जाली नोट तैयार
करने वाले रकैट का पर्दाफाश
(राजकुमार अग्रवाल)
कैथल (साई)। सीआईए
पुलिस ने उल्लेखनीय कामयाबी हासिल करते हुए 100-100 रुपये के जाली नोट तैयार करने
तथा आगे बेचने वाले रकैट का पर्दाफाश करते हुए 3 आरोपी गिरफ्तार किए है। आरोपियों
के कब्जा से जाली नोट तैयार करने में प्रयुक्त प्रिंटर, स्कैनर, कोपीयर, एडोप्टर, ढ़ाई दस्ता विशेष कागजात, 100-100 रुपये के
173 जाली नोट व अन्य सामान बरामद किया है। मुख्य आरोपी ने करीब 20 दिन पुर्व ही यह
गोरखधंधा शुरु किया था, कि सीआईए पुलिस की सतर्कता ने धंधे को नेस्दनाबुद कर दिया।
बरामद किए गये सभी जाली नोटों पर 2 सिरिज के नंम्बर अंकित है। रकैट सरगना ने कबुला
कि उस द्वारा अपने एक दोस्त के पास पानीपत में 6 हजार रुपये के जाली नोट छिपा रखे
है, जिन्हें वह
बरामद करवा सकता है। व्यापक पुछताछ उपरांत सभी आरोपियों को आज अदालत में पेश कर
दिया गया, जहां से 2
आरोपी न्यायिक हिरासत में भेज दिए गये, तथा मुख्यारोपी का न्यायालय से 1 दिन के लिए
पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया सीआईए पुलिस को गस्त
दौरान 2 मार्च को सहयोगी सुत्रों से गुप्त जानकारी हासिल हुई कि गांव पाई वासी
ऋषिपाल हाल शिवनगर कैथल के एक किराया मकान में रहता है, जहां वह 100 रुपये
के जाली नोट तैयार कर आगे बेचने का धंधा करता है। इंस्पेक्टर राजकुमार के
निर्देशानुसार रेङ्क्षडग पार्टी में एएसआई राजबीर ङ्क्षसह, रामनिवास, सत्यवान, अनुप ङ्क्षसह, हवलदार जसंवत
ङ्क्षसह, व जगमाल
ङ्क्षसह की टीम तैयार की गई। पुलिस ने शिवनगर के मकान से ऋषिपाल को काबु कर उसकी
पहनी हुई पैंट की जेब से सौ-सौ रुपये के 50 नकली नोट बरामद किए। इनमें से 25 नोटों
के नम्बर 6आरसी 042279 तथा शेष 25 नोटों के नम्बर 7डब्युबी 385237 मिले। मकान में
बने कमरे से पुलिस ने जाली नोट तैयार करने में प्रयुक्त प्रिंटर, स्कैनर, कोपीयर, एडोप्टर, ढ़ाई दस्ता विशेष
कागजात व अन्य सामान बरामद किया है। एएसआई
राजबीर ङ्क्षसह ने आरोपी ऋषिपाल को भादसं. की धारा 489ए,बी,सी,डी,ई अंतर्गत गिरफ्तार
कर लिया। पुलिस प्रवक्ता रोशन लाल खटकड़ ने बताया आठवीं तक शिक्षित आरोपी ऋषिपाल ने
कबुला कि वह पुर्व में दुध बेचने का धंधा करता था, तथा करीब 20 दिन
पुर्व से ही उसने नकली नोट बनाने का काम शुरु करते हुए उपरोक्त सामान खरीदा और अब
तक करीब 24/25 हजार रुपये के जाली नोट तैयार कर चुका है। उसने कबुला कि कुछ दिन
पुर्व एक समाचार पत्र में जाली नोट से संबद्धित समाचार पढऩे के बाद उसे जाली नोट
तैयार करने की सुझी,
तथा 100 रुपये के नोट पर आमजन द्वारा कम ध्यान देने कारण ही
उसने 100 रुपये के जाली नोट तैयार करने का मन बनाया। अरोपी तैयार नकली नोटों को
आगे बेच देता, तथा कुछ
नकली नोट एक दो करके बाजार में भी चला देता। आरोपी ने कबुला कि उसने 3 हजार रुपये
के जाली नोट राहुल वासी चिरंजीव कलोनी जो चंदाना रोड़ पर राजेंद्रा क्लीनिक के नाम
से दवाईयों की दुकान किए हुए है, को 1 हजार रुपये में बेच दिए। इसी प्रकार
आरोपी ने अपने साथी जरनैल ङ्क्षसह वासी चंदाना जो गांव में ही फर्नीचर की दुकान
किए हुए है, को 10 हजार
रुपये के जाली नोट 3 हजार रुपये में बेच दिए। उसने कबुला कि 6 हजार के जाली नोट
उसने पानीपत में अपने किसी दोस्त के पास भी छिपा रखे है। पुलिस ने मुस्तैदी का
परिचय देते हुए उपरोक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जा से क्रमशरू 26सौ
व 97सौ रुपये के नकली नोट बरामद कर लिए है। तीनों आरोपियों को आज अदालत में पेश कर
दिया गया। आरोपी राहुल व जरनैल को न्यायालय के आदेशानुसार न्यायिक हिरासत में तथा
मुख्यारोपी ऋषिपाल का एक दिन के लिए पुलिस रिमांड हासिल किया गया है।
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