रविवार, 18 दिसंबर 2011


अजित सिंह कैबिनेट मंत्री  बने 



नई दिल्ली (साई)। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी)के प्रमुख अजित सिंह को रविवार को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है.राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में श्री सिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली ,अजित सिंह चौथी बार केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं. पिछले हफ़्ते उनकी पार्टी आरएलडी औपचारिक रूप से यूपीए सरकार में शामिल हुई थी,अजित सिंह पहली बार 1989 में वीपी सिंह की सरकार में मंत्री बने थे. इसके बाद नरसिंह राव सरकार में उन्होंने खाद्य विभाग का कामकाज संभाला. तीसरी बार वे एनडीए सरकार में 2001 में मंत्री बने. वे 2001 से 2003 तक कृषि मंत्री थे.उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. लोकसभा में राष्ट्रीय लोकदल के पाँच सांसद है. इसके साथ ही अब लोकसभा में यूपीए सदस्यों की संख्या 277 हो गई है.उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय के प्रमुख नेता अजित सिंह के यूपीए से जुड़ने को अहम माना जा रहा है. कुछ महीने बाद ही उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं जहाँ पश्चिमी हिस्सों में आरएलडी का काफ़ी दबदबा है.72 वर्षीय अजित सिंह चौधरी चरण सिंह के बेटे हैं. वर्ष 2009 में सत्ता में आने के बाद से यूपीए में शामिल होने वाली राष्ट्रीय लोक दल पहली पार्टी है

बरास्ता यूपी, उमा जाएंगी संसदीय सौंध!


बरास्ता यूपी, उमा जाएंगी संसदीय सौंध!

विधानसभा चुनाव नहीं लडेंगी उमा



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा की तेज तर्रार साध्वी नेत्री एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उमा राज्य सभा के रास्ते संसद में पहुंचने को आतुर दिख रही हैं। उमा की राह के प्रमुख रोढ़े विनय कटियार को साईड करने की जुगत में उमा के रणनीतिकार जुट गए हैं। यूपी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विनय कटियार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़वाने की कवायद की जा रही है।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की पहली सूची के तैयार करते वक्त यह साफ कर दिया गया था कि उमा भारती को उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़वाया जाएगा। मूलतः मध्य प्रदेश निवासी उमा भारती अगर यूपी से विधानसभा समर में उतरतीं तो विरोधी पार्टियों को उमा भारती के बाहरी होने का मुद्दा बैठे बिठाए ही मिल जाता।

अगले साल के आरंभ में उत्तर प्रदेश में राज्य सभा की एक दर्जन सीट रिक्त हो रही हैं। अप्रेल तक इन्हें भरा जाना है। मौजूदा समीकरणों के हिसाब से यूपी में भाजपा की झोली में एक सीट जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इस सीट पर उमा भारती के अलावा विनय कटयार भी हाथ पैर मार रहे हैं। भाजपा नेतृत्व विनय कटियार को विधानसभा में झोंकने आतुर दिख रहा है।

कटियार के साथ ही साथ राज्य सभा सदस्य कलराज मिश्र का कार्यकाल भी पूरा होने को है। मिश्र राज्य सभा की दौड़ से हट कर लखनऊ ईस्ट से किस्मत आजमाने जा रहे हैं। भाजपा के पूर्व निजाम राजनाथ सिंह के सुपुत्र पंकज नोएडा से जमीन तलाशने में जुटे हुए हैं। उमा करीबियों का मानना है कि अगर उमा भारती राज्य सभा के रास्ते केंद्र में पहुंच जाती हैं और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो वे उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की प्रबल दावेदार हो जाएंगी, एसी परिस्थिति में उमा राज्य सभा से त्यागपत्र दे सकती हैं।

केबल न्यूज पर लगाम लगाने से खफा हैं कांग्रेस के क्षत्रप


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 55

केबल न्यूज पर लगाम लगाने से खफा हैं कांग्रेस के क्षत्रप

बिना पंजीयन लोकल न्यूज चलाई तो होगी सजा!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। एक के बाद एक आवश्यक संशोधन भले ही जनता को राहत देने के लिए हों, पर टीम मनमोहन की इस कवायद से कांग्रेस और भाजपा में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के खिलाफ जमकर माहौल बनने लगा है। अवैध विदेशी और स्थानीय स्तर पर दिखाए जाने वाले चैनल्स पर केबल आपरेटर के खिलाफ सजा बढ़ाने वाले इस विधेयक के लोकसभा में पेश होते ही सभी दलों के सांसदों पर केबल आपरेटर्स का दवाब बढ़ गया है।

संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल द्वारा लोकसभा में पेश विधेयक में ऐसे विदेशी और स्थानीय टेलीवीजन चेनल्स को केबल नेटवर्क के जरिए दिखाने पर सजा बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है जो भारत में प्रसारण के लिए पंजीकृत नहीं हैं। विधेयक में इस तरह के चेनल्स के प्रसारण पर दो साल तक की कैद और एक लाख रूपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दुबारा इस तरह का काम करते पकड़े जाने पर पांच साल तक की कैद और तीन लाख रूपए का जुर्माना आहूत करने का प्रावधान है।

