शुक्रवार, 29 मार्च 2013

बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना!


बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना!


(लिमटी खरे)

संजय दत्त को माफी मिलनी चाहिए या नहीं इस बारे में बहस तेज हो गई है। संजय दत्त को अगर माननीय न्यायालय ने दोषी करार दिया है तो वे निश्चित तौर पर भारतीय कानून के अनुसार दोषी हैं। पूर्व न्यायाधिपति जस्टिस मार्कडेय काटजू ने उनकी माफी के लिए अपनी धार तेज कर दी है। उधर, संजय दत्त खुद माफी मांगने के बजाए सरेंडर करने की बात कह रहे हैं। रिटायर्ड जस्टिस काटजू भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष हैं। उन्होने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संजय दत्त के साथ ही साथ जैबुन्नसा की माफी चाही है। रिटायर्ड जस्टिस काटजू को प्रेस परिषद के राष्ट्रपति को पत्र लिखने या संजय दत्त की माफी की बात कहने के पहले परिषद अध्यक्ष के अध्यक्ष की गरिमा और मर्यादाओं का अवश्य ही ख्याल रखा होगा, पर संजय दत्त जब खुद ही माफी नहीं मांगने की बात कह रहे हैं तो रिटायर्ड जस्टिस को उनकी माफी के प्रति इतना संजीदा होना आश्चर्यजनक ही माना जाएगा। संजय दत्त को अगर माफी मिल गई तो कल अन्य अभिनेता भी माफी की कतार में खड़े मिलेंगे।

