सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

शिव राज में फल फूल रहा बलात्कार!


शिव राज में फल फूल रहा बलात्कार!

(लिमटी खरे)
  
मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान भले ही अपने नेतृत्व को सफलतम करार देकर अपनी पीठ ठोंक रहे हों, पर असलियत इससे उलट ही है। मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की तिजोरियां जमकर धन उगल रही हैं। किसान आत्महत्याओं के आंकड़े हैरानी पैदा करने वाले हैं। भ्रष्टाचार का जमकर बोलबाला है। इसके साथ ही साथ नेशनल क्राईम ब्यूरो के आंकड़ों को देखकर रीढ़ की हड्डी में सिहरन पैदा होने लगती है। एनसीबी के आंकड़ों पर अगर गौर फरमाएं तो शिव के राज में मध्य प्रदेश में हर बीस घंटे में एक अबला का बलात्कार कर शील भंग किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के स्वर्णिम इतिहास का काला अध्याय ही कहा जाएगा इस तरह का राज किन्तु विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी मौन साधे हुए है, कहा जा रहा है कि कांग्रेस भी 53 ग्रेड की सीमेंट के मानिंद पानी (चढ़ोत्री) की बूंदों के पड़ते ही सैट हो चुकी है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में दहेज दिया जा रहा है सरकार द्वारा, मतलब शिवराज सिंह चौहान खुद दहेज प्रथा के पोषक हैं।

मध्य प्रदेश सरकार अपने प्रचार साधनोें का प्रयोग कर चाहे जो कहें किन्तु जमीनी हकीकत को वे झुटला नहीं सकते हैं। कहा जा रहा है कि एमपी में अब कलेक्टरी भी बिकने लगी है। प्रदेश में हर तरफ अराजकता का आलम है। सांसद विधायक अपना अपना हित साधने में जुटे हुए हैं। किसी को किसी की परवाह ही नहीं है। विकास के नाम का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। विपक्ष में बैठी कांग्रेस द्वारा बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाकर केंद्र के पैसे का हिसाब पूछती नजर आती है, पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और सांसद कांति लाल भूरिया इस मामले को संसद में और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह इसे विधानसभा में उठाने से गुरेज ही करते आए हैं।
मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय और एनसीबी के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो हर दिए एक बलात्कार का मामला औसतन सामने आ रहा है। इन मामलों का सबसे दुखद पहलू यह है कि इसमें ज्यादातर बलात्कार की शिकार बालाएं नाबालिग ही होती हैं। इसके अलावा सामूहिक बलात्कार के मामलों में भी तेजी से ही इजाफा हुआ है। एक अखबार के अनुसार सागर संभाग में ही 330 मामलों में से 126 मामलों में पीडिता किशोरी ही थी अर्थात वह नाबालिग ही थी।
शिवराज सिंह चौहान के लिए यह बात सबसे ज्यादा शर्मनाक होनी चाहिए कि एनसीबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में मध्य प्रदेश में बलात्कार की 3406 घटनाएं प्रकाश में आईं। 365 दिन में 3406 बलात्कार के हिसाब से अगर देखा जाए तो कमोबेश हर रोज एक बलात्कार का औसत आता है। कहने को तो शिवराज सिंह चौहान खुद को प्रदेश के बच्चों का मामा ही निरूपित करते हैं पर जब बालाओं के साथ बलात्कार के आंकड़ों की बात आती है वे मौन ही साध लेते हैं।
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में मध्य प्रदेश एक के बाद एक सीढ़ी चढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में महिलाओं के साथ हिंसा, बलात्कार, यौन दुराचार, हत्या, लिंग आधारित भेदभाव, भू्रण हत्या आदि जैसे जघन्य अपराध जमकर घट रहे हैं। सरकारी आंकड़ों को अगर माना जाए तो पिछले तीन सालों में बलात्कार के दस हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। वर्ष 2011 में प्रदेश में 3406 बलात्कार के मामलों में पीडिता नाबालिगों की तादाद 1262 है।
शिवराज सिंह चौहान अपने मतदाताओं को लुभाने के लिए भले ही जनता के द्वारा करों से संग्रहित राजस्व की होली खेलकर सामूहिक विवाह यानी कन्या दान और लाड़ली लक्ष्मी योजना चला रहे हों पर वास्तविकता में तो उनकी भांजियां ही सुरक्षित नहीं हैं उनके राज में। कुछ संगठनों ने तो कन्या दान योजना और लाड़ली लक्ष्मी योजना को संविधान के खिलाफ ही करार दिया है। वैसे देखा जाए तो कन्यादान योजना के विज्ञापनों में दहेज के लिए सामग्री की खरीद की निविदाएं आमंत्रित हो रही हैं। इस तरह सरकार की पैरवी पर ही दहेज का चलन फिर वापस आ रहा है। हालात देखकर यह कहने में हमें कोई संकोच नहीं है कि रामराज का दावा करने वाले शिवराज खुद ही दहेज प्रथा के पोषक हैं।
भले ही शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश की बच्चियों का खुद को मामा बताया जा रहा हो, पर वास्तव में वे प्रदेश वासियों को मामा ही बना रहे हैं। शिव के राज में बच्चियों की खरीदी बिक्री शिवराज की मंशाओं पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए काफी कही जा सकती है। मध्य प्रदेश गर्म गोश्ती की मण्डी में तब्दील होता जा रहा है। इस सूबे में बालाओं को चंद पैसे के लिए ही अपहरण कर बेच दिया जाता है जो शर्मनाक ही कहा जाएगा।
पिछले दिनों बांधवगढ़ में एक रिसोर्ट में कोरियाई युवती के साथ हुए रेप के मामले ने क्या वैश्विक स्तर पर भारत और मध्य प्रदेश की साख पर चार चांद लगाए होंगे? जाहिर है नहीं, इसी तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में घटित हो रही है और पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है। आखिर पुलिस भी बेचारी क्या करे, जब प्रदेश में हर एक पद बिक रहा हो तो भला पुलिस क्यों जोखम मोल लेने चली। (साई फीचर्स)  

