भाजपा का काम कर रहे जनसंपर्क के मुलाजिम
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मध्य प्रदेष सरकार के जनसंपर्क विभाग के दिल्ली कार्यालय द्वारा अब प्रदेष के मंत्रियों द्वारा पार्टी स्तर पर किए जा रहे कार्यक्रमों की विज्ञप्ति आधिकारिक तौर पर बटवाना आरंभ कर दिया गया है।
मध्य प्रदेष सूचना केंद्र द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आज यहां नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के शिक्षा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सम्मेलन में बताया कि मध्यप्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की विशेष पहल की गयी है और इसके सकारात्मक परिणाम भी आये हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में आयोजित शिक्षा प्रकोष्ठ के सम्मेलन में राज्यसभा की पूर्व उपसभापति श्रीमती नजमा हेपतुल्ला भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री रामलाल, गुजरात के शिक्षा मंत्री रमणलाल वोरा, शिक्षाविद दीनानाथ बत्रा, दिवाकर कुंडू और अन्य शिक्षाविद उपस्थित थे।
श्री शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश में हिन्दी विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। द्वितीय चरण में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में करायी जायगी। प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय की भी स्थापना की जा चुकी है। चिकित्सा विश्वविद्यालय और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों की भी स्थापना की जा रही है और दो कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है। प्रदेश में तीन निजी विश्वविद्यालय प्रारम्भ किये गये हैं और तीन नये विश्वविद्यालय प्रारम्भ किये जा रहे हैं। प्रदेश में ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए 30 नये शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये गये हैं। 130 स्ववित्तीय रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं। 65 नये अशासकीय महाविद्यालयों की भी स्थापना की गयी है। छतरपुर में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की स्थापना की जायगी। प्रदेश में भारतीय संस्कृति के संरक्षण और विस्तार के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश में योग को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है और गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। विद्यालयों में सूर्य नमस्कार नियमित रूप से कराया जा रहा है।
श्री शर्मा ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। कौशल विकास (स्किल डेवलेपमेंट) के लिए प्रदेश के 113 विकास खंडों में वोकेशनल ट्रेनिंग देने के लिए विकास केन्द्रों की स्थापना की गयी है।
सभी जिला मुख्यालयों के 50 आई टी आई को आदर्श आई टी आई में उन्नयन किया गया है और विद्यमान 107 आई टी आई सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। 50 नये शासकीय आई टी आई खोले जायेंगे।
शिक्षा बचाओ आन्दोलन की पहल पर प्रदेश के शासकीय इंजीनियरिंग कालेजों की फीस में 50 प्रतिशत की कमी की गयी है। इससे उच्च शिक्षा पर होने वाले खर्चे से अभिभावकों को राहत मिलेगी। म0प्र0 को नाॅलेज हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के संकल्प को म0प्र0 ने पूरी तरह से स्वीकार करते हुए सकल पंजीयन अनुपात (जी ई आर) को 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 2012-13 तक 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया। प्रदेश ने दो वर्ष पूर्व ही 10.33 लाख विद्यार्थियों का पंजीयन करके उच्च शिक्षा का जी ई आर लक्ष्य से अधिक 16.09 प्रतिशत कर लिया है। प्रदेश में छात्र-छात्राओं को पुस्तकें, साइकिलें और गणवेश उपलब्ध करायी जा रही हैं। इसकी वजह से उनमें स्कूलों के प्रति आकर्षण बढ़ा है और स्कूलों में प्रवेश की दर अत्यधिक बढ़ गयी है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कालेजों के छात्र-छात्राओं को पुस्तकें और स्टेशनी निशुल्क उपलब्ध करायी जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभावान छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए गांव की बेटी योजना प्रारम्भ की गयी है इससे 32 हजार से अधिक छात्राएं लाभान्वित हुई हैं। शहरी क्षेत्र की गरीबी की रेखा के नीचे के परिवार की छात्राओं को उच्च शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए प्रतिभा किरण योजना प्रारम्भ की गयी है इससे अब तक ढाई हजार छात्राएं लाभान्वित हुई हैं। सामान्य वर्ग के कम आय वाले विद्यार्थियों के लिए विक्रमादित्य योजना प्रारम्भ की गयी है। युवा पीढ़ी अपनी योग्यता एवं प्रतिभा के अनुरूप केरियर चुन सके इसके लिए विवेकानंद केरियर योजना प्रारम्भ की गयी है।