गौरतलब है कि लोकल केबल द्वारा सांसदों को चुनाव के दरम्यान व्यापक स्तर पर कव्हरेज देकर मदद की जाती है। यही कारण है कि सांसदों द्वारा में केंद्र सरकार के इस नए विधेयक से नाराजगी पसर गई है। सांसदों का मानना है कि अगर इस बिल को अमली जामा पहना दिया गया तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में उन्हें केबल आपरेटर्स के साथ नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।

वहीं दूसरी ओर केबल आपरेटर्स द्वारा की जाने वाली वाणिज्यिक कर की चोरी की शिकायतें भी केंद्र सरकार को मिली हैं। स्थानीय स्तर पर आबकारी विभाग के साथ मिलकर केबल आपरेटर्स कर चोरी को अंजाम देते हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में भी कठोर कदम उठाने की कवायद की जा रही है।

(क्रमशः जारी)

समतल हो जाएगा बरगी बांध!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 33

समतल हो जाएगा बरगी बांध!

25 लाख टन राख जाएगी बरगी बांध के पानी में!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में केंद्र की छटवीं अनुसूची में शामिल आदिवासी विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में डाले जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट के कहर से अभी क्षेत्रीय नागरिक अनजान ही नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को अपने इशारों पर नचाने वाले संयंत्र प्रबंधन द्वारा नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ ही साथ पर्यावरण का जबर्दस्त नुकसान किए जाने की आशंकाएं जताई जा रही हैं।

देश की नामी गिरामी कंपनियों में अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से महज 100 किलोमीटर दूर आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में स्थापित किए जाने वाले पावर प्लांट से नर्मदा नदी पर बने रानी अवन्ती बाई सागर परियोजना (बरगी बांध) पर पानी के जबर्दस्त प्रदूषण का खतरा मण्डराने लगा है। गौरतलब है कि बरगी बांध में अथाह जलराशि समाहित है, जिससे जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, भोपाल, खण्डवा आदि जिलों के किसान न केवल खेती करते हैं वरन् मध्य प्रदेश की इस जीवन रेखा से अपनी प्यास भी बुझाते हैं।

कहा जा रहा है कि अगर यह संयन्त्र यहां स्थापित कर दिया जाता है तो इस प्लांट से उडने वाली राख से बरगी बांध की तलहटी में कुछ माहों के अन्दर ही ढेर सारी सिल्ट जमा हो जाएगी और पानी प्रर्दूिषत होने की संभावना बलवती हो जाएगी। इससे आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर के निवासियों को स्वांस की समस्याओं से दो चार भी होना पड सकता है। महज चंद सालों में ही इस संयंत्र से उड़ने वाली राख से बरगी बांध समतल मैदान में तब्दील हो जाएगा। इस पावर प्लांट के लिए आवश्यक जलापूर्ति बरगी बांध के सिवनी जिले के जल भराव क्षेत्र गडघाट और पायली से की जाएगी।

केंद्रीय उर्जा मंत्रालय के सूत्रों ने आगे कहा कि प्रस्तावित संयन्त्र के दो चरणों में लगने वाले प्लांट द्वारा प्रतिदिन 1706 टन राख उत्सर्जित की जाएगी, जिसे बायलर के पास से ही एकत्र किया जा सकेगा। समस्या लगभग 1000 फिट उंची चिमनी से उडने वाली राख (फ्लाई एश) की है। इससे रोजना 6832 टन राख उडकर आसपास के इलाकों में फैल जाएगी। 1000 फिट की उंचाई से उडने वाली राख कितने डाईमीटर में फैलेगी इस बात का अन्दाजा लगाने मात्र से सिहरन हो उठती है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने अपने प्रतिवेदन में हवा का रूख जिस ओर दर्शाया है, संयन्त्र से उस ओर बरगी बांध है।

जानकारों का कहना है कि 6832 टन राख प्रतिदिन उडेगी जो साल भर में 24 लाख 93 हजार 680 टन हो जाएगी। अब इतनी मात्रा में अगर राख बरगी बांध के जल भराव क्षेत्र में जाएगी तो चन्द सालों में ही बरगी बांध का जल भराव क्षेत्र मुटठी भर ही बचेगा। यह उडने वाली राख आसपास के खेत और जलाशयों पर क्या कहर बरपाएगी इसका अन्दाजा लगाना बहुत ही दुष्कर है। इस बारे में पावर प्लांट की निर्माता कंपनी ने मौन साध रखा है।

इतना ही नहीं प्रतिदिन बायलर के पास एकत्र होने वाली 1706 टन राख जो प्रतिमाह में बढकर 52 हजार 886 टन और साल भर में 6 लाख 23 हजार टन हो जाएगी उसे कंपनी कहां रखेगी, या उसका परिवहन करेगी तो किस साधन से, इस बारे में भी झाबुआ पावर लिमिटेड ने चुप्पी ही साध रखी है। अगर राख को संयंत्र के आसपास ही डम्प कर रखा जाएगा तो वहां के खेतों की उर्वरक क्षमता प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगी और अगर परिवहन किया जाता है तो घंसौर क्षेत्र की सड़कों के धुर्रे उड़ना स्वाभाविक ही है।