शिव राज में हर रोज किसान कर रहे आत्महत्या


शिव राज में हर रोज किसान कर रहे आत्महत्या

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। देश के हृदय प्रदेश को लगता है किसी की नजर लग गई है। मध्य प्रदेश में ओला पाला आदि प्राकृतिक आपदाओं से पीडित किसानों द्वारा कर्ज के बोझ तले दबकर खुदकुशी के ही रास्ते को चुनना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश की बागड़ोर शिवराज ंिसह चौहान के हाथों में है जो खुदको किसान पुत्र बताते हैं। विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी फटे रूमाल से किसानों के आंसू पोंछने का स्वांग करती नजर आ रही है।
नैशनल क्राइम ब्यूरो के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में भाजपा के आठ साल के शासन काल में 10 हजार 800 से अधिक किसानों ने खुदकुशी की है। आज मध्य प्रदेश किसानों की खुदकुशी के मामले में देश में चौथे नंबर पर पहुंच गया है। सूत्रों ने नैशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से बताया कि प्रदेश में किसानों द्वारा की जा रही खुदकुशी की वजह आर्थिक तंगी, कर्ज और पारिवारिक है।
नैशनल क्राइम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में वर्ष 2011 में हर दिन औसतन 3 से अधिक किसानों ने मौत को गले लगाया और कई कारणों से कुल 1326 किसानों ने खुदकुशी जैसा कदम उठाया है। 2004 से 2011 के 8 साल के बीच 10861 किसानों ने मौत को गले लगाया।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2011 में जिन 1326 किसानों ने मौत को गले लगाया उनके कारण अलग-अलग रहे हैं। इस दौरान जिन किसानों ने खुदकुशी की है उनमें 347 ने पारिवारिक कारणों से, 16 ने आर्थिक कारणों से, 326 ने शारीरिक व मानसिक बीमारी के चलते, 120 ने नशे में और 508 ने अन्य कारणों से खुदकुशी की है।

मीडिया सैंसरशिप है एमपी में काटजू साहेब!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 62

मीडिया सैंसरशिप है एमपी में काटजू साहेब!

(आदित्य नारायण उपाध्याय)

भोपाल (साई)। यह महज संयोग नहीं है कि जब भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्केण्डेय काटजू राज्य सरकारों द्वारा प्रेस के साथ किये जा रहे दोहरे व्यवहार की बात करते हैं उनकी सूची में भाजपा अथवा भाजपा के सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्य ही सबसे ऊपर होते हैं। अब चाहे अरुण जेटली या भाजपा के अन्य नेता समेत केन्द्र की राजनीति में विपक्षी दलों की भूमिका अदा कर रहे तमाम राजनीतिक दल भले ही उन्हें कोसने लगें लेकिन उनकी विद्वता पर किसी प्रकार का कोई ऐतराज नहीं किया जा सकता और यह संदेह जायज भी नहीं है।
संभवतः गुजरात और बिहार की पत्रकारिता कम से कम मध्य प्रदेश की तुलना में ज्यादा निर्भीक और जुझारू है जिसकी बात पत्रकारिता और पत्रकारों के हितों की लड़ाई का झंडा उठाए व्यक्ति तक पहुंच तो रही है। मगर भाजपा शासित मध्य प्रदेश का क्या जहां भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अपने आप को पत्रकार कहने में गर्व महसूस करने वाले प्रभात झा को अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को लेकर न्यायमूर्ति काटजू के खिलाफ राष्ट्रपति को पत्र लिखना तो याद रहता है मगर राज्य सरकार के चंद लाड़ले अधिकारियों द्वारा लागू की जा रही अघोषित सेंसरशिप नजर नहीं आती। उन्हें नजर नहीं आता कि प्रदेश में लागू अघोषित सेंसरशिप का दंश कुछ निर्भीक पत्रकार झेल रहे हैं।
इसकी एक बानगी राज्य विधान सभा के बजट सत्र के लिए पत्रकारों को जारी किए गये प्रवेश पत्रों की सूची से मिल जाती है जिसमें छांट-छांट कर सत्ता प्रतिष्ठान और सरकार के चहेतों के खिलाफ लिखने वाले समाचार पत्रों और उनके प्रतिनिधियों को अलग कर दिया गया है। पराकाष्ठा यह कि असल पत्रकारों के पास काट कुछ ऐसे लोगों को पत्रकार दीर्घा के पास जारी कर दिये गये हैं जिनका कोई कवरेज किसी अखबार में छपता ही नहीं।
लेकिन बात यह नहीं कि इन्हें क्यों पास दिये गये, भाड़ में जाऐं ऐसे अधिकारी जिन्हें ये पत्रकार नजर आते है। सरकार के फंड का अहम हिस्सा ऐसे लोगों के हाथों रेवडिय़ों की तरह बंट रहा है जो नाम मात्र का प्रकाशन करते हैं और पार्ट टाइम पत्रकार हैं। इस तालमेल की जानकारी हमने स्वयं मुख्यमंत्री सहित, वरिष्ठ अधिकारियों को दी है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने भी इस संबंध में प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है पत्रकारों का आंदोलन भी हो चुका पर अधिकारियों का अभी तक कोई बाल भी बांका नहीं कर सका है।
क्यों अखबारों में अक्सर पहले पेज पर सरकार की नीतियों की समीक्षा नहीं होती, क्यों भ्रष्टाचार की खबरों की गहराई अधिकारियों से कहीं गहरे उतरे उनके आकाओं तक नहीं पहुंच रहीं, क्यों सत्तारूढ़ दल के अलावा अन्य दलों की गतिविधियाँ पहले पेज पर स्थान नहीं पातीं.... क्योंकि कलम को पेट से बाँध दिया गया है और पेट पालना पहली प्राथमिकता है।
और यह भी कि जमीनी हकीकत ऊपर पहुंचना नहीं चाहिये पहुँचे तो सिर्फ तारीफ ही तारीफ जिससे फीलगुड में सरकार रहे मदमस्त और अफसर उड़ायें मजे। सरकार बदलने पर भी अफसरों की पालिसी कुछ ऐसी ही रहती है। अटलजी का इंडिया शाइनिंग याद आता है।
केवल इतना ही नहीं प्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने ऐसे अधिकारी को विज्ञापन का काम सौंपा गया है जो चीन्ह चीन्ह कर विज्ञापन दे रहा है और ऐसे अखबरों को निपटा रहा है जो सरकार की विरूदावलि नहीं गाते। अनेक वेबसाइटों और चेनलों पर योजनाओं की जानकारी से ज्यादा सरकार की गान गाथा सरकारी खर्च पर गाई जा रही है। अब इसे क्या समझें?
(मीडिया खबर डॉट काम से साभार)

