गुरुवार, 6 जनवरी 2011

पीएम की सोनिया को दो टूक: कहा सॉरी मदाम

पीएम की सोनिया को दो टूक: कहा सॉरी मदाम
नई दिल्ली (ब्यूरो)। प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के आग्रह को ठुकरा दिया है। सोनिया ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में न्यूनतम मजदूरी के मसले पर पेशकश की थी।
पिछले साल 11 नवंबर को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया गांधी  ने कहा था कि मनरेगा में मजूदरी भुगतान के लिए न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 के नियमों का अनुसरण किया जाए। उल्लेखनीय होगा कि देश के लगभग डेढ़ दर्जन राज्यों में मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी इन राज्यों की तय न्यूनतम मजदूरी से काफी कम है।
उधर प्रधानमंत्री द्वारा पिछले साल के आखिरी दिन श्रीमति सोनिया गांधी को लिखे पत्र में साफ किया है कि मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान को न्यूनतम मजदूरी कानून से प्रथक रखते हुए कृषि आधारित मूल्य सूचकांक पर आधरित रखने का फैसला लिया गया है, और इसका भुगतान इसी के तहत जारी रहेगा।
माना जा रहा है कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री से इस तरह के दो टूक उत्तर की आशा कतई नहीं होगी। वैसे भी सर्वोच्च न्यायालय अनेक बार इस मामले पर टिप्पणी कर चुका है कि किसी भी निजी सा सरकारी संस्था द्वारा न्यूनतम मजदूरी भुगतान कानून का पालन करना अनिवार्य होगा, अन्यथा यह अनुच्छेद 23 का सीधा उल्लंघन होगा।

सम्मानजनक, व्यावहारिक समाधान का पक्षधर है केन्द्र

तेलंगाना के सम्मानजनक, व्यावहारिक समाधान का पक्षधर है केन्द्र: चिदंबरम
नई दिल्ली (ब्यूरो)। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि केन्द्र सरकार पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मुद्दे का  सम्मानजनक और व्यावहारिक समाधान चाहती है। आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक में चिदंबरम ने उन्हें तेलंगाना मुद्दे पर श्रीकृष्णा समिति की रपट की प्रतियां सौंपी। चिदंबरम ने इन नेताओं से अपील की कि वे सिफारिशों को ध्यान से पढें और निष्पक्ष रूप से अपनी राय दें।
उन्होंने कहा कि आप ने ध्यान दिया होगा कि मैंने हमेशा से आगे बढने की बात की है । सम्मानजनक, न्यायोचित और व्यावहारिक समाधान हासिल करने के सरकार के इरादे को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि समाधान ऐसा हो जो सभी संबद्ध पक्षों को मंजूर हो। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेडडी, कांग्रेस नेता के संबासिवा राव, Ÿाम कुमार रेडडी, माकपा राज्य सचिव डी वी राघावुलू और पार्टी नेता जे रंगाए पीआरपी नेता सी रामचंद्रैया, अकबरूददीन ओवैसी, एमआईएम के सैयद अहमद पाशा कादरी, भाकपा के के नारायणा और जी मालेश ने बैठक में हिस्सा लिया।
चिदंबरम ने विश्वास जताया कि इस रपट से तेलंगाना मुद्दे पर परिपक्व चर्चा हो सकेगी। उन्होंने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे सिफारिशों को ध्यान से निष्पक्ष ढंग से पढें। उन्होंने टीआरएसए तेदेपा और भाजपा के बैठक का बहिष्कार करने के फैसले पर अफसोस व्यक्त किया।