(क्रमशः जारी)

लोकपाल पर सरकार की अंतिम कवायद जारी


लोकपाल पर सरकार की अंतिम कवायद जारी

नई दिल्ली (साई)। सरकार के गले की फांस बने लोकपाल बिल के मामले में सरकार द्वारा अब अंतिम तौर पर कवायद आरंभ हो गई है। सोमवार को होने वाली कैबनेट बैठक के उपरांत ही इस बारे में ठोस तौर पर कुछ कहा जा सकता है। अण्णा की हुंकार से घबराई केंद्र और कांग्रेस ने आनन फानन इसके मसौदे को कैबनेट के समक्ष रखने की तैयारियां कर ली हैं।

शनिवार को प्रधानमंत्री से लेकर कांग्रेस के कई नेता ने बात पर मुहर लगाई कि लोकपाल बिल आएगा और इसी सत्र में आएगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा कि लोकपाल को इसी सत्र में पास कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में इसे पास कराने की औपचारिकता इससे पहले कर ली जाएगी।

उधर गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम ने भी इससे पहले एक कार्यक्रम में कहा कि लोकपाल बिल इसी सत्र में पेश होगा। कांग्रेस अण्णा हजारे से इस कदर खौफजदा है कि कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने अन्ना हजारे से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे अन्ना के पत्र के बारे में कहा कि अन्ना को सरकार पर भरोसा होना चाहिए।

सरकार के पास अब महज तीन रास्ते ही दिख रहे हैं। जिसमें से पहला मार्ग कैबिनेट से पास होने के बाद लोकपाल बिल को संसद में पेश कर दिया जाए और फिर वहां से भी इसे पास करा लिया जाए। ऐसा करके सरकार अन्ना इफेक्ट को खत्म करने की कोशिश कर सकती है। इसके साथ ही साथ अगर क्रिसमस की छुट्टी से पहले बिल पास नहीं हो पाए तो सत्र को जारी रखा जाए और बाद में संसद दो-तीन दिन ज्यादा चलाकर बिल पास करा लिया जाए। सरकार अब टीम अन्ना को अनशन कर सरकार पर हमला करने का मौका नहीं देना चाहती। अंतिम विकल्प के बर्तार इस बिल को संसद में पेश कर दिया जाए। फिर संसद खुद फैसला करे कि बिल पर कब और किस तरह बहस हो और इसे कैसे पास किया जाए। सरकार ऐसा करके इस लड़ाई को टीम अन्ना बनाम कांग्रेस की जगह टीम अन्ना बनाम संसद बना सकती है।


कम नहीं हो रहीं चिदम्बरम की मुश्किलें


कम नहीं हो रहीं चिदम्बरम की मुश्किलें



नई दिल्ली (साई)। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर होटल कारोबारी एस.पी. गुप्ता के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की अर्जी देने वाली दिल्ली सरकार ने विवाद उठने के बाद अपना रुख बदल लिया। अब कोर्ट में दी अर्जी में सरकार ने केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत होने की बात कही है। इस बीच, प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने भी गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदंबरम का बचाव करने की कोशिश की।

अडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट सुनील चौधरी की अदालत में दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि वकील पी. चिदंबरम के क्लाइंट रहे सनएयर होटल्स के मालिक गुप्ता के खिलाफ फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के मुकदमे इस स्टेज पर वापस लेने से न्याय हित में असर पड़ेगा। असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर घनश्याम श्रीवास्तव ने एक केस का जिक्र करते हुए कहा कि केस फाइल और उपलब्ध सबूतों की गंभीर स्टडी के बाद मुझे लगा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। सरकार ने तीनों मामलों में अलग-अलग अर्जियां देकर कहा कि मुकदमे जारी रखने के लिए पर्याप्त मटीरियल है।

उधर रूस से लौटते वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि गृह मंत्री चिदंबरम ऐसे आरोप से इनकार कर चुके हैं, जो उनके ऊपर मढ़ा जा रहा है। वैसे, विदेश यात्रा पर होने के कारण मुझे अभी तक उनसे बात करने का मौका नहीं मिला है।

इस मामले में भाजपा ने तल्ख रवैया अपना लिया है। बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने कहा कि यह पद के दुरुपयोग का सीधा मामला है, चिदंबरम को इस्तीफा दे देना चाहिए। चिदंबरम का यह कहना कि उन्हें मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा लिखे लेटर की जानकारी नहीं थी, बिल्कुल गलत है। नायडू ने लेटर दिखाते हुए कहा कि अधिकारी ने साफ लिखा था कि इसे गृह मंत्री की मंजूरी प्राप्त है। बीजेपी नेता ने कहा कि हम इस मसले को ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे, इसे नतीजे तक पहुंचाएंगे।