हर बार ब्राडगेज का आश्वासन देकर छला गया सिवनी वासियों को


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 7

हर बार ब्राडगेज का आश्वासन देकर छला गया सिवनी वासियों को

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। जब जब लोकसभा चुनाव हुए हैं तब तब ब्राडगेज जैसे ज्वलंत और जनता से जुड़े मुद्दे को पार्टियों द्वारा उठाकर इस मामले में आश्वासन दे जनता का विश्वास जीता जाता रहा है। जीतने के बाद पांच साल तक न तो किसी सांसद ने उसे मिले जनादेश की चिंता की है और ना ही लोकसभा में इस मामले को उठाने का ही प्रयास किया है, और न ही पराजित उम्मीदवार ने ही इस मामले के लिए सांसद को जगाने का प्रयास किया। हार के बाद पराजित उम्मीदवार ने भी उसे नियति मानकर पांच साल के लिए मौन साधे रखा।
सिवनी लोकसभा जब तक अस्तित्व में रही हर बार जनता की भावनाओं का जमकर उपयोग किया गया है, प्रत्याशियों द्वारा। चूंकि रेल का ममला केंद्र सरकार का होता है अतः लोकसभा चुनावों के दौरान प्रमुख राजनैतिक दल के प्रत्याशियों द्वारा इस संवेदनशील मुद्दे को हथियार की तरह इस्तेमाल कर सिवनी में शतायु हो चुकी नेरोगेज रेल लाईन को ब्राड गेज में तब्दील कराने का आश्वासन दिया जाता रहा है।
एक मर्तबा तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.व्ही.नरसिंहराव द्वारा भी चुनावी घोषणा के तौर पर परमहंसी आश्रम श्रीधाम में जगतगुरू शंकराचार्य जी के समक्ष यह कहा गया था कि उनके संसदीय क्षेत्र रहे महाराष्ट्र के रामटेक से गोटेगांव तक बड़ी रेल लाईन लाई जाएगी। दुर्भाग्य से वे दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बन पाए और छिंदवाड़ा नैनपुर से इतर रामटेक गोटेगांव की यह घोषणा खालिस चुनावी वायदा बनकर रह गई।
सिवनी विधानसभा से दो बार कांग्रेस प्रत्याशी रहे आशुतोष वर्मा द्वारा अलबत्ता इस मामले को अपने हाथ में लेकर रामटेक गोटेगांव को भारतीय रेल के नक्शे पर लाने का हर संभव प्रयास किया गया किन्तु उनकी आवाज भारतीय रेल के नक्कारखाने में तूती ही साबित हुई। पिछले बजट में इस मार्ग का जिकर होने से कुछ आशाएं अवश्य जगी हैं, किन्तु यक्ष प्रश्न अब भी यही है कि जब नागपुर से छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर होकर मण्डला और जबलपुर जाने वाला जो मार्ग अस्त्तिव में है उसका छिंदवाड़ा से नैनपुर और मण्डला का रेलखण्ड ही अभी तक नहीं बन पाया है तो नई रेल लाईन कब और कैसे आ पाएगी।
यहां उल्लेखनीय होगा कि जब जब चुनाव समाप्त हुए तो विजयी सांसद ने जनता से किए गए इस चुनावी वायदे को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले के किसी भी संसद सदस्य द्वारा अब तक नैनपुर से बरास्ता सिवनी होकर छिंदवाड़ा जाने वाले रेलखण्ड के संबंध में प्रश्न नहीं उठाया गया है। सिवनी की सियासती जमीन इतनी भुरभुरी है कि बरास्ता राज्यसभा संसदीय सौंध तक पहुंचाने कांग्रेस और भाजपा को एक भी दावेदार नहीं मिला है इसलिए इस रेलखण्ड से संबंधित बात राज्य सभा में भी नहीं उठ सकी है।
लोकसभा चुनावों के आते ही सिवनी वासियों के मस्तिष्क पटल पर विकास का जो नक्शा उकेरा जाता रहा है उसमें ब्राडगेज को विशेष स्थान दिया जाता रहा है। लोगों को लगने लगता बस एक दो बरस में ही सिवनी ब्राडगेज से जुड़ जाएगा और फिर सिवनी के विकास के रास्ते प्रशस्त हो जाएंगे। सिवनी के निवासियों के युवा सदस्यों को इस विकास का भागीदार बनाकर यहां उद्योग धंधे स्थापित हो जाएंगे, फिर सिवनी में राम राज्य की स्थापना को कोई नहीं रोक सकता है।
(क्रमशः जारी)

