बुधवार, 28 दिसंबर 2011

पंडित जी को एमपी तक समेटने की तैयारी


पंडित जी को एमपी तक समेटने की तैयारी



कर्मभूमि को भूलते शिवराज

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। राष्ट्र के भाल पर प्रदेश के प्रतीक पुरूष रहे पूर्व राष्ट्रपति डॉ.शंकर दयाल शर्मा को मध्य प्रदेश तक सीमित रखने का ताना बाना बुना जाने लगा है। डॉ.शर्मा के समाधि स्थल कर्मभूमि पर मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान माथा नवाने शायद ही कभी गए हों। इतना ही नहीं दिल्ली में सक्रिय प्रदेश के क्षत्रप भी 26 दिसंबर को उनके समाधि स्थल पर जाना अपनी शान के प्रतिकूल ही समझते हैं।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत के 9वें राष्ट्रपति डा0 शंकर दयाल शर्मा की 12वीं पुण्य तिथि पर 26 दिसंबर को सुबह उनकी समाधि कर्मभूमि में सर्वधर्म एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी, और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों ने स्वर्गीय डा0 शंकर दयाल शर्मा की समाधि पर पुष्प अर्पित किये तथा प्रार्थना सभा में भाग लिया। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से जनसंपर्क एवं संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आगंतुकों की आगवानी की तथा डा. शर्मा की समाधि पर पुष्प अर्पित किये। राष्ट्रपति डा. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की ओर से भी पुष्प चक्र अर्पित किया गया।
इस अवसर पर डा0 शंकर दयाल शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती विमला शर्मा, पुत्र श्री आशुतोष दयाल शर्मा एवं परिवार के अन्य सदस्य, पूर्व विधायक श्री रामनारायण तेनगुरिया, मध्यप्रदेश शासन की दिल्ली स्थित आवासीय आयुक्त श्रीमती लवलीन कक्कड़ और विशेष आयुक्त अनिल जैन भी मौजूद थे। एक घंटे तक चले इस कार्यक्रम में भजन गायन चलता रहा।
यहां उल्लेखनीय होगा कि दिल्ली में मध्य प्रदेश के 29 लोकसभा और 11 राज्य सभा सदस्य हैं। इनमें से केंद्रीय मंत्री कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी केंद्र में मंत्री हैं। ये सारे नेता भी शंकर दयाल शर्मा को श्रृद्धांजली देने नहीं पहुंचे। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह, उमा श्री भारती ने भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज भी कर्मभूमि पर जाने का समय नहीं निकाल पाईं। गौरतलब है कि लोकपाल मामले में संसद का सत्र तीन दिन बढ़ाए जाने से सारे सांसद भी 26 दिसंबर को दिल्ली में ही थे।
उधर, दूसरी ओर पार्टी एवं अपने निजी प्रोग्राम में शिरकत करने जब भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली आते हैं तब वे किसी न किसी मंत्री से मिलने का मसला तय कर लेते हैं। 26 दिसंबर को हर बार की तरह इस बार भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में ही अपनी व्यस्तताएं रखीं। लगने लगा है कि मध्य प्रदेश के कांग्रेस और भाजपा के क्षत्रप मिलकर डॉ.शंकर दयाल शर्मा को मध्य प्रदेश तक ही सीमित रखने का षणयंत्र रच रहे हैं।

साठ फीसदी अनुसूचित जनजाति रहती है संयंत्र क्षेत्र में


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 41

साठ फीसदी अनुसूचित जनजाति रहती है संयंत्र क्षेत्र में

पचास फीसदी भी नहीं है साक्षरता दर!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। सुप्रसिद्ध उद्योगपति गौतम थापर के स्वमित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं सूची में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में लगने वाले कोल आधारित पावर प्लांट के बफर क्षेत्र में साठ फीसदी से अधिक तादाद में अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते हैं।
अनुसूचित जाति बाहुल्य इस क्षेत्र में साक्षरता की दर भी काफी कम है। जनगणना 2011 के अनुसार मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के अध्ययन क्षेत्र की कुल जनसंख्या संयंत्र के दस किलोमीटर बफर जोन की परिधि में 49 हजार 32 है। इसमें कुल पारिवारिक इकाईयों की तादाद 9468 बताई गई है।
इस बफर जोन में अनुसूचित जाति का प्रतिशत 6.98 फीसदी और जनजाति का 60.74 फीसदी है। मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड ने अपने कार्यकारी सारांश में इस क्षेत्र की साक्षरता दर 48.40 दर्शाई गई है। बताया जाता है कि यहां साक्षरता दर इससे काफी कम है। संयंत्र प्रबंधन ने इस क्षेत्र में सामाजिक जिम्मेदारी सीएसआरके लिए कुल पांच साल में कुल एक करोड़ रूपए व्यय करने की बात कही गई है।
संयंत्र के लिए लोकसुनवाई 2009 में संपन्न हुई उसके उपरांत अब तक संयंत्र प्रबंधन द्वारा इस मद में क्या कार्यवाही की गई है इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है। क्षेत्र के लोग दावे से इस बात को कह रहे हैं कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा पिछले दो सालों में प्राईमरी, माध्यमिक, हाई या हायर सेकंड्री स्तर पर कोई भी पहल नहीं की गई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर भी गौतम थापर या संयंत्र प्रबध्ंान से यह पूछने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं कि आखिर संयंत्र प्रबंधन इस मामले में मौन क्यों है?

