गुरुवार, 17 मई 2012

सूबों में कांग्रेस के हाथों से उड़ रहे तोते


सूबों में कांग्रेस के हाथों से उड़ रहे तोते

यूपी में रीता को हटाने राजमाता को आया पसीन

एमपी में भूरिया से मन भर गया युवराज का

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस के हाल बेहाल हैं। राज्यों में तेजी से कांग्रेस का गिरता जनाधार कांग्रेस के रणनीतिकारों की नींद उड़ाए हुए है। देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी तथा युवराज राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वाले उत्तर प्रदेश सूबे की कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा को पदच्युत करने में कांग्रेस अध्यक्ष अपने आप को असहज महसूस कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के कांग्रेसी निजाम कांति लाल भूरिया के लचर प्रदर्शन ने युवराज का मन भारी कर दिया है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केद्र 10, जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी को हटाने में कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और उनके युवराज पुत्र राहुल गांधी को पसीना आ रहा है। सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले कांग्रेस के दो ताकतवर महासचिव राजा दिग्विजय सिंह और राहुल गांध्ीा नहीं चाहते थे कि रीता बहुगुणा यूपी की कमान संभालें।
बावजूद इसके रीता बहुगुणा की कुर्सी का एक भी पाया राहुल और दिग्गी की जुगल जोड़ी हिला नहीं पाई। रीता बहुगुणा जोशी के नेतृत्व में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस धड़ाम से गिरी। इस चुनाव को राहुल गांधी ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ था। इसके उपरांत भी कोई यूपी कांग्रेस अध्यक्ष का बाल भी बांका नहीं कर सका।
सूत्रों ने कहा कि राहुल सोनिया को मुंह चिढ़ाते हुए रीता बहुगुणा ने चुनावी हार के बाद अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया। तीन महीने बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की सर्वशक्तिमान अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी इतना साहस नहीं जुटा पा रहीं हैं कि वे रीता बहुगुणा का त्यागपत्र मंजूर कर लें।
रीता बहुगुणा की पांचों उंगलियां घी में हैं। यूपी में उनकी कुर्सी का पाया कोई नहीं हिला पा रहा है। उनका लट्टू किस बैटरी से पावर पा रहा है इस बारे में कांग्रेस के रणीनीतिकार शोध कर रहे हैं। रीता ने दांव खेलकर अपने भाई को उत्तराखण्ड का निजाम भी बनवा दिया। कांग्रेस कार्यालय में चर्चा तो यहां तक है कि अगर राहुल गांधी खुद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बनने की घोषणा कर दें तब भी रीता बहुगुणा जोशी अपना पद नहीं छोड़ने वालीं।
उधर, देश के हृदय प्रदेश में सुरेश पचौरी से केंद्र की लाल बत्ती लेकर उन्हें 2008 में प्रदेशाध्यक्ष बनाया था। इसके उपरांत केंद्र में दूसरे मंत्री कांतिलाल भूरिया से लाल बत्ती छीनकर उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी गई। कांति लाल भूरिया के कार्यकाल में कांग्रेस तेजी से रसातल की ओर ही बढ़ी है। भूरिया के निज सहायक के पुत्र को शिवराज सिंह चौहान द्वारा आसवानी (शराब फेक्टरी) देने के आरोप लगे। कार्यकर्ताओं में यह चर्चा आग की तरह फैल चुकी है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों की तरह कांतिलाल भूरिया भी भारतीय जनता पार्टी और शिवराज सिंह चौहान से सैट हैं।
कांग्रेस के युवराज और कांग्रेसियों की नजरों में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी के करीबी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने कांतिलाल भूरिया को हटाने का मन बना लिया है। मिशन 2013 के लिए अब कांग्रेस द्वारा अविवादित चेहरा यानी युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे किया जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो 2013 में एमपी में कांग्रेस का परचम लहराने के लिए कांग्रेस द्वारा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य पर दांव खेला जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि भूरिया को हटाने से आदिवासियों में गलत संदेश तो नहीं जाएगा? इस बारे में भी मशविरा जारी है। यही कारण है कि सिंधिया को अगर प्रदेश की कमान नहीं दी गई तो उन्हें चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया जाएगा।
सूत्रों ने यह भी कहा कि भूरिया को कम ताकत के साथ मुख्यालय और मालवा तक ही सीमित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल सिंह और सिंधिया की जुगल जोड़ी को चुनाव के लिए मौखटे के बतौर इस्तेमाल किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि सिंधिया ने राजधानी भोपाल में अपने लिए एक कार्यालय भी तलाश करना आरंभ कर दिया है।

असंतोष खदबदा रहा किसानों में!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  84

असंतोष खदबदा रहा किसानों में!