भारतीय प्रेस परिषद का गठन मीडिया की शिकायतों के निराकरण के लिए किया गया है। इसका अपना एक अलग महत्व है। मीडिया अगर किसी के साथ ज्यादती करे या पत्रकारों अथवा मीडिया के अधिकारों का हनन हो तो प्रेस परिषद के दरवाजे खटखटाए जा सकते हैं। मीडिया बिरादरी में भारतीय प्रेस परिषद को बहुत ही सम्मान की नजरोें से देखा जाता है। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष के लिए भी मीडिया में कमोबेश यही सोच और अवधारणा है।
संजय दत्त को माननीय न्यायालय ने दोषी करार दिया। देश का इलेक्ट्रनिक मीडिया अपनी आदत के अनुसार चौबीसों घंटे संजय दत्त के पीछे पिल गया। प्रेस परिषद के अध्यक्ष सेवानिवृत जस्टिस मार्कडेय काटजू ने जब संजय दत्त की माफी की बात फिजां में उछाली तो लोगों को विशेषकर मीडिया बिरादरी को बेहद आश्चर्य हुआ। एक सेवानिवृत जस्टिस जो मीडिया की अदालत का प्रमुख हो वह अगर ऐसी बात कहे तो उसमें वजनदारी अवश्य ही होगी।
रिटायर्ड जस्टिस काटजू पहले भी मीडिया की सुर्खियां बटोर चुके हैं। इस बार वे लंबे समय से संजय दत्त के मामले के चलते मीडिया में सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने मुंबई ब्लास्ट केस में आर्म्स ऐक्ट में दोषी करार दिए गए बॉलिवुड ऐक्टर संजय दत्त को माफी के लिए देश के प्रथम नागरिक और भारत गणराज्य के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिख दिया है।
इसमें आश्चर्य इसलिए हो रहा है क्योंकि संजय दत्त खुद माफी की अपील ना करने की बात कह रहे हैं पर जस्टिस काटजू हैं कि उन्हें माफी दिलवाने पर आमदा हैं। काटजू ने इसके साथ ही जैबुन्निसा की सजा माफी के लिए भी चिट्ठी लिखी है। काटजू ने राष्ट्रपति को जो पत्र लिखा है उसकी इबारत में इस बात का उल्लेख किया गया है कि ऐसा कहा जा रहा है कि संजय दत्त सिलेब्रिटी हैं और उनकी माफी से गलत संदेश जाएगा। मेरा मानना है कि संजय दत्त को सिर्फ इसलिए माफी नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह सिलेब्रिटी हैं। इसी तरह उन्हें सिलेब्रिटी होने के नाते इसका नुकसान भी नहीं होना चाहिए। अगर वह माफी के हकदार हैं तो उन्हें इससे इसलिए वंचित नहीं रखा जाना चाहिए क्योंकि वह सिलेब्रिटी हैं।
काटजू ने चिट्ठी में आगे लिखा है कि संजय दत्त पहले ही 18 महीने की सजा जेल में काट चुके हैं। पिछले 20 साल उनके लिए मानसिक तनाव से भरे रहे हैं। यही नहीं उनके दो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। काटजू ने इसी तरह जैबुन्निसा की 70 साल की लंबी उम्र और उनकी बीमारी को देखते हुए सजा माफी की अपील की है। काटजू ने लिखा है कि जैबुन्निसा की किडनी में ट्यूमर है और उन्हें रेग्युलर चेकअप के लिए जाना पड़ता है। इसलिए वह माफी की हकदार हैं। गौरतलब है कि संजय दत्त की तरह ही जैबुन्निसा अनवर काजी को भी अवैध हथियार रखने के मामले में दोषी करार दिया गया था। उन्हें भी 5 साल की सजा सुनाई गई है। काजी 8 महीने जेल में गुजार चुकी हैं।
वहीं दूसरी ओर जिस शख्स को सजा मिली है वह खुद अपनी माफी के लिए फिकरमंद नहीं है। मीडिया से मुखातिब संजय दत्त ने कहा कि वे अपनी सजा माफ करवाने के लिए कोई अपील नहीं करेंगे। 18 महीने की सजा काट चुके संजय को साढ़े तीन साल और जेल में रहना पड़ेगा।
संजय दत्त के मामले में तो सभी को पता है कि उन्होंने क्या किया था किन्तु जस्टिस काटजू ने जिस जैबुननिसा के लिए माफी की अपील की है उसके बारे में जान लीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई बम धमाके में 70 साल की जैबुननिसा अनवर काजी को भी पांच साल की सजा सुनाई है। अवैध हथियार रखने के मामले में जैबुनिसा आठ महीने जेल की सजा काट चुकी है। जैबुनिसा की बेटी शगुफ्ता ने काटजू साहब को मेल करके अपनी मां को माफी दिलाने में मदद मांगी थी।
देश के लाखों पत्रकार जस्टिस काटजू की बात पर आंख बंद करके इसलिए समर्थन कर सकते हैं क्योंकि वे भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष हैं, पर यक्ष प्रश्न तो यह है कि संजय दत्त और जैबुननिसा को माफी मिलना चाहिए या नहीं और जस्टिस काटजू को इस तरह का पत्र लिखना चाहिए या नहीं!
जस्टिस काटजू भारत गणराज्य के नागरिक हैं उन्हें अपनी बात कहने का पूरा पूरा हक भारत के संविधान ने दिया हुआ है। अघोषित तौर पर अनेक पदों के साथ उसकी गरिमा और सीमाएं बंधी होती हैं। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष रहते हुए जस्टिस काटजू अगर एसा कर रहे हैं तो यह निश्चित तौर पर पद की गरिमा के अनुकूल नहीं माना जा सकता है। देश में ना जाने कितने लोगों को न्यायालयों ने सजा दी है।
वैसे, हर मामले में जस्टिस काटजू का दिल नहीं पसीजा, चूंकि संजय दत्त सेलीब्रिटी हैं, अतः उनके साथ लोगों का लगाव हो सकता है। संजय दत्त को अगर माफी मिल गई तो कल अन्य अभिनेता भी माफी की कतार में खड़े मिलेंगे। अभी सलमान खान के खिलाफ चिंकारा के शिकार का मामला लंबित ही है। फिर इसी को आधार बनाकर हमारे देश के नीति निर्धारक जनसेवक भी अपने लिए माफी की दरकार करते नजर आएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
जस्टिस काटजू ने प्रणव मुखर्जी के साथ ही साथ वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह और होम मिनिस्टर सुशील कुमार शिंदे को भी इस आशय का पत्र लिखा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को लिखे पत्र में न्यायमूर्ति काटजू ने कहा है कि संजय दत्त ने माफी की अपील भले न की हो, लेकिन वे इसके हकदार हैं।
श्री काटजू ने कहा कि संजय दत्त १८ महीने की सजा काट चुके हैं और जेल से रिहा होने के बाद उन्हें अपने करियर को पटरी पर लाने में ५-६ वर्ष का समय लगा था। श्री काटजू ने जेबुन्निसा काजी के बारे में अपने पत्र में कहा है कि उनकी उम्र ७० वर्ष है और वे जेल में ५ वर्ष तक जीवित नहीं रह पाएंगी।
कितने आश्चर्य की बात है कि चिकित्सक भी किसी की मौत का निश्चित समय निर्धारित नहीं करते हैं पर जस्टिस काटजू ने जैबुननिसा की मौत का समय पांच साल से कम समय निर्धारित कर दिया। यह उन्होंने किस आधार पर किया है यह तो वे ही जानें पर लोग इसके बाद उन्हें जस्टिस के साथ ही साथ चिकित्सक या भविष्यवक्ता अवश्य कहने लगेंगे।
वहीं दूसरी ओर संजय दत्त ने अपराध किया उनकी सजा पाई। 18 माह वे जेल में रहे और फिर जमानत पर छूटने के बाद उन्हें अपना कैरियर पटरी पर लाने में पांच से छः साल लग गए। लगता है मानो जस्टिस काटजू एक अभिनेता की नहीं अपने किसी सगे संबंधी की हिमायत में वकालत कर रहे हों।
अगर संजय दत्त ने अपराध या गुनाह किया है तो उसकी सजा के वे हकदार हैं। हम यह कहने के कतई अधिकारी नहीं हैं कि उन्हें अपना कैरियर पटरी पर लाने में पांच छः साल लग गए थे। यह उनकी नादानी ही थी उन्होंने अपराध किया है तो वे सजा के हकदार हैं। जेल से छूटने के बाद भी वे अंडरवर्ल्ड के सतत संपर्क में थे। अगर संजय दत्त पहले ही पुलिस को बता देते तो ना जाने कितनी जानें बच जातीं।
वैस देखा जाए तो जेल की जिंदगी किसी को पसंद नहीं होती है। संजय दत्त भी नहीं चाहेंगे कि उन्हें जेल की जिंदगी नसीब हो। संजय दत्त द्वारा माफी की अपील ना किए जाने से एक अच्छा संदेश सामने आ रहा है। आम जनता उनकी इस हरकत को इस नजरिए से भी लेगी कि वे अपनी गल्ति का पश्चाताप जेल में समय बिताकर करना चाहते हैं। हर व्यक्ति को सुधरने का पूरा पूरा मौका मिलना चाहिए।
संजय दत्त ने कुछ साल पहले समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव का रूपहले पर्दे के अदाकारों के साथ लगाव किसी से छिपा नहीं है। संजय दत्त की लोकप्रियता को भी उन्होंने भुनाने का प्रयास किया। इस मामले में नेताजी खामोश हैं। नेताजी ने कांग्रेस का साथ छोड़ने की जो बात कही है उससे लग रहा है कि वे संजय दत्त के मामले में भी कांग्रेस से खफा हैं।
इस मामले का सबसे दुखद पहलू यह हो सकता है कि अगर संजय दत्त को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी या सूबे के लाट साहब यानी राज्यपाल द्वारा माफी दे दी जाती है और वे उस माफी को स्वीकार नहीं करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा दी गई सजा को काटने की इच्छा जताएं। हलांकि इसकी उम्मीद ना के बराबर ही है, मगर अगर संजय दत्त ने एसा कर दिया तो लोग कह ही उठेंगे कि बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। (साई फीचर्स)