(क्रमशः जारी)

सेवकों को हाकिम बना दिया मनमोहन ने


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 63

सेवकों को हाकिम बना दिया मनमोहन ने

जनता के सेवक हो गए हैं हुक्मरान!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्रीमति इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने निश्चित तौर पर इक्कीसवीं सदी के एसे भारत देश की कल्पना तो कतई नहीं की होगी जैसा कि वर्तमान में दिख रहा है। बेलगाम व्यवस्थाएं, अनादार, कदाचार, भष्टाचार देश पर जमकर हावी है। गणतंत्र के न जाने कितने टुकड़े होकर बिखर गए हैं। जनता की सेवा का कौल लेने वाले जनसेवक आज देश के हाकिम बन बैठे हैं।
यह सारी व्यवस्थाओं में तब्दीली एक दिन में नहीं वरन् धीरे धीरे ही आई है। कहते हैं कि अगर घर का मुखिया ही कमजोर हो जाए तो घर का हर सदस्य उच्चश्रंखल और निष्क्रीय हो जाता है। गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म के उपर रखने वाले कथित ईमानदार छवि के धनी वजीरे आजम डॉक्टर मनमोहन सिंह बतौर प्रधानमंत्री सब कुछ गफलतें सामने से देखते रहे और मौन साधे रहे। देश को लुटता देखने उनकी क्या मजबूरी थी यह तो वे ही जाने पर क्या यह सब उचित था?
वजीरे आजम अर्थशास्त्री कहे जाते हैं बावजूद इसके देश में मंहगाई कचहरी की तारीख पर तारीख देने के बाद भी नहीं रोकी जा सकी। लोग तो अब प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर ही शक करने लगे हैं। अब प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह को ईमानदार प्रधानमंत्री के बजाए भ्रष्टाचार का ईमानदार संरक्षक ज्यादा मानने लगे हैं।

(क्रमशः जारी)

. . . मतलब महाकौशल का विकास नहीं चाहते क्षत्रप!


0 महाकौशल प्रांत का सपना . . . 20 (समापन किस्त)

. . . मतलब महाकौशल का विकास नहीं चाहते क्षत्रप!

