सोमवार, 4 मार्च 2013

चौधरी के दवाब में आस्था से खिलवाड़!


चौधरी के दवाब में आस्था से खिलवाड़!

(लिमटी खरे)

यह सही है कि रामसेतु आस्था का विषय है, इस पर सेतुसमुंद्रम परियोजना का बुलडोजर चलाया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर किसके कहने पर यह सब किया जा रहा है। एसा करने से फायदा किसे होने वाला है। लगभग 48 किलोमीटर लंबे एडम ब्रिज के नीचे बेशकीमती तत्वों का भण्डार है। इसे सामरिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण माना जाता है। इस सेतु को वानरों ने बनाया, मानव ने बनाया यह रहस्य अभी बरकरार ही है। करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक बन चुका है रामसेतु। 2007 तक संसद के अस्सी फीसदी सदस्य इस परियोजना से अनजान ही थे। सरकार ने अमरीका के दबाव में गुपचुप तरीके से इस कार्यवाही को अंजाम देने का असफल प्रयास किया। धर्म का नाम आते ही उस पर सियासत करने वालों की संख्या अनगिनत है। रामसेतु में भी धर्म साथ हो लिया है इसलिए अब इससे ना जाने कितने लोगों की आस्थाओं को जोड़ दिया गया है।

भारत देश में धर्म का धंधा चोखा माना जाता है। जहां भी आप धर्म को बीच में ले आएं मतलब आप समझ लीजिए कि लोगों का साथ आपको मिलना तय ही है। देश भर में चाहे जहां देखिए धर्मालय अटे पड़े हैं। इस समय सबसे ज्यादा डिमांड में शिरडी के साई बाबा और उत्तर भारत की त्रिकुटा पर्वत पर विराजी माता वेष्णो देवी हैं। इन दोनों ही के मंदिर चाहे जहां देखने को मिल जाते हैं। एक मित्र ने एक मजेदार वाक्या सुनाया। उसने कहा कि उसने अपने मित्र से पूछा आजकल क्या कर रहे हो? छूटते ही मित्र बोला -‘‘20 लाख पड़े थे, फलां रोड़ पर चार मंदिर डाल दिए हैं।‘‘ कमोबेश इसी तर्ज पर ओह माय गॉड फिल्म भी बनी है।
सेतुसमुंद्रम परियोजना 2005 में आई। इसमें रामसेतु का नाम आते ही सियासत घुस गई इसमें। इसे करोड़ों अरबों लोगों की आस्था का प्रतीक दर्शाया जाने लगा। देखा जाए तो एडम ब्रिज जिसे रामसेतु भी कहा जा रहा है, भारत के दक्षिणपूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वाेत्तर में मन्नार द्वीप के बीच चूने की उथली चट्टानों की चेन है, इसे भारत में रामसेतु व दुनिया में एडम्स ब्रिज ( आदम का पुल ) के नाम से जाना जाता है। इस पुल की लंबाई लगभग 30 मील (48 किमी ) है। यह ढांचा मन्नार की खाड़ी और पॉक स्ट्रेट को एक दूसरे से अलग करता है।
कहा जा रहा है कि परियोजना से तमिलनाडु के पांच जिले, 138 गांव और 10 लाख लोग प्रभावित होंगे। 28 हजार मछुआरों की जीविका छिन जाएगी। इनमें से अधिकांश पहले से ही कर्ज में दबे हैं। मछली मारने की सुविधा समाप्त होने के कारण यहां से प्रति वर्ष 2 लाख टन से अधिक मछली उत्पादन एवं निर्यात समाप्त हो जाएगा। 3268 प्रकार की वनस्पतियां नष्ट होंगी, 377 प्रजातियों के जीव-जंतु तथा दो सौ प्रकार की मछलियों का खात्मा हो जाएगा। समृद्ध मूंगा उद्योग पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
इस परियोजना के बारे में सरकार की ओर से कभी भी स्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास नहीं हुआ है। कहते हैं कि यह सरकार की ऐसी महत्वाकांक्षी परियोजना का नाम है जो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के बीच समुद्री मार्ग को सीधी आवाजाही के लिए खोल देगी इस मार्ग के शुरु होने से जहाज़ों को 400 समुद्री मीलों की यात्रा कम करनी होगी जिससे लगभग 36 घंटे समय की बचत होगी। यहां से होकर जाने वाले जहाजों को अभी श्रीलंका से घूमकर जाना होता है। पर यह भी सही बात है कि इस परियोजना के आकार लेने के बाद भी बड़े जहाज पुरानी राह ही पकड़ेंगे क्योंकि यह गहरा रास्ता नहीं है।
कुछ जानकारों का कहना है कि वानरों की सहायता से भगवान विश्वकर्मा के पुत्र नल और नील द्वारा निर्मित इस रामसेतु पर से जब भगवान श्री राम लंका विजय कर लौट रहे थे तब विभीषण ने इस सेतु को खण्डित करने का आग्रह किया था। कहते हैं उस समय भगवान ने तीन स्थानों पर इसे खण्डित कर दिया था वे निशान आज भी साफ दिखाई पड़ रहे हैं। सनातन पंथी मान्यताओं के अनुसार खण्डित वस्तु की पूजा अर्चना वर्जित है, अतः इस रामसेतु की पूजा अर्चना नहीं होना चाहिए।
वहीं कुछ अन्य मान्यताओं ेक अनुसार यह पुल 10 योजन अर्थात 128 किलोमीटर चौड़ा ओर 1468 किलोमीटर लंबा होना चाहिए। आंकड़ों में अगर देखा जाए तो विविदित पुल की लंबाई 30 किलोमीटर ,चौडाई कहीं 10 से कहीं 30 फुट तक ,जबकि रामायण के अनुसार- चौडाई 128 किलोमीटर और लंबाई 1288 किलोमीटर दर्शाई गई है। जानकारों की मानें तो वानरों ने पहले दिन 14 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन और 5वें दिल 23 योजन लंबा पुल बाधा इस तरह नल ने 100 योजन अर्थात 1288 किलोमीटर लंबा पुल तैयार किया, पुल 10 योजन अर्थात 128 किलोमीटर चौडा था।
वहीं वाल्मिमिकी रामायण के अनुसार यह नलसेतु 100 योजन अर्थात 1288 किलोमीटर लंबा था (संस्कृत इंगलिश डिक्शनरी के अनुसार 1 योजन 8-9 मील का होता है। यहां 8 मील मान कर यह किलोमीटर में 1288 का आंकडा दिया है, यदि 9 मील का योजन मानें तो 100 योजन 1468 किलोमीटर होगा) पर अब जो पुल है वह तो केवल 30 किलोमीटर है, शेष 1258 अथवा 1438 किलोमीटर है कहां है।
इसके साथ ही साथ यह भी कहा जा रहा है कि इस रामसेतु के नीचे बहूमूल्य तत्वों का अथाह भण्डार है। इसके नीचे के रसायनिक तत्वों से भारत इतना समृद्ध हो सकता है कि आने वाली पीढियां तर जाएं। विडम्बना ही कही जाएगी कि भारत सरकार द्वारा दुनिया के चौधरी अमरीका के दवाब में आकर इस सेतु को तोड़कर ना केवल आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है वरन् बहुमूल्य प्रकृतिक संपदाओं से भी हाथ धोने की तैयारी की जा रही है। (साई फीचर्स)

कांग्रेस में जाएंगे दिनेश राय!