सिवनी : नाथ के गढ़ में ठाकुरों की सेंध


नाथ के गढ़ में ठाकुरों की सेंध

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के प्रभाव वाले महाकौशल अंचल में अब उनका रसूख कम होता दिख रहा है। नाथ के गढ़ में अब ठाकुरों का वर्चस्व दिखने लगा है। महाकौशल अंचल के केंद्र बिन्दु सिवनी में जहां कभी कमल नाथ का सिक्का चलता था अब कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर की तूती बोल रही है।
बताया जाता है कि पांच सालों में आए इस जबर्दस्त परिवर्तन में सिवनी जिले की ठाकुर लाबी का ज्यादा वजनदार होना प्रमुख कारक बताया जा रहा है। वर्ष 2008 में जब सिवनी से होकर गुजरने वाले फोरलेन हाईवे में अड़ंगे लगना आरंभ हुए और इसके लिए स्थानीय स्तर पर ठाकुर क्षत्रपों ने सीधे सीधे तोप की नाल केंद्रीय मंत्री कमल नाथ की ओर कर दी तब सिवनी के नागरिकों का कमल नाथ से मोहभंग होना आरंभ हो गया।
 इसके उपरांत 2009 में जनता के मंच जनमंच के द्वारा आहूत सिवनी बंद में तत्कालीन केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली गई और जगह जगह उनके पुतले फूंके गए। इस समय सिवनी जिले में कमल नाथ का झंडा डंडा उठाने वाले नेताओं ने मौन धारण करना ही उचित समझा।
शनैः शनैः समय बीता और जिले की सियासत की धुरी ठाकुर क्षत्रपो के इर्दगिर्द समटनी आरंभ हो गई। भाजपा ने तो खुद को संभाल लिया किन्तु कांग्रेस में बिखराव इस कदर हुआ कि एक एक कर सारे सूत्र टूट टूटकर ठाकुर क्षत्रपों के इर्द गिर्द आकर जुड़ गए।
हाल ही में राजा दिग्विजय सिंह की पत्नि के निधन पर सिवनी से कांग्रेस के अनगिनत नेता संवेदनाएं प्रकट करने राघोगढ़ पहुंचे। वहीं बताया जाता है कि जब केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के पिता और माता का निधन हुआ था तब सिवनी से एकाध नेता ही संवेदना प्रकट करने पहुंचे थे।
जिला कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि जिले की राजनीति में अब ठाकुरों का वर्चस्व हो गया है। सिवनी के नेता जो कमल नाथ को अपना सरपरस्त मानते थे उनमें से अधिकांश नेता अब दिग्विजय ंिसह, अजय सिंह या हरवंश सिंह ठाकुर को अपना सरमायादार मानने लगे हैं। कुल मिलाकर हालात देखकर लगने लगा है कि नाथ के गढ़ में अब ठाकुरों ने सेंध लगा ही दी है। कमोबेश यही स्थिति कमल नाथ के प्रभाव वाले जबलपुर, मण्डला, नरसिंहपुर, डिंडोरी, बालाघाट जिलों में होती दिख रही है।

ब्रम्हपुत्र हेतु संयुक्त तंत्र का प्रस्ताव


ब्रम्हपुत्र हेतु संयुक्त तंत्र का प्रस्ताव

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। भारत ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रम्हपुत्र नदी पर चीन के बांधों के निर्माण कार्य के आकलन के लिए चीन के साथ संयुक्त तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने डरबन में चीन के नये राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पहली शिष्टमण्डल स्तर की वार्ता में यह प्रस्ताव रखा। दोनों नेता उच्च स्तर पर अक्सर सम्पर्क करने पर सहमत थे।
इस मुलाकात के बारे में एक सवाल के जवाब में डॉक्टर सिंह ने कहा कि उन्होंने चीन से भारत में आने वाली नदियों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने चीन सरकार से अनुरोध किया कि ऐसा संयुक्त तंत्र स्थापित किया जाए जिससे भारत तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य का आकलन कर सके। राष्ट्रपति शी ने आश्वासन दिया कि चीन को अपनी जिम्मेदारियों और नदियों के निचले हिस्से वाले देशों के हितों का पूरा ध्यान है। चीन के राष्ट्रपति ने डॉक्टर सिंह को बताया कि संयुक्त तंत्र के प्रस्ताव पर वे गौर करेंगे। 

भारत में निवेश की अपील की चिदम्बरम ने


भारत में निवेश की अपील की चिदम्बरम ने

(प्रवीण श्रीवास्तव)

