शनिवार, 17 नवंबर 2012

दिखने लगा कमल नाथ का जादू


फेरबदल से क्या अलीबाबा . . . . 7

दिखने लगा कमल नाथ का जादू

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के उद्योगपति सांसद और केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के प्रबंधन कौशल का हर कोई मुरीद है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी रहे हों या प्रियदर्शनी श्रीमति इंदिरा गांधी, हर किसी ने कमल नाथ के प्रबंधन कौशल की जमकर तारीफ की है। सरकार चाहे भाजपा की हो, कांग्रेस की या किसी अन्य दल की, कमल नाथ अपने संसदीय क्षेत्र मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के लिए हर बार कुछ ना कुछ सौगात लेकर ही जाते रहे हैं।
प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के विरोध वाले वीटो के बावजूद भी मनमोहन सिंह ने केंद्रीय शहरी विकासा मंत्री कमल नाथ को कमजोर ना करते हुए शहरी विकास मंत्रालय के साथ ही साथ संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय साथ में सौंपा है। सूत्रों ने बताया कि मनमोहन सिंह को उम्मीद है कि कमल नाथ के प्रबंधन कौशल के चलते भाजपा द्वारा केद्र सरकार का मुखर विरोध नहीं किया जा सकेगा।
पीएमओ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कमल नाथ की इस सफलता पर बेहद प्रसन्न नजर आ रहे हैं कि अभी सत्र आरंभ भी नहीं हुआ है और विपक्षी दलों द्वारा कमल नाथ के जयकारे लगाकर मंगल गान आरंभ कर दिया गया है। नवनियुक्ति संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने अपनी सफलता को पुरजोर तरीके से साबित कर दिया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज जो कि पूर्व संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल को पानी पी पी कर कोसती थीं अब कमल नाथ की लगभग आरती उतारती नजर आ रही हैं। सुषमा स्वराज को कमल नाथ की प्रशंसा करते यह कहते भी सुना जा रहा है कि जब कमल नाथ भूतल परिवहन मंत्री थे, तब कमल नाथ द्वारा राज्य से संबंधित मामलों और परियोजनाओं में सभी को साथ लेकर चलने का प्रयास किया गया था।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने ही कमल नाथ के भूतल परिवहन मंत्री रहते हुए उनका घोर विरोध किया था। भाजपा संगठन को कमर कसने की हिदायत देकर सूबे के भाजपाई निजाम प्रभात झा द्वारा दो बार कमल नाथ को घेरा गया और दो बार उन्होंने एनएच पर पड़ने वाले गांवों में कभी मानव श्रंखला तो कभी हस्ताक्षर अभियान की तिथि भी निश्चित की। एमपी भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इन दोनों ही बार कमल नाथ का विरोध फीका पड़ने का कारण भी कमल नाथ का प्रबंधन कौशल ही था।
भारतीय जनता पार्टी की शीर्ष नेता को अपने पक्ष में करने के साथ ही साथ कमल नाथ द्वारा यूपी की बसपा क्षत्रप मायावती को भी शीर्षासन करने पर मजबूर किया हुआ है। वहीं वामदलों में कमल नाथ की गहरी पैठ होने के साथ ही साथ पश्चिम बंगाल में परचम फहराने वाली त्रणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ भी कमल नाथ के मधुर संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। त्रणमूल कोटे से मंत्री रहे एक सांसद तो कमल नाथ के साथ उनके संसदीय क्षेत्र की सैर भी कर चुके हैं।
पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ की सभी राजनैतिक दलों में स्वीकार्यता और मान सम्मान, भाजपा शासित राज्यों में प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर सहयोग के चलते एक के बाद एक चुनाव जीतने की वजह से ही कमल नाथ को संसदीय कार्यमंत्री की महत्वपूर्ण आसनी सौंपी गई है। अपनी जवाबदेही का संधारण करने के बाद कमल नाथ ने सत्र के पहले ही सरकार के पक्ष में काफी हद तक माहौल बना ही दिया है।

थापर के विरोध से क्यों डरती है कांग्रेस?: याहया कुरैशी


थापर के विरोध से क्यों डरती है कांग्रेस?: याहया कुरैशी

सिवनी में मौन बाहर के मामलों में शेर हैं कांग्रेस भाजपा प्रवक्ता!

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में बरही में वेलस्पन पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के मसले पर सुलग रही आग में हाथ सेंकने की गरज से कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल आगे आते दिख रहे हैं, पर जब मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में देश के मशहूर उद्योगपति गौैतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा स्थापित किए जाने वाले प्लांट में आदिवासियों को छलने का आता है तो कांग्रेस अपना मुंह सिल लेती है।
उक्ताशय की बात समाजवादी पार्टी के महा सचिव सीनियर अड्व्होकेट याहया आरिफ कुरैशी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही गई है। श्री कुरैशी ने आगे कहा कि वाकई बरही में जो कुछ हुआ वह शर्मनाक और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर एक बदनुमा दाग है। इसके पहले भी कांग्रेस के राज में मुलताई गोली काण्ड को अभी लोग भुला नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि पावर प्लांट को जमीन नहीं देने की मांग पर डटे आंदोलनकारी अभी भी अनशन मुकाम पर दिखाई दे रहे हैं। जिनकी जमीनें प्लांट द्वारा अधिग्रहीत की जा रही हैं, वे किसान आज भी कथित चिता पर बैठकर अनशन जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी मांगों के अलावा अब वे गिरफ्तार आंदोलनकारियों की बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं। जो सर्वथा उचित ही है।
श्री कुरैशी ने कहा कि इस मामले में सियासी रोटी सेंकने की गरज से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी वहां पहुंच गए हैं। समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव ने अजय सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके संज्ञान में इस बात को लाया गया है कि सिवनी जिले के घंसौर में डलने वाले गौतम थापर के पावर प्लांट में आदिवासियों के साथ हुए छल, पर्यावरण को नुकसान, रिजर्व फारेस्ट में नियम विरूद्ध प्लांट की संस्थापना आदि मामलों के दस्तावेज अजय सिंह ने स्वयं सिवनी से बुलवाए थे।
श्री कुरैशी ने आगे कहा कि उनके संज्ञान में इस बात को भी लाया गया है कि नेता प्रतिपक्ष ने आदिवासी हितों से जुड़े इस मसले को विधानसभा में उठाने का वायदा भी किया था, किन्तु विधानसभा के कई सत्र बीतने के बाद भी उन्होंने इस बात को नहीं उठाया। वहीं दूसरी ओर सिवनी जिले के इकलौते कांग्रेस के विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह भी इस मामले में मौन साधे हुए हैं। सभी के मौन को देखकर एसा प्रतीत हो रहा है मानो गौतम थापर की ‘माया‘ ने सभी को साध लिया है और आदिवासियों के हितों की बातें इन नेताओं के भाषणों में ही बची हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता जेपीएस तिवारी द्वारा ‘किसानों की लाशों पर हो रहा औद्योगीकरण‘ शीर्षक से जारी विज्ञप्ति का उल्लेख करते हुए याहया आरिफ कुरैशी ने प्रतिप्रश्न किया कि कांग्रेस की जिला स्तर की ये बड़बोली तोपें आखिर सिवनी जिले के घंसौर में लग रहे गौतम थापर के पावर प्लांट पर खामोश क्यों रह जाती हैं? पिछले दिनों एक मजदूर की उंची चिमनी निर्माण में हुई मौत पर भी कांग्रेस के भोंपू शांत रहे। कहते हैं अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा मजदूरों की बली ले चुकी है पावर प्लांट की निर्माणाधीन चिमनी।
समाजवादी पार्टी के महासचिव श्री कुरैशी ने कहा कि सिवनी में बैठकर भोपाल और दिल्ली वालों को कोसना बहुत ही आसान होता है। जब सिवनी में भाजपा जिला स्तर पर गड़बड़ी करती है तब कांग्रेस और जब कांग्रेस जिला स्तर पर घालमेल करती है तब भाजपा के प्रवक्ता अपनी कलम बंद रखकर मौन साधे रहते हैं। जब बात मध्य प्रदेश या केंद्र सरकार को कोसने की आती है तब जिला स्तर के भोंपू जोरदार तरीके से बजने लगते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करने के लिए दोनों ही दलों के प्रदेश और नेशनल लेबल के प्रवक्ता हैं। चूंकि सभी के एक दूसरे से हित सधे हैं इसलिए कोई भी प्रवक्ता स्थानीय स्तर के विपक्षी दल के नेता की गलत बातों का विरोध करने से बचता ही है, जो निंदनीय है।
श्री कुरैशी ने कहा कि सिवनी के घंसौर और कटनी के बरही के मामले में कांग्रेस भाजपा की भूमिका से साफ हो गया है कि कांग्रेस और भाजपा आखिर किसानों, आदिवासियों और आम आदमी का कितना हित साध रही है।

आखिर चाहती क्या हैं देश की पहली महिला महामहिम!


