सोमवार, 1 अक्टूबर 2012

बाजपेयी का अक्स देख रहे शिवराज में भाजपाई!


बाजपेयी का अक्स देख रहे शिवराज में भाजपाई!

शिवराज बन गए हैं, पीएम मेटेरियल

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी में प्रधानमंत्री का एक और दावेदार बढ़ गया है। राजग के पीएम इन वेटिंग एल.के.अड़वाणी के परिदृश्य से बाहर होने के बाद गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी ही पीएम के तगड़े उम्मीदावार बनकर उभरकर सामने आए। भाजपा का बड़ा वर्ग नरेंद्र मोदी को भावी प्रधानमंत्री के बतौर देखने लगा, पर संघ को मोदी की जल्दबाजी रास नहीं आई।
वहीं, दूसरी पारी मिलने के बाद भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी पीएम के स्वाभाविक उम्मीदवार ही हैं। मोदी और गड़करी में मोदी की वजनदारी काफी अधिक ही प्रतीत हो रही है। इन परिस्थितियों में नरेंद्र मोदी का कद कम करने की गरज से कुछ ताना बाना बुनना आरंभ हो गया।
हाल ही में सूरजकुण्ड अधिवेशन में भरे मंच से नरेंद्र मोदी सहित सात में से छः मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में गड़करी ने जिस तरह से शिवराज सिंह चौहान की तारीफों में कशीदे गढ़े उससे सभी भोंचक्के थे। जब गड़करी द्वारा शिवराज सिंह चौहान को विकास पुरूष निरूपित किया जा रहा था उस वक्त नरेंद्र मोदी की भाव भंगिमाएं देखकर लग रहा था मानो उनके मुंह में कुनैन की कड़वी गोली फूट गई हो।
झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय केशव कुंजके उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री पद के लिए कछुए की तरह लगातार बढ़ रहे शिवराज सिंह चौहान भी संघ की पसंद बनकर उभर रहे हैं। संघ के आला नेताओं को शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश में आरंभ की गई अनेक योजनाएं भा रही हैं। ये योजनाएं विशेषकर गरीब और सर्वहारा वर्ग को केंद्रित कर बनाई गई हैं।
संघ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संघ के आला नेताओं की आंखों का तारा बनने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने बडे जतन किए हैं। शिवराज हर पखवाड़े नियमित तौर पर संघ के भोपाल स्थित कार्यालय समिधा जाकर वहां नेताओं के साथ सत्ता और संगठन के मुद्दों पर गहन विचार विमर्श अवश्य करते हैं।
इसके अलावा शिवराज ने बाल आप्टे समिति के प्रतिवेदन पर सबसे पहले अमल कर मीडिया से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों में संघ पृष्ठभूमि वाले संघनिष्ठों की भर्ती को पूरी प्राथमिकता दी है। संघ का एजेंडा लागू करने में शिवराज सिंह चौहान ने अन्य भाजपाई मुख्यमंत्रियों को मीलों पीछे छोड़ दिया है।
दबे पांव हर शैक्षणिक संस्था और सरकारी कार्यालयों में सूर्य नमस्कार और वन्दे मातरम अनिवार्य कर शिवराज सिंह चौहान ने इतिहास लिखा है, यद्यपि इन दोनों ही बातों को पुरजोर विरोध हुआ फिर भी शिवराज सिंह चौहान अपने इरादों से डिगे कतई नहीं। अपने पुराने संसदीय क्षेत्र विदिशा में पांव पांव वाले भईया के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान की खासियत यह है कि वे सहज, सुलभ और मृदुभाषी हैं। उनकी यही विशेषता संघ को भा चुकी है। संघ की मंशानुसार शिवराज ने बौद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना भी करवा दी है।
लाडली लक्ष्मी योजना के जरिए वे राज्य में मामा के नाम से मशहूर हो चुके हैं। तो हाल ही में किसानों के लिए उन्होंने जीरो फीसदी पर कर्ज मुहैया कराने की योजना शुरू करते हुए श्श्ब्याज जीरो, किसान हीरोका नारा दिया। अब तीर्थदर्शन योजना काफी सफल हो रही है. गांव में जाकर साइकिल से दौरा करना। कहीं भी अपना काफिला रुकवा कर चौक-चौराहे बैठे लोगों से गपशप करना उनकी आदत में है। गांवों में उन्हें पांव-पांव वाले भैयाके नाम से पुकारा जाता है।
मुख्यमंत्री बनने के उपरांत शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली लक्ष्मी योजना सुपर डुपर हिट हो चुकी है। हाल ही में उन्होंने प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के जरिए सरकारी खर्च पर तीर्थ करवाकर ना केवल बुुजुर्गों का आर्शीवाद लिया है वरन शिवराज सिंह चौहान ने अनेक हिन्दू परिवारों को अपने साथ जोड़ लिया है।
सीएम तीर्थ दर्शन योजना में यात्रा के साथ ही साथ खाना पीना यहां तक कि पूजन अर्चन में आने वाले खर्च को भी मध्य प्रदेश सरकार ही वहन कर ही है। भाजपा से मुस्लिम कम ही जुड़ते हैं, पर शिवराज सिंह चौहान ने मुस्लिम परिवारों को अजमेर शरीफ की यात्रा करवाकर सिक्सर मार दिया है जिसकी काट कांग्रेस के पास शायद ही हो।
भारतीय जनता पार्टी के अंदर अब शिवराज सिंह चौहान में कार्यकर्ता अटल बिहारी बाजपेयी का अक्स देख रहे हैं। जिस तरह अटल बिहारी बाजपेयी ने बिना किसी की आलोचना प्रशंसा की परवाह किए ही अपने पथ पर लगातार चला गया, ठीक उसी तरह गांव के आम आदमी की छवि वाले शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी जनहित की योजनाओं को परवान चढ़ाया जा रहा है।
सियासी गलियारों में यह बात भी तेजी से सामने आ रही है कि अगर राजग में प्रधानमंत्री के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे किया गया तो उनके नाम पर बिहार के निजाम नितीश कुमार सहित अन्य घटक दलों यहां तक कि भाजपा और संघ के आला नेताओं को कोई आपत्ति शायद ही हो।

