होली तक होगा ठिठुरना
मार्च तक नहीं मिलेगी सर्दी से राहत
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। इस साल शीतलहर से जल्द छुटकारा मिलने की उम्मीद नहीं है। सूर्यनारायण मकर संक्रांति के बाद भी अपना पूरा तेज नहीं दिखा पाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल सर्दी मार्च तक रह सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लोबल क्लाइमेट को देखते हुए साफ लगता है कि इस साल फरवरी और मार्च में भी तापमान सामान्य से कम रहेगा यानी अगले दो महीनों में भी ठंड रहेगी।
जानकारों का मानना है कि ठंड बढ़ाने में ‘‘ला नीन्या‘‘ का अहम योगदान रहेगा। ला नीनिया के चलते भारत में सर्दी का जोर मार्च तक कायम रह सकता है। असल में ला नीन्या का स्पैनिश में अर्थ होता है- द गर्ल यानी लड़की। ला नीन्या ऐसी परिस्थिति को कहते हैं, जो दक्षिणी प्रशांत महासागर के तटीय तापमान सामान्य से कम रहने का कारण बनती है। यह भारतीय जलवायु को प्रभावित करनी वाली वह परिस्थिति है जिसके असर से हमारे देश में मॉनसून अच्छा रहता है।
पुणे के इंडियन मीटिरियॉलॉजिकल डिपार्टमेंट के लॉन्ग रेंज फॉरकास्टिंग डिविजन के सूत्रों का कहना है, कि कुछ क्लाइमेट मॉडल ला नीन्या और भारत में सामान्य से कम टेंपरेचर के बीच संबंध की ओर इशारा कर रहे हैं। इन दोनों में ऐसा संबंध सामान्य तौर पर देखा नहीं जाता है लेकिन ऐसा पहले भी हो चुका है।
उधर नैशनल ऐटमोसफेरिक रिसर्च लैबोरट्री के सूत्रों का कहना है कि ला नीन्या भारत में सर्दियों के तापमान को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है, हालांकि यह असर पड़ता कम ही देखा गया है। दिसंबर के बाद भारत के कई हिस्सों में तापमान में खासी गिरावट आई है। पश्चिमी हिमालय पर असामान्य बर्फबारी हुई है। उत्तरी मैदानी इलाकों में अत्याधिक ठंड पड़ी है और सेंट्रल व साउथ इंडिया के कई हिस्सों में रिकॉर्ड ब्रेकिंग ठंड देखी गई है।
उत्तर भारत में लगातार हो रही बर्फबारी से लोगों की परेशानी अपने चरम पर है। शुक्रवार रात हिमाचल के चंबा में भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफान के चलते एक घर की छत गिर गई जिसमें कुछ लोगों के मारे जाने की खबर है। चंबा के डिप्टी कमिश्नर ने इस घटना की पुष्टि की है। वहीं दिल्ली में गुरुवार रात को तापमान 56 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
घने कोहरे के कारण शुक्रवार रात को राजधानी सहित 54 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खराब मौसम की वजह से आठ राजधानी ट्रेनों के रवानगी समय में फेरबदल किया गया। मगध एक्सप्रेस और रेवा एक्सप्रेस निर्धारित समय से 11 घटे जबकि फरक्का एक्सप्रेस 10 घटे देरी से चल रही है।
पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी के बाद अब बर्फीले तूफान का कहर शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के खजुआ गांव में बर्फीले तूफान की चपेट में आकर पांच लोगों की मौत हो गई है। कश्मीर घाटी में बर्फीले तूफान की चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है। उत्ताराखंड में भी बर्फबारी का दौर अभी थमा नहीं है। दूसरी ओर मैदानी इलाकों में कोहरा गुरुवार को भी जन-जीवन अस्त-व्यस्त किए रहा। चंबा जिले की जुंगर पंचायत अंतर्गत खजुआ गांव गुरुवार को बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार तूफान में फंसकर लाल सिंह, युसूफ, रफी मुहम्मद, हनीफ मुहम्मद व बाग हुसैन की मौत हो गई। मूसा व हनीफ गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को तीसा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