आखिर चाहती क्या हैं देश की पहली महिला महामहिम!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भले ही देश की पहली महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का कार्यकाल बिना किसी चर्चा के गुजर गया हो पर जब उनकी सेवानिवृति की डुगडुगी बज उसके बाद से वे चर्चाओं का केंद्र बन गईं। कभी बीस लारी सामान अपने साथ ले जाने की बात आई तो कभी विदेश दौरों पर देश की जनता के धन के अपव्यय का मामला, तो कभी पुणे में उनके आवास का मसला। अब प्रतिभा देवी को एक बड़ा आशियाना चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल रिटायरमेंट के बाद दो हजार वर्ग फीट में बनने वाले बंगले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सरकार से कहा है कि उनके लिए यह बंगला छोटा रहेगा, इसलिए उन्हें इससे डबल से भी ज्यादा यानी लगभग साढ़े चार हजार वर्ग फीट के साइज के बंगले की जरूरत है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने इसकी वजह यह बताई है कि उनके परिवार के सदस्यों की संख्या ज्यादा है। इस वक्त उनके साथ उनके पति देवी सिंह पाटिल के अलावा बेटा और बहू व बेटी और दामाद भी रहते हैं। छोटे बंगले में उनका परिवार नहीं रह पाएगा। गृह मंत्रालय ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है और शहरी विकास मंत्रालय से इस दिशा में कदम उठाने के लिए कहा है।
वहीं शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जब बहू बेटा बड़े और बालिग और अपने पैरों पर खड़े हैं तो उन्हें अपने हिसाब से निजी तौर पर बंग्ला बनाकर अपने माता पिता को रखना चाहिए। यह तो देश की जनता के पैसों का खासा अपव्यय है कि देश की पहली महिला महामहिम राष्ट्रपति अपने साथ ही साथ अपने बालिग और खुद कमाने वाले बेटों के लिए भी सरकारी खर्च पर रहने की व्यवस्थाएं जुटाएं।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति के लिए जिस बंगले की बात की जा रही है, वह महाराष्ट्र के पुणे में बनाया जाना है। पुणे में उनके लिए बनने वाले बंगले को लेकर पहले भी विवाद शुरू हो गया था जिसकी वजह से शहरी विकास मंत्रालय को उस जगह को छोड़कर उनके बंगले के लिए नई जगह खोजनी पड़ी। बाद में महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग के एक बंगले का चयन किया गया और तय किया गया कि इस बंगले को पूर्व राष्ट्रपति के लिए तैयार किया जाए। यह बंगला दो हजार वर्ग फीट का है, लेकिन उनका कहना है कि इसका एरिया ढाई हजार वर्ग फीट और बढ़ाया जाए। इसी मसले को लेकर पिछले कई दिनों से शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय माथापच्ची कर रहे थे और अब अंततः गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दिखाई है।
सूत्रों ने आगे बताया कि चूंकि पुणे का यह बंगला अभी तैयार नहीं है, इसलिए फिलहाल प्रतिभा पाटिल दिल्ली में ही एक टाइप 8 के बंगले में रह रही हैं। राष्ट्रपति पेंशन नियम 1962 के तहत राष्ट्रपति को रिटायरमेंट के बाद कैबिनेट मंत्री के दर्जे के बराबर का टाइप 8 का बंगला दिए जाने का प्रावधान है। पूर्व राष्ट्रपति को यह छूट होती है कि वह देश में किसी भी जगह जाकर इस तरह का बंगला लेकर रह सकता है। दिल्ली में टाइप 8 के ज्यादातर बंगले लुटियंस जोन में ही हैं और इनका एरिया एक एकड़ से लेकर छह एकड़ तक है और एरिया ढाई हजार से लेकर 10 हजार वर्ग फीट का होता है।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिस बंगले का पहले चयन किया गया था, वह महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग से लेकर तैयार किया जा रहा है और अब इस मामले में देखा जाएगा कि क्या उसी बंगले का विस्तार किया जा सकता है या फिर उसके लिए अलग से व्यवस्था करनी होगी। सीपीडब्ल्यूडी के सूत्रों का कहना है कि अभी पुणे के इस बंगले का काम शुरू नहीं हुआ है और इसे पूरा करने में छह महीने लग सकते हैं।

मेरी छवि सुधारने वाले-पहले अपनी छवि सुधारे?-शिवराज


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 13

मेरी छवि सुधारने वाले-पहले अपनी छवि सुधारे?-शिवराज

भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री ने साफतौर पर अधिकारियो को चेतावनी देते हुए कहा कि विभाग मेरी छवि से पहले अपनी छवि सुधारे। गौरतलब है कि जनसंपर्क विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर बातें मुख्यमंत्री तक समय समय पर पहुँचती रही है। किन्तु इन सबमें असहाय दिखने वाले मुख्यमंत्री ने गुस्से में मीटिंग में मौजूद चपरासी को भी नहीं बक्शा? 
मीडिया और मुख्यमंत्री की चाहत?
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में भ्रस्ताचार चरम पर है ऐसे में अधिकारीयों का कहना है कि जनसंपर्क विभाग क्या कर सकता है? सरकार का सच सामने लाना मीडिया की जिम्मेदारी है और मीडिया अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है। सरकार की बदनामी की वजह भी सरकार, मंत्रियों के कार्यकलाप ही है। ऐसे में जनसंपर्क विभाग का क्या दोष है?यह तर्क हैं दबी जबान में अधिकारीयों के . आज तक मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में एक भी अधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया से मुखातिब नहीं हुए है? मीडिया से सीधे संवाद न होना भी इसका एक कारण हो सकता है? किन्तु मुख्यमंत्री की चाहत है की सरकार जो चाहे, मीडिया वही छापे?
बेवसाइट और फीचर एजेन्सी पर रोक?
नयी जनसंपर्क नीति बनाकर चुनाव समय में वाहवाही लूटने का प्रयास करने वाले मुख्यमंत्री ने अपनी जनसंपर्क नीति पर स्वयं ही सवाल खड़े कर दिए है? जहाँ एक ओर भारत सरकार के विभाग वेब जर्नलिस्म को मान्यता दी हैं वहीँ मध्यप्रदेश में बेवसाइट और फीचर एजेन्सी के कार्यों में रोक लगाना क्या मुख्यमंत्री की हताशा का परिणाम है? गौरतलब है कि सरकार के भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामले समय समय पर विभिन्न समाचार बेवसाइट ने ही उजागर किये है। और कई मीडिया मामलों का पर्दाफाश भी किया है। ऐसे में एक तथाकथित पत्रकारों की गेंग के वशीभूत शिव राज ने सारा गुस्सा वेबसाइट व फीचर एजेंसी की सेवाए बंद कर शांत किया। 
बड़ा सवाल - क्या शिवराज का मीडिया तंत्र लडखडाया?
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार कुनबे में रमेश शर्मा, महेश श्रीवास्तव, गिरिजाशंकर जैसे वरिष्ठ पत्रकारों का साथ है और दिल्ली का मीडिया प्रबंधन नरसिम्हन के हाथों है। ऐसे में सरकार व मुख्यमंत्री की मीडिया में छवि विपरीत क्यूँ? मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकारों के बारे में मीडिया जगत में ओपिनियन किसी से छिपी नहीं है। गिरिजाशंकर पूर्व में कांग्रेस शासन काल में दिग्विजय सिंह व अजित जोगी व छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह के भी मीडिया सलाहकार रह चुके है। सूत्रों की माने तो मीडिया सलाहकारों मे से कोई भी व्यक्ति संघ विचारधारा के समीप नहीं है। भारत का सबसे तेजी से बढ़ता अखबार भी समय समय पर सरकार को आईना दिखता है। दिल्ली में भी लगातार म. प्र. के कुपोषण व मिड डे मिल की विपरीत रिपोर्ट से सरकार की छवि को लेकर मुख्यमंत्री परेशान है, ढीली प्रशासनिक पकड़ व मीडिया में सरकार का विपरीत प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री को तंग किये रहता है। मुख्यमंत्री का मीडिया से सीधा संवाद न होना भी उनकी साख पर बट्टा लगाता है ? ऐसे में बढ़ा सवाल है क्या मीडिया में मुख्यमंत्री को चाहने वाला कोई नहीं? 