मीडिया में चर्चा है जनसंपर्क के तीन एसएमएस की!


मीडिया में चर्चा है जनसंपर्क के तीन एसएमएस की!

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। एक अखबार मालिक को विज्ञापन ना मिलने के पीछे मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन का हाथ है? क्या यह सच है? हालात तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं। सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन से मिलने और उन्हें राजी करने के लिए जनसंपर्क महकमे के एक आला अधिकारी द्वारा एक अखबार के संपादक मालिक को तीन तीन एसएमएस भेजे गए हैं।
जनसंपर्क विभाग के बाणगंगा स्थित मुख्यालय से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग के एक आला अधिकारी ने उक्त समाचार पत्र के मालिक संपादक को सीधे फोन करके नहीं वरन् अपने मोबाईल से एसएमएस कर यह मशविरा दिया गया है कि वे गौरी शंकर बिसेन से संपर्क करें।
बताया जाता है कि मध्य प्रदेश से प्रकाशित एक समाचार पत्र को विज्ञापन नहीं दिए जा रहे हैं। इस पर अखबार के संपादक मालिक द्वारा इस संबंध में जनसंपर्क संचालनालय के आला अधिकारियों से गुहार लगाई। पहले हीला हवाला करने के उपरांत जब मालिक को हकीकत का भान हुआ तो उसकी तह में एमपी के सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन निकले।
जनसंपर्क विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि विभाग में इन दिनों उक्त आला अधिकारी के तीन एसएमएस चर्चाओं में हैं। पहले एसएमएस में जनसंपर्क विभाग के एक आला अधिकारी द्वारा कहा गया है कि प्लीज रिक्वेस्ट होनरेबल मिनिस्टर बिसेन। दूसरे एसएमएस में कहा गया है कि प्लीज टॉक टू श्री गौरी शंकर बिसेन जी। एवं अंतिम एसएमएस में सलाह दी गई है कि प्लीज टॉक टू द मिनिस्टर, आई केन नाट इग्नोर हिम।
इस तरह के एसएमएस 94251...... नंबर पर किए गए हैं, जिनका रिकार्ड आसानी से निकलवाया जा सकता है। ये तीन एसएमएस आखिर किस कारण किए गए? ऑनरेबल मिनिस्टर गौरी शंकर बिसेन की चिरौरी करने जनसंपर्क के एक आला अधिकारी ने अखबार के संपादक को क्यों मशविरा दिया? क्या जनसंपर्क विभाग का काम लक्ष्मीकांत शर्मा के स्थान पर गौरी शंकर बिसेन के पास है? इस बारे में उत्तर या तो लक्ष्मी कांत शर्मा, या गौरी शंकर बिसेन अथवा जनसंपर्क विभाग के उक्त आला अधिकारी या संपादक ही दे सकते हैं, पर इन दिनों मीडिया बिरादरी में तीन एसएमएस की चर्चाएं जोरों पर हैं।

क्या सिवनी शामिल होगा मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन में!


. . . तो एंबारकेशन प्वाईंट क्या होगा

क्या सिवनी शामिल होगा मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन में! 