कांग्रेस में जाएंगे दिनेश राय!

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। विधानसभा चुनावों में सिवनी में 2008 में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू की जमानत जप्त करवाने वाले निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश राय मुनमुन जल्द ही राहुल गांधी के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं। दिनेश राय की लोकप्रियता को देखकर कांग्रेस के आला नेताओं ने भी उनके कांग्र्रेस प्रवेश पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। वहीं दूसरी ओर साई न्यूज से चर्चा के दौरान दिनेश राय ने दो टूक शब्दों में कहा कि कांग्रेस और भाजपा लोगों को छलती हैं अतः दोनों ही दलों में जाने का सवाल ही नहीं उठता है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को संकेत दिए हैं कि लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे दिनेश राय को कांग्रेस में प्रवेश के लिए हरी झंडी दे दी गई है। वर्ष 2008 में निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर दिनेश राय ने 30000 वोट हासिल कर दूसरा स्थान पाया था और कांग्रेस के प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू की जमानत जप्त करवा दी थी। इसके उपरांत लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों में जब उनकी माता श्रीमति सुधा राय खड़ी हुईं तब कांग्रेस द्वारा यहां अपने प्रत्याशी के विड्रावल के उपरांत किसी को समर्थन ना देकर दिनेश राय को वाकोवर दे दिया गया था।
सूत्रों ने साई न्यजू को आगे बताया कि दिनेश राय के कांग्रेस में प्रवेश के मार्ग विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा प्रशस्त करवाए गए हैं। दरसअल, 2008 में दिनेश राय के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने सीना ठोंककर इस बात को कहा था कि अगर सिवनी लोकसभा को खत्म किया गया तो इस षणयंत्र के लिए वे हरवंश सिंह को जिम्मेदार ठहराकर केवलारी से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि केवलारी में हैहय कलचुरी समाज के मतदाताओं की खासी तादाद है। बाद में वे अपने वायदे से मुकर गए और सिवनी से मैदान में उतरे।
इस संबंध में दिनेश राय ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से दूरभाष पर चर्चा के दौरान कहा कि यह सब झूठी बातें हैं, चूंकि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही आम जनता का खून चूस रही हैं इसलिए वे कांग्रेस या भाजपा में जीवन में कभी भी प्रवेश नहीं करेंगे। केवलारी से चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी हरवंश सिंह जीके खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की थी। रही बात सिवनी लोकसभा के समाप्त होने की तो वह दुखद है।
साई न्यूज से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि उनके कांग्रेस प्रवेश के बारे में सिवनी जिला भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा उनके बारे में अनर्गल प्रलाप किया जा रहा है। श्री राय ने कहा कि भाजपा के नेताओं को डर है कि कहीं इस बार भी जनता का भारी समर्थन उन्हें मिला तो इस बार भाजपा को अपनी लाज बचाना मुश्किल होगा।
इस संबंध में जब जिला भाजपाध्यक्ष श्री दिवाकर से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में यह नहीं है कि दिनेश राय किस दल की सदस्यता लेने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे किसी दल की सदस्यता लेना चाह रहे हैं तो यह उस दल के नेतृत्व को तय करना है कि उन्हें सदस्यता देनी है या नहीं!
वहीं सिवनी से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि सिवनी की सियासी फिजां में इस तरह की बातें उड़ना आरंभ हो गई हैं कि दिनेश राय मुनमुन का कहना है कि अगर इस बार भाजपा की ओर से पूर्व सांसद और वर्तमान विधायक श्रीमति नीता पटेरिया को पुनः टिकिट मिलती है तो उनका जीतना तय है, पर अगर किसी और पर भाजपा ने दांव लगाया तो वे किसी ना किसी राजनैतिक दल के बेनर तले ही चुनाव लड़ेंगे।

सिवनी : एक भी मालगाड़ी नहीं चलती है सिवनी में!


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 12

एक भी मालगाड़ी नहीं चलती है सिवनी में!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। भगवान शिव के नाम पर बसे सिवनी में भारतीय रेल की एक भी मालगाड़ी का आवागमन नहीं होता है। अस्सी के दशक में यहां माल गाडियां आया करती थीं, जिससे सामान का परिवहन होता था, विडम्बना ही कही जाएगी कि अस्सी के दशक के उपरांत नपुंसक राजनैतिक नेतृत्व के चलते सिवनी में बिछी नेरोगेज की रेल की पांतो पर माल गाडियों का आवागमन बंद हो गया।
ज्ञातव्य है कि पिछले लगभग तीन दशकों से सिवनी जिले में सामान का परिवहन पूरी तरह से सड़क मार्ग पर ही निर्भर रहा है। इक्कसवीं सदी के पहले ही दशक में 2008 के उपरांत शेरशाह सूरी के जमाने की एनएच 07 पर ग्रहण लग गया और इसका निर्माण फोरलेन में करना तो छोड़िए इसका रखरखाव भी बंद कर दिया गया जिसके परिणामस्वरूप सिवनी जिले का एनएच का हिस्सा मोटरेबल भी नहीं बचा।
यहां माल ढुलाई काफी हद तक इसलिए मंहगी हो गई क्योंकि कम कीमत में माल ढोने पर वाहन चालकों के टायर की घिसाई भी नहीं निकल पाती थी। लोगों की निगाहें नेरोगेज के अमान परिवर्तन की ओर आकर टिक गईं। 2006 के बाद बार बार सिवनी के निवासियों के ब्राडगेज के मामले में रिसते घावों पर मरहम लगाने के बजाए नेताओं ने उस पर नमक ही छिड़कने का काम किया है।
देखा जाए तो पडोसी जिले छिंदवाड़ा में परासिया से छिंदवाड़ा का अमान परिवर्तन हो चुका है और छिंदवाड़ा से सौंसर का अमान परिवर्तन अगले साल पूरा होना बजट में दर्शाया गया है। इतना ही नहीं बालाघाट में बालाघाट से गोंदिया रेलखण्ड का अमान परिवर्तन हो चुका है। रह गया है तो छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर का रेलखण्ड।
(क्रमशः जारी)

पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा गौतम थापर को!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 12

पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा गौतम थापर को!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड में स्थापित किए जाने वाले पावर प्लांट में आने वाले समय में संयंत्र प्रबंधन को सबसे ज्यादा पानी के संकट का सामना करना पड़ सकता है।
संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संयंत्र के अंदर प्रबंधन ने एक तालाब का निर्माण अवश्य ही करवा लिया है पर इस तालाब को भरने के लिए आवश्यक पानी की आपूर्ति नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध से किया जाना प्रस्तावित है। संयंत्र से नर्मदा नदी के घाट की दूरी लगभग दस किलोमीटर है।
इस दस किलोमीटर के रास्तें में पड़ने वाले गावों में बगदरी गांव का सबसे ज्यादा विरोध सामने आ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार बगदरी गांव को भी संयंत्र प्रबंधन द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी के गांवों की सूची में शामिल करना अत्यावश्यक है। इस गांव से होकर संयंत्र की पाईप लाईन गुजर रही है इसलिए यहां के किसान आदिवासी रोषित नजर आ रहे हैं।
संयंत्र प्रबंधन को 600 मेगावाट की पहली इकाई में जमीन अधिग्रहण में बेहद विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके उपरांत जब बगदरी गांव के अंदर से पाईप लाईन ले जाने के लिए जमीन के अधिग्रहण की बात आई तो मुआवजे में किसानों ने मनमानी का आरोप मढ़ दिया प्रबंधन पर।
(क्रमशः जारी)

फिर से एक्सटेंशन चाह रहे द्विवेदी


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 67

फिर से एक्सटेंशन चाह रहे द्विवेदी

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के दिल्ली स्थित सूचना केंद्र के अपर संचालक पद से पिछले साल 31 जनवरी को सेवानिवृत हुए सुरेंद्र कुमार द्विवेदी पर भाजपा संगठन मेहरबान दिख रहा है। उनकी सेवानिवृति के उपरांत उन्हें विभाग ने उनकी सेवाएं छः माह के लिए फिर से ले ली थीं। पता नहीं संचालनालय स्तर पर काम ज्यादा है या मैदानी स्तर पर।
मैदानी स्तर पर अनेक जिला जनसंपर्क अधिकारियों के पद रिक्त हैं, पर मोटी पगार पाने वाले अफसरों की भीड़ के बीच भोपाल में सेवानिवृत अफसरों को फिर से क्यों रखा जा रहा है यह बात शोध का विषय है। संचालनालय के एक अफसर ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी से चर्चा के दौरान कहा कि इन सेवानिवृत अफसरों के काम का मूल्यांकन अगर किया जाए तो वह शून्य ही आएगा।
गौरतलब है कि पहले चर्चा थी कि चर्चा थी कि मध्य प्रदेश के पूर्व भाजपाध्यक्ष प्रभात झा के करीबी रहे द्विवेदी को पहले भोपाल स्थित माखन लाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पुर्ननियुक्ति देने की कवायद की गई थी। जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में यह बात लाई गई कि द्विवेदी द्वारा सरकार के बजाए संगठन की छवि बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया गया तो मामला खटाई में पड़ गया था।
उक्त अधिकारी ने आगे बताया कि अब उनकी सेवाएं पूरी होने को है इसलिए एक बार फिर उनकी पुर्ननियुक्ति का ताना बाना बुना जा रहा है। मध्य प्रदेश की छवि बनाने के लिए पाबंद जनसंपर्क विभाग द्वारा सरकार ना तो सरकार की छवि बनाई जा रही है और ना ही संगठन के हित में ही काम किया जा रहा है।

भोपाल : देश के विकास में मध्यप्रदेश का योगदान महत्वपूर्ण


देश के विकास में मध्यप्रदेश का योगदान महत्वपूर्ण

(नंद किशोर)

भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि देश के विकास में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अब मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिये बड़े उद्योगों के साथ लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान आज यहां संभागीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर पांचवी एमपीएक्सपोर्टेक का शुभारंभ भी किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि आज प्रदेश की कृषि विकास दर 18.9 प्रतिशत है, जबकि देश की विकास दर 3 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश की विकास दर 11.98 प्रतिशत है, जबकि देश की विकास दर 5 प्रतिशत है। इस तरह देश के विकास में मध्यप्रदेश का उल्लेखनीय योगदान है। प्रदेश के विकास में लघु और मध्यम उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सम्मेलन के दौरान किए गए करारनामों को वचन पत्र मानकर राज्य शासन कार्रवाई करेगा। इन्दौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में किए गए एम.ओ.यू. में से 90 प्रतिशत में निवेशको को भूमि आवंटित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में पिछले नौ वर्षों में सिंचाई क्षमता साढ़े 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 25 लाख हेक्टेयर तक पहुंचायी गयी है। गांवों में आगामी मई के अंत 24 घंटे बिजली दी जायेगी। उन्होंने कहा कि लघु उद्योगो से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जायेगा। लघु उद्योगों पर दोहरे कर का बोझ नहीं आने दिया जायेगा। हम मध्यप्रदेश के युवाओं में उद्यमिता का भाव पैदा करना चाहते हैं। उसके लिये मुख्यमंत्री स्व रोजगार योजना शुरू की गयी है। जिसमें युवाओं द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिये 25 लाख रूपये तक के ऋण की गारंटी राज्य सरकार देगी, साथ ही 5 वर्ष तक 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी राज्य सरकार देगी। उन्होंने कहा कि हर बड़े गांव मे एक छोटा बाजार विकसित किया जायेगा। कारीगरों को प्रशिक्षण देने का काम बड़े पैमाने पर किया जायेगा। प्रदेश में स्किल डेवलपमेंट का व्यापक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश में 113 कौशल विकास केन्द्र शुरू किए गए हैं, 200 और खोले जा रहे है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बायर्स सेलर्स मीट अब हर साल होगी, अगले वर्ष इसका आयोजन आठ और नौ मार्च को किया जायेगा। प्रदेश के लघु उद्यमियों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की ब्रांडिंग में सरकार मदद करेगी। गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों से बाजार में स्थान बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हार्टिकल्चर और फ्लोरी कल्चर में व्यापक संभावनाएं हैं। कृषि पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जा रहा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि वर्ष 2014 में मध्यप्रदेश पावर सरप्लस वाला प्रदेश होगा। मध्यप्रदेश में आगामी दस साल की विकास योजना बनायी गयी है। प्रदेश के विकास में लघु और मध्यम उद्योगों की भूमिका महत्वपूर्ण है। कृषि क्षेत्र में देश की प्रगति में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। इन्दौर में सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में किये गये 117 एम.ओ.यू. में से 104 में भूमि आवंटित की जा चुकी है।
मुख्य सचिव आर.परशुराम ने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिये किये गये एम.ओ.यू. के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये कार्यक्रम बनाया गया है। विभिन्न स्वीकृतियां देने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये भी तेजी से स्वीकृतियां देने की व्यवस्था की गयी है। कार्यक्रम में सीआईआई पश्चिम क्षेत्र के चेयरमेन आर.एस. गोस्वामी ने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में उद्योग क्षेत्र का योगदान पिछले नौ वर्षों में 25 से बढ़कर 29 प्रतिशत हो गया है। आरंभ में स्वागत भाषण अपर मुख्य सचिव पी.के. दाश ने दिया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान के समक्ष प्रतीक स्वरूप 12 एम.ओ.यू का आदान-प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष अखण्ड प्रताप सिंह, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन, महापौर श्रीमती कृष्णा गौर, ट्रायफेक के प्रबंध संचालक ए.के. भट्ट सहित उद्योगपतिगण उपस्थित थे। अंत में आभार प्रदर्शन उद्योग आयुक्त टी. धर्माराव ने किया।