इशरत मामले में सीबीआई का कड़ा हुआ रूख


इशरत मामले में सीबीआई का कड़ा हुआ रूख



नई दिल्ली (साई)। सीबीआई ने गुजरात के इशरत जहां मुठभेड़ मामले में २० पुलिस कर्मियों पर मामला दर्ज किया है। इन पर हत्या और सबूतों को नष्ट करने का आरोप है। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि मामले की विशेष जांच दल ने बृहस्पतिवार को सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद नयी एफआईआर दर्ज हुई है। गुजरात उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले की आगे जांच करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने सीबीआई से पुलिस के इस दावे की भी जांच करने को कहा है, जिसमें पुलिस ने मुठभेड़ के बाद कहा था कि इशरत और अन्य तीनों लोग लश्करे तैयबा के आतंकवादी थे, जो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करना चाहते थे।

चिदम्बरम को बनाया जाए टूजी का आरोपी: स्वामी


चिदम्बरम को बनाया जाए टूजी का आरोपी: स्वामी



नई दिल्ली (साई)। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्घ्मण्यम स्वामी ने दिल्ली में एक अदालत को बताया कि केन्द्रीय गृहमंत्री पी.चिदम्बरम को भी टूजी स्पैक्ट्रम मामले में एक अभियुक्त बनाया जाए, क्योंकि पूर्व दूरसंचार मंत्री आदिमत्थू राजा के साथ वे भी स्पैक्ट्रम के दामों के बारे में फैसला करने में शामिल थे। श्री चिदम्बरम पर मुकद्दमा चलाने के बारे में अपनी एक निजी शिकायत के सिलसिले में अदालत में एक गवाह के तौर पर बयान देते हुए श्री स्वामी ने कहा कि २००८ में २००१ की दरों पर स्पैक्ट्रम लाइसेंस के दाम तय करने का आरोप अकेले ए. राजा पर नही लगाया जा सकता।

इस बीच, अदालत ने एस्सार समूह और लूप टेलिकॉम के प्रमोटरों और कंपनी के खिलाफ टू-जी स्पैक्ट्रम मामले में सीबीआई द्वारा दायर तीसरे आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बारे में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। विशेष सीबीआई जज अपना फैसला बुधवार को सुनाएंगे।

खाद्य सुरक्षा विधेयक के मार्ग प्रशस्त


खाद्य सुरक्षा विधेयक के मार्ग प्रशस्त

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल सोमवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को मंजूरी देने पर विचार करेगा। विधेयक का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को खाद्यानों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है । खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के. वी. थॉमस ने कहा कि विधेयक के विभिन्न प्रावधानों पर आम सहमति बन गई है। सरकार ने इसके विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए राज्य सरकारों समेत सभी संबद्ध पक्षों से विस्तृत विचार विमर्श किया है।

फूड सिक्युरिटी बिल के वित्तीय पहलू पर मंथन जारी है। सरकार इस बिल के जरिये देश की 60-65 प्रतिशत आबादी को सस्ते दाम पर अनाज देना चाहती है। अनुमान है कि इसे लागू करने के लिए अगले तीन साल में सरकार को तीन लाख करोड़ रुपये का अलग से इंतजाम करना होगा। सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतनी रकम कहां से आएगी।

फूड बिल लागू होने के तुरंत बाद खाद्यान्न की मांग बढ़कर 6.1 करोड़ टन हो जाएगी। फिलहाल यह 5.5 करोड़ टन है। फूड सब्सिडी एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में यह 63,000 करोड़ रुपये थी। यह तो पहले साल का हाल होगा। इसके बाद इसमें लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी। इसके अलावा कृषि उत्पादन, भंडारण और वितरण व्यवस्था को सुधारने पर सरकार को अपना खर्च बढ़ाना होगा। कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये ही सरकार को हर साल 50 हजार करोड़ रुपयों की जरूरत होगी। यूपीए सरकार के एक सीनियर कैबिनेट मंत्री ने माना कि यह बिल सरकार का खर्च लगातार बढ़ायेगा। बेहतर होगा, पूरा इंतजाम करने के बाद ही इसे लागू किया जाये।

सरकार के सामने इस वक्त सबसे बड़ी समस्या बढ़ती सब्सिडी है। पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर से लेकर अब फूड सब्सिडी का बढ़ता बोझ वह कैसे उठाएगी, यह उसके लिए चिंता की बात है। सूत्रों के अनुसार, सब्सिडी का बढ़ता बोझ संभालने के लिये सरकार निश्चित तौर पर दूसरे सेक्टरों में सब्सिडी घटाएगी। इसमें पेट्रोलियम सेक्टर प्रमुख होगा। सरकार ने अभी से इसकी भूमिका बनानी शुरू कर दी है।

माओवादियों ने की हिंसक वारदात


माओवादियों ने की हिंसक वारदात
नई दिल्ली (साई)। बिहार में सशस्त्र माओवादियों ने आज जमुई जिले के सरकण्डा गांव में सरकारी स्कूल की इमारत को ध्वस्त कर दिया। पुलिस के अनुसार साठ से अधिक उग्रवादी अपने साथ निजी निर्माण कंपनी की दो जेसीबी क्रेन मशीनें लाए और स्कूल की दो मंजिला इमारत को गिरा दिया। पुलिस ने बताया कि नक्सलवादियों ने इस इमारत को इसलिए उड़ाया, ताकि इसका इस्तेमाल इनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे सुरक्षाकर्मियों को ठहराने के लिए न किया जा सके। उग्रवादियों को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