अधोसंरचना विकास में भी छला है आदिवासियों को थापर ने


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 07

अधोसंरचना विकास में भी छला है आदिवासियों को थापर ने

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। भगवान शिव का जिला माने जाने वाले मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में थापर ग्रुप ऑफ कम्पनी के प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर के बरेला ग्राम में प्रस्तावित 1260 मेगावाट के पावर प्लांट के प्रस्ताव में क्षेत्र के अधोसंरचना विकास में भी घालमेल किया जा रहा है। कम्पनी द्वारा आदिवासियों के हितों पर सीधा डाका डालकर स्कूल, उद्यान, अस्पताल आदि की मद में भी कम व्यय किया जाना दर्शाया गया है।
गौरतलब होगा कि इस पावर प्रोजेक्ट में प्रतिदिन दस हजार टन कोयला जलाकर उससे बिजली का उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है। झाबुआ पावर लिमिटेड की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए 300 लोगों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। इन तीन सौ लोगों में कितने लोग स्थानीय और कितने स्किल्ड और अनस्किल्ड होंगे इस मामले में कंपनी ने पूरी तरह मौन ही साध रखा है।
केन्द्रीय उर्जा मन्त्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड के इस 1200 मेगावाट के पावर प्लांट के प्रथम चरण में 600 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। इस पावर प्लांट में निकलने वाली उर्जा के दुष्प्रभावों को किस प्रकार कम किया जाएगा इस बारे में कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है। इतना ही नहीं इस काम में इतना जबर्दस्त ध्वनि प्रदूषण होगा कि यहां काम करने वाले लोगों को इयर फोन आदि का प्रयोग करना ही होगा। इसके साथ ही साथ आसपास रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग इसके ताप को सहन कर पाएंगे कि नहीं इस बारे में कहा नहीं जा सकता है।
इस परियोजना के पूरा होने तक चार सालों में अधोसंरचना विकास हेतु महज एक करोड रूपए की राशि प्रस्तावित की गई है, जिसे बहुत ही कम आंका जा रहा है। घंसौर में स्थानीय स्तर पर हुई जनसुनवाई के उपरांत कंपनी ने कितनी रकम किस मद में व्यय की है इस बारे में वह पूरी तरह से मौन साधे बैठी है। वैसे यहां पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी द्वारा अस्पताल, स्कूल, बाग बगीचे आदि के लिए बहुत कम राशि का प्रावधान किया गया है। जानकारों का कहना है कि इस मद में एक से पांच प्रतिशत तक की राशि का प्रावधान किया जाना चाहिए था, ताकि इस परियोजना से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के मार्ग प्रशस्त किए जाकर आदिवासियों को कुछ मुआवजा ही मिल पाता।
मजे की बात तो यह है कि इस पावर प्रोजेक्ट की स्थापना हेतु मध्य प्रदेश सरकार को कितनी रायल्टी मिलने वाली है, इस बात का भी खुलासा नहीं किया गया है। गौरतलब है कि उस वक्त हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उस राज्य में स्थापित होने वाले पावर प्रोजेक्ट पर जितनी रायल्टी वर्तमान में प्रस्तावित थी, उससे इतर बिजली उत्पादन होने की दशा में प्रोजेक्ट से एक फीसदी की दर से अतिरिक्त रायल्टी लेने का प्रावधान किया गया है, इस राशि से पावर प्रोजेक्ट की जद में आने वाली ग्राम पंचायतों को गुलजार किया जाना प्रस्तावित है।
विडम्बना यह है कि आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर के ग्राम बरेला में लगने वाले इस पावर प्लांट की कुल लागत कितनी है, कंपनी को स्थानीय क्षेत्र या जद में आने वाले गावों के विकास के लिए कितने फीसदी राशि का प्रावधान किया जाना है, राज्य सरकार को कितनी रायल्टी मिलेगी या फिर बिजली उत्पादन होने पर अतिरिक्त रायल्टी कितनी मिलेगी और कब तक मिलती रहेगी, इस बारे में कोई ठोस जानकारी न तो सरकार के पास से ही मुहैया हो पा रही है, और न ही कंपनी द्वारा पारदर्शिता अपनाते हुए बताया जा रहा है।
2009 में आरंभ हुई इस परियोजना को आरंभ हुए साढ़े तीन साल बीत चुके हैं फिर भी अधोसंरचना विकास के नाम पर यहां सिर्फ कागजी घोड़े ही दौड़ाए जा रहे हैं। आरोपित है कि चार साल में एक फीसदी से भी कम राशि का किया प्रावधान कर आदिवासियों के हितों पर हो रहा कुठाराघात किया जा रहा है।
(क्रमशः जारी)

तीन दिन बाद जख्म सहलाने हैदराबाद पहुंचे मन


तीन दिन बाद जख्म सहलाने हैदराबाद पहुंचे मन

(जाकिया जरीन)

