क्या शिव होने
देंगे झा का प्रभात
(राजेश शर्मा)
नई दिल्ली (साई)।
भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्ष तक को लगातार दो कार्यकाल मिल
सकने के संविधान संशोधन को राष्ट्रीय परिषद की हरी झंडी मिल गई है। अब लोगों की
नजरें देश के हृदय प्रदेश पर आकर टिक गईं हैं। प्रभात झा को दूसरा कार्यकाल मिल
पाएगा या नहीं इस बात में अभी संशय बरकरार ही है।
माना जा रहा है कि
मध्यप्रदेश भाजपा में अगला डेढ़ माह भारी उथल पुथल भरा होगा। प्रभात झा को दूसरा
कार्यकाल मिल सकता है, लेकिन यह आसान नहीं होगा। प्रदेश अध्यक्ष पद के और भी कई
दावेदार हैं। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूमिका भी अहम होगी। प्रदेश
कार्य समिति,संगठन
महामंत्री, संभाग और
जिलों के संगठन मंत्री से लेकर मंडल अध्यक्षों तक बदलाव की बयार चल सकती है। नकारा
साबित हुए अध्यक्षों की विदाई होगी। पदाधिकारियों के सामने कार्यकर्ताआंे को खुश
करने और लगातार तीसरा विधानसभा चुनाव जीतने की चुनौती होगी।
पार्टी के सूत्रों
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश
समेत उन सभी राज्यों में आम सहमति से संगठन चुनाव कराना चाहता है जहां इसी साल या
अगले साल चुनाव होने हैं। इन राज्यों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्षों को दूसरा मौका
भी दिया जा सकता है।
मप्र में झा के
अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा और सुमित्रा महाजन को भी
दावेदार माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तोमर या रामपाल को तरजीह
दे सकते हैं, जबकि महाजन
संघ के भरोसे हैं। वे महिला को अध्यक्ष पद देने की मुहिम चला सकती हैं।
वहीं, दूसरी ओर यह भी माना
जा रहा है कि चूंकि प्रभात झा द्वारा सरकार के कामों में जरूरत से ज्यादा
हस्ताक्षेप किया जा रहा है इसलिए शिवराज सिंह चौहान जल्द से जल्द प्रभात झा की
बिदाई चाह रहे हैं। सरकार की छवि को उकेरने का काम करने वाला जनसंपर्क महकमे पर भी
अब सरकार के बजाए संगठन के इशारों पर चलने के आरोप भी लग रहे हैं।
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