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरंभ की गई मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में सिवनी जिले को शामिल किया जाएगा अथवा नहीं इस बात पर अभी शंका बरकरार है। अगर सिवनी को शामिल कर भी लिया गया तो इसका एंबारकेशन प्वाईंट छिंदवाड़ा, बालाघाट, जबलपुर, नरसिंहपुर या नागपुर होगा?
ज्ञातव्य है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा सरकारी खर्च पर वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ दर्शन कराने का अभिनव अभियान चलाया हुआ है। इस योजना के तहत चयनित वरिष्ठ नागरिकों को सरकारी खर्च पर तीर्थ स्थानों के दर्शन करवाए जाते हैं। इस योजना में यात्रा व्यय के साथ ही साथ खाने पीने यहां तक कि पूजन अर्चन में होने वाले व्यय का भोगमान भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ही भोगा जाता है।
सीएम की इस योजना में हिन्दु धर्मावलंबियों के साथ ही साथ हाल ही में मुस्लिम धर्मावलंबियों को अजमेर शरीफ के दर्शन भी करवा दिए गए हैं। मध्य प्रदेश सरकार की इस अभिनव योजना में तीर्थ यात्रियों को भारतीय रेल का पूरा रेक ही बुक करके दर्शन के लिए भेजा जाता है।
दरअसल सिवनी के निवासी सालों से ब्राडगेज की रास्ता देख रहे हैं। सिवनी के विधायक सांसदों ने अभी तक सिवनी जिले को इस योजना में जोड़ने की मांग भी अभी तक नहीं रखी गई है। सिवनी जिले के भाजपाई सांसद के.डी.देशमुख, विधायक और प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया, शशि ठाकुर एवं कमल मस्कोले के साथ ही साथ कांग्रेस के सांसद बसोरी सिंह मसराम, एवं विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर ने भी इस मामले में सीएम से कोेई बात नहीं की है।
हाल ही में हज यात्रियों के लिए एंबारकेशन प्वाईंट को लेकर भी काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस ने हरवंश सिंह की अगुआई में इस मामले में केंद्रीय मंत्री कमल नाथ से तो भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भोपाल जाकर आवाज बुलंद करने की खबरें मीडिया के माध्यम से प्रचारित प्रसारित करवा दी। बाद में माननीय न्यायालय में गए दो युवकों की मेहनत रंग लाई और एंबारकेशन प्वाईंट भोपाल से हटकर नागपुर हुआ। जब एंबारकेशन प्वाईंट के बारे में अल्प संख्यक समुदाय को इस बात का भान हुआ कि उन्हें कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेताओं ने ही छला है तो उन्हें काफी क्षोभ हुआ।
वैसे मुख्मयंत्री तीर्थदर्शन योजना के मसले में अगर भूल से सिवनी जिले के विधायक सांसदों द्वारा मांग की जाती है और सरकार भूल से उसे मान लेती है एवं सिवनी जिले को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल कर लिया जाता है तो यक्ष प्रश्न तो यही खड़ा है कि आखिर इस योजना में ब्राडगेज के रेल्वे स्टेशन जो छिंदवाड़ा, बालाघाट, नरसिंहपुर, जबलपुर और नागपुर में हैं, में कहां से तीर्थयात्री रेल पकड़ पाएंगे?

जम्मू काश्मीर के युवाओं को नौकरी देगा केंद्र


जम्मू काश्मीर के युवाओं को नौकरी देगा केंद्र

(विक्की आनंद)

मोहाली (साई)। केन्द्र सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान जम्मू-कश्मीर के लगभग सात हजार युवाओं को नौकरियां देगी। यह कार्य पिछले वर्ष दिसम्बर में शुरू की गई रोजगार से जुड़ी कौशल विकास परियोजना हिमायतके अंतर्गत किया जाएगा। यह जानकारी केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कल चंडीगढ़ के पास मोहाली में जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सम्बोधित करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दिसम्बर में इस कार्यक्रम के शुरू होने के बाद से एक हजार सात सौ युवाओं को नौकरियां दी जा चुकी हैं। इनमें से १३४ को चंडीगढ़ में और अन्य को लुधियाना, दिल्ली तथा गुड़गांव की कम्पनियों में नौकरियां मिली हैं। कुछ युवाओं को जम्मू-कश्मीर में भी नौकरियां दी गई हैं। इस महीने लगभग दो हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे।

वन्य जीवों की सुध ली असम सरकार ने


वन्य जीवों की सुध ली असम सरकार ने

(पुरबालिका हजारिका)

गोवहाटी (साई)। असम सरकार वन्य जीवों के शिकार और वन्य जीव उत्पादों की तस्करी की समस्या से निपटने के लिए एक वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की स्थापना करेगी। यह जानकारी असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कल गुवाहाटी में दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वन्य जीवों और वन संरक्षण पर एक श्वेत पत्र लाएगी, जिसमें इस क्षेत्र में उनकी सरकार और पिछली सरकार के काम का ब्यौरा होगा।
भारतीय जनता पार्टी और असम गण परिषद् जैसे विपक्षी दलों ने सरकार पर वन्य जीवों का शिकार रोकने में विफलता का आरोप लगाया है। श्री गोगोई ने कहा कि गेंडों के शिकार में उग्रवादी गुटों का हाथ पाया गया है। सरकार का ग्राम रक्षा समितियों की तर्ज पर वन्य जीव रक्षा दल बनाने का भी विचार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन्य जीव संरक्षण के काम में गैर-सरकारी संगठनों को भी शामिल करना चाहती है।

समुद्र तट शैक नीति की घोषणा


समुद्र तट शैक नीति की घोषणा

(सुनील सोनी)