शिव के राज में ठगा महसूस कर रहे आदिवासी किसान

(शिवेश नामदेव)

घंसौर (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में संयंत्र प्रबंधन द्वारा खरीदी गई आदिवासी किसानों की जमीनों के मामले में वे अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
कांग्रेसनीत केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में छले गए किसान अब ग्राम बरेला में संयंत्र के सामने धरने पर बैठे हैं। किसानों के अनुसार उनकी जमीनें कांग्रेस और भाजपा के नेताओं की सरपरस्ती में दलालों ने औने पौने दामों में खरीद ली गई। किसानों का आरोप है कि संयंत्र प्रबंधन को यह जमीन उंचे दामों पर बेची गई है।
आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के हालात देखकर लगता है कि अगर शासन प्रशासन ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाया तो इसका अंजाम दिग्विजय सिंह के शासनकाल में बैतूल और हाल ही में हुए रायसेन के किसान आंदोलन से ज्यादा गंभीर हो सकता है। किसानों के अंदर ही अंदर असंतोष का लावा जमकर खदबदा रहा है।
इतना सब कुछ देखने सुनने के बाद भी कांग्रेस और भाजपा के नुमाईंदे इन किसानों के रिसते घावों पर मरहम लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। चर्चा है कि 6800 करोड़ की लागत से लगने वाले इस संयंत्र में प्रबंधन ने मिस्लेनियस फंड में बड़ी मात्रा में राशि रखी है। इसी राशि से संयंत्र प्रबध्ंान द्वारा कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के मुंह बंद कर रखे हैं। इन चर्चाओं में सच्चाई कितनी है यह बात तो कांग्रेस, भाजपा के नुमाईंदे और संयंत्र प्रबध्ंान जाने किन्तु किसानों के आंदोलन में कांग्रेस भाजपा की बेरूखी से साफ हो जाता है कि दोनों ही सियासी दल किसान आदिवासियों के हितों की बातें सिर्फ भाषणों में ही किया करते हैं।
उधर, पुलिस सूत्रों का कहना है कि अर्धसैनिक बलों की दो टुकड़ियां भी घंसौर पहुंच चुकी हैं। माना जा रहा है कि इस तरह बल पूर्वक किसानों के आंदोलन के दमन करने की मंशा में सरकार है। अगर वाकई किसानों के आंदोलन को दमनात्मक तरीके से कुचला गया तो स्थिति और भी विस्फोटक होने की उम्मीद जताई जा रही है।

आंदोलन समाप्त कराने गड्डम सड्डम किया प्रशासन ने


आंदोलन समाप्त कराने गड्डम सड्डम किया प्रशासन ने

किस धारा के तहत पकड़कर कुरई से लाए सिवनी!

बसों के अधिग्रहण के मामले में है संशय

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल की स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे के सिवनी जिले के विवादित जर्जर हिस्से के रखरखाव को लेकर क्षेत्रवासियों के आंदोलन में पुलिस और प्रशासन की भूमिका को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
बुधवार को आदिवासी विकासखण्ड कुरई मुख्यालय में जनता द्वारा अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली गई और सभा का का आयोजन किया गया। इसी बीच उत्तर दक्षिण को जोड़ने वाले इस मार्ग जिसे जीवनरेखा माना जाता है पर वाहनों का अंबार लग गया। यह चक्का जाम था या पुलिए प्रशासन का एहतियातन कदम यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है।
आंदोलन के दरम्यान पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों को धर दबोचा गया। आंदोलन कारियों को तीन यात्री बसों में भरकर कुरई से नगझर स्थित जेल लाया गया। इनमें से एक यात्री बस जिसमें केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के मुर्दाबाद के नारे लग रहे थे को शहर के अंदर से ले जाया जाना भी खासा चर्चित रहा। बताते है। कि इस बस के आगे विधायक श्रीमति नीता पटेरिया और नगर पालिकाध्यक्ष राजेश त्रिवेदी का वाहन हूटर बजाते चल रहा था, जिसको देखकर लोग खासे आश्चर्य चकित रहे।
बताया जाता है कि नगझर स्थित जेल के बाहर आंदोलनकारियों ने जमानत लेने से इंकार कर दिया। इन आंदोलन कारियों को आखिर किस धारा के तहत पुलिस ने पकडा? क्या इन्हें चक्का जाम के जुर्म में पकड़ा गया था? जिन बस में आंदोलनकारी सिवनी लाए गए वे यात्री बस क्या प्रशासन ने अधिग्रहित की थी? अगर प्रशासन ने बसों को अधिग्रहित किया गया था तो इनके पीयूएल अर्थात ईंधन आदि की व्यवस्था कहां से की गई? इन सारे प्रश्नों के जवाब इन पंक्तियों के लिखे जाने तक निरूत्तर ही थे।