शिव की आंख में चुभ रहे मोदी


शिव की आंख में चुभ रहे मोदी

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में भाजपा की कार्यकारिणी पूरी तरह मोदीमय ही रही। मोदी के जयकारे और उनके स्वागत में बिछे रेडकारपेट ने देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को मायूस कर दिया। शिवराज के अंदर का दर्द उनके उद्बोधन में भी झलकता दिखा। देखा जाए तो गुजरात जनसंपर्क विभाग द्वारा पत्रकारो के साथ बेहतर समन्वय और सरकार की खूबियों को कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया जा रहा है कि चारों ओर मोदी ही मोदी छाए हुए हैं।
वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में पत्रकारों के साथ सरकार का समन्वय ना के बराबर ही कहा जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरकार की नीतियां रीतियां चंद पत्रकारों और मीडिया हाउस तक ही सीमित रखी गई हैं। पिछले दिनों भोपाल में जनसंपर्क मंत्री के खिलाफ पत्रकारों के प्रदर्शन की देश भर में सोशल नेटवर्किंग वेब साईट के माध्यम से धूम भी मची रही थी।
बहरहाल, हृदय प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जब भाषण देने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी उपलब्धियों को मोदी की उपलब्धियों के बराबार दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर मोदी ने गुजरात का बेहतर विकास किया है, तो मध्य प्रदेश भी पीछे नहीं है।
मोदी ने अगर साबरमती नदी की सफाई करके चमात्कारिक काम किया है तो हमने भी वैसा ही काम नर्मदा और क्षिप्रा नदी के साथ किया है। हमरी गिनती तो बीमारू राज्यों में होती थी, लेकिन हम अब डबल डिजिट में ग्रोथ हासिल कर रहे हैं। शिवराज सिंह के भाषण में यह साफ दिख रहा था कि वह मोदी के जयकारे से नाखुश हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने माला पहनाकर विशेष रूप से नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। ऐसा उन्होंन अन्य राज्यों को मुख्यमंत्रियों के साथ नहीं किया।

सिर्फ भाजपा ही कर सकती है अंत्योदय अधारित विकास: चौहान


सिर्फ भाजपा ही कर सकती है अंत्योदय अधारित विकास: चौहान

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के दूसरे दिन अंत्योदय और सुशासन के नाम रहा। भाजपा शासित राज्य सरकारों में अंत्योदय आधारित योजनाओं का उदाहरण दिया गया जो पूरे देश में लागू किया जाना चाहिये। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा शासित राज्यों और विकास योजनाअेां पर दृष्टिपात किया ओर मध्यप्रदेश में आये सकारात्मक बदलाव की चर्चा की। चौहान की चिर परिचित उर्जामय और भावनात्मक रूप से प्रभावी शैली से जहां हाल तालियों की से गंूज उठा वहीं राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों को अंत्योदय दर्शन आधारित जमीनी विकास कार्यों के प्रभाव को भी समझने का अवसर मिला। भाजपा ने अपना राजनैतिक प्रस्ताव पारित किया।
मध्यप्रदेश की योजनाओं की विशेषताओं के उल्लेख करते हुए कई बार तालियां बजी। शिवराज ने कहा कि भाजपा राज्यों में जो अंत्योदय विकास हो रहा है उसकी जानकारी दूसरे राज्यों में भी पहुंचाने की जरूरत है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा की सरकारें अंत्योदय विकास के लिये जानी जाती है। गांव गरीब और किसानों के कल्याण के लिये पहचानी जाती है। उन्होनें कांग्रेस के नेतृत्व को बौना और अदूरदर्शी बताते हुए कहा कि भाजपा का नेतृत्व एक जिम्मेदार, देशभक्त और मातृभूमि के प्रति समर्पित नेतृत्व है। यहां केवल सत्ता हासिल करने के लिये देश का निर्माण करने के लिये है।
अंत्योदय दर्शन पर आधारित शासन प्रशासन ही गतिशील, संतुलित और विकासोन्मुखी सरकार सरकार दे सकता है। अंत्योदय दर्शन ही भारत को वैभव के शिखर पर ले जा सकता है। कमजोर ओर वंचित लोगों का समग्र विकास ही देश के विकास की मजबूत बुनियाद रख सकता है।
मध्यप्रदेश के विकास की चर्चा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा संसाधनों का बेहतर उपयोग कर मध्यप्रदेश ने 11.98 प्रतिशत की उच्च विकास दर हासिल की है और कृषि विकास दर 19.89 प्रतिशत तक बढ गई है। इसके चलते आज केन्द्र ने भी कृषि कर्मण पुरस्कार दिया है।
चौहान ने कहा कि भाजपा की सरकारें ही आश्चर्यजनक परिणाम दे सकती हैं क्योंकि वे पूरी तरह जनहित को समर्पित अंत्योदय की भावना के साथ पूरी ईमानदारी से काम करती हैं। ऐसी सिंचाई परियोजनाएं जिनका शिलान्यास कांगेस के नेताओं ने किया था और तीस वर्षों से अधूरी पडी थी उन्हें पूरा किया गया है। औसत 400 लघु सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो रही हैं। नर्मदा क्षिप्रा नदी जोड परियेाजना इसी साल पूरी हो जायेगी और 2016 में सिंहसथ कुंभ में क्षिप्रा नदी को नर्मदा नदी के पानी से नया जीवन मिलेगा।
उन्होने कहा कि गुजरात ओर छत्तीसगढ की तरह अब सभी गांवों में मध्यप्रदेश में भी बिजली मिलेगी। इसका लाभ लेने के लिये युवाओं को छोटे उद्योग खोलने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें बैंकों से लोन लेने में राज्य सरकार की ओर से ब्याज अनुदान और मार्जिन राशि देने में मदद की जा रही हे। गरीबों के लिये सस्ती दर पर अनाज देने की व्यवस्था की गई है। हम्मालो, हाठ ठेला चालकों, घरों में काम करने वाली महिलाओं के लिये कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। कामगार खेतिहर मजदूरों के कल्याण के लिये योजना बनाई गई है जिसमें 23 लाख मजदूरों का ंपजीयन कर उन्हें विभिन्न प्रकार की सुविधाऐं दिलाई कई हैं। उनके बच्चों के पढने का इंतजाम किया गया है। पहली कक्षा से स्कालरशिप देने दी जा रही है। सामान्य वर्ग के गरीबों के लिये निर्धन आयोग बनाया गया है।
बेटियों का जन्म अब उत्सव मनाया जाता है। बेटियों के जन्म को समस्या समझने की प्रवृत्ति अब बदल रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीब लोगों को निःशुल्क दवा देने के लिये सरदार वल्लभभाई पटेल निःशुल्क दवा योजना और पैथालाजी टेस्ट निःशुल्क कराने की व्यवस्था लागू की गई है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिये पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। पथ पर विक्रय करने वालों और ग्रामीण शिल्पियों को आगे बढाने के लिये भी योजनाएं हैं। उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिवराज सिह ने लाडली लक्ष्मी और गांव की बेटी और मुख्यमंत्री कन्यादान एवं निकाह योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कहा कि महिलाओं को राजनैतिक और आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिये कई उल्लेखनीय प्रावधान किये गये हे। चौहान ने कहा कि बुजुर्गो के सम्मान में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू की गई है। यह योजना अंत्योदय दर्शन का ही परिणाम है। किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जा रहा है। असहाय बुजुर्गों को मिड डे मील योजना से जोडकर निःशुल्क ससम्मान भोजन कराया जा रहा है। 