पणजिम (साई)। गोआ सरकार ने आगामी पर्यटन मौसम के लिए समुद्र तट शैक नीति की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य समुद्र तट को सुरक्षित और साफ-सुथरा रखना है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस नई नीति के अंतर्गत राज्य में समुद्र तट पर तीन सौ २९ शैक बनाये जाएंगे।
सरकारी सूत्रों ने आगे बताया कि इस नीति के तहत गोवा सरकार ने शैक संबंधित लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी की है। ए टाइप के बीचों पर स्थापित किए जाने वाले शैक के लिए लाइसेंस में तीस हजार से चालीस हजार तक तथा बी टाइप के बीचों पर स्थापित किए जाने वाले शैक के लिए लाइसेंस फीस बीस हजार रुपए से २५ हजार तक बढ़ाई गई है। समुद्र तट शैक पॉलिसी के अनुसार हर एक शैक के लिए सीसीटीवी का उपयुक्त अनिवार्य होगा। हर एक शैक धारक को सीसीटीवी का फुटेज २४ घंटों तक संभाल कर रखना होगा।

क्या शिव होने देंगे झा का प्रभात


क्या शिव होने देंगे झा का प्रभात

(राजेश शर्मा)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्ष तक को लगातार दो कार्यकाल मिल सकने के संविधान संशोधन को राष्ट्रीय परिषद की हरी झंडी मिल गई है। अब लोगों की नजरें देश के हृदय प्रदेश पर आकर टिक गईं हैं। प्रभात झा को दूसरा कार्यकाल मिल पाएगा या नहीं इस बात में अभी संशय बरकरार ही है।
माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश भाजपा में अगला डेढ़ माह भारी उथल पुथल भरा होगा। प्रभात झा को दूसरा कार्यकाल मिल सकता है, लेकिन यह आसान नहीं होगा। प्रदेश अध्यक्ष पद के और भी कई दावेदार हैं। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूमिका भी अहम होगी। प्रदेश कार्य समिति,संगठन महामंत्री, संभाग और जिलों के संगठन मंत्री से लेकर मंडल अध्यक्षों तक बदलाव की बयार चल सकती है। नकारा साबित हुए अध्यक्षों की विदाई होगी। पदाधिकारियों के सामने कार्यकर्ताआंे को खुश करने और लगातार तीसरा विधानसभा चुनाव जीतने की चुनौती होगी।
पार्टी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश समेत उन सभी राज्यों में आम सहमति से संगठन चुनाव कराना चाहता है जहां इसी साल या अगले साल चुनाव होने हैं। इन राज्यों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्षों को दूसरा मौका भी दिया जा सकता है।
मप्र में झा के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा और सुमित्रा महाजन को भी दावेदार माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तोमर या रामपाल को तरजीह दे सकते हैं, जबकि महाजन संघ के भरोसे हैं। वे महिला को अध्यक्ष पद देने की मुहिम चला सकती हैं।
वहीं, दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि चूंकि प्रभात झा द्वारा सरकार के कामों में जरूरत से ज्यादा हस्ताक्षेप किया जा रहा है इसलिए शिवराज सिंह चौहान जल्द से जल्द प्रभात झा की बिदाई चाह रहे हैं। सरकार की छवि को उकेरने का काम करने वाला जनसंपर्क महकमे पर भी अब सरकार के बजाए संगठन के इशारों पर चलने के आरोप भी लग रहे हैं।

गणेश विसर्जन में दो डूबे


गणेश विसर्जन में दो डूबे

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। रायपुर के बीरगांव के शीतला तालाब में शनिवार शाम 4.30 बजे गणोश प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक 10 वर्षीय छात्र विशाल सिंह की डूबने से मौत हो गई। जबकि दुर्ग में दोपहर 2.45 बजे शिवनाथ नदी के कोटनी एनीकट में 17 वर्षीय छात्र थम्मन की डूबने से मौत हो गई।
वह भी गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए गया था। देर शाम तक उसका शव नहीं मिल पाया था। शहर के महावीर विद्यालय में 12वीं की पढ़ाई कर रहा थम्मन लाल साहू गयानगर में शिक्षक दीपक बंछोर के घर ट्यूशन पर जाता था। बंछोर ने अपने घर पर गणेश प्रतिमा रखी थी। विसर्जन के बाद कोटनी एनीकट में पैर फिसलने से थम्मन डूब गया।
पढ़ाई कराने के बाद जब वे प्रतिमा विसर्जन को निकले तो कोचिंग लेने वाले छात्र भी उनके साथ हो लिए। थम्मन में उनमें शामिल था। कोटनी एनीकट में प्रतिमा विसर्जित होने के बाद थम्मन किनारे पर हाथ-पैर धोने लगा। जहां वो खड़ा था, वहां घुटने भर तक पानी था।
अनुमान है कि उसके पैरों के नीचे रेत फिसली और वह एनीकट में गहराई की ओर गिर पड़ा। पास ही एनीकट का गेट था। उसके साथियों ने देखा कि थम्मन बहाव के साथ डूबा और गेटके पार निकल गया। उसका दोस्त अमृत लाल साहू उसे बचाने कूदा पर तब तक हम्मन डूब चुका था। उसका पता न चला, पुलिस को खबर की गई।
दोपहर से रात ढलने तक उसकी तलाशी जारी रही। शव नहीं मिला। रविवार सुबह एनीकटमें फिर गोताखोर भेजे जाएंगे। थम्मन के पिता नरेंद्र साहू अर्जुंदा के पास मनकी गांव में हेडमास्टर हैं। थम्मन अपनी बहन के साथ दुर्ग में एक किराए के मकान में रहता था। पिता ने दोनों भाई-बहन को पढ़ाई के लिए दुर्ग भेजा था।