हैदराबाद (साई)। हैदराबाद में हुए दो बम धमाकों की जांच में प्रगति हो रही है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कल हैदराबाद जाकर पीड़ितों का दुख दर्द बांटा। उन्होंने घायलों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद में दिलसुख नगर क्षेत्र में विस्फोट स्थलों का दौरा किया और गंभीर रूप से घायल लोगों को देखने अस्पताल भी गए।
देखा जाए तो अब हैदराबाद के दिलसुख नगर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य होने लगा है। व्यस्त व्यावसायिक इलाकों में यातायात सामान्य हो रहा है। इस दुर्घटना के तीन दिन बाद अब दुकानें और व्यवसायिक संस्थान खुलने शुरू हो गए हैं। गुरूवार शाम जिस बस स्टैंड पर पहला धमाका हुआ था, अब वहां लोग बसों का इंतजार करते दिख रहे हैं। इस बीच, धमाकों में घायल हुए चार लोग अब भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। घायलों के इलाज की निगरानी कर रहे चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि ये लोग अब भी विभिन्न अस्पतालों में गहन चिकित्सा कक्ष में वेंडिलेटर पर हैं।
उधर, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से मणिका सोनल ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के दल देश भर में विभिन्न स्थानों से सुराग जुटा रहे हैं। यहां, हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अनुराग शर्मा ने संवाददाताओं के बताया कि जांच तेजी से चल रही है और वे अन्य राज्यों की पुलिस के साथ-साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
श्री शर्मा ने उम्मीद जताई है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से जांच में कोई सफलता मिलेगी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अलावा साइबराबाद और हैदराबाद पुलिस के १५ विशेष दल भी जांच कर रहे हैं। बताया जाता है कि विशेष जांच दल ने कुछ स्थानीय निवासियों को हिरासत में लिया है, जिनके आतंकवादी घटनाओं से जुड़े होने का संदेह है।
इस संबंध में समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के पश्चिम बंगाल ब्यूरो से प्रतुल बनर्जी ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि हाल में हैदराबाद विस्फोटों में शामिल दोषियों को जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा। कोलकाता में कल पत्रकारों से बातचीत में श्री शिंदे ने कहा कि विस्फोट में इस्तेमाल किए गए रासायनिक पदार्थों की फोरेन्सिक प्रयोगशालाओं में जांच की जा रही है और जल्दी ही इसके परिणाम मिल जाएंगें। श्री शिंदे ने कहा कि हैदराबाद बम विस्फोट की घटना को देखते हुए, वे राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केन्द्र के गठन के बारे में आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत करेंगे। श्री शिंदे राज्य में तटीय सुरक्षा की समीक्षा के लिए दो दिन के दौरे पर कल दोपहर कोलकाता पहुंचे। उन्होंने कहा कि राज्य में सीमा सुरक्षाबल की फ्घ्लोटिंग चौकियों की संख्या मौजूदा तीन से बढ़ाकर छह की जाएंगी।

श्रीहरिकोटा : पांच बजे अंतरिक्ष भेजा जाएगा यान


पांच बजे अंतरिक्ष भेजा जाएगा यान

(ब्यूरो कार्यालय)

श्रीहरिकोटा (साई)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी-२० छोड़े जाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसे आज शाम पांच बजकर ५६ मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से छोड़ा जाएगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस यान का प्रक्षेपण देखेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एसएलवी-सी-२० भारत और फ्रांस के संयुक्त उपग्रह सरल के साथ छह अन्य उपग्रह लेकर जाएगा। सरल भारत की लघु उपग्रह बस श्रृंखला का पहला उपग्रह है। सूत्रों ने आगे बताया है कि इसका वजन ४०९ किलो है। सरल शब्द अरगोस और अल्टिका उपग्रहों के नाम जोड़कर बना है।
सरल उपग्रह महासागर से अधिकतम आंकड़े जुटाएगा। इसका उपयोग समुद्री मौसम के अनुमान, जलवायु और समुद्री जल स्तर की निगरानी के साथ-साथ समुद्री जीवों के इधर-उधर आने जाने के रुख का अध्ययन करने के लिए किया जाएगा। इसमें से अल्टिका उपग्रह महाद्वीपीय जल क्षेत्रों के अध्ययन, द्वीपीय हिम क्षेत्र की निगरानी और तटवर्ती क्षेत्रों के अध्ययन के लिए किया जाएगा। केनेडा के सेफायर और नियो उपग्रह अंतरिक्ष से निगरानी करेंगे और अमरीकी अंतरिक्ष निगरानी तंत्र का हिस्सा होंगे।

इंटरनेट पर बमिताल का कहर!


इंटरनेट पर बमिताल का कहर!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। इंटरनेट की दुनिया में भारत का अब अहम स्थान हो गया है। भारत में इंटरनेट यूजर्स की तादाद दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। इतना ही नहीं इंटरनेट पर हिन्दी भी अब काफी हद तक समृद्ध हो चुकी है। भारत में इंटरनेट का जादू सर चढ़कर बोल रहा है। पर अब इंटरनेट पर बमिताल नाम के वायरस का खतरा मंडरा गया है।
अगर आपको इंटरनेट पर सर्फिंग करने में दिक्कत आ रही है या फिर इस दौरान संदिग्ध वेबसाइट्स खुल जा रहे हैं तो हो सकता है आप स्पैम हमले का शिकार हो गए हैं। देश की प्रीमियर साइबर सिक्युरिटी एजेंसी का कहना है कि भारतीय इंटरनेट सिस्टम एक स्पैम हमले का खतरा झेल रहे हैं। यह स्पैम सर्च इंजन के रिक्वेस्ट को हाइजैक कर सर्फिंग की स्पीड कम कर देता है।
कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) एजेंसी ने अपनी हालिया अडवाइजरी में इस बात की जानकारी दी। उसका कहना है कि श्बमितालश् नाम का एक ट्रोजन वायरस देश के इंटरनेट नेटवर्क में पाया गया है। अडवाइजरी के मुताबिक, ऐसा पाया गया है कि ट्रोजन बमिताल चारों तरफ फैल रहा है। यह वायरस इंटरनेट ब्राउजिंग के दौरान यूजर्स को विज्ञापन संबंधित साइट्स पर लेकर चला जाता है। वायरस को सर्च इंजन रिजल्ट को हाइजैक करने के लिए तैयार किया गया है। अगर कोई सर्च के बाद आए किसी रिजल्ट पर क्लिक करता है तो वह हाइजैकरों के कमांड और कंट्रोल वाले सर्वर में चला जाता है।
अडवाइजरी में कहा गया कि ऐसा होने के बाद ये बमिताल सर्वर विज्ञापन सर्वर को जोड़ देते हैं और सर्च करने के बाद वही रिजल्ट आता है जो हाइजैकरों की पसंद का होता है। ऐसा होने पर बिना यूजर इंटरैक्शन के भी इन विज्ञापनों पर क्लिक हो सकता है। आप और ज्यादा मुसीबतों के चंगुल में फंसते चले जाते हैं। एजेंसी ने इन खतरों के मद्देनजर सुरक्षा की खातिर इंटरनेट यूजर्स के लिए निर्देश भी जारी किए हैं। एजेंसी का कहना है कि बमिताल से लड़ने के लिए यूजर्स भरोसेमंद ऐंटि-वायरस का इस्तेमाल करें। इसके अलावा डेस्कटॉप और सभी गेटवे लेवल पर अपडेटेड ऐंटि-स्पाइवेयर सिग्नेचर्स का इस्तेमाल किया जाए।