चालू योजना का आज फिर शुभारंभ हुआ सीएम के हाथों


चालू योजना का आज फिर शुभारंभ हुआ सीएम के हाथों

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। निजी स्तर पर चाहे किसी भी कंपनी की ब्रांडेड दवाएं लिखी जाएं पर सरकारी अस्पताल में तो जेनरिक दवाएं ही लिखना जरूरी हो गयाहै। मुख्यमंत्री द्वारा आज जबलपुर में जिस योजना का श्रीगणेश किया जा रहा है उस योजना को 7 नवंबर को दमोह में पहले ही आरंभ किया जा चुका है। जहां राज्य सरकार द्वारा निशुल्क दवा वितरण की योजना का आरंभ किया गया है वहीं दूसरी ओर पेंशनर्स राज्य भर में दवाओं के लिए महीनों से तरस रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों को जेनरिक दवा ही लिख सकेंगे। ब्रांडेड कंपनी की दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा। यह निर्देश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण ने दिए।
राज्य सचिवालय वल्लभ भवन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि हेल्थ के चीफ सेकरेटरी ने यह भी निर्देश दिए कि अस्पतालों से अब किसी भी कीमत पर वीआईपी और प्रशासनिक अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर खरीदकर दवाएं मुहैया नहीं कराई जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार सरदार वल्लभ भाई पटेल निरूशुल्क दवा वितरण योजना का शुभारंभ करने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज जबलपुर से इसका शुभारंभ किया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने बताया कि डॉक्टर मरीज के पर्चे पर जेनरिक दवा ही लिख रहे हैं या नहीं, इसकी जिम्मेदारी भी कलेक्टरों को सौंपी गई है। अस्पतालों में मरीजों की दवा पर्ची दो प्रतियों में बनेगी।
दवा पर्ची की एक प्रति मरीज अथवा उसके परिजन दवा वितरण केंद्र पर फार्मासिस्ट को देंगे, जो स्टोर के रिकार्ड में रखी जाएगी। साथ ही दूसरी पर्ची मरीज घर ले जा सकेंगे। उल्लेखनीय है अभी अस्पतालों में मरीज को एक ही दवा पर्ची दी जाती है, जो फार्मासिस्ट के रिकार्ड में जमा हो जाती है। इसके चलते मरीज को फार्मासिस्ट ने डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा दी है अथवा उसके स्थान पर दूसरी? इसकी आशंका बनी रहती है।
उधर, राज्य सरकार की निशुल्क दवा वितरण योजना पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने प्रेस को जारी की विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा है कि क्या अभी अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क दवाएं नहीं मिल रहीं ? उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान पर केंद्र की योजना को राज्य में लागू कर मुफ्त में श्रेय लेने का आरोप लगाया है।
1250 स्थित जयप्रकाश चिकित्सालय के सेवानिवृत सिविल सर्जन डॉ. योगेश बलुआपुरी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जेनरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं से सस्ती होती है। ब्रांडेड और जेनरिक दवा का केमिकल कंपोजीशन एक ही होता है, फर्क सिर्फ कीमत का होता है। दवा कंपनी ब्रांड की कीमत मरीज से वसूलती हैं।
अस्पतालों के दवा स्टोर्स में कभी भी 50 से ज्यादा दवाएं उपलब्ध नहीं रहतीं। इस स्थिति में डॉक्टर को स्टोर में उपलब्ध दवाएं ही मरीज को लिखने के लिए बाध्य करना गलत है।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को जबलपुर में जिस सरदार पटेल निशुल्क दवा वितरण योजना की शुरुआत करेंगे, 7 नवंबर को दमोह जिला अस्पताल में उसकी शुरुआत हो चुकी है। योजना की शुरुआत जेल एवं परिवहन राज्य मंत्री नारायण सिंह, कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया और जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया ने कर दी है।
इसके साथ ही साथ समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के सिवनी ब्यूरो से शिवेश नामदेव ने बताया कि प्रियदर्शनी जिला चिकित्सालय सिवनी में कई माहों से पेंशनर्स को दवाएं ही नहीं मिल पा रही हैं। इसका कारण यह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मनमर्जी की दवाएं पेंशनर्स की मद में आए आवंटन से खरीद ली गई हैं।
एक चिकित्सक ने नाम उजागर ना किए जाने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कमीशन के चक्कर में पेंशनर्स के खाते में आए आवंटन से एसी दवाएं खरीदी गईं हैं जो पेंशनर्स के लिए अनुपयोगी हैं। ब्लड प्रेशर की एक ही दवा खरीदी गई है जो कि कम ही मरीजों के काम आती है।
इतना ही नहीं सामान्य आवंटन में मल्टी विटामिन जैसी दवाएं थोक में पड़ी होने के बाद भी पेंशनर्स के आवंटन से इसे खरीदा गया है। मजे की बात तो यह है कि पैंशनर्स को एसीडिटी की कोई भी दवा नहीं दी जा रही है। जिला चिकित्सालय सिवनी के स्टाक में एसीडिटी की कोई भी दवा नहीं है।

असम में गोलीबारी चार मरे


असम में गोलीबारी चार मरे

(पुरबाली हजारिका)

गोवहाटी (साई)। असम के कोकराझार जिले में कल रात उपद्रवियों की गोलीबारी की दो घटनाओं में चार लोग मारे गये और एक महिला घायल हो गयी। इसके साथ ही जिले में हाल की हिंसा में मरने वालों की संख्या १० हो गई है। राज्य के गृह सचिव ने बताया कि शरारती तत्वों ने जियागुड़ी गांव में चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि नलबाड़ी क्षेत्र में एक महिला घायल हो गयी।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सुरक्षा बलों को शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए हैं। पुलिस महानिदेशक जे.एन. चौधरी ने कल जिले का दौरा करके कानून और व्यवस्था पर वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत किया। इस साल के जुलाई से अब तक ७० अवैध हथियार बरामद किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि सेना कोकराझार और गोसाइयों में फ्लेगमार्च कर रही है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ के ६५ कंपनी तैनात की गई है। असम सरकार ने लोगों से शांति और सदभाव बनाए रखने का आग्रह किया। इस बीच कोकराझार जिले में लगातार तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है। सुरक्षाबलों ने बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद की कार्यकारिणी के सदस्य मोनो कुमार ब्रह्घ्मा को हिंसा में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।

सत्र के पहले मनमोहन ने आरंभ की फील्डिंग


सत्र के पहले मनमोहन ने आरंभ की फील्डिंग

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की रणनीति तैयार करने के वास्ते प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कल यूपीए सहयोगियों को अपने आवास पर रात्रि भोज में आमंत्रित किया। संसद का शीतकालीन सत्र इस महीने की २२ तारीख से शुरू हो रहा है।
लोकसभा के नेता और केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने विविध नियमों के तहत विभिन्न दलों द्वारा दिए गए नोटिस के बारे में सहयोगियों को जानकारी दी। रात्रि भोज में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, र$क्षामंत्री ए के एंटनी और वित्तमंत्री पी चिदंबरम के अलावा डीएमके पार्टी के नेता टी आर बालू, नेशनल कान्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, राष्ट्रीय लोकदल के अजित सिंह और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ई अहमद ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को आज रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से अलग-अलग मिले थे। ये दोनों पार्टियां यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही हैं।
यूपीए सरकार को उम्मीद है कि संसद का शीतकालीन सत्र उपयोगी रहेगा और इस दौरान आम जनता के लाभ के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हो सकेंगे। कल नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि जनता के कल्याण से संबंधित बहुत से महत्त्वपूर्ण मामले संसद में लंबित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए भी कई कदम उठा रही है और अंतिम दो तिमाहियों के दौरान वृद्धि दर तेज होने की संभावना है। सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार सदन के सभी पक्षों से अनुरोध करना चाहती है कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक रचनात्मक बहस के लिए यह बहुत जरूरी है कि सदन का काम-काज चले। वामपंथी मल्टी ब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के सरकार के फैसले के विरोध में नोटिस देंगे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कल कहा कि वामपंथी इस मसले पर संसद में चर्चा करना चाहते हैं। उन्होंने सरकार के इस तर्क को कोरी कल्पना करार दिया कि एफडीआई से किसानों को लाभ होगा। उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से सरकार के इस फैसले के विरोध में वामदलों का साथ देने की अपील की। इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने २१ नवंबर को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