अब सारा दारोमदार, कांग्रेस भाजपा के क्षत्रपों पर

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के सच्चे हृदय प्रदेश महाकौशल प्रांत में सशक्त राजनैतिक नेतृत्व होने के बाद भी संयुक्त और प्रथक मध्य प्रदेश में भी इस क्षेत्र के विकास के मार्ग न खुल पाना निश्चित तौर पर राजनैतिक नेतृत्व को नपुंसक रेखांकित करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है। केंद्र में मंत्री कमल नाथ, भाजपा के क्षत्रप प्रहलाद पटेल, फग्गन ंिसह कुलस्ते जैसे दिग्गजों के बाद भी महाकौशल अगर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है तो निश्चित तौर पर इसका यही मतलब निकाला जा सकता है कि ये क्षत्रप इस क्षेत्र से जनादेश लेकर केंद्र में राजनीति तो करना चाहते हैं पर जब अपनी कर्मभूमि के विकास की बात आती है तो ये मौन साध लेते हैं।
इसी तरह मध्य प्रदेश में राजनैतिक बिसात पर अपनी माहिर चालें चलने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर के साथ ही साथ अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष और मध्य प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर नीखरा, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन ंिसह कुलस्ते के अलावा मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी के साथ ही साथ जनता दल यूनाईटेड के संयोजक शरद यादव, हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह, पूर्व मंत्री सत्येंद्र पाठक, दीपक सक्सेना, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष विश्वनाथ दुबे, प्रवक्ता कल्याणी पांडे, श्रीमति नेहा सिंह, रेखा बिसेन, पुष्पा बिसेन, दयाल सिंह तुमराची गौरी शंकर बिसेन, अजय बिश्नोई, देवी सिंह सैयाम, नाना माहोड़ेत्र डॉ.ढाल सिंह बिसेन, चौधरी चंद्रभान सिंह, महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष अनुसुईया उईके, विनोद गोटिया, राकेश सिंह और न जाने कितने नेताओं ने महाकौशल का पानी पीकर यहीं की माटी को अपनी कर्मभूमि बनया है।
अब तक महाकौशल अगर पिछड़ा रहा है तो इसके लिए निश्चित तौर पर सभी दलों के नेता ही जवाबदार माने जा सकते हैं, क्योंकि इनकी राजनैतिक इच्छा शक्ति महाकौशल क्षेत्र के विकास के प्रति कभी दिखाई ही नहीं पड़ी। केंद्र में सदा प्रतिनिधित्व पाने वाला महाकौशल औद्योगिक तौर पर भी आत्मनिर्भर नहीं है। आज आलम यह है कि भारतीय रेल की नजरों में भी इसे उपेक्षित ही रखा हुआ है। उच्च न्यायायल के होने के कारण बिलासुपर से नई दिल्ली के लिए राजधानी एक्सप्रेस रेलगाड़ी की सुविधा है किन्तु उच्च न्यायालय होने के बाद भी राजधानी एक्सप्रेस आज भी जबलपुर के लिए सपना है। मध्य प्रदेश से रेल मंत्री के पद पर स्व.माधवराव सिंधिया विराजे और उन्होंने ग्वालियर को चमन बना दिया। कितने दुर्भाग्य की बात है कि आज तक मध्य प्रदेश की झोली में एक भी राजधानी एक्सप्रेस नहीं आ पाई है। कद्दावर नेता कमल नाथ ने अपने संसदीय क्षेत्र में बड़ी रेल लाईन का जाल बिछाना आरंभ कर दिया है। उनसे ही उम्मीद की जा सकती है कि वे नई दिल्ली से बरास्ता भोपाल होकर छिंदवाड़ा जाने के लिए एक राजधानी एक्सप्रेस को चलाने की दिशा में प्रयास कर लें ताकि मध्य प्रदेश के माथे से कम से कम राजधानी एक्सप्रेस न होने का कलंक तो धोया जा सके। रही बात विमान सुविधा की तो विमान सुविधाओं के मामले में अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश काफी हद तक पिछड़ा हुआ है।

(समाप्त)

देश भर में ठंड ने दिखाया अपना असर


देश भर में ठंड ने दिखाया अपना असर



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली सहित समूचे देश भर में ठण्ड का कहर रूकने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय प्रशासन के पर्याप्त प्रबंध न हो पाने से गरीब गुरबे ठण्ड में ठिठुरने पर मजबूर हैं। शीतलहर के जबर्दस्त प्रकोप के बावजूद भी देश के कुछ प्रदेशों में शिक्षण संस्थाओं में अब तक अवकाश घोषित नहीं किया गया है।
देश के हृदय प्रदेश की राजधानी भोपाल से साई संवाददाता अंशुल गुप्ता ने बताया कि प्रदेश का ठण्ड से बुरा हाल है। आने वाले छत्तीस घंटों के दौरान प्रदेश के ग्वालियर, चम्बल, रीवा और शहडोल संभागों के क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहने की संभावना व्यक्त की गई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में इस दौरान मौसम मुख्यतः शुष्क रहने का अनुमान है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के रीवा, शहडोल और सागर संभाग में कहीं-कहीं शीतलहर का प्रकाप रहा। इस अवधि में प्रदेश का मौसम शुष्क रहा है। राजधानी भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में आने वाले चौबीस घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
उधर जयपुर से साई संवाददाता मीनल कुंजामने बताया कि प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में शीतलहर जारी रहने से आज भी सामान्य जनजीवन के साथ ही रेल और सड़क यातायात पर असर पड़ा। श्रीगंगानगर आज प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान एक दशमलव चार डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा चूरू में एक दशमलव आठ, पिलानी में दो दशमलव सात, भरतपुर में तीन दशमलव सात, सवाईमाधोपुर में साढे पांच, वनस्थली में पांच दशमलव आठ और जैसलमेर में छः डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजधानी जयपुर में कल रात का तापमान साढे सात डिग्री रहा। सीकर में भी लोगों को कंपकपाती सर्दी का सामना करना पड़ रहा है। साई संवाददाता के अनुसार पिछले चार दिनों से जारी शीतलहर के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नागौर, धौलपुर, झालावाड़, चूरु सहित कई अन्य स्थानों से हमारें संवाददाताओं ने तेज सर्दी के कारण आम जीवन प्रभावित होने की खबरें दी है। प्रदेश के एक मात्र पर्वतीय स्थल माउंट आबू में तापमान शून्य से दशमलव छः डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
पोर्ट ब्लेयर से साई संवाददाता हामिद हुसैन ने बताया है कि बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी मे चक्रवातीय तूफान थाने के केन्द्रित होने से द्वीप समूह के विभिन्न भागों में पिछले चौबीस घंटों के दौरान रूक-रूक कर वर्षा हुई है। मौसम कार्यालय के अनुमान में बताया गया है कि अगले चौबीस घंटों के दौरान भी मौसम खराब रहेगा। इस दौरान पैतालीस से पचपन किलोमीटर की सफ्तार से दक्षिण पूर्व और दक्षिणी हवाएॅ चलेंगी। समुद्र बहुत अशांत रहेगा। मछुवारों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।  इस बीच पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह पर खतरे का संकेत नम्बर तीन लगा दिया गया है।  

