थापर के विरोध से क्यों डरती है कांग्रेस?: याहया कुरैशी
सिवनी में मौन बाहर के मामलों में शेर हैं कांग्रेस भाजपा प्रवक्ता!
(शिवेश नामदेव)
सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में बरही में वेलस्पन पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के मसले पर सुलग रही आग में हाथ सेंकने की गरज से कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल आगे आते दिख रहे हैं, पर जब मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में देश के मशहूर उद्योगपति गौैतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा स्थापित किए जाने वाले प्लांट में आदिवासियों को छलने का आता है तो कांग्रेस अपना मुंह सिल लेती है।
उक्ताशय की बात समाजवादी पार्टी के महा सचिव सीनियर अड्व्होकेट याहया आरिफ कुरैशी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही गई है। श्री कुरैशी ने आगे कहा कि वाकई बरही में जो कुछ हुआ वह शर्मनाक और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर एक बदनुमा दाग है। इसके पहले भी कांग्रेस के राज में मुलताई गोली काण्ड को अभी लोग भुला नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि पावर प्लांट को जमीन नहीं देने की मांग पर डटे आंदोलनकारी अभी भी अनशन मुकाम पर दिखाई दे रहे हैं। जिनकी जमीनें प्लांट द्वारा अधिग्रहीत की जा रही हैं, वे किसान आज भी कथित चिता पर बैठकर अनशन जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी मांगों के अलावा अब वे गिरफ्तार आंदोलनकारियों की बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं। जो सर्वथा उचित ही है।
श्री कुरैशी ने कहा कि इस मामले में सियासी रोटी सेंकने की गरज से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी वहां पहुंच गए हैं। समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव ने अजय सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके संज्ञान में इस बात को लाया गया है कि सिवनी जिले के घंसौर में डलने वाले गौतम थापर के पावर प्लांट में आदिवासियों के साथ हुए छल, पर्यावरण को नुकसान, रिजर्व फारेस्ट में नियम विरूद्ध प्लांट की संस्थापना आदि मामलों के दस्तावेज अजय सिंह ने स्वयं सिवनी से बुलवाए थे।
श्री कुरैशी ने आगे कहा कि उनके संज्ञान में इस बात को भी लाया गया है कि नेता प्रतिपक्ष ने आदिवासी हितों से जुड़े इस मसले को विधानसभा में उठाने का वायदा भी किया था, किन्तु विधानसभा के कई सत्र बीतने के बाद भी उन्होंने इस बात को नहीं उठाया। वहीं दूसरी ओर सिवनी जिले के इकलौते कांग्रेस के विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह भी इस मामले में मौन साधे हुए हैं। सभी के मौन को देखकर एसा प्रतीत हो रहा है मानो गौतम थापर की ‘माया‘ ने सभी को साध लिया है और आदिवासियों के हितों की बातें इन नेताओं के भाषणों में ही बची हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता जेपीएस तिवारी द्वारा ‘किसानों की लाशों पर हो रहा औद्योगीकरण‘ शीर्षक से जारी विज्ञप्ति का उल्लेख करते हुए याहया आरिफ कुरैशी ने प्रतिप्रश्न किया कि कांग्रेस की जिला स्तर की ये बड़बोली तोपें आखिर सिवनी जिले के घंसौर में लग रहे गौतम थापर के पावर प्लांट पर खामोश क्यों रह जाती हैं? पिछले दिनों एक मजदूर की उंची चिमनी निर्माण में हुई मौत पर भी कांग्रेस के भोंपू शांत रहे। कहते हैं अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा मजदूरों की बली ले चुकी है पावर प्लांट की निर्माणाधीन चिमनी।
समाजवादी पार्टी के महासचिव श्री कुरैशी ने कहा कि सिवनी में बैठकर भोपाल और दिल्ली वालों को कोसना बहुत ही आसान होता है। जब सिवनी में भाजपा जिला स्तर पर गड़बड़ी करती है तब कांग्रेस और जब कांग्रेस जिला स्तर पर घालमेल करती है तब भाजपा के प्रवक्ता अपनी कलम बंद रखकर मौन साधे रहते हैं। जब बात मध्य प्रदेश या केंद्र सरकार को कोसने की आती है तब जिला स्तर के भोंपू जोरदार तरीके से बजने लगते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करने के लिए दोनों ही दलों के प्रदेश और नेशनल लेबल के प्रवक्ता हैं। चूंकि सभी के एक दूसरे से हित सधे हैं इसलिए कोई भी प्रवक्ता स्थानीय स्तर के विपक्षी दल के नेता की गलत बातों का विरोध करने से बचता ही है, जो निंदनीय है।
श्री कुरैशी ने कहा कि सिवनी के घंसौर और कटनी के बरही के मामले में कांग्रेस भाजपा की भूमिका से साफ हो गया है कि कांग्रेस और भाजपा आखिर किसानों, आदिवासियों और आम आदमी का कितना हित साध रही है।
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