दुबई (साई)। केंद्रीय वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम ने संयुक्त अरब अमारात के निवेशकों से कहा है कि वे भारत में निवेश कर उसकी विकास यात्रा में भागीदार बनें। कल दुबई में निवेशकों की एक बैठक में श्री चिदम्बरम ने कहा कि सरकार ने भारत में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए अधिक ब्याज दर और निवेश के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने जैसे कई उपाय किए हैं।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया को बताया कि दुबई में खाड़ी क्षेत्र के पूंजी निवेशकों से बातचीत के दौरान वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा कि भारत में मजबूत आर्थिक आधार, ऊंची बचत दर, उदार प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश नीतियों नागरिक उड्डयन, खुदरा, प्रसारण, बीमा, स्टील, कोयला जैसे क्षेत्रों के खुलने और ढांचागत क्षेत्र पर जोर से निवेश के बेहतर अवसर मौजूद हैं।
उधर, वित्तमंत्री ने बैंक ऑफ बड़ौदा के सौवें विदेशी बैंक शाखा का उद्घाटन करते हुए निवेशकों को याद दिलाया कि यूरो जॉन संकट और वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत ने पांच फीसदी से ऊपर की आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है। यही नहीं कोई भी भारतीय बैंक मंदी के दौर में बंद नहीं हुआ।

हेरोईन मामले में राम सिंह बर्खास्त


हेरोईन मामले में राम सिंह बर्खास्त

(विक्की आनंद)

चंडीगढ़ (साई)। पंजाब पुलिस ने हाल ही में एक सौ तीस करोड़ रुपए मूल्य की २६ किलोग्राम हेरोइन की बरामदगी के सिलसिले में, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज राम सिंह को बर्खास्त कर दिया है। हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि पंजाब पुलिस ने उप-निरीक्षक सरबजीत सिंह को भी बर्खास्त कर दिया है, जो एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का करीबी है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सब इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह के घर की गई पुलिस रेड में यह बात सामने आयी है कि जगदीश भोला ने उसकी पत्नी के मोबाइल से फोन भी किए थे। रेड के दौरान पुलिस ने उसके घर से कुछ और नशीला पदार्थ, हथियार व गोली, सिक्का और ग्यारह मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि यह सब इंस्पेक्टर भगौड़ा है और इसे पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया है। इस रेड के साथ पुलिस कर्मचारियों, एनआरआई और खिलाड़ियों के बीच की नेटवर्किंग का भी पता चला है। उत्तर प्रदेश के एक सेवा मुक्त डीएसपी को भी इस संदर्भ में गिरफ्तार किया गया है।

भारत से घबराया इटली, पर किसकी शह पर सौदेबाजी की!


भारत से घबराया इटली, पर किसकी शह पर सौदेबाजी की!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। दो मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी सैनिकों की भारत वापसी के समूचे प्रहसन में इतालवी सरकार बुरी तरह डर गई थी। इटली दूतावास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को साफ तौर पर बताया कि इटली सरकार को भारत के साथ पंगा लेने की बात पर ही पसीना आ रहा था।
सियासी गलियारों में अब इस बात की खोज हो रही है कि डरा हुआ इटली आखिर किसकी शह पर शेर बन गया और अपनी शर्तों पर सैनिक भेजने की बात कहने लगा। इतालवी दूतावास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इटली ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने दो मरीन्स को भारत वापस इसलिए भेजा क्योंकि उसे लग रहा था कि भारत से पंगा भारी पड़ सकता है।
सूत्रों ने बताया कि इटली के निवर्तमान प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने इतालवी मरीन्स को भारत वापस भेजने के कारणों का जिक्र करते हुए कहा है कि उनके देश पर अंतरराष्ट्रीय तौर पर अलग-थलग पड़ने का बड़ा खतरा था। मोंटी ने कहा कि इसके साथ ही भारत के साथ सीरियस लेवल का संकट भी खड़ा हो सकता था। मोंटी ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री गिउलियो तेरजी ने जिस मकसद के साथ इस्तीफा दिया, वह मरीन्स मुद्दे तक सीमित नहीं है। तेरजी के इस्तीफे के बाद मोंटी ने विदेश मंत्रालय अपने पास रख लिया है। उन्होंने भारत के साथ पैदा हुए विवाद के बारे में कई ब्यौरे दिए।
इतालवी समाचार एजेंसी इनसा के अनुसार मोंटी ने कहा कि विकासशील जगत में मुख्य व्यापार साझेदारों के साथ रिश्तों के खत्म होने का जोखिम था, हालांकि उन्होंने मामले को आर्थिक पहलू से जोड़ने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह तेरेजी के इस्तीफा देने के फैसले से हैरान थे और इस बारे में पूर्व विदेश मंत्री ने उन्हें कोई चेतावनी नहीं दी थी कि मंगलवार को वह पद छोड़ देंगे।
इतालवी दूतावास के सूत्रों ने आगे बताया कि देश को हांकने वाली सर्वशक्तिमान महिला दरअसल, इटली मूल की हैं और उन्होंने देश के लोगों के दिखावे के लिए आंखें तरेरी थीं, वस्तुतः अंडरटेबिल डीलिंग के चलते यह तय हो गया था कि इतालवी सैनिकों को डरने की आवश्यक्ता नहीं है, वे यहां आएंगे तो इतालवी सरकार की शर्तों पर। मजे की बात तो यह है कि इस सारे मामले में विपक्ष पूरी तरह मौन साधे बैठा है।

