असम मामले में
पुलिस के हत्थे चढ़े एक दर्जन आरोपी
(जाकिया तस्मिन
रहमान)
गुवाहाटी (साई)।
असम पुलिस ने एक लड़की के साथ दुर्व्यव्हार के मामले में कल पांच और गिरफ्तारियां
की। इसके साथ ही सोमवार की इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार होने वालों की संख्या
बढ़कर १२ हो गई है। हालांकि मुख्य आरोपी अब तक फरार है। पुलिस ने उसे पकड़ने के
प्रयास तेज कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री तरूण
गोगोई के आवास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पीड़िता ने कल
असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई से उनके सरकारी आवास पर भेंट की। मुख्यमंत्री ने
पीड़ित लड़की को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। गोगोई ने ये भी कहा कि घटना से जुड़े
सभी आरोपियों को जल्दी पकड़ा जाएगा।
बताया जाता है कि
घटना की शिकार लड़की एक ब्यूटीपार्लर खोलना चाहती है। असम सरकार ने इसलिए शुरू में
पचास हजार रुपये देने की बात कही। अतिरिक्त मुख्य सचिव अमीली चौधरी ने मुख्यमंत्री
के आदेश पर इस घटना की जांच शुरू कर दी है और १५ दिन के भीतर वो अपना रिपोर्ट
सौपेंगे। गोगोई ने साथ में ये भी कहा कि जरूरत पड़ने पर घटना की जांच सीआईडी को
सौंप दिया जाएगा।
उधर, गुवाहाटी में एक
लड़की से सरेआम छेड़छाड़ मामले की जांच करने गई राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम से सदस्य
रहीं अल्का लांबा को उनके एक विवादास्पद बयान के बाद पद से हटा दिया गया है। लांबा
पर आरोप है कि उन्होंने मीडिया के सामने उक्त बाला की पहचान उजागर की थी। नियम के
मुताबिक अलका लांबा को भी लड़की की पहचान के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं
कहना चाहिए था लेकिन गैर ज़िम्मेदाराना तरीके से उन्होंने मीडिया के सामने लड़की का
नाम और पहचान बता दिया।
चौदह तारीख को
महिला आयोग की जांच टीम गुवाहाटी पहुंची थी अलका और उनकी टीम ने स्थानीय
अधिकारियों से मुलाकात की और बाद में मीडिया को जब इस बात की जानकारी देने के लिए
बैठी तो उनको ख्याल ही नहीं रहा कि वो क्या बोल रही हैं। अगर एक बार मुंह ने नाम
निकलता तो समझ में आता है कि गलती से निकल गया होगा, लेकिन अलका ने पत्र
वार्ता में कई बार पीड़ित लड़की के नाम का जिक्र किया। बीजेपी लीडर स्मृति ईरानी ने
आरोप लगाया था कि नाम का खुलासा करके अलका ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का
उल्लंघन किया है। उधर, गुवाहाटी के शहर एसएसपी अपूर्व जीवन बरुआ का ट्रांसफर कर दिया
गया है।
नौ जुलाई की रात को
गुवाहाटी में लड़की से छेड़छाड़ की घटना हुई थी। पुलिस इस मामले में कई आरोपियों को
गिरफ्तार कर चुकी हैं। महिला आयोग की टीम गुवाहाटी घटना की जांच के लिए पहुंची थी
लेकिन अलका लंबा ने जिस गैर ज़िम्मेदाराना तरीके से जांच की है उससे उनकी काबिलियत
सवालों के घेरे में है।
इस बीच समचार
एजेंसी ऑफ, इंडिया को
सूत्रों से पतासाजी पर ज्ञात हुआ है कि नाबालिग को सरेआम बेइज्जत करने की घटना का
मुख्य आरोपी भुवनेश्वर में है। साई समाचार की इस बात पर खुद असम के मुख्यमंत्री
तरुण गोगोई ने मोहर लगाई है। सोमवार को असम विधानसभा के बाहर गोगोई ने पत्रकारों
से कहा कि मुख्य आरोपी अमरज्योति कालिता के मोबाइल फोन की ट्रैकिंग से उसके
भुवनेश्वर में मौजूद होने का पता चला है। उसे पकडऩे की कोशिशें जारी हैं। हमारी
पुलिस ओडिशा पुलिस से संपर्क में है और जल्द उसके पकड़े जाने की उम्मीद है।
पुलिस ने कालिता को
पकड़वाने वाले को एक लाख रुपये की नकद मदद का ऐलान किया है। बाकी फरार आरोपियों की
तलाश में भी असम और पड़ोसी राज्यों में सर्च ऑपरेशन हो रहा है। अब तक सात लोग
गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 9 को पकड़ा जाना है।