एनएसजी का क्षेत्रीय केंद्र बनना अनिवार्य: चिदम्बरम


एनएसजी का क्षेत्रीय केंद्र बनना अनिवार्य: चिदम्बरम
चेन्नई (साई)। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने आतंकी हमलों का मुकाबला तेजी से करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के क्षेत्रीय केन्द्र की स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने चेन्नई के निकट कोलापक्कम में एन एस जी के क्षेत्रीय केन्द्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के ऐसे केन्द्र होने से आतंकवादी हमला होने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने में समय की बचत होगी। उन्होंने कहा कि २००८ के आतंकवादी हमले के दौरान एन एस जी को दिल्ली के निकट मानेसर से मुंबई जाने में बारह घण्टे लग गए थे।

भारत में अनुसंधान केंद्र बनाएगा इंटरपोल


भारत में अनुसंधान केंद्र बनाएगा इंटरपोल

नई दिल्ली (साई)। सीबीआई और इंटरपोल दूरसंचार अपराधों की रोकथाम के लिए भारत में अनुसंधान और नवाचार केन्द्र की स्थापना करेंगे। यह निर्णय नई दिल्ली में इंटरपोल के महासचिव डॉ० रोनाल्ड के. नोबेल और सीबीआई के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में लिया गया। सरकारी बयान के अनुसार यह केन्द्र दूरसंचार अपराधों से निपटने के लिए शीर्ष शिक्षा संस्थाओं, अनुसंधान केन्द्रों और निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करेगा।

पंद्रह सौ घुसपेठिए पकड़े सुरक्षा बलों ने


पंद्रह सौ घुसपेठिए पकड़े सुरक्षा बलों ने



नई दिल्ली (साई)। सशस्त्र सीमा बल-एसएसबी ने सीमा पार से घुसपैठ रोकने और नेपाल की ओर से आने वाली नकली करेंसी की समस्या से निपटने के लिए और अधिक कानूनी अधिकारों की मांग की है। नई दिल्ली में एक सम्मेलन में बल के महानिदेशक प्रणय सहाय ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बल ने इस वर्ष चीन और कोरिया से बिना वैध दस्तावेजों के नेपाल के रास्ते भारत आने वाले १५ सौ लोगों को गिरतार किया।

उन्होंने कहा कि फर्जी करेंसी और नशीली दवाओं की तस्करी रोकने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर अगले पांच वर्षों में और चौकियां स्थापित की जानी है। वर्तमान में इंडो नेपाल बार्डर में ४५० बार्डर आउट पोस्ट है और सामने पाचं वर्षों में हम लोग और ८९ बीओपी और बढ़ाने की बात है इसके अंदर अर्थात इस नीति को रखते हुए बीओपी और बल की सधनता बढ़ाने के लिए डेंसटी बढ़ाने की यह सामने पांच साल का परिपेक्ष्य है।

योन अपराधों में अमेरिका अव्व्ल


योन अपराधों में अमेरिका अव्व्ल



न्यूयार्क (साई)। अमेरिका में प्रति मिनट औसतन 24 लोग अपने साथी या फिर जीवनसाथी द्वारा बलात्कार, शारीरिक हिंसा या उत्पीड़न का शिकार होते हैं। हाल ही में जारी एक सर्वे के नतीजे से यह खुलासा हुआ है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार , अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) द्वारा कराए गए इस सर्वे में पाया गया कि 1.2 करोड़ महिला और पुरुष इस तरह की हिंसा से पीड़ित हैं।

सर्वेक्षण से साफ पता चलता है कि देश में वयस्कों में यौन हिंसा, डांट-फटकार और अवैध यौन सम्बंधों से जुड़ी हिंसा अधिक पाई गई। सूत्रों ने कहा कि रपट के परिणाम घरेलू और यौन हिंसा के खिलाफ लड़ाई में अधिकारियों द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयासों को जारी रखने पर जोर डालते हैं।

सर्वे से पता चला है कि पिछले 12 महीनों में करीब 10 लाख महिलाएं बलात्कार और बलात्कार के प्रयासों का शिकार हुई हैं। नतीजे यह भी बताते हैं कि पांच में से एक अमेरिकी महिला एवं 71 में से एक अमेरिकी पुरुष के साथ उसके जीवनकाल में कम से कम एक बार जरुर बलात्कार हुआ है।