व्हिसल ब्लोअर्स संरक्षण विधेयक पारित


व्हिसल ब्लोअर्स संरक्षण विधेयक पारित



(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। लोकसभा ने कल रात व्हिसल ब्लोअर्स संरक्षण विधेयक २०११ पारित कर दिया। यह विधेयक मंत्रियों सहित जनसेवकों द्वारा भ्रष्टाचार या जान बूझकर पद का दुरूपयोग किए जाने की सूचना देने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें सुरक्षा देने का तंत्र बनाने की मांग करता है।
लोकसभा के सूत्रों ने बताया कि इस विधेयक में भ्रष्टाचार या अधिकारों का जानबूझकर दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों की शिकायत करने वालों को पुख्ता सुरक्षा देने की भी बात कही गई है। ऐसे मामलों को उजागर करने वालों को उचित सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही गई है वहीं इसमें झूठी या बेवजह शिकायतें करने वालों को उचित सजा देने की भी बात शामिल है।
संसदीय समिति की कुछ प्रमुख सिफारिशें स्वीकार करते हुए सरकार ने कुछ संशोधनों का प्रस्ताव रखा है। इन संशोधनों को हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई थी। इनमें से एक सिफारिश इस विधेयक का नाम बदलने से संबद्ध भी है। कैबिनेट द्वारा मंजूर एक प्रमुख संशोधन के तहत मंत्रियों, सांसदों, रक्षा सेवाओं, खुफिया एजेंसियों, बैंक अधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को इस विधेयक के दायरे में रखा गया है।

चुनावों की गाईड लाईन जारी की आयोग ने


चुनावों की गाईड लाईन जारी की आयोग ने



(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। चुनावों को पारदर्शी बनाने की कवायद में निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर कहा है कि पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान धन के लेनदेन से बचें तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़ी धनराशि साथ लेकर न चलने का निर्देश दें।
आयोग ने उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इस आशय का पत्र लिखा है। आयोग ने चुनावों को स्वतंत्र तथा पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को यह सलाह दी है। आयोग ने उम्मीदवारों को चुनावी खर्चे के लिए अलग से बैंक खाता खोलने की सलाह भी दी है।