टूजी मामले में सीएजी का अनुमान गलत: सिब्बल


टूजी मामले में सीएजी का अनुमान गलत: सिब्बल

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस नीत केंद्र सरकार ने कहा कि टू जी-स्पैक्ट्रम नीलामी से मिले परिणाम को सफलता या असफलता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि नीलामी से प्रक्रिया वर्तमान स्थिति में स्पैक्ट्रम की बाजार आधारित कीमत दिखाई देती है।
नई दिल्ली में कल मीडिया संबंधी मंत्री-समूह की बैठक के बाद संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने पत्रकारों से कहा कि नीलामी से स्पष्ट होता है कि टू जी-स्पैक्ट्रम आवंटन में करीब एक लाख ७६ हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान पूरी तरह मनगढंत है। उन्होंने कहा कि बाजार का रूख अकसर बदलता रहता है और नीतिगत मामलों में फैसला सरकार पर छोड़ना बेहतर है।
उन्होंने कहा कि नीतिगत मामले सरकार पर छोड़ना सबसे सही है। अगर इसे लागू करने में कोई गलती होती है तो निश्चित तौर पर न्यायालय इसमें दखल दे सकता है। लेकिन अगर आप सरकार को किसी निश्चित मापदण्ड पर चलने को कहेंगे तो हो सकता है कि परिणाम नकारात्मक हों। याद रखें कि बाजार का रूख तेजी से बदलता रहता है।
श्री सिब्बल ने कहा कि सरकार जिन सर्कल में कोई बोली नहीं लगी उनकी नीलामी मार्च तक कराने की योजना बना रही है। साथ ही सीडीएमए स्पेक्ट्रम की नीलामी भी होगी। इस मौके पर वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि सरकार नीलामी की असफलता का जश्न नहीं मना रही है और इस दिशा में आगे कार्य करती रहेगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही मंत्री समूह की बैठक में अगला कदम तय होगा।

परमाणु बम नही बना रहा ईरान!


परमाणु बम नही बना रहा ईरान!

(साई इंटरनेशनल डेस्क)

विएना (साई)। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आई ए ई ए ने कहा है कि ईरान, अपने फरदाओ भूमिगत संयंत्र में यूरेनियम संवर्धन की क्षमता दोगुनी करने के लिए तैयार है। एजेंसी ने पारचिन सैन्य ठिकाने में तत्काल जांच की अनुमति मांगी है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में आई ए ई ए की तिमाही रिपोर्ट शुक्रवार को विएना में जारी की गई।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यदि ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन क्षमता को नये सेंट्रीफ्यूज के जरिए बढ़ा लेता है, तो परमाणु बम बनाने की अवधि और भी कम हो जाएगी। आईईए ने पार्किन के सैनिक ठिकाने पर सबूतों को हटाने की कोशिशों को जांच के लिए गहरा धक्का बताया है और ईरान से फौरन अपने परमाणु इंस्पैक्टर्स को वहां जाने देने की मांग की है। पश्चिमी देशों और इस्राइल का कहना है कि ईरान परमाणु बम बनाने में जुटा है ईरान ने इसका खंडन किया है।

फिर खुली रमेश की जुबान!


फिर खुली रमेश की जुबान!

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। विवादित बयान देने में माहिर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने देश की खस्ताहाल और बिगडी स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि देश में जन स्वास्थ्य व्यवस्था ढह गई है जबकि बांग्लादेश और केन्या जैसे गरीब देशों में भी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं।
देश के हेल्थ सेक्टर का मूल्यांकन करते हुए रमेश ने भारत को अनोखा देश बताया। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर का 70 पर्सेंट खर्च निजी स्रोतों से पूरा किया जाता है और यह ग्रामीण इलाकों में कर्ज की समस्या के अहम कारणों में से एक है। रमेश ने नई दिल्ली में एक समिट में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में लोक स्वास्थ्य प्रणाली का वजूद ही नहीं है। इसमें सुधार के लिए उन्होंने निर्वाचित संस्थानों और सहभागिता वाले संस्थानों के गठन के लिए राज्यों के प्रतिबद्धता की बात कही। 
ज्ञातव्य है कि इससे पहले जयराम रमेश के पहले के कई कॉमेंट काफी चर्चा में रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि भारत में मंदिरों से ज्यादा टॉइलेट्स जरूरी हैं।

सिम के लिए वेरीफिकेशन बना सरदर्द


सिम के लिए वेरीफिकेशन बना सरदर्द

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। नया मोबाइल नंबर लेने के नए नियम लागू हुए एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन कस्टमर और सिम बेचने वालों की उलझन बढ़ती जा रही है। पहचान और पते के वेरिफिकेशन का पहला जिम्मा सिम बेचने वालों के ऊपर आने से वे परेशान हैं। कई वेंडर तो इस टेंशन से बचने के लिए सिम देने से ही इनकार कर रहे हैं।
प्रीपेड और पोस्टपेड मोबाइल सिम इशू कराने के सख्त नियम 9 नवंबर से लागू हो चुके हैं। इसी के साथ सिम लेने की प्रक्रिया पूरी तरह बदल गई है। इससे पहले, दुकानदार प्री-ऐक्टिवेटेड सिम कार्ड ग्राहकों को तुरंत दे देते थे, जो थोड़ी देर बाद चालू हो जाता था। लेकिन अब पूरे डॉक्युमेंट्स के तीन स्तरों पर वेरिफिकेशन के बाद ही सिम ऐक्टिवेट होता है।
नए नियमों में साफ कहा गया है कि अगर सिम लेने वाले की डिटेल्स गलत पाई गईं तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सिम देने वाले डीलर-रिटेलर की होगी क्योंकि कस्टमर के डॉक्युमेंट्स और फोटो को वही सर्टिफाई करेगा। इसमें लापरवाही होने पर दुकानदार के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी हो सकती है। इसी प्रावधान को लेकर सिम वेंडर आशंकित हैं और नया सिम देने में आनाकानी कर रहे हैं।
देश भर में समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार नई सिम जारी करने में डीलर्स को होने वाली मुख्य परेशानी में नए फॉर्म अब तक न मिलने की कई डीलरों की शिकायत सामने आई है। इसके अलावा डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन में गड़बड़ी की आशंका से सिम बेचने वालों में डर भी सता रहा है। वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं को होने वाली दिक्कत में सिम न होने की बात कहकर टाल रहे हैं कई डीलर। इसके अलावा फॉर्म के साथ निर्देश से अधिक दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जिससे आम उपभोक्ता परेशान है।
संचार मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नया सिम लेने के लिए कस्टमर अक्वीज़िशन फॉर्म भरना होगा। इसके अलावा आईडी-एड्रेस के ओरिजिनल प्रूफ दिखाकर सेल्फ अटेस्टेड फोटोकॉपी देनी होगी। साथ ही साथ फॉर्म पर फोटो लगाकर डीलर के सामने अटेस्ट करना होगा। अपने सभी पुराने सिम का ब्योरा देना होगा। एकसाथ 9 से ज्यादा नंबर नहीं रख सकेंगे।  मोबाइल ऑपरेटर से वेरिफिकेशन करवाकर खुद नंबर ऐक्टिवेट कराना होगा। पिछले 3 महीनों में री-वेरिफकेशन और अन्य वजहों से 3 करोड़ मोबाइल नंबर बंद हो चुके हैं।