गोगोई ने आरोप
लगाया कि जिस टीवी चौनल के रिपोर्टर ने टीनएजर पर हमले का विडियो बनाया उसका रोल
अनैतिक था। घटना का विडियो बनाना उसकी पत्रकारीय जिम्मेदारी थी पर पुलिस को बुलाने
की उसकी सामाजिक जिम्मेदारी भी बनती थी। मीडिया हर मौके पर सरकार और पुलिस को
ब्लेम करता है मगर पत्रकारों की भी समाज के प्रति जिम्मेदारी बनती है। गोगोई ने
कहा कि मैं खुद भी पीड़ित लड़की से मिलकर उसे मदद का भरोसा देना चाहता हूं। उधर, असम पुलिस के
सूत्रों के मुताबिक,
विडियो बनाने वाले पत्रकार और कैमरापर्सन से भी पूछताछ की
जाएगी। इस बारे में राज्य सरकार ने केंद्र को भी बता दिया है।
प्रतिबंधित
उग्रवादी संगठन अल्फा के वार्ता विरोधी धड़े ने सोमवार को लोगों से अपील की कि वे
गुवाहाटी की घटना का विरोध जारी रखें। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। मुट्ठी भर
लोगों ने, जिन्हें
इंसान कहलाने का भी हक नहीं, असम की जनता का सिर दुनिया के सामने शर्म से
झुका दिया है।
इस सवाल पर कि
मामले की जांच कर रही महिला आयोग की टीम से वह क्यों नहीं मिले, गोगोई ने कहा कि यह
उनकी जिम्मेदारी थी कि वह सीएम से मिलें। मैं मिलने को तैयार था। राज्य में क्राइम
की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए मैंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से
डेटा मांगा है और उसके मुताबिक ही कार्रवाई की जाएगी। उधर, इस मसले पर
विधानसभा में भी हंगामा हुआ। अध्यक्ष की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव को नामंजूर किए
जाने के बाद एआईयूडीएफ, असम गण परिषद और बीजेपी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
एक 82 साल के
बुजुर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गुवाहाटी में छेड़छाड़ की शिकार लड़की
को मुआवजा दिए जाने की गुहार लगाई है। मध्य प्रदेश के रहने वाले याचिकाकर्ता ने
अर्जी में कहा है कि लड़की को 27 लाख रुपये मुआवजा दिलवाया जाए। इस मामले में असम
सरकार पर सवाल उठाया गया और कहा गया कि सरकार संविधान के तहत काम करने में नाकाम
रही है।
इसके साथ ही साथ
समाचार एजेंसी, ऑफ इंडिया
की सेंट्रल न्यूज डेस्क से मणिका सोनल ने नई दिल्ली से बताया कि गत दिनों गुवाहाटी
में एक किशोरी से छेड़छाड़ करने और उसके कपड़े फाड़ने का मामला सोमवार को सर्वाेच्च
न्यायालय पहुंच गया। एक याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में सर्वाेच्च न्यायालय से कहा
कि वह केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह राष्ट्रपति को असम सरकार बर्खास्त करने की
सलाह दें। याचिकाकर्ता सत्यपाल आनंद ने कहा कि असम में तरुण गोगोई की सरकार कानून
का राज कायम रखने में विफल रही है। उन्होंने साथ ही पीड़ित युवती के लिए मुआवजे की
भी मांग की।
याचिकाकर्ता ने कहा
कि असम सरकार संविधान में प्रदत्त प्रावधानों के अनुसार काम करने में विफल रही है।
याचिकाकर्ता के मुताबिक यह सीधे तौर पर मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का मामला है।
आनंद ने अपनी याचिका में यह भी अपील की है कि दोषियों और दोषी पाए गए अधिकारियों
से मुआवजे की रकम वसूली जाए।
एक अन्य मामले में
न्यायमूर्ति डी.के. जैन और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की पीठ ने मध्य प्रदेश सरकार
को नोटिस जारी किया। यह याचिका भी आनंद की ही थी। आनंद ने अपनी इस याचिका में
इंदौर जिले के बेतमा शहर में दो स्कूली छात्राओं के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के
मामले में पीड़ित लड़कियों को 7.5 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दिए जाने की मांग की
थी। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पीड़ित छात्राओं को मुआवजा देने संबंधी याचिका
खरिज कर दी थी।