मरीज को अस्पताल से निकालने का आरोप


मरीज को अस्पताल से निकालने का आरोप

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के नेता शेख शकील ने आंबेडकर अस्पताल प्रबंधन पर गरीब मरीज को अस्पताल से बाहर निकालने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को ओमप्रकाश यादव नामक युवक को बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था। रविवार को जब पतासाजी की गई तो युवक के बारे में कुछ पता नहीं चला। खोजबीन करने पर युवक पार्किंग स्थल के पास मिला।
श्री शकील के अनुसार युवक ने उसे वार्ड ब्वाय द्वारा अस्पताल से बाहर लाने की जानकारी दी है। इस संबंध में अस्पताल के सीएमओ से भी चर्चा की गई। उन्होंने दोषी वार्ड ब्वाय पर कार्रवाई की मांग की है।

डीजी के लिए रामनिवास का नाम तय


डीजी के लिए रामनिवास का नाम तय

(एन.के.श्रीवास्तव)

रायपुर (साई)। आईपीएस अफसर एडीजी नक्सल ऑपरेशन रामनिवास को स्पेशल डीजी बनाने का आदेश गृह विभाग ने शनिवार को जारी कर दिया। कैबिनेट ने हाल ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही सरकार ने अगले डीजीपी के रूप में रामनिवास की ताजपोशी का रास्ता साफ कर दिया है। वर्तमान डीजीपी अनिल नवानी नवंबर में रिटायर हो रहे हैं।
नवानी के रिटायर होने पर वरिष्ठता के नाते डीजी होमगार्ड एसके पासवान का नंबर डीजीपी के रूप में आएगा। लेकिन उनको भी रिटायर होने में केवल चार महीने शेष बचेंगे इसलिए राज्य सरकार इतने कम समय के लिए पासवान को डीजीपी की जिम्मेदारी देगी इसकी संभावना कम ही नजर आती है। इस कारण प्रशासनिक हलकों में रामनिवास को अगले डीजीपी के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्य सचिव सुनील कुमार की अध्यक्षता में हुई 17 सितंबर को डीपीसी की बैठक में रामनिवास की पदोन्नति को मंजूरी दी गई थी। केंद्र सरकार ने उन्हें सशर्त स्पेशल डीजी बनाने राज्य सरकार के प्रस्ताव को मान लिया था। रामनिवास 1982 बैच के आईपीएस हैं।

अगली पारी खेलने से कोई रोक नहीं सकता: मोदी


अगली पारी खेलने से कोई रोक नहीं सकता: मोदी

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। हिन्दुत्व का चेहरा बनकर उभरे गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी को यकीन है कि वे एक बार फिर सरकार बनाने में सफल हो जाएंगे, कांग्रेस उनका बाल भी बांका नहीं कर सकती है। एक निजी समाचार चेनल के साथ साक्षात्कार में नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि बीजेपी दोबारा सत्ता में आएगी और कांग्रेस में उन्हें हराने का दम नहीं है.
मोदी ने इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात विधानसभा के चुनाव को साल 2014 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार इस बार पिछली बार से भी ज्यादा सीटों से वापस आएगी। खुद को विकास पुरुष के तौर पेश करने वाले सीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश में भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और महँगाई के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार करार देते हुए उसे जमकर कोसा।
उन्होंने कहा, कि कांग्रेस में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह उनके खिलाफ लड़े, इसलिए वह सीबीआई का सहारा ले रही है। अब तो यह हाल है कि एक छोटी से पार्टी भी कांग्रेस से नहीं डरती, क्योंकि कांग्रेस ने जो वादे किए उसे पूरा नहीं किया। अब जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर मोदी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इस सरकार ने एफडीआई के बहाने देश के संघीय ढ़ांचे पर हलमा किया है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक बुलाकर आम सहमति पैदा करने में भी नाकाम रहे।
हालांकि, बीजेपी से नाता तोड़ चुके कुशभाई पटेल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में मोदी ने कुछ भी बोलने की बजाए खामोशी अख्तियार की। उन्होंने कुशभाई पटेल पर सिर्फ इतना कहा कि वह इस मामले में जनता के फैसले का सम्मान करेंगे, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि वह गुजरात के चुनाव अभियान में हिस्सा लेंगे तो इस सवाल पर मोदी ने कुछ भी बोलना मुनासिब नहीं समझा।

किंगफिशर में हड़ताल!


किंगफिशर में हड़ताल!