वेटर चला रही भारत गणराज्य को!: बाबा रामदेव


वेटर चला रही भारत गणराज्य को!: बाबा रामदेव

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। लगता है कांग्रेस और बाबा रामदेव का हनीमून पूरा हो गया है। कल तक 12 तुगलक लेन (दिल्ली स्थित राहुल गांधी का सरकारी आवास) के चक्कर लगाने वाले इक्कीसवीं सदी के कथित योग गुरू अब राहुल गांधी की माता को ही कोसते नजर आ रहे हैं। इशारों ही इशारों में बाबा रामदेव ने कह दिया कि इटली से आई गोरी मेम जिसकी औकात वेटर के बराबर है वह इस देश को चला रही है।
कांग्रेस सरकार द्वारा हिमाचल के सोलन में आश्रम की जमीन की लीज रद्द करने से बाबा रामदेव भड़क उठे। उन्होंने आपा खोते हुये सोनिया गांधी को वेटर कह डाला। बाबा ने सोनिया गांधी का नाम लिये बगैर कहा कि देश को इटली से आई एक औरत चला रही है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में अपने योग शिविर में पहुंचे बाबा रामदेव ने कहा कि केंद्र सरकार को इटली से आई महिला चला रही है, जिसकी औकात रेस्टोरेंट में खाना परोसने वाली वेटर जितनी है। बकाबंड के स्डेडियम में भाषण देते हुये वे बोले कि उसी महिला के कारण देश में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। बाबा रामदेव के साथ मंच पर भाजपा के विधायक डाक्टर सुभाष कश्यप और बजरंग दल के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि भाजपा शासनकाल में बाबा रामदेव को हिमाचल प्रदेश के सोलन में मिली जमीन की लीज रद्द कर दी गई है। 99 साल के लिये मिली 96।8 बीघा जमीन की लीज कांग्रेस सरकार द्वारा रद्द किये जाने के बाद भी बाबा रामदेव ने कहा था कि 27 फरवरी को प्रस्तावित कार्यक्रम टाला नहीं जाएगा।
बाबा यहां पतंजलि योगपीठ में 11 करोड़ की लागत से तैयार हो चुकी अपनी ओपीडी और परामर्श केंद्र सहित प्रथम चरण में स्थापित की गई सुविधाओं को शुरु करने वाले थे। लेकिन बाबा रामदेव के हिमाचल प्रदेश के सोलन में बने पतंजलि योगपीठ पर अब पुलिस और प्रशासनिक अमले का कब्जा है। कल तक जिस योगपीठ में सैकड़ों कार्यकर्ता और मजदूर काम में लगे थे, वहां अब पुलिसकर्मी तैनात हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने बाबा रामदेव को मिली लीज रद्द करने की घोषणा की थी। 

जनसंपर्क की वेबसाइट की लोकप्रियता बढ़ी


जनसंपर्क की वेबसाइट की लोकप्रियता बढ़ी

(नंद किशोर)

भोपान (साई)। राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट एमपीइन्फो डॉट ओआरजी की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। पिछले 6 वर्ष की तुलना में गत वर्ष वेबसाइट पर 10 गुना अधिक लोगों ने हिट्स किये हैं। वर्ष 2012 में वेबसाइट पर 20 करोड़ 89 लाख 22 हजार 294 हिट्स हुए हैं। वर्ष 2006 में वेबसाइट पर 2 करोड़ 70 लाख से अधिक हिट्स रिकार्ड किये गये थे।
जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट एक बहुभाषी वेबसाइट है, जिस पर हिन्दी के अलावा अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत में भी समाचार देखे जा सकते हैं। विभाग की वेबसाइट पर प्रतिदिन जारी होने वाले समाचारों के साथ-साथ विज्ञापन, आलेख, फोटोग्राफ्स और प्रदेश के बारे में विविध जानकारी भी उपलब्ध है। इसके अलावा साप्ताहिक रोजगार और निर्माण, मध्यप्रदेश संदेश जैसे विभागीय प्रकाशन भी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
इसी प्रकार विभाग की पत्र परिनिरीक्षण शाखा की वेबसाइट समाचार कतरनों वाली बेब साईट पर पिछले वर्ष 40 लाख 89 हजार 331 हिट्स किये गये। इस वेबसाइट पर समाचार-पत्रों की कतरनें स्केन कर उन्हें अपलोड किया जाता है। इस वेबसाइट पर प्रतिदिन राष्ट्रीय, स्थानीय समाचार-पत्रों की कतरनों के साथ-साथ शाम की खबरें भी देखी जा सकती हैं। वेबसाइट पर दिल्ली, मुम्बई सहित सभी संभागीय कार्यालयों से प्राप्त क्लिपिंग्स भी देखी जा सकती हैं।
विभाग द्वारा 31 जनवरी, 2012 से शुरू किए गए डिस्ट्रिक्ट न्यूज पोर्टल पर दिसम्बर, 2012 तक 2 करोड़ 3 लाख 44 हजार 662 हिट्स किये गये। पहले छह माह में विजिटर द्वारा 71 लाख 96 हजार 294 हिट्स किये गये थे। उल्लेखनीय है कि जनसम्पर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने 31 जनवरी 2012 को डिस्ट्रिक्ट न्यूज पोर्टल का शुभारंभ किया था। पोर्टल में जिला जनसम्पर्क कार्यालयों द्वारा जारी किये जाने वाले सभी समाचार संबंधित जिले के पोर्टल पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। पोर्टल यूनिकोड आधारित होने से समाचार-पत्रों को चाणक्य, कृतिदेव तथा अन्य फोन्टस में प्राप्त करने की सहूलियत रहती है। इस पोर्टल पर जिले की ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक, पर्यटकीय जानकारी के अलावा प्रशासनिक/पुलिस और अन्य आवश्यक दूरभाष आदि की जानकारी भी उपलब्ध है। लोगों की सुविधा के लिए पोर्टल सहित दोनों वेबसाइटों को एक-दूसरे से लिंक किया गया है।