अपनी खिंचाई देख, संत हुए अमर्यादित


अपनी खिंचाई देख, संत हुए अमर्यादित

(आशीष कौशल)

नागपुर (साई)। देश के महाराष्ट्र सूबे में सूखे से सभी वाकिफ हैं, इस राज्य में सूखें के बावजूद प्रख्यात संत आशाराम बापू ने हजारों लिटर पानी की होली खेलकर मीडिया की आलोचना झेलना आरंभ किया। जैसे ही सियासी हल्कों में उनके खिलाफ तीर तरकश तेज हुए वे घबरा उठे और संत होते हुए भी वे अमर्यादित हो कहने लगे किसी के बाप का पानी नहीं लिया है। मीडिया पर भी बापू ने अपना गुस्सा जमकर उतारा।
सूखाग्रस्त महाराष्ट्र में नागपुर और मुंबई के बाद गुजरात के सूरत में होली खेलने पहुंचे आसाराम बापू ने वहां भी जमकर होली खेली। संत का स्वभाव सहनशील और क्षमा करने वाला होता है। इससे उलट संत आसाराम बापू ने तो अपने विरोधियों को ही जमकर खरी खोटी सुना दी।
सूरत से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि वहां भी हजारों लीटर पानी बर्बाद कर डाला। उन्होंने अपनी होली खेलने के तरीके का विरोध करने वालों को खरी-खोटी भी सुनाई। साथ ही यह दावा किया कि वह अपनी शक्ति से हवाओं का रुख बदल सकते हैं और जब चाहे जहां चाहे बरसात भी करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आगे से वह ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं करेंगे और एकांतवास चले जाएंगे।
होली के दिन सूरत स्थित जहांगीरपुरा आश्रम में हाइड्रोलिक पंप से अपने भक्तों पर पानी की बौछार करते हुए बापू ने कहा, मैंने मुंबई में छह हजार लीटर रंग बनवाया था। वहां तीन पाइप लाइन थीं, यहां तो चार हैं। यहां तो छह हजार नहीं 12 हजार लीटर रंग बनवाऊंगा-जलने वाले जला करें। हमारे यहां पानी की बर्बादी नहीं होती और हम किसी सरकार या सरकार के बाप का पानी नहीं लेते।
मीडिया को भी आड़े हाथों लेते हुए बापू ने कहा, मैं दावे से कहता हूं कि जो बिकाऊ मीडिया है वह हमसे सीखे। आधा टैंकर पानी भी खर्च नहीं हुआ और पूरे विश्व में हल्ला मचा दिया। कह रहे हैं कि बापू के साधकों ने मीडिया वालों को मारा। कितने मीडियावालो को मारा? लाखो साधक हैं और एक ही मीडियावाले को मारा? वह भी घूम रहा है। कहीं का भी झगड़ा हो, दिखा देते हैं कि बापू के साधक लड़ रहे हैं।
बापू के मुताबिक, मैंने थोड़े से पानी से अपने भक्तों को भक्ति के रंग से रंगने का प्रयास किया तो मीडिया ने हो-हल्ला मचाया, लेकिन महाराष्ट्र के मंत्री पतंगराव कदम के लिए हैलीपैड बनाने के लिए 41 टैंकर पानी बर्बाद किया गया, जिसे पूछने वाला कोई नहीं है?