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। किंगफिशर एयरलाइंस के मुसाफिर एक बार फिर मुश्किल में फंस गए हैं. पिछले सात महीने से वेतन नहीं मिलने पर किंगफिशर एयरलाइंस के इंजीनियरों का एक समूह रविवार शाम से हड़ताल पर चला गया है, जिससे उड़ानें प्रभावित हो रही हैं।
हड़ताल के कारण कुछ उड़ानों में देर हुई है. दिल्ली और मुंबई की काफी उड़ाने रद्द करनी पड़ी है। कर्मचारियों ने कहा है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक विमान नहीं उड़ेगा. फिलहाल प्रबंधक रैंक के इंजीनियरों से सेवाएं ली जा रही हैं। बेहाल मुसाफिरों का कहना है कि उन्हें फ्लाइट कैंसिल की सूचना नहीं दी गई।
इतना ही नहीं यात्रियों के लिए ना ही दूसरे विमान में उनके लिए कोई व्यवस्था की गई. वहीं दूसरी तरफ किंगफिशऱ के सूत्रों ने बताया कि मुसाफिरों को जल्द ही उनका पैसा लौटा दिया जाएगा। डीजीसीए के नियमों के मुताबिक इंजीनयिर द्वारा प्रमाणित नहीं होने पर विमान उड़ान नहीं भर सकता है।

खुद को गांधी नहीं माफिया बताया मुलायम के सांसद ने!


खुद को गांधी नहीं माफिया बताया मुलायम के सांसद ने!

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। समाजवादी पार्टी के सांसद ब्रज भूषण सिंह ने मीडिया के सामने कहा, मैं माफिया हूं, मैं कैसे गांधी हो सकता हूं? मेरे खिलाफ चालीस केस दर्ज हैं। अपराध के मामलों पर कार्रवाई नहीं होने के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सिंह पुलिस स्टेशन गए थे। जब सिंह से पूछा गया कि क्या यह गांधीगिरी है? तो उन्होंने कहा कि मैं अपने लोगों की शिकायतों के लिए यह कर रहा हूं। पुलिस अधिकारियों को धन्यवाद कहने का यह मेरा तरीका है।
सपा सांसद का यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है क्योंकि उनकी सरकार के मंत्री पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। कुछ महीने उत्तर प्रदेश के मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि सरकारी अधिकारी थोड़ी बहुत चोरी कर सकते हैं। यादव ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा था कि अगर आप कठिन परिश्रम करते हैं तो थोड़ी बहुत चोरी कर सकते है लेकिन डकैतों नहीं।

दवा कंपनियों के आगे नतमस्तक सरकार


दवा कंपनियों के आगे नतमस्तक सरकार

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। चिकित्सकों, मेडीकल रिप्रेजेंटेटिव और रिटेलर्स की बदौलत अरबों खरबों रूपए कमाने वाली दावा कंपनियों द्वारा सरकार की फार्मा पालिसी को रद्दी की टोकरी में ही डालकर रखा जाता है। चिकित्सकों को अच्छा खासा प्रलोभन देकर ये दावा कंपनियां अपना हित साधकर आम भारतीय को लूटने में कसर नहीं छोड़ रही हैं। कहा जाता है कि नामी गिरामी चिकित्सकों का पिन टू प्लेनसारा खर्च ये दवा कंपनियां ही उठा रही हैं।
सरकार जहां नई दवा नीति के जरिए दवाओं के बढ़ते दामों पर काबू पाने का जतन कर रही है, वहीं कई दवा कंपनियां सरकार को एक अर्से से अहसास कराती आ रही हैं कि उसे दवाओं के रेट कंट्रोल करने के इंतजाम की कितनी परवाह है। इन कंपनियों ने करीब 14 सालों के दौरान मूल्य नियंत्रण के इंतजाम को ठेंगा दिखाते हुए जनता से करीब 2463 करोड़ रुपये ज्यादा वसूलकर अपनी जेब में डाल लिए। इसमें से करीब 235 करोड़ रुपये की वसूली ही सरकार अब तक कर पाई है।
केंद्र सरकार ने गरीब जनता को दवाओं के मनमाने दामों से राहत दिलाने के लिए अभी 74 बल्क ड्रग्स और उनके संयोग से बनने वाली दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में रखा है और इनके रेट तय कर रखे हैं। इन रेट्स की समय-समय पर समीक्षा होती है और जरूरत के मुताबिक इनमें बढ़ोतरी भी होती रहती है। बावजूद इसके, कई देसी-विदेशी दवा कंपनियां अपनी दवाओं के मनमाने रेट तय कर देती हैं और जनता के सामने इसे सहन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। इन कंपनियों में से कई तो सरकार का नोटिस मिलने पर अवैध रूप से वसूला गया पूरा पैसा सरकारी खजानेे में जमा करा चुकी हैं, जबकि कई इसके विरोध में कोर्ट में पहुंच गई हैं।
अभी नैशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) दवाओं के दामों पर नियंत्रण रखती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सालब्यूटामॉल अस्थमा और खांसी में इस्तेमाल की जाने वाली आम दवा है। इसे कंपनियां अलग-अलग ब्रैंड नेम से बेचती हैं। कई कंपनियों ने इसके मिश्रण से बनने वाली दवाओं के लिए करीब 495 करोड़ रुपये ज्यादा वसूल लिए हैं। इसमें से करीब 485 करोड़ रुपये अकेले एक मल्टिनैशनल कंपनी अपनी जेब में डाल चुकी है। इसी कंपनी पर दवाओं के सबसे ज्यादा दाम वसूलने का आरोप है और सरकार का नोटिस मिलने पर वह कोर्ट में चली गई।