प्रवासी भारतीयों को शीघ्र मताधिकार देने पर विचार

प्रवासी भारतीयों को शीघ्र मताधिकार देने पर विचार
नई दिल्ली (ब्यूरो)। केंद्र सरकार प्रवासी भारतीयों को शीघ्र मताधिकार देने की प्रक्रिया पर कार्य कर रही है। आज यहां आगामी प्रवासी भारतीय दिवस के बारे में संवाददाता सम्मेलन में प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री श्री वयालार रवि ने कहा कि संसद ने प्रवासी भारतीयों को मताधिकार देने के बारे में विधेयक पास कर दिया है। इसके तहत 10 लाख अप्रवासी भारतीयों के लाभ दिया जाएगा। सरकार के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती इनका एनरोलमेंट और वेरिफिकेशन है।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग से इस संबंध में दो दौर की चर्चा के बाद मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने और वोट देने की विधियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। उन्होंने आशा प्रकट की कि भारतीय पासपोर्ट धारक एक करोड़ प्रवासी भारतीय इस कानून से लाभान्वित होंगे।
दुनिया भर में रह रहे भारतवंशियों को आकर्षित करने और उनसे संपर्क बढ़ाने के मकसद से प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन 7 से 9 जनवरी तक दिल्ली में संपन्न होगा। इस बार 51 देशों से 1500 प्रतिनिधि भाग लेंगे। अभी तक 1300 प्रतिनिधियों का नामांकन हो चुका है। इनमंे शीर्ष उद्योगपतियांे के अलावा अर्थशाóी और वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इस सालाना जलसे में इस बार का सबसे बड़ा प्रतिनिधि जत्था अमेरिका और मलयेशिया से पहंुच रहा है। सम्मेलन के मुख्य अतिथि न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल सर आनंद सत्यानंद होंगे। इस सम्मेलन की मुख्य थीम पूर्वाेŸार राज्यों में निवेश की संभावनाओं पर गौर करने के साथ-साथ युवा अप्रवासी भारतीय प्रतिभाओं को देश के विकास की प्रक्रिया में जोड़ने की कोशिश करना है। सम्मेलन के दौरान इन दोनों थीमों पर बाकायदा चर्चा सत्र का आयोजन किया जाएगा।

दस स्थानांे पर सीबीआई के छापे

खेल घोटाले में चौथी प्राथमिकी दर्ज

नई दिल्ली (ब्यूरो)। राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी से लंबी पूछताछ के बाद आज तड़के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 ठिकानों पर छापेमारी की और इस मामले में चौथी एफआईआर दर्ज की। इस नई प्राथमिकी में आयोजन समिति के महानिदेशक वी.के.वर्मा का नाम है जिनके घर जांच एजेंसी के छापे पहले ही पड़ चुके हैं।
गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाडी से पूछताछ करने के एक दिन बाद यह छापे मारे गए हैं। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, चार कंपनियों को अधिक राशि का ठेका दिए जाने के सिलसिले में इस घोटाले से जुड़ी चौथी एफआईआर सीबीआई ने दर्ज की। इन ठेकों की कुल कीमत 600 करोड़ रूपये थी।
सूत्रों ने बताया कि आज सुबह सीबीआई ने छापा मारना शुरू किया और चार कंपनियों पर अपना ध्यान केंद्रित किया। ये कंपनियां इंटरनैशनल कंपनियों की भारतीय शाखाएं हैं। इन ठेके को विदेशी और भारतीय कंपनियों ने मिलकर पाया था। यद्यपि प्राथमिकी का ब्यौरा उपलब्ध नहीं हो पाया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि आयोजन समिति के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता की जांच की जा सकती है। ज्यादा रकम पर दिए गए ये ठेके पहले ही आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच में हैं।

मंहगाई के लिए सरकार पर ही बरसे चिदम्बरम

मंहगाई के लिए सरकार पर ही बरसे चिदम्बरम
नई दिल्ली (ब्यूरो)। पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदंबरम ने बुधवार को महंगाई के मुद्दे पर यूपीए सरकार पर जबर्दस्त तरीके से निशाना साधा। उन्हांेने, आगामी केंद्रीय बजट की शुरुआत करने वाले विŸा मंत्री प्रणव मुखर्जी को इशारों ही इशारों में यह सुझाव भी दे डाला कि महंगाई इतनी बढ़ गई है कि अब टैक्स लगाने की जरूरत नहीं है। बढ़ती महंगाई के रूप में आम आदमी एक तरह से टैक्स ही अदा कर रहा है।
यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने आए चिदंबरम ने पत्रकारों से कहा, निश्चित तौर पर महंगाई की दर, खासकर खाद्य उत्पादों की महंगाई की दर काफी ऊंची है। कीमतों में स्थिरता बनाए रखने का दायित्व हम पर यानी सरकार पर है। उन्हांेने कहा कि महंगाई दर में बढ़ोतरी से बुरा कोई टैक्स नहीं है। आपकी आमदनी का बड़ा हिस्सा तो महंगाई खा जाती है।
महंगाई रोकने में सरकार को परोक्ष रूप से नाकाम बताते हुए चिदंबरम ने कहा कि उन्हें पक्का विश्वास नहीं है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई की दर को नियंत्रित करने के लिए हमारे पास सभी तरह के उपाय हैं। हालांकिए उन्हांेने यह उम्मीद जरूरत जताई कि बाजार में डिमांड और सप्लाई का जो अंतर है कि वह ठीक हो जाएगा। काफी हद महंगाई नियंत्रण में आ जाएगी। सरकार अपने तरफ से इसको नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।

