अब होगा एफडीआई का
विस्तार!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
कांग्रेसनीत केद्र सरकार ने देश को गिरवी रखने का पूरा पूरा इंतजाम कर लिया है।
विदेशों में जमा काला धन भारत लाने के बजाए विदेश के निवेश को प्रोत्साहन दे रही
है संप्रग सरकार। गरीब गुरबों को गड्ढे में ढकेलकर अपनी वैश्विक छवि की चिंता कर
कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने अमरीका के दबाव में एफडीआई को मंजूरी दे दी है। अब
एफडीआई का विस्तार और डेमेज कंट्रोल की चिंता सरकार ने आरंभ कर दी है।
योजना आयोग के
उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को
बताया कि सरकार एफडीआई को कड़ा और जरूरी कदम बता रही है, पर आर्थिक
विश्लेषकों की राय एफडीआई के मामले में जुदा है। आर्थिक विश्लेषक इस फैसले को
सरकार का आत्मघाती निर्णय ही बता रहा है। सूत्रों की मानें तो यह सब कुछ अमरीका के
दबाव में और अपनी वैश्विक छवि को बनाने के चक्कर में ही किया जा रहा है।
योजना आयोग के
सूत्रों का कहना है कि सरकार इन संभावनाओं को भी टटोल रही है कि अगर एफडीआई का
विस्तार बीमा और फैशन के क्षेत्र में कर दिया जाए तो उसके क्या परिणाम होंगे। अगर
सरकार को जंच गया तो फिर सरकार किसी के विरोध की परवाह के बिना ही जल्द फैशन और
बीमा के क्षेत्र में भी एफडीआई को अनुमति दे सकती है।
एफडीआई और रसोई गैस
तथा डीजल के दामों में बेतहाशा बढोत्तरी को मीडिया ने जमकर कोसा है। अब मीडिया को
प्रसन्न करने के लिए सौ करोड़ रूपयों का दांव खेला जाने वाला है। लोधी रोड़ स्थित
सूचना प्रसारण मंत्रालय के डीएव्हीपी के मुख्यालय ‘सूचना भवन‘ के सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रूटीन विज्ञापनों के अलावा अब सरकार ने सौ
करोड़ रूपयां का अतिरिक्त आवंटन विज्ञापनों के लिए जारी किया है, ताकि मीडिया को
सरकार के पक्ष में मैनेज किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार
इस सौ करोड़ से सूचना प्रसारण मंत्रालय अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर एफडीआई के
फायदों को विज्ञापन की शक्ल में जनता के सामने रखेगा जिससे भोली भाली जनता को
एफडीआई की हकीकत पता चल सके। सरकार का मानना है कि विपक्ष द्वारा एफडीआई के बारे
में गलत बयानी कर जनता को भरमाया जा रहा है। सरकार को इस बात की चिंता भी सता रही
है कि मीडिया तो जैसे तैसे मैनेज हो ही जाएगा पर सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स जो इन
दिनों मीडिया और सरकार की ही पोल खोलने में लगा है उससे कैसे निपटा जाए। सरकार
द्वारा कुछ लोगों को पाबंद कर उनके एकाउंट्स बनवाकर सोशल मीडिया में भी सरकार का
पक्ष रखने का प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह ने अब सरकार का डैमेज कंट्रोल करने के लिए नई टीम का गठन भी कर दिया
है। पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पीएम ने इस टीम को
लाख विरोध के बाद भी अहमद पटेल की अगुआई में पुर्नगठित किया है। इस टीम में प्रणव
मुखर्जी का स्थान अब पलनिअप्पम चिदम्बरम ने ले लिया है। इसके अलावा सुशील कुमार
शिंदे, राजीव
शुक्ला, व्ही.नारायण
सामी और पवन बंसल इसके सदस्य हैं। अब देखना यह है कि आने वाले समय में विज्ञापनों
और अपनी इस नई टीम के साथ पीएम अपनी और सरकार की छवि को किस तरह निखारते हुए
एफडीआई का विस्तार करते हैं।