नाकामी का जश्न मना रही सरकार


नाकामी का जश्न मना रही सरकार

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यूपीए दुनिया की पहली ऐसी हैरतअंगेज़ सरकार है, जो अपनी किसी नाकामी का शोक मनाने के बजाय जश्न मना रही है। उसने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी में कम मूल्य मिलने पर दुखी होने की जगह कांग्रेस की खुशी का ठिकाना नहीं है।
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, कि कांग्रेस और उसके हॉवर्ड और ऑक्सफर्ड के पढ़े लोग 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी में निवेशकों की ओर से उत्साह नहीं दिखाए जाने का न सिर्फ जश्न मना रहे हैं, बल्कि ऐसा करते हुए वे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा और सुप्रीम कोर्ट पर अप्रत्यक्ष हमला कर रहे हैं।श् उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की अगुआई वाली केन्द्र सरकार अपने ‘‘पापों‘‘ को छिपाने के लिए कैग और ट्राई को निशाना बना रही है।
जावडेकर ने कुछ मंत्रियों की उस मांग को नाजायज बताया, जिसमें कहा गया था कि 2जी स्पेक्ट्रम के 2007 में हुए आवंटन से सरकार के खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए के नुकसान संबंधी आकलन के लिए कैग से देश से माफी मांगे। उन्होंने कहा कि कैग ने यह आकलन आज की बदली हुई परिस्थितियों के लिए नहीं बल्कि 2007 के बाजार भाव के हिसाब से किया था।
दो साजिशों के तहत कैग पर हमला बोलने का सरकार पर आरोप लगाते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा करके वह एक ओर कैग के पर कतरना चाहती है और दूसरी ओर खुद की असफलता का ठीकरा कैग के सिर फोड़ रही है। जावडेकर ने कहा कि वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने जिन 122 लाइसेंसों को रद्द किए थे, उनमें से केवल 22 की नीलामी में ही सरकार को 9407 करोड़ रूपए मिले हैं, जो तब 122 लाइसेंसों के आवंटन से मिली राशि से 200 करोड़ रुपए ज्यादा हैं। जावडेकर के मुताबिक यह तथ्य दर्शाता है कि कैग का आकलन गलत नहीं था।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार की पस्त होती जा रही आर्थिक नीतियों के कारण भी निवेशकों का उत्साह गिरा है और इसीलिए वे बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। बीजेपी के सीनियर नेता अरुण जेटली ने अहमदाबाद में कहा कि अपने आप में यह बहुत हैरत की बात है कि सरकार का हिस्सा होते हुए भी केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के ‘फ्लॉप शो‘ का जश्न मना रहे हैं। जेटली ने कहा कि इस श्फ्लॉप शोश् पर विचार करने की बजाय उसकी खुशियां मनाना हैरतअंगेज है।

सीबीएसई उवाच: मांसाहारी होते अपराधी!


सीबीएसई उवाच: मांसाहारी होते अपराधी!

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। सीबीएसई (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) की एक किताब ने विवाद पैदा कर दिया है। इसमें कथित रूप से बताया गया है कि मांसाहारी लोग कई तरह के अपराध करते हैं। सरकार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस तरह की सामग्री के प्रति सतर्क रहने और इनकी निगरानी करने को कहा है। 
क्लास 6 की एक किताब का टाइटल ‘न्यू हेल्थवे हेल्थ, हाइजीन, फिजियॉलजी, सेफ्टी, सेक्स एजुकेशन, गेम्स और एक्सर्साइजश् है। इसमें कथित रूप से लिखा गया है कि मांसाहारी लोग आसानी से धोखा देते हैं, झूठ बोलते हैं, वादे भूल जाते हैं, बेईमान होते हैं, बुरी बात बोलते हैं, चोरी करते हैं, झगड़ते हैं, हिंसक हो जाते हैं और सेक्स क्राइम करते हैं। 
मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने इस किताब के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, कि समुदायों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखना होगा। मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कभी-कभार ऐसा होता है, लेकिन मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि प्रशासनिक निकाय को हमेशा चौकस रहना चाहिए, जैसे एनसीईआरटी चौकस रहती है और सामग्री पर नजर रखें। इस मंत्रालय से हम यही सलाह दे सकते हैं।श्
दूसरी ओर सीबीएसई ने कहा कि वह क्लास 9 और उससे ऊपर के लिए किताबें तय करते हैं और बाकी क्लास में कौन सी किताबें पढ़ाई जाएंगी, इसका फैसला स्कूलों को करना होता है।  इससे पहले तमिलनाडु में नाडर समुदाय के बारे में सीबीएसई की किताब में आपत्तिजनक संदर्भ को लेकर एनसीईआरटी से मंत्रालय ने एक रिपोर्ट देने को कहा।

एमपी में कार्पोरेशन करेगा दवा खरीदी


एमपी में कार्पोरेशन करेगा दवा खरीदी

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। प्रदेश में दवा खरीदी के लिए तमिलनाडु की तर्ज पर नया कॉर्पाेरेशन बनाया जा रहा है। अस्पताल कॉर्पाेरेशन को दवा की डिमांड भेजेंगे और वहां से दवाएं खरीदकर अस्पतालों को सप्लाई की जाएंगी। इससे दवा खरीदी और सप्लाई में लगने वाले समय की बचत होगी। मप्र मेडिकल सर्विसेस कॉर्पाेरेशन को बनाने का प्रस्ताव अंतिम चरण में है। जल्द ही इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में वर्ष 2009 से दवा की खरीदी तमिलनाडु पैटर्न पर की जा रही है। 
अस्पतालों को दवा खरीदी के लिए आवंटित कुल बजट में से 80 फीसदी राशि से अनिवार्य रूप से तमिलनाडु पैटर्न से दवाएं खरीदनी होती हैं। अस्पताल 20 फीसदी दवाएं लोकल परचेजिंग के जरिए खरीद सकते हैं। अस्पताल तमिलनाडु पैटर्न के तहत अधिकृत दवा कंपनियों को दवा का ऑर्डर भेजते हैं।
वहां से अस्पतालों को दवाओं की सप्लाई की जाती है, लेकिन तमिलनाडु पैटर्न के लागू होने के बाद से ही अस्पतालों में दवाओं की कमी बनी है। कंपनियों की ओर से समय पर अस्पतालों में दवाएं सप्लाई नहीं की जा रही हैं। इससे मरीजों को परेशानी होती है। इसे देखते हुए नया कॉरपोरेशन बनाने का निर्णय लिया गया।
मप्र मेडिकल सर्विसेस कॉर्पाेरेशन में करीब 15 सदस्य होंगे। कॉर्पाेरेशन दवाएं, सर्जिकल, सूचर मटेरियल के साथ ही दवा परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं की दरें निर्घारित करेगा। अस्पतालों से दवा की ऑनलाइन डिमांड कॉर्पाेरेशन को भेजी जाएगी। प्रदेश में वषü 2012-13 में दवा खरीदी का बजट 165 करोड़ रूपए है।

अभिजीत के पावर प्लांट में दुर्घटना, श्रमिक की मौत


अभिजीत के पावर प्लांट में दुर्घटना, श्रमिक की मौत

(प्रतिभ सिंह)

पटना (साई)। राज्य के चांदवा के बाना-चकला में अभिजीत ग्रुप के निर्माणाधीन पावर प्लांट के ब्यॉलर नंबर - 2 में गुरुवार को श्रमिक श्रवण साहा 30 फीट ऊंचाई से गिर कर घायल हो गया। कंपनी के सीसीएम राजीव गोयल ने उसे तत्काल अपोलो अस्पताल में भरती करवाया, जहां इलाज के दौरान शुक्रवार को उसकी मौत हो गयी। शव को उसके पैतृक गृह गढ़वा भेज दिया गया है। घटना के बाद श्रमिकों में रोष था। पुलिस ने मजदूरों को शांत कराया। अभिजीत ग्रुप प्रबंधन ने शोक जताया है।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ब्रिज एंड रूफ कंपनी द्वारा निर्माण कराये जा रहे ब्यॉलर नंबर-2 में श्रवण साहा काम कर रहा था। इस दौरान जिसमें सुरक्षा बेल्ट लगा हुआ था वह पाइप टूट गया। कंपनी के सीसीएम सह वरीय उपाध्यक्ष राजीव गोयल ने कहा कि मृतक के परिजनों को मुआवजा मिलेगा। मे। भवानी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने तत्काल एक लाख रुपये दिये। आश्रित को नौकरी व कंपनी प्रावधान के तहत पांच लाख मुआवजा दिया जायेगा।