तेल की कीमतें बढ़ाने के मूड में नहीं है केंद्र

तेल की कीमतें बढ़ाने के मूड में नहीं है केंद्र
नई दिल्ली (ब्यूरो)। पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने अपनी बातों से पलटते हुए संकेत दिए कि सरकार फिलहाल डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने के मूड में नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में उन्हांेने कहा कि मैं भी इस बात को जानता हूं कि महंगाई की दर काफी ऊंचे स्तर पर चली गई है। हमें यह देखना है कि ऐसा कोई नीतिगत फैसला न किया जाएए जिससे महंगाई और बढ़ जाए। मौजूदा समय में हम सबका प्रयास है कि किसी भी तरह से महंगाई को कम किया जाए।
गौरतलब है कि मुरली देवड़ा ने दिसंबर के अंत में पुरजोर कोशिश की थी कि किसी तरह से उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह की बैठक हो जाए ताकि डीजल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी पर फैसला हो सके। मगर विŸा मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यह कहते हुए मंत्रियों की समूह की बैठक टाल दीए कि अभी इसके लिए सही वक्त नहीं है।
उधर तेल कंपनियों के आंकड़ों के अनुसार अगर कुछ समय के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों, डीजल और रसोई गैस की कीमतें नहीं बढ़ाई गई तो सालाना घाटा 80 से 90 हजार करोड़ रुपये तक जा सकता है। अगर कीमतें बढ़ा दी गई तो घाटा 60 से 70 हजार करोड़ रुपये तक सिमट कर रह सकता है।

वामदलों का आरोप

तृणमूल और माओवादियों में गठजोड़
नई दिल्ली (ब्यूरो)। तेलगु देशम पार्टी और जनता दल सेक्यूलर, सहित वाम मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में माओवादियों और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठजोड़ का आरोप लगाते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम को एक ज्ञापन सौंपा है। सीपीआईएम, के नेता सीताराम यचुरी ने चिदंबरम को ज्ञापन सौंपने के बाद बताया कि वाम मोर्चा और टीडीपी व जेडी एस, के प्रतिनिधियों के साथ हम लोगों ने गृहमंत्री के साथ मुलाकात कर वहां तृणमूल कांग्रेस और माओवादियों के बीच के गठजोड़ के निर्विवाद सबूतों की तरफ उनका ध्यान खींचा है।
यचुरी ने कहा कि इस ज्ञापन में हमने उनके एक लोकसभा सदस्य द्वारा प्रकाशित किताब से जुटाए गए साक्ष्यों की जानकारी दी है, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम घटना से पहले हुए विभिन्न बैठकों का जिक्र किया है। नंदीग्राम आंदोलन पर यचुरी ने कहा कि उस समय से उनका यह गठजोड तृणमूल कांग्रेस-माओवादी, अब तक जारी है और एक माओवादी नेता ने ग्राफिक की जानकारी देने के साथ ही भविष्य में काम करने की बात कही

एनसीसी को सशक्त बनाने की पहल

एनसीसी को सशक्त बनाने की पहल
नई दिल्ली (ब्यूरो)। केंद्र सरकार द्वारा शालेय और महाविद्यालय स्तर पर संचालित होने वाली राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) को सशक्त बनाने के लिए प्रयास आरंभ किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्रालय द्वारा एनसीसी, में न केवल 50 नई बटालियन खड़ी करने की तैयारी की जा रही है। बल्कि एनसीसी प्रशिक्षण को अधिक रोजगार मूलक और सामयिक बनाने की कवायद भी कर रहा है।
एनसीसी महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल आरके कारवाल के मुताबिक इस प्रस्ताव पर सरकार की मंजूरी के बाद मुख्यालय की एकए सेना की दस तथा वायुसेना व नौसेना की एक यूनिट खड़ी की जाएंगी। उन्होंने बताया कि अगले पांच सालों में एनसीसी कैडेटों में दो लाख की वृद्धि की जाएगी।
एनसीसी महानिदेशक के अनुसार रोजगार बाजार में एनसीसी कैडेट की बढ़ती मांग के मद्देनजर प्रशिक्षण कोर्स को अधिक सामयिक बनाने की भी कोशिश की जाएगी। साथ ही एनसीसी महानिदेशालय एडवेंचर और स्पोटर्स के अलावा अपने कैडेटों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव दिलाने के लिए यूथ एक्सचेंज कार्यक्रमों की संख्या बढ़ाने का प्रयास भी कर रही है।