मई 2013 तक प्रदेश के सभी जिलों में बिजली उपलब्ध करायी जायगी


मई 2013 तक प्रदेश के सभी जिलों में बिजली उपलब्ध करायी जायगी

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश में मई 2013 तक सभी जिलों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जायेगी तथा अगले साल मध्यप्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र मंे पावर सरप्लस हो जायगा और बिजली की दरों को 5 प्रतिशत घटाने की स्थिति में होगा। यह विचार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज यहां आयोजित पावर विजन कान्क्लेव 2013 में मुख्य अतिथि के रूप मंे भाग लेते हुए रखे। चौहान ने बताया कि जब 2003 में सत्ता सम्भाली थी तब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी में आता था। सड़क और बिजली की स्थिति बदतर थी और कोई भी मानने को तैयार नहीं था कि बिजली के क्षेत्र में मध्यप्रदेश न केवल आत्मनिर्भर हो जायगा बल्कि अन्य राज्यों को बिजली की स्थिति में होगा। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्गों को छोड़कर सड़क निर्माण के क्षेत्र में भी प्रदेश ने काफी विकास किया है, पूरे प्रदेश में लगभग 80 हजार किलोमीटर की सड़कों का जाल बिछाया गया है। प्रदेश के हर गॉव को सड़क से जोड़ने और हर गॉव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने केे सपने को शीघ्र ही साकार किया जायगा।
श्री चौहान के कहा कि विद्युत आपूर्ति के लिए प्रदेश ने न केवल विद्युत उत्पादन में वृद्धि की है बल्कि ताप विद्युत क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को भी प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में कुल उपलब्ध क्षमता 4663 मेगावाटी थी जो मार्च 2014 तक बढ़कर 14736 मेगावाट हो जायगी। उत्पादन क्षमता के साथ-साथ दीर्घ अवधि के क्रय अनुबंधों के माध्यम से विद्युत आपूर्ति सुनिश्वित की जा रही है जो कि क्रय की जाने वाली बिजली का 96 प्रतिशत है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विशेष पहल करते हुए निजी पूंजी निवेश को प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नीमच जिले में देश का सबसे बड़ा 130 मेगावाट सोलर प्लान्ट लगने जा रहा है। विद्युत वितरण नेटवर्क के सुधार के लिए 11000 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। ग्रामीण तथा कृषि वितरण के फीडर को विभाजित कर अब प्रदेश के सभी गॉवों में 24 घंटे बिजली मुहैया कराने की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश विद्युत वितरण कम्पनियों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए वित्तीय पुनर्संरचना पैकेज लागू किया जा रहा है।                                                         
श्री चौहान ने बताया किया 11वीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश की विकास दर 10.20 थी जो देश में दूसरे स्थान पर है। इसी प्रकार कृषि के क्षेत्र में प्रदेश ने 18.91 प्रतिशत की दर से विकास दर हासिल की है।  चौहान ने कहा कि वह पूरी व्यवस्था को बाइब्रेन्ट बनाना चाहते हैं जिसको कि पूरे सिस्टम को सुदृढ़ किया जा सके। अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाया जा सके, प्रदेश अपने संसाधनों को दोहन राज्य के विकास के लिए कर सके। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के सरलीकरण बनाने की जरूरत है जिससे विकास का लाभ आम आदमी तक पहुंच सके। चौहान ने अटल ज्योति अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान के तहत अभी प्रदेश के 6 जिलों (जबलपुर, मंडला, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर और बुरहानपुर) के सभी गॉंवों में बिजली उपलब्ध करायी जा रही है तथा मई 2013 तक सभी जिलों के हर गॉव को बिजली उपलब्ध करा दी जायगी।
श्री चौहान ने प्रदेश में शुरू की गयी मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में बताते हुए कहा कि युवाओं को छोटे तथा मझोले उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उद्योग लगाने के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाने के लिए गारंटी राज्य सरकार दे रही है। चौहान ने गॉव को एक स्वयंभू इकाई बनाये जाने पर भी जोर दिया और कहा कि इससे गांधी जी का सपना साकार होगा।  उन्होंने कहा कि लद्यु और कुटीर उद्योगों का जाल पूरे प्रदेश में बिछाने का लक्ष्य रखा गया है जिससे कि गॉवांे के युवाओं को शहर की तरफ रोजगार के लिए आना न पड़े और गॉव में ही रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध हो सकें। 

ग्वालियर : श्रमजीवी पत्रकार महाधिवेशन शलभ भदौरिया शिवपुरी पहुंचे


श्रमजीवी पत्रकार महाधिवेशन शलभ भदौरिया शिवपुरी पहुंचे

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)।  श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के प्रदेशाध्य्ाक्ष शलभ भदौरिय्ाा गुरूवार साय्ां शिवपुरी पहुंचे और महाधिवेशन की तैय्ाारिय्ाों का जाय्ाजा लिय्ाा। प्रदेशाध्य्ाक्ष शलभ भदौरिय्ाा महाधिवेशन के लिए अब शिवपुरी में ही 4 दिवसीय्ा प्रवास पर रहेंगे। जबकि प्रदेश महामंत्र्ाी (संगठन) विनय्ा अग्रवाल व प्रदेश महासचिव सुरेश शर्मा शुक्रवार 29 मार्च को शिवपुरी पहुंचेंगे।
ज्ञांतव्य्ा है कि शिवपुरी के शिवम सेठ स्टेट परिसर में आय्ाोजित 19वें त्र्ौवार्षिक महाधिवेशन का शुभारंभ भाजपा के प्रदेशाध्य्ाक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर करेंगे। इस मौके पर स्वास्थ्य्ा मंत्र्ाी डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद य्ाशोधरा राजे सिंधिय्ाा, गृह राज्य्ामंत्र्ाी नाराय्ाण सिंह कुशवाह, सामान्य्ा प्रशासन राज्य्ा मंत्र्ाी केएल अग्रवाल, जनसंपर्क मंत्र्ाी लक्ष्मीकांत शर्मा, महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, साडा अध्य्ाक्ष जय्ासिंह कुशवाह, जीडीए अध्य्ाक्ष रविन्द्र सिंह राजपूत एवं उपाध्य्ाक्ष राकेश जादौन मौजूद रहेंगे।
वहीं अधिवेशन के दूसरे दिन 1 अप्रैल को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्र्ाी अनूप मिश्रा, मध्य्ाप्रदेश विधानसभा में उपनेता चौधरी राकेश सिंह एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अशोक सिंह प्रातः 11 बजे कायर््ाक्रम में शिरकत करेंगे। अधिवेशन में प्रदेश के मंत्र्ाी एवं राजनेता शामिल होंगे। आय्ाोजन  के लिए शिवपुरी जिलाध्य्ाक्ष मेहताब सिंह तोमर एवं आय्ाोजन सहय्ाोगी मनोहर शर्मा व उनकी पूरी टीम तैय्ाारिय्ाों में जुटी हुई है। पत्र्ाकार 30 मार्च से शिवपुरी पहुंचेंगे। कायर््ाक्रम को सफल बनाने की अपील करने वालों में  प्रदेश महामंत्र्ाी (संगठन) विनय्ा अग्रवाल, महासचिव सुरेश शर्मा, संय्ाुक्त सचिव डीके जैन, संभागीय्ा अध्य्ाक्ष रमेश राजपूत, महासचिव राजेन्द्र तलेगांवकर, वरिष्ठ उपाध्य्ाक्ष रवीन्द्र झ्ाारखरिय्ाा, उपाध्य्ाक्ष अरविंद श्रीवास्तव, कोषाध्य्ाक्ष संजय्ा त्र्ािपाठी, सचिव अनिल पटेरिय्ाा के अलावा बलराम सोनी, लाजपत अग्रवाल, हरीश दुबे, अरविंद चौहान, भंवर पुष्पेन्द्र चौहान, श्य्ााम पाठक, प्रदीप शास्त्र्ाी, धर्मेन्द्र तोमर, रवि शेखर, राशिद खान, जिलाध्य्ाक्ष अजय्ा मिश्रा, महासचिव रविकांत दुबे, चन्द्रेश गर्ग, फूलचंद मीणा, धीरज बंसल आदि शामिल हैं। 