तेजाब के इंजेक्शन से हमला


तेजाब के इंजेक्शन से हमला

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले के तुलसीपुर कस्बे में आज जमीन विवाद को लेकर दबंगों ने तेजाब डालकर एक परिवार के तीन सदस्यों को गम्भीर रुप से घायल कर दिया और उनमें से एक को तेजाब भरा इंजेक्शन भी लगा दिया। पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि तुलसीपुर कस्बे की रहने वाली 75 वर्षीय महिला कमरुन्निसा की जमीन पर शाम को कुछ दबंग लोगों ने कब्जा करना शुरु कर दिया, जिसका विरोध करने पर बदमाशों ने कमरुन्निसा, उनके भाई लैश मोहम्मद (45) तथा बेटी नजमा (25) पर तेजाब डाल दिया।
सूत्रों ने आगे बताया कि इस वारदात में तीनों लोग गम्भीर रुप से झुलस गये। इतना ही नहीं, दबंगों ने कमरुन्निसा की कमर में तेजाब भरा इंजेक्शन लगा दिया। सूत्रों ने बताया कि घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दो की हालत गम्भीर बतायी जाती है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है।

हॉलेण्ड की महिला को चलती ट्रेन से फेंका


हॉलेण्ड की महिला को चलती ट्रेन से फेंका 

(अर्जुन कुमार)

रूड़की (साई)। होलेण्ड की एक महिला पर्यटक को अज्ञात व्यक्ति ने चलती ट्रेन से फेंक दिया। उसे हरिद्वार स्टेशन पर लूटा गया था। हॉलेण्ड की रहने वाली 34 साल की फ्लेयर डी नूजेल 12 नवंबर को देहरादून-अमृतसर एक्सप्रेस से अमृतसर जा रही थी। ट्रेन में सवार बदमाश ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। एसएसपी अरूण मोहन ने यह जानकारी दी। 
घटना उस वक्त की है जब फ्लेयर टॉयलेट से बाहर निकल रही थी। उसने पीठ पर अपना बैग लाद रखा था। उस समय ट्रेन लक्षर स्टेशन से रवाना हो चुकी थी। जैसे ही फ्लेयर टॉयलेट से निकली तो वॉश बेसिन पर खड़े एक व्यक्ति ने उसे धक्का दे दिया। इसके बाद वह व्यक्ति भी ट्रेन से कूद गया। फ्लेयर नीचे गिरते ही बेहोश हो गई। 
बदमाश रेलवे ट्रेक पर पड़ी फ्लेयर का बैग लेकर फरार हो गया। बैग में फ्लेयर का पासपोर्ट,क्रेडिट कार्ड,एटीम,आईपॉड सहित अन्य कीमती सामान था। पुलिस की गश्ती टीम ने फ्लेयर को रेलवे ट्रेक पर पड़ा हुआ देखा। फ्लेयर को तुरंत नजदीकी नर्सिग होम में भर्ती कराया गया,जहां से उसे बुधवार को छुट्टी दे दी गई। फ्लेयर 2 अक्टूबर को टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी। 

एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान हेतु जमीन बनी रोड़ा


एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान हेतु जमीन बनी रोड़ा

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। एशिया की सबसे बड़ी गेवरा कोयला खदान पर गहरा संकट आ खड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित इस खदान के विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का आधिपत्य अब तक एसईसीएल को नहीं मिला है। अभी जिस जमीन पर खनन कार्य जारी है, वहां कोयले का भंडार लगातार कम होता जा रहा है। ऐसे में अगर जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला तो अप्रैल से गेवरा खदान बंद हो जाएगी। इससे देश में बड़ा बिजली संकट भी खड़ा हो जाएगा। इस खदान के कोयले से छत्तीसगढ़ सहित 6 राज्यों के पावर प्लांट संचालित हो रहे हैं।
 एसईसीएल के गेवरा क्षेत्र के अंतर्गत इस खदान के लिए 4184 हेक्टेयर (10,711 एकड़) जमीन की जरूरत थी, जिसमें से 3046 हेक्टेयर (7797 एकड़) जमीन एसईसीएल को मिल चुकी है। शेष 1137 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण तो हो चुका है, पर इसका आधिपत्य अब तक एसईसीएल को नहीं मिला है।
 यह जमीन कटघोरा ब्लॉक के अमगांव, रलिया, पोंडी, बाहनपाठ, भठोरा, भिलाईबाजार, नरईबोध व गेवरा गावों की है। अभी जिस जमीन पर कोयला खनन चालू है वहां 1 अप्रैल 2012 को 45 मिलियन टन कोयले का भंडार शेष बचा था। इसमें से अब तक 18 मिलियन टन कोयला निकाला जा चुका है। खदान की वार्षिक उत्पादन क्षमता 35 मिलियन टन है।
इस दृष्टि से वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च 2013 तक यहां से इस वर्ष का शेष बचा 17 मिलियन टन कोयला भी निकल जाएगा तब खदान में 1 अप्रैल 2013 की स्थिति में 10 मिलियन टन कोयला ही बचेगा। स्पष्ट है कि जमीन न मिलने पर खनन कार्य रूक जाएगा। 
कोयला संयंत्र से जुड़े सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एसईसीएल गेवरा क्षेत्र का उत्पादन जारी रखने के लिए सर्वाधिक आवश्यक जमीन का हिस्सा अभी खदान क्षेत्र से सटे हुए ग्राम पोंडी व अमगांव का है। पोंडी में 361 एकड़ व अमगांव में 608 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है। यहां क्रमशरू 125 व 175 मिलियन टन कोयले का भंडार है।
इन दोनों गांवों के बीच 100 हेक्टेयर (लगभग 256 एकड़) वनभूमि स्थित है। जहां 100 मिलियन टन कोयला है, पर वनभूमि में जाने के लिए इन दोनों गांवों के बीच का मुहाना काफी संकरा है। इस कारण वहां भी उत्पादन करना संभव नहीं हो पा रहा है। इन दोनों गांवों की जमीन मिल जाने पर 35 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन क्षमता से यह खदान अगले 12 वर्ष तक कोयला दे सकती है।
एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक आरबी शुक्ला ने बताया कि जमीन न मिलने का असर खनन कार्य पर पड़ने लगा है। कोयला निकालने से पहले हटाए जाने वाले मिट्टी व पत्थर (ओवर बर्डन) की मात्रा उस गति से नहीं निकाली जा पा रही है, जितनी की होनी चाहिए। मार्च तक यदि जमीन नहीं मिली तो अप्रैल माह से खदान बंद करने की स्थिति बन जाएगी।
भू-विस्थापितों के लिए जो पैकेज राज्य शासन व कोल इंडिया बोर्ड की सहमति से तैयार किया गया वह बेहतर है। इससे पहले ऐसा पैकेज नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने भी अपनी सहमति देते हुए इसे स्वीकार कर उनकी जमीन का आधिपत्य हमें देना शुरू कर दिया है किन्तु इसकी गति बहुत धीमी है। गेवरा क्षेत्र में कोयले का शेष बचा कुल भंडार 781 मिलियन टन आंका गया है।

पुराने बस स्टैंड में बनेगी मल्टीलेवल पार्किग


पुराने बस स्टैंड में बनेगी मल्टीलेवल पार्किग 

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। पुराने बस स्टैंड में मल्टीलेवल पार्किग का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 801।52 लाख रूपए की स्वीकृति दे दी है। पहले चरण में लोवर बेसमेंट, अपर बेसमेंट व भूतल पार्किग बनेगी। राजधानी में पार्किग की समस्या के मद्देनजर सात साल पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मल्टीलेवल पार्किग बनाने की योजना तैयार की गई थी। नगर निगम की एमआईसी व सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे राज्य शासन की सहमति के लिए भेजा गया था। शासन ने इस पर सहमति दे दी है। 
वास्तुविद् जाकिर खान की संस्था बिल्डक्रॉफ्ट ने पार्किग की ड्राइंग-डिजाइन तैयार की है। पार्किग में कुल 175 कारों को खड़ा करने की क्षमता होगी। पहले चरण के बाद द्वितीय चरण में प्रथम, द्वितीय व तृतीय तल बनेगा। उधर, निगम कमिश्नर तारनप्रकाश सिन्हा का कहना है कि मल्टीलेवल पार्किग के लिए बजट स्वीकृत हो गया है। जल्द ही निर्माण शुरू होगा। अफसरों को विशेष प्राथमिकता के साथ काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
निगम के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यह योजना सात साल पहले बनाई गई थी। जिसमें 06 लेवल की पार्किग, का निर्माण 01 एकड़ में प्रस्तावित था। इसमें 3 लेवल का काम पहले और तीन का बाद में प्रस्तावित किया गया था। इस पार्किंग को 175 कारों की क्षमता वाला बनाया जा रहा था।
इस पार्किंग के बनने से गोलबाजार, मालवीय रोड, बंजारी रोड, सब्जी बाजार और जयस्तंभ चौक आदि क्षेत्र लाभ में रहते और करीब एक एकड़ में पार्किग बनाने के लिए निगम के पुराने भवन को तोड़ा जाएगा। हालांकि, यहां कब्जे हटाने में परेशानी आएगी। क्योंकि, कई बार हटाने के बावजूद अवैध कब्जे पूरी तरह से नहीं हटे हैं।