उत्पादक राज्य को मिलेगी पचास फीसदी हिस्सेदारी

नई बिजली आवंटन नीति जारी

नई दिल्ली (ब्यूरो)। सरकारी स्वामित्व वाले नये ताप बिजली संयंत्रों द्वारा पैदा की जाने वाली बिजली का 50 फीसदी हिस्सा उस राज्य को मिलेगा जहां वह संयंत्र स्थित है। सरकार ने इस आशय की एक नयी नीति को गुरुवार को मंजूरी दी।
कैबिनेट की बैठक के बाद एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि 50 फीसदी बिजली उस राज्य को मिलेगी जहां बिजली संयंत्र है। 35 प्रतिशत बिजली क्षेत्र के अन्य हिस्सेदारों को मिलेगी। शेष 15 प्रतिशत बिजली केन्द्र सरकार के कब्जे में होगीए जिसका आवंटन नहीं किया गया है।
यह प्रस्ताव 14 परियोजनाओं से जुड़ा है। एनटीपीसी और अन्य केन्द्रीय उपक्रमों के ताप बिजली की ये परियोजनाएं 12वीं और 13वीं योजना के दौरान तैयार होंगी। नयी नीति से पहले बिजली आवंटन का गाडगिल फार्मूला अपनाया जाता थाए जिसके तहत दस प्रतिशत बिजली उस राज्य को मिलती थीए जहां संयंत्र है। संबद्ध हिस्सेदारों या राज्यों के लिए 75 प्रतिशत बिजली सुरक्षित रहती थी जबकि शेष केन्द्र के पास रहती थी।

अनेक मंत्रियों को साईज में लाने पर विचार कर हरा है आलाकमान

मंत्रियों के पर कतरने की तैयारी में सोनिया

अर्जुन को साध कर ही रखेगी कांग्रेस

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मकर संक्रांति के बाद कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी द्वारा सत्ता और संगठन की लगाम कसने की कवायद की जाएगी। इस फेरबदल में लाल बत्ती की मलाई खाने वाले अनेक कांग्रेसी नेताओं के पर कतरकर उन्हें संगठन की जवाबदारी सौंपी जा सकती है, वहीं बेहतर परफार्मेंस वाले मंत्रियों को पदोन्नति या संगठन में महत्वपूर्ण काम सौंपा जा सकता है।

कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने अपनी टीम की रूपरेखा पर अपने राजनैतिक सचिव अहमद पटेल, महासचिव द्वय राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह से अनेक चरणों में रायशुमारी पूरी कर ली है। सोनिया को पूस माह के समाप्त होने का इंतजार है।

सूत्रों का कहना है कि सोनिया की मंशा भांपकर केंद्रीय मंत्रियों अंबिका सोनी, सी.पी.जोशी, जयपाल रेड्डी, वी.नारायण सामी, आनंद शर्मा, जतिन प्रसाद सहित गिरिजा व्यास, मुकुट मिथि, लालथनवाला, आदि ने सोनिया की टीम में काम करने अपनी अपनी सहमति जता दी है।

माना जा रहा है कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मांटेक सिंह अहलूवालिया द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपी गई मंत्रियों की परफारमेंस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार में मंत्रियों के विभागों का नए सिरे से बटवारा होगा। कांग्रेस के महाधिवेशन में एकाएक उभरकर सामने आए युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया को या तो सरकार में ही पदोन्नति दी जाएगी या फिर संगठन में महत्वपूर्ण जवाबदारी दी जा सकती है। मध्य प्रदेश कोटे से चार मंत्रियों में से एक मंत्री की पदावनति के संकेत भी सूत्रों द्वारा दिए गए हैं। इसके साथ ही साथ कानून मंत्री वीरप्पा मोईली से भी प्रधानमंत्री खासे नाराज बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाकर संगठन में महत्वपूर्ण काम सौंपा जा सकता है। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि देश के कानून मंत्री की कुर्सी पर डॉ.मनमोहन सिंह एक बार फिर हंसराज भारद्वाज को देखने को आतुर हैं।

बीसवीं सदी के अंतिम दशकों में कांग्रेस की राजनीति के चाणक्य रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंवर अर्जुन सिंह जिन्हें 2009 में हाशिए पर ढकेल दिया गया था, की सुध भी कांग्रेस लेने जा रही है। जहर बुझे तीर चलाने में महारथ हासिल रखने वाले सिंह को कांग्रेस अपनी कार्यसमिति में सम्मानित सदस्य के तौर पर रखकर उन्हें व्यस्त रखने के लिए महती जवाबदारी देने पर गंभीरता से विचार कर रही है।