एयरपोर्ट उड़ाने की धमकी आई फेसबुक पर


एयरपोर्ट उड़ाने की धमकी आई फेसबुक पर

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। सोशल वेबसाइट फेसबुक पर आए एक मेसेज में जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। इसके मद्देनजर सिक्युरिटी के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एसीपी योगेश दधीच के मुताबिक, सांगानेर हवाई अड्डे की सुरक्षा कर रही सीआईएसएफ ने रविवार को फेसबुक पर आए एक मेसेज की जानकारी दी जिसमें सांगानेर एयरपोर्ट को सोमवार को बम से उड़ाने की बात कही गई है।
उन्होंने बताया कि सूचना के बाद सांगानेर हवाई अड्डे के आस-पास एहतियात के तौर पर सुरक्षा प्रबंध कडे़ कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह संदेश राजस्थान के चुरू जिले के किसी इलाके से किसी महिला ने अपलोड किया है। अभी इस महिला की पहचान नहीं उजागर की गई है।

यादव ने लहराई कारबाईन, शरद ने किया माफ


यादव ने लहराई कारबाईन, शरद ने किया माफ

(प्रतिभा सिंह)

पटना (साई)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खगड़िया में बीते दिनों अधिकार यात्रा के दौरान सभा से पहले अफरा तफरी के माहौल में कार्बाइन लहराकर भीड़ को भयभीत करने वाले जदयू नेता रणवीर यादव का पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आज बचाव करते हुए उसे क्लीन चिट दे दी।
शरद यादव ने यहां संवाददाताओं के सवालों के जवाब में खगड़िया में 27 सितंबर की सभा से पहले अफरा तफरी के दौरान रणवीर द्वारा पुलिसकर्मी से कार्बाइन छीनकर हथियार लहराने का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘मैं रणवीर और उनके परिवार के सदस्यों को बीते कई दशक से जानता हूं। मैंने रणवीर के चाचा सांसद रामशरण यादव के साथ बहुत करीब से काम किया है।
फरवरी 2005 में नीतीश कुमार को सरकार बनाने में रणवीर द्वारा मदद करने की बात कहकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संवाददाताओं के सवालों को टाल गए। मुख्यमंत्री ने भी सभा के दौरान खगड़िया विधायक पूनम देवी के पति रणवीर यादव की तारीफ की थी। बिहार पुलिस ने भी इस घटना के लिए रणवीर यादव को क्लीन चिट दे दिया है। खगड़िया पुलिस अधीक्षक मीठू प्रसाद ने कहा है कि यादव के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज करने का सवाल ही नहीं उठता।

हैवानियत की हद महिला को नग्न घुमाया


हैवानियत की हद महिला को नग्न घुमाया

(निशीकांत)

मुरैना (साई)। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में दबंगों ने जमीन विवाद को लेकर रविवार को एक महिला के साथ न सिर्फ अश्लील हरकतें कर मारपीट की, बल्कि उसे निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया। महिला के पति की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि निरार थाना क्षेत्र के ग्राम बलालपुर में छह लोगों ने जमीन विवाद के कारण गांव की ही एक महिला को उस समय घेर लिया, जब वह खेत से भैंस चराकर लौट रही थी। उन लोगों ने महिला को बंधक बनाकर न केवल मारापीटा, बल्कि उसके साथ अश्लील हरकतें भी की। इसके बाद उन लोगों ने उसे निर्वस्त्र कर पीटते और अश्लील हरकतें करते हुए पूरे गांव में घुमाया।
महिला काफी गिड़गिड़ाई, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक न सुनी। महिला के पति को जब यह बात पता चली तो उसने पुलिस से शिकायत की, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पंजाब सिंह, दीवान, इंदल सिंह और विशाल कुशवाह को गिरफ्तार कर लिया। अन्य दो आरोपी धर्म सिंह व मुकेश अभी फरार हैं।

खाकी वर्दी वाले 11 निलंबित


खाकी वर्दी वाले 11 निलंबित

(नीलिमा सिंह)

पटना (साई)। बिहार के खगड़िया जिले के कई थानों में अनुपस्थित रहने के कारण कम से कम 11 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक खगड़िया जिला पुलिस चीफ मीथू प्रसाद ने जांच के दौरान गैर हाजिर पाए गए पुलिस वालों को निलंबित कर दिया।
इनमें सात सब इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल शामिल हैं। माना जा रहा है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की अधिकार यात्राके दौरान हिंसा के मामले के चलते यह कदम उठाया गया है। हालांकि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मुख्यालय रविंद्र कुमार ने इन अटकलों को खारिज किया है।