कैथल : कांग्रेसी नेता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत


कांग्रेसी नेता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। यहां खुराना रोड बिजली घर के पास संदिग्ध परिस्थितियों में एक कांग्रेसी नेता की मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में मृतक के भाई जय नारायण निवासी कुंभ जिला हांसी जोकि हाल में चांद अखाड़ा कैथल में रहता है। मृतक के भाई ने पुलिस में दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसका भाई अजीत उर्फ जीता पहलवान कांग्रेस खले प्रकोष्ठ के जिला प्रधान कल दोपहर बाद से किसी काम के लिए राजीव पुत्र कश्मीरी निवासी सेठान मुहल्ला के घर गया था। उसके बाद देर रात तक वह जब वापिस नहीं लौटा तो राजीव जोकि उसका शिष्य है ने अजीत सिंह उर्फ जीता पहलवान के मोबाइल फोन पर फोन किए लेकिन उसका फोन स्वीच आफ आया। आज सुबह उसकी लाश बिजली घर के पास निर्माणाधीन पार्क के पास मिली। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। थाना शहर प्रभारी विष्णु प्रसाद ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल में भेज दिया। पुलिस ने मौके से एक लाईसैंसी रिवाल्वर जोकि पहलवान अजीत सिंह के नाम थी। मौके से एक मोटरसाइकिल भी बरामद किया गया। मोटरसाइकिल का नंबर एच.आर.08के-9786 बताया गया है। बताया गया है कि उनकी मौत कल देर रात्रि हुई है। पहलवान के शव को कुछ जानवरों ने नौच भी दिया था। शव को देखने से लग रहा था कि बाजू से किसी कुत्ते आदि ने क्षतिग्रस्त कर रखा है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहां डाक्टरों के बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया और शव को परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। समाचार लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी का समाचार नहीं था।

मुजफ्फरनगर : गन्ना किसानों की आरसी न काटी जायेः विकास बालियान


गन्ना किसानों की आरसी न काटी जायेः विकास बालियान

(एस.के.धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की एक बैठक विकास बालियान के आवास पर हुई। वहां वक्ताओं ने कहा कि एक ओर तो अदालत का स्पष्ट आदेश है कि जब तक गन्ना किसानों का विगत वर्ष का भुगतान ब्याज सहित नहीं मिल जाता, तब तक किसी भी गन्ना किसान से किसी भी प्रकार के कृषि ऋण की वसूली नहीं की जायेगी। बावजूद इसके लगातार किसानों से राजस्व वसूली के नाम पर कृषि ऋणों की वसूली की जा रही है। उनकी आर.सी. काटी जा रही है। तहसीलकर्मी किसानों के घरों में जाकर उन्हें अपमानित कर रहे है। उनसे किसी भी प्रकार वसूली के प्रयास किये जा रहे है। आर.सी. कटने के साथ ही 10 प्रतिशत मूल राशि पर अतिरिक्त पैसा जुड जाता है। एक ओर किसानों को उनकी फसल का अदालत के आदेश के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा। वहीं दूसरी ओर उन पर देय बकायों को लेकर उन्हें प्रताडित किया जा रहा है। यह अदालत के आदेशों की अवमानना है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से वीएम सिंह द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ डबल बैंच में दायर रिट संख्या 6429/2012 पर माननीय न्यायधीशांे उमानाथ सिंह एवं विरेन्द्र कुमार दीक्षित ने 06.08.2012 को स्पष्ट आदेश दिया गया था कि राज्य सरकार गन्ना किसानों से किसी भी प्रकार के कृषि ऋण की वसूली उस समय तक स्थगित रखेगी जब तक गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान ब्याज समेत नहीं दिया जाता। बावजूद इसके किसानों से वसूली की जा रही है और उनकी आर.सी. काटी जा रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आज राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी/अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को देने की बात रखी गयी। जिस पर एक प्रार्थना पत्र सम्बंधित अधिकारी को दिया गया। ताकि किसानों की वसूली रूकवायी जा सके।
कृषि ऋण में सरकारी, गैर सरकारी बैंकों के साथ साथ किसान क्रेडिट कार्ड, सोसायटी, सहकारी समिति आदि के देय भी शामिल है। बैठक में मुख्य रूप से संजय सिंह दूधाधारी खेडी, निखिल राणा, चौ. तेजराम राठी, जितेन्द्र सिंह, नरेश त्यागी दिनकरपुर, जगमोहन राणा आदि शामिल थे।

महिला मीडिया कर्मी माही, अश्विन और जडेजा से रखेंगी शादी का प्रस्ताव


महिला मीडिया कर्मी माही, अश्विन और जडेजा से रखेंगी शादी का प्रस्ताव

(भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी)