मितव्ययता बरतेगी सरकार!

मितव्ययता बरतेगी सरकार!
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। भारी खर्चों के चलते अब सरकार ने अपने हाथ खींचना आरंभ कर दिया है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संकेत दिया कि मजबूत वित्तीय स्थिति सुनिश्चित करने के सरकार खर्च में कटौती करने के लिए कुछ कदम उठा सकती है। राज्यसभा में विनियोग और वित्त विधेयक पर बहस का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के मद्देनजर यह कदम जरूरी है।
वित्तमंत्री ने कहा कि उनका मकसद घबराहट फैलाना नहीं बल्कि इसे सबको सिर्फ सावधानी के रूप में लेना चाहिए। श्री मुखर्जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की सफलता जारी रहेगी। उन्होनं कहा कि भारत की विकास दर के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें कई अड़चनें हैं। विकास दर आठ दशमलव चार प्रतिशत से घटकर छह दशमलव नौ प्रतिशत हो सकती है, नौ प्रतिशत से कम होकर छह दशमलव सात प्रतिशत हो सकती है, लेकिन फिर इसमें वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चार, पांच या फिर छह वर्षों में विकास दर का आकलन करना होगा, न कि एक, दो अथवा तीन तिमाही में।
वित्तमंत्री ने परियोजनाओं को तेजी से लागू करने पर जोर दिया ताकि उनकी लागत न बढ़े और उन्हें समय पर पूरा किया जा सके। उन्होंने पूर्वी राज्यों में हरित क्रांति की चर्चा करते हुए कहा कि देश के भंडार में ७० लाख टन अतिरिक्त चावल जमा हो गया है, जिसकी विश्वभर में सराहना हुई है।
उन्होंने कहा कि २५ करोड़ ३० लाख टन अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन भंडारण की समस्या है। सरकार ने भंडारण क्षमता में सात करोड़ टन से अधिक की वृद्धि की है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम -मनरेगा के कार्यान्वयन में हेराफेरी की बात स्वीकार की।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम के लागू होने से खेतीहर श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सकल घरेलू उत्पाद -जीडीपी की वृद्धि दर लगभग सात दशमलव पांच प्रतिशत के आसपास रहेगी। संसद ने २०१२ के विनियोग और वित्तीय विधेयकों को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि डीजल में तीन रूपए तो पेट्रोल में पांच रूपए की बढोत्तरी हो सकती है।

बेवड़े शहरूख ने मचाया स्टेडियम में धमाल!


बेवड़े शहरूख ने मचाया स्टेडियम में धमाल!