मेरठ : जो कोर्ट का आदेश न माने वो सरकार बर्खास्त होः वीएम सिंह


जो कोर्ट का आदेश न माने वो सरकार बर्खास्त होः वीएम सिंह

(सचिन धीमान)

मेरठ (साई)। कमीशनरी मैदान में चौधरी चरण सिंह पार्क में  चल रहे किसानों के आंदोलन को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय संयोजक  वीएम सिंह ने कहा कि यदि कोई राज्य सरकार अदालत के आदेशों का पालन नहीं करती है तो केन्द्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 142 व 143 के अनुसार राज्य सरकारों को नोटिस भेजने का अधिकार प्राप्त है और  साथ ही यदि नोटिस भेजने के बाद भी कोर्ट के आदेश लागू नहीं होते है तो केन्द्र सरकार को हक प्राप्त होता है कि वह राज्य सरकार को राष्ट्रपति के माध्यम से बर्खास्त करा दंे।
वीएम सिंह ने कहा कि आदांेलन का लाभ सबसे ज्यादा ये हुआ है कि जो मिल पर्ची नहीं मिल रही है। अब किसानों को लगातार पर्ची मिल रही है। जिस किसी का गन्ना नहीं गया तो वो चिंता न करें क्योंकि अभी तक रंगराजन कमेटी लागू नहीं हुई इसलिए आप लोग मत घबराओं क्योंकि जो मिल जल्दी बंद हो जायेगी और किसानों का गन्ना बच जायेगा तो उस मिल मालिक को खडे गन्ने का रेट देना पडेगा। उन्होनंे कहा कि मिल मालिकों के पास बहुत पैसा  है। क्योंकि जिन मिलों की दो मिले थे अब उनकी 17 मिले हो गयी है ये जो हक आपको मिल रहा है। ये आपकी ताकत है। वरना इन सरकारों ने तो हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी लागू नहीं कर रही है। जिस दिन आप एकत्रित हो जायेंगे तब आपका अधिकार आपको मिल जायेगा। अगर सरकार को सुप्रीम व हाईकोर्ट का आदेश लागू कराने के लिए लाखों लोगों को इकट्ठे होना पडा तो उस सरकार को एक दिन भी नहीं चलना चाहिए।

मेरठ : भाजपा सांसद ने किया राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन को समर्थन


भाजपा सांसद ने किया राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन को समर्थन

(ब्यूरो कार्यालय)

मेरठ (साई)। दुर्भाग्य है इस देश का, कि देश के अनदाता को बार-बार अपने अधिकारों व हकों को लेने के लिए सडक पर आना पड रहा है। हिन्दुस्तान में आजादी के बाद से लेकर अब तक  किसानों की अनदेखी की गयी है किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सरकार को सबसे पहले किसान मजदूरों की ओर ध्यान देना पडेगा। उक्त बाते मेरठ सिटी के भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने धरने पर उपस्थित किसानों के जनसैलाब को सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि मैं यहां अपना समर्थन देने आया हूं और किसानों की इस लडाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलूंगा। उन्होंने किसानों के धरने को सम्बोधित करते हुए भाजपा की नीति का गुणगान  करते हुए कहा कि छतीसगढ, मध्यप्रदेश, गुजरात व कर्नाटक के अंदर किसानों को शून्य ब्याज पर लोन दिया जाता है ओर किसानो से कोई ब्याज नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि इस समय सदन सत्र चल रहा है और किसानों की इस बात को मैं अगले हफ्ते सदन में उठाऊंगा। भाजपा सदन ने किसानों से वादा किया वह उनकी आवाज को संदन में उठाकर मजबूती के साथ किसानों के हकों को दिलाऊंगा।

मुजफ्फरनगर : किसान प्रदर्शन पर आमदा


किसान प्रदर्शन पर आमदा

(एस.धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले वर्ष 2009-10 के अन्तर मूल्य भुगतान (लगभग 5 हजार करोड) व विगत तथा चालू वर्ष के विलम्ब से हुए भुगतान पर ब्याज देने (लगभग 1500 करोड) के अदालती फरमान के बावजूद कोई कार्यवाही न होने पर मेरठ के कमीशनरी स्थित चौ. चरण सिंह पार्क पर मुजफ्फरनगर के किसानों का भी लगातार जाना जारी है।
धरने के छठे दिन जनपद मुजफ्फरनगर के विभिन्न गांवों से जहां भारी संख्या किसान टैªक्टर-ट्रालियों व अन्य वाहनों से मेरठ के लिए कूच कर गये वहीं मुजफ्फरनगर शहर से भी भारी संख्या में दर्जनों वाहनों में सवार होकर सैंकडों लोग मेरठ धरने स्थल पर पहुंचे।
विकास बालियान के नेतृृत्व में जाट कालोनी से दर्जनों वाहनों काफिला किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए जोश खरोश के साथ मेरठ के लिए रवाना हुआ।
यहां मौजूद लोगों को विकास बालियान ने बताया कि धरने का प्रचार प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में हो गया है और किसानों को मालूम हो गया है कि उनका साढे छह हजार करोड रूपया मिल मालिकों पर बकाया है। विकास बालियान ने कहा कि उनका किसी भी राजनीतिक या गैरराजनीतिक दलों के साथ कोई विरोध नहीं है। यह मांग नहीं किसानों का अधिकार है जो उच्च न्यायालय ने दिया। ऐसे में जरूरी है कि सभी राजनीतिक व गैरराजनीतिक दल अपने स्तर से इस अध्किार मांग को पूरी कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाये। यह पैसा मिलों को देना है जो किसानों का हक है। उन्होंने आहवान करते हुए कहा कि आज जनमानस की ताकत एक हो गयी तो किसानों का शोषण करने वाले सरमाएदारों को चेतना पडेगा और किसानों का हक उन्हें देना होगा।
मेरठ की ओर कूच करने वाले किसानों में व्यापारी नेता जयवीर सिंह, चौ. प्रेमपाल सिंह मौहम्मदपुर जट, सुभाष वर्मा खेडा जट, रविन्द्र त्यागी कुंआहेडी, नन्दकिशोर बरवाला, बिजेन्द्र सिंह, सचिन धीमान, विराज तोमर, इसरार चौध्री नरा, संजय सिंह दूधाधारी खेडी, चौ. तेजराम राठी सोंटा, रणवीर सिंह कुटबा, प्रमेन्द्र सोंटा, जगमोहन राणा, हरेन्द्र, सतेन्द्र, देवकुमार, शान मौहम्मद, कपिल देशवाल खेडी, अजीत पहलवान दताना, धर्मेन्द्र तोमर, सतेन्द्र राठी, जाहिद चौधरी आदि लोग दर्जनों वाहनों में शामिल होकर गयेे। 