म.प्र. श्रमजीवी पत्र्कार संघ का सम्मेलन १८


म.प्र. श्रमजीवी पत्र्कार संघ का सम्मेलन १८

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ की जिला इकाई का एक विशेष सम्मेलन आगामी १८ नंववर दिन रविवार को जिला मुख्य्ाालय्ा मे आय्ाोजित किय्ाा गय्ाा है जिसमे संघ के प्रदेश एवं संभागीय्ा स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहकर श्रमजीवी पत्र्ाकार साथिय्ाो को मार्गदर्शन देगे। म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के जिला अध्य्ाक्ष वाहिद कुरैशी ने उक्ताशय्ा की जानकारी देते हुए बताय्ाा कि म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के प्रदेश अध्य्ाक्ष शलभ भदौरिय्ाा के मार्गदर्शन एवं उपस्थिति मे प्रदेश के सभी जिला मुख्य्ाालय्ाो मे इस तरह के सम्मेलन आय्ाोजित किय्ो जा रहे है इसी कडी मे सिवनी जिला मुख्य्ाालय्ा मे भी जिला इकाई के तत्वाधान मे य्ाह सम्मेलन आय्ाोजित किय्ाा गय्ाा है। श्री कुरैशी ने बताय्ाा कि म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के इस सम्मेलन मे म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के प्रदेश अध्य्ाक्ष शलभ भदौरिय्ाा विशेष रुप से उपस्थित रहेकर पत्र्ाकार साथिय्ाो का मार्गदर्शन करेगे। साथ ही संघ के संभागीय्ा अध्य्ाक्ष परमानंद तिवारी, महामंत्र्ाी नलिनकांत बाजपेय्ाी एवं संघ के सिवनी जिला प्रभारी अली साहव की उपस्थिति भी रहेगी। १८ नवंबर को आय्ाोजित इस सम्मेलन मे मुख्य्ा अतिथि के रुप मे जहां जिले के प्रभारी मंत्र्ाी नाना भाऊ मोहोड उपस्थित रहेगे वही विशिष्टअतिथि के रुप मे महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्य्ाक्ष नरेश दिवाकर, जिला सहकारी बैक के अध्य्ाक्ष अशोक तेकाम, सिवनी विधाय्ाक श्रीमति नीता पटैरिय्ाा, बरघाट विधाय्ाक कमल मर्सकोले, एवं सिवनी नगरपालिका अध्य्ाक्ष राजेश त्र्ािवेदी उपस्थित रहेगे। सम्मेलन के संबंध मे श्री कुरैशी ने बताय्ाा कि प्रदेश व जिले के पत्र्ाकार साथिय्ाो के हको की लडाई लडने के लिए प्रदेश का एक मात्र्ा पंजीकृत इस श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के माध्य्ाम से जहां प्रदेश सरकार के माध्य्ाम से पत्र्ाकार साथिय्ाो के लिए विभिन्न य्ाोजनाऐ मंजूर करवा ली गय्ाी है वही शेष लंबित मांगो की पूर्ति के लिए भी प्रदेश स्तर के पदाधिकारी लगातार प्रय्ाास कर रहे हेै। पत्र्ाकारो की पीडा व समस्य्ााओ के निदान हेतु श्री भदोरिय्ाा के निर्देशन मे अय्ाोजित हो रहे इस तरह के सम्म्ेालन के माध्य्ाम से जहां लोकतंत्र्ा के चौथे स्तंभ के रुप मे समाज मे अपनी भूमिका निभा रहे पत्र्ाकार साथिय्ाो की समस्य्ााओ के समाधान के लिए संघ द्वारा लगातार प्रय्ाास किय्ो जाते रहे है। म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ की जिला इकाई के माध्य्ाम से भी पत्र्ाकार साथिय्ाो के विरुद्व झ्ाूटी और तथ्य्ाहीन प्रशासनिक कायर््ावाही के विरोध मे संघ द्वारा अपनी आवाज समय्ा समय्ा पर उटाय्ाी जाती रही है । श्री कुरैशी ने बताय्ाा कि जिले के कौने कौने मे फैले म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार साथिय्ाो की विभिन्न समस्य्ााओ को इस सम्मेलन के माध्य्ाम से प्रदेश अध्य्ाक्ष शलभ भदौरिय्ाा के समक्ष रखा जाय्ोगा तथा सम्म्ेालन मे उपस्थित हों रहे सत्ता पक्ष के प्रतिनिधिय्ाो के माध्य्ाम से पत्र्ाकार साथिय्ाो की आवाज को प्रदेश सरकार तक पहुंचाने का प्रय्ाास किय्ाा जाय्ोगा। म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के जिलाअध्य्ाक्ष वाहिद कुरैशी ने जिले भर मे फैले म प्र श्रमजीवी पत्र्ाकार संघ के सभी साथी पत्र्ाकार साथिय्ाो सदस्य्ाो एवं पदाधिकारिय्ाो से इस सम्मेलन मे उपस्थित होकर सम्मेलन की गरिमा बढाने का अनुरोध किय्ाा है।ं

हिन्दू विरोधी ताकतों के विरूद्ध ज्ञापन सौंपा हिन्दू महासभा ने


हिन्दू विरोधी ताकतों के विरूद्ध ज्ञापन सौंपा हिन्दू महासभा ने

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री बाबा पं0 नंद किशोर मिश्र एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ0 संतोषराय के संयुक्त नेतृत्व में महासभा कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर हिन्दू विरोधी ताकतों के विरूद्ध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। 
अखिल भारत हिन्दू महासभा उत्तर भारत के प्रभारी रविन्द्र द्विवेदी ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुये हिन्दू विरोधी इस्लामी ताकतों को अपनी सीमा में रहने की चेतावनी  दी। उन्होने कहा कि इस्लामी ताकतें स्वतंत्रता प्राप्ति के 65 वर्षों में निरंतर हिन्दू समाज और हिन्दुत्व पर प्रहार करती रही हैं और भारत को इस्लामिस्तान बनाने का सपना संजोती रही हैं। 
रविन्द्र द्विवेदी ने हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी का मामला उठाते हुये कहा कि वो हैदराबाद के भाग्य नगर में भाग्य लक्ष्मी मंदिर, के निर्माण में न केवल व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं, वरन मंदिर में होने वाली पूजा-अर्चना के दौरान घंटा बजाने का भी विरोध कर रहे हैं। यह हिन्दू समाज की धार्मिक स्वतंत्रता पर खुला हमला है, जिसे हिन्दू महासभा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही करेगी। 
रविन्द्र द्विवेदी ने भाजपा के राज्यसभा सांसद रामजेठमलानी की भगवान श्रीराम पर अपमानजनक टिप्पणी को हिन्दू समाज के  लिये गंभीर खतरा बताते हुये कहा कि भाजपा नेता भी मुस्लिम लीग की नीतियों का अनुसरण कर रहे हैं। देश की हिन्दू जनता समय आने पर हिन्दू विरोधी ताकतों के साथ भाजपा को भी अपने वोट के अस्त्र से करारा जवाब देगी। 
हिन्दू महासभा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता सुशील मिश्र ने अपने संबोधन में कांग्रेस और उसकी गांधीवादी राजनीति को राष्ट्र और हिन्दू समाज के लिये घातक बताया। उन्होने कहा कि मोहनदास  गांधी के जीवनकाल में ही उसके लड़के का मुस्लिम धर्म स्वीकार करना और अब्दुल्ला नाम से अपने आप को स्थापित करना यह साबित करता है कि गांधी अपने परिवार को जोड़ने में पूरी तरह नाकाम था, लेकिन गांधी और कांग्रेस की मुस्लिम परस्त नीतियों ने राष्ट्र का बंटाधार किया। हिन्दू महासभा इसका निरंतर विरोध करती रही है और कर रही है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जंगबहादुर क्षत्रिय ने अपने संबोधन में हिन्दुओं की कायरता को उनके अपमान का मूल कारण बताया। उन्होने कहा कि हिन्दू समाज मुस्लिमों को अपना छोटा भाई मानकर सम्मान देता है, लेकिन ये छोटे भाई अवसर मिलते ही हिन्दुओं की गर्दन काटने से बाज नही आते। उन्होने हिन्दुओं से मुस्लिम समाज की हिन्दू विरोधी नीतियों का डटकर विरोध करने और हिन्दू समाज को सशक्त बनाने का आह्वान किया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुये भारत सरकार से हैदराबाद के मुस्लिम सांसद ओवैसी को तत्काल गिरफ्तार करने और उनके राजनीतिक संगठन ऑल इंडिया मजलिसे-मुत्तहिदा मुसलेमीन की राजनीतिक मान्यता समाप्त करने की मांग की। 
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री पं0 बाबा नंद किशोर मिश्रा ने अपने संबोधन में भारत सरकार को चेतावनी देते हुये कहा कि ओवैसी को गिरफ्तार नही किया गया तो हिन्दू महासभा देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी। प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधि मण्डल पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में राष्ट्रीय महामंत्री बाबा नंद किशोर मिश्रा के नेतृत्व में राष्ट्रपति भवन जाकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर केन्द्रीय उच्चाधिकार समिति के सदस्य सरदार रविरंजन सिंह, अक्षय कुमार ओझा, सपन दत्ता, दर्शन शेर सिंह भल्ला, जयदीप कपूर, एडवोकेट संजय चौधरी सहित अनेंक हिन्दू महासभाई उपस्थित थे। 

