीं है कि पुलिस के संज्ञान में यह बात नहीं है, पर ‘गंदा है पर धंधा है‘ की तर्ज पर यह चल ही रहा है।
किसान मझधार में है। सोयाबीन का मुआवजा उसे मिला नहीं है और अभी की उसकी फसल चौपट हो चुकी है। देश दुनिया की क्षुदा मिटाने वाला किसान, आज दाने-दाने को मोहताज है। 20 फरवरी के बाद मौसम ने करवट ली और दो-तीन दिन में ही किसानों की खड़ी फसल तबाह हो गई। इसके लगभग 13 दिन बाद आचार संहिता की घोषणा हुई। तेरह दिनों तक सियासतदार महज बयानबाजी ही करते रहे। सियासतदारों की बयानबाजी से किसानों का ध्यान कुछ समय तो भटका होगा, किन्तु जब उनके भोजन का समय हुआ होगा और खाने की थाली रीती रही होगी तब वे जरूर . . .।