नई दिल्ली (साई)। हमारी तीन महिला (युवतियाँ) सहयोगियों का कल से पता नहीं चल रहा था। पहले तो हमने उनके घर पता किया वे वहाँ भी नहीं मिली तब अन्ततः पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराकर कथित तौर पर गुमशुदा युवतियों की यथाशीघ्र बरामदगी के लिए पुलिस अफसरान पर प्रेशर बनाया। पुलिस महकमें के ग्रासरूट से लेकर टाप लेबल के अ फसरों ने कथित रहस्यमय ढंग से लापता महिला मीडिया कर्मियों की तलाश शुरू कर दिया। हर सम्भावित स्थानों पर छापे मारने वाले पुलिस बल के हाथों सफलता नहीं लगी। अन्त में उनके मोबाइल सर्विलाँस पर लगा दिये गए, लोकेशन पता चला कि वह तीनों दिल्ली में हैं।
 मैंने दिल्ली में कुछ जान-पहचान वालों को अपनी विपदा सुनाकर मीडिया सहकर्मियों (युवतियों) की फोटो मेल कर दिया। वह लोग भी उनकी तलाश में एक्टिव हो गए। हमारे यहाँ के पुलिस महकमें के सद्र ने मुझे बताया कि उन तीनों मोबाइल्स की लोकेशन दिल्ली के कोटला क्रिकेट स्टेडियम के इर्द-गिर्द पाई जा रही है। अब तो आसान हो गया है वे तीनों जल्द ही पुलिस कस्टडी में आ जाएँगी। इसी बीच सीनियर महिला मीडिया कर्मी का फोन आया। वह बोली- हे सर जी आपके साथ काम करते-करते हमें ऊब सी हो गई थी। महत्वाकाँक्षी हूँ, इसीलिए पैसा, शोहरत कमाने के लिए मीडिया ज्वाइन किया था, लेकिन बीते एक दशक में मुझे नाम भले ही मिला हो, लेकिन बंगला, गाड़ी, नौकर-चाकर की लालसा अभी भी पूर्ववत है।
इस बार मैंने फैसला किया कि अपनी अन्य दोनों सहकर्मियों को लेकर टीम इण्डिया के माही, अश्विन और जडेजा से मिलकर उनसे शादी, रिमैरिज, रिरिमैरिज का प्रस्ताव रखकर पैसा और शोहरत वालियाँ बन जाया जाएँ। सर जी क्षमा करिएगा। टीम इण्डिया ने जैसे ही आस्ट्रेलिया के साथ खेल रहे सीरीज के चौथे अन्तिम टेस्ट में 6 विकेट से जीत दर्ज किया हम लोग माही, अश्विन और रविन्द्र जडेजा से मिलने को बेताब हो गए और आनन-फानन में दिल्ली आ पहुँचे। अब उनके होटल के बाजू एक स्थान पर डेरा डाल लिया है। और हाँ मैंने महेन्द्र सिंह धौनी (माही) को बधाई देते हुए मिलने का समय भी ले लिया है। वह तीनों होली के तीसरे दिन मिलेंगे तब बैठकर विधिवत बात होगी।
मैंने पूंछा ऐसा क्यों कर रही हो? मुम्बई क्यों नहीं गई? वहाँ बॉलीवुड, भोजवुड के सितारे मिल जाते। वह बोली सीरीज में 4-0 से सफाया करने वाले टीम इण्डिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी ने शील्ड प्राप्त किया और मैन ऑफ द सीरीज आर अश्विन तथा मैन ऑफ द मैच का खिताब/पुरस्कार रविन्द्र जडेजा को मिला इन तीनों की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। इन तीनों से बेहतर और कोई वरदूसरा नहीं हो सकता। सर जी मुझे माफ करना। दो-तीन दिन प्रतीक्षा कर लें जैसे ही हम तीनों के मनसूबे पूरे होंगे आप की कंगाली भी दूर होगी। ऐसा हमारा वादा है।
आप परेशान मत होना। वहीं अपनी पुरानी कुर्सी पर पसरकर बैठे रहना, कमरे में बन्द होकर होलीपर आलेख लिखना, रंग-गुलाल से एलर्जीजारी रखना। अब हमारी तरफ से बेफिक्र हो जाइए हम सबके फ्यूचर को लेकर परेशान मत होना। उन तीनों ने चाहा तो हमारी होलीमजेदार बीतेगी। आप हमारे गुरू हैं और सीनियर हैं बस दुआ करिए कि वे तीनों मान जाएँ फिर देखते जाइए हम आप को रोडपति से करोड़पति बना देंगे। हमारा प्रस्ताव जैसे उन तीनों को मंजूर होगा हम तुरन्त आप को इन्फार्म कर देंगे। आप आकर यहाँ के पंच सितारा होटल में अपना आशीर्वाद देकर हमारे सुखमय दाम्पत्य जीवन की मंगल कामना करिएगा।
बस अब इतना ही अब किसी अन्य से मेल चेक करवाएँ और संवाद/आलेखों को अपलोड करवाएँ। यदि कोई गुस्ताखी हुई हो तो क्षमा करें। इतना कहकर फोन काट दिया जाता है। मैं सिर पकड़कर उठ बैठता हूँ। सिर में काफी दर्द हो रहा था, क्योंकि होली के दिन भाँग-धतूरा मिली ठण्डई का सेवन ज्यादा हो गया। सुबह के 5 बजे हैं, अखबार वाले का इन्तजार करने लगता हूँ।