बताया जा रहा है कि सभी लोग अपने घर जा रहे थे कि रास्ते में अचानक बर्फीला तूफान शुरू हो गया। इसकी चपेट में आते ही सभी लोग बिखरकर एक-दूसरे से दूर हो गए। हादसे में जिंदा बचे दो लोगों ने इसकी सूचना लोगों व पुलिस को दी। इसके बाद प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य शुरू किया। तूफान से क्षेत्र में दूरसंचार व मोबाइल संपर्क गड़बड़ाने के कारण राहत व बचाव कार्य में जुटे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उपायुक्त शरभ नेगी ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित परिवारों के लिए राहत का इंतजाम किया जा रहा है।
प्रशासन की तरफ से टीम को मौके पर भेजा गया है। एसडीएम चुराह को घटनाक्रम पर नजर रखने को कहा गया है। कश्मीर घाटी में गुरुवार की सुबह हुई भारी बर्फबारी के बाद एकतरफा खुला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग फिर बंद हो गया है। जगह-जगह बर्फ में हजारों वाहन फंस गए हैं, जिन्हें निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है।
हाइवे बंद होने से जम्मू और श्रीनगर में फंसे यात्रियों का जमावड़ा भी बढ़ता जा रहा है। श्रीनगर में बर्फबारी से शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया है और अधिकतम तापमान में फिर से गिरावट आ गई है। जम्मू-कश्मीर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री माता वैष्णो देवी भवन व त्रिकुटा पर्वत तथा सुखाल घाटी, सूर्य कुंड, पांच पांडव पर बुधवार रात को भी हिमपात हुआ।
लेकिन कड़ाके की सर्दी के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी देखने को नहीं मिली। उत्ताराखंड को बर्फबारी और बारिश से अभी तक निजात नहीं मिल पाई है और न ही फिलहाल इसकी संभावना है। इसका नतीजा लोगों को कड़ाके की ठंड रूप में भुगतना पड़ रहा है। गुरुवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बर्फबारी और बारिश हुई। कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी, चंडाक, अल्मोड़ा के जागेश्वर के अलावा गढ़वाल में ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ, जबकि अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चंपावत में बारिश हुई।
मैदानी क्षेत्रों में घने बादल और ठंडी हवा के कारणों लोगों का घर से निकलना दूभर रहा। दूसरी ओर राजधानी दिल्ली सहित उत्तार भारत के मैदानी इलाके गुरुवार को भी घने कोहरे में घिरे रहे। अधिकतम तापमान में 5 से लेकर 9 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट के कारण दिन में लोग ठिठुरते नजर आए। कोहरे के कारण रेल यातायात भी बुरी तरह लड़खड़ाया रहा। पंजाब और हरियाणा में नारनौल सबसे ज्यादा सर्द रहा। पूर्वी उत्तार प्रदेश के कई इलाकों में बारिश ने ठंड में इजाफा किया है।
देहरादून साई ब्यूरो दिशा ने बताया कि प्रदेश में कड़ाके की ठण्ड से लोगों की मुष्किलें बरकरार हैं। हमारे संवाददाता ने बताया है कि देहरादून में आज पूर्वाह्न में हल्की धूप हुई, लेकिन अपराह्न होते ही एक बार फिर बादल छा गए साथ ही ठण्डी हवाएं भी चलीं। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में कहीं-कहीं हल्की बर्फबारी के साथ ही बारिष की भी सम्भावना व्यक्त की है। साथ ही मैदानी इलाकों में कोहरे का अनुमान व्यक्त किया है। चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में आज भी हल्का हिमपात होने तथा निचले इलाकों में बादल छाए रहने से समूचा जिला कड़ाके की शीत के चपेट में है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संवाददाता ने बताया कि जोषीमठ प्रखण्ड के बावन ग्राम सभाओं में बीते एक सप्ताह से हिमपात के कारण विद्युत आपूर्ति ठप पड़ी हुई है, जिसमें जोषीमठ नगर व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली भी शामिल है। विद्युत आपूर्ति ठप होने से औली में आए देष विदेष के पर्यटकों को भारी मुष्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, विद्युत विभाग द्वारा बताया गया कि पूरे क्षेत्र में विद्युत लाइनों की मरम्मत में कम से कम एक माह का समय लग जाएगा।