आश्रम को नेस्तनाबूत करने का षणयंत्र


आश्रम को नेस्तनाबूत करने का षणयंत्र

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर। (साई)। निजानन्द आश्रम ट्रस्ट की जमीन को सरकारी भूमि बताकर उस पर बुलडोजर चलाये जाने की गोपनीय योजना बनायी जाने से क्षुब्ध आश्रम के ट्रस्टी व सैंकडों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए जिलाध्किारी को सौंपे गये प्रार्थना पत्र में आश्रम की जमीन का मौके का निरीक्षण किये जाने व निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की। जबकि वित्तीय अनियमित्ताओं के चलते विद्यालय से निलम्बित कार्यवाहक प्रधानाचार्य मंजू सिसौदिया जबरदस्ती कार्यालय में बैठ रही है।
जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह को दिये गये प्रार्थना पत्र में निजानन्द आश्रम ट्रस्ट रतनुपुरी के सैंकडों ट्रस्टीज, श्रद्धालुगण व  क्षेत्रावासियों ने बताया कि उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि जनपद की तहसील खतौली क्षेत्र के गांव रतनपुरी में स्थित निजानन्द आश्रम ट्रस्ट की जमीन को सरकारी भूमि बताकर उस पर बुलडोजर चलाये जाने की गोपनीय योजना बनायी जा रही है जो एकपक्षीय है। उन्होंने बताया कि आश्रम द्वारा संचालित संस्थाओं का उद्देश्य क्षेत्रावासियों को शिक्षा देकर उस क्षेत्र को विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इस आश्रम में सभी सदस्य देश के विभिन्न शहरों से आकर अपनी सेवाभाव से तथा ग्रामवासियों के सहयोग से इन संस्थाओं को चलाया जा रहा है। यह आश्रम 60 वर्ष पुराना है जो ग्रामसभा के प्रस्ताव 19 नवम्बर सन् 1972 द्वारा प्रस्तावित भूमि पर ही चल रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त शिक्षण संस्था में करीब 3 हजार छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जबकि उक्त क्षेत्र में करीब 10 किमी दूर-दूर तक कोई इंटर कालेज स्थित नहीं है। जबकि आश्रम को गांव रतनपुरी का एक परिवार जोकि आश्रम से रंजिशन रखता है। उन्होंने बताया कि इसी परिवार से सम्बंधित श्रीमति मंजू सिसौदिया को वित्तीय अनियमित्ताओं के चलते विद्यालय से निलम्बित कर दिया गया था जोकि कार्यवाहक प्रधनाचार्य के पद पर कार्यरत थी और श्रीमति मंजू सिसौदिया धारा 420, 467, 468 व 471 में आरोपित होने के कारण वर्तमान में अस्थायी जमानत पर है। परंतु फिर भी मंजू सिसौदिया जबरदस्ती कार्यालय में आकर बैठती है। इसी कारण यह पूरा परिवार आश्रम व आश्रम द्वारा संचालित संस्थाआंे के विरूद्ध झूठी शिकायते कर रहा है और ये लोग श्री निजाजंद आश्रम रतनपुरी व द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं को बदनाम कराकर बंद कराना चाहता है। समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई श्री निजानन्द आश्रम पर बुलडोजर चलाये जाने की खबर से क्षेत्रवासियों व समस्त आश्रम के श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है। उन्होंनेे जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि आश्रम पर अग्रिम कार्यवाही किये जाने से पूर्व निष्पक्ष जांच के साथ स्वयं मौके पर आकर निरीक्षण करें ताकि आश्रम व आश्रम की शिक्षण संस्था को बदनाम होने से बचाया जा सके और क्षेत्र की गरीब छात्र-छात्राएं शिक्षित होकर इस क्षेत्रा का नाम रोशन कर सके।
इस दौरान श्री निजानन्द आश्रम ट्रस्ट रतनुपुरी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रसवन्त, डा.वी.पी. सिंह सैनी ट्रस्टी लखनऊ, सुशील, सचिन अमृतसर, श्यामसुंदर अमृतसर, डा. चतरसैन, पिरथी रतनपुरी, मुनेश रतनपुरी, तरसपाल सिंह रतनपुरी, सतेन्द्र रतनपुरी, मुकेश रतनपुरी, मुनेश रतनपुरी, बिजेन्द्र सिंह रतनपुरी, नरेन्द्र ग्रोवर सहित सैंकडों ट्रस्टी एवं श्रद्धालुगण मौजूद थे।

सबसे गरीब राष्ट्रपति हैं जोस


सबसे गरीब राष्ट्रपति हैं जोस

(अभिलाषा जैन)

लंदन। (साई)। जोस मुजीका उरूग्वे के राष्ट्रपति हैं लेकिन उन्हें देखकर किसी को भी ये विश्वास नहीं होता। इसकी वजह है कि वो एक गरीब किसान की तरह अपना जीवन जीने में यकीन करते हैं। एक फार्म हाउस में अपने कुत्ते की रखवाली के भरोसे मुजीका अपना जीवन गुजार रहे हैं जो किसी भी राष्ट्रप्रमुख के लिए लगभग असंभव है। उनकी जीवन शैली कुछ इस प्रकार है, एक जीर्ण-शीर्ण फार्म हाउस में वो निहायत कम सुविधाओं के साथ रहते हैं, जहां कुएं से पानी भरा जाता है।
मुजीका राष्ट्रपति हैं लिहाजा सुरक्षा के नाम पर उन्हें दो पुलिस अधिकारी मिले हैं और निजी स्तर पर वो मनुएला नाम का एक कुत्ता अपने साथ रखते हैं। एसा नहीं है कि उरूग्वे में राष्ट्रपति को सुविधाओं के नाम पर कुछ दिया नहीं जाता बल्कि, जोस खुद अपनी मर्जी से इस तरह से रहते हैं। जोस फूलों की खेती भी करते हैं। वो कहते हैं, मुमकिन है मैं पागल और सनकी दिखता हूं लेकिन ये तो अपने-अपने ख्याल हैं। वो अपने वेतन का 90 प्रतिशत दान कर देते हैं। 
जोस क्यूबा क्रांति से निकले हुए नेता हैं और 2009 में उरूग्वे के राष्ट्रपति चुने गए लेकिन 1960 और 1970 में वो उरूग्वे में गुरिल्ला संघर्ष के सबसे बड़े नेता भी हैं और उन्होंने अपने सीने पर छह बार गोलिया खाई हैं। उन्होंने चौदह साल जेल में काटे हैं। जोस को 1985 में तब जेल से रिहा किया गया जब देश में लोकतंत्र की वापसी हुई। 
हालांकि, इन सबके बावजूद जोस की आलोचना भी जमकर होती है। खासतौर से उरूग्वे का विपक्षी दल ये मानता है कि हालिया वर्षों में देश के आर्थिक हालात खराब हुए हैं। जोस के विरोधी मानते हैं कि सार्वजनिक सेवा, स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। गर्भपात कानून में बदलाव के लिए भी जोस की काफी निंदा हो रही है।