घरेलू सिलेंडर से गैस निकालकर बेचते धराए हाकर


घरेलू सिलेंडर से गैस निकालकर बेचते धराए हाकर

(अमित कौशल)

नई दिल्ली (साई)। वेस्ट अर्जुन नगर निवासी अशोक कुमार (53) ने रसोई गैस बुक कराई थी। डिलीवरी मैन सिलेंडर उनके घर पर लेकर पहुंचा। शक होने पर जब उन्होंने सिलेंडर पास के आटा चक्की पर ले जाकर तोला तो उसमें पांच किलोग्राम गैस कम थी। अशोक ने फौरन मामले की सूचना पुलिस को दी। जगतपुरी पुलिस ने आरोपी डिलीवरी मैन को दबोच लिया। जबकि उसके दो साथी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने आरोपी के पास से गैस निकालने वाला पाइप, ऑयल कंपनी की सील और 29 सिलेंडर बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार, शंकर जगतपुरी इलाके में रशीद मार्केट की एक गैस एजेंसी पर काफी समय से काम कर रहा था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह गोदाम से भरा हुआ सिलेंडर ले जाने के बाद रास्ते में हर सिलेंडर से दो से पांच किलोग्राम तक गैस निकाल लेता था। उसके बाद बड़ी सफाई से उन सिलेंडर पर ऑयल कंपनी की सील लगा दी जाती थी।
निकाली गई गैस को दूसरे सिलेंडर में डालकर उसे ब्लैक में महंगे दामों में बेचा जाता था। जिन सिलेंडर से गैस निकाली जाती थी वह ऐसे लोगों के यहां सप्लाई किया जाता था जो कभी सिलेंडर लेते समय तोलते नहीं या कोई ऐतराज नहीं करते थे। ऐसे में किसी को शक भी नहीं होता था। पुलिस शंकर के साथी सतीश और विजय की भी तलाश कर रही है।
इस तरह के मामले समूची दिल्ली में प्रकाश में आ रहे हैं। पांच किलो वाले छोटे सिलंडर्स में एक सौ पच्चीस से डेढ़ सौ रूपए प्रतिकिलो के हिसाब से गैस भरने का कारोबार रिहाईशी इलाकों में चल रहा है। कई बार गैस भरते समय दुर्घटनाएं भी घटी हैं। बावजूद इसके ना तो स्थानीय पुलिस और ना ही प्रशासन ने कोई कदम उठाया है।
गैस एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि ग्राहकों को चाहिए कि एलपीजी सिलेंडर हमेशा तोलकर ही लें। इसके साथ ही साथ सिलेंडर पर लगी सील को अच्छी तरह चेक करें। और अगर सिलेंडर का वजन कम हो तो वापस कर दें। इतना ही नहंी गैस कम होने की सूचना अपनी गैस एजेंसी को दें। अगर वहां से बात न बनें तो एरिया अधिकारी को सूचित करें। एरिया अधिकारी का नंबर गैस एजेंसी के नोटिस बोर्ड पर लिखा होता है। उसके बाद भी बात न बने तो मामले की सूचना पुलिस को दें।

मुसीबत बना रिफ्रेशर कोर्स


मुसीबत बना रिफ्रेशर कोर्स

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। वाहन चालकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स करना मुसीबत बन गया है। झाझरा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में जाने वाले वाहन चालकों के लिए खाना खाने से लेकर पार्किंग तक की समस्या हो रही है। लेकिन इसको लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने आंखें बंद कर रखी है। 380 रुपये के शासनादेश के बावजूद वाहन चालकों से 750 रुपये रिफ्रेशर कोर्स के लिए वसूल किया जा रहा है।
एक माह पहले ही शासन की ओर से रिफ्रेशर कोर्स का शुल्क 750 रुपये से कम करके 380 रुपये कर दिया गया था। इसमें खाने की व्यवस्था वैकल्पिक की गई थी। अगर कोई चालक अपने साथ खाना लेकर आना चाहता है तो वह ला सकता है, लेकिन इस शासनादेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
10 दिन पहले ही रिफ्रेशर कोर्स करने वाले एक चालक का कहना है कि झाझरा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में खाने का शुल्क जबरन वसूल किया जा रहा है। अगर कोई चालक अपने साथ खाना लेकर जाता है तो उसे अंदर नहीं जाने दिया जाता है। दुपहिया वाहनों की पार्किंग तक की व्यवस्था नहीं है। एक सूचना लगा दी गई है कि वाहन की सुरक्षा की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं होगी।
ज्ञातव्य है कि रोजाना 70 से 80 वाहन चालकों को यहां पर रिफ्रेशर कोर्स कराया जाता है। उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, हरिद्वार सहित पूरे गढ़वाल से यहां पर चालक आते हैं। दूसरी ओर संभागीय परिवहन अधिकारी सुधांशु गर्ग का कहना है कि वाहन चालकों की परेशानी के संबंध में उन्हें अवगत नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांचकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।