कैथल : जाली नोट तैयार करने वाले रकैट का पर्दाफाश


जाली नोट तैयार करने वाले रकैट का पर्दाफाश

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। सीआईए पुलिस ने उल्लेखनीय कामयाबी हासिल करते हुए 100-100 रुपये के जाली नोट तैयार करने तथा आगे बेचने वाले रकैट का पर्दाफाश करते हुए 3 आरोपी गिरफ्तार किए है। आरोपियों के कब्जा से जाली नोट तैयार करने में प्रयुक्त प्रिंटर, स्कैनर, कोपीयर, एडोप्टर, ढ़ाई दस्ता विशेष कागजात, 100-100 रुपये के 173 जाली नोट व अन्य सामान बरामद किया है। मुख्य आरोपी ने करीब 20 दिन पुर्व ही यह गोरखधंधा शुरु किया था, कि सीआईए पुलिस की सतर्कता ने धंधे को नेस्दनाबुद कर दिया। बरामद किए गये सभी जाली नोटों पर 2 सिरिज के नंम्बर अंकित है। रकैट सरगना ने कबुला कि उस द्वारा अपने एक दोस्त के पास पानीपत में 6 हजार रुपये के जाली नोट छिपा रखे है, जिन्हें वह बरामद करवा सकता है। व्यापक पुछताछ उपरांत सभी आरोपियों को आज अदालत में पेश कर दिया गया, जहां से 2 आरोपी न्यायिक हिरासत में भेज दिए गये, तथा मुख्यारोपी का न्यायालय से 1 दिन के लिए पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया सीआईए पुलिस को गस्त दौरान 2 मार्च को सहयोगी सुत्रों से गुप्त जानकारी हासिल हुई कि गांव पाई वासी ऋषिपाल हाल शिवनगर कैथल के एक किराया मकान में रहता है, जहां वह 100 रुपये के जाली नोट तैयार कर आगे बेचने का धंधा करता है। इंस्पेक्टर राजकुमार के निर्देशानुसार रेङ्क्षडग पार्टी में एएसआई राजबीर ङ्क्षसह, रामनिवास, सत्यवान, अनुप ङ्क्षसह, हवलदार जसंवत ङ्क्षसह, व जगमाल ङ्क्षसह की टीम तैयार की गई। पुलिस ने शिवनगर के मकान से ऋषिपाल को काबु कर उसकी पहनी हुई पैंट की जेब से सौ-सौ रुपये के 50 नकली नोट बरामद किए। इनमें से 25 नोटों के नम्बर 6आरसी 042279 तथा शेष 25 नोटों के नम्बर 7डब्युबी 385237 मिले। मकान में बने कमरे से पुलिस ने जाली नोट तैयार करने में प्रयुक्त प्रिंटर, स्कैनर, कोपीयर, एडोप्टर, ढ़ाई दस्ता विशेष कागजात व अन्य सामान बरामद किया है।  एएसआई राजबीर ङ्क्षसह ने आरोपी ऋषिपाल को भादसं. की धारा 489ए,बी,सी,डी,ई अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस प्रवक्ता रोशन लाल खटकड़ ने बताया आठवीं तक शिक्षित आरोपी ऋषिपाल ने कबुला कि वह पुर्व में दुध बेचने का धंधा करता था, तथा करीब 20 दिन पुर्व से ही उसने नकली नोट बनाने का काम शुरु करते हुए उपरोक्त सामान खरीदा और अब तक करीब 24/25 हजार रुपये के जाली नोट तैयार कर चुका है। उसने कबुला कि कुछ दिन पुर्व एक समाचार पत्र में जाली नोट से संबद्धित समाचार पढऩे के बाद उसे जाली नोट तैयार करने की सुझी, तथा 100 रुपये के नोट पर आमजन द्वारा कम ध्यान देने कारण ही उसने 100 रुपये के जाली नोट तैयार करने का मन बनाया। अरोपी तैयार नकली नोटों को आगे बेच देता, तथा कुछ नकली नोट एक दो करके बाजार में भी चला देता। आरोपी ने कबुला कि उसने 3 हजार रुपये के जाली नोट राहुल वासी चिरंजीव कलोनी जो चंदाना रोड़ पर राजेंद्रा क्लीनिक के नाम से दवाईयों की दुकान किए हुए है, को 1 हजार रुपये में बेच दिए। इसी प्रकार आरोपी ने अपने साथी जरनैल ङ्क्षसह वासी चंदाना जो गांव में ही फर्नीचर की दुकान किए हुए है, को 10 हजार रुपये के जाली नोट 3 हजार रुपये में बेच दिए। उसने कबुला कि 6 हजार के जाली नोट उसने पानीपत में अपने किसी दोस्त के पास भी छिपा रखे है। पुलिस ने मुस्तैदी का परिचय देते हुए उपरोक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जा से क्रमशरू 26सौ व 97सौ रुपये के नकली नोट बरामद कर लिए है। तीनों आरोपियों को आज अदालत में पेश कर दिया गया। आरोपी राहुल व जरनैल को न्यायालय के आदेशानुसार न्यायिक हिरासत में तथा मुख्यारोपी ऋषिपाल का एक दिन के लिए पुलिस रिमांड हासिल किया गया है।

ग्‍वालियर : बाबा के मंदिर में भोग की कतार!


बाबा के मंदिर में भोग की कतार!

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। शिरडी के फकीर साई बाबा का चमत्कार हर जगह देखने को मिलता है। देश भर में बाबा के भक्तों की तादाद में विस्फोटक बढोत्तरी दर्ज हुई है। बाबा के मंदिरों की तादाद देश में अनगिनत हो चुकी है। साई बाबा के भण्डारे हर गुरूवार चाहे जहां यहां वहां होने लगे हैं।
अगर आप साई बाबा के भक्त हैं तो आपको अपना भक्ति-भाव उन्हें अर्पित करने के लिए बहुत धैर्य रखना पड़ेगा। साई बाबा के मंदिर में भोग लगाने के लिए 7300 भक्त कतार में हैं। अगर आप मंदिर में आज ही नंबर लगा दें तो आपकी भोग लगाने की बारी मई, 2018 में आएगी।
ग्वालियर के विकास नगर में 1976 में स्थापित सांई बाबा का मंदिर पिछले कुछ सालों से भोग अर्पण प्रबंधन के लिए चर्चा में है। भोग अर्पण के लिए साई भक्तों से दान राशि लेकर उनके नाम रजिस्टर में दर्ज कर लिए जाते हैं। उनका नंबर आने पर उनके नाम से भोग लगता है। ट्रस्ट कार्यालय में इस समय भोग की थाली चढ़ाने के लिए 7300 भक्तों का पंजीकरण हो चुका है। 2018 तक बाबा का भोग इन्हीं भक्तों के नाम से लगेगा। नये लोगों को 2018 के बाद भोग लगाने का मौका मिल पाएगा।
साई मंदिर में दर्ज नामों की जब बारी आती है, उन्हें दो सप्ताह पहले पोस्टकार्ड भेजकर सूचना दी जाती है। न्यास भोग वाले दिन फोन करके भी संबंधित भक्त को मंदिर में बुलाता है। एक दिन में चार भक्तों के नाम से थाली का भोग लगता है। दो भक्तों की ओर से सुबह 12 बजे और दो भक्तों की ओर से शाम को छह बजे। इन भक्तगणों को थाली में रखा प्रसाद आरती के बाद प्रदान किया जाता है। भोग की थाली के लिए श्रद्धालुओं से 201 रुपये की दानराशि ट्रस्ट कार्यालय में जमा कराई जाती है।