सजने लगी है उत्तराखण्ड में राजनैतिक बिसात


सजने लगी है उत्तराखण्ड में राजनैतिक बिसात



(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित होते ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। प्रदेष के दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची अगले सप्ताह जारी होने की उम्मीद है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेष प्रभारी थावर चन्द गहलौत ने आज देहरादून में पत्रकारों को बताया कि अगले महीने की दस तारीख तक उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी जाएगी, जिसमंे स्वच्छ छवि वाले प्रत्याषियों को तरजीह दी जाएगी।
उन्होंने कुछ मौजूदा विधायकों के फिर से उम्मीदवार  बनाए जाने के साथ ही सरकार मंे निर्दलीय और अन्य दलों के नेताओं को प्रत्याषी बनाए जाने की सम्भावना से इनकार नहीं किया है। इससे पूर्व पार्टी की स्टार प्रचारक सुषमा स्वराज ने कल देहरादून में सैनिक प्रकोष्ठ के सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि कांग्रेस से हिसाब-किताब बराबर करने का वक्त आ गया है। उधर, कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी पहले ही देहरादून में रैली को संबोधित करने के साथ ही पार्टी के चुनाव प्रचार का शुभारम्भ कर चुके हैं। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी ने भी नौ और सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है।
उधर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने कहा है कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम में दिये गये प्राविधानों के अनुसार मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के पश्चात नामांकन के लिए निर्धारित अंतिम तिथि तक इस सूची में नाम शामिल करने के साथ ही संशोधित या हटाए जा सकते हैं। उन्होंने देहरादून में बताया कि नियमानुसार इस संबंध में दावे अथवा आपत्ति की
सुनवाई के लिए एक सप्ताह का समय निर्धारित है। मुख्य निवार्चन अधिकारी ने बताया कि आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के पश्चात नामांकन की अंतिम तिथि से आठ दिन पूर्व तक प्राप्त दावें अथवा आपत्तियों का संबंधित ईआरओ द्वारा नियमानुसार निस्तारण किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राज्य की सत्तर विधानसभा सीटों के लिए नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि बारह जनवरी है। जबकि, दो जनवरी को फोटोयुक्त विधान सभा निर्वाचक नामावलियों का एक जनवरी की अर्हता तिथि के आधार पर अंतिम प्रकासन किया जायेगा।
प्रशासन ने चुनावों के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां आरंभ कर दी हैं। विधानसभा चुनाव के लिए टिहरी जिले की छह विधानसभा क्षेत्रों को उन्नीस जोन और तेरह सैक्टरों में बांटा गया है, जिनमें आठ सौ छह पोलिंग बूथ होंगे।  जिला निर्वाचन अधिकारी एसए मुरुगेषन ने विधानसभा चुनाव में तैनात जोनल व सैक्टर मजिस्टेªटों को अपने क्षेत्र में पोलिंग बूथ की स्थिति व पेयजल और विद्युत जैसी तमाम जरूरी सुविधाओं की सूचना तीन दिन के अन्दर निर्धारित प्रपत्र पर देने के निर्देष दिए हैं। उन्होंने बताया कि मतदान स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराने के लिए पुख्ता तैयारियां करने निर्देष संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। इसके अलावा सभी जोनल व सैक्टर मजिस्टेªटों को मतदाताओं से वार्ता कर सेक्टर मजिस्टेªट रिटर्निंग ऑफीसर के माध्यम से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है।
पुलिस अधीक्षक राजीव स्वरूप ने कहा कि निर्वाचन के दौरान पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती के साथ ही संचार की समस्या वाले क्षेत्रों में वायरलैस संचार व्यवस्था सुनिष्चित की जाएगी। निगरानी टीम  अल्मोड़ा मंे आगामी विधान सभा सामान्य निर्वाचन के सफल संचालन के लिए जिले के प्रत्येक पुलिस स्टेषन के अधीन स्थायी निगरानी टीमों का गठन किया गया है। यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी डीएस गर्ब्याल ने बताया कि प्रत्येक रिर्टनिंग ऑफिसर को स्थायी निगरानी टीमों का प्रभारी अधिकारी नियुक्ति किया गया है। उन्होंने बताया कि स्थाई निगरानी टीमों के लिए पुलिस बल की तैनाती पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा द्वारा की जायेगी और सम्बन्धित रिर्टनिंग आफिसर को पुलिस बल उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि उप
जिलाधिकारियों को निर्देष दिये गये है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू करते हुए उसका सख्ती से अनुपालन कराना सुनिष्चित करें। जिला निर्वाचन अधिकारी ने पॉलीथीन के प्रयोग पर विषेष सख्ती बरतने के निर्देष दिए हैं। इसके अलावा आदर्ष आचार संहिता के तहत मंत्रियों द्वारा निर्वाचन कार्य हेतु शासकीय वाहन का प्रयोग प्रतिबन्धित रहेगा। उन्होंने राज्य कर्मचारियों के चुनाव प्रचार कार्यक्रम में सहयोग को पूरी तरह प्रतिबन्धित बताते हुए कहा है कि मंत्रियों के निजी स्टाफ का उपयोग मात्र शासकीय दायित्वों के निर्वहन में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आदर्ष आचार संहिता के सम्बन्ध में विस्तृत दिषा निर्देष सभी रिर्टनिंग आफिसर, प्रभारी  अधिकारी, नोडल अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को दिये गये हैं। 