(दीपक अग्रवाल)
मुंबई (साई)। विवाद और शाहरूख खान का चोली दामन का साथ है। हाल ही में मुंबई में मैच के उपरांत शाहरूख खान का तैश में आकर गालियां बकना उनको भारी पड़ सकता है। एमसीए ने शाहरूख के खिलाफ कठोर कदम उठाने का मन बनाया है। उधर, शाहरूख को बचाने के लिए केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला आगे आने लगे हैं।
एमसीए के कोषाध्यक्ष रवि सावंत ने बताया कि बुधवार को केकेआर की जीत के बाद शाहरुख अपने बाउंसरों के साथ ड्रेसिंग रूम में जाने लगे। इस दौरान नशे में धुत शाहरुख के सामने एक लड़की आई। लड़की से उन्होंने पूछा कि वह किस टीम को सपोर्ट करती है, इसका जवाब मुंबई इंडियन्स मिलने पर तिलमिलाए शाहरुख ने लड़की को भला-बुरा कहा।
उधर, एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, जब शाहरुख ड्रेसिंग रूम में गौतम गंभीर और टीम के बाकी खिलाड़ियों से मिल रहे थे, तब उनके साथ आए बच्चे मैदान के ठीक किनारे खड़े थे। वे मैदान पर जाना चाहते थे लेकिन ग्राउंड पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद बवाल शुरू हो गया।
जब यह बात शाहरुख को पता लगी तो वह ड्रेसिंग रूम से बाहर आए और वाचमैन से भिड़ गए। इसके बाद वह बाउसंरों के साथ स्टेडियम की ओर जाने लगे। सावंत ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने जब उन्हें रोकना चाहा तो शाहरुख गाली-गलौज और हाथापाई पर उतर आए। सावंत के मुताबिक शाहरुख ने बीच-बचाव के लिए आए एमसीए के अधिकारियों से भी गाली-गलौज की।
सावंत के मुताबिक शाहरुख ऐसी गालियां दे रहे थे कि कोई सोच भी नहीं सकता है। एमसीए के अधिकारी विनोद देशपांडे के मुताबिक शाहरुख बेहद नशे में थे। मैदान में न घुसने देने से नाराज शाहरुख चिल्ला रहे थे कि जिंदा गाड़ दूंगा, देख लूंगा, उखाड़ लो जो उखाड़ना है, तुम कौन होते हो मुझे रोकने वाले, अपनी औकात मे रहो, तुम होते कौन हो और मुझसे ऐसे कैसे बात कर रहे हो, देखता हूं तुम मुझे कैसे बाहर निकाल सकते हो, यह मेरा देश और शहर है, मुझे यहां से कोई नहीं निकाल सकता और न कोई छेड़ सकता है।
 बॉलीवुड अभिनेता और कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के मालिक शाहरुख खान पर वानखेड़े स्घ्टेडियम में झगड़ा करने का आरोप लगा है। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के खजांची रवि सावंत ने बुधवार रात स्घ्टेडियम में हुई घटना का ब्घ्यौरा बयां करते हुए उन पर नशे में धुत होने का आरोप भी लगाया है। घटना के समय मौजूद मुंबई पुलिस के एसीपी इकबाल शेख ने भी इसकी पुष्टि की है।
एसीपी शेख ने कहा कि वानखेड़े स्टेडियम में बखेड़ा खड़ा करने वाले शाहरुख खान ने शराब पी रखी थी और मैदान पर असंयत व्घ्यवहार कर रहे थे। उन्घ्होंने कहा कि शाहरुख के मुंह से शराब की बदबू आ रही थी, हालांकि यह कोई अपराध नहीं है। उन्होंने कहा कि घटना के थोड़े समय बाद वह वहां पहुंचे थे और बीच बचाव करके मामला शांत कराया था।
शेख ने बताया कि एमसीए के सचिव नितिन दलाल ने मरीन ड्राइव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि खान ने एमसीए स्घ्टाफ को गालियां दी और अभद्र व्घ्यवहार करते हुए देख लेने की धमकी दी। खान और उनके सहयोगियों ने एमसीए स्घ्टाफ में शामिल एक महिला के साथ भी अभ्रदता की। इस महिला की पहचान नहीं हो सकी है। 
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में मोरानी ब्रदर्स सहित शाहरुख के अन्य दस दोस्तों का भी जिक्र किया गया है। शेख ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। हालांकि शाहरुख खान को पूछताछ के लिए अभी नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि घटना का सीसीटीवी फुटेज मंगाया गया है और इसे देखने और प्रत्घ्यक्षदर्शियों से बातचीत के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जायेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरूख से मिलने पुलिस उनके घर पर गई पर उनके सोते रहने के कारण पुलिस उनसे मिल नहीं पाई।