बालाघाट : पुतला दहन राजनीति में उलझी कांग्रेस भाजपा


पुतला दहन राजनीति में उलझी कांग्रेस भाजपा

(एम.के.देशमुख)

बालाघाट (साई)। रेल बजट में महाकौशल विशेषकर बालाघाट की उपेक्षा के चलते सिवनी के बाद अब बालाघाट में भी केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के पुतले जलने के बाद भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख का पुतला भी फूंक दिया गया। कांग्रेसी हनुमान चौक से रैली के रूप में काली पुतली चौक पहुंचे और यहां सांसद देशमुख का पुतला दहन किया, मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने हांलाकि पानी डालकर जलते हुये पुतले को बुझाने की कोशिश की पर इसके पहले पुतला जल चुका था।
उल्लेखनीय हैं कि कांग्रेसी अपने साथ सांसद के दो पुतले लेकर काली पुतली पहुंचे थे, कालीपुतली पहुंचते ही एक पुतला तत्काल जला दिया गया, जबकि दूसरा पुतला ऑटो रिक्शे में बांधा था, जिसे बाद में पुलिस ने जप्त कर लिया। पुतला दहन के दौरान पुलिस हस्तक्षेप से कांग्रेसी काफी आक्रोशित हुए लेकिन बाद में मामला शांत हो गया।
इस अवसर पर कांग्रेसी पदाधिकारियो ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ ने बालाघाट जिले को विकास की सौगात दी हैं। कमलनाथ न तो यहां के सांसद हैं और न विधायक बावजूद इसके उन्होनें हमेशा बालाघाट जिले को सौगाते दी हैं। वहीं भाजपा के सांसद ने ब्राडगेज को लेकर कभी कोई प्रयास नहीं किये यहां तक कि संसद में ब्राडगेज का मसला तक नहीं उठाया।
वहीं भाजपा के जनप्रतिनिधि ही ब्राडगेज कार्य की प्रगति में रोड़ा अटकाए हुये हैं ऐसे में भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ ओर रेलमंत्री पवन बसंल को पुतला जलाया जाना सर्वथा निदंनीय हैं। उन्होनें कहा कि भाजपा को अपनी इस तरह की हरकतो से बाज आना चाहिए अन्यथा उसे हर बार करारा जबाव दिया जायेगा। यदि वे हमारे कांग्रेसी नेता का एक पुतला जलायेगें तो उनके नेताओं के चार-चार पुतले जलाये जायेंगे। जिले मे हर गावं, हर शहर में सांसद के पुतले जलाये जायेंगे।
इस नुक्कड़ सभा को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष श्रीमती पुष्पा बिसेन, जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्षउपाध्यक्ष डॉ.सी.एस.चतुरमोहता, प्रवक्ता अनुपसिंह बैस, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रहीम खान, जिला महामंत्री अल्ला रक्खा, कांग्रेस सेवादल प्रदेश संगठन मंत्री अुनराम चतुरमोहता, मकसूद खान सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य उम्मेद लिल्हारे, राजेश मरार, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती नेहा सिंह, भीम फुलसुंघे, सुरज ब्रम्हे, अनिल कसार, प्रशांत मोहारे, अशोक सिंह बैस, छविराम नागेश्वर, पन्ना शर्मा, अनिल सोनी, शमीम सिद्धकी, कुलदीप बिल्थरे, साबिर खान, श्रीमती रूपलता पडवार सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, युवा कांग्रेसी उपस्थित थे।

कैथल : बीपीएल प्लाटों की निशानदेही करवाते पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण


बीपीएल प्लाटों की निशानदेही करवाते पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। जिला में परिवार कल्याण अभियान को और अधिक प्रभावी ढंग से चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र की संस्थाओं व चिकित्सकों की मदद लेने का फैसला किया है। परिवार को सीमित रखने की परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 11 मार्च से 24 मार्च तक एक विशेष अभियान चलाकर मान्यता प्राप्त निजी क्षेत्र की संस्थाओं में नलबंदी व नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे।
जिला उपायुक्त चंद्रशेखर ने आज अपने कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व निजी चिकित्सा संस्थाओं के चिकित्सकों की बैठक में चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे इस अभियान की सफलता के लिए समर्पण की भावना से काम करें। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक अपने काम को पूरी तनमयता  से करके आम जन में विश्वास को कायम करें।
इस अभियान के लिए कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें परिवार कल्याण विभाग की डिप्टी सिविल सर्जन, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के डिप्टी सिविल सर्जन, आईएमए के दो या तीन सदस्य के अतिरिक्त स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी शामिल किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि इन शिविरों में नसबंदी करवाने वाले लोगों को 1300 रुपए नकद तथा 200 रुपए की राशि मोटिवेटर को दी जाएगी। नलबंदी करवाने वाली महिलाओं को भी प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान होगा। अनुसूचित जाति व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को नलबंदी करवाने पर 1350 रुपए तथा मोटिवेटर को 150 की राशि प्रदान की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए इस अभियान को सफल बनाया जाना जरूरी है।
सिविल सर्जन डा। सुरेंद्र नैन ने बताया कि निजी क्षेत्र की जिन संस्थाओं को परिवार कल्याण सेवाओं के लिए शामिल किया गया है, उनमें हिंद सिनेमा के निकट गर्ग आई व मैट्रिनेटी अस्पताल, पदमा सिटी के निकट गणपति अस्पताल, पार्क रोड कैथल पर सिघानिया नर्सिंग होम, करनाल रोड पर जीवन ज्योति अस्पताल, अंबाला रोड पर सूद आई व मैट्रिनेटी अस्पताल, हिंद सिनेमा कैथल के नजदीक जिंदल अस्पताल, पेहवा चौक कैथल पर आर्य सिटी स्कैन व मैट्रिनेटी होम, पार्क रोड कैथल पर कीर्ति अस्पताल, करनाल रोड कैथल पर सिंघला नर्सिंग होम, अंबाला रोड कैथल पर मित्तल सर्जिकल व मैट्रिनेटी अस्पताल, अंबाला रोड कैथल पर आशिर्वाद नर्सिंग होम शामिल है।
श्री नैन ने बताया कि नलबंदी व नसबंदी के सभी आपरेशन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किए जाएंगे। जिला में इन 11 निजी क्षेत्र की चिकित्सा संस्थाओं को नसबंदी व नलबंदी आपरेशन के लिए चुना गया है। यदि जनसंख्या पर नियंत्रण हो जाता है तो आम आदमी को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कोई भी परेशानी नही आएगी। उन्होंने कहा कि इन शिविरों को सफल बनाने के लिए आम आदमी को अभियान के साथ जोड़ा जाएगा।इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डा। नीलम कक्कड़, आईएमए के प्रधान सहित आईएमए के सदस्य मौजूद रहे। 

