रविवार, 1 अप्रैल 2012

ममता के गढ़ में लगा दी कांग्रेस ने सेंध!


ममता के गढ़ में लगा दी कांग्रेस ने सेंध!

त्रणमूल के अनेक सांसद हैं मुकुल की ताजपोशी से नाराज


(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। पढ़े लिखे रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को हटाकर इंटर पास मुकुल राय को उनके स्थान पर देश का नया रेल मंत्री बनाकर कांग्रेस को पटखनी दे दी हो पर कांग्रेस ने भी इसी तीर से त्रणमूल कुनबे में हंगामा बरपा दिया है। मुकुल राय के रेल मंत्री बनते ही त्रणमूल कांग्रेस के अंदर विद्रोह के स्वर तेज होते जा रहे हैं, जिनसे निपटना ममता बनर्जी के लिए काफी हद तक परेशानी पैदा करने वाला हो सकता है।
त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों का कहना है कि अपनी जिद के चलते ममता बनर्जी ने दिनेश त्रिवेदी को बड़े ही गंदे तरीके से सत्ता के बाहर का रास्ता तो दिखा दिया है पर अब उनके स्थान पर मुकुल राय की ताजपोशी से त्रणमूल की बासी कढी में उबाल आ रहा है, जिसे रोकने में ममता की पेशानी पर पसीने की बूंदे छलकती साफ दिख रही है। त्रणमूल के अधिकांश सांसद मुकुल राय के रेल मंत्री बनने से खफा ही नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि ममता के करीबी रतन मुखर्जी से जब कहा गया कि वे अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए मुकुल राय से संपर्क करें तो उन्होने कुछ समय पहले ही त्यागपत्र देने की धमकी दी थी। सूत्रों की मानें तो मुखर्जी ने ममता को साफ कह दिया था कि वे ममता के एपीएस हैं मुकुल राय के नहीं।
सूत्रों का कहना है कि ममता को बता दिया गया है कि सौगत राय और सुदीप बंदोपाध्याय जैसे दिग्गज भी मुकुल से प्रसन्न नहीं हैं। इसके साथ ही साथ इस बात पर भी संदेह ही जताया जा रहा है कि ममता के वफादारों को मुकुल राय के दरबार में स्थान मिल सके। कहते हैं त्रणमूल के एक सांसद सोमेन मित्रा ने मुकुल राय के जहाजरानी मंत्री रहते कोलकता बंदरगाह पर हुए भ्रष्टाचार के मामले में भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
इधर, कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो ममता बनर्जी के कुनबे में तोड़
फोड़ मचाने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रबंधकों राजीव शुक्ल, प्रणव मुखर्जी, कमल नाथ आदि को पाबंद कर दिया है। राजीव शुक्ल का फ्लोर मैनेजमेंट लाज़वाब है तो प्रणव दा खुद पश्चिम बंगाल से हैं तथा कमल नाथ का रसूख भी पश्चिम बंगाल में अच्छा खासा है साथ ही सौगत राय से उनके संबंध काफी उम्दा बताए जाते हैं। अब यह तिकड़ी मिलकर त्रणमूल के नाराज सांसदों को साधने के काम में लग गए हैं। त्रणमूल के अंदर मचे घमासान को कांग्रेस हवा देने का काम कर रही है।