मंगलवार, 16 जुलाई 2013

जलप्लावन: पलारी में बने तीन राहत शिविर

जलप्लावन: पलारी में बने तीन राहत शिविर

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। बीते तीन दिनों से हो रही तेज बारिश से पलारी एवं केवलारी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई। 15 जुलाई को सुबह से हुई अतिवृष्टि से पलारी के नजदीक से बहने वाली सागर व वैनगंगा नदी पुनः उफान पर आ गई, जिससे निचले इलाकों में जलप्लावन की स्थिति बन गई। अतिवृष्टि के कारण मण्डला-केवलारी-सिवनी मार्ग पर मुनगापार में पानी पुल के बहुत ऊपर से होकर जाने के कारण यातायात पुनः बाधित हुआ। पुल के दोनों ओर सुरक्षा गार्ड्स तैनात कर दिये गये हैं। यात्री गाड़ियों को ग्राम लोपा में ही रोक लिया गया है।
इस संबंध में कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि अतिवृष्टि से पलारी के निचले इलाकों में पानी भर जाने से प्रभावित 110 लोगों को फौरन ही यहांॅ कन्या माध्यमिक शाला, सामुदायिक भवन और ग्राम पंचायत भवन में बनाये गये तीन राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है।
यहां उनके रहने और भोजन-पानी की पूरी व्यवस्था की गई है। एस.डी.एम केवलारी, तहसीलदार केवलारी, जिलास्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी, नायब तहसीलदार सिवनी व अन्य राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचकर अपनी निगरानी में बाढ़ पीड़ितों के लिये सभी जरूरी व्यवस्थायें करा रहें हैं।
उन्होंने बताया कि केवलारी एवं पलारी में आई बाढ़ से करीब साढे़ तीन सौ लोग प्रभावित हुये हैं और करीब सौ हैक्टेयर रकबे में सोयाबीन की फसल नष्ट हुई है। कलेक्टर ने बताया कि मकान क्षति, फसल क्षति एवं अन्य सम्पत्ति की क्षति का मुआयना/सर्वे प्रारंभ कर दिया गया है और बाढ़ पीड़ितों/किसानों को यथा पात्रतानुसार समुचित मुआवजा दिलाया जायेगा। उन्हांेंने बताया कि राहत आयुक्त मध्यप्रदेश को बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलाने के लिये 30 लाख रूपये का मांग पत्र 15 जुलाई को ही भोपाल भेज दिया गया है।
राशि प्राप्त होते ही पात्र लोगों को मुआवजे का वितरण प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय का जिलास्तरीय और केवलारी का तहसीलस्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घण्टे कार्यरत है। अभी तक किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है। एस.डी.एम. केवलारी के.वी.सिंह ने बताया कि केवलारी तहसील में 15 जुलाई तक 650 मि.मी. बारिश हो चुकी है। गत वर्ष अबतक केवल 297 मि.मी. बारिश हुई थी। 15 जुलाई को प्रातः 2 घण्टे हुई 65 मि.मी. हुई बारिश से नदी-नाले पुनः उफान पर आ गयें हैं।

मण्डला-केवलारी-सिवनी मार्ग पर मुनगापार में पानी पुल के ऊपर से होकर बहने के कारण यातायात रोक लिया गया है। उन्होंने बताया कि यातायात देर रात तक खुलने की उम्मीद है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू टीम (राहत दल) पूरी सक्रियता से कार्यरत है और बाढ़ की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि क्षति के सर्वे उपरान्त बाढ़ पीड़ितों/किसानों को समुचित मुआवजा दिलाया जायेगा।

हाथ की भी गई, तवे की भी गई!