13 मई को खुलेंगे गंगोत्री मंदिर के कपाट


13 मई को खुलेंगे गंगोत्री मंदिर के कपाट

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। गंगोत्री धाम की यात्रा करने वालों के लिए यह खुशखबरी है कि छः माह के शीतकाल के बाद बंद के उपरांत अब विश्वप्रसिद्ध हिमालयी तीर्थ गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के दौरान छह माह बंद रहने के बाद 13 मई की दोपहर श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये जायेंगे।
गंगोत्री मंदिर समिति के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस मंदिर के कपाट 13 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर दो बजकर 25 मिनट पर पूरे विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इससे एक दिन पहले 12 मई को मां गंगा की डोली उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री पहुंचायी जायेगी।
गौरतलब है कि चारधाम के नाम से प्रसिद्ध हिमालयी तीर्थों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल में छह माह तक बंद रहने के बाद हर वर्ष अप्रैल-मई में दोबारा श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये खोल दिये जाते हैं। गढवाल हिमालय में स्थित ये धाम सर्दियों में भारी बर्फवारी की चपेट में रहने के कारण श्रद्धालुओं के लिये बंद रहते हैं।

कोटद्वार : साई मंदिर का मना वार्षिकोत्सव


साई मंदिर का मना वार्षिकोत्सव

(राजकमल)

कोटद्वार (साई)। श्री शिव शक्ति सांई मंदिर के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन आयोजित भजन संध्या में साई भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को पं ललित मोहन शास्त्री के सानिध्य में साईं महाभिषेक के बाद हवन व साई बाबा की आरती हुई। शाम को सुंदरकांड के बाद सत्य साई समिति की ओर से भजन संध्या में श्साईं राम तेरा नाम जपे मन सुबह शाम।।श्, श्साई माता-पिता दीन बंधु सखा।।श्, श्राम नमो, राम नमो, रमो साई राम।।श्, श्सिरड़ी नंदन राधेश्याम।।श् आदि भजनों पर श्रद्धालु भक्तिरस में सुधबुध खो बैठे। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष संजय मित्तल के अलावा अशोक चौधरी, जीतेंद्र भाटिया, धनेंद्र सडाना, सुषमा जखमोला, दिनेश माहेश्वरी, लक्की शर्मा, सुनीता माहेश्वरी, नुपुर, शिवानी, पंकज आदि मौजूद रहे। समिति सचिव जीतेंद्र भाटिया ने बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को पूर्णाहुति के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

