रविवार, 18 दिसंबर 2011

लोकपाल पर सरकार की अंतिम कवायद जारी


लोकपाल पर सरकार की अंतिम कवायद जारी

नई दिल्ली (साई)। सरकार के गले की फांस बने लोकपाल बिल के मामले में सरकार द्वारा अब अंतिम तौर पर कवायद आरंभ हो गई है। सोमवार को होने वाली कैबनेट बैठक के उपरांत ही इस बारे में ठोस तौर पर कुछ कहा जा सकता है। अण्णा की हुंकार से घबराई केंद्र और कांग्रेस ने आनन फानन इसके मसौदे को कैबनेट के समक्ष रखने की तैयारियां कर ली हैं।

शनिवार को प्रधानमंत्री से लेकर कांग्रेस के कई नेता ने बात पर मुहर लगाई कि लोकपाल बिल आएगा और इसी सत्र में आएगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा कि लोकपाल को इसी सत्र में पास कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में इसे पास कराने की औपचारिकता इससे पहले कर ली जाएगी।

उधर गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम ने भी इससे पहले एक कार्यक्रम में कहा कि लोकपाल बिल इसी सत्र में पेश होगा। कांग्रेस अण्णा हजारे से इस कदर खौफजदा है कि कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने अन्ना हजारे से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे अन्ना के पत्र के बारे में कहा कि अन्ना को सरकार पर भरोसा होना चाहिए।

सरकार के पास अब महज तीन रास्ते ही दिख रहे हैं। जिसमें से पहला मार्ग कैबिनेट से पास होने के बाद लोकपाल बिल को संसद में पेश कर दिया जाए और फिर वहां से भी इसे पास करा लिया जाए। ऐसा करके सरकार अन्ना इफेक्ट को खत्म करने की कोशिश कर सकती है। इसके साथ ही साथ अगर क्रिसमस की छुट्टी से पहले बिल पास नहीं हो पाए तो सत्र को जारी रखा जाए और बाद में संसद दो-तीन दिन ज्यादा चलाकर बिल पास करा लिया जाए। सरकार अब टीम अन्ना को अनशन कर सरकार पर हमला करने का मौका नहीं देना चाहती। अंतिम विकल्प के बर्तार इस बिल को संसद में पेश कर दिया जाए। फिर संसद खुद फैसला करे कि बिल पर कब और किस तरह बहस हो और इसे कैसे पास किया जाए। सरकार ऐसा करके इस लड़ाई को टीम अन्ना बनाम कांग्रेस की जगह टीम अन्ना बनाम संसद बना सकती है।


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