मुजफ्फरनगर : समाज कल्याण विभाग में डीएम का छापा


समाज कल्याण विभाग में डीएम का छापा

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। जिले का समाज कल्याण विभाग चालीस करोड़ के घोटालों को लेकर पहले ही चर्चाओं में है। आज जब डीएम सुरेन्द्र सिंह ने समाज कल्याण विभाग में छापा मारा तो विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक में समाज कल्याण विभाग के तीन फर्जी खातों की जानकारी मिली। इन तीनों खातों से करीब दो करोड़ रूपये के गोलमाल का खुलासा हुआ। इसके अलावा पिछड़े वर्ग विभाग के भी एक फर्जी खाते का मामला सामने आया। डीएम सुरेन्द्र सिंह ने जब समाज कल्याण विभाग व विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक में पत्रावलियों की जांच की गोलमाल का खुलासा हुआ। डीएम ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये।
डीएम सुरेन्द्र ने विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में समाज कल्याण विभाग व पिछड़ा वर्ग विभाग से सम्बन्धित खातों को खंगाला। डीएम को समाज कल्याण विभाग के तीन खातों के गोलमाल का मामला मिला। खाता नं. 171 जो 20.04.2011 को समाज कल्याण अविभाग के अधिकारियों ने खुलवाया था और उसमें 61 लाख 34 हजार रूपये जमा थे। दिनांक 21.02.2012 को उक्त खाते में करीब 21 लाख रूपये चैक द्वारा निकाल लिये गये। इसके अलावा बाकी चालीस लाख रूपये भी विभिन्न तारीखों में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उक्त खाते से निकाल लिये। इसी तरह समाज कल्याण विभाग के खाता नं. 658 में एक करोड़ 33 लाख रूपये जमा थे वे भी भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों ने निकालकर बंदरबाट कर लिये। उक्त खाता दिनांक 29.08.2011 को खुलवाया गया था तथा 02.07.2012 को सभी रूपये निकाल कर बंद कर दिया गया। इसी तरह एक अन्य खाता नं. 1118 दिनांक 28.04.2012 को खुलवाया गया था, में से तीन लाख 39 हजार चार सौ दो रूपये निकाल लिये गये। इस खाते में करीब तेईस लाख रूपया अब भी जमा है।
जिले का समाज कल्याण विभाग घोटालों के मामले में पूरे प्रदेश में नम्बर एक पर है। लगभग चार साल पहले जिले में तैनात तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी रिंकू सिंह राही पर जानलेवा हमला किया गया था। इसके बाद समाज कल्याण विभाग में लगातार घोटाले खुलते रहे तथा दर्जनों अधिकारियों व कर्मचारियों को जेल जाना पड़ा था। इसके साथ ही कई बैंक कर्मी भी फर्जीवाड़े में जेल गये थे। जिनमें से कुछ अभी तक जेल में बंद हैं। डीएम सुरेन्द्र सिंह ने समाज कल्याण विभाग में शासन द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट को सुरक्षा की दृष्टि से कोषागार में रखवाया है।
डीएम सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के तीनों खातों से निकाले गये रूपयों के मामले में जांच कराई जायेगी तथा दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को दंडित किया जायेगा। डीएम के सख्त तेवरों के चलते विकास भवन के अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कम्प मचा रहा।

मुजफ्फरनगर : समाज कल्याण विभाग में डीएम का छापा


समाज कल्याण विभाग में डीएम का छापा

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। जिले का समाज कल्याण विभाग चालीस करोड़ के घोटालों को लेकर पहले ही चर्चाओं में है। आज जब डीएम सुरेन्द्र सिंह ने समाज कल्याण विभाग में छापा मारा तो विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक में समाज कल्याण विभाग के तीन फर्जी खातों की जानकारी मिली। इन तीनों खातों से करीब दो करोड़ रूपये के गोलमाल का खुलासा हुआ। इसके अलावा पिछड़े वर्ग विभाग के भी एक फर्जी खाते का मामला सामने आया। डीएम सुरेन्द्र सिंह ने जब समाज कल्याण विभाग व विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक में पत्रावलियों की जांच की गोलमाल का खुलासा हुआ। डीएम ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये।
डीएम सुरेन्द्र ने विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में समाज कल्याण विभाग व पिछड़ा वर्ग विभाग से सम्बन्धित खातों को खंगाला। डीएम को समाज कल्याण विभाग के तीन खातों के गोलमाल का मामला मिला। खाता नं. 171 जो 20.04.2011 को समाज कल्याण अविभाग के अधिकारियों ने खुलवाया था और उसमें 61 लाख 34 हजार रूपये जमा थे। दिनांक 21.02.2012 को उक्त खाते में करीब 21 लाख रूपये चैक द्वारा निकाल लिये गये। इसके अलावा बाकी चालीस लाख रूपये भी विभिन्न तारीखों में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उक्त खाते से निकाल लिये। इसी तरह समाज कल्याण विभाग के खाता नं. 658 में एक करोड़ 33 लाख रूपये जमा थे वे भी भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों ने निकालकर बंदरबाट कर लिये। उक्त खाता दिनांक 29.08.2011 को खुलवाया गया था तथा 02.07.2012 को सभी रूपये निकाल कर बंद कर दिया गया। इसी तरह एक अन्य खाता नं. 1118 दिनांक 28.04.2012 को खुलवाया गया था, में से तीन लाख 39 हजार चार सौ दो रूपये निकाल लिये गये। इस खाते में करीब तेईस लाख रूपया अब भी जमा है।
जिले का समाज कल्याण विभाग घोटालों के मामले में पूरे प्रदेश में नम्बर एक पर है। लगभग चार साल पहले जिले में तैनात तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी रिंकू सिंह राही पर जानलेवा हमला किया गया था। इसके बाद समाज कल्याण विभाग में लगातार घोटाले खुलते रहे तथा दर्जनों अधिकारियों व कर्मचारियों को जेल जाना पड़ा था। इसके साथ ही कई बैंक कर्मी भी फर्जीवाड़े में जेल गये थे। जिनमें से कुछ अभी तक जेल में बंद हैं। डीएम सुरेन्द्र सिंह ने समाज कल्याण विभाग में शासन द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट को सुरक्षा की दृष्टि से कोषागार में रखवाया है।
डीएम सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के तीनों खातों से निकाले गये रूपयों के मामले में जांच कराई जायेगी तथा दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को दंडित किया जायेगा। डीएम के सख्त तेवरों के चलते विकास भवन के अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कम्प मचा रहा।