अल्मोड़ा, जागेश्वर, जैंती जनपद के उच्च क्षेत्रों में मौसम के छठे हिमपात से पहाड़ियां लकदक हो गई। जागेश्वर में बर्फ ने पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है। उच्चयूर पट्टी के तमाम हिस्सों में भी अच्छीखासी बर्फ गिरी। हिमपात से आरतोला के पास नैनी-जागेश्वर मुख्य मार्ग घंटों ठप रहा। इससे दर्जनों वाहन जाम में फंसे रहे। इधर पर्वतीय अंचल के मध्य व निचले इलाकों में सर्द हवा के थपेड़ों के साथ वर्षा से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। हालांकि शाम के वक्त बारिश बंद थम गई, पर सर्दी का सितम बरकरार रहा। क्षेत्र में अधिकतम तापमान 9 जबकि न्यूनतम 0.1 जा पहुंचा है।
बाबा जागनाथ की नगरी जागेश्वर धाम में गुरुवार को छठी बार बर्फबारी हुई है। सुबह क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी के साथ हिमपात शुरुहुआ। दोपहर तक समूचे क्षेत्र ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। वृद्घ जागेश्वर, शौकियाथल, भगरतोला, चमुवां, आरतोला, गरुड़ाबांज आदि क्षेत्रों में जनजीवन ठहर सा गया। आरतोला के समीप नैनी-जागेश्वर मोटर मार्ग पर एक फीट बर्फ जमने से घंटों यातायात बाधित रहा। हालांकि शाम को वर्षा होने पर बर्फ पिघलनी शुरु हो गई।
वहीं उच्चयूर पट्टी के शीतोष्ण इलाके मोरनोला, शहरफाटक, दुर्गानगर व मोतियापाथर आदि में भी अच्छीखासी बर्फबारी हुई। इससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। लोग घरों में ही कैद रहे। इसके अलावा नगर क्षेत्र में दिन भर वर्षा से बाजार में रौनक गायब रही। माल रोड पर सन्नाटा पसर गया। कुछेक लोग ही छातों के साथ नजर आए।
हरिद्वार से साई ब्यूरो अमिता ने बताया कि पावन धरा हरिद्वार में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। बर्फीली हवाओं ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। शाम ढलते ही लोग घरों में कैद होने को विवश हो रहे हैं। स्कूल और कॉलेजों में उपस्थिति घटकर आधी रह गई है। बाजारों की रौनक गायब हो गई है। इससे कारोबार पर असर पड़ रहा है। अलसुबह और शाम ही नहीं अब दोपहर में भी ठंड का एहसास होने लगा है। पिछले दिनों हुई बूंदाबादी के बाद के बाद लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। गुरुवार को शहर और आसपास के क्षेत्र का अधिकतम तापमान 17.5 और न्यूनतम 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड और ठिठुरन ने शाम ढलते ही बाशिंदों को घरों में कैद होने को विवश कर दिया है। बाजारों से रौनक गायब हो गई है। ग्राहकों के नदारद होने से दुकानों के शटर भी जल्दी गिर रहे हैं। इससे कारोबार पर असर पड़ रहा है। तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते मौसमी बीमारियों ने भी लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में खांसी, जुकाम, बुखार आदि की शिकायतें लेकर बड़ी संख्या में मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं। निजी चिकित्सकों के पास भी ऐसे मरीजों की लंबी लाइनें देखी जा सकती है। इधर ठंड बढ़ते ही बिजली की आंख मिचौली शुरू हो गई है। इससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। कारोबार से लेकर दफ्तरों के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है।