कैथल : मानवता की सेवा के जज्बे से ही प्रदेश की तस्वीर बदलेगी-लोक निर्माण मंत्री


मानवता की सेवा के जज्बे से ही प्रदेश की तस्वीर बदलेगी-लोक निर्माण मंत्री

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। हरियाणा प्रदेश में कोई भी विकलांग व्यक्ति अब मूलभूत सुविधाओं से वंचित नही रहेगा। इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य स्तरीय कोरेक्टिव सर्जरी योजना की शुरूआत आज जिला कैथल से की गई है। इस योजना के तहत 200 से अधिक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों के ओपरेशन करने के बाद उन्हें नई उमंग, नई उड़ान और नए जोश के साथ कामयाब नागरिक बनने का मौका मिलेगा। ये शब्द हरियाणा के लोक निर्माण एवं उद्योग मंत्री श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने स्थानीय श्रीमती इंदिरा गांधी बहु विशेषज्ञीय अस्पताल परिसर में अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शमशेर सिंह सुरजेवाला की अध्यक्षता में आयोजित चार दिवसीय मेगा कोरेक्टिव सर्जरी शिविर का उद्घाटन करने के बाद समारोह में बोलते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम का आगाज दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। उन्होंने कहा कि समाज में शारीरिक रूप से जो बच्चे चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं और इन बच्चों को ठीक करने की जिम्मेदारी भी हम सबकी है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि गरीब व छुआछुत की तरह शारीरिक विकलांगता भी एक चुनौती है। इन विषम परिस्थितियों का सामना करना भगवान की पूजा करने के समान है। उन्होंने कहा कि गरीब, निर्दाेष और विकलांग हर इंसान के अंदर भगवान है, उनकी सेवा करना प्रभू की सच्ची सेवा है। न्होंने कहा कि मानवता की सेवा के जज्बे से ही प्रदेश की तस्वीर बदलेगी। प्रशासन, सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों से मानव सेवा के युग में एक नई क्रांति का सूत्रपात होगा। जिला कैथल से कोरेक्टिव सर्जरी योजना की शुरूआत से सैंकड़ों बच्चों को नया जीवन मिलेगा। इस योजना को हम संपूर्ण प्रदेश में लेकर जाएंगे। श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय मूल के अमेरिका में बसे प्रसिद्ध समाजसेवी राज अग्रवाल ने जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए रात्रि ठहराव कार्यक्रम को समाचार पत्रों में पढ़कर इस जिला में विकलांगों की सेवा करने की प्रेरणा मिली, जोकि सराहनीय है। इनके सहयोग से आर्थिक व तकनीकी मदद मिलने से उन विकलांग व्यक्तियों को सामान्य जीवन की धारा में लौटने का अवसर मिलेगा, जो अब तक इस चुनौती के कारण स्वयं को असहाय महसूस कर रहे थे। शारीरिक चुनौतियों का मुकाबला करने में समाज भी इन्हें साथ लेकर चल पाएगा और उनकी भरपूर मदद कर पाएगा। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत विकलांग व्यक्तियों को दो लाख रुपए की राशि से तिपहिया साईकिलें प्रदान की जाएंगी। इस योजना के तहत दी जाने वाली तिपहिया साईकिलों के लिए योग्य पात्रों की पहले ही पहचान कर ली गई है। श्री सुरजेवाला ने समाजसेवी अशोक साहरण द्वारा श्रीमती इंदिरा गांधी बहुविशेषज्ञीय राजकीय अस्पताल कैथल में एक लाख रुपए की मशीन देने के लिए धन्यवाद किया। श्री सुरजेवाला ने पंडित भगवत दयाल स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। एसएस सांगवान, स्वास्थ्य निदेशक डा। भरत सिंह, एनआरएचएम की निदेशक इनूस शर्मा, डा। दीपिका, डा। अशोक सारण, डा। विनोद, डा। कुलभूषण गर्ग व श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति जिनके द्वारा शिवरार्थियों व अन्य लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है, को भी सम्मानित किया गया। चंदाना स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत नाटिका के लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया।    चंद्रशेखर ने कहा कि समाजसेवी राज अग्रवाल के सहयोग से 465 विकलांग व्यक्तियों को कैलीपर, बैसाखी व जयपूर फूट प्रदान किए जाएंगे। इन सभी व्यक्तियों का माप लेकर सभी कृत्रिम अंग तैयार करके पांच अप्रैल को मुफ्त वितरित किए जाएंगे। इस कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग, बाल कल्याण परिषद तथा पंचायती राज संस्थाओं द्वारा विशेष सर्वे करवाया गया था। जिला में इस सर्वे के दौरान जो भी व्यक्ति शारीरिक रूप से विकलांग पाए गए, उनकी सूची तैयार करके यह शिविर आयोजित किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि पंडित भगवत दयाल स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति डा। एसएस सांगवान के सहयोग से डाक्टरों की टीम चार दिन तक 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों के ओपरेशन करेगी। इन बच्चों में ह्दय रोगी, दिल में छेद, कैंसर, आरएचडी के रोगियों का भी उपचार किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि रात्रि ठहराव कार्यक्रम के सभी खंडों में दो चरण पूरे हो चुके हैं। अगले दो साल में बिजली व पानी के ग्रामीण क्षेत्र में 90 प्रतिशत कनैक्शन नियमित करने में सफलता हासिल कर ली जाएगी तथा इस कार्यक्रम से जन कल्याणकारी योजना के क्रियान्वयन में तेजी आई है। उन्होंने लोक निर्माण मंत्री को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उपायुक्त के 11 वर्षीय पुत्र दीप्तांशु भी इस अवसर पर मौजूद रहे। समाजसेवी डा। राज अग्रवाल जो अपनी पत्नी सुषमा अग्रवाल के साथ कैथल में पहली बार आए थे, ने कहा कि कैथल के उपायुक्त चंद्रशेखर व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के समाजसेवी कार्यों व योजनाओं के क्रियान्वयन का समाचार पढ़कर उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि समाज सेवा एक धर्म है तथा भगवान की सच्ची उपासना है। उन्होंने बताया कि वह अब तक 12 हजार विकलांग बच्चों को निरूशुल्क कृत्रिम अंग उपलब्ध करवा चुके हैं। स्वास्थ्य निदेशक डा। भरत सिंह ने बताया कि इस मेगा कोरेक्टिव सर्जरी शिविर में पानीपत, अंबाला और कैथल के विकलांग बच्चों को ओपरेशन के लिए पंजीकृत किया गया है। इन बच्चों को ओपरेशन के बाद दिए जाने वाले उपकरण भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस योजना को लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने विकलांग बच्चों को जीवन की मुख्य धारा में लाने के लिए इस महत्वकांक्षी योजना को लागू किया।     अतिरिक्त उपायुक्त श्री दिनेश सिंह यादव ने कहा कि समाजसेवा के ऐसे बड़े स्तर के समारोह के कारण प्रशासन को हौसला मिलता है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही कैथल में राज्य स्तरीय कृषि मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारी संख्या में किसान भाग लेंगे।  सिविल सर्जन डा। सुरेंद्र नैन ने बताया कि रात्रि ठहराव कार्यक्रमों में अब तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 7000 लोगों को  मुफ्त दवाईंया व उपचार दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि ओपरेशन के बाद भी विकलांग व्यक्तियों की पूरी देखभाल की जाएगी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव, एसडीएम हवा सिंह, प्रदेश कांग्रेस के संगठन सचिव दिलबाग मोर, नगर परिषद के चेयरमैन राम निवास मित्तल, बहादुर सैनी, रामप्रसाद बंसल, डा। श्याम साहनी, सुरेश चौधरी, धर्मपाल जिंदल, चौशाला की सरपंच सीमा देवी, साकरा की सरपंच सरिता देवी, मलिकपुर की सरपंच चरणजीत कौर, डा। सतपाल, बलदेव, प्रेम छाबड़ा एडवोकेट, अनुराग सिक्का, मोहन लाल गुप्ता सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।