आईएमएफ ने आर्थिक
वृद्धि दर घटाई
(प्रियंका
श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, आईएमएफ ने दुनिया में बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए २०१२
के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को शून्य दशमलव ७ प्रतिशत घटाकर ६
दशमलव एक प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने किसी देश की वृद्धि दर के अनुमान में यह
सबसे बड़ी कटौती की है।
आईएमएफ ने विश्व के
आर्थिक परिदृश्य की नई रिपोर्ट में २०१३ के लिए भी भारत की वृद्धि दर के अनुमान को
इसी अंतर से घटाकर ६ दशमलव ५ प्रतिशत कर दिया है।मुद्राकोष ने २०१२ के लिए वैश्विक
वृद्धि दर का अनुमान ३ दशमलव ६ से घटाकर ३ दशमलव ५ प्रतिशत कर दिया है।
इंटरनैशनल मॉनिटरी
फंड (आईएमएफ) ने सोमवार को कैलेंडर वर्ष 2012 के लिए भारत की ग्रोथ के अनुमान को
घटा दिया। उसने कहा कि कमजोर डोमेस्टिक डिमांड और विदेश में मुश्किल हालात के चलते
ऐसा किया गया। आईएमएफ ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू घटने और बड़े
फिस्कल डेफिसिट के चलते भारत की फाइनैंशल स्टेबिलिटी को लेकर चिंता बढ़ गई है।
आईएमएफ ने अपने
वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) में ग्लोबल इकॉनमी को बढ़ते रिस्क और चीन में
अचानक ग्रोथ कम हो जाने को लेकर आगाह किया। समाचार एजेंसी, आफ इंडिया को मिली
जानकारी के अनुसार फंड ने दो अन्य रिपोर्ट्स ‘ग्लोबल फाइनैंशल
स्टैबिलिटी‘ और फिस्कल
मॉनिटर भी जारी की। फंड को 2012 में भारतीय इकॉनमी की ग्रोथ सिर्फ 6.1 फीसदी रहने
की उम्मीद है। इससे पहले अप्रैल में उसने 6.8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था।
इसके अलावा, उसे 2013
में खास रिकवरी की उम्मीद भी नहीं है।
आईएमएफ ने 2013 में
सिर्फ 6.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है, जो पहले के 7.2 फीसदी के अनुमान से कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है, कि कई उभरते बाजार खासकर ब्राजील, चीन और भारत में भी
ग्रोथ मोमेंटम कम हुआ है। यह आंशिक रूप से विदेश में कमजोर हालात का संकेत देता है, लेकिन पिछले एक साल
में पॉलिसी में सख्ती और क्षमता विस्तार में बाधा के चलते भी डोमेस्टिक डिमांड
सुस्त हुई है।
कई प्राइवेट
इकनॉमिस्ट्स ने फाइनैंशल ईयर 2012-13 में ग्रोथ के अनुमान को पहले ही घटाकर करीब 6
फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने 2012 में ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान को 0.1 फीसदी घटाकर
3.5 फीसदी कर दिया है। उसे 2013 में ग्रोथ बढ़कर 3.9 फीसदी रहने की उम्मीद है। यह
भी उसके पहले के अनुमान से कम है। वर्ल्ड इकॉनमी के मिड-ईयर एसेसमेंट में कहा गया
है, कि गिरावट
का काफी ज्यादा जोखिम बना हुआ है।
रिपोर्ट में चीन
में ग्रोथ अचानक घटने को लेकर आगाह किया गया है। इसमें कहा गया है कि चीन में कई
सेक्टरों में ओवरकैपेसिटी को देखते हुए इनवेस्टमेंट स्पेंडिंग में और तेज गिरावट आ
सकती है। उसने कैलेंडर वर्ष 2012 में चीन की ग्रोथ 8 फीसदी रहने की उम्मीद जताई
है। डब्ल्यूईओ में सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से पॉलिसी फ्रंट पर तुरंत कदम उठाने और
यूरो क्राइसिस के जल्द समाधान की जरूरत बताई गई है। आईएमएफ ने कहा है कि अमेरिका
को टैक्स में कटौती जारी रखने की जरूरत पड़ सकती है। उसने कहा कि ऐसा नहीं होने पर
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अगले साल ग्रोथ रुकने का रिस्क है।
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