इस तरह की हिंसा की शिकार 51.1 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उनके साथ उनके पति या सबसे करीबी साथी ने बलात्कार किया है जबकि बाकी महिलाओं के मुताबिक उनके किसी जानकार ने उनके साथ यह घिनौता कृत्य किया है। अधिकांश महिलाओं के साथ पहली बार 25 वर्ष के आसपास बलात्कार हुआ है जबकि 42.2 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जिनके साथ 18वर्ष के दौरान बलात्कार किया गया है। पुरुषों की बात करें तो 50 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका किसी जानकार ने बलात्कार किया है जबकि 15.1 फीसदी लोगों के मुताबिक वे किसी अनजान व्यक्ति द्वारा बलात्कार का शिकार हुए हैं।

ईरान का नया एटमी प्लांट बनाने से इंकार


ईरान का नया एटमी प्लांट बनाने से इंकार

तेहरान (साई)। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआई) ने उन टिप्पणियों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि उसकी देश के मध्य प्रांत इस्फाहन में एक नया परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापिक करने की योजना है। ईरान के ही एक सांसद ने यह टिप्पणियां की थीं। एईओआई के मुताबिक कुछ समाचार एजेंसियों ने देश में नए परमाणु संयंत्र की स्थापना की जो रिपोर्ट दी हैं, वे सच नहीं हैं हैं और हम उन्हें खारिज करते हैं।

एईओआई ईरान में परमाणु ऊर्जा सम्बंधी नियमों को लागू करने व संयंत्रों के संचालन की दिशा में काम करने वाला आधिकारिक निकाय है। इससे पहले गुरुवार को स्थानीय फार्स समाचार एजेंसी ने एक ईरानी सांसद एवाज हैदरपौर के हवाले से लिखा था कि ईरान इस्फाहन में एक परमाणु संयंत्र शुरू करने की योजना बना रहा है और शांति कार्यों में इसका इस्तेमाल होगा। हैदरपौर ने कहा था कि यह संयंत्र इस्फाहन में स्थापित होगा और तीन साल के अंदर काम करने लगेगा।

ममता ने जीता स्कूली फुटबाल खिताब


ममता ने जीता स्कूली फुटबाल खिताब

नई दिल्ली (साई)। अजय कुमार के गोल से स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के ममता मॉर्डन फुटबॉल सेंटर ने सीआरपीएफ स्कूल रोहिणी को बेहद रोमांचक फाइनल में 1-
0 से हराकर चौथा ऑल इंडिया एसके शर्मा स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब जीता। अजय ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक पांच गोल किए। विजेता टीम को द्रोणाचार्य महासिंह राव और अर्जुन अवॉर्डी पहलवान राजीव तोमर ने पुरस्कार वितरित किए। आयोजन समिति के अध्यक्ष मनोज शर्मा और पल्लवी शर्मा भी उपस्थित थी। ममता मॉर्डन के कोच प्रताप को बेस्ट कोच और सत्यम थापा को बेस्ट गोलकीपर चुना गया। मॉर्डन स्कूल बाराखंबा को फेयरप्ले ट्रॉफी दी गई।

0 वसंत कुंज सेमीफाइनल मंे: राम भूटानी (67), सनत सांगवान (नॉटआउट 43) और कार्तिक (3/14) के दम पर डीपीएस वसंतकुंज ने एयरफोर्स बाल भारती लोधी रोड को सात विकेट से हराकर बीके गुप्ता मेमोरियल अंडर-14 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

0 वेस्ट दिल्ली जीती: ऋषि चौधरी (54) और सचिन मोहंती (3/33) की मदद से वेस्ट दिल्ली अकैडमी ने राजेंद्र सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट में विद्या जैन अकैडमी को 33 रन से शिकस्त दी।

0 ललित का चला बल्ला: ललित यादव (87), गौरव भारद्वाज (48) और प्रवीण जाखड़ (3/47) की बदौलत बाबा हरिदास अकैडमी शांति देवी अंडर-15 क्रिकेट टूर्नामेंट में गुश क्लब को चार विकेट से मात दी।

0 युवा शक्ति चौंपियन: आकाश वर्मा (52), सिद्धांत उपाध्याय (4/12) और सार्थक मेहरा (3/15) के खेल से युवा शक्ति रोहिणी ने मंथन अकैडमी को आठ विकेट से हराकर एमसीएफ क्रिकेट का खिताब जीत लिया। 

