नीता को परवाह नहीं घर के सामने की सड़क की!
सिवनी छोड़ आधा दर्जन शहरों की बदहाल सड़कें गूंजी विधानसभा में
प्रेम गिनेंगे सड़क के गड्ढे, नीता को नहीं फिकर अपनी विधानसभा की
कमल मस्कोले उठा चुके हैं प्रश्नकाल में मामला: कहा नीता ने
(नंद किशोर जाधव)
भोपाल। विधानसभा में गुरूवार को स्थानीय निकायों की बदहाल सड़कों का मामला जमकर गूंजा। विधानसभाध्यक्ष की आसंदी पर विराजमान थीं सभापति एवं सिवनी की विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, और जबलपुर, इंदौर, सागर, पन्ना, राघोगढ़ रायसेन आदि जिलों की बदहाल सड़कों पर शोर शराबा होता रहा। इसमें सिवनी शहर जो नीता पटेरिया के विधानसभा क्षेत्र का अहम हिस्सा है की सुध लेने की फिकर उन्हंे खुद नहीं थी।
श्रीमति पटेरिया ने इस संवाददाता से चर्चा के दौरान कहा कि सिवनी शहर की सड़कों के गड्ढ़े बरघाट के विधायक कमल मस्कोले पहले गिन चुके हैं। उन्होंने कहा कि कमल मस्कोले द्वारा प्रश्न काल में सिवनी शहर की सड़कों का मामला उठाया जा चुका है। गौरतलब है कि विधानसभा क्षेत्र सिवनी जो अपने आप में जिला मुख्यालय सिवनी को समाहित किए हुए है, इस लिहाज से सिवनी शहर की जनता के सुख दुख, सुविधाओं आदि की नैतिक जिम्मेवारी मूलतः श्रीमति नीता पटेरिया पर ही आहूत होती है।
श्रीमति पटेरिया ने कहा कि उनके निवास के सामने वाली सड़क (कलेक्टर बंग्ले से एसपी बंग्ले तक) इतनी जर्जर है जिस पर चलना मुश्किल है। श्रीमति पटेरिया ने स्वीकार किया कि यह सड़क निर्माण के साथ ही जर्जर हो गई थी। उल्लेखनीय होगा कि यह सड़क दिल्ली के ‘‘राजपथ‘‘, सोनिया के निवास ‘‘जनपथ‘‘, कांग्रेस कार्यालय ‘‘अकबर रोड़‘‘ या भाजपा के कार्यालय ‘‘अशोक रोड़‘‘ से कम नहीं है।
इस मार्ग के महज एक सौ मीटर के दायरे में ही जिलाधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला एवं सत्र न्यायधीश, कलेक्टर एसपी कार्यालय, जिला न्यायालय, पुलिस लाईन, वर्तमान विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, शशि ठाकुर, ठाकुर हरवंश सिंह, पूर्व विधायक डॉ.ढाल सिंह बिसेन, नरेश दिवाकर, टक्कन सिंह मरकाम, विधानसभा में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे आशुतोष वर्मा, राज कुमार खुराना, प्रसन्न चंद मालू, जिला कांग्रेस अध्यक्ष हीरा आसवानी, जिला भाजपाध्यक्ष सुजीत जैन के साथ ही साथ भाजपा का वर्तमान और भविष्य का जिला कार्यालय भी अवस्थित है।
श्रीमति पटेरिया ने कहा कि इस सड़क से संबंधित मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। वैसे अगर देखा जाए तो सरकारी स्तर पर इस सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग उनसे विधायक निधि से इस सड़क के निर्माण की बात करते हैं, जो वास्तविक तौर पर संभव नहीं है।
नगर भाजपाध्यक्ष प्रेम तिवारी के 23 जुलाई को शहर के अंदर से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे पर गड्ढ़े गिनने के अभियान पर श्रीमति पटेरिया ने कहा कि उन्होंने चार माह पहले एनएचएआई के अधिकारियों से इस बावत बात की थी, किन्तु उस समय अधिकारियों द्वारा इस मार्ग के चौड़ीकरण का प्राक्कलन प्राप्त होने की बात कही थी, जिसमें मार्ग के चौड़ीकरण में टूटने वाले भवनों के मुआवजे की कोई व्यवस्था न होने पर पुनरीक्षित प्राक्कलन स्वीकृति हेतु भेजा गया है। अब एनएचएआई नई कहानी गढ़ रहा है।
पिछले साल सितम्बर माह में विधानसभा उपाध्यक्ष ठाकुर हरवंश सिंह द्वारा दलसागर के मुहाने पर बंडोल, छपारा और सिवनी के अंदर से होकर गुजरने वाली सड़क के जीर्णोद्धार के भूमिपूजन जिसमें श्री सिंह ने दो माह पूर्व अर्थात जुलाई 2010 में इसकी प्रशासकीय और तकनीकि स्वीकृति मिलने तथा राशि आवंटित होने की बात कही थी के एक साल बाद भी काम आरंभ न किए जाने के प्रश्न पर श्रीमति पटेरिया द्वारा कोई टिप्पणी नहीं की गई।
व्याप्त चर्चाओं के अनुसार एक तरफ तो नगर भाजपा के युवा और उर्जावान अध्यक्ष प्रेम तिवारी द्वारा शहर के लोगों की सुविधाओं की ओर ध्यान केंद्रित कर सड़कों के गड्ढ़े गिनकर सरकार को चेताने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विधायक श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा अपनी ही विधानसभा तो छोड़िए घर के सामने की सड़क को सुधारने का मामला सदन में नहीं उठाया जा रहा है। वस्तुतः सिवनी विधानसभा में आने वाले सिवनी शहर की सड़कों का मामला बरघाट विधायक कमल मस्कोले के बजाए श्रीमति नीता पटेरिया को सदन में उठाना था, जो उन्होंने नहीं किया।
बहरहाल विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान जबलपुर के विधायक लखन घनघोरिया द्वारा शहर की सड़कों का मामला उठाया तो विधानसभाध्यक्ष द्वारा स्थानीय शासन मंत्री बाबू लाल गौर से ‘‘गौर‘‘ फरमाने का आग्रह किया। साथ ही साथ जबलपुर में निर्मित सड़कों की गुणवत्ता भी जांचने के लिए मुख्य अभियंता को भेजने की बात गौर ने स्वीकारी। इंदौर में सड़कों से दुखी अश्विन जोशी, पन्ना के लिए राकेश सिंह, दिग्गी राजा के गृह क्षेत्र राघवगढ़ के लिए पुरूषोत्तम दांगी, भगवान सिंह ने रायसेन की सड़कों का मामल उठाया। सागर में तो मंत्री गोपाल भार्गव को ही पहल कर सड़कों का दुखड़ा रोना पड़ा।