हाथ की भी गई, तवे की भी गई!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। गांधीवादी समाजसेवी अण्णा हजारे की 8 जुलाई की सिवनी यात्रा की चर्चाएं अब चटखारों में तब्दील हो गई हैं। इस यात्रा को लेकर अब हास्य का विषय यह बन गया है कि किसी भी नेता या अन्य के साथ अण्णा ने एक अदद फोटो तक नहीं खिचवाया।
सोशल नेटवर्किंग वेब साईट फेसबुक पर भी अपनी अपनी तारीफों में कशीदे गढ़ने वाले सिवनी जिले से चुनाव लड़ने की मंशा मन में पालने वाले लोगों की भी एक तस्वीर अण्णा के साथ इस कार्यक्रम के दौरान ना दिखना चर्चा का ही विषय बना हुआ है।
चर्चाओं के अनुसार अण्णा के स्वागत में पलक पांवड़े बिछाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने वाले साहेबान के हाथ भी कुछ नहीं लग सका है। लोग अब यह पता करने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर अण्णा की यात्रा के पूर्व सिवनी आए पूर्व विधायक सुनीलम से गलबहियां करने वालों को अण्णा ने सिरे से नकारकर अपने आप से दूर क्यों रखा?
अण्णा की यात्रा के माध्यम से जिला मुख्यालय सहित सिवनी जिले विशेषकर सिवनी विधानसभा में एक संदेश देने का विफल प्रयास करने वाले उक्त साहेबान के समर्थक भी यह नहीं पता कर पा रहे हैं कि आखिर अण्णा से उक्त साहेबान को दूर रखने की फील्डिंग किसने की और अण्णा के धूमा तक पहुंचने तक सब कुछ अंडर कंट्रोल होने के बाद अचानक बाजी कैसे पलट गई।

चर्चा तो यहां तक भी है कि अब उक्त साहेबान के समर्थक लोगों से यह कहते भी फिर रहे हैं कि यार लंबा पैसा पानी जैसा बह गया, और अण्णा ने हाथ तक रखने नहीं दिया। ‘‘भईया जी‘‘ के तो हाथ की भी गई तवे की भी गई।

राघवजी से बेहतर किस्मत रही कंचन डोंगरे की

राघवजी से बेहतर किस्मत रही कंचन डोंगरे की

कंचन डोंगरे को मिली सशर्त जमानत

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जनपद पंचायत सिवनी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे की किस्मत प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी से अच्छी कही जा सकती है। राघवजी को आधा दर्जन घोषित बीमारियां डेढ़ दशक से अधिक समय से हैं, पर माननीय न्यायालय द्वारा उन्हें जेल में ही इलाज करवाने की बात कही गई थी, वहीं सिवनी में जेल वारंट कटने के बाद कंचन डोंगरे को एक दिन अस्पताल में रात गुजारने का मौका मिल गया।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के वित्त मंत्री राघवजी को घोषित तौर पर बीपी, शुगर, माईग्रेन जैसी बीमारियां पिछले डेढ़ दशक से हैं। उन्हें खाना भी उबला ही दिया जाता है। सिवनी में पदस्थ रह चुके माननीय न्यायधीश संजीव कालगांवकर द्वारा दी व्यवस्था में कहा गया था कि उनका ईलाज जेल में ही हो सकता है।
वहीं, जनपद पंचायत सिवनी में विधायक विकासनिधि की राशि 9 लाख 40 हजार रूपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कंचन डोंगरे और लेखाधिकारी बालमुकुंद श्रीवास्तव को प्रथम अपरसत्र न्यायाधीश पी.के. तिवारी ने सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश किये हैं।
उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत सिवनी से २५ मार्च २०१३ को बालाजी स्टेशनर्स सिवनी के नाम पर एक चौक काटकर ९ लाख ४० हजार रूपये एक्सेस बैंक के माध्यम से निकाल लिये गये थे। इस संबंध में स्वयं मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन ड़ोगरे ने अपने अधिनस्थ तृतीय श्रेणी कर्मचारी नारायण प्रसाद डहेरिया के विरूद्ध ६ अप्रैल २०१३ को थाना सिवनी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें आरोपित था कि उक्त कर्मचारी ने अपने प्रभार में रहते हुये पूर्व में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सवीता काम्बले के कार्यकाल का एक चौक अवैध रूप से अपने आधिपत्य में रखकर धोखाधड़ी पूर्वक उक्त राशि का गबन किया है।
सिवनी पुलिस के द्वारा जांच के दौरान शिकायकर्ता वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे और लेखाधिकारी बालमुकुंद श्रीवास्तव को अभिरक्षा में लेकर इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया उनके विरूद्ध अपराध होना पाकर १३ जुलाई को गिरफ्तार कर १४ जुलाई को न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
न्यायिक मजिस्टेट ने क्षेत्राधिकार के अभाव में आरोपीगण का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया था, और आरोपीगण को न्यायिक अभिरक्षा में सर्किल जेल सिवनी भेजे जाने का आदेश किया था। उसी समय आरोपीगण के अधिवक्तागण ने एक आवेदन प्रस्तुत कर श्रीमती कंचन डोंगरे की सूर्यास्त के बाद गिरफ्तारी को अवैधानिक होना दर्शाते हुये कार्यवाही का अनुरोध किया था जिसपर न्यायालय द्वारा नगर निरीक्षक सिवनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर आज को न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे, इसके अलावा आरोपी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अधिवक्तागण के अनुरोध पर कंचन डोंगरे के चिकित्सीय परीक्षण के भी निर्देश दिये थे। इन निर्देशों के पालन में जिला चिकित्सालय में जांच के बाद दोनों आरोपीगण को उपचार के लिये भर्ती करा दिया गया था।
आज हुये घटनाक्रम में जिला अस्पताल से पुलिस ने दोनों आरोपीगण को चिकित्सक की रिपोर्ट के आधार पर डिस्चार्ज के बाद सर्किल जेल सिवनी पहुंचा दिया था। इस बहुचर्चित प्रकरण में आज आरोपीगण की ओर से जमानत हेतु आवेदन भी प्रस्तुत किये गये थे जिसमें आरोपीगण की अस्वस्थता और पदीय स्थिति के कारण शासकीय सेवा में होने वाले विपरीत प्रभाव से बचने के लिये आरोपीगण के अधिवक्तागण ने आज ही सुनवाई का अनुरोध किया था। सत्र न्यायाधीश ने आरोपीगण की ओर से किये गये इस अनुरोध को स्वीकार करते हुये प्रकरण आज ही सुनवाई में लेकर निराकरण हेतु प्रथम अपरसत्र न्यायाधीश को हस्तांतरित कर दिया था।

आरोपीगण की ओर से दस्तावेजी प्रमाणों सहित तर्क प्रस्तुत करते हुये आरोपीगण को झूठा फसाये जाने का आरोप लगाते हुये उन्हे सक्षम जमानत पर रिहा किये जाने का अनुरोध किया गया था। विद्वान प्रथम अपरसत्र न्यायाधीश ने अपर लोक अभियोजक और आरोपीगण के अधिवक्तागण सर्वश्री जकी अनवर खान, रविंद्र चौधरी, वीरेन्द्र शर्मा के तर्क सुनकर आरोपीगण को सशर्त जमानत की सुविधा देते हुये गबन की बड़ी राशि को देखते हुये शासकीय धन की सुरक्षा की दृष्टि से उनसे क्रमशरू ४ लाख ७० हजार रूपये प्रत्येक आरोपीगण द्वारा जिला पंचायत में सुरक्षानिधी के रूप में जमा करने की शर्त पर ५०-५० हजार रूपये की सक्षम जमानत एवं इतनी ही राशि के व्यक्तिगत मुचलके पर उन्हे रिहा करने के आदेश दिये हैं। इस बीच नगर निरीक्षक ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कारण बताओ नोटिस का उत्तर भी प्रस्तुत कर दिया है।

एचपीसीएल कर रहा नियम विरूद्ध काम

एचपीसीएल कर रहा नियम विरूद्ध काम

(नन्द किशोर / दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

भोपाल / सिवनी (साई)। हिन्द गजट में समाचार प्रकाशित होने के उपरांत एनएचएआई के सिवनी और नरसिंहपुर में तैनात परियोजना निदेशक और सहायक परियोजना निदेशकों द्वारा तो कोई कार्यवाही नहीं की गई पर भोपाल में बैठे चीफ जनरल मैनेजर श्री पाण्डे ने इस पर संज्ञान लेते हुए सरकारी संपत्ति पर लगे राय पेट्रोलियम के बोर्ड को हटवा दिया था, उसे एक बार फिर लगा दिया गया है।
परिस्थितियों को देखकर लग रहा है कि शराब व्यवसाई रहे और लखनादौन मस्जिद के सरपरस्त, लखनादौन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष एवं राय पेट्रोलियम के संचालक दिनेश राय उर्फ मुनमुन से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी भी भयाक्रांत नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि लखनादौन से सिवनी आते समय सड़क को भेदता एनएचएआई के बोर्ड के पीछे की ओर लगा एक बड़ा सा राय पेट्रोलियम का बोर्ड भी एनएचएआई के अधिकारियों को आते जाते अब तक नहीं दिख पाया है। यह बोर्ड कुछ दिन के लिए उतरवा दिया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनादौन से सिवनी मार्ग पर आने पर एनएचएआई के मार्ग पर किलोमीटर और आगे का मार्ग बताने वाले साईन बोर्ड के पीछे तरफ, राय पेट्रोलियम का एक बड़ा सा बोर्ड लगाया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह बोर्ड निश्चित तौर पर राय पेट्रोलियम की आय में बढोत्तरी की गरज से ही लगाया गया है।
इस संबंध में जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने एनएचएआई के परियोजना संचालक श्री सिंघई से उनके मोबाईल 9425426644 पर संपर्क किया तो उनका मोबाईल बंद ही मिला। जब इस बारे में एनएचएआई के अधिकारी दिलीप पुरी और नरसिंहपुर में पदस्थ महेंद्र वाणी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो दोनों ही ने अपना फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई।
वहीं मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन कंपनी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मित्रों में दरबार के नाम से मशहूर दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने मीनाक्षी के अनेक वेतनभोगी कर्मचारियों को साध रखा है संभवतः यही कारण है कि एनएचएआई के नियम कायदों को बलाए ताक रखकर यह काम किया गया हो।
इस संबंध में जब एनएचएआई के सीजीएम श्री शुक्ला से संपर्क किया गया तो समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि इसके पहले भी उनके संज्ञान में यह बात लाई गई थी। वे इसकी वास्तविकता का पता लगाकर अगर राय पेट्रोलियम द्वारा इस तरह से सरकारी संपत्ति पर अनाधिकृत तौर से विज्ञापन किया गया है तो उनके खिलाफ नोटिस जारी कर विधिवत वैधानिक कार्यवाही करेंगे।

बारिश में सावधानी जरूरी

बारिश में सावधानी जरूरी

(शरद खरे)

बारिश इन दिनों पूरे शवाब पर है। बारिश में पानी जिस तेज गति से गिर रहा है उससे जिला हाई अलर्ट पर माना जा सकता है। सिवनी में छोटे बड़े स्टापडेम भी बने हुए हैं। सिवनी में एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध संजय सरोवर परियोजनाः भी है। इस बांध में विशाल जल एकत्र होता है।
12 और 13 जुलाई को हुई जमकर बारिश में केवलारी और पलारी क्षेत्र में कहर बरपा दिया है। भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग द्वारा जारी की गई थी, जिसमें जबलपुर सहित पांच संभागों में बारिश होने की आशंका व्यक्त की गई थी। मौसम विभाग की भविष्यवाणी अक्षरशः सत्य ही साबित होती दिख रही है।
कुछ दिन पूर्व जिला कलेक्टर भरत यादव ने भी भीमगढ़ बांध का निरीक्षण किया था। भरत यादव का कहना था कि बारिश पूर्व यह निरीक्षण सामान्य निरीक्षण था, जिसमें बांध की व्यवस्थाएं, जरूरत पड़ने पर पानी की निकासी आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा था।
जिलाधिकारी भरत यादव की दूरंदेशी की तारीफ करना चाहिए। याद नहीं पड़ता भरत यादव के पूर्व पदस्थ रहे कलेक्टर्स ने कभी इस ओर ध्यान देकर बारिश के आगमन पर भीमगढ़ बांध जाकर उसका खुद निरीक्षण किया हो। भीमगढ़ बांध को अगर कुछ हुआ तो सिवनी जिले के केवलारी, बरघाट विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांव सहित बालाघाट और महाराष्ट्र के भंडारा आदि जिलों में जल प्लावन की स्थिति निर्मित हो जाएगी।
भीमगढ़ बांध, वैसे तो सिवनी से ही उद्गम होने वाली बैनगंगा नदी पर बनाया गया है। 14 जुलाई तक सिवनी में हुई भारी बारिश से केवलारी विधानसभा क्षेत्र में बैनगंगा, सागर सहित अनेक नदी नाले उफान पर हैं। वहीं, छपारा क्षेत्र में भी अनेक ग्रामों में पानी का जलस्तर खतरनाक के उपर पहुंच चुका है।
सिवनी जिले में बसाहट के क्षेत्रों में लोगों द्वारा अतिक्रमण कर मकान बना लिए हैं, जिससे पानी का रास्ता रूक गया है। संभवतः यही यही कारण है कि पानी सड़कों पर बेतरतीब बहता है। जब बारिश ज्यादा होती है तो यही बेतरतीब बहता पानी रौद्र रूप धारण कर लेता है और लोगों के लिए यह दुखदायी ही साबित होने लगता है। यही पानी लोगों के घरों में घुसकर तबाही मचाता है।
जिला मुख्यालय सिवनी में बारापत्थर के ज्यारत रोड इलाके में डॉ.सलिल त्रिवेदी के बाजू में स्थित हीरो हाण्डा की एजेंसी के पीछे वाले नाले को भी बेहद सकरा बना दिया गया है। यही कारण है कि एकता कालोनी के कुछ क्षेत्रों में बारिश में घरों में पानी भरने की शिकायतें आम हो जाती हैं।
जिला मुख्यालय में निचली बस्तियों के नदी नालों में भी पानी की निकासी के लिए बनी नालियों पर लोगों द्वारा पक्के अतिक्रमण कर लिए गए हैं। नेहरू रोड़, जीएन रोड़, बारापत्थर आदि क्षेत्रों में कमोबेश यही आलम रहता है। शहर की अधिकांश सड़कों पर पानी बहता रहता है जिससे राहगीर बुरी तरह परेशान होते हैं। बारापत्थर में बाहुबली चौराहे से पुराने आरटीओ को जाने वाली सड़क तो बारहों माह ही पानी से सराबोर रहा करती है, इस ओर ध्यान देना किसी ने मुनासिब नहीं समझा है।
हिन्दी महीने के हिसाब से अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है। सावन और भादों का कहर अभी बाकी है। सावन भादों की रिमझिम फुहारें और तेज बारिश कहर बरपाएगी इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बाढ़ की संभावित स्थिति को देखकर राज्य शासन द्वारा भी एडवाईजरी जारी की है।
पिछले दिनों की बारिश इस कदर जबर्दस्त थी कि केवलारी क्षेत्र में रेल की पातों की गिट्टी ही बह गई, जिससे सिवनी से केवलारी का रेल संपर्क भी टूट गया। बारिश की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पानी के वेग को कोई रोक नहीं सकता है इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
अभी बारिश पूरे शबाब पर नहीं आई है। बारिश का असली रूप तो सावन भादों में देखने को मिलता है। भीमगढ़ बांध भी लबालब होने की स्थिति में दिख रहा है। इसका पानी छोड़े जाने पर केवलारी, बरघाट विधानसभा के अनेक गांवों में कोहराम मच सकता है। बालाघाट जिले में तबाही मच सकती है।
इसलिए प्रशासन को बारिश के पूर्व ही माकूल कदम उठाने होंगे। जिले के सरकारी नुमाईंदों को बारिश में हर तरह से सतर्क और मुस्तैद रहने के निर्देश देने ही काफी नहीं होंगे। जरूरी यह है कि वे जिलाधिकारी के इन निर्देशों को कितनी संजीदगी से ले रहे हैं इस बात का भी विशेष ख्याल रखा जाए।

अनेक स्थानों पर लोग विशेषकर स्कूली बच्चे रपटों या पुलों से पैदल अथवा साईकल से खतरनाक तरीके से पुल को पार करते हैं, उन पर भी नजर रखी जाए। बारिश में मछली मारने के शौकीन भी ठहरे या बहते पानी में जान को जोखिम में डालते हैं। मौसम सुहाना होता है अतः लोग सोमरस का रस्वादन कर ईश्वर की अनुपम देन बारिश का नजारा लेने निकलते हैं, और अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। इन बातों का ध्यान भी प्रशासन को ही रखना होगा।