साई ब्यूरो से देहरादून का मौसम का हाल बताते हुए कहा कि दून की कंपकपाती ठंड, तापमान पांच से छह डिग्री और हाथों में आइसक्रीम। जी हां कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है इन दिनों दून के बाजारों में। मस्तमौला और बिंदास दून नाइट्स के तो बस क्या कहने, इनकी मस्ती के आगे तो मौसम भी रुकावट नहीं बनता। हर तरफ जब लोग ठंड से राहत पाने के लिए उपाय ढूंढ रहे हो ऐसे में दून नाइट्स ठंड की परवाह किए बिना आइसक्रीम खाना नहीं भूलते। राजधानी में पलटन बाजार की गलियों में यह नजारा तो बस आम है। मौसम कोई भी हो इन गलियों से गुजरने वालों में एक चीज जो कॉमन होती है वह सभी के हाथों में सॉफ्टी। करे भी तो क्या आइसक्रीम के इतने फ्लेवर और टेस्ट देख तो कोई भी खुद को रोक न पाए। एसजीआरआर कॉलेज की कक्षा 11 की छात्रा गौरी गुप्ता बताती है उन्हें दून की सॉफ्टी का स्वाद इतना पसंद है कि सर्दियों में भी इसे मिस नहीं करना चाहती। वहीं पेशे से शिक्षक नवनीत रतूड़ी का कहना है कि ठंड में आइसक्रीम खाना उन्हें बेहद पसंद है। गर्मियों में जहां सॉफ्टी लोगों की फेवरेट होती है, वहीं सर्दियों में इसका चिलिंग इफेक्ट और भी अच्छा लगता है।
उधर जम्मू से साई ब्यूरो विनोद नेगी ने बताया कि कश्मीर में हो रही भारी बर्फबारी की कीमत अब जम्मू को चुकानी पड़ेगी। मौसम की मार झेल रहे कश्मीरवासियों से बिजली किराया वसूल न होने से राज्य सरकार ने अब जम्मू से इसकी भरपाई करने का फैसला किया है। विभाग ने इस वित्तीय वर्ष के राजस्व वसूली के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जम्मू पर चार करोड़ रुपये का और बोझ डाल दिया है। क्योंकि, कश्मीर का निर्धारित राजस्व वसूली लक्ष्य हासिल होता दिखाई नहीं दे रहा है।
राज्य को नार्दर्न ग्रिड से मिलने वाली कुल बिजली से 50 से 55 प्रतिशत सप्लाई श्रीनगर, जबकि 45 प्रतिशत जम्मू में दी जाती है। बिजली किराया वसूली की बात आती है तो हर बार सरकार जम्मू का निर्धारित लक्ष्य श्रीनगर के मुकाबले अधिक कर देती है। इस पर सरकार का जवाब होता है कि जम्मू में औद्योगिक इकाइयां अधिक हैं। इस बार भी ऐसा ही किया गया है। श्रीनगर में भारी बर्फबारी के बाद लोगों द्वारा किराया देने से मना करने पर राज्य सरकार ने बिजली खरीद का बजट पूरा करने के लिए निर्धारित लक्ष्य 1500 से बढ़ाकर 1900 करोड़ रुपये कर दिया है।
जम्मू के लिए जहां पहले सात सौ करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसे बढ़ाकर 1105 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं, श्रीनगर का लक्ष्य 800 करोड़ रुपये ही रहने दिया गया है। इस अनदेखी के बावजूद बिजली विभाग जम्मू ने अभी तक जहां 575 करोड़ रुपये एकत्र कर लिए हैं वहीं श्रीनगर में तीन सौ करोड़ ही जुटाए जा सके हैं।
साई ब्यूरो श्रीनगर ने बताया कि वहां के चीफ इंजीनियर मुजफ्फर अहमद का कहना है कि बिजली संकट से जूझ रहे श्रीनगर के लोगों ने बिजली किराया देने से मना कर दिया है। वहीं, जम्मू में राजस्व वसूली अभियान तेज करने के लिए विभाग लगातार लोगों पर दबाव बना रही है। उपभोक्ताओं को चेतावनी दी जा रही है कि यदि वे बकायाजात जल्द नहीं चुकाएंगे तो उनके बिजली कनेक्शन काट दिए जाएंगे। ऐसा पहली बार नहीं है। गत वर्ष भी राजस्व मंत्री अब्दुल रहीम राथर ने बिजली खरीद बजट बढ़ने पर जम्मू के लक्ष्य को 576 से बढ़ाकर 814 करोड़ रुपये कर दिया था, जबकि श्रीनगर का लक्ष्य 600 करोड़ रुपये के करीब ही रहने दिया था। वहीं, स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार इस समय भी श्रीनगर में जम्मू से अधिक बिजली सप्लाई दी जा रही है। नार्दर्न ग्रिड से मिल रही 1557 मेगावाट बिजली में से श्रीनगर को 874, जबकि 683 मेगावाट जम्मू को मिल रही है।
बारामुला से साई ब्यूरो ने खबर दी है कि उत्तरी कश्मीर के बारामुला और कुपवाड़ा जिले में भारी बर्फ की वजह से चौबीस घंटों के भीतर नौ मकान क्षतिग्रस्त हो गए। सबसे ज्यादा आठ मकान एलओसी से सटी उड़ी तहसील में क्षतिग्रस्त हुए हैं। हालांकि, इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पुलिस के अनुसार मंगलवार की मध्यरात्रि को कुपवाड़ा जिले के लादेह गांव में मुदसिर अहमद टास का मकान बर्फ का वजन न सह सका और छत क्षतिग्रस्त हो गई। समय रहते टास का परिवार घर से बाहर निकल गया। उधर, उड़ी तहसील के नांबला गांव में मुहम्मद जमाल शेख, शकील अहमद लोन, बशीर अहमद गनई, गुलाम कादिर मलिक, मुहम्मद सईद आवान, गुलाम रसूल शेख, नसीर अहमद चीची व नजीर अहमद खान के मकानों के छत भी गिर गए।