खेती किसानी को लोकप्रिय बनाने कदम उठाएं: सिंह


खेती किसानी को लोकप्रिय बनाने कदम उठाएं: सिंह

(पवन कुमार)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। जाने माने कृषि वैज्ञानिक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर पंजाब सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से अपील की है कि वे देश में समन्वित कृषि प्रणाली को लोकप्रिय बनाने के लिए नए कदम उठाए। पोर्ट ब्लेयर के कारी परिसर में कल आयोजित तीन दिवसीय समूह बैठक के उद्घाटन अवसर पर उन्होने कहा कि सभी वैज्ञानिक अपने नवीनतम विचारों के साथ समन्वित कृषि प्रणाली को मज़बूती प्रदान करें। उन्होने कहा कि द्वीपों में समन्वित कृषि प्रणाली की अनुकुल संभावनाए है और आधुनिक तकनिक का प्रयोग करते हुए मुर्गी पालन, बागवानी और मत्स्यकीय मे बेहतर नतीजे लाए जा सकते है।
बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि आई.सी.ए.आर. की ओर से पूरे देश में समन्वित कृषि प्रणाली को मिशन मोड पर चलाया जा रहा है। कारी के निदेशक डॉ. अम्बास्ट ने कहा कि इस प्रणाली को अपनाकर किसान कामयाबी हासिल कर सकते है। तीन दिवसीय बैठक का आयोजन कृषि प्रणाली परियोजना अनुसंधान निदेशालय की ओर से किया गया है। इसमें  देश के विभिन्न भागों के कृषि वैज्ञानिक भाग ले रहे है।

चिकित्सकों की हड़ताल समाप्त


चिकित्सकों की हड़ताल समाप्त

(रश्मि कुलश्रेष्ठ)

जयपुर (साई)। राजस्थान में रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। उन्होंने आज से काम पर लौटने का फैसला किया है। लेकिन इन सर्विस डॉक्टरों की हड़ताल आज आठवें दिन भी जारी है। जयपुर में कल आधी रात को रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के नेताओं की स्वास्थ्य मंत्री ए ए खान की बैठक के बाद हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की गई।
तीन हजार से अधिक रेजीडेंट डॉक्टरों के काम पर लौटने के बाद मेडिकल कॉलेजों और इससे जुड़े अस्पतालों में स्थिति सुधरने की आशा है। सरकार के कड़े रुख से पांच सौ से अधिक हड़ताली डॉक्टर कल काम पर लौट आए। अब तक राजस्थान अनिर्वाय सेवा अनुरक्षण विधेयक के अंतर्गत लगभग पांच सौ डॉक्टरों को गिरतार किया गया है और ६५ को निलंबित किया गया है। 

साई के डीजी अण्डमान प्रवास पर


साई के डीजी अण्डमान प्रवास पर

(अंशुल सिंह)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक देश दीपक वर्मा द्वीप समूह के चार दिवसीय दौरे पर कल पोर्ट ब्लेयर पहुंचे। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों और खेल संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में खेल प्राधिकरण से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया। खेल सामग्री की किल्लत झेल रहे जलक्रीड़ा और साईक्लिंग के प्रशिक्षणार्थियों की स्थिति की अेार ध्यान आकृष्ट करने पर उन्होंने कहा कि उपकरण खरीदने की प्रक्रिया जारी है और बहुत जल्द ये सामान उपलब्ध करा दिये जाएंगे। श्री वर्मा ने बताया कि कार निकोबार में साई का केंद्र खोलें जाने की योजना है। बैठक में खेल विभाग की ओर से एथेलिटिक्स, वालीबॉल, बेडमिंटन, हॉकी और तैराकी के प्रशिक्षण के लिये कोच की सेवाएं उपलब्ध कराने की मांग रखी गई। 

संजीवनी एक्सप्रेस योजना 26 से


संजीवनी एक्सप्रेस योजना 26 से

(प्रिंस कुमार)

रायपुर (साई)। एक सौ आठ संजीवनी एक्सप्रेस की सेवाएं आगामी छब्बीस जनवरी से प्रदेश के सभी जिलों में शुरू हो जायेंगी। इसी कड़ी में आज से दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में भी संजीवनी एक्सप्रेस सेवा शुरू हो गई है। इसका शुभारंभ आज मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने अपने बस्तर प्रवास के दौरान किया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल भी मौजूद थे।
इस आपातकालीन चिकित्सा सेवा के तहत् दंतेवाड़ा को सात और बीजापुर जिले को चार एम्बुलेंस उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कल वनमंत्री श्री विक्रम उसेंडी ने कांकेर जिले में संजीवनी एक्सप्रेस सेवा का शुभारंभ किया था। दंतेवाड़ा और बीजापुर को मिलाकर अब प्रदेश के चौदह जिले संजीवनी एक्सप्रेस सेवा से जुड़ गए हैं। 

कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की घोषणा नए साल में


कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की घोषणा नए साल में

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। कांग्रेस के लंबित छह जिलाध्यक्षों व नवगठित जिलों में अध्यक्षों के लिए कवायद तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल संभावित नामों की सूची केंद्रीय नेताओं को सौंप चुके है। नए साल के पहले हफ्ते में नामों की घोषणा किए जाने संभावना है। स्थानीय स्तर पर जिलों में पद के लिए घमासान शुरू हो गया है। वहीं पुराने जिलों में नियुक्ति में देर होने के कारण कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई है। संगठन खेमे के  पदाधिकारियों को तवज्जो नहीं दिए जाने के कारण आक्रोश उभरकर सामने आया है। इससे कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल ने अप्रैल में पदभर ग्रहण करने के बाद संगठन स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। नई कार्यकारिणी की घोषणा के बाद पेंडिंग महत्वपूर्ण जिलों रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद सहित सभी जिलों में जोरआजमाइश तेज कर दिया गया है। पटेल दिल्ली में प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद को लंबित जिलों के अलावा नवगठित जिलों के लिए भी संभावित दावेदारों की सूची सौंप चुके हैं।
उधर, संगठन व जोगी खेमे में पद के लिए जोर आजमाइश तेज कर दी गई है। जोगी ने इन जिलों के लिए अपने नाम सुझाए हैं। वहीं पूर्व में घोषित जिलाध्यक्षों के लिए जोगी खेमे का दबदबा रहा है। इस बार भी अध्यक्ष पद के लिए नाम आगे बढ़ाए गए हैं। उधर, संगठन खेमे के पदाधिकारी तवज्जों नहीं मिलने से मायूसी उभरकर सामने आई है। इन स्थानों पर पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं में एक तरह का आक्रोश देखा जा रहा है। नेता कार्यकर्ता पद को लेकर उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।पुराने दृ नए जिलों के लिए दावेदारों ने जोर आजमाइश तेज कर दी है। मुंगेली, बेमेतरा, गरियाबंद, सुकमा, बीजापुर, सुरजपुर, बलौदाबाजार जिलाध्यक्ष के लिए दावेदार सक्रिय हो गए हैं। पार्टी के नेताओं से सिफारिश के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

शहरी गरीबों के लिए 60 हजार मकानों के निर्माण का रास्ता साफ


शहरी गरीबों के लिए 60 हजार मकानों के निर्माण का रास्ता साफ

(अंशुल गुप्ता)

भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की बैठक में एकीकृत आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम तथा बेसिक सर्विसेज फार अर्बन पूअर के अन्तर्गत 387 करोड़ 40 लाख रुपये की शासकीय प्रत्याभूति उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही अब शहरी गरीबों के लिये 60 हजार आवासों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय नवीनीकरण मिशन के अन्तर्गत एकीकृत आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम तथा बेसिक सर्विसेज फार अर्बन पूअर में मध्यप्रदेश में शहरी गरीबों के लिए 60 हजार आवासीय इकाइयाँ निर्मित की जा रही हैैं। इनके मूल्य में हुई वृद्धि की प्रतिपूर्ति न होने के कारण इन मकानों का निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा था। इस बाधा को दूर करने के लिये गरीबों के हित में मंत्रि-परिषद ने नगरीय निकायों को हुडको से लिये जा रहे ऋण के विरुद्ध यह प्रत्याभूति उपलब्ध करवाने का फैसला लिया।
उल्लेखनीय है कि इन आवासों के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा भूमि निःशुल्क आवंटित की गई है। केन्द्र शासन द्वारा मध्यप्रदेश सरकार को शहरी गरीबों के लिये उत्कृष्ट कार्य करने के फलस्वरूप पिछले वर्ष पारितोषिक भी प्रदान किया गया।
0 इन्दौर में जमीन
मंत्रि-परिषद ने इन्दौर की सुपर कारिडोर में स्थित जमीन में से 100-100 एकड़ जमीन इन्फोसिस और टीसीएस को आवंटित करने के लिये सूचना प्रौद्योगिक विभाग को प्रदान करने की सैद्धांतिक सहमति दी। यह जमीन 20 लाख प्रति एकड़ की दर से आवंटित की जाएगी। सूचना प्रौद्योगिकी नीति के तहत इन दोनों कम्पनियों को रियायती दर पर भूमि आवंटन के कारण इन्दौर विकास प्राधिकरण को होने वाली क्षति की भरपाई राज्य शासन द्वारा की जाएगी। क्षति का मूल्यांकन राज्य सरकार करेगी। इन दोनों कम्पनियों को यह जमीन इस शर्त पर दी जाएगी कि वे प्रति एकड़ 100 इंजीनियरों को अनिवार्य रूप से रोजगार उपलब्ध करवायेंगी। ये कम्पनियाँ 50 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासियों को देंगी। कम्पनियों द्वारा इन भूमियों पर स्पेशल इकानॉमिक जोन बनाया जायेगा जिसमें साफ्टवेयर निर्यात तथा आई.टी इनेबल्ड सेवाओं से संबंधित न्यूनतम 10 हजार इंजीनियर प्रति कम्पनी लगाये जायेंगे। इसके अतिरिक्त सहायक रोजगार भी निर्मित होंगे।
0 किसानों को मुआवजा
मंत्रि-परिषद ने छिन्दवाड़ा जिले की पेंच डायवर्जन परियोजना के तहत किसानों को वर्ष 2011-12 की कलेक्टर गाइड लाइन और उस पर 30 प्रतिशत धनराशि के हिसाब से मुआवजा देने का निर्णय लिया। जिन किसानों की भूमि का अर्जन पूर्व में किया गया है अथवा प्रक्रियाधीन है उन सभी को इसका लाभ मिलेगा। इससे डूब क्षेत्र के लिये 198 करोड़ रूपये का जो प्रावधान रखा गया था वह बढ़कर 301 करोड़ रुपये का हो गया है। इससे डूब क्षेत्र के 30 गाँव के किसानों को लाभ मिलेगा, जिनकी रोटी-रोजी प्रभावित हुई है।
0 अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने सहकारिता विभाग के अन्तर्गत मध्यप्रदेश राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित भोपाल की नाबार्ड की देनदारियों के संबंध में 185 करोड़ 5 लाख रुपये के भुगतान निर्णय लिया गया।
मंत्रि-परिषद ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नति के लिये अर्हकारी सेवा में दो वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया। इससे योजनाओं के समन्वय, परीक्षण आदि के कार्य सुचारू रूप से हो सकेंगे और समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य होगा। इन पदों के रिक्त होने के कारण नगरीय निकायों में चल रही वृहद परियोजनाओं का पर्यवेक्षण, समन्वय तथा ई.डब्ल्यू.ओ. और लोकायुक्त संगठनों के प्रतिवेदनों पर परीक्षण संबंधी कार्रवाई मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी के न होने के कारण प्रभावित हो रही थीं।
मंत्रि-परिषद ने जिला पंचायतों में डीआरडीए प्रशासन योजना के अन्तर्गत स्वीकृत पदों में से 50 प्रतिशत संविदा पदों की अवधि पुनः पाँच वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया। मंत्रि-परिषद ने प्रशासनिक सेवा के तत्कालीन अपर कलेक्टर, राजगढ़ श्री एम.एम.शर्मा की 5 प्रतिशत पेंशन अस्थायी रूप से एक वर्ष की अवधि के लिये वापस लेने का निर्णय लिया। इसी प्रकार सेवानिवृत सहायक वन संरक्षक श्री ए.गीते की 10 प्रतिशत पेंशन दो वर्ष के लिये वापिस लिये जाने का निर्णय लिया गया।

छात्र-पंचायत में प्रत्येक जिले से 10 विद्यार्थी शामिल होंगे


छात्र-पंचायत में प्रत्येक जिले से 10 विद्यार्थी शामिल होंगे

(इमरान)

भोपाल (साई)। प्रदेश स्तर पर छात्र-पंचायत का आयोजन 12 जनवरी 2012 को मुख्यमंत्री निवास पर किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए प्रत्येक जिले से लगभग 10 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। आयुक्त उच्च शिक्षा के अनुसार प्रत्येक शासकीय तथा अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय के छात्र संघ का अध्यक्ष, अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सचिव, अग्रणी महाविद्यालय के एन.सी.सी. का अंडर आफीसर, अंडर आफीसर की अनुपस्थिति में एन.सी.सी. का वरिष्ठ विद्यार्थी केडेट, अग्रणी महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना का दल नायक, दल नायक की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय सेवा योजना का वरिष्ठ स्वयं सेवक शामिल होगा।
अग्रणी महाविद्यालय के किसी एक विधा का सर्वाेत्तम खिलाड़ी और प्रदेश के प्रत्येक विश्वविद्यालय छात्र-संघ के समस्त पदाधिकारी भी छात्र-पंचायत में शामिल होंगे। विद्यार्थियों का चयन करने एवं छात्र-पंचायत में भाग लेने के लिए भोपाल तक लाने एवं वापस ले जाने की जिम्मेदारी अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य/ कुल सचिव की होगी।
कर्मचारियों द्वारा सीधे मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों द्वारा सीधे पत्र-व्यवहार किया जाना नियमानुकूल नहीं है। आयुक्त उच्च शिक्षा ने निर्देशित किया है कि महाविद्यालयीन कर्मचारियों द्वारा उचित माध्यम से ही पत्र भेजे जाएँ। ऐसा नहीं करने पर संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी, जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा।