महाराष्ट्र की तर्ज पर एमपी में भी बन सकती है सड़क!
(राजेश स्थापक)
सिवनी (साई)। सिवनी जिले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा जर्जर सड़क के एवज में टोल वसूली की जा रही है, जबकि समीपस्थ महाराष्ट्र प्रदेश में कोर्ट की फटकार के बाद एनएचएआई द्वारा 28 मार्च तक मनसर से खवासा तक की सड़क को पूरा करने की बात कही गई है।
समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया के नागपुर ब्यूरो से आशीष कौशल ने बताया कि एनएचएआई द्वारा जर्जर सड़क पर टोल वसूली के मामले में हाई कोर्ट की फटकार के बाद एनएचएआई ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर मनसर से खवासा तक के महाराष्ट्र प्रदेश के हिस्से को 28 मार्च तक चुस्त दुरूस्त करने की बात कही है।
उच्च न्यायालय की नागपुर खण्डपीठ में जस्टिस भूषण गवई और जस्टिस सी.वी.भडंग की युगल पीठ ने इस मामले की सुनवाई 02 अप्रैल तक स्थगित कर दी है। गौरतलब होगा कि पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने नागपुर-चंद्रपुर और नागपुर-अमरावती एनएच की दुर्दशा पर भी संज्ञान लेते हुए एनएचएआई को शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
05 मार्च को हुई सुनवाई में युगल पीठ ने इस मामले में दो सप्ताह के अंदर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। इसमें कोर्ट को यह भी बताया गया है कि इसके लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। बताया जाता है कि कोर्ट द्वारा यह भी कहा गया था कि खराब सड़कों के बाद भी टोल वसूली से जनता में आक्रोश भड़कता है।
इस समय एनएचएआई द्वारा नीतियों का हवाला देते हुए यह भी कहा गया था कि सड़कों के लिए ही टोल वसूली की जा रही है। एनएचएआई की दलील थी कि सड़कें अगर अच्छी होंगी तो लोगों को कम समय में दूरी तय करने में सुविधाओं के साथ ही साथ वाहनों का रखरखाव और ईंधन की मद में भी कम व्यय होगा। बताया जाता है कि इस पर अदालत का मानना था कि अगर टोल के रूप में भारी भरकम राशि वसूली जा रही है तो जनता को पूरी सुविधाएं भी मिलना चाहिए।
दिनेश की दिल्ली यात्रा से मिली थी सफलता
अगर महाराष्ट्र में सड़क को समय सीमा में बांधकर बनाया जा सकता है तो फिर सिवनी में इसमें बाधाएं समझ से परे ही हैं। गौरतलब है कि गत दिवस सिवनी विधायक दिनेश राय स्वयं दिल्ली गए थे और उन्होंने भूतल परिवहन मंत्री से मिलकर इसकी बाधाएं हटाने की बात भी कही थी। इसके बाद विधायक के मीडिया प्रभारी के हवाले से यह विज्ञप्ति भी जारी की गई थी कि छपारा बंजारी के पास की बाधांए हट गई हैं और इस आशय का पत्र भी जारी हो चुका है। अब अगर यह सब कुछ हो चुका है तो सड़क के निर्माण में अब शायद ही कोई बाधा बची हो।