ऊधमपुर साई ब्यूरो ने बताया कि मौसम साफ होने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग खुलने पर 12 दिन से फंसे कुछ ट्रकों को ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार दोपहर घाटी की तरफ रवाना किया। पुलिस का कहना है कि पहले जरूरत का सामान ले जा रहे ट्रकों को छोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि भारी बर्फबारी के बाद सात जनवरी को पुलिस ने घाटी जाने वाले ट्रकों को जखैनी सहित शहर के आसपास के इलाकों में रोक दिया था। जहां करीब 12 दिन तक चालक विभिन्न प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे थे। दो दिन की मूसलधार बारिश के बाद मंगलवार सुबह मौसम साफ हुआ और आसमान पर सूर्य देवता ने दस्तक दी। इससे ट्रक चालकों व सह चालकों ने राहत की सांस ली। उम्मीद भी जगी कि अब शायद राजमार्ग खुलेगा। सभी दोपहर तक जखैनी के आसपास के इलाकों में धूप सेंककर सर्दी भगाते नजर आए। कई चालकों ने ट्रकों पर पड़े गीले सामान को धूप में सुखाने का प्रयास किया।
दोपहर करीब तीन बजे पुलिस के पास राजमार्ग खुलने की सूचना पहुंची, जिसके बाद जरूरी सामग्री वाले ट्रकों को घाटी की तरफ रवाना किया गया। एसएसपी शकील अहमद बेग ने बताया कि राजमार्ग खुलने पर जखैनी के बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े कुछ ट्रकों को घाटी की तरफ रवाना किया है। उन्होंने बताया कि पहले जरूरत का सामान ले जा रहे ट्रकों को घाटी की तरफ जाने की इजाजत दी गई है। पुलिस जल्द से जल्द ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने का हर संभव प्रयास कर रही है।
साथ ही साथ एक दिन आसमान में धूप खिलने के बाद बुधवार को फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है। दिन में कई बार हल्की धूप तो निकली, लेकिन अधिकांश समय आसमान में बादल छाए रहे और दोपहर बाद बीच-बीच में बारिश भी होती रही। शहर के कई इलाके में ओले भी पड़े। मंगलवार को आसमान में धूप खिले होने से लोगों ने राहत की सांस ली थी। उन्हें लगा था कि अब मौसम सुधर जाएगा। लेकिन, आज सुबह से ही फिर आसमान में बादल छाए रहे, हालांकि, बीच-बीच में हल्की धूप भी निकली। वहीं दोपहर बाद तेज बारिश शुरू हो गई। शिव नगर सहित शहर कई हिस्से में हल्की ओलावृष्टि भी हुई। इससे ठंड बढ़ गई है। एयरफोर्स मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को न्यूनतम तापमान चार डिग्री तथा अधिकतम 16.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, बुधवार को 3.4 मिमी बारिश हुई है। संभावना जताई जा रही है कि वीरवार को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा बारिश हो सकती है। वहीं पत्नीटॉप, नत्थाटॉप तथा चनैनी तहसील की अन्य ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई।
उधमपुर से साई संवाददाता ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग खुलने पर बुधवार सुबह करीब दस बजे तक जरूरत का सामान ले जा रहे ट्रकों को घाटी की तरफ रवाना किया गया। लेकिन, मौसम खराब होते ही वाहनों की आवाजाही पर पुनरू प्रतिबंध लगा दिया गया। वहीं, सुबह के समय रेंग-रेंग कर चल रहे वाहनों के कारण शहर के आसपास जाम की समस्या पैदा हो गई। गौरतलब है कि करीब 12 दिन बाद मंगलवार को राजमार्ग खुलने पर ट्रैफिक पुलिस ने शहर के आसपास के इलाकों में रोके गए कुछ ट्रकों को घाटी की तरफ रवाना किया था। लेकिन, शाम के समय ट्रकों की आवाजाही बंद कर दी गई। बुधवार सुबह मौसम साफ होने पर पुलिस ने रोके गए कुछ वाहनों को घाटी की तरफ रवाना किया। रोके गए वाहनों को छोड़े जाने पर राजमार्ग पर वाहन रेंगते हुए चल रहे थे। जिससे सुबह करीब साढ़े 11 बजे तक राजमार्ग व धार रोड पर बार बार जाम की समस्या पैदा हो रही थी।
ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सुबह से लेकर शाम तक पुलिस के जवान कड़ी मशक्कत करते हुए नजर आ रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे पुलिस ने घाटी की तरफ जाने वाले वाहनों को फिर से रोक दिया। जिसके बाद देखते ही देखते शहर के आसपास के इलाकों में ट्रकों की लंबी कतार लग गई। इस संबंध में ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुरदीप सिंह ने बताया कि सुबह करीब दस से 12 बजे तक घाटी की तरफ वाहनों को रवाना किया गया था। पहले टैंकर व अन्य जरूरत का सामान ले जा रहे ट्रकों को रवाना किया जा रहा है। 12 बजे के करीब आदेश मिलने पर वाहनों रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि आज वाहनों को छोड़ने की कोई संभावना नहीं है। वीरवार को आदेश मिलने पर कुछ वाहनों को घाटी की तरफ रवाना किया जाएगा। वहीं वाहनों को रोके जाने पर जखैनी बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग, रौं दोमेल व अन्य इलाकों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई थी।
रियासी से साई संवाददाता ने समाचार दिया है कि बारिश व बर्फबारी के कारण माहौर तहसील के कई इलाकों में लोगों के पालतू पशुओं के मरने व मकानों को नुकसान पहुंचने की सूचना है। वहीं, प्रशासन एक-दो स्थानों पर नुकसान की बात कर रहा है। स्थानीय लोगों ने सरकार व प्रशासन से तत्काल राहत पहुंचाने की मांग की है। लोगों ने बताया कि दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्र वरणसाल, लाद, विगयाला बढ़ोई में हुई बर्फबारी से कुछ लोगों के मवेशी मर गए हैं। कई भेड़-बकरियों के बर्फ में दबने की आशंका भी जताई जा रही है। वरणसाल के सरपंच अब्दुल गफ्फार का कहना है कि बर्फबारी के कारण गांव निवासी अमीन की पांच भेड़ें, अब्दुल रहीम की 13 भेड़-बकरियां, मुहम्मद इकबाल की 12 भेड़ें, अब्दुल रशीद की पांच बकरियां मर चुकी हैं। वहीं, लद गांव के निवासी मुश्ताक अहमद का मकान गिरने से पांच बकरियां, युसफ की सात बकरियां भी मौत का शिकार हो गई। जबकि विगयाला निवासी अब्दुल रहमान का मकान गिरने से अंदर पड़ा सामान दब गया।
देश के हृदय प्रदेश से साई ब्यूरो नंद किशोर जाधव ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में एक बार फिर कमी दर्ज की गई है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान उज्जैन संभाग शीत-लहर की चपेट में रहा। वहीं, रीवा, सागर, होशंगाबाद, शहडोल, इन्दौर और चम्बल संभागों में पारे में काफी गिरावट दर्ज की गई। प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस उज्जैन में दर्ज किया गया। मौसम केंद्र भोपाल ने अगले चौबीस घंटों के दौरान उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं शीत-लहर चलने की संभावना जताई है। प्रदेश में सभी संभागों में मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान जताया गया है। राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सिय के आसपास रहने की संभावना है। जबलपुर संभाग में शीतलहर का जबर्दस्त प्रकोप देखने को मिला।
जयपुर साई ब्यूरो से शैलेन्द्र ने समाचार दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से शीतलहर और पाले को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी मंे शामिल करने की मांग की है । गृह मंत्री पी चिदम्बरम को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि पाले और शीतलहर को इस सूची में तत्काल शामिल किया जाना चाहिए ताकि प्रभावित किसानों को राज्य आपदा निधि से पर्याप्त सहायता
उपलब्ध करवाई जा सके । प्रदेशभर में आज भी तेज सर्दी और शीतलहर के कारण जनजीवन प्रभावित रहा । माउण्ट आबू में पारा जमाव बिन्दु से नीचे ही बना हुआ है। वहां न्यूनतम तापमान शून्य से आधा डिग्री नीचे दर्ज किया गया। इसके अलावा मैदानी इलाकों मेें सबसे कम डेढ़ डिग्री सेल्सियस तापमान एरनपुरा रोड़ में दर्ज हुआ। इसी तरह चूरू में दो डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया । साई संवाददाता के अनुसार कड़ाके की सर्दी के कारण पूरे जिले में जनजीवन पर असर पड़ा है। सवाईमाधोपुर में 2 दशमलव 8, वनस्थली में 3, पिलानी में 3 दशमलव 8, जयपुर में चार, सीकर में 4 दशमलव 8 और अजमेर में साढ़े पांच डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड हुआ। जयपुर के जिला प्रशासन ने कड़ाके की सर्दी के मद्देनजर सभी स्कूलों में नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक के लिए दो दिन के अवकाश की घोषणा की है । यह फैसला सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा।
शिमला साई ब्यूरो से स्वाति सिंह ने खबर दी है कि खराब मौसम के कारण हादसों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है। प्रदेश के उपरी क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फबारी जानलेवा बनती जा रही है। चम्बा जिले के चुराड़ विधानसभा क्षेेत्र के उपमण्डल मुख्यालय तीसा से करीब 20 किलोमीटर दूर जुंगरा पंचायत के खजुआ गांव के पास तींदीनाला में आज सुबह हिमस्खलन की चपेट में आने से 5 लोगों की मृत्यु हो गई तथा तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। तहसीलदार सुरेन्द्र ठाकुर ने हमारे चंबा संवाद्दाता को बताया कि मृतकों के शव अब तक बरामद नहीं हो पाए हैं और भारी बर्फबारी के कारण घायलों को तीसा के अस्पताल में पहुंचाने में कठिनाई आ रही है और उन्हें अब तक विहाली गांव तक पहुंचाया जा सका है। इस हादसे में मारे जाने वालों में विहाली के युसुफ, लाल सेन तथा रसीम मोहम्मद और काराटोट गांव के हनीफ मोहम्मद और बाग हुसैन बताए जा रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ने प्रशासन को मृतकों के आश्रितों को तुरन्त सहायता उपलब्ध करवाने तथा घायलों को समुचित उपचार मुहैया करवाने के निर्देश दिए हैं। चम्बा जिले के उपरी क्षेत्रों मंे हो रहे भारी हिमपात के मद्देनजर हिमस्खलन व भूस्खलन की आशंका को देखते हुए उपायुक्त चम्बा शरभ नेगी ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। जिले के पर्यटक स्थल डलहौजी तथा खजियार में अब तक तीन फीट बर्फ पड़ चुकी है। कांगड़ा जिले के धौलाधार श्रंखलाओं पर भारीहिमपात हो रहा है तथा उपरी धर्मशाला, मैकलोड़गंज में आज 45 सैंटीमीटर बर्फ दर्ज की गई। प्रदेश के उपरीक्षेत्रों में हो रही बर्फबारी तथा अन्य क्षेत्रों मंे वर्षा के कारण पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट मंे है और अनेक भागों मेें सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है। किन्नौर जिले में बिजली, पानी तथा संचार व यातायात व्यवस्था आज पंाचवे
दिन भी प्रभावित रही। राष्ट्रीय उच्च मार्ग-22 पर राज्य पथ परिवहन निगम की नियमित रूटों में बसें न चलने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और टैक्सी चालक मनमाने ढंग से किराया वसूल कर रहे हैं। आज पांचवे दिन एक मात्र संपर्क मार्ग सांगला तक ही बस चल पाई तथा अन्य मार्ग अवरूद्ध पड़े हैं। शिमला जिले के पर्यटक स्थल कुफरी तथा नारकण्डा और मनाली में भी रूक-रूककर हल्की बर्फबारी हो रही है जिसके चलते पर्यटकों का इन स्थलों पर आना जारी है। प्रदेश के अन्य भागों में हल्के से भारी वर्षा होने का समाचार है। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटो के दौरान प्रदेश के उपरी क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना जताई है। जनजातिय क्षेत्रों के लिए कल 20 जनवरी को हैलीकॉपटर की उड़ान भुंतर और किलाड़-चंबा के बीच भरी जाएगी।