सन्यास की ओर अग्रसर धोनी! नई दिल्ली (साई)। फटाफट क्रिकेट की दुनिया में भारत का परचम लहराने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अगले वर्ल्ड कप में खेलने की कोई गारंटी नहीं है। वह 2013 में अपने वन-डे भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। यह बात खुद धोनी ने एक टीवी चौनल को दिए साक्षात्कार में कहीं। एम.एस.धोनी, ने कहा कि अगले वर्ल्ड कप में अभी साढ़े तीन साल बाकी है। मुझे पता नहीं कि तब टीम में मेरी क्या स्थिति होगी। अगर सब कुछ सही चलता रहा तो वर्ष 2013 के अंत में देखूंगा कि क्या मैं वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध रहूंगा या नहीं।’ 30 वर्षीय धोनी क्रिकेट के तीनों संस्करणों में टीम इंडिया के कप्तान हैं और साथ ही वह विकेटकीपर की भी भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्ल्ड कप के लिए आपको ऐसा विकेटकीपर चाहिए, जिसने करीब 100 मैच खेले हों। इसलिए हमें इस पहलू को देखना पड़ेगा। धोनी के विकल्प पर ध्यान दें तो गौतम गंभीर, विराट कोहली और सुरेश रैना इस होड़ में सबसे आगे हैं। धोनी की गैरमौजूदगी में में गंभीर न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज में कप्तानी कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 5-0 से धोया था। जबकि बतौर कप्तान विंडीज के खिलाफ भी एक मैच जीत चुके हैं। इन छह मैचों में उन्होंने 90 के औसत से दो शतकों की बदौलत कुल 360 रन बनाए हैं जबकि नाबाद 138 रन उनका सर्वाेच्च स्कोर है। वहीं कोहली अंडर-19 वर्ल्ड कप के विजेता कप्तान हैं जबकि रैना नौ मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके हैं, जिसमें उन्हें सिर्फ चार मैचों में जीत मिली। बतौर कप्तान मई-जून 2010 में जिंबाब्वे और श्रीलंका के साथ खेले गए त्रिकोणीय सीरीज के चार मैचों में सिर्फ एक जीते। वहीं जून 2011 में कैरिबियाई दौरे पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज 3-2 से जीती। इस दौरान यूपी के इस बल्लेबाज ने 23.57 की औसत से महज 165 रन ही बनाए हैं जबकि उनका सर्वाेच्च स्कोर 43 रन है। बतौर विकेटकीपर धोनी के विकल्प पार्थिव पटेल, रिद्धिमान साहा, रोबिन उथप्पा और दिनेश कार्तिक हैं लेकिन सबसे अहम यह है कि धोनी के टीम इंडिया के आने के बाद से इनमें से कोई भी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया है। लिहाजा, बोर्ड और चयनकर्ताओं के लिए विकेटकीपर खोजना बेहद मुश्किल काम होगा। हाल के वर्षों में भारत का व्यस्त कार्यक्रम रहा है और आईपीएल में टीम इंडिया के खिलाड़ियों की व्यस्तता और बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब धोनी अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं और अहम दौरों से पहले आराम ले रहे हैं। आस्ट्रेलिया दौरे से पहले उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज से आराम लिया था। उनकी कप्तानी में भारत ने वर्ष 2007 में ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और इस वर्ष की शुरुआत में वन-डे वर्ल्ड कप जीता था। साथ ही टीम पहली बार टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर भी पहुंची। उन्होंने आईपीएल में अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को दो बार चौंपियन बनाया जबकि वर्ष 2010 में उनकी टीम ने चौंपियंस लीग का खिताब भी अपनी झोली में डाला।


सन्यास की ओर अग्रसर धोनी!

नई दिल्ली (साई)। फटाफट क्रिकेट की दुनिया में भारत का परचम लहराने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अगले वर्ल्ड कप में खेलने की कोई गारंटी नहीं है। वह 2013 में अपने वन-डे भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। यह बात खुद धोनी ने एक टीवी चौनल को दिए साक्षात्कार में कहीं।

एम.एस.धोनी, ने कहा कि अगले वर्ल्ड कप में अभी साढ़े तीन साल बाकी है। मुझे पता नहीं कि तब टीम में मेरी क्या स्थिति होगी। अगर सब कुछ सही चलता रहा तो वर्ष 2013 के अंत में देखूंगा कि क्या मैं वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध रहूंगा या नहीं।’ 30 वर्षीय धोनी क्रिकेट के तीनों संस्करणों में टीम इंडिया के कप्तान हैं और साथ ही वह विकेटकीपर की भी भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्ल्ड कप के लिए आपको ऐसा विकेटकीपर चाहिए, जिसने करीब 100 मैच खेले हों। इसलिए हमें इस पहलू को देखना पड़ेगा।

धोनी के विकल्प पर ध्यान दें तो गौतम गंभीर, विराट कोहली और सुरेश रैना इस होड़ में सबसे आगे हैं। धोनी की गैरमौजूदगी में में गंभीर न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज में कप्तानी कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 5-0 से धोया था। जबकि बतौर कप्तान विंडीज के खिलाफ भी एक मैच जीत चुके हैं। इन छह मैचों में उन्होंने 90 के औसत से दो शतकों की बदौलत कुल 360 रन बनाए हैं जबकि नाबाद 138 रन उनका सर्वाेच्च स्कोर है।

वहीं कोहली अंडर-19 वर्ल्ड कप के विजेता कप्तान हैं जबकि रैना नौ मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके हैं, जिसमें उन्हें सिर्फ चार मैचों में जीत मिली। बतौर कप्तान मई-जून 2010 में जिंबाब्वे और श्रीलंका के साथ खेले गए त्रिकोणीय सीरीज के चार मैचों में सिर्फ एक जीते। वहीं जून 2011 में कैरिबियाई दौरे पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज 3-2 से जीती। इस दौरान यूपी के इस बल्लेबाज ने 23.57 की औसत से महज 165 रन ही बनाए हैं जबकि उनका सर्वाेच्च स्कोर 43 रन है।