इन आरोपों पर अभी शाहरुख की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने बीसीसीआई को निशाने पर लिया है। उन्घ्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं होता कि शाहरुख शराब पीकर स्टेडियम में आए होंगे। हो सकता है यह बीसीसीआई की अपने बचाव में गढ़ी गई कहानी हो। उन्घ्होंने कहा कि इस तरह की घटना शर्मनाक है।
आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा कि वानखेड़े स्घ्टेडियम में कल रातहुए घटनाक्रम के बारे में उन्घ्होंने केकेआर से रिपोर्ट मांगी है और एमसीए से भी अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसके बाद ही इस मामले में कोई फैसला किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसी व्घ्यक्ति के स्टेडियम में प्रवेश पर बैन लगाने का अंतिम अधिकार वर्किंग कमेटी के पास है और वह इस बारे में एमसीए अध्घ्यक्ष विलास राव देशमुख से बातचीत करेंगे। शुक्ला ने स्पष्ट किया कि वानखेड़े स्घ्टेडियम में शाहरुख के घुसने पर पाबंदी लगाने के मामले में अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और सभी पक्षों को सुनने के बाद ही निर्णय पर पहुंचा जायेगा।
चर्चा है कि एमसीए ने आईपीएल के बाकी मैचों में स्टेडियम में शाहरुख के घुसने पर रोक लगा दी है और कोशिश कर रही है कि उन पर यह पाबंदी पूरी उम्र के लिए लगवाई जाए। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन कोलकाता नाइटराइडर्स के मालिक शाहरुख खान पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। एमसीए का दावा है कि उनके पास शाहरुख पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज हैं। संभव है ये फुटेज आज सार्वजनिक भी कर दिए जाएं।
देखा जाए तो अमिताभ बच्चन की बादशाहत को समाप्त करने का सपना देखने वाले शाहरूख खान ने कई बार मुंह की खाई और विवाद में पड़ गए। पेश हैं शाहरूख के कुछ चर्चित विवाद:-
0 सिगरेट पीकर फंसे शाहरुख
सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीकर शाहरुख कई बार फंस चुके हैं। इसके बाद भी वे ऐसा बार-बार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस आईपीएल में भी जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में शाहरुख स्टेडियम में सिगरेट पीकर कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा चुके हैं। इसके खिलाफ बकायदा 8 अप्रैल को एक याचिका में शाहरुख के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। इस मामले में कोर्ट ने शाहरुख को खुद 26 मई को अदालत में पेश होना है।
0 शाहरुख-गांगुली विवाद
गांगुली को लेकर भी शाहरुख पर कई बार उंगलियां उठी हैं। पहले जब सौरव केकेआर टीम में थे, तब तो आरोप लग ही रहे थे। अब जब सौरव पुणे वॉरियर की टीम से खेल रहे हैं तो दोनों की तुलना से भी शाहरुख नाराज हो उठे और उन्होंने गुस्से में प्रशंसकों को विवाद पैदा न करने की नसीहत तक दे दी।
0 शाहरुख-शोएब विवाद
पाकिस्तानी गेंदबाज शोएब अख्तर भी शाहरुख खान पर धोखा देने का आरोप लगा चुके हैं। शोएब अख्तर ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि आईपीएल में शामिल होने के लिए दी गई राशि से वे खुश नहीं थे, लेकिन शाहरुख ने झूठ बोलकर उन्हें मनाया था।
0 शिरीष कुंदर से मारपीट
इसी साल जनवरी में शाहरुख खान के खिलाफ कोरियोग्राफर फराह खान के पति शिरीष कुंदर के साथ मारपीट का आरोप लगा। ये वाकया संजय दत्त की एक पार्टी में हुआ था। इस पार्टी में शिरीष ने शाहरुख के ऊपर कोई कमेंट कर दिया था, जिससे तैश में आकर शाहरुख ने उन्हें थप्पड़ रसीद दिया।
0 शाहरुख-सलमान के बीच लड़ाई
16 जुलाई 2008 को कटरीना की बर्थडे पार्टी में भी शाहरुख खान और सलमान खान के बीच जमकर झगड़ा हुआ। आपसी बातचीत के बाद विवाद इतना बढ़ा कि दोनों के बीच मारपीट तक की नौबत आ गई। खास बात ये है कि इस झगड़े के दौरान बॉलीवुड के कई नामचीन सितारे मौजूद थे।
0 अवॉर्ड समारोहों में मजाक
फिल्म फेयर अवॉर्ड के दौरान शाहरुख ने कई बार अपने साथी कलाकारों और दूसरे दिग्गजों का मजाक उड़ाया है। एक बार अमर सिंह के बारे में बोलते हुए उन्होंने ये तक कह दिया कि उनकी आंखों में दरिंदा नजर आता है। वहीं, आमिर समेत कई दूसरे कलाकारों का भी मजाक उड़ाने के आरोप लगे हैं।