बतौर विकेटकीपर धोनी के विकल्प पार्थिव पटेल, रिद्धिमान साहा, रोबिन उथप्पा और दिनेश कार्तिक हैं लेकिन सबसे अहम यह है कि धोनी के टीम इंडिया के आने के बाद से इनमें से कोई भी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया है। लिहाजा, बोर्ड और चयनकर्ताओं के लिए विकेटकीपर खोजना बेहद मुश्किल काम होगा।

हाल के वर्षों में भारत का व्यस्त कार्यक्रम रहा है और आईपीएल में टीम इंडिया के खिलाड़ियों की व्यस्तता और बढ़ा दी है। यही वजह है कि अब धोनी अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं और अहम दौरों से पहले आराम ले रहे हैं। आस्ट्रेलिया दौरे से पहले उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज से आराम लिया था। उनकी कप्तानी में भारत ने वर्ष 2007 में ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और इस वर्ष की शुरुआत में वन-डे वर्ल्ड कप जीता था।

साथ ही टीम पहली बार टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर भी पहुंची। उन्होंने आईपीएल में अपनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को दो बार चौंपियन बनाया जबकि वर्ष 2010 में उनकी टीम ने चौंपियंस लीग का खिताब भी अपनी झोली में डाला।

नए पहलवान उतरेंगे अखाड़े में


नए पहलवान उतरेंगे अखाड़े में

नई दिल्ली (साई)। लंदन ओलंपिक की तैयारियों के लिए अमेरिका जाने वाली कुश्ती टीम में नए पहलवानों ने अपनी आमद दे दी है। टीम को चयन को लुडलो कैसल दिल्ली में आयोजित ट्रायल में छत्रसाल स्टेडियम दिल्ली के अमित कुमार ने राहुल अवारे और विनोद कुमार जैसे पहलवानों को हराकर 55 किलो में जीत हासिल की। इसी स्टेडियम के प्रवीण राणा भी सुशील कुमार के भार 66 किलो में विजेता बने। हालांकि सुशील को ट्रायल खेलने से छूट दी गई। वह भी अमेरिका जाएंगे। कोलराडो स्प्रिंग्स में पहलवान एक माह तक अमेरिका और क्यूबा की टीम के साथ तैयारियां करेंगे।

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष दुष्यंत शर्मा के मुताबिक टीम अमेरिका के लिए पांच जनवरी को रवाना होगी। यहां यूएसए ओलंपिक सेंटर में तैयारी के बाद फरवरी के पहले सप्ताह में टीम प्रतिष्ठित डेव शुल्ट्ज टूर्नामेंट में खेलेगी। ट्रायल में पहले दो स्थान पर रहने वाले पहलवानों को अमेरिका भेजा जा रहा है। लेकिन टूर्नामेंट में पहले स्थान पर आए पहलवान खेलेंगे। यही पहलवान फरवरी में सियोल में होने वाली एशियाई चौंपियनशिप में खेलेंगे।

इस साल एशियाई जूनियर चौंपियनशिप में स्वर्ण जीतकर सुर्खियों में आए अमित व प्रवीण ने दिग्गजों को धूल चटा आश्चर्यजनक रूप से टीम में जगह बनाई। दोनों के कोच कोई और नहीं बल्कि सुशील को तैयार करने वाले यशवीर सिंह हैं। यशवीर का कहना है कि ये दोनों ही पहलवान भविष्य की उम्मीद हैं। ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोरेंगे। ट्रायल में वर्ल्ड चौंपियनशिप में कांस्य जीतने वाले रमेश कुमार और राजीव तोमर ने मेडिकल ग्राउंड पर शिरकत नहीं की।

छोटे और दलित उद्यमियों की हिमायत की टाटा ने


छोटे और दलित उद्यमियों की हिमायत की टाटा ने



नई दिल्ली (साई)। देश में अपना परचम लहराने वाले टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा ने कहा है कि भारतीय कारपोरेट जगत को छोटे उद्यमियों, खास तौर से दलित समुदाय के कारोबारियों को मदद करनी चाहिए ताकि वे विश्व स्तर पर खुद को स्थापित कर सकें।

दलित इंडियन चौंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित ट्रेड फेयर में रतन टाटा ने कहा कि हम सभी को युवा उद्यमियों की मदद करनी चाहिए। भारतीय कारपोरेट जगत को छोटे कारखानों द्वारा तैयार उत्पादों का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही निर्यात बढ़ाने में भी उनकी मदद करनी चाहिए। गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने भी शुक्रवार को कहा था कि कारपोरेट जगत को कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत दलित उद्यमियों की मदद करनी चाहिए।

दलित उद्यमियों का पहली बार हो रहा दो दिवसीय राष्ट्रीय ट्रेड फेयर शुक्रवार को शुरू हुआ था। इसके आयोजन में टाटा ग्रुप, गोदरेज ग्रुप और उद्योग संगठन सीआईआई ने सहयोग दिया। इस ट्रेड फेयर में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के करीब 200 दलित उद्यमियों ने हिस्सा लिया।